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Saturday, September 13, 2025
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पुलिस ने 24 घंटों मे ढूंढीं शिरगुल महाराज की प्राचीन मूर्तियां

एमबीएम न्यूज नेटवर्क, चौपाल।। शिमला की चौपाल पुलिस ने 24 घंटे के भीतर ही शिरगुल मंदिर से चोरी की गई बेशकीमती चार मूर्तियों समेत दो शंख बरामद कर लिए हैं। इन मूर्तियों की कीमत करोड़ों में आंकी जा रही थी। सूत्रों के मुताबिक पुलिस को घटनास्थल से सुराग मिले थे, इसी के बूते पुलिस नेपाली मूल के दीपेंद्र उर्फ़ बिक्का व छत्र बहादुर शाही तक पहुंचने में सफल हो गई।

 

इस घटना की गुत्थी को सुलझाने की जिम्मेदारी एएसपी कुलवंत मंढोत्रा के हाथों में दी गई थी। थाना प्रभारी धर्म सिंह ठाकुर ने भी वारदात को क्रैक करने में सक्रिय भूमिका निभाई है। खास बात यह रही कि बेशकीमती मूर्तियां चोरी करने बाद भी आरोपी भागे नहीं, ताकि शक न हो। बरामद की गई प्राचीन मूर्तियों के साथ एसपी व टीम के सदस्य सूत्रों के मुताबिक CCTV फुटेज को भी पुलिस गहनता से खंगालने में लगी हुई थी।

पुलिस टीम बरामद की गई मूर्तियों के साथ। (Image: MBM News Network)

वारदात को अंजाम देने के बाद चोरों ने मूर्तियों को नजदीक के जंगल में ही छिपा दिया था। इस चोरी की घटना के बाद से इलाके में तरह तरह की चर्चाएं भी चल रही थी। सूत्रों के मुताबिक मूर्ति चोरों से पूछताछ करने के लिए सुबह ही एसपी सौम्या सांबशिवन चौपाल पहुंच गई थी। संपर्क किए जाने पर एसपी ने मूर्तियों की बरामदगी समेत नेपाली मूल के दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी होने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि पूछताछ के बाद ही बाकी जानकारी सामने आएगी। गौरतलब है कि वीरवार की रात प्राचीन शिरगुल किला मंदिर से भगवान शिरगुल की सैंकड़ों साल पुरानी अष्टधातु की चार मूर्तियां चोरी हो गई थी। वारदात को रात 2 बजे के आसपास अंजाम दिया गया।

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एक अन्य जानकारी के मुताबिक चोरों ने मंदिर में रखे गए चांदी के छत्र व कैश को चोरी नहीं किया है। बहरहाल चौपाल के शिरगुल देवता मंदिर में डाका डालने वाले चोरों को पुलिस ने 24 घँटे में दबिचने में कामयाबी हासिल की है। पूछताछ के दौरान पकड़े गये लोगों ने बताया कि उन्होंने शिरगुल मन्दिर से मूर्तियां चोरी की थी, जिसके बाद पुलिस ने उनकी निशानदेही पर मन्दिर से चोरी की गई मूर्तियाँ बरामद की। वारदात को अंजाम देने के दौरान दोनों ने अपने चेहरों पर नकाब पहना हुआ, था इससे भी अंदाजा लगाया है कि चोरी करने का तरीका सामान्य नहीं था।

भाजपा वाले तो अपने बाप को भी नहीं बख्शते: वीरभद्र सिंह

एमबीएम न्यूज नेटवर्क, मंडी।। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मंडी में भाषण देते हुए कहा कि  भाजपा वाले अपने बाप को भी नहीं बखशते। उन्होंने गुड़िया केस को लेकर बीजेपी द्वारा किए गए आंदोलन के संदर्भ में यह बात कही। सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री के इस बयान को गरिमाहीन बताया जा रहा है।

 

मंडी में वीरभद्र सिंह ने कहा, ‘भाजपा कोटखाई के गुडि़या प्रकरण को मुद्दा बनाना चाहती थी लेकिन इससे पहले ही उन्होंने पीएम को चिट्ठी लिखकर इस मामले की सीबीआई जांच की मांग कर दी। ऐसा करने से भाजपा के पास सरकार पर आरोप लगाने का कोई मुद्दा नहीं रहा। भाजपा के पास आज प्रदेश में कोई मुद्दा नहीं है। भाजपा वाले अपने बाप को भी नहीं बख्शते, मुझे क्या बख्शेंगे।’

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वीरभद्र सिंह ने एक बार फिर मीडिया पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आए दिन मीडिया में खबरें आ रही हैं कि कांग्र्रेस में फूट है और यह फूट सिर्फ मीडिया में ही है जबकि संगठन पूरी तरह से मजबूत है। वीरभद सिंह ने कहा कि पार्टी पूरी तरह से एकजुट है और पूरी एकजुटता के साथ चुनावों में उतरकर फिर से सरकार बनाने में कामयाब होगी।

(यह एमबीएम न्यूज नेटवर्क की खबर है और सिंडिकेशन के तहत प्रकाशित की गई है)

सोलन में नालाबिग लड़की की हत्या के राज़ से उठा पर्दा

सोलन।। पुलिस ने  सोलन के ओझघाट में हुई नाबालिग लड़की की हत्या के मामले को सुलझाने का दावा किया है। पुलिस ने कहा है कि यह पता चल गया है कि हत्या की वजह क्या थी। एसपी मोहित चावला ने हत्या के जिन कारणों का खुलासा किया गया, वे हैरान करने वाले हैं।

 

पुलिस का कहना है कि यह मामला अवैध संबंधों से जुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि हत्यारा धर्म सिंह डेढ़ साल से महिला और मृतका के सम्पर्क में था। उसका महिला से प्रेम संबंध चल रहा था मगर बाद में वह उसकी नाबालिग बेटी से शादी की इच्छा जातने लगा था। पिछले कुछ दिनों से उनमें अनबन चल रही थी, इसी वजह से गुस्से में आकर उसने हत्या कर दी।

 

एसपी चावला ने बताया कि हत्यारा धर्मेन्द्र मानसिक रूप से परेशान चल रहा था। जिस दिन हत्या हुई, उस दिन भी उसकी लड़की से बहस हुई थी।

कोटखाई केस: हाई कोर्ट ने पुलिस की SIT से मांगा शपथपत्र

शिमला।। हाईकोर्ट में कोटखाई गैंगरेप पर लगातार दूसरे दिन भी हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। दूसरे दिन शुक्रवार को मामले में पार्टी बनाई गई पुलिस एसआईटी की टीम आईजी जैदी समेत कोर्ट में पेश हुई। कोर्ट ने एसआईटी से मामले को लेकर सभी एसआईटी सदस्यों से शपथ पत्र मांगा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि शपथपत्र सच पर आधारित होना चाहिए।

 

24 अगस्त तक एसआईटी सदस्य अपना-अपना शपथ पत्र पेश कर सकते हैं। अगली सुनवाई 31 अगस्त को होगी। इसी दिन सीबीआई को जांच की अंतिम रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी है। सीबीआई जांच से पहले पुलिस विभाग ने मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाई थी। आईजी जहूर जैदी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी ने 23 जुलाई को केस सीबीआई को सौंपा था।

 

प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करौल और जस्टिस संदीप शर्मा की अदालत में मामले पर सुनवाई हुई।

कोटरोपी: पहाड़ी में दिखी बड़ी दरार, 5 गांव खाली करवाए

एमबीएम न्यूज नेटवर्क, मंडी।। भूस्खलन के बाद त्रासदी झेल रहे कोटरोपी गांव पर एक बार फिर खतरा मंडरा रहा है। पहाड़ी पर एक बहुत बड़ी दरार नजर आई है। प्रशासन ने पहले ही सावधानी बरतते हुए पांच गांवों को खाली करवा दिया है। पानी का रिसाव भी तेज हो गया है जिससे मुश्किलें बढ़ गई हैं।

 

जिला प्रशासन ने कोटरोपी गांव के साथ लगते पांच अन्य गांवों में अलर्ट जारी करते हुए यहां के लोगों को दूसरे स्थानों पर शिफ्ट कर दिया है। प्रशासन ने सराजबागला, जगेहड़, बडवाहण, रोपा और सास्ती गांवों में अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट एहतियात के तौर पर जारी किया गया है क्योंकि पहाड़ी पर एक बहुत बड़ी दरार की जानकारी मिली है।

इस बड़ी दरार से पहाड़ी का एक बहुत बड़ा हिस्सा फिर से दरकने का खतरा बन गया है। यही नहीं पहाड़ी से जो मलबा गिरा है उस कारण यहां से बहने वाला नाला ब्लॉक हो गया है। इस कारण पानी छोटे-छोटे जलाशयों के रूप में रुक गया है और अब यह पानी रिसाव होकर पहले से गिरे हुए मलबे को आगे बहा कर ले जा रहा है।

 

मंडी के डीसी संदीप कदम ने बताया कि एहतियात के तौर पर पांच गांवों को खाली करवा दिया गया है और उनकी दूसरे स्थानों पर वैकल्पिक व्यवस्था कर दी गई है। प्रभावितों के घरों पर नोटिस भी चिपका दिए गए हैं और उन्हें कम्बल और तिरपाल आदि देकर सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है।

मंडी जिले के पद्धर के पास कोटरोपी में बहुत बड़े भूस्खलन से भारी नुकसान हुआ है।

जिन पांच गांवों को प्रशासन ने खाली करवाया है उन गांवों के लोगों की जिंदगी में अचानक ही परेशानियों का अम्बार खड़ा हो गया है। जिंदगी भर की कमाई से बनाए आशियानों को छोड़कर जाना लोगों के लिए मुश्किल हो रहा है। लोग जैसे-तैसे यहां पर दिन बीता रहे हैं और रात गुजारने के लिए प्रशासन के बताए ठिकाने पर जा रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि खतरे के साए में रहना उनके लिए दुश्वार होता जा रहा है और कभी बच्चों को रिश्तेदारों के घरों में भेजना पड़ रहा है तो कभी खतरे के साए में रखना पड़ रहा है। ग्रामीणों के जो पशु हैं उन्हें छोड़ना पड़ रहा है। इन्होंने प्रशासन और सरकार से इस समस्या के स्थायी समाधान की गुहार लगाई है।

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पहाड़ी पर जिस दरार और मलबा खिसकने की संभावना को लेकर प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है, यदि दुर्भाग्यवश यह घटना घट जाती है तो फिर पहले से भी अधिक नुकसान होना स्वभाविक है। सभी यही उम्मीद और दुआ कर रहे हैं कि जैसे-तैसे यह प्राकृतिक आपदा थम जाए और जीवन सामान्य हो जाए।

(यह एमबीएम न्यूज नेटवर्क की खबर है और सिंडिकेशन के तहत प्रकाशित की गई है)

शिंदे के सामने गरजे बाली- राजा को रंक बनते देर नहीं लगती

नगरोटा बगवांं।। भले ही हिमाचल प्रदेश प्रभारी सुशील कुमार शिंदे ने गुरुवार को धर्मशाला मे कहा कि पार्टी एकजुट है और इसमें कोई मतभेद नहीं, मगर अगले ही दिन उन्हीं के सामने उनके बयान की धज्जियां उड़ा दी गईं। वैसे यह कोई अनोखी घटना नहीं थी क्योंकि राजनीति के जानकार मान ही रहे थे कि धर्मशाला के चंद किलोमीटर दूर शिंदे का परिवहन मंत्री जी.एस. बाली के चुनाव क्षेत्र में रैली करने का इरादा क्या है। इस कार्यक्रम में परिवहन मंत्री जी.एस. बाली और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने खुलकर अपनी बात कही, वह भी बिना नाम लिए। मगर यह समझना मुश्किल नहीं था कि उनका इशारा किसकी तरफ था।

 

‘राजा से रंक बनते देर नहीं लगती’
कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में जी.एस. बाली ने कहा कि मेरे खिलाफ साजिश हुई मगर जुर्म रोकने के लिए मैं हमेशा खड़ा हो जाता हूं। उन्होंने कहा कि मैंने जो भी लड़ाई लड़ी है, उसमें हारा नहीं हूं। उन्होंने यहां तक कह दिया कि जिनके घर शीशे के होते हैं, वे दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंकते। राजा से रंक और रंक से राजा बनते देर नहीं लगती।

नगरोटा बगवां रैली में मंच पर सवार नेता
नगरोटा बगवां

‘निजी संबंधों को लेकर मुझपर हमले किए गए’
परिवहन मंत्री ने बीजेपी के नेताओं से संबंधों पर एतराज जताने वालों पर हमलावर होते हुए कहा कि मेरे निजी संबंध किसी के भी साथ हो सकते हैं लेकिन पार्टी के प्रति मेरी प्रतिपद्धता पर उंगली नहीं उठाई जा सकती। दरअसल एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने नाम लिए बिना कहा था कि कुछ लोग कांग्रेस में रहकर बीजेपी को फायदा पहुंचाने में लगे हैं, बीजेपी के ऐसे एजेंटों को जनता को घर बिठाना चाहिए। बाली ने कहा कि मुझपर आरोप लगते हैं कि मैं सिर्फ कांगड़ा और अपने चुनाव क्षेत्र पर फोकस करता हूं, मगर सच यह है कि मैंने पूरे प्रदेश में और यहां तक कि मुख्यमंत्री के यहां भी विकास कार्य करवाए हैं। इसके बाद उन्होंने अपने मंत्री रहते करवाए गए कार्यों का ब्योरा दिया। (परिवहन मंत्री का भाषण, समाचार फर्स्ट से साभार)

‘सुक्खू को लेकर सीएम पर साशा निशाना’
बाली ने मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुक्खू के प्रति लगातार दिए गए बयानों को लेकर भी आपत्ति जताई। शिंदे के सामने उन्होंने कहा- पार्टी में अध्यक्ष की कुर्सी की कद्र होनी चाहिए। क्या हम सही दिशा में जा रहे हैं? हम पार्टी अध्यक्ष के निर्देशों पर काम करेंगे।

कार्यकर्ता सम्मेलन में आए लोग
कार्यकर्ता सम्मेलन में आए लोग

सुक्खू ने जमकर की बाली की तारीफ
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हम कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं। सरकार ने कई जनहित के काम किए हैं और संगठन उन्हें जनता तक पहुंचाएगा। उन्होंने बाली को भविष्य का नेता बताकर तारीफ की। उन्होंने बाकी क्रांतिकारी और युवा सोच वाला नेता करार दिया, जिनका प्रदेश और खासकर कांगड़ा की राजनीति में बड़ा स्थान है। उन्होंने कहा कि भविष्य की राजनीति में बाली की अहम भूमिका होगी। उन्होंने बाली से आगे बढ़ने को भी कहा।

 

वीरभद्र को पूर्व विधायक ने बताया काली भेड़
जसवां के पूर्व विधायक और प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष निखिल राजौर ने शिंदे औऱ अन्य नेताओं के सामने मुख्यमंत्री वीरभद्र को काली भेड़ कह दिया। उन्होंने कहा कि 2012 चुनाव में मुझे एक निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर वीरभद्र ने समर्थन देने की बात कही थी। इसका मतलब तो यही हुआ कि वीरभद्र खुद पार्टी में एक काली भेड़ हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पार्टी के कुछ नेताओं को काली भेड़ और काला कौआ कहके इशारा करते हैं और कहते हैं कि ये लोग संगठन में रहकर बाहरी लोगों को फायदा पहुंचाने में लगे रहते हैं।

गुड़िया केस: CBI को हाई कोर्ट की फटकार, कहा- दो हफ्तों में पूरी करो जांच

शिमला।। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कोटखाई के चर्चित गुड़िया गैंगरेप ऐंड मर्डर केस में सीबीआई को दो हफ्ते में जांच पूरी करने के आदेश जारी किए हैं। सीबीआई ने इस मामले को अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए हाई कोर्टसे चार हफ्तों का वक्त मांगा था मगर अदालत ने फटकार लगाते हुए इनकार कर दिया।

 

हाईकोर्ट ने  इस मामले में डीजीपी समेत नौ पुलिस अधिकारियों को भी प्रतिवादी बनाया है। इन्हें शुक्रवार को कोर्ट में भी तलब किया है। मामले की सुनवाई शुक्रवार को भी होगी। सीबीआई ने अदालत से पहला आग्रह किया कि रिपोर्ट को सार्वजनिक न किया जाए। अदालत ने इसे मान लिया।

 

कोर्ट ने डीजीपी सोमेश गोयल समेत तत्कालीन एसआईटी प्रमुख आईजी जहूर जैदी, एसआईटी सदस्य एएसपी भजन देव नेगी, डीएसपी रतन सिंह नेगी, डीएसपी ठियोग मनोज जोशी, सब इंस्पेक्टर धर्मसेन नेगी, एएसआई राजीव कुमार, पुलिस स्टेशन कोटखाई के पूर्व एसएचओ राजिंद्र सिंह और एएसआई दीप चंद को प्रतिवादी बनाने के आदेश जारी किए हैं।

 

इन प्रतिवादियों को शुक्रवार अदालत में हाजिर रहने के आदेश हुए हैं। अदालत ने कहा उक्त अधिकारी और एसआईटी सदस्यों को छह जुलाई से 23 जुलाई तक मामले की जांच से जुड़ी क्या क्या जानकारी मालूम है, उन्हें प्रतिवादी बनाए जाने से यह पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएगा।

कुल्लू बस हादसे के आरोपी टैक्सी ड्राइवर की मौत

एमबीएम न्यूज नेटवर्क, कुल्लू।। कुल्लू में माशनूनाला के पास खाई में गिरी एचआरटीसी बस की दुर्घटना के लिए जिम्मेदार बताए जा रहे टैक्सी चालक की मौत हो गई है। गंभीर रूप से से जख्मी टैक्सी चालक को पीजीआई चंडीगढ़ में भर्ती करवाया गया था, जहां उसने आखिरी सांस ली।

 

आरोपी टैक्सी चालक को क्षेत्रीय अस्पताल से मंगलवार को पीजीआई रैफर किया था और उसे पीजीआई चण्डीगढ़ में उपचार के लिए भर्ती कर दिया था। मगर जानकारी के अनुसार बुधवार को उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि 34 वर्षीय टैक्सी चालक इंद्र जीत सिंह को टांगों और शरीर के अन्य कई भागों में चोटें पहुंची थी।

क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू के डॉक्टरों ने टैक्सी चालक की नाजुक हालत को देखते हुए पीजीआई रेफर किया था। इसके बाद ऐंबुलेंस के माध्यम से उसे पीजीआई पहुंचाया गया था। मंगलवार से उसका उपचार शुरू हुआ था।

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गौरतलब है कि इस हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि ड्राइवर-कंडक्टर बस से उतरकर कहीं चले गए थे, ऐसे में अपनी टैक्सी निकालने के लिए आरोपी ने खुद बस को हटाने की कोशिश की थी। इसी दौरान बस खाई में लुढ़क गई थी।

(यह एमबीएम न्यूज नेटवर्क की खबर है और इसे सिंडिकेशन के तहत प्रकाशित किया गया है)

…जब 24 साल बाद लौटा जनता का चहेता अफसर

मंडी।। आज के दौर में जहां सरकारी अधिकारियों पर काम में कोताही बरतने और खानापूर्ति करने के आरोप लगते हैं, वहीं कुछ अधिकारी ऐसे भी हैं जो मिसाल कायम कर रहे हैं। इन्हीं अधिकारियों में शामिल हैं मंडी के डीसी संदीप कदम और प्रदेश के अडिशनल चीफ सेक्रेटरी तरुण श्रीधर। बुधवार को कोटरोपी के लोग एक बड़े प्रशासनिक अधिकारी को अपने बीच पाकर थोड़े से हैरान थे। यहां के लोगों के लिए भले ही तरुण श्रीधर का चेहरा जाना-पहचाना न हो, मगर उनका नाम बहुत से लोगों की जुबान पर है।

 

मंडी जिले के कोटरोपी में हुए भूस्खलन की जांच के लिए जियोलॉजी विभाग की टीम ने दौरा किया। टीम का काम यह देखना है कि आखिर कैसे यहां भूस्खलन हो गया। इस टीम के साथ हिमाचल सरकार के अडिशनल चीफ सेक्रेटरी तरुण श्रीधर भी थे। तरुण श्रीधर का मौके पर आना बहुत से लोगों को हैरान कर गया कि आखिर क्यों प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अधिकारियों में एक खुद यहां आया। वह भी उस दौर में, जब आज के दौर में वरिष्ठ अधिकारी अपने जूनियर अधिकारियों को आदेश लगाकर पल्ला झाड़ लेते हैं।

 

मगर इलाके के बुजुर्गों के लिए यह हैरानी की बात नहीं थी क्योंकि वे 24 साल बाद उस अधिकारी को अपने सामने देख रहे थे, जिसने डीसी रहते हुए इसी विधानसभा क्षेत्र में आई एक और आपदा के वक्त लोगों की मदद करने में दिन-रात मेहनत की थी।

Tarun Shridhar
मंडी के डीसी रहे तरुण श्रीधर को आज भी याद करते हैं लोग। वह जिले के सबसे लोकप्रिय अधिकारियों में से एक रहे हैं।

साल 1993 में द्रंग विधानसभा क्षेत्र में ही पड़ने वाली चौहार घाटी के स्वाड़ में बादल फटा था। आज हिमाचल के अडिशनल चीफ सेक्रेटरी तरुण श्रीधर उस वक्त मडी जिले के डीसी थे। स्वाड़ गांव में बादल फटने से 16 लोगों की जान गई थी। उस दौर में तरुण पद्धर तक गाड़ी में आए थे और उसके बाद चौहार घाटी के स्वाड़ गांव पहुंचकर पूरे दो दिनों तक सैनिकों की तरह राहत एवं बचाव कार्य किया था।

 

जब स्वाड़ खड्ड में आए हुए पानी को इधर-उधर डायवर्ट करने में स्थानीय लोगों को मुश्किल हो रही थी, तत्कालीन डीसी मंडी तरुण श्रीधर ने मददगारों के साथ मिलकर 50 से 70 फुट लंबे पेड़ों को अपने कंधों पर उठाया था। वह पीड़ितों को हिम्मत देते रहे और उन्हें आगे बढ़ने के लिए दिलासा देते रहे। आद भी चौहार घाटी के लोग मंडी के डीसी रहे श्रीधर को याद करते हैं।

Chauhar Valley
चौहार घाटी

आज 24 साल बाद तरुण श्रीधर बड़े अधिकारी बन चुके हैं मगर उनका जज्बा और काम के प्रति निष्ठा कम नहीं हुई है। मौके पर खड़े बुजुर्ग लोगों और जानकारों के लिए उनका आना डेज़ा वू जैसा था। मानो वक्त बीता ही न हो, युवा आईएएस अधिकारी उनके दुख-दर्द को समझने की कोशिश कर रहा हो।

 

पिछले दिनों तरुण श्रीधर तब चर्चा में आए थे तब मंडी के मौजूदा डीसी संदीप कदम ने 20 किलोमीटर पैदल यात्रा की और जनता की समस्याएं सुनी और विभिन्न विभागों के कार्यों का मुआयना करके जरूरी निर्देश भी दिए। तब फेसबुक पर विनोद राणा नाम के शख्स ने पुराने दौर को याद करते हुए लिखा था कि इसी तरह लंबी दूरी तय करके दूर-दराज के इलाके में लोगों की समस्याएं सुनने वाले पहले प्रशासनिक अधिकारी तरुण श्रीधर थे(यहां क्लिक करके पढ़ें)।

 

बहरहाल, हिमाचल प्रदेश और भारत को श्रीधर और कदम जैसे योग्य और समर्पित प्रशासनिक अधिकारियों की जरूरत है। मंडी के मौजूदा डीसी संदीप कदम कोटरोपी भूस्खलन की साइट पर मौजूद रहे और राहत एवं बचाव कार्य की निगरानी करते रहे। इसी तरह से उम्मीद है अन्य अधिकारियों को भी उनसे प्रेरणा मिलेगी और हम सभी को भी। ताकि हम सब अपना काम पूरी निष्ठा और समर्पण से करें।

 

बहरहाल, तरुण श्रीधर ने घटनास्थल का मुआयना करने के बाद बताया कि एक टीम आपदा में हुए नुकसान का जायदा ले रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि ग्रामीणों के नुकसान की भरपाई की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि यहां पर 2 किलोमीटर का हिस्सा थोड़ा संदिग्ध है, इसलिए यहां वाहनों का आवागमन सुरक्षित बनाने के लिए तैयारी हो रही है, जिसमें कुछ वक्त लग सकता है।

रोहड़ू में सनकी युवक ने की दो बुजुर्गों की हत्या

शिमला।। शिमला जिले के रोहड़ू इलाके में दोहरे हत्याकांड का मामला सामने आया है। एक सनकी युवक ने दो बुजुर्गों के सिर काटकर उनकी हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करके जांच शुरू कर दी है। मृतक बुज़ुर्गों की पहचान कोकिंद्र (84) और जोबनु राम (94) के रूप में हुई है।

 

खबर है कि नेपाली मूल का कोकिंद्र रोहड़ू के टिक्कर इलाके के कडंमचड़ी में परिवार सहित रहता था और उसका डेरा आरोपी के गांव में ही है। कोकिंद्र के परिवार में उसकी एक पोती है, जिससे आरोपी छेड़छाड़ कर रहा था। जब उसने आरोपी को ऐसा करने से रोका तो उसने भड़क कर दराट से वार करके कोकिंद्र की हत्या कर दी।

 

इसके बाद वह साथ लगते गांव श्रोंथा पहुंचा। यहां एक स्थानीय बुज़ुर्ग जोबनु राम से उसकी बहस हुई और उसने 94 वर्षीय जोबनु राम पर भी दराट से हमला कर उसे भी मौत के घाट उतार दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी फरार हो गया, लेकिन मृतकों के परिजनों की सूचना के बाद रोहड़ू पुलिस ने आरोपी को देर रात गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है।