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Saturday, September 13, 2025
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एक साल के भीतर शुरू होगा भानुपल्ली -बिलासपुर रेलवे ट्रैक का कार्य

हिमाचल प्रदेश की पहली बड़ी रेल परियोजना पर जल्द काम शुरू होने की उम्मीद जग गई है। भानुपल्ली- बिलासपुर-बेरी ब्राडगेज रेल लाइन का काम उत्तर रेलवे ने रेल विकास निगम को सौंप दिया है। निगम ने इस अहम रेल ट्रैक के सेटेलाइट सर्वे का काम भी आरंभ कर दिया। दावा है कि करीब दो महीने के भीतर सर्वे रिपोर्ट तैयार हो जाएगी। इसके बाद एलाइनमेंट का काम शुरू होगा। इसके बाद रेल पटरी बिछाने का काम शुरू हो जाएगा।

पहले चरण में रेल ट्रैक भानुपल्ली से धरोट तक बिछेगा। दूसरे चरण में इसे बेरी तक बनाया जाएगा। केंद्र सरकार की इसे कुल्लू-मनाली होते हुए लेह तक ले जाने की भी योजना है। वर्षों से राजनीतिक पालने में झूल रही 63.1 किलोमीटर भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी रेल लाइन के जल्द धरातल पर उतरने के आसार बन गए हैं।

नंगल से भाखड़ा चलने वाली ट्रेन का चित्र

करीब 2964 करोड़ लागत से बनने वाली इस ब्रॉडगेज लाइन के सेटेलाइट सर्वे का काम चल रहा है। भू अधिग्रहण के लिए सोशल इंपैक्ट कमेटी के गठन के लिए राज्य सरकार को प्रपोजल भेज दिया है। खास यह है कि रेलवे ग्रामीणों को जमीन का मुआवजा नए भू-अधिग्रहण बिल के तहत अदा करेगा।

नड्डा के नेतृत्व में बीजेपी का वीरभद्र पर बड़ा हमला, विधानसभा घेराव करेगी पार्टी

  • इन हिमाचल डेस्क 

वीरभद्र सिंह के ऊपर लगे आरोपों पर पूरी भाजपा एकजुट हो गयी है।  हालाँकि प्रशासन ने  धर्मशाला के जोरावर स्टेडियम से  भाजपा की तय रैली को मंजूरी देने से मना कर दिया है फिर भी भाजपा ने तय किया है की रैली होकर रहेगी।  बी जे पि कार्यकर्त्ता देर रात तक इसकी रणनीति बनाते रहे की पोलिस से कैसे निबटना है गौरतलब है बी जे पी इस अभियान के तहत विधानसभा का घेराव करेगी।  आज दिन में जारी प्रेस नोट में वरिष्ठ मंत्रीं शांता कुमार ने भी वीरभद्र से इस्तीफा माँगा।

एक मीटिंग के दौरान वीरभद्र एवं जे पी नड्डा

शांता कुमार आफिस से जारी व्यक्तव में वरिष्ठ नेता की ओर से कहा गया की नैतिकता और कानून का सम्मान कर शीघ्र इस्तीफा देने का आग्रह किया है | उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के आगामी २ दिसम्बर,2015 को हिमाचल प्रदेश विधानसभा के घेराव कार्यक्रम मे अस्वस्थ होने के कारण शामिल नहीं हो पाएंगे | हिमाचल प्रदेश मे राजनैतिक परिस्थतियाँ अंत्यंत चिंताजनक और दुर्भाग्यपूर्ण बन गई है | मुख्यमंत्री गंभीर आरोपों के घेरे मे हैं | अन्य कांग्रेस के प्रमुख नेता पार्टी मे उतरदायित्व की दौड़ में लगे हैं | शासन और प्रशासन लगभग ठप्प है| विकास के काम रुके पड़े हैं | केंद्र की सभी योजनाओं का पूरा लाभ हिमाचल उठा नहीं पा रहा हैं |
शान्ता कुमार ने कहा कि नैतिकता और कानून के सम्मान का यह तकाजा था कि इतने गंभीर आरोप लगने के बाद मुख्यमंत्री अपना पद छोड़ देते | कांग्रेस हाईकमांड भी इस दिशा मे कुछ नहीं कर रहा है |
उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह ने लम्बा समय से हिमाचल प्रदेश में काम किया है | बह अब इस प्रकार प्रदेश के विकास में बाधक न बने और स्वयं ही पद से त्याग पत्र दे दें | पिछले दो वर्षो से जब से कांग्रेस सरकार सता में आई है प्रदेश की राजनीति टकराव में हैं | कोई रचनात्मक कार्य नहीं हो पा रहा है | शासन और प्रशासन पंगु हो गए हैं |   शांता कुमार स्वास्थय कारणों से इस घेराव में भाग नहीं ले पाएंगे परन्तु केंद्रीय मंत्रीं जे पी नड्डा सुबह अभियान में शामिल होने के लिए धर्मशाला निकल गए हैं

जांच की आंच के बीच धूमल -वीरभद्र की एकांत गुफ्तगू

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  • सुरेश चंबियाल
रोज एक दूसरे के खिलाफ कीचड उछालने की राजनीति के बीच कल अलग ही समीकरण देखने को मिले।  पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल अचानक मुख्यमंत्री से मिलने उनके सरकारी आवास ओक ओवर पहुंचे। गौरतलब है की दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक बंद कमरे में चर्चा हुई।  हैरानी की बात यह है की वीरभद्र सिंह से मिलने वालों की लिस्ट में धूमल का नाम उस दिन नहीं था वो अकेले ओक ओवर आये उनके साथ सिर्फ पर्सनल स्टाफ मौजूद था।  बंद कमरे में हुयी गुफ्तगू में भी कोई अफसर या स्टाफ शामिल नहीं था।
दोनों और से तेज है जांच 
  वीरभद्र सिंह अपने ऊपर इ  डी एवं सी बी आई की रेड के लिए धूमल परिवार पर आरोप लगाते रहे रहे हैं उनका कहना है की अनुराग की जेटली से नजदीकियों के कारण उन पर बदले की कार्रवाई के तहत कार्य हो रहा है।  वहीँ मुख्यमंत्री यह भी कह चुके हैं की धूमल परिवार की सम्पत्तियों की जानकारी जुटाने के लिए प्रदेश विजिलेंस उन्हें 6 महीने में रिपोर्ट देगी।  बाकायदा धूमल परिवार की सम्पतियों की  जानकारी के लिए सी आई डी ने पंजाब सरकार को भी पत्र लिखा है।  वीरभद्र अक्सर कहते हैं की धूमल परिवार की प्रदेश से बाहर विदेशों तक सम्पतिया हैं।
मुलकात के बाद दोनों नेताओं का चित्र
क्या लग रहे हैं क्यास 
इस मुलाक़ात के बाद राजनैतिक तौर पर लोग अलग अलग क्यास लगा रहे हैं। कुछ लोगों का सोचना है की रोज रोज की बयानबाज़ी को लगाम देने के लिए धूमल ने खुद अपनी ओर से पहल की है वहीँ , कुछ लोगो का मानना है ये आपसी सांठगांठ के लिए भी एक प्लेटफार्म हो सकता है।  गौरतलब है की वीरभद्र मामले मे अब तक शांत रहे केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा ने भी अचानक मुख्यमंत्री से तल्ख़ शब्दों में इस्तीफा माँगा है।  जिसे वीरभद्र सिंह ने भी उनके मुख्यमंत्री बनने के सपने से जुड़ा ब्यान बताया था।  धूमल के साथ प्रदेश में इस बार नड्डा  भी मुख्यमंत्री की रेस  में हैं।  मोदी सरकार साफ़ छवि को तवज्जो देती हुयी आ रही है।   जांच से चाहे कुछ भी निकल कर न आये परन्तु कोट कचरी के चक्क्रों में फंसकर धूमल भी नहीं चाहेंगे की जांच से उनकी प्रतिष्ठा को कोई  आंच भविष्ये में आये। हालाँकि इन सब कयासों के बीच यह भी प्रबल सम्भावना है की दोनों नेता विधानसभा में गतिरोध दूर करने के लिए मिले हों।

संसद सत्र में कांग्रेस के लिए वीरभद्र सिंह बन रहे किरकिरी : काँगड़ा से बाली के नाम पर चर्चा !

संसद सत्र में कांग्रेस  के लिए वीरभद्र सिंह बन रहे किरकिरी : काँगड़ा से  बाली के नाम पर चर्चा !

इन हिमाचल डेस्क
हिमाचल की राजनीति में आने वाले समय में भूचाल के संकेत मिल रहे है , सी बी आई एवं ई डी की वीरभद्र मामले में सक्रियता से कांग्रेस आलाकमान भी खासा चिंतित है।  लोकसभा सत्र में जहाँ कांग्रेस व्यामप और वशुंधरा के मामले में संसद में भाजपा को घेरने की रणनीति बना रही थी , वहीँ हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का मनी लांड्रिंग का मामला पार्टी के गले की फाँस बन गया है।
गौरतलब है  इस मामले में सलमान खुशीर्द , कपिल सिब्बल और पी चिदंबरम जैसे बड़े अधिवक्ता भी सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं ले पाये थे।  कांग्रेस की साड़ी रणनीति इस कारन फेल हो गयी है।  सूत्रों की माने तो सिब्बल को बुलाकर कांग्रेस आलाकमान ने मामले को जाना है।  मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह लगातार धूमल परिवार और  वित्त मंत्री अरुण जेटली को साजिशकर्ता बता रहे हैं।
किसी कार्यकर्म में एक साथ वीरभद्र सिंह एवं जी एस बाली
खबर मिली है प्रदेश के अंदर से भी कांग्रेस में अब लोग खुल कर वीरभद्र के सामने आने लगे हैं।  परिवहन मंत्री जी एस बाली इस पुरे मोर्चे का नेर्तित्व कर रहे हैं।  कहा जा रहा है की 18 विधायक इस समय वीरभद्र विरोधी गुट के साथ है और आलाकमान से आर पार चर्चा के लिए तैयार हैं।  सी पी एस  राजेश धर्माणी , गगरेट से कालिया पूर्व मंत्री आशा कुमार , विप्लव ठाकुर कॉल सिंह इन सब ने अब मोर्चा खोलने का मन बना लिया है।  नौजवान विधायक जिनमे सी पी एस रोहित ठाकुर भी शामिल हैं खुल कर अपनी नाराजगी व्यक्त कर चुके है
विपक्ष से भी अब धूमल परिवार से बाहर वीरभद्र सिंह पर हमले शुरू हो गए हैं।  इ डी के छापों के बाद आज केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा ने भी वीरभद्र सिंह का कड़े शब्दों में इस्तीफा मांग लिया है।  अब तक चुप रहे नड्डा के इन तेवरों से कयास लगने लगे हैं की , आखिर कहीं वीरभद्र के खिलाफ सी बी आई कुछ कड़ा एक्शन लेने वाली तो नहीं है।
प्रदेश की राजनीति से अगर वीरभद्र को रुखसत होना पड़ता है तो कौन उनकी जगह लेगा इस पर भी चर्चा शुरू हो गयी है।  सी डी प्रकरण के बाद पार्टी आलाकमान कॉल सिंह पर भी दाँव खेलने से कतरा रहा है।  परिवहन मंत्री जी एस बाली दिल्ली में बार बार केंद्रीय नेताओं से मुलाक़ात कर रहे है , इसलिए क्यास लगाये जा रहे हैं की कोंग्रस 2017 की दावेदारी को मजबूत करने के लिए जी एस बाली के नाम पर मुहर लगा सकती है।  बाली सबसे बड़े जिले कांगड़ा से आते है और हाल फिलहाल वीरभद्र विरोधी सेना का विस्वास बाली के कन्धों पर ही टिका है।  बाकी आने वाला समय ही बताएगा की क्या होगा परन्तु इतना तय है इस बार पहाड़ की सर्दी  में राजनैतिक गर्माहट तो रहेगी ही रहेगी

कोटला गांव की तबाही देख रो पड़े मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह



हिमाचल के कुल्‍लू के कोटला गांव में आगजनी से हुई तबाही का मंजर देखने पहुंचे सीएम वीरभद्र की आंखें भी नम हो गई। बेघर हुए गांववालों की हालत देख सीएम सन्न रह गए। हिमाचल के कुल्‍लू के कोटला गांव में आगजनी से हुई तबाही का मंजर देखने पहुंचे सीएम वीरभद्र की आंखें भी नम हो गई। बेघर हुए गांववालों की हालत देख सीएम सन्न रह गए। भयंकर आग से 100 से अधिक परिवार बेघर हो गए हैं। लोगों के आंसू देखकर सीएम भी भावुक हो गए और अपने आंसुओं को नहीं रोक पाए।


आगजनी के बाद कोटला गावं



सीएम ने लोगों का हालचाल पूछा। वहीं, लोगों ने भी अपनी समस्याएं सीएम के समक्ष रखीं . मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने गांव में मकानों के निर्माण के लिए दो करोड़ रुपये देने की घोषणा की। स्थानीय देवताओं के मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए 50 लाख रुपये की राशि भी इसी में शामिल है। उन्होंने भविष्य में भी लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया और मंदिरों का पुन: निर्माण पुरातन शैली से करने को कहा। सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार अग्निकांड प्रभावितों के पुनर्वास के लिए कोई कसर नहीं रखेगी। सीएम ने कहा कि यदि आवश्यकता हुई तो घरों के पुनर्निर्माण के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। कोटला गांव में जलापूर्ति के लिए पाइप लाइन बिछाने, मल निकासी व्यवस्था, बिजली के खंभे स्थापित करने एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए समुचित व व्यवस्थित प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

भावुक हुए मुख्यमंत्री



इस मौके पर मंदिर निर्माण के लिए भी कारदार सीएम से मिले। देवता बड़ा छमाहू के कारदार मोहन सिंह ने बताया कि उन्होंने सीएम के समक्ष मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करने के लिए 50 लाख रुपये की मांग की है। देवता छमाणी के कारदार लोत राम ने बताया कि उन्होंने भी सीएम के समक्ष मंदिर निर्माण शुरू करने के लिए 20 लाख रुपये की मांग रखी है कुछ दिन पहले तक घरों में रहने वाले इन लोगों को अब सर्दी की ये ठंडी रातें टेंटों में काटनी पड़ रही है।इस भीषण अग्निकांड में गांव के लोग अपना सब कुछ गंवा चुके हैं। लंगर लगाकर रोज इसी तरह तीन वक्त का गुजारा हो रहा है।

घर से बेघर हुए नौनिहाल
लोगो से रूबरू होते मुख्यमंत्री

प्रदेश सरकार के अतिरिकत राज्यसभा सांसद एवं केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा ने भी कोटला गावं के पुनः निर्माण के लिए बीस लाख अपनी सांसद निधि से देने की घोषणा की है 

जानिये वीरभद्र सिंह के जबाब पर क्या बोले जज कब क्या हुआ सुप्रीम कोर्ट में

  •  इन हिमाचल डेस्क 
आय  से अधिक संपत्ति मामले में।  वीरभद्र सिंह को झटका  लगा है वहीँ  सी बी आई के लिए थोड़ा इंतज़ार बढ़ गया है गया है।
जानिए क्या है मामला
आय से अधिक संपत्ति के मामले में सी बी आई ने वीरभद्र सिंह के घर रेड की थी।  इसके बाद वीरभद्र सिंह ने हिमाचल हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसके फैसले के तहत हिमाचल हाई कोर्ट ने कहा की  सी बी आई किसी भी तरह की पूछताछ या ग्रिफ़्तारी से पहले कोर्ट की अनुमति ले।
इसी फैसले के खिलाफ सी बी आई सुप्रीम कोर्ट गयी थी
  • 10 :30 बजे  सुप्रीम कोर्ट  नंबर  6 में शुरू शुरू हुई   सुनवाई
  • वीरभद्र की तरफ से कपिल सिब्बल , सलमान खुशीर्द , विवेक ने की पैरवी
  • सी बी आई की तरफ से अटॉर्नी जर्नल मुकुल रेहतोगी ने की पैरवी
  • वीरभद्र सिंह की तरफ से कहा  गया  दबाब में है सी बी आई , बदले  की भावना से की जा रही है कारवाई
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा इन बातों से याचिका का कोई लेना देना नहीं है।
  • सुप्रीम कोर्ट ने वीरभद्र के जबाब को नकारा दिल्ली हाई कोर्ट शिफ्ट किया केस
  • वीरभद्र सिंह  की  ग्रिफ्तारी  एवं  पूछताछ  सबंधी  हिमाचल हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने किया टिप्पणी  से किया इंकार कहा दिल्ली हाई कोर्ट में पक्ष रखे सी बी आई

काँगड़ा में पैराग्लाइडिंग रोमांच के बाद अब हमीरपुर में ” MOTOTHRILL” का चैलेंज

इन हिमाचल डेस्क !

हाल में  ही काँगड़ा में संपन्न  पैराग्लाइडिंग  वर्ल्ड  कप के रोमांच का असर अभी तक  हिमाचल प्रदेश  वासियों के दिमाग से उतरा नहीं है की एडवेंचर स्पोर्ट्स इवेंट्स को आगे बढ़ाते हुए जिला हमीरपुर  के कुछ उत्साही युवकों की टीम द्वारा ” हिल क्लब ” के बैनर  तले  “MOTOTHRILL… 2015 ” का आयोजन किया जा रहा है।  


मोटो थ्रिल का संभावित चित्र



पहाड़ की सर्पीली सड़कों पर मोटर साइकिल उड़ाते हुए पहाड़ी नौजवान तो सबने देखे हैं , परन्तु  उब्बड़ खाबड़ रास्तों तीखी उतराई कीचड से सने ट्रैक पर होने वाले इस बाइक राइडिंग के महामुक़ाबले में कौन अपने हुनर से सबको दाँतो तले उंगली दबाने को मजबूर करता उसी के सर  सिकंदर का ताज  सजेगा।

कुछ इस तरह की बाधाये करनी होंगी पार
इस इवेंट में आयोजकों ने प्रदेश के उत्साही एवं चैलेंज  के लिए हर पल तैयार रहने वाले युवाओं से बढ़ चढ़कर भाग लेने का आह्वाहन किया है।  बाकायदा इस इवेंट में भाग लेने वाले प्रतिभागियों के लिए एंट्री फी भी रखी गयी है साथ ही आत्मसुरक्षा ,  सारे इंतजाम होने पर ही मैदान में उतरने को मिलेगा।
रजिस्ट्रेशन फीस  इस तरह से है  
Entry :  Rs 1200 :  10 -नवंबर -2015 
Late Entry : Rs 1500 ,  11  से  22 नवंबर -201 5

Very Late Entry :  Rs 1800 23- नवंबर  से 4 दिसंबर 2015
 
इवेंट वाले  कार्यक्र्म को दो दिन में बांटा गया है जिसमे एक दिन रजिस्ट्रेशन आदि फॉर्मेलिटी  लिए रखा गया है।
 कार्यकर्म  रूपरेखा के अनुसार प्रतिभागियों की रजिस्ट्रेशन एवं सिक्योरिटी  आदि से सबंधित कारवाही
5-12 -2015  3 :00 बजे सायं शुरू हो जाएगी।
6 दिसंबर 2015 की सुबह 7 बजे प्रतिभागियों को  चैलेंज से अवगत करवाने के साथ ” महामुकाबला शुरू करवा दिया जाएगा।  उसी दिन शाम को विजेता का चयन कर लिया जाएगा एवं प्रतिभागियों को पुरस्कृत कर दिया जाएगा।
 रजिस्ट्रेशन आदि  से सबंधित जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।  
किसी भी तरह की जानकारी के लिए आयोजकों से भी संपर्क किया जा सकता है।
नवीन ठाकुर – 9418708484
आकाशदीप – 9418499928
गन्धर्व सिंह  –  9736673773
अभिनय ठाकुर – 9418075337
 

शांता कुमार और ठाकुर जगदेव चंद ने टेके थे वीरभद्र के आगे घुटने: बीजेपी नेता

  • हमीरपुर ।।
 
हमीरपुर  बीजेपी के एक लोकल नेता प्यारे लाल शर्मा  ने अपने भाषण में यह कह दिया कि स्वर्गीय ठाकुर जगदेव चन्द एवं दिग्गज बीजेपी नेता शांता कुमार ने वीरभद्र सिंह के आगे अपने दौर में घुटने टेक दिए थे।

गौरतलब है उस समय पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल भी मौजूद थे। शांता कुमार एवं ठाकुर जगदेव चंद जनसंघ के समय  से  राजनीति में सक्रिय रहे और बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में हैं। ठाकुर जगदेव ने 1977 से 1993 तक लगातार पांच बार हमीरपुर का नेतृत्व किया एवं दो बार शांता कुमार के बाद नंबर दो पर मंत्रिपद पर रहे थे।
शांता कुमार एवं स्वर्गीय ठाकुर जगदेव चन्द एक दुर्लभ चित्र में एक साथ
इस भाषण पर सुजानपुर के विधायक एवं ठाकुर जगदेव  सुपत्र नरिंदर ठाकुर ने कड़ा संज्ञान लिया एवं सोशल मीडिया माध्यम से ही  प्यारे लाल पर हमला बोला। बकौल ठाकुर उनके पिताजी हमीरपुर में भाजपा संस्थापक रहे हैं।  उन्होंने पूछा कि ठाकुर जगदेव चंद न होते तो क्या हमीरपुर में भाजपा होती। उन्होंने यह भी सवाल दागा कि अगर ठाकुर जगदेव उस स्तर के नेता नहीं थे तो राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ ने उनके नाम से इतिहास शोध संस्थान नेरी में क्यों खोला। कुल मिलाकर इस पूरे वाकये में हमीरपुर जिला से भाजपा की फूट और अतंरद्वंद्व नजर आता है।

( नरिंदर ठाकुर ने अपने पेज से पोस्ट हटा दी है, मगर इन हिमाचल के पास उसका स्क्रीनशॉट मौजूद है, जो नीचे दिया है)

श्री प्यारेलाल शर्मा का ये कहना की सांसद श्री शांता कुमार और स्वर्गीय ठाकुर जगदेव चंद ने वीरभद्र के आगे घुटने टेके स्वय…
Posted by Narinder Thakur on Sunday, October 25, 2015

सोशल मीडिया पर वायरल हुई इस पोस्ट पर लोगों ने तरह तरह के कॉमेंट किए थे। किसी का  कहना था कि प्यारे लाल नहीं जानते की ठाकुर जगदेव और शांता जी उन नेताओं में से है जिन्होंने हिमाचल भर में पैदल चल चल के लोगों से गालियां खाकर भी बीजेपी को सींचा है। किसी का कहना था कि राजनीति से ऊपरये दोनों नेता विश्वास और परिश्रम के परिचायक रहे हैं, ऐसे में कम से कम इनके बारे में बोलने से पहले हज़ार बार सोच लेना चाहिए। वहीं एक अन्य कॉमेंट में लिखा गया है – ” बीजेपी की यह फूट आने वाले चुनाव के लिए सही आसार नहीं है।”   

 
 
गौरतलब है नरिंदर ठाकुर पिछला विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट से लड़े थे और बहुत कम मार्जिन से मुख्यमंत्री  पद के उमीदवार प्रेम कमार धूमल से हारे थे। उसके बाद  लोकसभा चुनाव में बनी परिस्थितयों में नरिंदर ठाकुर बीजेपी में शामिल हुए और सुजानपुर उपचुनाव जीतकर विधायक बने।
संस्थापक नेताओं पर की गई इस टिप्पणी पर प्रदेश बीजीपी हाई कमान क्या संज्ञान लेता है, इसपर सबकी नजरें टिकी हुयी हैं।

पुलिस के घेरे में रखे जाते हैं ये देवता, रघुनाथ की दायीं ओर चलने को लेकर है विवाद

  • इन हिमाचल डेस्क  
कुल्लू दशहरे में प्रशासन ने इस बार भी अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा लोक उत्सव में बालू नाग व श्रृंगा ऋषि को नहीं बुलाया गया । ऐसा इस लिए किया गया है ताकि धार्मिक उत्सव में शांति का माहौल बनाये रखा जा सके भेजे हैं।
दशहरा उत्सव में रघुनाथ की रथयात्रा में दाहिनी ओर खड़ा होने को लेकर दो-देवताओं के बीच चल रहे विवाद के चलते जहां श्रृंगा ऋषि और बालूनाग को सुरक्षा घेरे में रखा गया तो वहीं भगवान रघुनाथ के धूर में चलने की परंपरा पीज के जम्दग्रि ऋषि ने निभाई।

क्या है धुर विवाद 
श्रृंगा ऋषि एवं बालू नाग बंजार घाटी के देवता हैं , समय समय पर इन दोनों को मुख्या जलेब के दौरान रघुनाथ के दायीं ओर चलने का मौका अतीत में मिलता रहा है।  श्रुंगा ऋषि का तर्क है की  भगवान रघुनाथ के जन्म के लिए दशरथ ने जो यज्ञ करवाया था वो उन्होंने ही किया था  इसलिए रघुनाथ के दायीं ओर चलने का हक़ उन्हीं का है।  वहीँ बाळुनाग का कहना है की  वो शेषनाग का रूप एवं लक्ष्मण के रूप में  अवतरतीत हुए थे रघुनाथ ( श्रीराम ) का अनुज होने के कारण दायीं ओर चलने का अधिकार उनका है।  इस से पहले  श्रृंगा ऋषि ही रगुनाथ के दायीं तरफ चलते रहे थे परन्तु उनके कुछ वर्षों तक दशहरा में नहीं आने के कारण  बालूनाग  दायीं तरफ चले।   परन्तु 1984 के बाद से रघुनाथ के दायीं तरफ चलने को लेकर दोनों के बीच टकराव चला है।  1992 में तो बकायदा पत्थरबाजी और मारपीट इनके गुरों के बीच हुयी जिसमे भारी तादाद में लोग एवं पोलिस भी  घायल हुयी।
देव जलेब का दृश्य
कोर्ट पहुंचा था विवाद 
यह विवाद प्रदेश हाईकोर्ट में पहुंच गया था, लेकिन 20 मार्च को  2012 प्रदेश हाईकोर्ट ने इस मामले की स्थिति स्पष्ट कर दी और फैसला श्रृंगा ऋषि के पक्ष में सुनाया। प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले से यह तो स्पष्ट हो गया है कि सरकारी तौर पर श्रृंगा ऋषि ही भगवान रघुनाथ की धूर में चलेंगे लेकिन बालूनाग के हारियानों को रास नहीं आया लड़ाई से बचने के लिए दोनों देवताओं को मेले में नहीं बुलाया जाता फिर भी अपने हरयनों के साथ यह दोनों देवता कुल्लू दशहरे में आते हैं परन्तु कड़ी सुरक्षा के बीच इन्हे अस्थायी शिविरों में रक्खा जाता है और जलेब में भाग लेने नहीं दिया जाता।
 

पूर्व मुख्यमंत्री धूमल एवं परिवार की सम्पतियों की जांच करेगी सी बी आई !

शिमला

पूर्व मुख्यमंत्री धूमल एवं उनके परिवार पर चल रही आय से अधिक संपत्ति के मामलो की जांच प्रदेश सरकार सी बी आई को सौंपने की तैयारी में हैं।  दैनिक अखबार दैनिक जागरण की खबर के अनुसार यह कार्रवाई जल्द ही अमल में ला सकती है।  इस से पहले भी प्रदेश सी आई डी ने आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच के सारे तथ्य छे महीने पहले ही सरकार को को सौप दिए थे साथ ही इस मामले में सी बी आई जांच की सलाह सरकार को दी थी।   प्रदेश सी आई डी के अनुसार  धूमल परिवार की प्रदेश से बाहर भी सम्पतिया हैं जहाँ सी आई डी  और विजिलेंस जांच नहीं कर सकती।
पूर्व मुखयमंत्री धूमल एवं अनुराग ठाकुर
विजिलेंस की माने तो धूमल परिवार ने प्रदेश के बाहर बंगलौर , मुंबई दिल्ली चंडीगढ़ एवं कुल्लू पालमपुर काँगड़ा में उस समय साड़ी सम्पतिया खरीदी जब धूमल 2008 से 2012 तक मुख्यमंत्री थे।  गौरतलब है की शर्मशाला के एक अधिवक्ता ने धूमल परिवार के विदेश में भी एक होटल होने का जिक्र किया था।  मुख्यमंत्री ने कल शाम कई घंटों तक विजेलंस के अधिकारीयों से मीटिंग की इसके बाद श्याद जल्द ही प्रेम कुमार धूमल ,धर्मपत्नी  शीला धूमल बेटे  अनुराग ठाकुर उनकी पत्नी शैफाली ठाकुर , बेटे अरुण धूमल एवमं उनकी पत्नी की सम्पतियों की जांच सी बी आई को दे दी जाएगी।
हालाँकि पूर्व मुख्यमंत्री धूमल खुद अपनी  शांता कुमार  तथा वीरभद्र सबकी सम्पतियों की जांच के लिए केंद्र को पत्र  लिखते रहे हैं।
अब इसे सिर्फ बदले की कार्रवाई माना जाए या कुछ और यह समय ही बता पायेगा।