पहले हम दुनिया की हां में हां मिलाते थे, आज दुनिया हमारे स्वर में मिलाती है स्वर: धूमल

हमीरपुर।। “पहले जो दुनिया कहती थी हम उस में हां मिलाते थे लेकिन आज जो हम कहते हैं वही दुनिया कहती है।” वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने हमीरपुर के एक निजी शिक्षण संस्थान में नेहरू युवा केंद्र द्वारा आयोजित जिला स्तरीय युवा उत्सव में उपस्थित युवाओं का जोश बढ़ाते हुए अपने संबोधन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि आज और 60 वर्ष पहले में क्या अंतर है हम आज भी आजाद हैं और हम 60 वर्ष पहले भी आजाद थे। तब अमेरिका जैसे बड़े देश हमें कहते थे कि हमारी आर्थिक नीतियां खराब हैं हमें उनकी हां में हां मिलाने पड़ती थी लेकिन आज परिस्थितियां बदली हुई हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “एक हफ्ता पहले समरकंद में विश्व के सात आठ बड़े चीन रूस भारत इत्यादि देशों की बैठक हुई जिसमें किसी की हिम्मत ना पड़ी कि पुतिन को सामने से कुछ कह पाए लेकिन हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब उनसे आमने सामने बैठ कर बात की तो सीधे दो टूक शब्दों में कहा यह समय युद्ध का नहीं यह समय विकास का है। बाद में उसी हफ्ते जब यूनाइटेड नेशंस की बैठक हुई तब फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्लो और अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन ने हमारे प्रधानमंत्री की बात को दोहराते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी बिल्कुल सही कह रहे हैं। यह परिवर्तन आया है।”

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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सौभाग्य से हमें ऐसा नेतृत्व मिला है जिसके माध्यम से हमारा स्वाभिमान जग रहा है आज विश्व भर में पर्यावरण संरक्षण और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में हमारे देश के माध्यम से काम हो रहा है विश्व भर में हमारा देश इसका प्रतिनिधित्व कर रहा है यह हमारे लिए गर्व का विषय है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस बार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमें पांच प्रण दिलाएं हैं पहला प्रण है विकसित भारत उस दिशा में हम आप सब के सहयोग से आगे बढ़ रहे हैं गुलामी की सोच से मुक्त होने का मतलब हीन भावना की सोच से मुक्त होना है जो सदियों तक हमारे देश पर राज करने वालों ने हमारे दिमाग में भर दी थी विरासत पर गर्व करना हम उस दौर से निकल चुके हैं जिसमें हमारी सोच को हीन भावना से ग्रस्त किया गया था अब हमें अपनी विरासत पर गर्व करना भी है और उसका मान सम्मान करना हमारा फर्ज भी है। आज के दौर में हम सभी एकजुट होकर रहेंगे तभी आगे बढ़ रहे हैं कोई कठिनाई आ भी गई तो उसका सामना देश कर रहा है। एक आदर्श नागरिक के कर्तव्य हम सबको पता होने चाहिए और अपने देश के लिए वह कर्तव्य हम सबको निभाने भी चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा शक्ति ही परिवर्तन लाती है फ्रांस में जब क्रांति हुई तब एक कवि ने लिखा जिंदा होना बहुत अच्छा नजारा है लेकिन युवा होना तो एकदम स्वर्ग जैसा है युवाओं को अपनी ताकत पहचाननी होगी और उसको एकत्रित कर सही लक्ष्य पर केंद्रित कर आगे बढ़ना होगा। बहुत अवसर मिल रहे हैं उन अवसरों को पहचानिए और आगे बढ़ी है युवाओं की सबसे बड़ी शक्ति उनका जोश है।

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