गुड़िया केस: थाने में आरोपी की हत्या पर फंसी शिमला पुलिस

शिमला।। कोटखाई रेप ऐंड मर्डर केस में पुलिस हिरासत के दौरान नेपाली मूल के आरोपी सूरज की हत्या के मामले में शिमला पुलिस फंसती नज़र आ रही है। पुलिस को सीबीआई के कहने पर कोटखाई थाने में संतरी रहे पुलिसकर्मी को सुरक्षा देनी पड़ी है। संतरी को सीबीआई असुरक्षित मान रही है क्योंकि उसके बयान से शिमला पुलिस की थ्योरी पर सवाल खड़े हो गए हैं।

 

ख़बर है कि संतरी ने कहा कि राजू नाम के आरोपी ने मेरे सामने सूरज की हत्या नहीं की। उसने कहा है कि थाना प्रभङारी सूरज को कहीं और ले गया था जिसके बाद लॉकअप के अंदर राजू अकेला था मैं उसकी सुरक्षा में तैनात था। उसने यह भी कहा कि सूरज को लॉकअप में वापस लाने से पहले उसकी ड्यूटी ऑफ हो गई थी।

 

इससे पुलिस की उस थ्योरी पर सवाल खड़े हो गए हैं जिसमें उसने दावा किया था कि राजू और सूरज को एक ही हवालात में बंद कर दिया था और इस बीच किसी बात को लेकर दोनों के बीच कहासुनी हुई और राजू ने सूरज को पटक दिया। इससे चोट लगने और खून बहने से सूरज की मौत हो गई।

 

वैसे पुलिस की थ्योरी पर पहले ही सवाल उठ रहे थे। प्रश्न यह था कि जब छोटे से थाने में एक आरोपी ने दूसरे आरोपी की हत्या कर दी तो बाकी पुलिस अधिकारियों या कर्मियों को शोर क्यों नहीं सुनाई दिया। पोस्टमॉर्टम में मृतक आरोपी के शरीर पर पिटाई के निशान मिलने की रिपोर्ट्स भी सामने आई थी। मृतक के गुप्तांग पर भी चोट पाई गई थी। मगर अब संतरी के बयान के बाद पुलिस की पूरी थ्योरी और ज़्यादा शक के घेरे में है।

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