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Friday, September 12, 2025
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लेख: बीजेपी सरकार चाहती तो हिंसा और मौतों को टाल सकती थी

आई.एस. ठाकुर।। डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सजा सुनाते ही उनके समर्थक बेकाबू हो गए और हिंसा पर उतारू हो गए। मजबूरन सुरक्षा बलों को बल प्रयोग करना पड़ा और दो दर्जन से ज्यादा की मौत हो गई, कई ज़ख्मी हो गए। यह नौबत न आती अगर अगर हरियाणा सरकार पहले ही कदम उठा लेती। पंचकूला में डेरा समर्थक अचानक नहीं आ गए, वे एक हफ्ते से वहां पर जुटना शुरू हो गए थे। मगर सबकुछ जानते हुए भी खट्टर सरकार ने कुछ नहीं किया। यहां तक कि जब कोर्ट ने कदम उठाने को कहा, तो धारा 144 लगाई जिसमें लोगों के इकट्ठा होने पर नहीं, बल्कि सिर्फ हथियार ले जाने पर रोक थी। बाद में कहा कि ये तो लिखने में गलती हो गई थी।

पढ़ें: इस चिट्ठी ने हटाया था गुरमीत राम रहीम के चेहरे से नकाब

इस तथाकथित गलती का नतीजा यह रहा कि कई परिवार उजड़ गए। मौत हुड़दंगियों की हो या आम लोगों की, मौत तो मौत ही है। यह चर्चा का विषय नहीं हो सकता कि कोई व्यक्ति क्या करता हुआ मारा गया। प्रश्न यह उठता है कि उसकी मौत को टाला जा सकता था या नहीं। और इसका जवाब है- हां, इन मौतों को टाला जा सकता था। अगर हरियाणा सरकार शुरू से ही पार्कों और सड़कों के किनारे जुटे लोगों को उठाकर बाहर भेजना शुरू कर देती, निषेधाज्ञा लगाकर लोगों को इकट्ठा न होने देती, तो कुछ भी होता, फैसले वाले दिन यानी शुक्रवार को इतनी जनता इकट्ठा न होती। साथ ही सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री तो क्या, एक भी मंत्री की तरफ से ऐसा बयान नहीं आया कि डेरा सच्चा सौदा समर्थक हदों में रहें, पंचकूला न आएं वरना कड़ाई से निपटा जाएगा। आखिर बीजेपी सरकार क्यों मौत हो गई थी? इसका कारण है।

डेरा समर्थकों ने जगह-जगह आगजनी की है

दरअसल बीजेपी की सरकार हरियाणा में यूं ही नहीं बन गई, उसे डेरा सच्चा सौदा का समर्थन मिला हुआ था। डेरे के भक्त अपने गुरु के कहने पर वोट डालते आए हैं। करीबी लड़ाई में डेरे के समर्थकों के वोट कई बार निर्णायक साबित हो जाते हैं। पहले डेरा प्रमुख का समर्थन कांग्रेस को हुआ करता था। मगर इस बार हरियाणा चुनाव में बीजेपी के सारे उम्मीदवारों ने डेरा सच्चा सौदा सिरसा जाकर हाजिरी भरी थी और जीतने के बाद विधायक चुने गए बीजेपी वालों ने दोबारा वहां जाकर शुक्रिया अदा किया था।

हिमाचल के कई नेता भी राम रहीम के साथ मंच साझा कर चुके हैं।

अब यह समझा जा सकता है कि सरकार क्यों डेरे के समर्थकों के खिलाफ सख्त ऐक्शन नहीं ले पाई और क्यों उसकी बोलती बंद हो गई। मगर उसकी डेरे से करीबी का मनोवैज्ञानिक असर सीधे तौर पर प्रशासन पर भी पड़ा। अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को पता है कि जिस सरकार के मंत्री और विधायक बाबा के आगे मत्था टेकते हैं, उसके चेलों को कुछ करना खतरे से खाली नहीं है। सरकारी मुलाजिम क्यों सरकार के बदों से पंगा ले?

यही वजहें रहीं कि न तो प्रशासन ने अपने से कुछ किया और न ही सरकार ने। अब आप यह भी समझ गए होंगे कि धारा 144 में लोगों के इकट्ठा होने के बजाय सिर्फ हथियार ले जाने पर क्यों रोक लगाई गई। यह क्लैरिकल मिस्टेक नहीं बल्कि चालाकी नजर आती है। इसके लिए हाई कोर्ट ने खट्टर सरकार को फटकार भी लगाई है और कहा है कि यह तो डेरे और सरकार की सांठगांठ नजर आ रही है।

(तस्वीर में राम रहीम के बगल में हाथ बांधकर खड़े शख्स नाहन के विधाय राजीव बिंदल हैं)

चलो मान लिया कि सरकार सख्त कदम नहीं लेना चाहती थी तो कम से कम अपने संबंधों का फायदा उठाकर ही डेरे से कहती कि अपने समर्थकों को वहां आने से रोको। हो सकता है कि सरकार ने ऐसा किया भी हो मगर जिसके आगे मंत्री घुटने टेकते हों, उस सरकार की बाबा कहां सुनेगा।

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के साथ हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के साथ हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज

यह वोटों की राजनीति देश को बर्बाद करके रख देगी। हरियाणा सरकार ने पहले बाबा रामपाल के समर्थकों को नाराज न करना चाहा, फिर आरक्षण आंदोलन के चक्कर में जाटों को नाराज नहीं करना चाहा और फिर राम रहीम के समर्थकों को नाराज नहीं करना चाहा। इसका नतीजा यह हुआ कि हिंसा को टाला नहीं जा सका और कई लोगों की जानें यूं ही चली गईं। जो पार्टी परिवर्तन और बेहतर भविष्य और ‘पार्टी विद डिफरेंस’ का नारा लेकर चलती है, उसकी हकीकत बहुत स्याह नजर आती है। बाकी राज्यों में भी हालात ऐसे ही हैं, पार्टी कोई भी हो। न जाने अब ऐसा उपद्रव कहां और किस रूप में देखने को मिलेगा।

(लेखक हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले से संबंध रखते हैं और इन दिनों आयरलैंड में एक कंपनी में कार्यरत हैं। उनसे kalamkasipahi@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।)

(DISCLAIMER: ये लेखक के अपने विचार हैं, इनके लिए वह स्वयं उत्तरदायी हैं)

युवती का खून से लथपथ अर्धनग्न शव बरामद

ऊना।। हिमाचल प्रदेश के चिंतपूर्णी में शुक्रवार को एक युवती का शव अर्धनग्न हालत में मिलने से सनसनी फैल गई। घटना भरवाईं की है। युवती की लाश पर चाकू से वार के कई निशान मिले हैं और गर्दन भी कटी हुई है। इस शव को मुख्य सड़क से करीब 200 मीटर नीचे फेंका गया था। स्थानीय लोगों की नजर इसपर पड़ी तो पुलिस को खबर दी गई। इसके बाद पुलिस ने फरेंसिक एक्सपर्ट्स को मौके पर बुलाकर जांच शुरू की।

 

जानकारी के मुताबिक सुबह छह बजे के करीब सुकार गांव के एक व्यक्ति ने सड़क किनारे खून से लथपथ लाश देखी। मृतका की उम्र करीब 25 साल बताई जा रही है। खबर लिखे जाने तक उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई थी। पुलिस शुरू में रेप के बाद हत्या की आशंका से भी इनकार नहीं कर रही थी। पुलिस का कहना था कि फरेंसिक जांच पूरी होने के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जाएगा।

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डीएसपी लाल मन शर्मा ने बताया कि मामले की छानबीन जारी है। पुलिस ने मौके से खून से सना चाकू भी बरामद किया है। उन्होंने कहा कि होटलों और मंदिर के सीसीटीवी कैमरों को चेक किया जा रहा है।

इस दर्द भरी चिट्ठी से लगे थे राम रहीम पर संगीन आरोप

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डेरा सच्चा सौदा के बाबा राम रहीम पर यौन शोषण के आरोपों की कहानी शुरू होती है 2002 से। जब उन्हीं के डेरे की एक कथित साध्वी ने उन पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को एक गुमनाम चिट्ठी लिखी थी। पीड़िता ने ये चिट्ठी अटल बिहारी बाजपेयी के साथ हरियाणा और पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री, कुछ आला अधिकारियों और कुछ मीडिया संस्थानों को भी भेजी थी। इस चिट्ठी के सामने आने के बाद डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह की हत्या हो गई। आरोप डेरा सच्चा सौदा के प्रबंधकों पर लगा क्योंकि चर्चा है कि कि उन्हें यह शक था कि रणजीत ने अपनी बहन से यह गुमनाम चिट्ठी लिखवाई है। रणजीत की बहन भी डेरे में साध्वी रही थी। बहरहाल, आप भी पढ़िए 15 साल पहले लिखी गई इस चिट्ठी में ऐसा क्या था जिसने ख़ुदा समझे जाने वाले बाबा राम रहीम को बलात्कार का आरोपी बना दिया-

 

”मैं पंजाब की रहने वाली हूं और अब पांच साल से डेरा सच्चा सौदा सिरसा (हरियाणा, धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा) में साधु लड़की के रूप में कार्य कर रही हूं। सैकड़ों लड़कियां भी डेरे में 16 से 18 घंटे सेवा करती हैं। हमारा यहां शारीरिक शोषण किया जा रहा है। साथ में डेरे के महाराज गुरमीत सिंह द्वारा योनिक शोषण (बलात्कार) किया जा रहा है। मैं बीए पास लड़की हूं। मेरे परिवार के सदस्य महाराज के अंध श्रद्धालु हैं, जिनकी प्रेरणा से मैं डेरे में साधु बनी थी।

 

साधु बनने के दो साल बाद एक दिन महाराज गुरमीत की प्रमाशया साधु गुरजोत ने रात के 10 बजे मुझे बताया कि महाराज ने गुफा (महाराज के रहने के स्थान) में बुलाया है। मैं क्योंकि पहली बार वहां जा रही थी, मैं बहुत खुश थी। यह जानकर कि आज खुद परमात्मा ने मुझे बुलाया है। गुफा में ऊपर जाकर जब मैंने देखा महाराज बेड पर बैठे हैं। हाथ में रिमोट है, सामने टीवी पर ब्लू फिल्म चल रही है। बेड पर सिरहाने की ओर रिवॉल्वर रखा हुआ है। मैं ये सब देख कर हैरान रह गई… मेरे पांव के नीचे की ज़मीन खिसक गई। यह क्या हो रहा है। महाराज ऐसे होंगे, मैंने सपने में भी नहीं सोचा था। महाराज ने टीवी बंद किया व मुझे साथ बिठाकर पानी पिलाया और कहा कि मैंने तुम्हें अपनी खास प्यारी समझकर बुलाया है।

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मेरा ये पहला दिन था। महाराज ने मेरे को बांहों में लेते हुए कहा कि हम तुझे दिल से चाहते हैं। तुम्हारे साथ प्यार करना चाहते हैं क्योंकि तुमने हमारे साथ साधु बनते वक्त तन मन धन सतगुरु को अर्पण करने को कहा था। सो अब ये तन मन हमारा है। मेरे विरोध करने पर उन्होंने कहा कि कोई शक नहीं, हम ही खुदा हैं। जब मैंने पूछा कि क्या यह खुदा का काम है, तो उन्होंने कहाः

1. श्री कृष्ण भगवान थे, उनके यहां 360 गोपियां थीं। जिनसे वह हर रोज़ प्रेम लीला करते थे। फिर भी लोग उन्हें परमात्मा मानते हैं। यह कोई नई बात नहीं है।

2. यह कि हम चाहें तो इस रिवॉल्वर से तुम्हारे प्राण पखेरू उड़ाकर दाह संस्कार कर सकते हैं। तु्म्हारे घर वाले हर प्रकार से हमारे पर विश्वास करते हैं व हमारे गुलाम हैं। वह हमारे से बाहर जा नहीं सकते, यह बात आपको अच्छी तरह पता है।

3. यह कि हमारी सरकार में बहुत चलती है। हरियाणा व पंजाब के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री हमारे चरण छूते हैं। नेता हमसे समर्थन लेते हैं, पैसा लेते हैं और हमारे खिलाफ कभी नहीं जाएंगे। हम तुम्हारे परिवार से नौकरी लगे सदस्यों को बर्खास्त करवा देंगे। सभी सदस्यों को मरवा देंगे और सबूत भी नहीं छोड़ेंगे, ये तुझे अच्छी तरह पता है कि हमने पहले भी डेरे के प्रबंधक को खत्म करवा दिया था, जिनका आज तक अता-पता ना है। ना ही कोई सबूत बकाया है। जो कि पैसे के बल पर हम राजनीतिक व पुलिस और न्याय को खरीद लेंगे।

इस तरह मेरे साथ मुंह काला किया और पिछले तीन माह में 20-30 दिन बाद किया जा रहा है। आज मुझको पता चला कि मेरे से पहले जो लड़कियां रहती थीं, उन सबके साथ मुंह काला किया है। डेरे में मौजूद 35 से 40 साधु लड़की 35-40 वर्ष की उम्र से अधिक है, जो शादी की उम्र से निकल चुकी हैं। उन्होंने परिस्थितियों से समझौता कर लिया है, इनमें ज़्यादा लड़कियां बीए, एमए, बीएड पास हैं। घरवालों के कट्टर अन्धविश्वासी होने के कारण नरक का जीवन जी रही हैं। हमें सफेद कपड़े पहनना, सिर पर चुन्नी रखना, किसी आदमी की तरफ आंख ना उठाकर देखना, आदमी से पांच-दस फुट की दूरी पर रहना महाराज का आदेश है। हम दिखाने में देवी हैं, मगर हमारी हालत वेश्या जैसी है।

मैंने एक बार अपने परिवार वालों को बताया कि यहां डेरे में सब कुछ ठीक नहीं है तो मेरे घर वाले गुस्से में कहने लगे कि अगर भगवान के पास रहते हुए ठीक नहीं है, तो ठीक कहां है। तेरे मन में बुरे विचार आने लग गए हैं। सतगुरु का सिमरन किया कर मैं मजबूर हूं। यहां सतगुरु का आदेश मानना पड़ता है। यहां कोई भी दो लड़कियां आपस में बात नहीं कर सकती, घर वालों को टेलीफोन मिलाकर बात नहीं कर सकती….

…पिछले दिनों जब बठिण्डा की लड़की साधु ने जब महाराज की काली करतूतों का सभी लड़कियों के सामने खुलासा किया तो कई साधु लड़कियों ने मिलकर उसे पीटा… …एक कुरुक्षेत्र जिले की एक साधु लड़की जो घर आ गई है, उसने घर वालों को सब कुछ सच बता दिया है। उसका भाई बड़ा सेवादार था जो कि सेवा छोड़कर डेरे से नाता तोड़ चुका है। संगरूर जिले की एक लड़की जिसने घर आ कर पड़ोसियों को डेरे की काली करतूतों के बारे में बताया तो डेरे के सेवादार गुंडे बंदूकों से लैस लड़की के घर आ गए। घर के अंदर कुण्डी लगाकर धमकी दी….

अतः आप से अनुरोध है कि इन सब लड़कियों के साथ-साथ मुझे भी मेरे परिवार के साथ मार दिया जाएगा, अगर मैं इसमें अपना नाम लिखूंगी….हमारा डॉक्टरी मुआयना किया जाए ताकि हमारे अभिभावकों को व आपको पता चल जाएगा कि हम कुमारी देवी साधू हैं या नहीं। अगर नहीं तो किसके द्वारा बर्बाद हुई हैं।”

वीडियो से उठे सवाल- कहां गईं अंग्रेजी शराब की 50 पेटियां?

चंबा।। एक वीडियो की वजह से डलहौजी पुलिस पर सवाल खड़े हो गए हैं। मंगलवार रात पंजाब से हिमाचल लाई जा रही देसी शराब की खेप पकड़ी गई थी। पुलिस ने देसी शराब की 152 पेटियां पकड़ने का दावा किया था। मगर एक वीडियो वायरल हो रहा है उसमें ठेकेदार के कर्मचारी बात कर रहे हैं कि 50 पेटियां अंग्रेजी शराब की भी थी। मगर इन पेटियों का एफआईआर में जिक्र नहीं है। फिर ये पेटियां कहां चली गईं? कहीं कोई गलती तो नहीं हुई? इस वीडियो के आधार पर डीएसपी डल्हौजी सागर चंद्र और एसडीएम डल्हौजी गौरव चौधरी ने मामले की जांच शुरू कर दी है। (कवर इमेज सांकेतिक है)

डलहौजी पुलिस ने मंगलवार को बनीखेत पेट्रोल पंप के पास थाना प्रभारी सन्नी गुलेरिया के नेतृत्व में एक लावारिस ट्रक (HP73 3253) से 152 पेटियां शराब बरामद करने बयान जारी किया था। मगर जो वीडियो शेयर किया जा रहा है, उसमें कहा जा रहा है कि 50 पेटियां अंग्रेजी शराब की पकड़ी गई हैं। इस वीडियो में शराब के ठेकेदारों के कर्मचारियों के अलावा एक खाकी वर्दी वाला भी नजर आ रहा है।

 

इस वीडियो में चार बार जिक्र है कि 150 देसी और 50 अंग्रेजी शराब की पेटियां हैं। हालांकि वीडियो में यह भी सुनाई दे रहा है कि एचएचओ डलहौजी भी आ रहे हैं, मगर इस वीडियो की हम पुष्टि नहीं करते। फिर भी प्रश्न उठने लगा है कि 50 पेटियां कहां गायब हो गईं? पुलिस की देखरेख में सारी कार्रवाई हुई थी तो ऐसा होना सवालों के घेरे में है क्योंकि इन पेटियों में मौजूद शराब का मूल्य ढाई लाख रुपये बताया जा रहा है।

बीजेपी नेता पर उम्मीदवारों की लिस्ट वाला मेसेज डालने का आरोप

सोलन।। भारतीय जनता पार्टी के सोलन मंडल के पदाधिकारियों और सदस्यों वाले वॉट्सऐप ग्रुप मे पार्टी के 20 कथित प्रत्याशियों की एक लिस्ट डाल दी गई। यह लिस्ट सोलन मंडल के महामंत्री नरेंद्र ठाकुर ने डाली, जिसके बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में हलचल पैदा हो गई। 20 लोगों की लिस्ट के साथ यह भी लिखा गया है कि पार्टी इन 20 प्रत्याशियों पर दांव खेल सकती है। हालांकि चर्चा यह भी है कि यह एक फॉरवर्डेड मेसेज था और इसे ग्रुप में चर्चा के लिए डाला गया था।

 

खबर यह भी है कि बीजेपी के कुछ पदाधिकारियों ने इस बात की शिकायत पार्टी अध्यक्ष से की है और सोलन मंडल के महामंत्री पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की है। इस लिस्ट में किन-किनके नाम थे, आप नीचे स्क्रीनशॉट में पढ़ सकते हैं:

भाजपा महामंत्री ने Official Group में डाली प्रत्याशियों की सूची, मची खलबली

 

पढ़ें: अमित शाह के फॉर्म्युले से कट सकते हैं हिमाचल बीजेपी के इन नेताओं और विधायकों के टिकट

ध्यान दें, हिमाचल से बाहर नहीं जाएंगी HRTC की बसें

शिमला।। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के खिलाफ़ चल रहे यौन शोषण के मामले में कोर्ट का फैसला आने के मद्देनजर भारी संख्या में जुटे डेरा प्रेमियों के हुड़दंग की आशंका के चलते हिमाचल भी प्रभावित हुआ है। विभिन्न इलाकों से डेरा प्रेमी ट्राईसिटी का रुख कर रहे हैं। इसके पीछे की रणनीति सिस्टम पर दबाव बनाना लग रही है। मगर इस वजह से हिमाचल पथ परिवहन निगम को बाहरी राज्यों के लिए बस सेवा बंद करी पड़ी है। एचआरटीसी की 200 से ज्यादा बसें शुक्रवार शाम 5.00 बजे तक चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तराखंड के लिए नहीं चलेंगी।

 

परिवहन मंत्री जीएस बाली ने शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके और फेसबुक पेज पर पोस्ट डालकर बताया है कि यात्रियों को किसी तरह का नुकसान न हो और बसों को भी निशाना न बनाया जाए, इसलिए सरकार को यह फैसला लेना पड़ा है। इसके साथ ही ऊना से पंजाब और चंडीगढ़ को जाने वाली ट्रेनें भी अगले दो दिनों तक रद्द हैं। इधर परिवहन मंत्री ने बताया है कि इमर्जेंसी में पुलिस के सहयोग से 3 से 4 टैंपो ट्रैवलर चलाई जाएंगी ताकि मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाया जा सके।

दिल्ली और बाहरी राज्यों में गईं बसों को अगले आदेश तक वहीं रोकने को कहा गया है। चालकों- परिचालकों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। परिवहन मंत्री जीएस बाली ने कहा कि हिमाचल से दिल्ली जाने वाली सामान्य और वोल्वो बसों के सभी रूट रद्द कर दिए हैं। शिमला से जाने वाली बसें परवाणू और कांगड़ा की तरफ से जानी वाली बसें भी ऊना तक ही जाएंगी। माहौल को देखते हुए बिलासपुर और ऊना से जाने वाली कुछ बसें चंडीगढ़ के सेक्टर-43 बस अड्डे तक भेजी जा सकती हैं। चंडीगढ़ से नाहन-देहरादून जाने वाले बस रूट भी रद्द कर दिए हैं।


इससे निगम को प्रतिदिन 10 लाख रुपये से ज्यादा का नुकसान होगा। स्थिति सामान्य होने पर शुक्रवार शाम के बाद बस सेवा बहाल हो सकती है।

गुड़िया केस में CBI ने कहा- जांच में सहयोग नहीं कर रही पुलिस

शिमला।। शिमला के कोटखाई के रेप ऐंड मर्डर में सीबीआई ने पुलिस की एसआईटी पर सहयोग न देने का आऱोप लगाया है। गुड़िया गैंगरेप केस की जांच कर रही सीबीआई के वकील ने हाईकोर्ट में कहा कि एसआईटी से सहयोग नहीं मिल रहा है। वकील ने कहा कि जब पूछताछ के लिए तलब किया गया तो उन्होंने यह कहकर आने से इनकार कर दिया कि स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करनी है।

 

हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई से एसआईटी से पूछताछ को लेकर लिखित पत्र मांगा है। एक समाचार पोर्टल ‘समाचार फर्स्ट’ के मुताबिक सीबीआई के वकील अंशुल बंसल ने बताया है कि सीबीआई गुड़िया गैंगरेप और मर्डर की जांच को पुख्ता करने के लिए एसआईटी से पूछताछ कर सकती है और यदि एसआईटी जांच में सहयोग नहीं करती है तो सीबीआई अदालत से आदेश लेने के लिए स्वतंत्र है।

 

बता दें कि गुरुवार को पुलिस एसआईटी ने हिमाचल हाइकोर्ट में अपनी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी है। हाइकोर्ट ने सीबीआई को 6 सितंबर तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का वक्त दिया है।

होशियार केस में अरेस्ट हेमराज की निशानदेही पर 28 तख्ते बरामद

मंडी।। करसोग में संदिग्ध हालात में मृत पाए गए वनरक्षक होशियार सिंह के मामले में गिरफ्तार किए गए हेमराज नाम के शख्स की निशानदेही पर पुलिस ने कायल की लकड़ी के 28 तख्ते बरामद किए हैं। इन स्लीपरों की बरामदगी शिल्ही सेरी में उसके निर्माणाधीन घर से हुई है। इस बरामदगी से वन विभाग और वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी के उन दावों की भी पोल खुल गई है, जिन्होंने होशियार सिंह केस सामने आने पर कहा था कि प्रदेश मे कोई वन माफिया नहीं है। गौरतलब है कि जंगल में पहले भी कुछ स्लीपर और ठूंठ मिले थे।

 

पुलिस ने तख्ते बनाने में इस्तेमाल होने वाले आरे, कुलहाड़ी औ अन्य साजो-समान को भी अपने कब्जे में लिया है। गौरतलब है कि होशियार सिह के फोन से मिले सबूतों के आधार पर पुलिस ने हेमराज और उसके तीन साथियों को रविवार को गिरफ्तार किया था। चारों आरोपियों को इसके बाद सोमवार को सुंदरनगर में कोर्ट में पेश किया गया था जहां से उन्हें 5 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया था।

जंगल से पहले भी मिले थे ठूंठ

बुधवार को पुलिस इस मामले में पकड़े गए हेमराज को सेरी कतांडा के जंगल में ले गई और उन जगहों की पहचान की गई जहां से वह कायल के पेड़ों की लकड़ी अपने घर ले गया था। हिंदी अखबार दैनिक जागरण लिखता है, ‘सेरी कतांडा में करीब चार माह पहले वन माफिया ने कायल व देवदार के कई पेड़ काट कर गिरा दिए थे। चंद्रमणी, देसराज व भवनीश कुमार के साथ मिलकर हेमराज ने बिना किसी अनुमति से कायल के पेड़ की लकड़ी को ठिकाने लगाया था।’

हेमराज ने तीन मजदूरों को हायर करके लकड़ी ढुलवाई थी। करसोग थाने के प्रभारी अमर सिंह ने बताया है कि आरोपी हेमराज की निशानदेही पर उसके घर से कायल की लकड़ी 28 तख्तों के साथ अन्य साजो-सामान बरामद किए हैं।

छात्र-छात्राओं पर स्कूल में बियर पार्टी मनाने का आरोप, सस्पेंड

ऊना।। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के गगरेट में एक सरकारी स्कूल में कुछ छात्र-छात्राओं का असामान्य व्यवहार देखकर सब हैरान थे। पूछताछ करने पर पता चला कि एक सीनियर छात्र का जन्मदिन मनाया गया था और स्कूल शुरू होने से पहले ही इन छात्र-छात्राओं ने कथित तौर पर बियर के जाम छलका लिए थे। (कवर इमेज सांकेतिक है)

 

बताया जा रहा है कि नशे की वजह से ही उनका व्यवहार अजीब था। इसके बाद इन छात्रों को सस्पेंड कर दिया गया है। डीसी ऊना विकाल लाबरू ने मामले की जानकारी होने की बात कही है। उनका कहना है कि इस संबंध में उचित कार्रवाई होगी।

खबर के मुताबिक स्कूल शुरू होने से पहले ही बियर के साथ अन्य पकवान भी लाए गए थे और स्कूल में ही पार्टी का आयोजन हुआ था। मगर इस बीच बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि स्कूल में बियर कहां से आ गई। साथ ही प्रश्न यह भी कि छात्रों को बियर की बोतलें किसने दी। अगर उन्हें किसी ठेके वाले ने शराब या बियर दी तो उसपर भी कार्रवाई होनी चाहिए।

गुंडों की तरह गाली देकर बात करते हैं बीजेपी विधायक: वीरभद्र

शिमला।। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि विपक्ष के सदस्य भी चुनकर सदन में पहुंचे हैं, लेकिन उनका व्यवहार गुंडों वाला है। उन्होंने कहा कि कड़वी बात कहने का शालीन तरीका होता है, लेकिन भाजपा के सदस्य गुंडों की तरह गाली देकर बात करते हैं।

 

विधानसभा के मॉनसून सेशन में लगातार दूसरे दिन सदन की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ने के बाद वीरभद्र ने विपक्ष के नेता धूमल पर ही सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल इतने मजबूत नहीं हैं कि अपने सदस्यों को नियंत्रित कर पाएं। सीएम ने कहा, ‘अगर धूमल की लीडरशिप मजबूत होती तो सदन के भीतर भाजपा सदस्य ऐसी बदजुबानी नहीं करते।’

सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद अपने चेंबर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष की नारेबाजी और वेल में उतरकर पीठ को घेरना आपत्तिजनक है।