…तो हमें कुत्ता भी नहीं पूछेगा: राकेश पठानिया

नूरपुर।। वन मंत्री राकेश पठानिया ने नूरपुर में भाजपा के जनजाति मोर्चा के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अगर केंद्र में कोई और सरकार होगी तो हमें कुत्ता भी नहीं पूछेगा। इसी तरह अगर हिमाचल में किसी और पार्टी की सरकार बन गई तो हमें विकास कार्यों के लिए फूटी कौड़ी भी नहीं मिलेगी।

वन मंत्री ने अपने संबोधन के बीच कहा कि कांग्रेस को वोट देने का कोई तुक नहीं बनता क्योंकि केंद्र में उसके पास कुछ नहीं बचा है। आगे उन्होंने कहा कि आज अगर विकास कार्य हो रहे हैं तो इसलिए क्योंकि डबल इंजन की सरकार है।

आगे उन्होंने अपने काम गिनाए और बदले में वोट मांगते हुए हुए कहा कि यह सिलसिला भविष्य में भी जारी रहेगा। उन्होंने नूरपुर के पूर्व विधायक सत महाजन का एक किस्सा भी सुनाया और उनकी कही बात को वर्तमान संदर्भ में पेश करते हुए लोगों से वोट की अपील की।

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बल्क ड्रग फार्मा पार्क आखिर क्या है और क्या इससे हिमाचल को फायदा होगा?

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आई.एस. ठाकुर।। भारतीय जनता पार्टी पिछले कुछ समय से हिमाचल में बल्ड ड्रग फार्मा पार्क बनाने को केंद्र की मंजूरी मिलने को ‘डबल इंजन सरकार’ की उपलब्धि बता रही है। आज मंडी के पड्डल मैदान में जुटे भाजयुमो कार्यकर्ताओं को वर्चुअली संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इसका जिक्र किया और कहा कि हिमाचल एशिया से विश्व का फार्मा हब बनने जा रहा है। दूसरी ओर कांग्रेस, खासकर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, जिनके क्षेत्र हरोली में यह पार्क बनना है, कहते हैं कि यह घोषणा सिर्फ चुनावी स्टंट है। बावजूद इसके बीजेपी का मानना है कि हिमाचल के लिए बल्क ड्रग फार्मा पार्क एक बहुत बड़ा तोहफा है क्योंकि अगर यह हिमाचल को न मिलता तो पहले से हिमाचल में मौजूद फार्मा इंडस्ट्री कहीं और शिफ्ट हो जाती।

इसमें कोई दो राय नहीं कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले हिमाचल प्रदेश के लिए आर्थिक लिहाज से देखा जाए तो करीब दो दशकों बाद बल्क ड्रक पार्क के रूप में दूसरी बड़ी उपलब्धि हाथ लगी है। करीब दो दशक पहले 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल विहार वाजपेयी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने हिमाचल में औद्योगिक विकास के लिए एक विशेष पैकेज की घोषणा की थी। उसी औद्योगिक पैकेज की बदौलत हिमाचल प्रदेश एशिया का फार्मा हब बना और आज हिमाचल केवल भारत ही नहीं बल्कि एशिया के फार्मा उत्पाद की 35 फीसदी डिमांड पूरा करता है।

हिमाचल ही नहीं भारत की आर्थिकी में भी इसका बड़ा योगदान है। अब बल्क ड्रग पार्क हिमाचल और देश को जीवन रक्षक दवाओं के निर्माण के क्षेत्र में उस शिखर पर लेकर जाएगा, जिसका ताना-बाना कोविड काल से आत्मनिर्भर भारत के रूप में बुना जा रहा था। ऐसे में हम इस खबर के माध्यम ये उन पहलुओं को समझने की कोशिश करेंगे कि आखिर बल्क ड्रग पार्क क्या है। यह हिमाचल के लिए लाभकारी है या नहीं और अगर है तो कितना और किस तरह से और नहीं है तो कैसे।

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क्या है बल्क ड्रग फार्मा पार्क
बल्क ड्रग को ए.पी.आई (एक्टिव फार्मास्यूटिकल इनग्रीडियेंट) भी कहते हैं। आसान भाषा में कहें तो हर दवा दो मुख्य घटकों से बनती है। इसमें एक घटक रासायनिक रूप से सक्रिय ए.पी.आई. तथा दूसरा घटक रासायनिक रूप से निष्क्रिय (एक्सेपिएंस) घटक होता है। इन दोनों मिला कर ही किसी दवा का फ़ॉर्मूला तैयार होता है। इसमें भी कई सारी प्रक्रियाएं है। सीधे शब्दों में कहें तो इन दवाओं के लिए बड़े पैमाने पर एक जगह तैयार किया जाएगा। जिस तरह आप आईटी पार्क को देख सकते हैं कि एक ही जगह पर बहुत सारी आईटी कंपनी कार्य करती हैं ठीक वैसे भी दवा के एपीआईए के लिए बल्क ड्रग पार्क है।

खत्म होगा चीन का आधिपत्य
बल्क ड्रग पार्क से हिमाचल और देश के फार्मा उद्योग की कच्चे माल को लेकर चीन से निर्भरता खत्म होगी और हम आत्मनिर्भर बनेंगे। दरअसल भारत इस समय दुनिया के सबसे बड़े फार्मा उद्योगों वाले देशों में शुमार है, लेकिन भारत को एपीआई के लिए चीन पर ही निर्भर रहना पड़ता है। आसान भाषा में कहें तो दवाएं तैयार करने के लिए जो कच्चा माल चाहिए होता है वो भारत को चीन से आयात करना पड़ता है। राज्यसभा में दिए गए आंकड़ो के मुताबिक भारत ने वित्त वर्ष 2021 में 28 हज़ार 529 करोड़ रुपये के बल्क ड्रग और ड्रग इंटरमिडिएट्स आयात किए। इसमें से 19 हज़ार 402 करोड़ रुपये की खरीद केवल चीन से की गई थी। यह करीब 68 फीसदी बैठता है। चीन के इसी आधिपत्य को समाप्त करने के साथ भारत और हिमाचल आत्मनिर्भर बनेगा।

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हिमाचल के लिए इतना आसान नहीं था कॉम्पिटिशन
देश के मात्र तीन बल्क ड्रग पार्क में से एक पार्क हिमाचल के हिस्से आना बड़ी सफलता है। क्योंकि गुजरात और आंध्र प्रदेश जैसे राज्य हिमाचल की आर्थिकी के लिहाज से बहुत ही बड़े राज्य हैं। इसके अलावा भी कई अन्य राज्य भी इस प्रोजेक्ट को अपने यहां लाना चाह रहे थे। हालांकि इस सफलता की कहानी बुनना इतना भी आसान नहीं था। जिस बल्क ड्रग पार्क के लिए देश के तमाम बड़े राज्यों के साथ कॉम्पिटिशन था उस कॉम्पिटिशन में पहले नंबर पर रहना छोटी बात तो कतई नहीं है।

विश्लेषकों का माना है कि यदि नाकामियों के लिए सरकार के सरदार और सेवादारों से जवाबदेही ली जाती है तो सफलता का श्रेय भी उन्हीं को जाना चाहिए। विश्लेषक कहते हैं कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को विपक्ष लगातार अफसरशाही पर पकड़ न रखने के लिए कोसता था मगर आज जयराम ठाकुर ने बता दिया है कि काम पकड़ ही नहीं प्यार से भी हो जाता है। दरअसल इस प्रोजेक्ट में भी मुख्यमंत्री और उनकी टीम का बड़ा योगदान रहा, जिन्होंने कागजी कामों में तेजी दिखाई और काम पुख्ता किया कि पूरे जब देश के सभी राज्यों के साथ बल्ड ड्रग पार्क के लिए कड़ी स्पर्धा हुई तो हिमाचल प्रदेश नंबर-1 पर रहा। इसके अलावा समय-समय पर दिल्ली दौरे के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रधानमंत्री और तमाम केंद्रीय नेतृत्व से मिलकर प्रयास लगातार जारी रखे।

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निवेश में हिमाचल को मिलेगा विशेष राज्य का लाभ
1 हज़ार 190 करोड़ रुपये की लागत वाले इस बल्क ड्रग पार्क के लिए केंद्र सरकार से ग्रांट इन एड के तौर पर 1 हज़ार करोड़ रुपये मिलेंगे। यानी हिमाचल सरकार को सिर्फ 190 करोड़ रुपये ही खर्च करने पड़ेंगे। हिमाचल को विशेष पहाड़ी राज्य का दर्जा प्राप्त होने का लाभ मिलेगा क्योंकि इस प्रोजेक्ट के लिए 90 फीसदी राशि केंद्र सरकार दे रही और हिमाचल को केवल 10 फीसदी राशि ही देनी है।

रोजगार और निवेश में हिमाचल की दूसरी क्रांति
बल्क ड्रग पार्क के पूरे होने पर करीब 50 हज़ार करोड़ रुपये का निवेश होगा और 20 से 30 हज़ार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। निश्चित तौर पर यह रोजगार और निवेश के नजरिए से हिमाचल प्रदेश की दूसरी क्रांति साबित होगी। 2003 के औद्योगिक पैकेज के बाद अब हिमाचल आगामी दस वर्षों में आत्मनिर्भरता के एक नए शिखर पर पहुंचेगा।

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मेडिकल डिवाइस पार्क का भी सहारा
हालांकि हिमाचल प्रदेश में बल्क ड्रग पार्क की ही बात हो रही है, लेकिन यह अकेली उपलब्धि हिमाचल के हिस्से नहीं आई है। देश को मिले कुल चार मेडिकल डिवाइस पार्क में से एक पिछले वर्ष ही हिमाचल के हिस्से आ चुका है। इसके लिए देश के सभी राज्यों से आवेदन मांगे गए थे। इसमें बिडिंग को लेकर बढ़िया काम किया गया। नतीज यह निकला की नालागढ़ में करीब 349 करोड़ रुपये का मेडिकल पार्क मंजूर हो चुका है। इसमें केंद्र सरकार की ओर से 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस पार्क में भी करीब 5 हज़ार करोड़ रुपये की इन्वेस्टमेंट होगीं और 10 हज़ार लोगों को रोजगार मिलेगा।

इस तरह से देखें तो वाकई हिमाचल प्रदेश के विकास में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बल्क ड्रग फार्मा पार्क का योगदान रहेगा। एक ओर जहां विश्व पटल पर हिमाचल की नई पहचान बनेगी, वहीं प्रदेश को राजस्व मिलेगा और यहां के युवाओं को भी रोजगार मिलेगा। इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश ने जो ग्रीन स्टेट बनने का लक्ष्य रखा है, यानी फॉसिल फ्यूल से बनने वाली बिजली से मुक्ति का जो टारगेट रखा है, अगर वह उसे हासिल कर लेता है तो हिमाचल में बनने वाली दवाइयां ही नहीं, दूसरे उत्पाद भी पूरी दुनिया में ग्रीन प्रॉडक्ट के रूप में बिकेंगे। यह बड़ी बात होगी क्योंकि आज की जेनरेशन पर्यावरण का ख्याल रखते हुए ग्रीन प्रॉडक्ट्स इस्तेमाल करने को तरजीह दे रही है, खासकर विदेश में।

बहरहाल, हिमाचल को इस बल्क ड्रग फार्मा पार्क का लाभ तभी मिल पाएगा जब तुरंत यह धरातल पर उतरे। और इसके लिए जरूरत है अच्छे राजनीतिक तालमेल और मजबूत इच्छाशक्ति की।

(लेखक हिमाचल प्रदेश से जुड़े विषयों पर लंबे समय से लिख रहे हैं। उनसे kalamkasipahi@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।)

बंजार में कांग्रेस प्रभारी के सामने शक्ति प्रदर्शन, कांग्रेस कार्यकर्ताओं में तनातनी

कुल्लू।। हिमाचल  प्रदेश में विधानसभा चुनावों को लेकर अब कांग्रेस पार्टी भी जगह-जगह कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर करने में जुट गई है। तो वहीं बंजार विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के भीतर गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। शनिवार को जिला कांग्रेस के प्रभारी एवं राष्ट्रीय कांग्रेस के सचिव प्रदीप नरवाल सैंज पहुंचे, जहां पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके समक्ष की खीमी राम शर्मा का विरोध कर डाला।

जिला कुल्लू कांग्रेस के चुनाव प्रभारी व राष्ट्रीय कांग्रेस के सचिव प्रदीप नरवाल जब सैंज पहुंचे तो यहां पर प्रदेश कांग्रेस के सचिव आदित्य विक्रम सिंह के समर्थकों ने उनके समक्ष जमकर नारेबाजी की और कहा कि उन्हें बंजार विधानसभा में पैराशूट से आया नेता नहीं चाहिए और आदित्य विक्रम सिंह जी यहां से कांग्रेस के प्रत्याशी होने चाहिए।

वहीं बैठक के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने खूब नारेबाजी की जिसके चलते काफी देर तक बैठक में भी गहमा गहमी का माहौल बना रहा। हालांकि जिला प्रभारी प्रदीप नरवाल ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को शांत करने का भी प्रयास किया लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पूर्व प्रत्याशी रहे आदित्य पर ही आने वाले विधानसभा चुनाव में टिकट देने के लिए दबाव डाला।

इससे पहले भी आदित्य विक्रम सिंह ढालपुर में स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्यों के सामने शक्ति प्रदर्शन कर चुके हैं और उसके बाद सैंज के नालागढ़ बाजार में हुए इस तरह के प्रदर्शन से बंजार कांग्रेस की गुटबाजी अब सबके सामने नजर आ गई है। हालांकि प्रदीप नरवाल ने सभी कार्यकर्ताओं को शांत करने का भी प्रयास किया। लेकिन समर्थक काफी गुस्से में थे और वे लगातार खीमी राम शर्मा का भी विरोध करते रहे।

बंजार विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी से टिकट पाने के लिए कई नेताओं ने आवेदन किया है, जिनमें पूर्व मंत्री खीमी राम शर्मा, आदित्य विक्रम सिंह व दुष्यंत ठाकुर प्रमुख दावेदारों में शामिल है। इसके अलावा भी करीब एक दर्जन अन्य नेताओं ने यहां से टिकट की दावेदारी पेश की है। हालांकि पार्टी की ओर से बंजार विधानसभा क्षेत्र में कोई टिकट फाइनल नहीं किया गया है। लेकिन कांग्रेस के नेताओं की गुटबाजी अब सबके सामने आ रही है। उससे यहां कांग्रेस संगठन को भी अपना प्रत्याशी बनाने में काफी दिक्कतों का सामना करना होगा।

अमृतकाल में भारत के विकास की गति का आधार बनेगा हिमाचल : नरेन्द्र मोदी

मंडी।। अमतृकाल में भारत के विकास को गति देने के लिए आधार हिमाचल में मौजूद है। वर्ल्ड फार्मेसी के रूप में हिमाचल की पहचान तब और मजबूत होगी जब हिमाचल एक वैश्विक फार्मा हब बनेगा। यह बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंडी में आयोजित युवा विजय संकल्प रैली को वर्चुअली संबोधित करते हुए कही। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘दवाओं के रॉ मटिरियल में आत्मनिर्भरता के लिए तीन राज्यों को चुना गया है जिसमें से एक हिमाचल प्रदेश है। यहां बल्क ड्रग पार्क बनाया जा रहा है। इसी तरह से चार राज्यों में मेडिकल डिवाइस पार्क बनाए जा रहा हैं, उसमें भी हिमाचल शामिल है। हिमाचल के युवा स्टार्टअप इंडिया, आत्मनिर्भर भारत फंड का उपयोग कर रहे हैं। आईआईटी मंडी भी युवा स्टार्टअप को मजबूत कर रही है’।

दरअसल खराब मौसम के चलते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंडी नहीं पहुंच सके। इसलिए उन्होंने रैली को वर्चुअली संबोधित किया। बारिश के बीच भी युवा पड्ड मैदान में जुटे रहे। बारिश से बचने के लिए कुछ युवकों ने कुर्सियों का सहारा लिया। वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमाचल का प्यार, हिमाचल के आशीर्वाद, हिमाचल के प्रति मेरा लगाव उसके बीच में तो मौसम और मुसीबतें भी नहीं आ सकती हैं, इस बार मैं नहीं आया पाया लेकिन जल्द ही आपके बीच आऊंगा। मौसम खराब होने की वजह से मंडी नहीं पहुंच पाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यकर्ताओं से माफी भी मांगी। पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘क्षमाप्रार्थी हूं कि मौसम खराब होने के कारण आपके बीच नहीं आ सका हिमाचल आने की बात होती है तो मैं उत्साहित हो उठता हूं, लेकिन इस बार आपसे रूबरू होने की कसक मन में रह गई है’।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि इतनी बारिश के बाद भी यहां इतने युवा आए हैं, यह मेरे लिए स्नेह और गर्व की बात है। प्रधानमंत्री ने कहा कि युवा शक्ति ने हमेशा अलग-अलग मोर्चों पर देश को गौरवान्वित होने का अवसर दिया है। प्रधानमंत्री ने पहाड़ी बाबा कांशीराम का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल के जाबांजो ने आजादी के बाद जम्मू-कश्मीर पर हुए हमले से लेकर करगिल युद्ध तक मां भारती का सिर ऊंचा रखा है। देश की रक्षा के साथ-साथ देश को सम्मान दिलाने में भी हिमाचल के युवा कमाल करते रहे हैं।

‘कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल हिमाचली खिलाड़ियों का जिक्र’
प्रधानमंत्री ने कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल हिमाचल के खिलाड़ियों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल की बेटी रेणुका ठाकुर ने क्रिकेट में, वरूण कुमार ने हॉकी में और विकास ठाकुर ने वेटलिफ्टिंग में शानदार प्रदर्शन किया है। खेल का मैदान हो या कला जगत, पार्टी हो या सरकार हिमाचल के युवाओं की ऊर्जा उनका जोश, उनका नेतृत्व कौशल देश के काम आ रहा है। युवाओं को ज्यादा से ज्यादा अवसर देना भाजपा की प्राथमिकता रही है। भाजपा में युवाओं का प्रतिनिधित्व सबसे अधिक है, ऐसा इसलिए क्योंकि हमारी पार्टी देश के युवाओं पर भरोसा करती है।

‘दुनिया आज भारत पर भरोसा करती है, पहले ऐसा नहीं था’
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब देश की युवा शक्ति मिलकर आजादी के अमृत काल में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प पूरा करेगी। आज मंडी में आयोजित हो रहा ये कार्यक्रम उसी युवा शक्ति का प्रतीक है। आज दुनिया में भारत की साख जैसे-जैसे बढ़ रही है वैसे-वैसे भारत से जुड़ने के लिए पूरी दुनिया लालायित हो रही है। इसके हिंदुस्तान के जागरूक नागरिक, जागरूक मतदाता को इसका पूरा श्रेय जाता है। भारत में बहुत दशकों तक अस्थिर सरकारें रही। दुनिया में भारत पर विश्वास करने के लिए सोचना पड़ जाता था, लेकिन 2014-2019 में जागरूक मतदाताओं ने दिल्ली में मजबूत स्थिर सरकार दी। उसका परिणाम है कि दिल्ली में स्थिर सरकार है और इसी वजह से नीतियों में भी स्थिरता आई। बदलाव के लिए एक मजबूत नींव तैयार हुई। आज लोग भी सरकार पर भरोसा करते हैं, वैसे ही दुनिया भी हम पर भरोसा करने लगी है।

‘हिमाचल में फिर बनेगी स्थिर सरकार’
पीएम ने कहा कि स्थिर सरकार के लाभ को देखते हुए अब राज्यों में भी लोग इस महत्व को समझ रहे हैं। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में हर पांच में सरकार बदलती थी, लेकिन यहां लोगों ने सोच को ही बदल दिया और सरकार स्थिर करने के लिए अपना निर्णय दोहराया। पांच साल बाद सरकार बदलने वाली सोच को यूपी और उत्तराखंड के लोगों ने उखाड़ कर फेंक दिया। इस बार हिमाचल के युवा भी भाजपा की सरकार की वापसी का मन बना चुके हैं। हिमाचल के युवा जानते हैं कि ईमानदार नीयत के साथ अगर कोई विकास कर सकता है तो वो भारतीय जनता पार्टी की सरकार कर सकती है।

‘हर सेक्टर से जुड़े देश के प्रीमियम संस्थान आज हिमाचल में’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बीते आठ वर्षों में सराकर ने उच्च शिक्षा के लिए कई संस्थान खोले हैं। इनमें आईआईटी मंडी के अलावा सिरमौर में आईआईएम, ऊना में आईआईआईटी, बिलासपुर में एम्स बन चुका है। अब शिमला के बाद मंडी में भी यूनिवर्सिटी है और धर्मशाला में भी केंद्रीय विश्वविद्यालय है। हर सेक्टर से जुड़े देश के प्रिमियम संस्थान आज हिमाचल में हैं। इसका बहुत बड़ा फायदा हिमाचल को युवाओं को हो रहा है। आठ-दस साल पहले जो सोचना भी असंभव था वो भारतीय जनता पार्टी की सरकार करके दिखा रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत काल में भारत की अर्थव्यवस्था को टूरिज्म से एक बड़ा बल मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि मैं खुद भी हिमाचल की देव संस्कृति और हस्तशिल्प से अभिभूत रहता हूं। कुल्लवी-किन्नौरी शॉल हो या फिर चंबा रूमाल, कांगड़ा पेंटिंग हो या फिर लाहौली गर्म जुराबें इन सभीको जीआई टैग मिला है। मेरा प्रयास रहता है कि विदेशी मेहमानों से मिलना होता है तो हिमाचल के उत्पादों को लेकर जाता हूं। ताकि पूरी दुनिया को हिमाचल के कौशल के बारे में जानकारी मिल सके।

उन्होंने कहा कि आज जिस तरह से हिमाचल का टूरिज्म सेक्टर बढ़ रहा है वो उत्साह बढ़ाने वाला है। केंद्र सरकार ने कई देशों के साथ ई-वीजा शुरू किया है, इसका फायदा टूरिज्म को मिलेगा। इसका लाभ हिमाचल को भी लाभ होगा। कोरोना की मुश्किल से टूरिज्म सेक्टर जल्द से जल्द बाहर निकल सके इसके लिए हिमाचल सरकार ने सराहनीय प्रयास किए। शत-प्रतिशत टीककरण किया ताकि ये संदेश जाए कि हिमाचल सेफ है। मुद्रा योजना से हिमाचल में होम स्टे, रेस्टोरेंट और अन्य उद्यमों को गति मिली है। देशभर में मुद्रा योजना के तहत अभी तक 19 लाख करोड़ के बिना गारंटी को लोन दिए जा चुके हैं। हिमाचल में भी लगभग 14 हजार करोड़ रुपये लोगों को दिए जा चुके हैं। हिमाचल में रोजगार के हजारों अवसर बने हैं।

‘हाईवे के रख-रखाव और विस्तार को केंद्र ने दिए 14 हजार करोड़’
प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमाचल किसानों-बागवानों का प्रदेश है। हिमाचल को केंद्र सरकार की योजनाओं का फायदा मिल रहा है। किसान उत्पादक संघ बनाने पर भी केंद्र सरकार जोर दे रही है। हिमाचल में इंटीग्रेटेड कोल्ड चेन, एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर, फ्रूट प्रोसेसिंग यूनिट्स और फ्रुट टेस्टिंग लैब का नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। ऐसे हर काम से युवाओं को रोजगार मिलता है। पिछले आठ वर्षों में केंद्र सरकार ने हिमाचल में नेशनल हाईवे के रख-रखाव और विस्तार के लिए करीब 14 हजार करोड़ रुपये दिए हैं। जबकि 2014 से पहले आठ वर्षों में केंद्र सरकार से दो हजार करोड़ से भी कम मिलते थे। हमारी सरकार ने हिमाचल को पहले की सरकार के मुकाबले सात गुणा ज्यादा राशि दी है।

इस वर्ष के केंद्रीय बजट में दो बड़े प्रोग्राम घोषित किए हैं। जिनका हिमाचल को लाभ मिलने वाला है। वर्तमान प्रोजेक्ट के तहत पहाड़ी क्षेत्रों में रोपवे नेटवर्क को विस्तार देने की योजना है। जिसका लाभ हिमाचल के पर्यटन क्षेत्रों को हो रहा है। इसी तरह से वाइब्रेंट विलेज के तहत सीमा के साथ लगते गांवों का विकास किया जा रहा है। वर्क फ्रॉम होम को लेकर जो नीतियां बनी हैं उसका लाभ हिमाचल को हो रहा है।

‘ड्रोन नीति बनाने के लिए प्रदेश सरकार को बधाई’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि हिमाचल उन प्रदेशों में से है जिसने अपनी ड्रोन नीति बनाई है, इसके लिए प्रदेश सरकार को बधाई देता हूं। इससे खेती-बागवानी में काफी मदद मिलेगी। ड्रोन के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए युवाओं को ट्रेनिंग देने के लिए कई कोर्स भी शुरू किए गए हैं। इसके अलावा कनेक्टिविटी के साथ-साथ हेल्थ और वेलफेयर से जुड़े दूसरे इन्फ्रास्ट्रक्चर में भी हिमाचल आगे बढ़ रहा है। बिलासपुर का एम्स बनकर तैयार है। मोहाली में कैंसर अस्पताल का हाल ही में उद्घाटन हुआ है जिसका लाभ हिमाचल के लोगों को मिलेगा। हिमाचल के 8 लाख से अधिक परिवारों को नल से जल की सुविधा मिली है। केंद्रीय मंत्रीमंडल ने हिमाचल के हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देने के लिए मंजूरी दी है। इससे गिरीपार क्षेत्र के हजारों युवाओं को इस निर्णय से अनेक नए अवसर मिलेंगे।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जताया पीएम का आभार
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रधानमंत्री का कार्यक्रम में वर्चुअली रूप से जुड़ने के लिए आभार व्यक्त किया।उन्होंने कहा कि 2017 में जब प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है, पहले दिन से हिमाचल के विकास को प्राथमिकता दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां हर कदम पर आप लोगों को साथ मिला वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सहयोग से हिमाचल लगातार आगे बढ़ा है। बल्क ड्रग पार्क स्वीकृत करने के लिए भी आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार हिमाचल प्रदेश में रिवाज जरूर बदलेगा। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में मंडी पहुंचे युवाओं का भी आभार जताया। उन्होंने कहा कि हम हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाएंगे।

चपरासी को थप्पड़ मारने वाले लेक्चरर ने SI को भी नहीं बख्शा

ऊना।। जिले के थाना बंगाणा में एक शिक्षक के हंगामे का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में शिक्षक को पुलिस थाना में ही पुलिस कर्मी और पंचायत प्रतिनिधियों के साथ मारपीट करते हुए देखा जा सकता है। पुलिस ने शिक्षक को चतुर्थ श्रेणी महिला कर्मचारी को थप्पड़ मारने के आरोप में थाने तलब किया था, जहां शिक्षक ने आपा खो दिया और पुलिस कर्मियों और पंचायत प्रतिनिधियों के साथ ही उलझ पड़ा।

पुलिस ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ विभिन्न थाराओं में मामला दर्ज करते हुए आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। इस पूरे मामले का किसी ने वीडियो बना लिया है जो अब सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। दरअसल, शिक्षक पर आरोप लगे हैं कि उसने अपने ही स्कूल में तैनात चतुर्थ श्रेणी महिला कर्मचारी को थप्पड़ मारा है।

इसी मामले को लेकर गुरुवार को पुलिस ने पूछताछ के लिए शिक्षक को थाने बुलाया था। जहां पूछताछ के दौरान आरोपी शिक्षक ने भागने का प्रायस किया। मौके पर मौजूद एसआई ने उसे पकड़ने क कोशिश की तो उनसे उलझ पड़ा। इस दौरान एसआई की वर्दी के बटन भी टूट गए। बीच-बचाव करने आए सिहाणा पंचायत प्रधान और उप-प्रधान क साथ भी धक्का-मुक्की की और भाग कर गाड़ी में बैठ गया।

शिक्षक ने जैसे ही गाड़ी से भागने की कोशिश की तो गुस्साए लोगों ने उसकी गाड़ी के शीशे तोड़ दिए औऱ पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। बताया जा रहा है कि उक्त अध्यापक आर्मी से रियाटर होकर स्कूल में प्रवक्ता के पद पर सेवाएं दे रहा है। डीएसपी ऊना अंकित शर्मा ने बताया कि आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

पहले दोस्ती, फिर ‘प्रेम’ और बाद में ‘दुराचार’, धर्मशाला में सनसनी

मृत्युंजय पुरी, धर्मशाला।। धर्मशाला में पहले दोस्ती, फिर प्रेम और बाद में दुराचार का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यह घटना जिला मुख्यालय धर्मशाला के तहत हुई है। सदर थाना में धारा 376 के तहत मामला दर्ज हुआ है।

जानकारी के अनुसार युवती दिल्ली से संबंध रखती है, जबकि लडक़ा कांगड़ा का है। प्राथमिकी के अनुसार युवती ने कहा है कि वह सबसे पहले इस लड़क़े से बंगलूर में एक हॉस्टल में मिली थी। वहां उनकी दोस्ती हो गई। दोस्ती ने कुछ ही समय में अफेयर का रूप ले लिया।

युवक ऑनलाइन रीटेलिंग के कारोबार में है। प्राथमिकी के अनुसार, युवक ने युवती को धर्मशाला बुलाकर अपने ऑफिस तथा एक निजी होटल में अधिक मात्रा में नशीला पदार्थ खिलाकर शारीरिक संबंध बनाए। जिसके बाद युवती गर्भवती भी हो गई। आरोप है कि युवक के दबाव में आने के बाद गर्भपात भी करवाया गया।

लड़की के अनुसार, जिंदगी भर साथ देने की कसमों को लेकर आरोपी ने युवती के घरवालों की मर्जी से अपनी जिम्मेदारी पर धर्मशाला ले आया। यहां इसी बीच आरोपी ने युवती को अपने कारोबार में नौकरी भी ऑफर की। युवती का आरोप है कि शादी का झांसा देकर युवक ने कथित तौर पर उसके साथ कई बार दुराचार किया।

आरोप है कि युवती का छह माह तक शोषण किया गया है। युवती का आरोप है कि युवक के अन्य युवतियों के साथ भी प्रेम प्रसंग थे। इस मुद्दे पर लगातार उनकी लड़ाई होती रही। इन्हीं के चलते युवक ने युवती से दूरियां बनाना शुरू कर दी। युवती के अनुसार उसने युवक तथा उसके परिवार को समझाने का बहुत प्रयास किया। युवती ने बात न बनते देख मजबूरी में सदर थाना धर्मशाला में युवक तथा उसके परिवार पर एफआईआर दर्ज करवा दी है।

फिलहाल धर्मशाला थाना में युवती की शिकायत पर धारा 376 के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने मामले को लेकर स्पॉट कवर कर लिए है तथा अहम साक्ष्य जुटाए है जिन्हे फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजा गया है। वहीं सदर थाना के एसएचओ ने गोपनीयता का हवाला देते हुए इस मामले में ज्यादा न कहने से इनकार किया है। उधर एसपी डा खुशहाल शर्मा का कहना है कि मामले के हर पहलू से जांच जारी है।

मुकेश अग्निहोत्री ने स्वां का बताकर डाल दिया हरियाणा में यमुना में खनन का वीडियो

ऊना। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने अपने फेसबुक पेज पर डाले वीडियो में प्रदेश सरकार पर खनन माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए एक वीडियो डाला है। किसी साक्षात्कार के हिस्से पर उन्होंने स्वां नदी में खनन की बात करते हुए कुछ वीडियो डाले हैं, जिसमें बड़े पैमाने पर आधुनिक मशीनों से खनन होता हुआ दिख रहा है।

जब इन हिमाचल ने इस वीडियो की पड़ताल की तो पाया गया कि इस वीडियो में दिखाए गए कई सारे हिस्से स्वां नदी के नहीं बल्कि यमुना नदी के हैं। जो भारी मशीनरी बालू को ट्रकों पर लोड करती दिख रही है, वे अधिकांश वीडियो Mongabay India यूट्यूब चैनल पर अपलोड एक वीडियो से लिए गए हैं। इस चैनल पर अपलोड वीडियो में बताया गया है कि कैसे कोविड लॉकडाउन के दौरान हरियाणा के यमुनानगर में यमुना नदी में अवैध खनन हुआ।

16 नवंबर 2020 को अपलोड यमुना नदी के इस वीडियो के अंश नेता प्रतिपक्ष ने अपने वीडियो में कुछ इस तरह से पेश किए गए हैं मानो हिमाचल प्रदेश में किसी नदी के खनन का वीडियो हो। एक जगह टेक्स्ट में हिमाचल प्रदेश भी लिखा दिखता है मगर वह Mongabay India के वीडियो में उस शॉट को यह दर्शाने के लिए डाला गया था कि यमुना नदी हिमाचल प्रदेश से भी बहकर निकलती है। वीडियो देखें-

इस बात में कोई शंका नहीं कि हिमाचल में स्वां समेत कई जलधाराओं में बड़े पैमाने पर खनन हो रहा है और अवैज्ञानिक ढंग से हो रहा है। इस अवैध खनन के कारण कई तरह की चुनौतियां भी उत्पन्न हो रही हैं। इस कारण कई जगहों पर बरसात के दिनों में तबाही भी देखने को मिलती है। जैसे कि कांगड़ा में ट्रेन का एक पुल ढहने के पीछे भी अवैध खनन को ही जिम्मेदार माना जा रहा है।

कई जगहों से ऐसी शिकायतें भी आती हैं कि लोगों के आवाज उठाने के बावजूद प्रशासन उस तरह के कदम नहीं उठाता, जिस तरह के कदम उठाए जाने चाहिए। यह सिलसिला पिछले कई दशकों से बदस्तूर जारी है। सभी पार्टियां इसे चुनावों के समय मुद्दा बनाती हैं मगर सत्ता में आते ही इसे भूल जाती हैं। दिलचस्प बात यह है कि पिछली बार जब मुकेश अग्निहोत्री उद्योग मंत्री थे और खनन विभाग उनके पास था तो बीजेपी उनपर आरोप लगाया करती थी। इस बार भी चुनाव नजदीक हैं तो अवैध खनन का मुद्दा उठने लगा है।

बहरहाल, नीचे नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के फेसबुक पेज पर अपलोड वीडियो देखें और उसके बाद Mongabay India का वीडियो देखें, जिसके अंश उन्होंने स्वां नदी के संदर्भ में इस्तेमाल किए हैं।

यमुना नदी में खनन पर Mongabay India का वीडियो:

हिंदू विरोधी नारे लगाकर सिंघा-कांग्रेस ने देवभूमि का अपमान किया: नरेश शर्मा

शिमला।। सीपीआईएम विधायक राकेश सिंघा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से लगाए गए नारों पर एपीएमसी चेयरमैन नरेश शर्मा ने आपत्ति जाहिर की है। एपीएमसी चेयरमैन ने कहा कि मंगलवार को शिमला में राकेश सिंघा और कांग्रेस की विचारधारा से संबंधित व्यक्ति शिमला में ‘हमें चाहिए मूर्तिवाद से आजादी, हमें चाहिए हिंदू धर्म से आजादी’ जैसे नारे लगा रहे थे। नरेश शर्मा ने कहा कि इन नारों से देवभूमि के लोगों की आस्था और भावनाओं को ठेस पहुंची है।

उन्होंने कहा कि वामपंथियों और कांग्रेस नेताओं की जुगलबंदी बहुत पुरानी है। इन लोगों ने भीड़ इसलिए इकट्ठी की थी कि हम हिमाचल सरकार द्वारा जबरन या लालच देकर धर्म परिवर्तन करवाने की कोशिशें रोकने वाले कानून का विरोध करेंगे। नरेश शर्मा ने कहा कि यह कानून हिमाचल प्रदेश में 2006 से लागू था मगर बहुत कमजोर था। इसके बावजूद जबरन धर्म परिवर्तन के मामले बढ़ रहे थे। जयराम सरकार ने संशोधन लाकर इसे और सख्त बनाया ताकि देवभूमि के लोगों को किसी लालच या दबाव के तहत कोई गुमराह न कर सके। लेकिन विधानसभा के मॉनसून सत्र में लाए गए इस विधेयक का राकेश सिंघा ने भी विरोध किया था और उनके साथी कांग्रेसी विधायकों ने भी। विधानसभा में सुखविंदर सिंह सुक्खू और जगत सिंह नेगी खुलकर सिंघा के सुर में सुर मिला रहे थे।

नरेश शर्मा ने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं सिंघा और उनके कांग्रेसी मित्रों से कि लालच देकर धर्म परिवर्तन कर रहे लोगों से आपका क्या कनेक्शन है? अगर आपका उनसे कनेक्शन नहीं है तो बताएं कि पहले विधानसभा में क्यों विरोध किया और अब क्यों शिमला की सड़कों पर आप हिंदू धर्म को अपमानित करने वाले नारे लगा रहे हैं?

उन्होंने कहा कि राकेश सिंघा बताएं कि यदि कोई व्यक्ति लालच देकर या जबरन किसी का धर्म परिवर्तन करवाता है तो क्या यह सही है? वो जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए लाए गए कानून का विरोध क्यों कर रहे हैं?

नरेश शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र में विरोध करने का सभी को हक है। आप किसी कुरीति का विरोध कीजिए। मगर हिंदू धर्म से आजादी जैसे नारे लगाने का मतलब साफ है कि आप हिमाचल में उस गैंग के प्रतिनिधि हैं जो भारत के टुकड़े-टुकड़े करने का ख्वाब देखती है। उन्होंने कहा कि इसके लिए हिमाचल के लाखों हिंदू लोग उन्हें माफ नहीं करेंगे।

राहुल तीसरी बार सांसद हैं, सीखे होते तो कांग्रेस की ये हालत न होती: प्रतिभा सिंह

डेस्क।। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह के एक इंटरव्यू ने सियासी माहौल गर्म कर दिया है। द प्रिंट को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अगर सीखे होते तो आज कांग्रेस की यह हालत नहीं होती। उन्होंने यह भी कहा कि आज जेनरेशन गैप है और प्रियंका गांधी व राहुल गांधी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को महत्व नहीं देते।

गौरतलब है कि द प्रिंट ने मंगलवार सुबह इस साक्षात्कार का टेक्स्ट वर्जन अपने पोर्टल पर प्रकाशित किया था। इस पर प्रतिभा सिंह ने ट्वीट करके आपत्ति जताई थी और कहा था कि उनकी बातों को पत्रकार ने तोड़-मरोड़कर पेश किया है। उन्होंने द प्रिंट से इस इंटरव्यू को हटाने और माफी मांगने की बात कही थी। मगर दोपहर बाद द प्रिंट ने एक वीडियो डाला है, जिसमें प्रतिभा वही बातें कहती दिख रही हैं, जो द प्रिंट के पोर्टल में छपी हैं।

प्रतिभा सिंह के ट्वीट

इस इंटरव्यू के आखिरी हिस्से में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा के बारे में बोलते हुए प्रतिभा कहती हैं कि वरिष्ठ नेता थोड़ी अटेंशन चाहते हैं। आज एक जेनरेशन गैप है और जो कुछ वरिष्ठ नेता करते थे, अभी के नेता नहीं कर रहे। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी की तरह राहुल और प्रियंका नेताओं को टाइम या महत्व नहीं देते।

उन्होंने कहा, “आज की बच्चे, सॉरी टु से, चाहे राहुल जी हैं या प्रियंका जी हैं, टाइम नहीं देते या महत्व तो लोगों को निऱाशा होती है। इसलिए बहुत सारे लोग चले गए। देखिए, आजाद जी देश की इतने साल सेवा करने के बाद चले गए। उन्होंने कहा कि मेरी बात सुनी नहीं जाती, इतने महीने वेट करना पड़ा। आदमी रिस्पेक्ट ही तो चाहता है, भले उसका काम हो न हो। इज्जत, मान, टाइम दे दो, आदमी उसी में खुश हो जाता है। अभी की पीढ़ी में ये बातें नहीं हैं तो उन्हें (वरिष्ठ नेताओं को) लगता है कि अब छोड़ देना है। माना कि उन्होंने अपनी नाराजगी दिखाई तो आप उन्हें बुला लेते तो इस हद तक बात नहीं जाती।”

इसके बाद पत्रकार ने सवाल पूछा कि आपने इस संबंध में सोनिया गांधी जी से बात की कि आप समझाएं, तभी पार्टी बचेगी। इस पर प्रतिभा सिंह ने कहा, “वो बहुत बड़ी नेता हैं, लंबे समय तक हमारी अध्यक्ष रही हैं, मैं उन्हें इस तरह नहीं बता सकती। लेकिन मैंने महसूस किया अखबारों में पढ़कर, गुलाब नबी जी का इंटरव्यू देखा। उन्होंने भी कहा कि मुझे अफसोस हुआ। इतने पदों पर वह रहे। लेकिन क्यों उन्हें छोड़ने की नौबत आई? उनकी नाराजगी लंबे समय से थी। उन्हें बुला ही लेते तो समस्या सुलझ जाती। पर जब कोई है ही नहीं उस पोजिशन में कि कोई जिम्मेदारी ले सके।”

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा, “हम थोड़े ही न बोल सकते सोनिया जी को। और राहुल जी तो संसद में तीसरी बार हैं। उन्हें सीखना चाहिए। (मुस्कुराते हुए) मैं उन्हें सलाह नहीं दे रही लेकिन पार्टी के हित में बोल रही हूं। अगर ऐसा लगता है कि हमारी हरकतों से नाराज हो रहे हैं तो उन्हें समय दो, उनकी समस्याएं सुनो, कुछ सीखने की कोशिश करो तो शायद ये हालत न होती कांग्रेस की।”

नूरपुर और जसवां परागपुर: मंत्रियों को अपनों से ही मिल रही चुनौती

मृत्युंजय पुरी, धर्मशाला।। चुनाव आते ही पार्टियों के लिए सबसे बड़ी मुश्किल यह खड़ी हो जाती है कि टिकट चाह रहे अपने कार्यकर्ताओं को कैसे संभावा जाए। जाहिर है, टिकट तो एक को ही मिलता है। फिर होता यह है कि अपने ही कार्यकर्ता नाराज हो जाते हैं और अक्सर हार का कारण भी बन जाते हैं। ऐसी ही परिस्थितियां कांगड़ा जिले के दो मंत्रियों के लिए बनती हुई दिख रही हैं।

जसवां परागपुर और नूरपुर, ये दोनों ऐसी सीटें हैं जहां पर अपने ही भाजपा के लिए चुनौती बने हुए हैं। दोनों सीटों के विधायक इस समय मंत्री हैं और अपने-अपने क्षेत्र में पूरे जोर-शोर से जुटे हुए हैं। इस बार वे और भी ज्यादा ताकत लगा रहे हैं क्योंकि उन्हें खतरा विपक्षी कांग्रेस से नहीं, बल्कि अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं से है।

जसवां परागपुर के विधायक बिक्रम ठाकुर इस समय उद्योग मंत्री हैं। अपने क्षेत्र के लिए उन्हें दो नए एसडीएम ऑफिस और दो ब्लॉक ऑफिस खुलवाने में सफलता मिली है। लेकिन  उनके क्षेत्र में संजय पराशर भाजपा के टिकट की दौड़ में हैं। पराशर आरएसएस से जुड़े हैं और कोविड महामारी के समय से क्षेत्र में सक्रिय हैं। उन्होंने निशुल्क दवाएं बांटकर इलाके में अपनी पहचान बनाने की कोशिश की थी।

इसी तरह, वन मंत्री राकेश पठानिया के नूरपुर में रणवीर निक्का चुनाव लड़ने का एलान कर चुके हैं। बीजेपी के नूरपुर संगठनात्मक जिले के महामंत्री रह चुके निक्का ने कहा है कि बीजेपी टिकट नहीं देगी तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। दरअसल, उन्होंने 2012 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन जीत नहीं पाए थे। 2017 में उनकी जगह पठानिया को मौका मिला और वह जीत गए फिर बाद में मंत्री भी बन गए।

खास बात यह है कि राजनीतिक विश्लेषकों का यह मानना है कि इन दोनों ही सीटों पर कांग्रेस को मजबूत नहीं कहा जा सकता। लेकिन बीजेपी अगर अपने ही लोगों को संभाव नहीं पाई तो इसका सीधा फायदा कांग्रेस को होगा। वैसे भी, हिमाचल के चुनावों को लेकर यह बात लंबे समय से कही जाती है कि सरकार उसी पार्टी की बनती है, जो अपने नाराज टिकटार्थियों को बेहतर ढंग से संभाल पाती है।