शुरू में टांडा मेडिकल कॉलेज को ही AIIMS बनवा रहे थे वीरभद्र और कौल सिंह

डेस्क।। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिलासपुर एम्स का उद्घाटन करने जा रहे हैं। इससे पहले कांग्रेस नेताओं, विशेषकर प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह और उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह ने फेसबुक पर एक वीडियो डालकर कहा है कि 2014 में वीरभद्र सिंह ने एम्स को मंजूरी दे दी थी और आज उनका सपना पूरा हो रहा है। लेकिन रोचक बात यह है कि 2017 के आखिर तक वीरभद्र सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे कौल सिंह ठाकुर दावा कर रहे थे केंद्र सरकार द्वारा की गई एम्स की घोषणा हवा-हवाई है। फिर सवाल उठता है कि 2014 में वीरभद्र ने किस एम्स को मंजूरी दे दी थी और वह एक राज्य के मुख्यमंत्री होने के नाते एक केंद्रीय संस्थान AIIMS को कैसे मंजूरी दे सकते थे?

दरअसल, 2014 में जब केंद्र ने एम्स के लिए जगह ढूंढने की चिट्ठी भेजी तो तत्कालीन कांग्रेस सरकार की अदूरदर्शिता ही कही जाएगी कि उन्होंने नया संस्थान लेने के बजाय पहले से मौजूद टांडा मेडिकल कॉलेज को AIIMS बनाने की सिफारिश कर डाली थी।

क्या है यह पूरा मसला, आइए एक-एक पॉइंट को लेकर समझें।

दिसंबर 2014 में विंटर सेशन चल रहा था। उस समय राज्य में वीरभद्र सिंह की सरकार थी और केंद्र में मोदी सरकार बने छह महीने हो चुके थे। प्रश्न काल के दौरान तत्कालीन बीजेपी विधायक गुलाब सिंह ठाकुर ने एम्स को लेकर सवाल किया था। उस पर जवाब देते हुए सरकार की ओर से बताया गया कि अब तक इस मामले में क्या-क्या डिवेलपमेंट हुआ। जानकारी दी गई कि 12 डीसी से कहा गया है कि वे बताएं कि उनके जिले मे कहां पर एम्स बनाया जा सकता है। आखिरी फैसला लेने के बाद उस जमीन को केंद्र को दे दिया जाएगा।

उस साल का घटनाक्रम बिंदुवार इस तरह से है:

1. केंद्र ने संस्थान के लिए जगह ढूंढने को कहा
जून 2014 में जब मोदी सरकार बनी थी, तब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 11 राज्यों को चिट्ठी लिखकर कहा था कि वे अपने यहां एम्स जैसे संस्थान के निर्माण के लिए 200 एकड़ जमीन तलाश करें।

2. हिमाचल सरकार नहीं ढूंढ पाई जमीन
केंद्र से आई इस चिट्ठी का जवाब एक महीने के अंदर दिया जाना था। यानी एक महीने के अंदर प्रदेश सरकार को जमीन फाइनल करके केंद्र सरकार को उसकी जानकारी देनी थी। मगर वीरभद्र सरकार जमीन ही नहीं ढूंढ पाई।

3. हिमाचल सरकार ने दिया अनोखा सुझाव
तय वक्त पर जमीन ढूंढ पाने में नाकाम रही हिमाचल सरकार ने केंद्र को अनोखा सुझाव दे दिया। वीरभद्र सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को लिखी चिट्ठी में सुझाव दिया कि अगर एम्स बनाना है तो क्यों न टांडा मेडिकल कॉलेज को ही एम्स में बदल दिया जाए।

4. केंद्र ने ठुकराया हिमाचल सरकार का प्रस्ताव
टांडा मेडिकल कॉलेज को एम्स में बदलने का प्रस्ताव केंद्र ने ठुकरा दिया। केंद्र ने कहा कि पहले से ही मेडिकल कॉलेज को कैसे एम्स में बदल दिया जाए। केंद्र का कहना था कि बात नए एम्स जैसे संस्थान की स्थापना की हो रही है, न कि किसी पुराने संस्थान को अपग्रेड करके एम्स बनाने की।

5. 2014 में टल गया एम्स का प्रस्ताव
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा तय वक्त में जमीन का चुनाव न कर पाने और फिर उसके सुझाव के खारिज हो जाने का नतीजा यह निकला कि हिमाचल में एम्स के मुद्दे पर साल 2014 में कोई प्रगति नहीं हो सकी। प्रदेश सरकार फिर जमीन ढूंढने में लग गई और 12 जिलों के डीसी को अपने यहां एम्स के लिए 200 एकड़ जमीन तलाश करने को कहा गया।

एम्स बिलासपुर

इस पूरे प्रकरण से न सिर्फ राज्य सरकार के कामकाज के तौर-तरीके का पता चलता है, बल्कि यह भी साफ होता है कि वह कितनी अदूरदर्शी रही। इसलिए, क्योंकि:

  1. सरकार ने कभी नहीं सोचा कि अगर कोई बड़ा संस्थान बनाना हो तो उसके लिए जमीन कहां-कहां उपलब्ध है। अगर सरकार के पास विजन होता तो वह पहले से ही हर जिले में जगहें ढूंढकर अपने रेकॉर्ड में रखती।
  2. सरकार के पास विज़न नहीं था। अगर जगह तय नहीं हो पाई थी, तो वह केंद्र से कह सकती थी कि थोड़ा और वक्त दिया जाए। मगर बजाय इसके यह लिखा गया कि टांडा मेडिकल कॉलेज को एम्स बना दिया जाए।
  3. उसे महसूस नहीं हुआ कि अगर एक और उच्च स्तरीय हॉस्पिटल खुलेगा तो यह लोगों के लिए फायदेमंद ही है। डांटा मेडिकल कॉलेज को एम्स बनाने का सुझाव देने से साफ होता है कि प्रदेश सरकार ने अपने सिर से बला टालनी चाही।

इसके बाद हुई प्रगति
तपोवन में विधानसभा सत्र के समापन के बाद 2014 के आख़िरी सप्ताह में वीरभद्र कैबिनेट ने बिलासपुर के कोठीपुरा में चिह्नित 200 एकड़ जमीन को एम्स के लिए देने की मंजूरी दी।

फिर मई 2015 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने जगह का दौरा किया और अतिरिक्त जमीन मांगी। राज्य सरकार ने इसके बाद अतिरिक्त जमीन के हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू की।

इसके बाद तीन साल तक विशेष प्रगति नहीं हुई। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह देरी के लिए केंद्र सरकार को कोसते रहे। पत्रकारों के सवाल पर वह कहते कि हमने तो सब कर दिया, नड्डा जी से पूछो। तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने तो यह कह दिया था कि चुनाव नजदीक होने के कारण शिलान्यास नहीं हो रहा।  इस बीच सांसद अनुराग ठाकुर भी जेपी नड्डा को चिट्ठियां लिखते रहे जिसकी खबरें प्रकाशित होती रहीं। वहीं नड्डा का कहना था कि कुछ तकनीकी दिक्कतें हैं

फिर लंबे समय बाद, 3 अक्तूबर 2017 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसका शिलान्यास किया और 4 जनवरी 2018 को केंद्रीय कैबिनेट ने इस एम्स के लिए बजट भी मंजूर कर दिया। अब 5 अक्तूबर 2022 को इसका उद्घाटन करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिलासपुर आ रहे हैं। इससे पहले 5 दिसंबर 2021 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने ओपीडी का उद्घाटन किया था।

यह आर्टिकल 2014 को  इन हिमाचल पर प्रकाशित इस लेख पर आधारित:

क्या एम्स भी राजनीति की भेंट चढ़ जाएगा?

पीएम दौरे को लेकर ‘बीजेपी के चरित्रहीन नेता’ ट्वीट कर घिरीं अलका लांबा

बिलासपुर।।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिलासपुर दौरे से ठीक पहले कांग्रेसी नेत्री और राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा का एक ट्वीट विवादों में आ गया है। उन्होंने एक खबर को ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘बीजेपी के चरित्रहीन नेता हिमाचल के चरित्रवान पत्रकारों के कैरेक्टर सर्टिफिकेट माँग रहे हैं – वाह मोदी जी वाह।’

दरअसल बिलासपुर पुलिस की ओर से यह सूचना जारी हुई थी कि प्रधानमंत्री के दौरे की कवरेज के लिए आ रहे पत्रकारों के पास एसपीजी के मानकों के आधार पर क्लियरेंस के लिए चरित्र प्रमाण पत्र होना चाहिए। हालांकि, बाद में हिमाचल पुलिस प्रमुख संजय कुंडू ने ट्वीट करके बताया कि इसकी आवश्यकता नहीं होगी और पुलिस पत्रकारों के साथ हर तरह का सहयोग करेगी। संबंधित पत्र को वापस भी ले लिया गया है।

मगर अलका लांबा के ट्वीट पर भारतीय जनता पार्टी ने आपत्ति जताई है। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप ने अलका लांबा के ट्वीट को कोट करते हुए लिखा है कि अलका लांबा क्या चाहती हैं। उन्होंने अलबा लांबा की भाषा को लेकर भी आपत्ति जताई है।

सुरेश कश्यप ने लिखा है- “अलका लांबा स्पष्ट करें कि उनका आशय क्या है? हिमाचल आने के बाद वह लगातार अमर्यादित टिप्पणियां कर रही हैं। प्रधानमंत्री जी के प्रति कांग्रेस की दुर्भावना छिपी नहीं है। मगर इस तरह की भाषा इस्तेमाल करना शर्मनाक और निंदनीय है।”

 

कौन हैं कौल सिंह के ‘हनुमान’ बामन देव ठाकुर जो अचानक चर्चा में आ गए हैं

आई. एस. ठाकुर।। आचार संहिता लगने में अब शायद दो हफ्ते का ही समय बचा है लेकिन आम आदमी पार्टी को छोड़कर किसी भी पार्टी ने टिकटों की घोषणा नहीं की है। ऐसी खबरें आई थीं कि कांग्रेस ने अधिकतर टिकट फाइनल कर लिए हैं और लिस्ट भी जारी होने वाली है। लेकिन किसी तरह का असंतोष न भड़के, यह सोचते हुए लिस्ट जारी नहीं की गई। माना जा रहा है कि इस लिस्ट में कई ऐसे नाम गायब हो सकते हैं, जो अपना टिकट तय मानकर चल रहे हैं। कांग्रेस सर्वे के आधार पर कुछ नए चेहरों को टिकट देने की घोषणा तो पहले ही कर चुकी है।

जब कांग्रेस ने लिस्ट जारी नहीं की तो ऐसी खबरें आईं कि वरिष्ठ नेताओं के टिकट भी होल्ड पर हैं, भले ही वो जिताऊ क्यों न हों। इन में दो नाम सोशल मीडिया पर छाए रहे। एक- पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर और दूसरे हैं- पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा। बताया जा रहा है कि दोनों के नाम कथित तौर पर होल्ड पर जाने के लिए अलग कारण हैं। सुधीर शर्मा की वजह तो यह बताई गई कि पार्टी को उन्होंने दो मौकों पर चुनाव लड़ने से मना किया था- एक तो लोकसभा चुनाव के दौरान कांगड़ा से लड़ने के लिए और फिर धर्मशाला सीट पर हुए उपचुनाव से लड़ने के लिए। वहीं कौल सिंह ठाकुर को लेकर यह तर्क दिया गया कि वह G 23 नाम से जाने जाने वाले कांग्रेस नेताओं से उस समूह में शामिल थे, जिन्होंने खत लिखकर एक तरह से गांधी परिवार के कामकाज के तरीके पर सवाल उठाए थे। चूंंकि उस समूह के ज्यादातर नेता या तो हाशिये पर हैं या पार्टी छोड़ चुके हैं, वैसे में कौल सिंह ठाकुर को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं कि उनका टिकट कट सकता है।

कौल सिंह ठाकुर

इस बीच सवाल उठने लगा कि कौल सिंह ठाकुर नहीं तो और कौन? यह चर्चा सोशल मीडिया पर होने लगी कि कौल सिंह को अगर किसी स्थिति में टिकट नहीं मिलता है तो इस बार बामन देव ठाकुर को मौका मिल सकता है। प्रदेश के अन्य हिस्सों में रह रहे लोग भले इस नाम को न जानते हों मगर  बामन देव ठाकुर दरंग और जोगिंद्र नगर में एक जाना-पहचाना चेहरा हैं और वह लंबे समय से कांग्रेस में सक्रिय हैं। अभी भी वह दरंग ब्लॉक कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। कौल सिंह ठाकुर के करीबी और उनके हनुमान कहे जाने वाले बामन देव ठाकुर पिछले कम से कम दो चुनावों से दरंग से टिकट के दावेदार माने जाते हैं। मगर कौल सिंह ठाकुर ने दो बार अपना आखिरी चुनाव बताया और फिर मैदान में आ गए और बामन देव ठाकुर के हाथ से मौका जाता रहा।

जमीन पर पहचान
वरिष्ठ और जिताऊ होने के कारण कौल सिंह के टिकट को कभी चुनौती नहीं मिल पाई और बामन देव ठाकुर ने भी कभी खुलकर टिकट की मांग नहीं की। संभवत: बामन देव भी यही चाहते होंगे कि जब कौल सिंह राजनीति से खुद हटेंगे, तभी वह आगे आएंगे। इसलिए भी क्योंकि वह कौल सिंह ठाकुर के हनुमान कहे जाते हैं और उनके राजनीतिक सलाहकार भी हैं। ग्राउंड पर कौल सिंह का चुनाव प्रबंधन देखने का काम हमेशा से बामन देव ठाकुर के हाथ रहा है। वह चौहार घाटी के जटिल भौगोलिक क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहे हैं। ठेकेदार हैं और साथ ही एक एनजीओ के माध्यम से भी सामाजिक कार्यों में जुड़े रहे हैं।  कौल सिंह ठाकुर के बाद बामन देव के अलावा दरंग कांग्रेस में और कोई ऐसा नेता नहीं माना जाता जो जनता के बीच पहचाना जाता हो।

एनजीओ के माध्यम से सामाजिक कार्य भी करते रहे हैं बामन देव ठाकुर

राजनीतिक समझ के मामले में भी वह बाकी प्रतिद्वंद्वियों पर भारी पड़ते हैं। अगर आज ओल्ड पेंशन हिमाचल के चुनावों में मुख्य मुद्दा बना है तो राजनीतिक विश्लेषक इसके लिए भी बामन देव ठाकुर को श्रेय देते हैं। यह कौल सिंह ठाकुर ही थे जिन्होंने उस समय से ओल्ड पेंशन की मांग को समर्थन देना शुरू किया था, जब कांग्रेस का और कोई नेता इस पर बात नहीं करता था। कौल सिंह लगातार इस मुद्दे पर अड़े रहे और आज ने सत्ता में आने के लिए इसी को अपना प्रमुख मुद्दा बनाया है। माना जा रहा है कि कौल सिंह ठाकुर को इस मुद्दे का महत्व समझाने और आगे उठाने के लिए मनाने वाले भी बामन देव ठाकुर ही थे, जो जानते थे कि कर्मचारियों के लिए यह विषय कितना संवेदनशील है।

आज स्थिति यह है कि कांग्रेस ने की 10 गारंटियों में पहली गारंटी ओल्ड पेंशन बहाली है और भारतीय जनता पार्टी को इसकी कोई काट नहीं मिल रही। और बीजेपी के आसपास हुई घेराबंदी इतनी मजबूत है कि न तो बीजेपी के नेता खुलकर इसका विरोध कर पा रहे हैं, न ही समर्थन। एक ओर कांग्रेस लगातार इस मुद्दे पर बनी हुई है, दूसरी ओर कर्मचारी भी सोशल मीडिया से लेकर जमीन तक इस मांग पर अड़े हुए हैं। खास बात यह है कि ओल्ड पेंशन की मांग को इतना व्यापक बनाने और कर्मचारियों को लामबंद करके विधानसभा के बाहर पहुंचाने में जिन प्रदीप ठाकुर का महत्वपूर्ण योगदान है, वह बामन देव ठाकुर के बेटे हैं।

गांधी जयंती पर कुछ यूं नजर आए प्रदीप ठाकुर

‘वोट फॉर ओपीएस’ अभियान
एनपीएस कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर लंबे समय से ओपीएस मांग रहे कर्मचारियों का शांतिपूर्वक ढंग से सफल नेतृत्व कर रहे हैं। कहा जा सकता है कि जुझारूपन, नेतृत्व क्षमता और धैर्य – ये सब इन्हें विरासत में मिले हैं। एक तरह से यह भी कहा जा सकता है कि आज अगर ओपीएस मुख्य चुनावी मुद्दा बना है तो इसमें पिता-पुत्र की जोड़ी का भी अहम योगदान है। अब तो प्रदीप ठाकुर के नेतृत्व में ओल्ड पेंशन के लिए संघर्षरत कर्मचारियों ने ‘वोट फॉर ओपीएस’ का अभियान भी शुरू कर दिया है। ऐसे में अगर ओपीएस की बहाली होती है तो इसका श्रेय कर्मचारियों की एकजुटता के साथ-साथ उनके नेता प्रदीप ठाकुर को तो मिलेगा ही, कौल सिंह ठाकुर और उनके जरिये इसे बड़ा मंच देने वाले बामन देव ठाकुर को भी जाएगा।

बशर्ते…
बहरहाल, यह तो स्पष्ट है अगर कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए गंभीर है तो वह नहीं चाहेगी कि दरंग, धर्मशाला या अन्य किसी सीट पर चुनाव लड़ने के इच्छुक अपने नेताओं के टिकट काटकर किसी और को दें। क्योंकि ऐसी स्थिति में उन नेताओं की नाराजगी उसे महंगी पड़ सकती है। ऐसे में ज्यादा संभावना इसी बात की है कि दरंग में इस बार कौल सिंह ठाकुर को ही टिकट मिलेगा। ऐसी स्थिति में बामन देव को पांच साल और इंतजार करना पड़ सकता है। बशर्ते, अगली बार भी कौल सिंह अपना आखिरी चुनाव बताकर फिर मैदान में न उतर आएं।

(लेखक लंबे समय से हिमाचल प्रदेश के विषयों पर लिख रहे हैं। उनसे kalamkasipahi@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है)

DISCALIMER: ये लेखक के निजी विचार हैं।

जसवां परागपुर: कैप्टन संजय पराशर ने पेश किया अपना विजन

परागपुर।। जसवां परागपुर विधानसभा क्षेत्र से समाजसेवी कैप्टन संजय पराशर ने चुनावी हुंकार भर दी है। शनिवार को कैप्टन ने परागपुर के नक्की खडड से विजन डाक्यूमेंट 1.0 जारी कर जनता को बता दिया कि जनता ने साथ दिया तो वह किस तरह से कार्य करेंगे। पराशर ने कहा कि मैंने क्षेत्र की जनता की आदत डाल ली है, ऐसे में जनता को भी मेरी आदत डाल लेनी चाहिए। कैप्टन ने क्षेत्र की अधिकतर पंचायतों का दौरा करके जो समस्याएं सामने आई हैं, उनको आधार बनाकर विजन डाक्यूमेंट जारी किया है। पराशर हर आम, खास की समस्या समझते हैं, यही वजह है कि विजन डाक्यूमेंट में स्पष्ट किया है कि मेरे लिए राजनीति जनसेवा का मंच है। इसके अतिरिक्त विजन डाक्यूमेंट में जनकल्याण योजनाएं, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, नारी शक्तिकरण, युवा वर्ग, पर्यटन, कृषि व पशुपालन, पेयजल, पंचायत स्तर पर व्यवस्था, सड़क व परिवहन, पारदर्शी प्रशासन, पर्यावरण संरक्षण, गरीबी उन्मूलन, सिंचाई सुविधा, सामाजिक सरोकार और महत्वपूर्ण मुद्दों का भी संकल्प लिया है।

जनसमर्थन सभा को संबोधित करते हुए पराशर ने कहा कि क्षेत्र में जो काम होना चाहिए था, वो नहीं हो पाया है। हमने अपने संसाधनों से सुधार का प्रयास किया है और उसमें काफी हद तक सफल भी हुए हैं। यदि हम अपने संसाधनों से इतना कर सकते हैं तो क्षेत्र की जनता विधानसभा भेजती है तो इससे कई गुणा अधिक काम करके दिखाएंगे। पराशर ने कहा कि क्षेत्र की जनता ही मेरी टिकट है और जनता जनार्दन जिसके साथ होती है, जिसे आशीर्वाद देती है, वो हमेशा सफल होता है।

पराशर ने कहा कि मैं विधानसभा पहुंचा तो क्षेत्र की जनता की बेटा, भाई, भतीजा, भांजा बनकर सेवा करूंगा। अपने वेतन को गरीबों के मकान निर्माण में लगाउंगा। सरकारी योजनाएं, जिनकी आम जनता को जानकारी नहीं मिल पाती, उन योजनाओं की जानकारी पंचायत स्तर तक पहुंचाने के लिए काम किया जाएगा।

बेसहारा गौवंश की समस्या काफी ज्यादा है। ऐसे में गौवंश की समस्या से निपटने के लिए इस तरह की व्यवस्था की जाएगी, जहां पर 4000 बेसहारा गौवंश को आश्रय मिल सके। जसवां परागपुर में यह समस्या काफी अधिक है, ऐसे में आपका बेटा संजय पराशर समस्याओं के समाधान को आगे आएगा।

पराशर ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से जसवां परागपुर को विकसित किया जाएगा। जैसे लोग कुल्लू-मनाली या विदेश घूमने जाते हैं, मेरा सपना है कि उसी तरह लोग जसवां परागपुर भी घूमने आएं। जनता ने विधायक बनाया तो पर्यटन विकास को प्राथमिकता दी जाएगी, इस तरह की स्थितियां होंगी कि विदेशी गोरे और गोरियां भी वीजा लगाकर जसवां-परागपुर घूमने आने को ललायित होंगे।

पराशर ने कहा कि मैं विधायक बना तो हर तीन माह बाद अपना रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने रखूंगा कि मेरे द्वारा क्षेत्र में तीन माह में कौन-कौन से कार्य किए गए हैं। साथ ही हर छह माह में पंचायत स्तर पर होने वाले विकास कार्यों का रिपोर्ट कार्ड जारी किया जाएगा। हर तीन माह बाद विकास कार्यों की समीक्षा सुनिश्चित की जाएगी। क्षेत्र के विकास के लिए भविष्य की योजनाएं क्षेत्रवासियों के परामर्श व मार्गदर्शन से तैयार की जाएंगी।

कैप्टन ने कहा कि मैं जन सेवा के लिए राजनीति उतरा हूं, ऐसे में जनता के आशीर्वाद से विधायक बना तो साल के 365 दिनों में से मात्र 15 दिन परिवार को दूंगा, बाकी 350 क्षेत्र की जनता की सेवा में 24 घंटे जुटा रहूंगा। क्षेत्र की जनता से अपार प्यार मिल रहा है, यही प्यार हमारा विधानसभा का मार्ग प्रशस्त करेगा।

जब राकेश चौधरी के कार्यक्रम में पहुंचे सीएम जयराम ठाकुर

मृत्युंजय पुरी, धर्मशाला।। हिमाचल में विधानसभा चुनावों से पहले टिकट की लड़ाई रोचक होती नजर आ रही है। सबसे ज्यादा उठापटक सत्ता का द्वार माने जाने वाले कांगड़ा जिला में चल रही है। इस बार चर्चा का केंद्र धर्मशाला विधानसभा हलका बना हुआ है। शनिवार को धर्मशाला में रोचक सियासी हलचल हुई।

दरअसल सीएम जयराम ठाकुर ने शनिवार सायं पौने पांच बजे कांगड़ा आना था। इसी बीच आम आदमी पार्टी से भाजपा में शामिल हुए राकेश चौधरी ने सिद्धबाड़ी के जोरावर स्टेडियम में अपना शक्ति प्रदर्शन रखा था। चौधरी की ओर से एक दिन पहले दावा किया गया था कि इस कार्यक्रम में सीएम जयराम ठाकुर और वन मंत्री राकेश पठानिया शिरकत करेंगे।

सीएम के जारी शेड्यूल में जहां पौने पांच बजे कांगड़ा आने की बात की गई थी, तो राकेश चौधरी ने सुबह साढ़े 10 बजे का समय रखा था। इस कार्यक्रम से ज्यादातर मंडल भाजपा धर्मशाला दूर ही नजर आ रहा था। दोनों शेड्यूल भी मेल नहीं खा रहे थे। इसी बीच 12 बजकर 20 मिनट पर एक और शेड्यूल जारी होता है,जिसमें उन्होंने 2 बजकर 50 मिनट पर पुलिस मैदान में लैंड करना था।

खैर इसी बीच सीएम आ गए और पुलिस मैदान से सीधे जोरावर मैदान में जा पहुंचे। उनके साथ विधायक विशाल नेहरिया भी थे। सीएम ने अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा कि वह राकेश चौधरी के निवेदन पर आए हैं। सीएम के ऐसा कहते ही धर्मशाला में टिकट के चाहवानों में चर्चाओं का बाजार गरम है।

कार्यक्रम में कांगड़ा से विधायक पवन काजल भी मौजूद रहे। माना जा रहा है कि इस इवेंट में परदे के पीछे काजल का अहम रोल रहा है। अब टिकट किसकी है, यह आने वाले दिनों में ही पता चलेगा।

जयराम ठाकुर से इतनी नफरत क्यों करते हैं मुकेश अग्निहोत्री?

0

आई.एस. ठाकुर।। सुजानपुर में आज कांग्रेस की रैली थी। वक्ता कई थे लेकिन सुर्खियां बटोरीं नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने। वैसे तो वह एक साल से घिसी पिटी बातें कर रहे हैं, लेकिन आज उन्होंने वह बात दोहराई जो कुछ दिन पहले सुजानपुर के विधायक राजिंदर राणा ने कही थी- जयराम मुख्यमंत्री बन सकता है तो प्रदेश में कोई भी मुख्यमंत्री बन सकता है।

यह बयान ठीक पांच साल पहले मुकेश अग्निहोत्री के राजनीतिक गुरु और प्रदेश के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के उस बयान की याद दिला रहा है, जिसमें उन्होंने बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती को लेकर कहा था कि सत्ती अध्यक्ष है तो क्या हुआ, गद्दी सभा का भी अध्यक्ष होता है

वीरभद्र का आशय था कि सत्ती की हैसियत तो गद्दी सभा के अध्यक्ष से भी नीचे है, उस पर मैं क्या बोलूं। इस पर खूब हंगामा हुआ था। लेकिन वीरभद्र सिंह ने कभी गलती नहीं मानी। ऐसा ही कुछ मुकेश अग्निहोत्री कह रहे हैं कि जयराम बन सकता है तो कोई भी व्यक्ति बन सकता है। ध्यान यह भी देने लायक है कि सकते हैं नहीं कहा जा रहा, वो बोल रहे हैं- सकता है। अफसोस कि मुकेश अग्निहोत्री के कहने का आशय नहीं है कि एक आम आदमी के सीएम बनने के बाद अब सीएम पद की कुर्सी किसी पर सो कॉल्ड शाही लोगों का अधिकार नहीं रहा। उनके शब्द जयराम ठाकुर को साफ तौर पर इस पद के लिए कमतर बताने की कोशिश लगते हैं।

लेकिन सवाल उठता है कि जयराम ठाकुर से नफरत क्यों? जयराम ठाकुर से इतनी खुन्नस क्यों? जयराम ठाकुर के प्रति ऐसी भाषा क्यों? जयराम ठाकुर पर निजी हमले क्यों? हर मंच से सिर्फ जयराम ठाकुर पर निशाना क्यों? क्या इसलिए कि जयराम अपर बेल्ट से है? उस बेल्ट से, जिसे सो कॉल्ड आधुनिक कहलाने वाले कुछ लोग पिछड़ा मानते हैं और खुद को वहां के लोगों से ज्यादा सभ्य?

जब जयराम ठाकुर पर राजिंदर राणा ने यह बयान दिया था तो मेरी अपने एक मित्र से चर्चा हुई थी जो नीरमंड से हैं। उन्होंने कहा कि ‘ऐसा लगता है कि जब एक आम परिवार का पहाड़ी आदमी मुख्यमंत्री बन गया, एक पिछड़े क्षेत्र में पैदा हुआ आदमी आगे बढ़कर प्रदेश का नेतृत्व करने लग गया तो उन लोगों का खून खौलना स्वाभाविक है जो खुद को ज्यादा काबिल, ज्यादा एलीट, ज्यादा योग्य मानते थे।’ मेरे मित्र का कहना था कि ‘यही जलन, यही ईर्ष्या इनके दिलो-दिमाग पर हावी हो गई है जो इनकी जुबान और इनके व्यवहार के रास्ते बाहर आ रही है।’

लेकिन सवाल यह है कि इससे नुकसान किसका हो रहा है? अगर वाकई ऐसा है तो नुकसान उन लोगों का ही होगा, जो किसी तरह की हीन भावना से ग्रस्त होकर खुद अपनी सेहत को बर्बाद किए जा रहे हैं। मगर मेरा बस इतना सा कहना है कि ऐसे बयान देने की नौबत ही क्यों आई? मुख्यमंत्री पद की गरिमा का भले विपक्षी नेताओं को ख्याल न हो, एक इंसान की गरिमा का तो ख्याल रखें। मानवीय मूल्यों का तो ख्याल रखें।

(लेखक लंबे समय से हिमाचल प्रदेश के विषयों पर लिख रहे हैं। उनके kalamkasipahi@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है)

DISCLAIMER: ये लेखक के निजी विचार हैं।

कैबिनेट में आउटसोर्स, नौकरियों और संस्थानों के संबंध क्या फैसले लिए गए, जानें

शिमला।। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में आज यहां हुई प्रदेश मंत्रिमण्डल की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मंत्रिमण्डल ने पेंशनभोगियों, पारिवारिक पेंशनभोगियों और राज्य संवर्ग से सम्बन्ध रखने वाले अखिल भारतीय सेवा पेंशनभोगियों तथा पारिवारिक पेंशनभोगियों को उनकी संशोधित मूल पेंशन/मूल पारिवारिक पेंशन पर क्रमशः 5, 10 और 15 प्रतिशत पेंशन भत्ता प्रदान करने का निर्णय लिया। इससे 65 से 80 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 86,200 पेंशनभोगी तथा पारिवारिक पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे।

आउटसोर्स
हिमाचल प्रदेश में सेवा प्रदाताओं के माध्यम से विभिन्न सरकारी विभागों में आउटसोर्स आधार पर तैनात कर्मचारियों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर मंत्रिमंडलीय उपसमिति की रिपोर्ट को भी मंत्रिमंडल के समक्ष रखा गया और इसे सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया गया। इस मामले में एक नीति दस्तावेज का मसौदा तैयार करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडलीय उपसमिति की सिफारिशों के अनुसार ‘हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम’ का नाम बदलकर कंपनी अधिनियम-2013 के प्रावधानों के तहत ‘हिमाचल प्रदेश कौशल विकास एवं रोजगार निगम कंपनी’ की स्थापना की जाएगी। यह कंपनी तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करेगी। यह कंपनी विभिन्न सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों, विश्वविद्यालयों, राज्य के शिक्षण संस्थानों, सांविधिक संस्थाओं और राज्य सरकार के स्वामित्व और नियंत्रण वाले अन्य उपक्रमों की अस्थायी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कुशल, अर्द्ध-कुशल और अन्य कर्मचारियों की तैनाती सुनिश्चित करेगी।

युवा एवं खेल सेवाएं
मंत्रिमंडल ने युवा सेवाएं एवं खेल विभाग द्वारा पात्र खिलाड़ियों को भर्ती प्रक्रिया के लिए प्रायोजित करने या संबंधित विभागों को अनुपलब्धता प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को समयबद्ध बनाने का निर्णय लिया, ताकि भर्ती प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके। युवा सेवाएं एवं खेल विभाग से अनुशंसा या अनुपलब्धता प्रमाण पत्र के लिए कम से कम छह सप्ताह की अवधि के इंतजार के बाद पद भर दिए जाएंगे।

न्यायालय कर्मचारी
मंत्रिमंडल ने जिला न्यायालयों के कर्मचारियों को 1 जनवरी, 2016 से संशोधित वेतनमान प्रदान करने और हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ न्यायालय कर्मचारी (वेतन, भत्ते और सेवाओं की अन्य शर्तें) अधिनियम, 2005 में संलग्न अनुसूची में संशोधन / प्रतिस्थापन करने का भी निर्णय लिया। इससे जिला न्यायालयों के लगभग 2300 कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
बैठक में सोलन जिले की ग्राम पंचायत नालका को कसौली थाने से हटाकर बरोटीवाला थाने के अंतर्गत लाने का निर्णय लिया गया।

सीमावर्ती क्षेत्रों से चलने वाली बसों में महिलाओं के किराये में छूट संबंधित
मंत्रिमंडल ने प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों परवाणु और संसारपुर टैरेस में महिला यात्रियों की सुविधा के लिए कालका या परवाणु से चलने वाली तथा हरियाणा के केवल एक किलोमीटर क्षेत्र से आवाजाही करने वाली बसों और संसारपुर टैरेस या तलवाड़ा से चलने वाली तथा पंजाब के केवल 3 किलोमीटर क्षेत्र से गुजरने वाली हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों के किराये में 50 प्रतिशत छूट प्रदान करने का निर्णय लिया।

 

मंत्रिमंडल ने स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए कुल्लू जिले के पटवार वृत्त बंगा को तहसील सैंज से हटाकर तहसील बंजार में शामिल करने का निर्णय लिया। बैठक में विभिन्न श्रेणियों के 6 पदों के सृजन एवं भरने के साथ मण्डी जिले के थाना जंजैहली के अंतर्गत नई पुलिस चौकी खोलने को स्वीकृति प्रदान की गई।

मंत्रिमण्डल ने हिमाचल प्रदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग के शैक्षणिक संकाय को लाभान्वित करने के लिए टाइम बाउंड डेजिग्नेशन स्कीम (अपग्रेडेशन) 2014 में संशोधन को भी मंजूरी प्रदान की। बैठक में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला अमरोह में विज्ञान और वाणिज्य की कक्षाएं और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भुक्कड़ में वाणिज्य कक्षाएं शुरू करने के साथ-साथ आवश्यक पदों के सृजन एवं भरने का निर्णय लिया गया।

बैठक में चम्बा जिले की राजकीय माध्यमिक पाठशाला भंदार को स्तरोन्नत करने तथा आवश्यक पदों के सृजन को भी स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्रिमण्डल ने शिमला जिला की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला क्यार में विज्ञान एवं वाणिज्य की कक्षाएं आरम्भ करने तथा आवश्यक पदों के सृजन एवं भरने का निर्णय लिया।

बैठक में सोलन जिला के राजकीय स्नातक महाविद्यालय ममलीग में विभिन्न श्रेणियों के 16 पद सृजित कर भरने तथा आवश्यक अधोसंरचना के निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपये प्रदान करने को स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्रिमण्डल ने सोलन जिला के नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रतवाड़ी, दभोटा, राजपुरा एवं डोली में वाणिज्य कक्षाएं, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नंड एवं भाटियां में विज्ञान तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गोयला पनेड़, रेड़ू एवं गुल्लरवाला में विज्ञान एवं वाणिज्य की कक्षाएं प्रारंभ करने तथा आवश्यक पदों के सृजन और भरने का निर्णय लिया।

बैठक में सोलन जिला के दून विधानसभा क्षेत्र में राजकीय माध्यमिक विद्यालय तुझार को राजकीय उच्च विद्यालय में स्तरोन्नत करने तथा आवश्यक पदों को सृजित कर भरने को भी स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्रिमंडल ने किन्नौर जिला में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिला के रिकांग पिओ में स्टाफ के आवश्यक पदों सहित सहायक जिला पर्यटन विकास अधिकारी का पद सृजित कर भरने की स्वीकृति प्रदान की।

बैठक मेें मुद्रण एवं लेखन सामग्री विभाग में अनुबंध एवं दैनिक वेतनभोगी आधार पर विभिन्न श्रेणियों के 40 पद भरने को भी स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्रिमंडल ने चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के शिक्षकोें/वैज्ञानिकों को सातवें वेतन आयोग के अनुसार संशोधित वेतनमान प्रदान करने को भी स्वीकृति प्रदान की। इससे विश्वविद्यालय के 240 से अधिक शिक्षकों को लाभ मिलेगा।

मंत्रिमंडल ने कैडर समीक्षा समिति की अनुशंसा पर हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवाओं की कुल कैडर क्षमता 228 से बढ़ाकर 246 करने को भी स्वीकृति प्रदान की। मंत्रिमंडल ने सिरमौर जिला की कमरऊ तहसील में 11 पटवार वृतों को पुनर्गठित कर सात नए पटवार वृत सृजित करने और इनके लिए आवश्यक पदों के सृजन एवं भरने को स्वीकृति प्रदान की।
बैठक मेें कांगड़ा जिले के उप स्वास्थ्य केंद्र गाहलियां को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्तरोन्नत करने और आवश्यक पदों के सृजन एवं भरने की स्वीकृति प्रदान की गई।

मंत्रिमंडल ने मंडी जिला की निहरी तहसील के जनोह में आवश्यक पदों के सृजन एवं भरने के साथ स्वास्थ्य उपकेंद्र खोलने की भी स्वीकृति प्रदान की। बैठक में कांगड़ा जिला के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तकीपुर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्तरोन्नत कर आवश्यक पदों को सृजित कर भरने की स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्रिमंडल ने कुल्लू जिला की बंजार तहसील के स्वास्थ्य उपकेंद्र दयोरी को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्तरोन्नत करने और आवश्यक पदों के सृजन एवं भरने को स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमंडल ने कुल्लू जिला की बंजार तहसील के स्वास्थ्य उपकेंद्र बठाड़ को आवश्यक पदों के सृजन एवं भरने के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्तरोन्नत करने की स्वीकृति प्रदान की।

मंत्रिमंडल ने कांगड़ा जिला की ग्राम पंचायत रानीताल में आवश्यक पदों के सृजन एवं भरने के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने को स्वीकृति प्रदान की। बैठक में मंडी जिला के बालीचौकी क्षेत्र के चोड़ी बटवाड़ा में स्वास्थ्य उपकेंद्र खोलने और इसके लिए आवश्यक पदों के सृजन एवं भरने को स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक में सिरमौर जिला के कोटला बांगी (राजगढ़) में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने और इसके लिए आवश्यक पदों के सृजन एवं भरने को स्वीकृति प्रदान की गई।

मंत्रिमंडल ने मंडी जिला की चच्योट तहसील की ग्राम पंचायत गुडार में आवश्यक पदों के सृजन एवं भरने के साथ उप स्वास्थ्य केंद्र खोलने को स्वीकृति प्रदान की। बैठक में मंडी जिला की थुनाग तहसील के केयोली में आवश्यक पदों के सृजन एवं भरने के साथ उप स्वास्थ्य केंद्र खोलने को स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक में कांगड़ा जिला की सुलह विधानसभा क्षेत्र में नया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने तथा आवश्यक पद सृजित कर भरने का निर्णय लिया गया।

बैठक में मण्डी जिला के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बागाचनोगी को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में स्तरोन्नत करने तथा आवश्यक पद सृजित कर भरने का निर्णय लिया गया। बैठक में मण्डी जिला के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बालीचौकी को 50 बिस्तर की क्षमता वाले नागरिक अस्पताल में स्तरोन्नत करने तथा आवश्यक पद सृजित कर भरने का निर्णय लिया गया।

मंत्रिमंडल ने मंडी जिला की जोगिन्द्रनगर तहसील की ग्राम पंचायत गुम्मा में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने के साथ आवश्यक पदों को सृजित कर भरने का निर्णय लिया। बैठक में कांगड़ा जिला के स्वास्थ्य उपकेन्द्र राजनाल को स्तरोन्नत कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में स्तरोन्नत करने तथा आवश्यक पदों को सृजित कर भरने को स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक में मण्डी जिला की बालीचौकी तहसील के धंडाली में स्वास्थ्य उपकेन्द्र खोलने के साथ आवश्यक पदों को सृजित कर भरने को स्वीकृति प्रदान की गई।
मंत्रिमंडल ने कांगड़ा जिला के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कंडबाड़ी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में स्तरोन्नत करने के साथ ही आवश्यक पदों को सृजित कर भरने को स्वीकृति प्रदान की।

बैठक में कांगड़ा जिला की पालमपुर तहसील के होल्टा में स्वास्थ्य उपकेन्द्र खोलने के साथ आवश्यक पदों को सृजित कर भरने का निर्णय लिया गया। बैठक में ऊना जिला की राजकीय प्राथमिक पाठशाला गगोह को राजकीय केन्द्रीय प्राथमिक पाठशाला में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने मण्डी जिला के गोथला, कांढी एवं जैशला में नई प्राथमिक पाठशालाएं खोलने को स्वीकृति प्रदान की।

बैठक में कुल्लू जिला के शिक्षा खंड कुल्लू के अंतर्गत बलरगा में नई प्राथमिक पाठशाला खोलने का निर्णय लिया गया।
मंत्रिमंडल ने सिरमौर जिला के प्रारंभिक शिक्षा खंड कार्यालय पांवटा साहिब, सतौन व कफोटा का पुनर्गठन कर खोदोवाला में नया प्रारंभिक शिक्षा खंड कार्यालय खोलने का निर्णय लिया। बैठक में मण्डी जिला की ग्राम पंचायत सोमगार्ड के धनोट गांव में नई प्राथमिक पाठशाला खोलने को स्वीकृति प्रदान की गई।

बैठक में मण्डी जिला के राजकीय प्राथमिक पाठशाला केल्टी और थुनारीगढ़ को राजकीय केन्द्रीय प्राथमिक पाठशाला बनाने की भी स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्रिमंडल ने कुल्लू जिला के कुमारहट्टी गांव (मनाली क्षेत्र) में नया पशु औषधालय खोलने के साथ ही आवश्यक पदों को सृजित कर उन्हें भरने का भी निर्णय लिया। बैठक में मण्डी जिला के थुनाग के शिहाल गांव में नया आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने के साथ आवश्यक पदों को सृजित कर भरने का निर्णय लिया गया।

मंत्रिमंडल ने बैजनाथ तहसील पटवार वृत्त बीड़ का पुनर्गठन कर चौगान में नया पटवार वृत्त खोलने का निर्णय लिया। बैठक में मण्डी जिला की चच्योट तहसील के तहत छपराहन में नया पटवार वृत्त खोलने का निर्णय लिया गया। बैठक में परवाणू शहरी और परवाणू ग्रामीण में दो नए पटवार वृत्त बनाने की स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्रिमंडल ने सीजीएसटी मंडल एवं सीजीएसटी रेंज मण्डी के लिए कार्यालय भवन एवं आवासीय आवास निर्माण के लिए केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के नाम बिक्री आधार पर 2,17,89,414 रुपये शुल्क के साथ नियमित स्वामित्व में भूमि हस्तान्तरित करने की स्वीकृति प्रदान की।

बैठक में सोलन जिला में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जोघों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के रूप में स्तरोन्नत करने व आवश्यक पदों के सृजन एवं भरने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण के साथ मण्डी इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटिड नाम से संयुक्त उद्यम की स्थापना को भी मंजूरी प्रदान की। इसमें प्रदेश सरकार की 51 प्रतिशत पूंजीगत हिस्सेदारी तथा और भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण की 49 प्रतिशत पूंजीगत हिस्सेदारी होगी।

बैठक में आवश्यक पदों के सृजन एवं भरने के साथ-साथ मण्डी जिले के पंजाईं एवं शिल्लीबागी में उद्यान प्रसार केन्द्र खोलने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने खौली-द्वितीय और 126 मेगावाट की छतड़ू पन बिजली परियोजनाओं को अपफ्रंट प्रीमियम की दरों पर बीओओटी आधार पर नियम एवं शर्तों के अनुसार निजी क्षेत्र को आवंटित करने का निर्णय लिया।

बैठक में शिमला जिले के शोघी औद्योगिक क्षेत्र में पर्यटन एवं यात्रा संबंधी सेवाओं की स्थापना के लिए 1000 वर्ग मीटर की सीमा शर्त में ढील देते हुए 500 वर्ग मीटर करने को मंजूरी प्रदान की गई। बैठक में आवश्यक पदों के सृजन एवं भरने के साथ-साथ मण्डी जिले के बालीचौकी में ओक टसर रेशम उत्पादन प्रभाग स्थापित करने का निर्णय लिया गया।

मंत्रिमंडल ने डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के शिक्षकों और इनके समकक्ष कैडर के अधिकारियों को 1 जनवरी 2016 से यूजीसी के तर्ज पर संशोधित वेतनमान प्रदान करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने हमीरपुर जिला के भरठियां के राजकीय उच्च विद्यालय को वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला तथा सिरमौर जिले की राजकीय माध्यमिक पाठशाला पनयाली को राजकीय उच्च पाठशाला में स्तरोन्नत करने का निर्णय लिया।

बैठक में मण्डी जिला की प्राथमिक पाठशाला भलवाड़ और तुंगाधार, बिलासपुर जिला की राजकीय प्राथमिक पाठशाला शोरा ब्यूंस, साई खारसी और पिपल घाट, कांगड़ा जिला की राजकीय प्राथमिक पाठशाला बडुखर, सिरमौर जिला की राजकीय प्राथमिक पाठशाला भूपपुर, कुल्लू जिला की प्राथमिक पाठशाला मनिहार, कोइशुधर, खद्याणा, रामनगर, रास्कट और डोभी, शिमला जिला की राजकीय प्राथमिक स्कूल दावन को राजकीय माध्यमिक पाठशालाओं में स्तरोन्नत करने के साथ आवश्यक पदों के सृजन एवं भरने का निर्णय लिया गया।

बैठक में प्रदेश में हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटिड द्वारा संचालित किए जा रहे सभी विद्यालयों को स्टाफ सहित शिक्षा विभाग में हस्तांतरित करने की सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की गई। इस संबंध में प्रस्ताव मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, जिन्हें इस संबंध में आगामी कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया गया। बैठक में कुल्लू जिला की राजकीय प्राथमिक पाठशाला रंबी तथा शरई तथा जिला बिलासपुर की राजकीय प्राथमिक पाठशाला संदयार को स्तरोन्नत करने तथा आवश्यक पदों को सृजित कर भरने का निर्णय लिया गया।

कांग्रेस छोड़ बीजेपी में जाने की चर्चाओं पर क्या बोले सुधीर शर्मा?

मृत्युंजय पुरी, धर्मशाला।। पूर्व मंत्री और धर्मशाला के पूर्व विधायक सुधीर शर्मा ने कहा है कि वह कांग्रेस छोड़कर नहीं जा रहे हैं और इस संबंध में कुछ लोग अफवाहें फैला रहे हैं जो गलत है। दरअसल, कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष हर्ष महाजन ने बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में भाजपा का दामन थाम लिया।

इस बीच ऐसी भी चर्चाएं हैं कि सुधीर शर्मा और जयसिंहपुर के पूर्व विधायक यादविंदर गोमा भी कांग्रेस छोड़ सकते हैं। मगर सुधीर शर्मा ने फोन पर हुई बातचीत में ‘इन हिमाचल’ को बताया कि वह कांग्रेस नहीं छोड़ रहे। उन्होंने कहा, “जैसे हम पहले कांग्रेस की विचारधारा को फैलाते रहे हैं, वैसे ही आगे भी कांग्रेस को आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा। ये गलत अफवाहें फैलाई जा रही हैं।”

चुनाव के लिए एक महीने का ही वक्त बचा है और अगले महीने कभी भी आचार संहिता लग सकती है। उससे पहले हिमाचल में कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं का इधर-उधर जाना जारी है।

मुख्य चेहरों की बात करें तो अब तक कांग्रेस से कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष और कांगड़ा के विधायक पवन काजल और नालागढ़ के विधायक लखविंदर राणा बीजेपी में आ चुके हैं। इसी तरह कांगड़ा के पूर्व विधायक सुरेंद्र काकू बीजेपी छोड़ कांग्रेस में गए हैं। वहीं, बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष खीमी राम ने कांग्रेस जॉइन की है।

पहले हम दुनिया की हां में हां मिलाते थे, आज दुनिया हमारे स्वर में मिलाती है स्वर: धूमल

हमीरपुर।। “पहले जो दुनिया कहती थी हम उस में हां मिलाते थे लेकिन आज जो हम कहते हैं वही दुनिया कहती है।” वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने हमीरपुर के एक निजी शिक्षण संस्थान में नेहरू युवा केंद्र द्वारा आयोजित जिला स्तरीय युवा उत्सव में उपस्थित युवाओं का जोश बढ़ाते हुए अपने संबोधन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि आज और 60 वर्ष पहले में क्या अंतर है हम आज भी आजाद हैं और हम 60 वर्ष पहले भी आजाद थे। तब अमेरिका जैसे बड़े देश हमें कहते थे कि हमारी आर्थिक नीतियां खराब हैं हमें उनकी हां में हां मिलाने पड़ती थी लेकिन आज परिस्थितियां बदली हुई हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “एक हफ्ता पहले समरकंद में विश्व के सात आठ बड़े चीन रूस भारत इत्यादि देशों की बैठक हुई जिसमें किसी की हिम्मत ना पड़ी कि पुतिन को सामने से कुछ कह पाए लेकिन हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब उनसे आमने सामने बैठ कर बात की तो सीधे दो टूक शब्दों में कहा यह समय युद्ध का नहीं यह समय विकास का है। बाद में उसी हफ्ते जब यूनाइटेड नेशंस की बैठक हुई तब फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्लो और अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन ने हमारे प्रधानमंत्री की बात को दोहराते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी बिल्कुल सही कह रहे हैं। यह परिवर्तन आया है।”

विज्ञापन

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सौभाग्य से हमें ऐसा नेतृत्व मिला है जिसके माध्यम से हमारा स्वाभिमान जग रहा है आज विश्व भर में पर्यावरण संरक्षण और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में हमारे देश के माध्यम से काम हो रहा है विश्व भर में हमारा देश इसका प्रतिनिधित्व कर रहा है यह हमारे लिए गर्व का विषय है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस बार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमें पांच प्रण दिलाएं हैं पहला प्रण है विकसित भारत उस दिशा में हम आप सब के सहयोग से आगे बढ़ रहे हैं गुलामी की सोच से मुक्त होने का मतलब हीन भावना की सोच से मुक्त होना है जो सदियों तक हमारे देश पर राज करने वालों ने हमारे दिमाग में भर दी थी विरासत पर गर्व करना हम उस दौर से निकल चुके हैं जिसमें हमारी सोच को हीन भावना से ग्रस्त किया गया था अब हमें अपनी विरासत पर गर्व करना भी है और उसका मान सम्मान करना हमारा फर्ज भी है। आज के दौर में हम सभी एकजुट होकर रहेंगे तभी आगे बढ़ रहे हैं कोई कठिनाई आ भी गई तो उसका सामना देश कर रहा है। एक आदर्श नागरिक के कर्तव्य हम सबको पता होने चाहिए और अपने देश के लिए वह कर्तव्य हम सबको निभाने भी चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा शक्ति ही परिवर्तन लाती है फ्रांस में जब क्रांति हुई तब एक कवि ने लिखा जिंदा होना बहुत अच्छा नजारा है लेकिन युवा होना तो एकदम स्वर्ग जैसा है युवाओं को अपनी ताकत पहचाननी होगी और उसको एकत्रित कर सही लक्ष्य पर केंद्रित कर आगे बढ़ना होगा। बहुत अवसर मिल रहे हैं उन अवसरों को पहचानिए और आगे बढ़ी है युवाओं की सबसे बड़ी शक्ति उनका जोश है।

अंडर 19 नैशनल क्रिकेट टूर्नमेंट के लिए शिमला की 5 बेटियों का चयन

शिमला।। चेन्नई में होने जा रही अंडर-19 राष्ट्रीय क्रिकेट प्रतियोगिता के लिए शिमला जिले से पांच बेटियों का चयन हिमाचल प्रदेश की टीम के लिए हुआ है। प्रदेश की टीम में जगह पाने वाली लड़कियों के नाम हैं- अनाहिता सिंह, कृतिका कंवर, देवांशी वर्मा, कुशी चौहान और मनीषा रावत।

इसमें अनाहिता दिग्विजय सिंह हिमाचल क्रिकेट टीम की सबसे कम उम्र की खिलाड़ी हैं। पिछले कुछ सालों से मैहली की एक अडैमी में प्रैक्टिस कर रहीं अनाहिता ताराहाल स्कूल में आठवीं कक्षा में पढ़ती हैं। खास बात यह है कि वह इससे पहले इसी साल सीनियर चैलेंजर ट्रोफी में भी खेल चुकी हैं।

अनाहिता का सिलेक्शन धर्मशाला अकैडमी के लिए भी हुआ था। अनाहिता का कहना है कि कोरोना काल में की गई प्रैक्टिस से उन्हें बहुत फायदा हुआ है और इसी कारण वह नैशनल टूर्नमेंट के लिए प्रदेश की टीम में जगह बना पाई हैं।

इसके अलावा कृतिका कंवर पहली बार नैशनल टूर्नमेंट में हिस्सा लेंगी। वहीं देवांशी वर्मा का चयन दूसरी बार हिमाचल प्रदेश की टीम के लिए हुआ है। उनका चयन पिछली बार भी हुआ था और उन्होंने इंटर जोनल मैच भी खेला था। वह भी सीनियर टीम के लिए भी चुनी जा चुकी हैं।

इसी तरह चौपाल की मनीषा भी दूसरी बार नैशनल टूर्नमेंट के लिए चुनी गई हैं। वहीं कुशी चौहान तीसरी बार अंडर 19 टीम के लिए चुनी गई हैं।