14 C
Shimla
Saturday, September 13, 2025
Home Blog Page 332

फिर बिगड़े नीरज भारती के बोल, पीएम मोदी को कहा ‘भौंकने वाला’

कांगड़ा।।

ज्वाली से विधायक एवं हिमाचल प्रदेश के मुख्या संसदीय सचिव शिक्षा नीरज भारती की बेबाक टिप्पिणिया थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं। प्रधानमंत्री की निशाना बनाया गया है। प्रधानमंत्री के छप्पन इंच के सीने वाले ब्यान पर तंज कसते हुए भारती ने एक पोस्ट को शेयर किया है।

इमेज रुपी इस पोस्ट में गुरदासपुर अटैक का जिक्र है। यह किसी औऱ की पोस्ट है, जिसे भारती ने रीशेयर किया है। इसमें लिखा गया है, ‘ये भौंकेंद्र मोदी बस भौंकता ही रहेगा या कराची जा कर काटेगा भी ! कुछ तो भौंको अंधभक्त भौंकुओ !”

गौरतलब है की कल रात को डाली गयी इस पोस्ट को लगभग 100 लोगों ने पसंद किया है एवं 16 लोगों ने इस पर टिप्पणियाँ भी की हैं। हिमाचल बीजेपी समय समय पर इस मुद्दे को उठाती रही है। सतपाल सत्ती ने इस मामले में नीरज भारती के खिलाफ मुख्यमंत्री को संज्ञान लेने की मांग भी की। परन्तु अपने ऊना प्रवास के दौरान मुख्यमंत्रीं वीरभद्र सिंह ने कहा था की बीजेपी के लोग भी ऐसे अभद्र पोस्ट शेयर करते हैं तो हमारे भी करेंगे।

धूमल-शांता गुटों में मारामार, नड्डा के लिए रास्ता तैयार !

सुरेश चंबियाल 


यूँ तो शांता कुमार को लेटर बम फोड़े बहुत दिन हो गए हैं परन्तु हिमाचल प्रदेश की राजनीति में असल धमाके होना अब शुरू हुए हैं।  शांता विरोधी  गुट के नेता पहले तो चुप रहे परन्तु अब धीरे धीरे तीरों का रुख शांता की तरफ मोड़ दिया है।  हालाँकि शांता कुमार के पत्र विवाद के बाद केंद्रीय  बीजेपी   संग़ठन ने राजीव प्रताप रूडी के माध्यम से अपना वक्तत्व जारी किया एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रीं शिवराज सिंह चौहान ने  शांता कुमार को जो पत्र लिखा उसे बीजेपी ने अपनी वेबसाइट पर डाल कर इस विवाद से किनारा कर लिया। गौरतलब है की मामला और सुर्ख़ियों में न आये और मीडिया को मसाला न मिले इस चक्र में बीजेपी के बड़े नेता इस पत्र के सवालों से बचते रहे। 
परन्तु हिमाचल प्रदेश में हालत अलग है।  यहाँ मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह  के ऊपर लगे आरोपों पर शांता कुमार की चुप्पी को निशाना बनाकर धूमल गुट ने अभियान छेड़ दिया है।  पहले अनुराग ठाकुर ने शांता कुमार को नसीहत देते हुए ऊना में तंज़ कसा वहीँ धूमल  के ख़ास सिपहलसार कभी शांता के कट्टर समर्थक रहे देहरा के विधायक रविंदर सिंह रवि ने इस मुद्दे पर प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा की शांता कुमार को वीरभद्र सिंह का भरस्टाचार नजर नहीं आता जबकि उन्हें अपनी पार्टी की गरिमा को ठेस पहुंचाई है।  रवि यहीं नहीं रुके उन्होंने शांता कुमार  को दो टूक यह भी कह दिया की  किस आधार पर वो पंजाब में जीत का श्रेय ले रहे हैं , वहीं तो पार्टी जी सीटें कम हुयी थीं  ? गौरतलब है  केंद्रीय मंत्रीं  जगत  प्रकाश नड्डा  उस समय पंजाब में  सहप्रभारी थे।  रवि ने हिमाचल में भाजपा की हार के लिए भी शांता कुमार को ही जिम्मेवार ठहराया।  रविंदर रवि की इन टिपण्णियों का शांता कुमार क्या जबाब देते हैं यह तो आने वाला वक़्त बताएगा परन्तु यह बात तो अब तय हो गयी है अगले चुनाव में फिर  बीजेपी में आपस में ही तलवारे खींचने वाली हैं। 
लोग तो इसे शांता- धूमल गुटों की चिर खींचतान मान  रहे हैं परन्तु राजनैतिक पंडित इसमें अलग ही समीकरण देख रहे हैं।  राजनैतिक पंडितों का मानना है इस खींचतान से सब से अधिक फायदा केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा को हो रहा है।  प्रदेश में आने को आतुर नड्डा इस सारे मामले को बस बाहर से देख रहे हैं।  उनके ख़ास सिफालसार और प्रदेश मीडिआ  प्रभारी श्रीकांत शर्मा भी चुप्पी साधे हुए हैं और पार्टी को अनुशाशन का घोल नहीं पीला रहे हैं।

माना जा रहा है की धूमल- शांता गुटों में सदियों से  उलझती प्रदेश भाजपा को बाहर  निकालने और इस गुट बाज़ी को हमेशा के लिए खतम करने के लिए  प्रधानमंत्री मोदी एवं पार्टी अध्य्क्ष  अमित शाह नड्डा के हाथ में हिमाचल प्रदेश  की कमान सौंप सकते हैं।  जिस तरह से शांता कुमार अनुराग ठाकुर को दरकिनार करते हुए मोदी ने नड्डा की  केंद्रीय मंत्रिमंडल में एंट्री  और बीजेपी की टॉप संस्थाओं केंद्रीय चुनाव सीमिति एवं पार्लियामेंट्री बोर्ड में नड्डा को लिया है उस से यह साफ़ हो गया है की नड्डा को जल्द ही यह इशारा भी कर दिया जाएगा की हिमाचल प्रदेश का रुख करें।  अंदरखाते पार्टी कार्यकर्ता  भी दुखी हैं बड़े नेताओं की इस तरह की आपसी रार में उनका भी नुक्सान हो रहा है।  शिमला से भाजपा के एक दिग्गज नेता ने बातों बातों में कह भी दिया की अब पार्टी को आगे का सोचना चाहिए और नया बाँदा आना चाहिए।  खैर बीजेपी क्या करती है यह उसका मुद्दा है परन्तु  इसमें कोई दो राय  नहीं की सड़क तक पहुँच गयी भाजपा -गुटों की इस आपसी  रार में नड्डा के आने के आसार सब से प्रबल हैं और भविष्ये में यह मारामारी और बढ़ती है तो नड्डा को ही फायदा होने वाला है अगर वो मुख्यमंत्री बनाना चाहते हों तो हालाँकि इसी रार का नतीजा भाजपा पहले भी भुगत चुकी है और सत्ता से बआहार हुयी है।  

शिमला के होटलों में जिस्मफरोशी का नंगा नाच, 8 युवतियां अरेस्ट

शिमला।।

सोलन-शिमला मार्ग पर शोघी इलाके के एक होटल में सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है।  अमर उजाला में छपी खबर के अनुसार यहां बार बालाओं से पहले डांस और फिर जिस्मफरोशी का धंधा करवाया जा रहा था। पुलिस ने दबिश देकर यहां से आठ बार बालाओं और सत्रह लोगों को गिरफ्तार किया है। सभी बार बालाएं लुधियाना की रहने वाली बताई जा रही हैं। पकड़े गए पुरुष राजस्थान के हैं। दलाल भी पुलिस गिरफ्त से नहीं बच पाया। पुलिस ने मौके पर से शराब की बोतलें और कंडोम बरामद किए हैं। पुलिस ने करीब एक लाख रुपये भी रिकवर किए हैं। होटल संचालक और आरोपियों के खिलाफ थाना बालूगंज में मुकदमा दर्ज किया गया है।

रविवार को पुलिस को सूचना मिली कि शोघी के नजदीक एक निजी होटल में डांस की आड़ में जिस्मफरोशी का धंधा चल रहा है। वीकेंड पर यहां पार्टी चल रही है। सूचना मिलने के बाद एएसपी सिटी की अगुवाई में एक टीम ने होटल में दबिश दी। शराब की खाली बोतलें चारों ओर बिखरी हुई थीं, सब मदहोश थे। डांस का मजा ले रहे व्यक्तियों ने कहा कि वह राजस्थान से घूमने आए हैं। एक दलाल के मार्फत इस होटल में पहुंचे। इनमें अधेड़ उम्र के लोग भी शामिल हैं। एसपी शिमला डीडब्ल्यू नेगी ने बताया कि सेक्स रैकेट का धंधा चल रहा था। एएसपी सिटी भजन देव नेगी ने बताया कि पकड़े लोगों से पूछताछ की जा रही है। कई बड़े खुलासे होंगे।


बार बाला ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उन्हें डांस करवाने के लिए ही एक दलाल यहां लेकर आया है। डांस के दौरान अगर कोई कस्टमर उन्हें रूम में ले जाना चाहे तो उसके अलग से पैसे लिए जाते हैं।
 
 


चित्र  सांकेतिक है 
 
 
इनमें से कई बार बालाओं ने पुलिस को बताया कि उनका पति मर चुका है, तो कोई कह रही हैं कि उनके पति ने उन्हें छोड़ दिया है। पेट पालने की खातिर वह इस धंधे में उतर आईं। दलाल के माध्यम से ही वह लुधियाना से दूर जाकर होटल में बार बालाओं का काम करती हैं।

पंजाब के रहने वाले इस दलाल की जड़ें काफी मजबूत मानी जा रही हैं। पुलिस को अंदेशा है कि यह शिमला, आसपास के कई होटलों में इस तरह की पार्टियों को करवाता रहा होगा। पुलिस ने मौके पर से कुछ बैग भी बरामद किए हैं। 
इन बैगों में क्या है इसका पता छानबीन के बाद ही चल पाएगा। मौके से रुपये भी मिले हैं।

हेल्थ सर्विसेज की खस्ता हालत पर CM के IT सलाहकार ने सरकारों को लताड़ा

शिमला।।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के आईटी अडवाइजर गोकुल बुटेल ने प्रदेश की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था पर निशाना साधा है। उन्होंने इशारों में कहा है कि अब तक रही सरकारें प्रदेश में एक भी ऐसा अस्पताल नहीं बनवा पाईं, जहां पर जटिल ऑपरेशन किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसी वजह से राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तक को चंडीगढ़ के निजी अस्पताल में सर्जरी करवानी पड़ी।
बुटेल ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है, ‘हाल ही में हमारे राज्य के स्वास्थ्य मंत्री का चंडीगढ़ के एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन हुआ। मैं उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। हमारे स्वास्थ्य मंत्री को ऑपरेशन के लिए चंडीगढ़ जाने पड़े तो मैं सोचता हूं कि हिमाचल में अच्छे अस्पतालों की बहुत जरूरत है, भले ही वे प्राइवेट हों या सरकारी।’

गोकुल ने आगे लिखा है, ‘हम स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के मामले में देश में अग्रणी होने के दावे करते हैं, मगर प्रदेश में एक भी ऐसा अस्पताल नहीं है, जो जटिल सर्जरी कर सकता हो।’

गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में अब तक कांग्रेस और बीजेपी सरकारें बारी-बारी आती रही हैं और कांग्रेस अन्य दलों के मुकाबले ज्यादा सत्ता में रही हैं। इसीलिए गोकुल का यह बयान काफी अहमियत रखता है। इस तरह से गोकुल ने एक तरह से बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस की सरकारों पर भी निशाना साधा है, जिनके मुखिया उनके बॉस वीरभद्र सिंह रह चुके हैं और अभी भी हैं।
आगे गोकुल ने लिखा है, ‘मेरा मानना है कि एक के बाद एक आने वाली सरकारों और प्रदेश के लोगों को इस बारे में बीड़ा उठाना होगा। मैंने लोगों का जिक्र  इसलिए किया, क्योंकि उन्हें अपने चुने हुए प्रतिनिधियों के लिए अपनी  प्राथमिकताएं तय करनी होंगी। उन्हें तबादलों और अपना फायदा उठाने में ही व्यस्त नहीं रखना चाहिए।’
मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार का इस तरह से प्रदेश की सरकारों (वीरभद्र की सरकारों समेत) पर सवाल उठाना युवाओं को काफी पसंद आ रहा है। अपनी ही सरकार पर गोकुल की इस पोस्ट की युवा काफी तारीफ कर रहे हैं। वे इस बात से प्रभावित हैं कि गोकुल को बुटेल परिवार की वीरभद्र सिंह से करीबी के चलते यह पद मिला है, मगर वह इस बात की परवाह किए बगैर इस तरह बेबाकी से लिख रहे हैं।

हिमाचल सरकार ने तकनीकी विश्वविद्यालय को नहीं दिया बजट

शिमला।।
हिमाचल प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी हमीरपुर एमबीए और एमसीए नहीं करवाएगी।  अमर उजाला में छपी रिपोर्ट के अनुसार विवि ने शैक्षणिक सत्र 2015-16 से हमीरपुर स्थित विवि के कैंपस में मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमसीए) और मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (एमसीए) शुरू करने का निर्णय लिया था। इसी साल तकनीकी विवि की अकादमिक काउंसिल की मीटिंग में भी विवि कैंपस में एमबीए /एमसीए शुरू करने का फैसला लिया था।
हमीरपुर स्थित विवि के कैंपस में एमबीए/एमसीए शुरू करने में बजट और भवन की समस्या आड़े आ गई है। सरकार ने अपने बजट सत्र में प्रदेश तकनीकी विवि को बजट जारी नहीं किया। बजट के अभाव में तकनीकी विवि के भवन निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो पाया साथ ही विवि की अकादमिक काउंसिल की बैठक में जिला मुख्यालय पर अन्य खाली चल रहे सरकारी भवनों में एमबीए/एमसीए शुरू करने की योजना बनाई गई।
योजना के तहत पहले सीनियर सेकेंडरी स्कूल बाल हमीरपुर और दोबारा राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज बड़ू के खाली भवन में ये कोर्स शुरू करने का निर्णय लिया गया। इन दोनों भवनों को मेडिकल कॉलेज के लिए चयनित कर लिया गया। जिला प्रशासन ने तकनीकी विवि को कोई अन्य भवन भी मुहैया नहीं करवाया।
इसके चलते तकनीकी विवि ने अपने कैंपस में एमबीए और एमसीए शुरू करने इस फैसले को पलट दिया। हालांकि, राजीव गांधी इंजीनियरिंग कॉलेज नगरोटा बगवां में इसी सत्र से तीस सीटों के लिए एमबीए के लिए एडमिशन होगी।
कयास लागए जा रहे हैं की क्या यह सब मुख्यमंत्रीं के इशारे पर  हुआ है क्योंकि वित्त विभाग स्वंय मुख्यमंत्रीं देखते हैं और तकनिकी शिक्षा मंत्रीं  जी एस बाली के साथ उनका छत्तीस का आंकड़ा है  गौरतलब है की  बाली तकनिकी विश्व विद्यालय में सब तरह के कोर्स मुहेये करवाने की लगातार बात कह रहे थे।  बहरहाल अभी तक कोर्स शुरू ना हो पाने से  प्राइवेट संस्थाओं की चांदी हो गए है।  प्रदेश के छात्रों को इन कोर्सेज में दाखिल होने के लिए वहीँ का रुख करना पड़ रहा है।

‘CD’ वाले ठेकेदार को कौल सिंह के मंत्री रहते बिना काम किए मिली थी करोड़ों की पेमेंट

  •  सात दिन में उखड गई थी सड़क
  • ठेकेदार ने भावा हाइड्रो प्रॉजेक्ट को भी बेचे थे उपकरण, एक ही दिन में  हो गई थी ऑर्डर सप्लाई और पेमेंट
  • तकनीकी खराबी से  ठप पड़ा है प्रॉजेक्ट
शिमला।।
हाल ही में जिस ऑडियो सीडी में ठाकुर कौल सिंह का नाम आया है, उसमें एक ठेकदार से कई बार बात हुई है। इस ठेकदार का पहले से ही विवादों से नाता रहा है। ‘दैनिक जागरण’ की रिपोर्ट के अनुसार 2004 में जब कांग्रेस की सरकार थी, उस समय कौल सिंह ठाकुर सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य मंत्रीं थे। उस समय शिमला के साथ लगते बल्देयां से द्रभला संपर्क मार्ग के निर्माण के लिए इसी ठेकेदार को कॉन्ट्रैक्ट मिला था। यह सड़क सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग ने ही बनवाई थी।

गौरतलब है कि उस समय साढ़े सात करोड़ की पेमेंट बिना सड़क बने ही कर दी गई थी। स्थानीय लोगों का कहना था कि सड़क पर  तारकोल बिछाने का काम औपचारिकता मात्र था। एक सप्ताह में ही छोटी गाड़ियों चलने मात्र से बजरी बाहर निकल गई थी।

उलेखनीय है की किन्नौर के भावा ही हाइड्रो प्रोज्रक्ट को भी इसी ठेकेदार ने कुछ उपकरण बेचे थे, जिनका बाकायदा टेंडर हुआ था। मगर इस ठेकदार को एक दिन में ही ऑर्डर सप्लाई और पेमेंट दे दी गई थी, जो अमूनन एक लम्बी चलने वाली प्रक्रिया है। अब यह प्रॉजेक्ट ठप पड़ा है।

विवादित सीडी काण्ड में जिन लोगों का जिक्र हुआ है, उनकी ये बातें अब निकलकर बाहर आ रहीं हैं। आने वाले दिनों में कुछ और खुलासे हो सकते हैं

मंत्री के नाम से शेयर हो रही ऑडियो क्लिप के पीछे किसका हाथ?

शिमला।।
इन दिनों हिमाचल प्रदेश में वॉट्सऐप में एक ऐसी ऑडियो क्लिप सर्कुलेट हो रही है, जिसमें किसी पुरुष और महिला के बीच की अंतरंग बातें हैं। बताया जा रहा है कि प्रदेश के सीनियर मंत्री की आवाज है, मगर इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकती है।
हिमाचल प्रदेश के सभी अखबारों में यह खबर ‘सीडी बम’ और ‘टेप बम’ जैसे शीर्षकों के साथ छाई हुई है। बताया जा रहा है कि किसी ने दिल्ली के अड्रेस से यह सीडी भेजी है। मगर यह नहीं बताया जा रहा है कि किसे भेजी है और आखिर कैसे ये रिकॉर्डिंग वॉट्सऐप पर सर्कुलेट होने लगी।
मंत्री की कथित सीडी से ज्यादा चर्चा इस बात की है कि आखिर इसके पीछे हाथ किसका है।
इस तरह की रिकॉर्डिंग 3 ही तरीकों से रिकॉर्ड हो सकती है। पहला- या तो फोन पर बात कर रहा पुरुष उसे रिकॉर्ड करे, दूसरा- या तो महिला उसे रिकॉर्ड करे या फिर तीसरा- सरकारी एजेंसी फोन को टैप कर रही हो। जानकारों का कहना है कि जिस तरह की बातें हो रही हैं, उससे नहीं लगता कि महिला और पुरुष दोनों में से कोई भी इसे रिकॉर्ड करेगा। इसलिए सीधा शक सरकारी एजेंसियों पर जा रहा है। माना जा रहा है कि इसे सरकारी एजेंसियों ने ही टैप किया है।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में फोन टैपिंग नई बात नहीं है। अक्सर सत्ताधारी पार्टियां विपक्ष के नेताओं की टैपिंग करती रही हैं। वीरभद्र सिंह और प्रेम कुमार धूमल तक इसी तरह की फोन टैपिंग के मामलों में फंस चुके हैं। ऐसे में इस टेप को भी इसी मामले की अगली कड़ी माना जा रहा है। महिला के साथ बातचीत के अलावा और भी कुछ क्लिप्स शेयर की जा रही हैं, जिनमें हो रही बातचीत साफ नहीं है। मगर उसमें चुनावों का जिक्र है, जिससे पता चलता है कि वह पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान रिकॉर्ड की गई है।
कयास लगाए जा रहे हैं कि महिला के साथ बातचीत या तो पिछली सरकार के वक्त रिकॉर्ड की गई थी, जिसे किसी साजिश के तहत इस बार जारी किया गया है। या फिर यह भी हो सकता है कि इसी सरकार के दौरान इसे रिकॉर्ड करके जारी किया गया है। चर्चा तो यहां तक है कि अपने बेटे को राजनीति में सेट करने की कोशिश में लगे आला नेता के इशारे पर ही यह काम किया गया है।
गौरतलब है कि एक वक्त उस नेता के खासमखास रहे उस मंत्री ने पिछले चुनावों में खुलकर खुलकर दावेदारी पेश की थी। अफवाहें हैं कि ऐसे में उन्हें राह से हटाने के लिए ही ऐसा किया गया है। लोगों के बीच चर्चा है कि इस मंत्री को ठिकाने लगाने के बाद अब इस कड़ी में अगला नंबर दूसरे सीनियर मंत्री का हो सकता है, जो कि आए दिन आला नेता से नाराजगी का इजहार करते रहते हैं।
इस बीच सोशल मीडिया पर इसे लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोगों का कहना है कि यह शर्मनाक है और मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। वहीं कुछ लोगों का यह भी  कहना है कि रिकॉर्डिंग में निजी बातें हैं और उनका जनता से कोई सरोकार नहीं है, लिहाजा कार्रवाई उसके खिलाफ होनी चाहिए जिसने रिकॉर्डिंग करके इसे जारी किया है।

बहरहाल, ये सब तो चर्चाएं और अटकलें हैं और इनकी प्रामाणिकता पर विश्वास नहीं किया जा सकता। यह भी नहीं कहा जा सकता कि टेप असली है या नकली और इसमें किसकी आवाज है। यह सब जांच के बाद ही सामने आ पाएगा। मगर इतना तो तय माना जा रहा है कि यह टेप राजनीतिक रणनीति के तहत जारी किया गया है। इस बारे में सरकार या विपक्ष की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

(कुछ पाठकों ने ‘इन हिमाचल’ के पास भी रिकॉर्डिंग भेजी थी, मगर संपादकीय बोर्ड ने इसे अप्रामाणिक व निजी मानते हुए और इसमें जनता का कोई हित न देखते हुए शेयर न करने का फैसला किया है।)

 

बच्ची ने रेप से बचने के लिए नाजुक अंगों पर तेल छिड़कर लगाई थी आग

कुल्लू।।

हिमाचल प्रदेश के कुल्‍लू में 13 साल की बच्ची से रेप के बाद आग लगाने के मामले में चौंकाने वाला खुलाा हुआ है। पुलिस के अनुसार आरोपी मासूम से पहले भी रेप कर चुके ‌थे और दूसरी बार जब वे ऐसी हरकत करने लगे तो उसने अपने नाजुक अंगों पर मिट्टी का तेल छिड़कर आग लगा ली। पूछताछ में सामने आया है कि दोनों युवक उसकी पहचान के ही हैं। एक स्‍थानीय युवक है जबकि दूसरा बिहार का रहने वाला है।

खुलासा हुआ है कि स्कूल से घर लौटी मासूम से एक नहीं बल्कि दो युवकों ने दुराचार किया था। दोनों ने बारी-बारी अलग-अलग दिन इस नाबालिग बच्‍ची को अपनी हवस का शिकार बनाया था। अब ये फिर से इस मासूम के साथ दरिंदगी करना चाहते थे। इसीलिए एक युवक जबरदस्ती करने के लिए बच्ची के घर पहुंचा था। बच्ची ने विरोध किया मगर आरोपी ने उसके साथ जबरदस्ती की। बाद में बच्ची ने यह सोचकर कि कहीं उसके साथ फिर दुराचार न हो, उसने खुद के संवेदनशील अंगों पर केरोसिन छिड़ककर आग लगा दी।

सांकेतिक तस्वीर

पुलिस के अनुसार जांच में पाया गया है कि बच्ची ने डर के चलते खुद को आग लगाई है। प्रारंभिक जांच में दोनों आरोपी नाबालिग लग रहे हैं। पुलिस जांच में पाया गया है कि मासूम के साथ दो युवकों ने दुराचार किया है। इसमें एक शिरढ़ गांव का ही है। जबकि, दूसरा युवक बिहार का बताया जा रहा है। मासूम ने इन दोनों के नाम के साथ शिनाख्त की है।

अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक एसपी कुल्लू सुरेंद्र वर्मा ने बताया कि पुलिस ने दोनों युवकों को संदेह के आधार पर पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। इसके बाद पूछताछ में दोनों युवकों ने अपना गुनाह कबूल किया है। वहीं, मेडिकल रिपोर्ट में भी मासूम के साथ दुराचार होने की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में दोनों आरोपी भी नाबालिग लग रहे हैं।

नाबालिग के साथ दरिंदगी के बाद उसके संवेदनशील अंगों को जलाने के प्रयास की घटना के बाद ऊझी घाटी के लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। शुक्रवार को इस घटना के विरोध में घाटी के सैकड़ों लोगों ने राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष एवं जिप उपाध्यक्ष धनेश्वरी ठाकुर की अगुवाई में रायसन में विरोध रैली निकाली।

रैली के दौरान पुलिस से आरोपियों को जल्द खोजकर गिरफ्तार करने की मांग उठाई गई। इस दौरान पुलिस और प्रदेश सरकार के विरोध में नारेबाजी भी की गई। काबिले गौर बात यह है कि रैली में भाजपा और कांग्रेस के धुर विरोधी माने जाने वाले पंचायत प्रतिनिधियों ने एक मंच पर साथ आकर पुलिस-प्रशासन से ऐसी वारदातों को रोकने के लिए सुस्ती छोड़ मुस्तैद होने को कहा।

उन्होंने कहा कि पुलिस को जिला में बिगड़ती कानून व्यवस्था को पटरी पर लाना होगा। बार-बार रघुनाथजी की मूर्ति को वापस लाने की बात दोहराने से काम नहीं चलेगा। रैली के बाद एसडीएम कुल्लू को ज्ञापन भी सौंपा गया। रैली में शिरढ़ की प्रधान चित्रलेखा भार्गव, बैंची की प्रधान सरला देवी, जिप सदस्य रेशमा ठाकुर, बीडीसी शकुंतला देवी, बालमुकंद राणा और अखिलेश कपूर समेत कई लोग शामिल हुए।

अब हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी ने बढ़ाई हॉस्टल फीस

शिमला।।

एचपीयू शिमला में हॉस्टल फीस में बढ़ोतरी कर दी गई है। प्रति सत्र ली जाने वाली फीस में छह सौ रुपये बढ़ गए हैं। पहले ही फीस वृद्धि की मार झेल रहे छात्रों पर एक और बोझ डाल दिया है।

बिजली, पानी और अन्य मदों में बढ़ोतरी कर प्रति माह के हिसाब से 50 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। एक सत्र में यह राशि 600 रुपये बनेगी। हिंदी अखबार ‘अमर उजाला’ की रिपोर्ट के मुताबिक एचपीयू का तर्क है कि यह नाममात्र की बढ़ोतरी है। यह तर्क छात्र संगठनों के गले नहीं उतर रहा है। छात्रावासों में रहने वाले करीब 1500 छात्र छात्राओं को नए सत्र में छह सौ रुपये अतिरिक्त फीस देनी पड़ेगी।

प्रदेश सरकार की बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक किए बिना और उस पर कोई फैसला लिए बिना ही अब छात्रावासों की फीस भी बढ़ा दी गई है। ऐसा कर विश्वविद्यालय अपने ही फैसले की अनदेखी कर रहा है। बीते सत्र में विवि प्रशासन ने कमेटी की रिपोर्ट पर फैसला लिए जाने तक किसी भी तरह की नई फीस दरें लागू न करने का बयान दिया था।

विश्वविद्यालय की चीफ वार्डन प्रो. वीना शर्मा ने माना कि छात्रावास की फीस में मामूली बढ़ोतरी की गई है। 2012 से लेकर कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी। फीस में सिर्फ 50 रुपये प्रतिमाह बढ़ोतरी की गई है। जो सत्र में करीब छह सौ रुपये बनती है। छात्र को मेस तथा छात्रावास सिक्यॉरिटी के रूप में कुल 3200 रुपये जमा करवाने होते हैं। 

धूमल राज में भी मिली थी वाड्रा परिवार को हिमाचल में जमीन लेने की विशेष छूट

शिमला।।

वाड्रा परिवार द्वारा हिमाचल प्रदेश में जमीन खरीदने के खुलासे ने हिमाचल प्रदेश की राजनीति में सियासी भूचाल ला दिया है।  न्यूज़ चैनल ‘इंडिया टीवी’ के अनुसार प्रियंका वाड्रा ने शिमला में कांग्रेस ही नहीं बीजेपी  के शासनकाल में 2011 में भी शिमला में जमीन खरीदी थी। गौरतलब है कि तब प्रदेश के मुख्यमंत्री  धूमल थे और सत्ता पर आसीन बीजेपी ने नियमों के तहत विशेष छूट देकर प्रियंका की मदद की थी।

गौरतलब है हमेशा हर मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने वाली बीजेपी इस सारे वाकये के दौरान शांत थी और कोई भी नेता टिप्पणी से बच रहा था।  धूमल सरकार का नाम आते ही बीजेपी बैकफुट पर चली गए है।  नेताओं से जबाब देते नहीं बन रहा है।

धारा 118 के तहत प्रदेश के बाहर का कोई भी व्यक्ति यहां जमीन नहीं खरीद सकता परन्तु सरकार चाहे तो नियमों में छूट मिल सकती है।  इसी  का फायदा उठाकर प्रियंका वाड्रा ने शिमला के छराबड़ा में घर बनाने के लिए जमीन ली थी।

हिमाचल प्रदेश से  आरटीआई ऐक्टिविस्ट देवाशीष भट्टाचार्य ने आरटीआई के तहत यह जानकारी मांगी थी कि प्रियंका ने कब और कहां-कहां जमीन खरीदी है।  परन्तु प्रियंका ने सुरक्षा का हवाला देकर जानकारी देने से इनकार कर दिया।

हाल ही में सूचना आयोग ने कहा था कि एसपीजी व्यक्ति को सुरक्षा देती है, उसकी प्रॉपर्टी को नहीं। आयोग ने कहा था कि हिमाचल सरकार 10 दिन के भीतर यह जानकारी आवेदनकर्ता को मुहैया करवाए।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक आरटीआई ऐक्टिविस्ट भट्टाचार्य ने कहा, ‘हिमाचल प्रदेश छोटा राज्य है। वीवीआईपी यहां लगातार जमीन खरीद रहे हैं और दुरुपयोग कर रहे हैं। इसीलिए आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगी गई।’