शिमला।। देश का 74वां गणतंत्र दिवस आज पूरे प्रदेश में हर्षोल्लास व उत्साह के साथ मनाया गया। राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने शिमला के ऐतिहासिक रिज पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में तिरंगा फहराया और मार्च पास्ट की सलामी ली।
परेड का नेतृत्व 22-जम्मू और कश्मीर राइफल्स के परेड कमांडर लेफ्टिनेंट करण गोगना ने किया। समारोह में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू भी विशेष रूप से उपस्थित थे।
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मार्च पास्ट में सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस, हिमाचल प्रदेश सशस्त्र पुलिस, उत्तराखंड पुलिस, गृह रक्षक, अग्निशमन सेवाएं और हिमाचल प्रदेश डाक सेवाएं, आपदा प्रबन्धन, पूर्व सैनिक, एन.सी.सी. व एन.एस.एस. और भारत स्काउट एवं गाईड की टुकड़ियों ने हिस्सा लिया।
गणतंत्र दिवस समारोह में प्रदेश सरकार की विकासात्मक योजनाओं और कार्यक्रमों को दर्शाती आकर्षक झांकियां भी प्रस्तुत की गईं। इस अवसर पर सूचना एवं जन संपर्क द्वारा लोक कल्याण एवं समाज के कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए वर्तमान राज्य सरकार के निर्णयों और महत्वाकांक्षी पहल पर आधारित नाटिका प्रस्तुत की गई।
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इस अवसर पर चंबा, हमीरपुर, उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र जम्मू-कश्मीर, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय आनी, जिला कुल्लू, उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उत्तराखंड तथा जिला किन्नौर के सांस्कृतिक दलों ने आकर्षक प्रस्तुतियां दीं।
कार्यक्रम में पुलिस बैंड की मनमोहक प्रस्तुति भी आकर्षण का केन्द्र रहीं। पर्यटन विभाग की झांकी को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया।
इस अवसर पर राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश देते हुए सुख-आश्रय कोष में अधिक से अधिक अंशदान करने की अपील की। मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा, विधायक हरीश जनारथा, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, वरिष्ठ नागरिक, पुलिस और सैन्य अधिकारी, गणमान्य व्यक्ति और भारी संख्या में लोग इस अवसर पर उपस्थित थे।
राजेश वर्मा।। अंग्रेज़ी हुकूमत अडिग रही कि वह उनके लिए संविधान नहीं लिखेगी, तत्कालीन भारतीय सचिव लॉर्ड बिरकेनहेड ने 1925 में भारतीयों को हाउस ऑफ लॉर्ड्स में चुनौती देते हुए ललकार कर कहा कि ‘ … उन्हें (भारतीयों को) एक ऐसा संविधान बनाने दें जो भारत के महान लोगों के बीच सामान्य समझौते का एक उचित उपाय करता हो। …’। अर्थात ऐसी वैकल्पिक योजना के साथ आने की चुनौती दी जो सभी भारतीयों को स्वीकार्य हो।
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द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन में बनी लेबर पार्टी की सरकार ने 1946 में कैबिनेट मिशन की स्थापना कर दी, भारत आकर मिशन ने कांग्रेस और मुस्लिम लीग से बातचीत करके संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को की।
संविधान सभा के सदस्य वयस्क मताधिकार के आधार पर निर्वाचित हुए और इनका चुनाव जुलाई 1946 में संपन्न हुआ। 6 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की स्थापना हुई। कांग्रेस के 208 सदस्य, मुस्लिम लीग के 73 व अन्य 15 सदस्य निर्वाचित हुए। कुल 296 सदस्यों का चुनाव हुआ जबकि 93 सदस्य देसी रियासतों द्वारा मनोनीत हुए। इस तरह संविधान सभा में कुल 389 सदस्य बने । 11 दिसंबर 1946 को डाक्टर राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष चुन लिया गया। 15 अगस्त को देश स्वतंत्र हुआ लेकिन दो भागों में विभाजित हो गया। नए भारत के लिए संविधान सभा का कार्य बहुत महत्वपूर्ण हो चुका था। देश के सभी लोगों के लिए अधिकारों के साथ-साथ नए कानून बनाने की जिम्मेदारी भी संविधान सभा की थी। इसके लिए बहुत सी कमेटियां बनायी गयी।
29 अगस्त 1947 को गठित संविधान सभा की प्ररूप समिति का अध्यक्ष डाक्टर भीम राव आंबेडकर को बनाया गया। 1946 में संविधान लिखने के लिए बनायी गयी कमेटी के अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू थे, आसिफ अली, के टी सिंह, डाक्टर गॉडगिल, के एम मुंशी, हुमायूं कबीर, आर संथानम तथा एन. गोपाल स्वामी आयंगर इस कमेटी के सदस्य थे। जवाहरलाल नेहरू के अलावा सरदार पटेल, डाक्टर राजेंद्र प्रसाद और मौलाना आज़ाद ने भी संविधान निर्माण में अपना-अपना योगदान दिया लेकिन इन सबके बावजूद संविधान को बनाने और इसे पार्लियामेंट से पास करवाने का श्रेय डाक्टर भीम राव आंबेडकर को जाता है।
भारतीय नागरिकों को बराबरी का दर्जा चाहे वह मताधिकार की बात हो, छुआछूत के भेदभाव को ख़त्म करने की बात हो, धार्मिक स्वतंत्रता, सामाजिक व न्यायिक समानता,लैंगिक समानता जिनमें महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने, पिछड़े व अछूत समझे जाने वाले वर्ग के लोगों को नौकरियों व शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की आदि बात हो यह सब व्यवस्थाएं संविधान लागू होने से पहले किसी ने सपने में भी नहीं सोची थी, डाक्टर भीम राव आंबेडकर ने संविधान को इतना लचीला रखा कि जरूरी होने पर इसमें संशोधन भी किया जा सकता है।
भारत देश को एकजुट रखने के लिए पूरे देश के ज्यूडिशियल ढांचे व अखिल भारतीय सेवाओं की नीवं भी इनकी ही देन है जिसका प्रावधान संविधान में हुआ है।
संविधान को बनने में 2 साल 11 महीने और 17 दिन का समय लगा। 7600 के लगभग प्रस्ताव संशोधन के लिए सामने आए जिसमें से 2473 प्रस्तावों पर बहस उपरांत निपटारा किया गया। दिलचस्प बात यह भी है कि पूरा संविधान हाथ से लिखा गया,
संविधान को लिखने में जो 432 निब घिस गईं थी इन्हें इंग्लैंड से मंगावाया गया था।
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देश के प्रथम राष्ट्रपति डाक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 26 नवंबर 1949 को पार्लियामेंट में डाक्टर आंबेडकर की तारीफ करते हुए कहा था कि ” मैंने संविधान बनते देखा है, जिस लगन और मेहनत से संविधान प्रारूप समिति के सदस्यों और विशेषता डाक्टर आंबेडकर ने अपनी खराब सेहत के वाबजूद काम किया, मैं समझता हूँ कि डाक्टर आंबेडकर को इस समिति का अध्यक्ष बनाने के सिवाए कोई और अच्छा कार्य हमनें नहीं किया। उन्होंने न केवल अपने चुनाव को सही साबित किया बल्कि अपने कार्य को भी चार चांद लगा दिए।
(स्वतंत्र लेखक राजेश वर्मा लम्बे समय से हिमाचल से जुड़े विषयों पर लिख रहे हैं। उनसे vermarajeshhctu@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है)
हमीरपुर।। बुधवार को हिमाचल प्रदेश के 53वें पूर्ण राज्यत्व दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय समारोह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय (बाल) हमीरपुर में उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और पुलिस, होमगार्ड, भारतीय रिज़र्व बटालियन सकोह, एनसीसी तथा स्काउट एवं गाईड की टुकड़ियों द्वारा प्रस्तुत आकर्षक मार्चपास्ट की सलामी ली। मार्चपास्ट का नेतृत्व उप पुलिस अधीक्षक अंकित शर्मा ने किया।
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इस अवसर पर सम्बोधन के दौरान प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक हिमाचलवासी ने राज्य के विकास की लंबी यात्रा में अपना योगदान दिया है। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस पहाड़ी राज्य की प्रगति में प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. वाईएस परमार के योगदान का भी स्मरण किया। उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर, 2022 को प्रदेश की नई सरकार ने कार्यभार संभाला और व्यवस्था को सुधारने के लिए तेजी से काम करना आरम्भ किया। वर्तमान सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति शून्य-सहिष्णुता की नीति है और सत्ता संभालने के बाद भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि पेपर लीक मामले में हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग, हमीरपुर को निलंबित कर दिया गया है और अब चयन पूर्ण रूप से योग्यता के आधार पर निष्पक्षता और पारदर्शी तरीके से किया जाएगा।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। प्रदेश सरकार को करोड़ों रुपये का ऋण विरासत में मिला है। कर्मचारियों को एरियर के रूप में 4,430 करोड़ रुपये, पेंशनरों की देनदारी 5,226 करोड़ रुपये तथा कर्मचारियों और पेंशनरों को डीए 1,000 करोड़ रुपये बकाया हैं। इसके अलावा, पिछली सरकार ने अपने कार्यकाल के अन्तिम 9 महीनों में बजट का प्रावधान किए बिना 900 संस्थान खोले और स्तरोन्नत किए, इससे प्रदेश पर 5,000 करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ पड़ा। एनपीएस के लगभग 8,000 करोड़ रुपये केन्द्र सरकार के पास हैं। इन सभी कठिन परिस्थितियों के बावजूद राज्य सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा किया है, जिससे राज्य के लगभग 1.36 लाख कर्मचारियों को लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि ओपीएस को बहाल करना राजनीतिक निर्णय नहीं है अपितु यह निर्णय सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों के आत्मसम्मान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है, क्योंकि कर्मचारियों की राज्य के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों से प्रदेश सरकार की सभी योजनाओं का लाभ उन सभी पात्र व्यक्तियों तक पहुंचाने का आह्वान किया जो अभी तक इन योजनाओं के लाभों से वंचित हैं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पेंशनरों को लाभ प्रदान करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। ऋण के बोझ के बावजूद, राज्य सरकार अपने सभी वायदों को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है, लेकिन कठिन निर्णय भी अपरिहार्य हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि आगामी वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी, जिसके लिए समाज के हर वर्ग के सहयोग की आवश्यकता है। 44 दिनों के कार्यकाल में सरकार ने अपनी प्रतिबद्धताओं पर खरा उतरने के लिए हरसंभव प्रयास किए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 101 करोड़ रुपये की लागत से मुख्यमंत्री सुख-आश्रय सहायता कोष का गठन किया है। इसके माध्यम से जरूरतमंद बच्चों एवं निराश्रित महिलाओं को इंजीनियरिंग कॉलेज, आई.आई.आई.टी., एन.आई.टी., आई.आई.एम., आई.आई.टी., बहुतकनीकी संस्थानों, नर्सिंग एवं स्नातक महाविद्यालयों आदि में उच्च शिक्षा एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण उपलब्ध करवाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपना पूरा वेतन सुख-आश्रय सहायता कोष के लिए प्रदान किया है और सभी कांग्रेस विधायकों ने भी इस कोष के लिए एक-एक लाख रुपये का योगदान दिया है। राज्य सरकार वृद्धाश्रमों और आश्रय गृहों में रह रहे बच्चों की अभिभावक है। सरकार ने इन संस्थानों में रहने वालों को 10 हजार रुपये का परिधान भत्ता प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष प्रदान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि अनाथ आश्रमों, निराश्रित महिला आवासों और वृद्धाश्रमों में रहने वाले सभी लोगों को त्योहार भत्ते के रूप में 500 रुपये प्रदान करने का निर्णय लिया गया है ताकि ये लोग भी अन्य लोगों की भांति त्योहार मना सकें।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने व्यवस्था परिवर्तन के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि वर्तमान सरकार ने इसके दृष्टिगत कई महत्वाकांक्षी कदम उठाए हैं। वर्तमान सरकार शिक्षा नीति में भी बड़े बदलाव लाने के प्रयास कर रही है ताकि गरीब बच्चों को पढ़ने और आगे बढ़ने के समान अवसर प्राप्त हों। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल चरणबद्ध तरीके से खोले जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने रोजगार सृजन पर बल देते हुए कहा कि रोजगारपरक शिक्षा समय की मांग है। युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए रोबोटिक्स, ब्लॉक चेन तकनीक, साइबर सुरक्षा, क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटा साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे नए तकनीकी पाठ्यक्रमों को आई.टी.आई., बहुतकनीकी संस्थानों एवं इंजीनियरिंग कॉलेजों के पाठ्यक्रम में अगले शैक्षणिक सत्र से शामिल किया जाएगा।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था में पर्यटन की महत्वपूर्ण भूमिका है और प्रदेश सरकार इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी ताकि स्थानीय लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर प्रदान किए जा सकें और पर्यटन को ग्रामीण स्तर तक बढ़ावा दिया जा सके। युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए भी पर्यटन परियोजनाओं को स्टार्ट-अप योजना से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार प्रदेश के युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को ध्यान में रखते हुए सरकार नई निवेश नीति लाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों और बागवानों की आय बढ़ाने के लिए भी काम कर रही है। हिमाचल प्रदेश को फल राज्य के नाम से जाना जाता है और फलों के दाम तय करने लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने राज्य के पर्यावरण को संरक्षित करने और हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2025 तक देश का पहला हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए जल विद्युत, हाइड्रोजन और सौर ऊर्जा का दोहन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। राज्य में हरित उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे निर्यात में वृद्धि होगी। प्रदेश सरकार आगामी वित्त वर्ष में 500 मेगावाट क्षमता तक की सौर परियोजनाएं स्थापित करेगी। राज्य सरकार ने प्रदेश में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने का भी निर्णय लिया है। इसके लिए चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर बल देते हुए कहा कि इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला, डॉ. राधा कृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर और डॉ. राजेन्द्र प्रसाद चिकित्सा महाविद्यालय टांडा में शीघ्र ही रोबोटिक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया। उन्होंने कौशल्या देवी धर्मपत्नी स्व. दित्तू राम, शीला देवी धर्मपत्नी स्व. चौधरी राम, आतो देवी धर्मपत्नी स्व. लतूरिया राम, दुर्गी देवी धर्मपत्नी स्व. गंगा राम और बंती देवी धर्मपत्नी स्व. गरीब दास को सम्मानित किया। उन्होंने न्यू आजीविका स्वयं सहायता समूह विकास खण्ड नादौन, अनमोल स्वयं सहायता समूह विकास खण्ड भोरंज एवं दिव्यांग खिलाड़ी राजन कुमार व समारोह के प्रतिभागियों को भी सम्मानित किया।
इस अवसर पर प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों को प्रदर्शित करती अग्निशमन एवं गृहरक्षक की झांकी, परिवहन विभाग, हिमाचल पथ परिवहन निगम, पर्यटन विभाग, लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, कृषि विभाग, बागवानी विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, विद्युत बोर्ड, ग्रामीण विकास विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा उद्योग विभाग द्वारा झांकियां निकाली गईं।
पहचान संस्था, लोक नृत्य दल जिला चम्बा, परमार्थ इंटरनेशनल स्कूल, निधि डोगरा, सांस्कृतिक दल जिला कुल्लू, हमीर पब्लिक स्कूल, सांस्कृतिक दल जिला शिमला और पुलिस के एकलव्य ग्रुप ने आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, कृषि मंत्री चन्द्र कुमार, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष रघुबीर सिंह बाली, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, मोहन लाल ब्राक्टा, चौधरी राम कुमार, किशोरी लाल, विधायकगण, पूर्व विधायक, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, उपायुक्त हमीरपुर देबश्वेता बनिक, पुलिस अधीक्षक आकृति शर्मा, गणमान्य व्यक्ति और भारी संख्या में लोग उपस्थित थे।
इन हिमाचल डेस्क।। आर्थिक मुश्किलों का सामना कर रहे भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान को लोन देने से अंततराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने इनकार कर दिया है। पाकिस्तान दस अरब डॉलर का लोन तुरंत चाहता है मगर आईएमएफ ने पाकिस्तान से कुछ अतिरिक्त जानकारियां मांगी थीं।
पाकिस्तान अगर किसी तरह बड़ी रकम का प्रबंध नहीं कर सका तो उसकी आर्थिक मुश्किलें बढ़ जाएंगी। हालात ऐसे भी पैदा हो सकते हैं कि उसे कर्मचारियों को वेतन भी रोकना पड़ सकता है। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, वहां की सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन में दस फीसदी तक की कटौती करने की योजना बनाने पर विचार शुरू कर दिया है।
आईएमएफ की ओर से इनकार होने के बाद पाकिस्तान का आर्थिक संकट और गहराने की आशंका जताई जा रही है। पाकिस्तान को उम्मीद थी कि आईएमएफ उसकी मदद करेगी मगर ऐसा हुआ नहीं। शाहबाज शरीफ सरकार ने आईएमएफ से अनुरोध किया था कि एक टीम भेजकर समीक्षा करें मगर आईएमएफ ने इससे भी इनकार कर दिया है।
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 4.3 बिलियन डॉलर के निम्नतम स्तर पर पहुंच चुका है। पाकिस्तान ने आर्थिक बदहाली से पार पाने के लिए अपने करीबी देशों से भी संपर्क किया था मगर फिलहाल उसे निराशा ही हाथ लगी है। आर्थिक संकट कितना गहरा है, इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वहां पर हाल ही में बिजली की दरों में तीस और गैस की कीमतों में सत्तर प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
शिमला।। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के आधिकारिक फेसबुक पेज पर हुई एक बड़ी चूक चर्चा का विषय बन गई है। शनिवार को सीएम के पेज पर एक पोस्ट में बिजली विभाग के उन कर्मचारियों का जिक्र किया गया था जिन्होंने भारी बर्फबारी के बाद बिजली आपूर्ति बहाल की थी। इन कर्मचारियों ने तीन फुट गहरी बर्फ पर चलकर यह काम किया। मुख्यमंत्री ने इस काम के लिए कर्मचारियों की तारीफ की और यह बताया कि इन्हें प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया है। मगर समस्या यह थी कि सीएम के मुताबिक ये कर्मचारी लाहौल स्पीति के थे जबकि सरकार के सूचना एवं जन संपर्क विभाग के अनुसार, ये कर्मचारी शिमला जिले के डोडरा क्वार के थे।
पहले लाहौल स्पीति के बताए थे कर्मचारी
सरकार का विभाग कर्मचारियों को डोडरा क्वार (शिमला) का बता रहा था जबकि सीएम के अनुसार ये लाहौल स्पीति के थे। इस विरोधाभासी जानकारी के कारण पत्रकारों में भी असमंजस बना रहा कि डोडरा क्वार के कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र दिया गया या फिर लाहौल स्पीति के। असमंजस की यह स्थिति रविवार सुबह टूटी जब सीएम के पेज पर पोस्ट को एडिट करके डोडरा-क्वार लिखा गया। यानी पहले गलत जानकारी पोस्ट कर दी गई थी। सीएम के पेज पर सम्बंधित पोस्ट की एडिट हिस्ट्री में जाकर इसे देखा जा सकता है।
अब डोडरा क्वार लिखा गया है
मामूली नहीं है यह चूक मुख्यमंत्री के आधिकारिक फेसबुक पेज पर सबकी निगाहें रहती है। मगर पिछले कुछ समय से देखने को मिल रहा है कि इसमें काफी गलतियां होती हैं। अधिकतर गलतियां भाषा और वर्तनी की होती हैं जिन्हें नजरअंदाज भी किया जा सकता है। मगर तथ्य ही गलत हों तो फिर चिंता पैदा होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि सीएम या बड़े नेता अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर हर पोस्ट स्वयं डालें, यह संभव नहीं होता। ऐसे में उनके सोशल मीडिया हैंडल्स को संभालने वालों पर एक बड़ी जिम्मेदारी होती है कि वे जो भी पोस्ट करें, वह तथ्यों पर आधारित हो।
जब टीम की लापरवाही से मुश्किल में फंसे थे वीरभद्र सोशल मीडिया पर की जाने वाली गलतियां पहले भी नेताओं को मुश्किल में डालती रही हैं। एक उदाहरण तो हिमाचल प्रदेश का ही है जब दिवंगत वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। 2017 में जब कोटखाई रेप ऐंड मर्डर केस, जिसे सभी गुड़िया कांड के नाम से जानते थे, पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ था और प्रदेश के लोगों की भावनाएं भी उफान पर थीं।
दोषियों को पकड़ने की मांग को लेकर प्रदेश भर में प्रदर्शन हो रहे थे। इसी बीच वीरभद्र सिंह के फेसबुक पेज पर कुछ लोगों की तस्वीरें पोस्ट करके कहा गया कि इन दोषियों को पकड़ लिया गया है। बाद में इन तस्वीरों को हटा दिया गया। जब लोगों ने पाया कि पुलिस द्वारा पकड़े गए लोग उन लोगों से अलग हैं जिनकी तस्वीरें पोस्ट की गई थीं तो यह अवधारणा बन गई कि असल दोषियों को बचाने की कोशिश की जा रही है। तब सुखविंदर सिंह सुक्खू कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष थे। उनका कहना था कि सीएम के पेज से कुछ संदिग्धों के फोटो शेयर होने और बाद में पुलिस द्वारा अन्य आरोपियों को पकड़ने से ही जनता उग्र हुई।
तस्वीरों को पोस्ट करने और हटाने के कारण ही आज भी लोगों और गुड़िया के परिजनों तक का मानना है कि असली दोषी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं। नतीजा यह हुआ कि लोग सड़कों पर उतर आए और यह मामला एक बड़ा राजनीतिक विषय भी बन गया। राजनीतिक विश्लेषकों का यह भी मानना है कि सीएम के पेज पर हुई इस गतिविधि का नुकसान कांग्रेस को 2017 के चुनावों में भी झेलना पड़ा था।
तब मुख्यमंत्री के पेज पर ऐडमिन की तरफ से एक पोस्ट के जरिए सफाई दी गई थी कि तस्वीरें टेक्निकल एरर की वजह से अपलोड हुई थीं और कुछ ही सेकंडों के अंदर हटा ली गई थीं। मगर लोगों ने सवाल उठाते थे कि कौन सी अनोखी टेक्निकल एरर है कि अपने आप ही फोटो फेसबुक पर अपलोड हो गए। सीबीआई ने गुड़िया प्रकरण की जांच के दौरान उस समय वीरभद्र सिंह के सोशल मीडिया हैंडल्स को संभालने वालों से पूछताछ भी की थी।
भरोसा कायम रखने के लिए गंभीरता जरूरी देखा जा रहा है कि प्रदेश सरकार का सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग भी ऐसे विषयों को लेकर सचेत नहीं है। मुख्यमंत्री के नाम को कहीं सुक्खू लिखा जा रहा है तो कहीं पर सुखु। वैसे तो सोशल मीडिया पर सभी से यह अपेक्षा की जाती है कि वे कुछ भी शेयर करने से पहले शत प्रतिशत आश्वस्त हों कि वे प्रामाणिक बातें ही शेयर करें। मगर नेताओं, अधिकारियों और विभागों आदि पर तो यह जिम्मेदारी और भी ज्यादा होती है। वरना सोशल मीडिया पर बरती जाने वाली लापरवाही राजनेताओं, पार्टी, सरकार और यहां तक कि पूरे सिस्टम की साख को खत्म कर सकती है।
मृत्युंजय पुरी, धर्मशाला।। नगरोटा बगवां क्षेत्र के विधायक रघुबीर सिंह बाली को सरकार ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाते हुए कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया है। इसी के साथ बाली हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के भी चेयरमैन होंगे।
आरएस बाली ने शुक्रवार को नगरोटा में प्रेस वार्ता कर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का धन्यवाद किया और कहा कि हिमाचल प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देना उनका लक्ष्य रहेगा। आरएस बाली ने कहा, “हिमाचल प्रदेश में क्वॉलिटी फूड, क्वॉलिटी होटल और लोकल फूड को बढ़ावा देना उनकी प्राथमिकताओं में होगा।”
आरएस बाली ने कहा कि देवी धाम कॉन्सेप्ट के तहत टूरिस्ट हिमाचल से कम से कम 2 से 3 दिन तक रुकें, इसके लिए काम किया जाएगा। इसके साथ साथ बोटी (हिमाचल के परंपरागत शेफ़) द्वारा बनाई जाने वाली धाम के माध्यम से भी हिमाचल में टूरिस्ट को आकर्षित करने का काम किया जाए। उन्होंने गोल्फ कोर्स बनाने का भी जिक्र किया।
बाली ने कहा कि हिमाचल में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और इस दिशा में काम किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में विस्तृत योजना तैयार की जाएगी जिसकी रूप-रेखा बनाना उन्होंने शुरू कर दिया है।
पिता के बाद पुत्र को मिली पर्यटन के विकास की जिम्मेदारी आरएस बाली के पिता और कांगड़ा से दिग्गज नेता रहे जीएस बाली को पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई पहल करने के लिए याद किया जाता है। पर्यटन मंत्री रहे दिवंगत जीएस बाली के 2003 में पर्यटन विकास निगम और बोर्ड दोनों का जिम्मा था। उस समय उन्होंने होम स्टे कॉन्सेप्ट को बढ़ावा दिया था। उन्होंने मनाली में हिमालयन स्की विलेज तैयार करने की दिशा में भी कोशिश की थी। जीएस बाली के बाद पर्यटन विभाग के बोर्ड और निगम की जिम्मेदारी मुख्यमंत्रियों के पास ही रही। अब 20 साल बाद उनके बेटे को इन दोनों का दायित्व दिया गया है।
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इंदौरा।। भारत जोड़ो यात्रा के तहत हिमाचल से गुजर रहे राहुल गांधी को उस समय असहज स्थिति का सामना करना पड़ा जब महिलाओं ने उनसे 1500 रुपये के विषय में पूछ लिया।
छत पर खड़ी महिलाओं से बात करने के लिए रुके राहुल गांधी से किसी महिला ने पूछा कि 1500 रुपये प्रतिमाह कब दिए जाएंगे। राहुल गांधी ने महिला के सवाल के जवाब में कहा- जल्दी मिलेंगे।
Image, courtesy: Amar ujala
दरअसल, कांग्रेस ने सभी महिलाओं को 1500 रुपये देने का वादा करते हुए चुनाव से पहले गारंटी पत्र भी भरवाए थे। कांग्रेस नेताओं का कहना था कि दिसंबर में कांग्रेस की सरकार बनते ही हर महीने पैसे देना शुरू कर दिया जाएगा।
मगर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि गारंटियां पांच साल में लागू होंगी और संसाधन बढ़ने पर धीरे धीरे महिलाओं को पैसे दिए जाएंगे। अभी पहली कैबिनेट में यह फैसला लिया गया है कि मंत्रियों की एक उप समिति एक महीने खाका तैयार करेगी कि पहले किन महिलाओं को किस तरह से रुपये देने हैं।
नई दिल्ली।। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का कार्यकाल एक वर्ष बढ़ने पर बधाई दी है। उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने नड्डा के अध्यक्ष रहते कई उपलब्धियां हासिल की हैं और आगे भी यह सिलसिला जारी रहेगी।
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हर हिमाचलवासी के लिए यह गर्व की बात है कि एक छोटे से पहाड़ी प्रदेश का बेटा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी का नेतृत्व कर रहा है। जयराम ठाकुर ने कहा कि जेपी नड्डा के नेतृत्व में बीजेपी नौ राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के साथ-साथ 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनावों में भी जीत हासिल करेगी।
ठाकुर ने कहा, “यह खुशी की बात है कि बेहतरीन संगठन क्षमता और सभी को साथ लेकर चलने वाले जगत प्रकाश नड्डा जी का कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ा है। इस दौरान होने वाले नौ राज्यों के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी उनके मार्गदर्शन में जीत हासिल करेगी। इसके साथ ही 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भी पार्टी फिर जीत का रिकॉर्ड बनाएगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में यह जीत 2019 से भी बड़ी होगी।”
शिमला।। शुक्रवार को सुक्खू सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली को मंजूरी मिलने के बाद अब कर्मचारी नोटिफिकेशन का इंतजार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा था कि आज शाम को ही नोटिफिकेशन आ जाएगी। मगर अब तक यह नोटिफिकेशन नहीं आ पाई है।
कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से कई आदेश देर रात और अवकाश के दिन भी सामने आए हैं। ऐसे में कर्मचारियों को उम्मीद थी कि शुक्रवार देर रात या शनिवार को नोटिफिकेशन आ सकती है। मगर शनिवार को सेकेंड सैटरडे का अवकाश होने के कारण ऐसा नहीं हो पाया। आज रविवार है, ऐसे में सोमवार को नोटिफिकेशन जारी हो सकती है।
दरअसल, कर्मचारियों को नोटिफिकेशन का इंतजार इसलिए है क्योंकि वे जानना चाहते हैं कि ओपीएस बहाली का मॉडल क्या होगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कह चुके हैं कि हिमाचल का ओपीएस का अपना मॉडल होगा। पत्रकारों ने उनसे पूछा था कि क्या हिमाचल में छत्तीसगढ़ का मॉडल अपनाया जाएगा। इस पर उन्होंने कहा था कि हिमाचल का अपना मॉडल होगा जिसे छत्तीसगढ़ मॉडल के आधार पर तैयार किया गया है।