नगरोटा बगवांं।। भले ही हिमाचल प्रदेश प्रभारी सुशील कुमार शिंदे ने गुरुवार को धर्मशाला मे कहा कि पार्टी एकजुट है और इसमें कोई मतभेद नहीं, मगर अगले ही दिन उन्हीं के सामने उनके बयान की धज्जियां उड़ा दी गईं। वैसे यह कोई अनोखी घटना नहीं थी क्योंकि राजनीति के जानकार मान ही रहे थे कि धर्मशाला के चंद किलोमीटर दूर शिंदे का परिवहन मंत्री जी.एस. बाली के चुनाव क्षेत्र में रैली करने का इरादा क्या है। इस कार्यक्रम में परिवहन मंत्री जी.एस. बाली और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने खुलकर अपनी बात कही, वह भी बिना नाम लिए। मगर यह समझना मुश्किल नहीं था कि उनका इशारा किसकी तरफ था।
‘राजा से रंक बनते देर नहीं लगती’
कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में जी.एस. बाली ने कहा कि मेरे खिलाफ साजिश हुई मगर जुर्म रोकने के लिए मैं हमेशा खड़ा हो जाता हूं। उन्होंने कहा कि मैंने जो भी लड़ाई लड़ी है, उसमें हारा नहीं हूं। उन्होंने यहां तक कह दिया कि जिनके घर शीशे के होते हैं, वे दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंकते। राजा से रंक और रंक से राजा बनते देर नहीं लगती।
‘निजी संबंधों को लेकर मुझपर हमले किए गए’
परिवहन मंत्री ने बीजेपी के नेताओं से संबंधों पर एतराज जताने वालों पर हमलावर होते हुए कहा कि मेरे निजी संबंध किसी के भी साथ हो सकते हैं लेकिन पार्टी के प्रति मेरी प्रतिपद्धता पर उंगली नहीं उठाई जा सकती। दरअसल एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने नाम लिए बिना कहा था कि कुछ लोग कांग्रेस में रहकर बीजेपी को फायदा पहुंचाने में लगे हैं, बीजेपी के ऐसे एजेंटों को जनता को घर बिठाना चाहिए। बाली ने कहा कि मुझपर आरोप लगते हैं कि मैं सिर्फ कांगड़ा और अपने चुनाव क्षेत्र पर फोकस करता हूं, मगर सच यह है कि मैंने पूरे प्रदेश में और यहां तक कि मुख्यमंत्री के यहां भी विकास कार्य करवाए हैं। इसके बाद उन्होंने अपने मंत्री रहते करवाए गए कार्यों का ब्योरा दिया। (परिवहन मंत्री का भाषण, समाचार फर्स्ट से साभार)
‘सुक्खू को लेकर सीएम पर साशा निशाना’
बाली ने मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुक्खू के प्रति लगातार दिए गए बयानों को लेकर भी आपत्ति जताई। शिंदे के सामने उन्होंने कहा- पार्टी में अध्यक्ष की कुर्सी की कद्र होनी चाहिए। क्या हम सही दिशा में जा रहे हैं? हम पार्टी अध्यक्ष के निर्देशों पर काम करेंगे।
सुक्खू ने जमकर की बाली की तारीफ
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हम कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं। सरकार ने कई जनहित के काम किए हैं और संगठन उन्हें जनता तक पहुंचाएगा। उन्होंने बाली को भविष्य का नेता बताकर तारीफ की। उन्होंने बाकी क्रांतिकारी और युवा सोच वाला नेता करार दिया, जिनका प्रदेश और खासकर कांगड़ा की राजनीति में बड़ा स्थान है। उन्होंने कहा कि भविष्य की राजनीति में बाली की अहम भूमिका होगी। उन्होंने बाली से आगे बढ़ने को भी कहा।
वीरभद्र को पूर्व विधायक ने बताया काली भेड़
जसवां के पूर्व विधायक और प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष निखिल राजौर ने शिंदे औऱ अन्य नेताओं के सामने मुख्यमंत्री वीरभद्र को काली भेड़ कह दिया। उन्होंने कहा कि 2012 चुनाव में मुझे एक निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर वीरभद्र ने समर्थन देने की बात कही थी। इसका मतलब तो यही हुआ कि वीरभद्र खुद पार्टी में एक काली भेड़ हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पार्टी के कुछ नेताओं को काली भेड़ और काला कौआ कहके इशारा करते हैं और कहते हैं कि ये लोग संगठन में रहकर बाहरी लोगों को फायदा पहुंचाने में लगे रहते हैं।