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Friday, September 12, 2025
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AIIMS पर अनुराग ने नड्डा को दी 31 अगस्त की ‘डेडलाइन’

शिमला।। हिमाचल में एम्स को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा द्वारा दिए गए बयान पर टिप्पणी करने के बाद हमीरपुर से बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने अब इस मामले में चिट्ठियां लिखी हैं। एक चिट्ठी उन्होंने हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को भेजी है जिसमें उन्होंने पूछा है कि प्रदेश सरकार इस संस्थान के लिए ज़मीन उपलब्ध करवाई पाई है या नहीं। मगर नड्डा को लिखे लेटर में तो उन्होंने 31 अगस्त तक कोठीपुरा में ज़मीन का मुआयना करके फाइनल करने की समयसीमा दी है।

 

एम्स के मुद्दे को लेकर अनुराग ठाकुर इसलिए बेचैन दिख रहे हैं क्योंकि अंदरखाने चर्चा है कि अनुराग ने प्रधानमंत्री कार्यालय से चर्चा किए बगैर ही एम्स के शिलान्यास की घोषणा कर दी थी। मगर हाल ही में हिमाचल आए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा था कि अभी पीएमओ के साथ डेट्स तय नहीं हुई हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि एम्स हिमाचल में ही बनेगा, मगर कहां बनेगा, अभी यह निश्चित नहीं है। उनका कहना था कि अभी 423 बीघा जमीन केंद्र सरकार के नाम नहीं हुई है तो शिलान्यास कैसे हो जाएगा।

 

इसके बाद अनुराग ने नड्डा पर आक्रामक रुख अपना लिया था। उन्होंने कहा था, ‘एम्स को बिलासपुर लाने में नड्डा का कोई योगदान नहीं है और न ही इसे यहां से ले जाने में होगा। एम्स हर हाल में हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में ही बनेगा। इसके लिए चाहे फिर किसी भी स्तर पर लड़ाई क्यों न लड़नी पड़े।(यहां क्लिक करके पढ़ें)’ दरअसल चर्चा है कि 25 सितंबर को प्रदेश में चुनाव आचार सहिंता लग सकती है और इससे पहले ही प्रधानमंत्री आईआईएम सिरमौर और एम्स की आधारशिला रखेंगे। अब उन्होंने लेटर लिखकर एम्स के मुद्दे पर आरपार का ऐलान कर दिया।

नड्डा को दी 31 अगस्त की ‘डेडलाइन’
अनुराग ने नड्डा को लिखे खत में कहा है, ‘मेरे हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के बिलासपुर जिले के कोठीपुरा में एम्स का खुलना तय हुआ था. जमीन मुहैया करवाने की औपचारिकताएं राज्य सरकार को तय करनी थीं. क्या पिछले तीन सालों में राज्य सरकार ऐसा नहीं कर पाई है? इससे अभी तक प्रॉजेक्ट शुरू नहीं हो पाया है और राज्य को विश्व स्तरीय सुविधाएं नहीं मिल पाने के कारण बाहर जाना पड़ रहा है।’
आगे उन्होंने लिखा है, ‘मैं आपसे गुज़ारिश करता हूं कि मामले पर ध्यान लें और अपने पद का इस्तेमाल करते हुए कोठीपुरा में ज़मीन की जांच करके 31 अगस्त 2017 से पहले फाइनलाइज़ कर लें ताकि यह सितंबर में प्रस्तावित हिमाचल दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी इसका शिलान्यास कर सकें।’

सीएम से पूछा- केंद्रीय मंत्रालय से कोई कसर तो नहीं रही
वहीं मुख्यमंत्री के खत में शुरुआती बातें वही हैं मगर आखिर में पूछा है कि ज़मीन को लेकर स्थिति क्या है, कृपया मुझे बताएं. अगर केंद्रीय मंत्रालय या फिर मेरी तरफ से कुछ करने की जरूरत है तो भी बताएं ताकि संबंधित मंत्रालय से जनहित के लिए मैं पूरी ताकत से बात कर सकूं। कृपया जल्द जानकारी दें।

गौरतलब है राजनीतिक पंडित इन चिट्ठियों को अनुराग का नड्डा पर सीधा हमला बता रहे हैं। उनका कहना है कि इसका मतलब यह भी है कि अनुराग और नड्डा के बीच जरा भी तारतम्य नहीं है वरना इस तरह के मसले पर अपनी ही सरकार के वरिष्ठ मंत्री को कौन घेरता है। उनका मानना है कि आने वाले दिनों में एम्स को लेकर उठे इस विवाद को लेकर बड़ा मुद्दा बन सकता है क्योंकि मोदी सरकार के अब तक के कार्यकाल में दो बड़े नेताओं के बीच कलह सामने आने का यह पहला मामला है। अब यह देखना अहम होगा कि आलाकमान इस मसले से कैसे निपटता है।

कोटरोपी: बहाल हुआ मंडी-पठानकोट NH, मगर शर्तें लागू

एमबीएम न्यूज़ नेटवर्क, मंडी।। कोटरोपी में भूस्खलन के बाद तबाह हुए मंडी-पठानकोट नैशनल हाइवे 154 को बुधवार शाम को बहाल कर दिया गया। यह हाइवे 11 दिनों के बाद खुला है। यहां पर एचआरटीसी की बस का सफल ट्रायल होने के बाद ही इसे खोला गया। इस सड़क की बहाली दिन के लिए ही कई गई और वाहनों की आवाजाही मौसम पर भी निर्भर करेगी। यहां से सुबह 7 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक ही वाहन आ जा सकेंगे। रात को सड़क बंद रहेगी।

जिला प्रशासन ने एनएच 154 को बहाल करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। हालांकि अभी भी 260 मीटर के क्षतिग्रस्त भाग पर सफर करना खतरों भरा है लेकिन लोगों की सुविधा को देखते हुए प्रशासन को इसे अस्थायी तौर पर बहाल करना ही पड़ा।

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कोटरोपी गांव में अभी भी दो शवों की तलाश जारी है। एक शव एनएच 154 के किनारे बताया जा रहा है जबकि दूसरा शव वहां पर है जहां बस मलबे के साथ बह गई थी। इन्हें तलाश करने का कार्य जारी है।

(यह एमबीएम न्यूज नेटवर्क की खबर है और सिंडिकेशन के तहत प्रकाशित की गई है)

मां-बहन की गालियों के साथ फेसबुक पर भिड़े नीरज भारती और बीजेपी समर्थक

शिमला।। हिमाचल प्रदेश की ज्वाली विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक और मुख्य संसदीय सचिव (एजुकेशन) नीरज भारती सोशल मीडिया पर बदतमीज़ी और अपमानजनक बातें करने के लिए पहचाने जाते हैं। मीडिया से लेकर विधानसभा तक उनकी अश्लील, अभद्र और मर्यादाहीन टिप्पणियों का मसला उठ चुका है, मगर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह कहते हैं कि नीरज जो कर रहा है ठीक कर रहा है। कुछ दिन पहले अपने फेसबुक पेज पर ‘मर्यादा’ की बात करने वाले यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष विक्रमादित्य को भी इस मसले पर सांप सूंघ जाता है। यहां तक कि उनके पिता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चंद्र कुमार भी अपने बेटे का समर्थन कर चुके हैं। मगर हिमाचल सरकार में शिक्षा जैसा अहम विभाग देखा रहा चीफ पार्लियामेंटरी सेक्रेटरी आज पूरे प्रदेश के लिए अपमान का विषय बन चुका है। यही नहीं, अब उनकी देखादेखी में बाकी लोग भी उसी स्तर पर उतरते जा रहे हैं।

DISCLAIMER: कृपया अपनी ज़िम्मेदारी पर आगे पढ़ें, फेसबुक पर किए गए कॉमेंट्स की भाषा बेहद आपत्तिजनक है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को गाली देने वाले नीरज भारती न सिर्फ़ मां-बहन की गालियां निकालते हैं, बल्कि खुलेआम चुनौती देते हैं कि यह मेरी ही आईडी है, मैं ही इसे ऑपरेट करता हूं और जो उखाड़ना है, उखाड़ लो।

भारती खुलेआम कहते हैं कि मैं ही इस आईडी को चलाता हूं .

खैर, हैरानी नहीं होती कि यह हिम्मत कहां से आती है। जिसे प्रदेश के मुखिया का संरक्षण मिला हो,  जो सत्ता में हो, उसका कोई “उखाड़” भी कैसे सकता है। मगर प्रदेश की जनता शर्मिंदा ही हो सकती है क्योंकि बीजेपी या कांग्रेस का और कोई विधायक या मंत्री आज तक इस तरह की भाषा इस्तेमाल करता नहीं देखा गया, भले ही वह राजनीतिक रूप से कितना भी अस्थिर क्यों न हो। वैसे तो हम आपत्तिजनक टिप्पणियों को मंच देने बचते हैं, मगर अब आवश्यक हो गया है कि प्रदेश की जनता भी जाने कि क्या ऐसे व्यक्ति को सरकार में शिक्षा जैसे विभाग का सीपीएस बने रहने का अधिकार है या नहीं। क्योंकि शायद ही कोई अन्य मीडिया इस बात को जनता तक पहुंचाए।

भारती ने पूनम महाजन पर डाली आपत्तिजनक पोस्ट
पहले तो नीरज भारती ने हिमाचल दौरे पर आईं बीजेपी नेता पूनम महाजन को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट डाली। नीचे देखें, उन्होंने तस्वीर के साथ क्या लिखा है-

भाजयुमो प्रदेशाध्यक्ष ने भी तोड़ा मर्यादा
गौरतलब है नीरज भारती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भौंकू और बाबा रादेव को हरामदेव जैसे विशेषणों से संबोधित करते रहे हैं। इसके बाद इससे चिढ़े भाजयुमो प्रदेशाध्यक्ष विशाल चौहान ने भी एक गरिमाहीन पोस्ट डाली जिसमें नीरज भारती को भला बुरा कहा गया था। यानी दूसरों को मर्यादा और नैतिकता सिखाते हुए वह भी उसी स्तर पर आ गए। उन्होंने नीरज भारती को लेकर बना पोस्टर शेयर किया था जिसमें सही बातें नहीं थीं।

बीजेपी समर्थक और भारती भिड़ गए
मगर इसके बाद जो हुआ, वह हैरान करने वाला है। इस पोस्ट पर जो लोग भारती की आलोचना कर रहे थे, वह उनसे उलझ रहे थे। दोनों पक्षों में खूब गालियां चल रही थी। सामने से कोई बेवकूफ मर्यादा लांघ रहा हो तो क्या किसी जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति को उसी स्तर पर उतर आना चाहिए?

बहरहाल, अगर आप व्यस्क नहीं हैं तो कृपया यहीं से आर्टिकल पढ़ना छोड़ दें। पाठकों को सचेत किया जाता है कि आगे अपनी जिम्मेदारी पर पढ़ें, भाषा बेहत अमर्यादित और आपत्तिजनक है। यह देखना शर्मनाक है कि हिमाचल सरकार का नुमाइंदा छिछोरों के साथ उन्हीं की तरह कीचड़ से भी गंदी भाषा इस्तेमाल कर रहा है। भाजयुमो प्रदेशाध्यक्ष की पोस्ट पर हुई कॉमेंटबाज़ी के स्क्रीनशॉट नीचे हैं:

हम पाठकों से इस अभद्र बातचीत को मंच देने के लिए माफी चाहते हैं मगर हमने व्यापक जनहित में इसे प्रकाशित करना जरूरी समझा। पाठक स्वयं तय करें कि मुख्यमंत्री को ऐसे लोगों का बचाव करना चाहिए या नहीं।

आप नीरज भारती द्वारा अब तक किए गए अभद्र व्यवहार की खबरें नीचे पढ़ सकते हैं:

  1. नीरज भारती ने पार कीं बदतमीजी की हदें

2. नीरज भारती ने विदेश मंत्री सुषमा को कहा नचनिया

3. अभद्र टिप्पणियों पर नीरज भारती को पिता चंद्र कुमार का समर्थन

4. अब नीरज भारती ने प्रधानमंत्री मोदी को दी गाली

5. नीरज भारती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कहा ‘भौंकने वाला’

6. हिमाचल प्रदेश के मुंह के ऊपर तमाचा हैं नीरज भारती

7. भारती की ‘अमर्यादित’ फेसबुक पोस्ट्स से कांग्रेस में नाराजगी

8. भारती ने ‘इन हिमाचल’ की पोस्ट पर किए कॉमेंट

9. सोचा नहीं था कि कोई नेता ऐसे मां-बहन की गाली देगा और मुख्यमंत्री चुप बैठेंगे

लोगों का आरोप- डिपो से मिला कीड़ों वाला आटा

कुल्लू।। कुल्लू में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के एक डिपो में लोगों को खराब आटा दिया गया है। इस आटे का रंग काला है, यह गीला है और साथ ही इसमें कीड़े भी हैं। सुल्तानपुर के लोगों का कहना है कि उन्हें जानबूझकर ऐसा आटा दिया है। लोगों का कहना है कि ऐसा आटा तो वे अपने जानवरों को भई नहीं खिला सकते। (तस्वीर सांकेतिक है)

लोगों का कहना है कि डिपो धारक आटे को वापस लेने से इनकार कर रहा है। उसका कहना है कि पीछे से ही ऐसे आटा आया है। इस मामले में जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक शिवराम ने कहा है कि टीम भेजकर आटे की जांच करवाई जाएगी और यह खराब होगा तो डिपो होल्डरों को कहा जाएगा कि खराब आटा वापस लेकर बढ़िया आटा दे।

उन्होंने यह  भी कहा कि अगर किसी मिल से खराब आटा आ रहा होगा तो उस मिल से सप्लाई रोक दी जाएगी।

विधानसभा में बीजेपी विधायकों ने छीने माइक, किया हंगामा

शिमला।। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र का पहला दिन शोरशराबे, हंगामे, नारेबाजी और वॉकआउट की भेंट चढ़ गया। वैसे तो हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पिछले पौने पांच साल में बीजेपी अक्सर वॉकआउट करने के लिए ही चर्चा में रही, मगर इस बार तो मर्यादाएं भी तार-तार होती नजर आईं। भाजपा के विधायकों ने माइक तक छीन लिए और उन माइकों पर ही नारेबाजी कर दी। विपक्ष कोटखाई के गुड़िया मामले और प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर नियम-67 के सारा काम रोककर चर्चा करवाने की जिद पर अड़ा हुआ था।

बीजेपी विधायकों ने छीने माइक
पहले दिन खराब कानून व्यवस्था को लेकर चल रही नारेबाजी के दौरान बीजेपी के विधायकों ने वक्ताओं के माइक तक छीन लिए। यही नहीं, जब विधानसभा अध्यक्ष बृज बिहारी लाल बुटेल के कहने पर ऊर्जा मंत्री सुजान सिंह पठानिया बोलने के लिए उठे और अपना माइक ऑन किया तो बीजेपी के विधायकों ने उनके आगे से माइक हटा दिया और उसी माइक से सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।

 

आवाज दबाने के लिए जोर से की नारेबाजी
इस तरह के अजीब व्यवहार का सिलसिला जारी रहा। इसके बाद राकेश कालिया बोलने के लिए उठे। कालिया की सीट पीछे थी तो बीजेपी के विधायकों ने जोर-जोर से नारेबाजी ताकि वह अपनी बात न रख सकें। इसके बाद विधायक कुलदीप कुमार उठे तो उनके माइक को छीनकर भी विधायकों ने नारेबाजी की।

 

चंबा के चुराह के एमएलए और संसदीय कार्यमंत्री में बहस
विधानसभा में जबरदस्त हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्रवाई को दिन के लिए स्थगित कर दिया। बीजेपी के विधायक वेल में नारेबाजी कर रहे थे। उनके साथ संसदीय कार्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के बीच बहस हो गई। चंबा के चुराह से विधायक हंसराज और मुकेश में तो जमकर नोकझोंक हुई। बाद में हालात खराब हुए तो बीजेपी और कांग्रेस के विधायकों ने बीचबचाव करके विवाद सुलझाया।

पहले दिन की कार्यवाही के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

मंडी: कार में किडनैप करके नाबालिग छात्रा से रेप का आरोप

एमबीएम न्यूज नेटवर्क, मंडी।। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के धर्मपुर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत नाबालिग को कार में अगवा करने के बाद बलात्कार का मामला सामने आया है।

 

इस वारदात में तीन आरोपी शामिल है, जिसमें एक के खिलाफ दुराचार का मामला दर्ज हुआ है। जबकि अन्य के खिलाफ अगवा व साजिश करने का मामला आईपीसी की धारा 363 व 120बी के तहत दर्ज हुआ है। बलात्कार के आरोपी के खिलाफ पुलिस ने पोक्सो एक्ट को भी शामिल किया है।

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दरअसल बीती रात नाबालिग घर जा रही थी। आरोप है कि इसी दौरान सड़क से रात 9 बजे के आसपास काले रंग की कार में उसे अगवा कर लिया गया और एक कमरे में ले जाकर एक व्यक्ति ने उसके साथ बलात्कार किया।

उपनिरीक्षक जयलाल को जांच की जिम्मेदारी दी गई है। एसपी अशोक कुमार ने मामला दर्ज होने की पुष्टि की है।

(यह एमबीएम न्यूज नेटवर्क की खबर है और सिंडिकेशन के तहत प्रकाशित की गई है)

मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव की पत्नी मीरा वालिया को हाई कोर्ट का नोटिस

शिमला।। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के प्रधान निजी सचिव सुभाष आहलुवालिया की पत्नी मीरा वालिया, चीफ़ सेक्रेटरी हिमाचल प्रदेश और हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग पब्लिक सर्विस कमिशन को नोटिस जारी करके 12 सितंबर तक जवाब मांगा है। दरअसल एक प्रार्थी ने मीरा वालिया को पब्लिक सर्विस कमिशन की सदस्य नियुक्त करने को चुनौती दी है। आरोप है कि उन्हें नियुक्ति देने में नियमों को दरनिकार किया गया है

 

वालिया पर लग चुके हैं करप्शन के आरोप: प्रार्थी
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की बेंच ने हेमराज की तरफ से दायर याचिका की शुरुआती सुनवाई के दौरान यह आदेश जारी किया है। हेमराज ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव की पत्नी मीरा वालिया पर आय से अधिक सम्पत्ति और भ्रष्टाचार से जुड़े आरोप लग चुके हैं। उन्होंने कहा कि इसे लेकर 22 मई 2008 को एफआईआर दर्ज हुई थी और स्पेशल जज शिमला के कोर्ट में चालान भी पेश हुआ था।

 

‘नियमों को दरकिनार करके दी गई नियुक्ति’
याचिका में कहा गया है कि कानून के प्रावधानों को दरकिनार रखकर वालिया को नियुक्ति दी गई है. याचिका मे कहा गया है कि लोक सेवा आयोग जैसे संघ के सम्माननीय पद पर ऐसे उम्मीदवार की नियुक्ति करनी होती है जोकि पूरी तरह से ईमानदार व सक्षम हो। ऐसे संघ में इस तरह के उम्मीदवार को लगाना किसी भी तरीके से न्यायोचित नहीं है। मीरा वालिया की नियुक्ति करने के लिए कोई भी कानूनी प्रक्रिया नहीं अपनाई गई।

 

कोर्ट ने कहा- जनहित का है मामला
कोर्ट के सामने राज्य सरकार की तरफ याचिका की मैंटेनबिलिटी पर सवाल उठाया गया। मगर हाईकोर्ट ने  स्पष्ट किया कि यह मामला जनहित से जुड़ा है और प्रार्थी को इस तरह के मामले को उठाने का अधिकार है क्योंकि वह विधि स्नातक है। उन्होंने कहा कि यह याचिका मैंटेनेबल है। गौरतलब है कि बीजेपी ने इस साल मई में मीरा वालिया की नियुक्ति को लेकर सवाल खड़े किए थे।

मंडी: सरेआम किडनैप हुआ युवक, देखते रहे लोग

एमबीएम न्यूज नेटवर्क, मंडी।। सोमवार को हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर में दिनदिहाड़े एक युवक को गाड़ी में ठूंसकर उसका अपहरण कर लिया गया। लोग देखते रहे और उन्होंने अपहरण की कोशिश कर रहे लोगों को रोकने की कोशिश नहीं की। वैसे कुछ ही देर में पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को पकड़ लिया। घटना मंडी शहर में एचडीएफसी बैंक के बाहर की है। इससे शहर की मुख्य जगह पर सुरक्षा व्यवस्था के इंतज़ामों की भी पोल खुल गई।

 

यहां कुछ युवकों ने एक युवक को जबरदस्ती गाड़ी में डाला और उसे अपने साथ ले गए। यहां मौजूद लोगों से इसका वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। इसके बाद पुलिस को इसकी सूचना मिली और पुलिस ने तुरंत प्रभाव से कार्रवाही करते हुए मात्र 30 मिनट में सभी को अपनी हिरासत में ले लिया।

पुलिस ने किडनैप किए गए युवक अंशु ठाकुर की शिकायत पर मामला दर्ज करके हैप्पी ठाकुर नामक युवक को गिरफ्तार कर लिया है जबकि चालक रविंद्र और कुलदीप से पूछताछ की जा रही है। दो युवक इस मामले में फरार बताए जा रहे हैं।

 

मिली जानकारी के अनुसार बीती रात को यह सभी युवक एक साथ थे। अंशु ठाकुर और एक अन्य युवक रात को अलग हो गए। इनमें से एक युवक किसी को बताए बिना अपने घर चला गया। बाकी युवक अंशु ठाकुर को इसीलिए पकड़ कर ले जा रहे थे कि उससे यह पता कर सके कि जो घर जा चुका है वह कहां पर है। क्योंकि बाकी युवकों ने यह जानने का प्रयास नहीं किया कि वह युवक पहले ही घर पहुंच चुका है।

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पुलिस ने प्रथम दृष्टि में पाया है कि इन सभी ने नशा कर रखा था। अभी इन सभी का मेडिकल करवाया जा रहा है और उसके बाद ही आगामी कार्रवाही की जाएगी। एसपी अशोक कुमार ने कहा कि सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करने के बाद यह वीडियो वारयल हो गया और शहर में दिन दिहाड़े अपहरण की चर्चा होने लगी।

 

हालांकि पुलिस ने अब इसे पूरे मामले का सुलझा दिया है, मगर आम जनता का रवैया हैरान करने वाला भी है। साथ ही शहर के मुख्य स्थान पर सुरक्षा व्यवस्था का आलम ऐसा होने को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। वैसे हो सकता है कि लोगों ने बचाने की कोशिश इसलिए न की हो क्योंकि जिस शख्स का अपहरण हो रहा था, वह मदद के लिए पुकार नहीं रहा था और अपरहरण करने की कोशिश करने वाले लोगों से बात कर रहा था। हो सकता है कि इसीलिए भ्रम की स्थिति पैदा हो गई हो।

(यह एमबीएम न्यूज नेटवर्क की खबर है और सिंडिकेशन के तहत प्रकाशित की गई है)

गुड़िया केस: थाने में आरोपी की हत्या पर फंसी शिमला पुलिस

शिमला।। कोटखाई रेप ऐंड मर्डर केस में पुलिस हिरासत के दौरान नेपाली मूल के आरोपी सूरज की हत्या के मामले में शिमला पुलिस फंसती नज़र आ रही है। पुलिस को सीबीआई के कहने पर कोटखाई थाने में संतरी रहे पुलिसकर्मी को सुरक्षा देनी पड़ी है। संतरी को सीबीआई असुरक्षित मान रही है क्योंकि उसके बयान से शिमला पुलिस की थ्योरी पर सवाल खड़े हो गए हैं।

 

ख़बर है कि संतरी ने कहा कि राजू नाम के आरोपी ने मेरे सामने सूरज की हत्या नहीं की। उसने कहा है कि थाना प्रभङारी सूरज को कहीं और ले गया था जिसके बाद लॉकअप के अंदर राजू अकेला था मैं उसकी सुरक्षा में तैनात था। उसने यह भी कहा कि सूरज को लॉकअप में वापस लाने से पहले उसकी ड्यूटी ऑफ हो गई थी।

 

इससे पुलिस की उस थ्योरी पर सवाल खड़े हो गए हैं जिसमें उसने दावा किया था कि राजू और सूरज को एक ही हवालात में बंद कर दिया था और इस बीच किसी बात को लेकर दोनों के बीच कहासुनी हुई और राजू ने सूरज को पटक दिया। इससे चोट लगने और खून बहने से सूरज की मौत हो गई।

 

वैसे पुलिस की थ्योरी पर पहले ही सवाल उठ रहे थे। प्रश्न यह था कि जब छोटे से थाने में एक आरोपी ने दूसरे आरोपी की हत्या कर दी तो बाकी पुलिस अधिकारियों या कर्मियों को शोर क्यों नहीं सुनाई दिया। पोस्टमॉर्टम में मृतक आरोपी के शरीर पर पिटाई के निशान मिलने की रिपोर्ट्स भी सामने आई थी। मृतक के गुप्तांग पर भी चोट पाई गई थी। मगर अब संतरी के बयान के बाद पुलिस की पूरी थ्योरी और ज़्यादा शक के घेरे में है।

गुड़िया केस: सीबीआई ने तीन लोगों के घर की छापेमारी

शिमला।। शिमला के कोटखाई के चर्चित रेप ऐंड मर्डर केस में जांच का दायरा बढ़ाते हुए सीबीआई ने 1 आरोपी और 2 कथित संदिग्धों के घरों पर छापा मारा है। इनमें एक आशीष चौहान वही है जो मामले में आरोपी है और न्यायिक हिरासत में है जबकि दो कथित संदिग्ध वे बताए जा रहे हैं, जिनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर आशीष के साथ अपलोड की गई थी। सीबीआई ने हलाइला इलाके में ही यह कार्रवाई की है।

 

सीबीआई की यह छापेमारी यह अहम है क्योंकि इससे यह पता चलेगा कि इस मामले के सिलसिले में जिन लोगों के फोटो वायरल हुआ थे, उनका इस केस से कोई संबंध है या नहीं। फेसबुक पर वैसे तो कुछ और भी लोगों के फोटो शेयर किए गए थे मगर छापेमारी इन तीन लोगों के यहीं हुई है। यहां पर क्या बरामद किया गया या क्या कब्जे में लिया गया, यह साफ नहीं हो पाया है। मगर हो सकता है कि कुछ दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज को लिया हो। हालांकि चर्चा यह भी है कि कुछ के दांतों के नमूने भी लिए गए है।

सीबीआई (File Photo)

ग़ौरतलब है कि आशीष नाम के आरोपी को पुलिस ने 12 जुलाई को गिरफ्तार किया था। उसके बाद 5 और आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से आरोपी नेपाली मूल के सूरज की कोटखाई थाने में हत्या हो गई थी। पुलिस ने राजू नाम के आरोपी पर हत्या का मामला दर्ज किया था मगर सीबीआई जांच में पुलिस की कहानी पर सवाल खड़े हो गए हैं।

 

इस बीच मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार गोकुल से भी सीबीआई ने इस मामले को लेकर पूछताछ होने की खबर है। दरअसल मुख्यमंत्री के फेसबुक पेज पर कुछ तस्वीरें पोस्ट हुई थीं जिनमें कहा गया था कि पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कुछ लोगों को पकड़ा है। बाद में इन तस्वीरों को हटा लिया गया था। कहा जा रहा है कि इन तस्वीरों को देखकर लोगों को लगा कि यही आरोपी हैं, मगर बाद में जब पुलिस ने अन्य लोगों को पकड़ा तो इससे लोगों में गलत संदेश चला गया। हालाकि गोकुल बुटेल पहले ही साफ कर चुके हैं कि मुख्यमंत्री के पेज पर तस्वीरें अपलोड होने से उनका कोई नाता नहीं है।