नालागढ़ कोर्ट परिसर के बाहर हत्या के आरोपी पर चली गोली

नालागढ़।। हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला में नालागढ़ कोर्ट परिसर के बाहर फायरिंग हो गई। नालागढ़ कोर्ट परिसर के बाहर सरेआम बदमाशों ने कई राउंड फायर कर दिए। कोर्ट में पेशी के लिए अपराधी को मारने का हमला किया है। पुलिस की गिरफ्त में कोई नहीं आया है। कोर्ट परिसर के बाहर गोली चलने से अफरा तफरी का माहौल बन गया। सोमवार कंडा जेल से हत्‍या के आरोप में गिरफ्तार अजय उर्फ सन्‍नी को नालागढ़ कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था। इस दौरान दो युवकों ने हत्‍या आरोपित कैदी पर गोलीबारी शुरू कर दी। पुलिस ने बीच बचाव करते हुए कैदी को गोली लगने से बचा लिया।

दोनों युवक हमला करने के बाद मौके से फरार हो गए। ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों ने होशियारी बरतते हुए कैदी की जान बचा ली। बताया जा रहा है कि युवकों ने एक के बाद एक कई राउंड फायर किए। इस घटना में किसी को चोट नहीं लगी है।

डीएसपी नालागढ़ अमित यादव ने कहा पुलिस ने आरोपितों की बाइक बरामद कर ली है। जल्‍द ही दोनों शातिरों को दबोच लिया जाएगा। फायर‍िंग किसी गैंगवार का हिस्‍सा है या कोई और मामला है, इसकी भी जांच की जा रही है।

पुलिस अधीक्षक बद्दी मोहित चावला ने बताया पुलिस ने इस मामले में काफी चौकसी के साथ काम किया है। पुलिस ने पूरे क्षेत्र को सील कर दिया है तथा दोनों आरोपित युवकों को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।

कांग्रेस में टिकट के तलबगारों को जोर का झटका, संजय दत्त का कार्यक्रम रद्द

मृत्युंजय पुरी, कांगड़ा।। कांगड़ा में पवन काजल के भाजपा में जाने के बाद कांग्रेस में भूचाल का आलम है। कांगड़ा में कांग्रेस का ब्लाक अब तक भंग है। नए ब्लाक के गठन के लिए पार्टी के सह प्रभारी ने सोमवार को मटौर के निकट एक होटल में कांग्रेस वर्कर्ज से मीटिंग लेनी है। माना जा रहा था कि उस मीटिंग में टिकट के सारे तलबगारों ने जहां अपना पक्ष रखना था, वहीं नए ब्लाक के गठन का रास्ता भी साफ होना था।

इस मीटिंग का बड़ी बेसब्री से कांग्रेस कार्यकर्ता व नेता इंतजार कर रहे थे, लेकिन ऐन मौके पर सह प्रभारी संजय दत्त का प्रोग्राम बदल गया है। उन्होंने फोन पर बताया कि उनका सोमवार को कांगड़ा आने का कोई कार्यक्रम नहीं है।

संजय दत्त ने साफ कहा है कि उनका अभी कांगड़ा में आने का कोई कार्यक्रम नहीं है। इस मीटिंग के अलावा संजय दत्त ने जिला स्तर की मीटिंग भी लेनी है। वह मीटिंग कैसे होती है, यह भी देखने वाली बात होगी।

खैर, राजनीति में कब, क्या हो जाए, यह किसी को पता नहीं। ऐसे में असली तस्वीर सोमवार को ही साफ हो पाएगी। बहरहाल बैठक में टिकट के तलबगारो का शक्ति प्रदर्शन भी देखने को मिलना था लेकिन अब इस सूचना के बाद कही ना कही टिकट के तलबगारो को निराशा जरूर होगी।

शाहपुर कांग्रेस में बढ़ी खींचतान, वरिष्ठ नेताओं ने उठाई यह मांग

शाहपुर।। चुनावी वर्ष में जहां भाजपा व कांग्रेस में टिकटों को लेकर घमासान मचा हुआ है, वहीं इससे शाहपुर विधानसभा क्षेत्र भी अछूता नहीं है। शाहपुर कांग्रेस की टिकट को लेकर मची लड़ाई अब सार्वजनिक हो चुकी है। इसी कड़ी में शनिवार को शाहपुर विधानसभा क्षेत्र से संबंधित वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने शाहपुर यूनाइट के नाम पर प्रेसवार्ता करके आलाकमान से नए चेहरे को टिकट देने की वकालत की है। साथ ही यह भी कहा कि हारे हुए प्रत्याशी को टिकट दी गई तो इसका पार्टी को निश्चित तौर पर नुकसान होगा।

शाहपुर यूनाइट कांग्रेस में शामिल नेताओं हंसराज ठाकुर, सादिक खान, ओंकार राणा, अभय राणा, प्रवीण धीमान, मनोज कुमार, जितेन्द्र गुलेरिया ने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि शाहपुर में कांग्रेस दो नेताओं की वजह से हारती रही है, जिसका भाजपा नेता को लाभ मिलता रहा।

इन नेताओं ने कहा कि आलाकमान से यही आग्रह रहेगा कि इस पार्टी को शाहपुर से जीत दिलाने के लिए नए चेहरे को आगे लाया जाए, जो कि बेदाग हो, काम करने वाला हो और जिताऊ हो। कांग्रेस नेताओं का कहना था कि शाहपुर में यदि कांग्रेस समय रहते समझ जाती तो पार्टी की यह हालत न होती।

यूनाइट कांग्रेस नेताओं का कहना था कि शाहपुर के कांग्रेसियों को एकजुट किया जाएगा तथा पार्टी पूरे जोर-शोर से चुनावी समर में उतरेगी। वहीं उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान में शाहपुर कांग्रेस का कार्यालय निजी घर में चलाया जा रहा है, ऐसे में उनका प्रयास रहेगा कि जल्द ही शाहपुर कांग्रेस का कार्यालय किसी अन्यत्र जगह स्थापित किया जाए, जहां हर कोई आ और जा सके।

बीजेपी नहीं दे रही भाव, कांग्रेस में जाने की तैयारी में अनिल शर्मा

नई दिल्ली।। मंडी से भारतीय जनता पार्टी के विधायक अनिल शर्मा जल्द ही कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस के दिल्ली स्थित मुख्यालय के सूत्रों का दावा है कि हिमाचल से कांग्रेस का एक समूह अनिल शर्मा को वापस लेने का विरोध कर रहा है मगर केंद्र के एक दिग्गज नेता की पैरवी विरोध पर भारी पड़ गई है। ऐसे में जल्द ही एक कार्यक्रम में अनिल शर्मा कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।

बता दें कि दिवंगत कांग्रेस नेता पंडित सुखराम और उनके बेटे अनिल शर्मा पिछले विधानसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी में आए थे। बीजेपी की सरकार बनने पर अनिल शर्मा मंत्री भी बने थे। मगर उनके बेटे आश्रय शर्मा ने अपने दादा पंडित सुखराम के साथ मिलकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उस समय अनिल शर्मा ने परिवार के हाथों मजबूर होने की बात कही थी और मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

इसके बाद उनकी लगातार भारतीय जनता पार्टी से दूरी बनी रही। अपने विधानसभा क्षेत्रों में हुए मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों में वह शामिल तो होते रहे लेकिन अनिल शर्मा की नाराजगी यह रही कि उन्हें पार्टी विधायकों की बैठकों और पार्टी के अन्य आधिकारिक कार्यक्रमों का न्योता नहीं दिया गया। लेकिन खुद अनिल शर्मा ने भी कभी यह खुलकर नहीं कहा कि उनके बेटे की राजनीतिक विचारधारा भले अलग हो लेकिन मैं बीजेपी के साथ हूं।

इस अलगाव का नतीजा यह रहा है कि अभी तक अनिल शर्मा अपना रुख साफ नहीं कर पाए हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि वह चाह रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी उन्हें मनाए लेकिन बीजेपी इस मूड में बिल्कुल नहीं दिख रही। ऊपर से अनिल शर्मा का कांग्रेस के नेताओं के संपर्क में आकर ब्लैकमेल करना भी बीजेपी को स्वीकार नहीं आ रहा। हाल ही में अनिल शर्मा ने दिल्ली का दौरा किया था जिसमें उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी।

दिल्ली से लौटने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए अनिल शर्मा ने सभी अटकलों को गलत बताया है और कहा है कि वह दिल्ली दोनों पार्टियों के नेताओं से मिले हैं और अपनी बात कही है। उन्होंने कहा कि जहां से भी उन्हें फ्री हैंड मिलेगा, वहां से वह चुनाव लड़ेंगे।

लंबे समय से बीजेपी को कवर कर रहे एक वरिष्ठ टीवी पत्रकार ने बताया कि तटस्थ एजेंसियों के सर्वे में यह बात निकलकर आई है कि पंडित सुखराम के निधन के बाद अनिल शर्मा के लिए परिस्थितियां काफी बदल गई हैं। खासकर उनके परिवार के अंदर तनाव की बातें बाहर आने के बाद भी विश्वसनीयता में गिरावट आई है। बार-बार दल बदलने, पिता के पुत्र और पौत्र के अलग-अलग पार्टियों में होने से सदर मंडी के लोगों के बीच अच्छा संदेश भी नहीं गया है। 2019 के लोकसभा के चुनाव में रिकॉर्ड 2 लाख 37 हजार वोटों से आश्रय की हार हुई थी।

उस घटनाक्रम ने भी लोगों के मन में संशय पैदा किया है जिसमें अनिल शर्मा की बड़ी बहू और आश्रय की पत्नी ने फेसबुक पर पोस्ट डालकर अपने ससुर पर गंभीर आरोप लगाए थे। बाद में अनिल शर्मा की छोटी बहू यानी सलमान खान की बहन अर्पिता ने अपने ससुर का बचाव किया था। अनिल ने भी कहा था, जोश से नहीं, होश से काम ले बहू।  वरिष्ठ पत्रकार के अनुसार, इस पूरे प्रकरण से सुखराम परिवार को लेकर आम लोगों में गंभीरता खत्म हुई है।

बहरहाल, चुनाव को अभी कुछ समय बाकी है। मगर हिमाचल की सियासत के चाणक्य कहे जाने वाले पंडित सुखराम के बिना यह उनका पहला चुनाव होगा। इसलिए यह चुनाव उनकी अपनी क्षमताओं का भी इम्तिहान होगा। फिर चाहे वह किसी भी पार्टी से लड़ें।

कंडवाल में चक्की पुल को खतरा, बंद किया गया ट्रैफिक

मृत्युंजय पुरी, धर्मशाला।। कंडवाल स्थित चक्की सड़क पुल लगभग 27 घंटे बाद एनएचएआई की रिपोर्ट पर प्रशासन ने बंद कर दिया है। एनएचएआई के परियोजना निदेशक अनिल सेन ने बारिश से पानी का बहाव बढ़ जाने के कारण पुल की सुरक्षा को लेकर कांगड़ा व पठानकोट के उपायुक्तों को मेल करके तुरंत प्रभाव से चक्की पुल पर यातायात बंद करने को कहा है।

जानकारी के अनुसार पहाड़ी क्षेत्रों में हुई बारिश के कारण चक्की पुल के दो पिल्लरों पी-1 तथा पी-2 के पास पानी का बहाव ज्यादा हो गया था जिससे पिल्लरों को खतरा पैदा हो गया था। इसके चलते संबंधित विभाग ने तुरंत प्रभाव से पुल को यातायात के लिए बंद करवा दिया। पुल के दो पिल्लर पानी के तेज बहाव के कारण काफी बाहर आ गए हैं। पिल्लरों के पास खाई बन रही है, अत: पिल्लरों को सुरक्षित करने के लिए मशीनों से पानी को डायवर्ट किया जा रहा है।

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प्रोजैक्ट निदेशक अनिल सेन ने बताया कि पानी को डायवर्ट करने का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि इसके लिए आर्मी की सहायता भी ली जा रही है। उन्होंने कहा कि पानी को डायवर्ट करने के बाद पिल्लरों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए क्रेट वर्क आदि किया जाएगा।

अब जसूर, नूरपुर तथा अन्य क्षेत्रों से पंजाब के क्षेत्रों चक्की, जंडवाल, ममून, बुंगल, बधाणी तथा पठानकोट जाने वाले लोगों को लोधवा-भदरोया सड़क से लगभग 20-25 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय कर अपने गंतव्यों पर पहुंचना पड़ेगा। ऐसा अनुमान है कि कुछ दिनों तक पुल यातायात के लिए बहाल नहीं होगा।

इन हिमाचल को जरूरत है Digital Journalists की

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इन हिमाचल डेस्क।। ‘इन हिमाचल’ को डिजिटल जर्नलिस्ट्स की जरूरत है। इस समय हमें शिमला में एक रिपोर्टर और डेस्क पर दो सहयोगियों की आवश्यकता है।

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अपना Resume ध्यान से तैयार करके भेजें। जिन आवेदनों के साथ काम के सैंपल (Live Reporting, Anchoring, Interviews etc.) नहीं होंगे, उनपर विचार नहीं किया जाएगा।

धर्मशाला : मनूनी खड्ड में डूबने से सिद्धबाड़ी के 28 वर्षीय युवक की मौत

धर्मशाला।। कांगड़ा जिला में एक युवक की खड्ड में डूबने से मौत हो गई। मृतक की पहचान 28 वर्षीय साहिल पुत्र महेश निवासी सिद्धबाड़ी के रूप में हुई है। हादसा पुलिस चौकी योल के तहत सिद्धबाड़ी की मनूनी खड्ड में पेश आया है।

जानकारी के अनुसार साहिल मनूनी खड्ड की ओर गया था कि तभी उसका पांव फिसल गया और वह पानी के तेज बहाव में बह गया। हादसे का पता चलते ही आसपास के लोग भी मौके पर एकत्रित हो गए और युवक की तलाश शुरू की गई। युवक का शव घटनास्थल से काफी दूर जाकर पानी से बरामद कर लिया गया।

 

बीजेपी ने सौदान सिंह बनाए हिमाचल चुनाव प्रभारी, देवेंद्र सिंह राणा को भी जिम्मेदारी

शिमला। एक ओर शिमला में बीजेपी की कोर कमेटी की बैठक चल रही है तो दूसरी ओर अब बीजेपी ने भी चुनावों को लेकर तैनातियां शुरू कर दी हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौदाई सिंह को हिमाचल चुनाव प्रभारी बनाया गया है। इसके अलावा देवेंद्र सिंह राणा को चुनाव सह-प्रभारी तैनाती दी गई है।

इससे पहले हिमाचल चुनाव संचालन समिति की भी घोषणा बीजेपी की ओर से की गई थी। चुनाव संचालन समिति की कमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को दी गई है, जबकि प्रबंधन कमेटी की कमान डॉ. राजीव बिंदल को दी गई है। कांग्रेस इससे पहले ही अपनी कई जंबो चुनाव समितियों का गठन पहले ही कर चुकी है।

आईपीएस रामरेश्वर सिंह HPPSC के नए चेयरमैन, नैन सिंह-राजेश शर्मा-राकेश शर्मा बनाए गए सदस्य

शिमला।। अब हिमाचल लोक सेवा आयोग के चेयरमैन आईपीएस रामेश्वर सिंह ठाकुर होंगे। रामेश्वर सिंह वर्तमान में आईजी इन्टेलीजेंस हैं। इस बाबत गुरुवार सुबह नोटिफिकेशन भी जारी हो गई है। रामेश्वर सिंह ठाकुर के अलावा राजेश शर्मा, राकेश शर्मा और नैन सिंह को एचएपीपीएसएसी का सदस्य बनाया गया है। राजेश शर्मा रिटायर्ड कर्नल हैं। राकेश शर्मा रिटायर्ड आईएएस हैं। जबकि नैन सिंह एचपीयू में प्रोफेसर रह चुके हैं।

इनके अलावा पुरानी नोटिफिकेशन के मुताबिक ओपी शर्मा की नियुक्ति को रद्द कर दिया गया है। अब नए अध्यक्ष और सदस्यों का शपथ ग्रहण समारोह होना है। दरअसल 17 अगस्त को डॉ. रचना गुप्ता को हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग का नया अध्यक्ष बनाने की अधिसूचना जारी हुई थी। वो पहले से ही आयोग की सदस्य थीं। इसके अलावा राकेश शर्मा, राजेश शर्मा और ओपी शर्मा को आयोग का सदस्य बनाया गया था।

18 अगस्त को आयोग की नई अध्यक्ष और सदस्यों की शपथ होनी थी, लेकिन शपथ ग्रहण समारोह टल गया। अब नई अधिसूचना के मुताबिक ओपी शर्मा की जगह नैन सिंह को जगह दी गई है और अध्यक्ष पद पर आईपीएस रामेश्वर सिंह ठाकुर की नियुक्ति की गई है। बताया जा रहा है कि अध्यक्ष पद पर बदलाव सीधा शीर्ष नेतृत्व के दखल के बाद किया गया है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि डॉ. रचना गुप्ता ने ख़ुद भी अध्यक्ष बनने पर असमर्थता ज़ाहिर की थी।

KCC: कर्ज वसूली के लिए एमडी का बैंक से जुड़े 7 लोगों को नोटिस

कांगड़ा।। केसीसी बैंक में करोड़ों के ऋण की वसूली के लिए बड़ा एक्शन हुआ है। करोड़ों के कर्ज के मामले की जांच में अतिरिक्त रजिस्ट्रार ने बैंक से जुड़े सात लोगों की जिम्मेदारी तय की है। इसके तहत ऋणधारक से कर्ज की वसूली करने को कहा गया है। इसमें कहा गया है कि किसी कारण अगर कर्जधारक अगर भरपाई नहीं करता है, तो इन लोगों से यह पैसा वसूल किया जाए। कुल 28 पन्नों की जांच रिपोर्ट में चेयरमैन समेत कुल सात लोगों की जिम्मेदारी तय की गई है। अब इसमें पंजीयक सहकारी सभाएं की ओर से भी कार्रवाई होने का इंतजार है। यही नहीं, इस मामले में एमडी की संस्तुति पर जीएम ने इस ऋण की रिकवरी के लिए लैटर जारी किया है।

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ऋण का यह बहुचर्चित मामला साल 2019 से शुरू हुआ था। इसमें मंडी के रहने वाले एक व्यक्ति को ऊना की एक ब्रांच से 20 करोड़ रुपए का कर्ज दिया गया था। इसके तहत मनाली में होटल बनाया जाना था। बताया जाता है कि कर्जधारक ने तीन साल बाद भी इस पैसे का पूरी तरह उपयोग न किया। इस पर साल 2019-20 के आडिट में आडिटर ने इसे गलत करार दिया था। इसके बाद पंजीयक सहकारी सभाएं शिमला द्वारा इसकी जांच करवाई गई। इसमें भी नियमों की अनदेखी सामने आई है। मौजूदा समय में यह कर्ज 20 करोड़ से काफी ज्यादा बताया जाता है। हाल ही में अतिरिक्त रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं ने सहकारी अधिनियम 1968 की धारा 69 (2) के तहत जांच में बैंक से जुड़े सात लोगों की जिम्मेदारी फिक्स की है। इसके तहत कहा गया है कि त्रणधारक अगर कर्ज भरने में असमर्थ रहता है,तो उपरोक्त सात लोगों से यह पैसा वसूला जाए। इस बारे में अतिरिक्त रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं सुखदेव सिंह ने कहा कि उन्होंने रिपोर्ट बनाकर भेज दी है। इस मामले उन्हें जो कमियां नजर आई हैं, उनका जिक्र कर दिया है।

रजिस्ट्रार राजेश शर्मा ने क्या कहा
इस बारे में रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं राजेश शर्मा ने कहा कि धारा 69 (2) की जांच पूरी हो चुकी है। इसमें ऋण वसूली के लिए जिम्मेदारी फिक्स हुई है। नियमानुसार ऐसे मामलों में कर्ज की वसूली के लिए जिम्मेदार लोगों को कहा जाता है। ऋणधारक से अगर कर्ज की वसूली न हो पाए, तो जिम्मेदार लोगों से वसूली का प्रावधान है। गौर रहे कि केसीसी बैंक पांच जिलों में अठारह लाख ग्राहकों को सेवा देता है। इससे करीब पंद्रह सौ कर्मचारी जुड़े हैं। कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक प्रबंधन पर कर्ज बांटने को लेकर यह बड़ा मामला है।