14.4 C
Shimla
Monday, September 15, 2025
Home Blog Page 307

लेख: वन मंत्री नाचते रहेंगे और पीछे से हिमाचल के जंगल साफ हो जाएंगे

0
  • नवीन राणा


इन दिनों एक तस्वीर हिमाचल प्रदेश में बहस की विषय बनी हुई है। तस्वीर में हिमाचल के वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी मंच पर नाच रहे हैं। किसी वेबसाइट ने उसके साथ लिखा है कि यह सिस्टम का मजाक है और क्या इन्हें इसीलिए मंत्री बनाया गया है। इस कैप्शन को देखकर पहले-पहल तो मन में सवाल आता है कि ठाकुर सिंह भरमौरी अगर मंच पर नाच रहे हैं तो सिस्टम का क्या मजाक है? ऐसा क्या है कि कोई मंत्री मंच से गा नहीं सकता या नाच नहीं सकता?

किसी मंत्री के नाचने में कुछ भी गलत नहीं है और इससे किसी को समस्या भी नहीं होनी चाहिए। मगर दिक्कत सिर्फ तब तक नहीं होनी चाहिए, जब तक वह मंत्री अपने दायित्यों और जिम्मेदारियों का पालन पूरी निष्ठा और समर्पण से कर रहा हो। लेकिन अगर वह मंत्री नाचने और गाने के अलावा कुछ कर ही न रहा हो, तब दिक्कत होनी चाहिए और हर जागरूक नागरिक को दिक्कत होनी चाहिए। और अफसोस, यही कुछ नजर आ रहा है हिमाचल प्रदेश के वनमंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी के साथ।

bharmauri

भरमौरी जी के बारे में सुना है कि वह लोक कलाकार रहे हैं और आकाशवाणी के शिमला केंद्र से उनके गाए गानों का लंबे समय तक प्रसारण होता था। अगर यह सही है तो संभव है कि हम सबने कभी धारा रे गीत या अन्य किसी कार्यक्रम में उन्हें गाते सुना हो। जो व्यक्ति लोक संस्कृति से जुड़ा रहा हो उम्र भर, वह उससे कभी अलग नहीं हो सकता। अगर वह किसी भी कार्यक्रम में जाता होगा, बच्चों को गाते हुए देखता होगा, नाचते हुए देखता होगा तो उसका मन भी मचलता होगा नाचने-गाने को। इसमें वैसे तो कुछ गलत भी नहीं है, मगर मंत्री जी को ध्यान रखना चाहिए कि अब वह प्रदेश के मंत्री हैं और उनके ऊपर प्रदेश की वन संपदा की जिम्मेदारी है।

वन संपदा है तो हिमाचल है, वरना चट्टान के बने पहाड़ों में न कोई इंसान बस सकता है और न उन पहाड़ों की कोई शोभा बनती है। जितना लगाव और जितना समर्पण वह नाच और गाने के प्रति रखते हैं, उतना ही समर्पण अगर वह अपने विभाग के लिए दे रहे होते तो आज प्रदेश के वनों की हालत खराब नहीं होती। और अगर वह इतने ही संवेदनशील हैं तो जैसे वह लोक संस्कृति के प्रति लगाव रखते हैं तो कैसे भूल सकते हैं कि हिमाचल की वन संपदा भी इसकी लोक संस्कृति का हिस्सा है। वन विभाग के मंत्री होने पर औपचारिकता में जिम्मेदारी निभाने के बजाय उन्हें पैशन और समर्पण के साथ वनों के लिए कुछ करने में जुट जाना चाहिए था।

किसी मंत्री या संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के कामों को दो हिस्सों में बांटा जा सकता है। पहला- मंत्री होने के नाते प्रदेश के लिए क्या पॉलिसी बनानी है, किस पॉलिसी को कैसे लागू करना है, कहां कमी है, कहां क्या सुधार होना है, कहां कौन सा अधिकारी अच्छा कर रहा है, कहां खराब; इन सब बातों का ख्याल रखना है। और दूसरा हिस्सा ऐसा है, जिसमें दिखावा है, औपचारिकताएं हैं। उदाहरण के लिए पब्लिक अपियरेंस देना, जिनमें उद्घाटन या शिलान्यास के कार्यक्रमों में जाना, सांस्कृतिक जमावड़ों में शिरकत करना और तरह-तरह के कार्यक्रमों में उपस्थिति देना भी शामिल है। मगर अफसोस की बात यह है कि भरमौरी जी दूसरे हिस्से पर कुछ ज्यादा फोकस कर रहे हैं, पहले हिस्से की उन्हें चिंता तक नहीं है। वह पब्लिक अपियरेंस देने में तो पूरे समर्पण से डूबे रहते हैं, मगर अपने महकमे की जिम्मेदारियों में शायद उनका मन नहीं लगता।

प्रदेश भर में वनमाफिया सक्रिय है। आलम यह है कि सिरमौर जिले के पावंटा साहिब के पास वन तस्करों ने वन विभाग के अधिकारियों समेत पूरी टीम पर फायरिंग कर दी। कुल्लू समेत कई जिलों में विभिन्न जंगलों में सर्दियों के मौसम में आग लग गई तो कुछ आज भी सुलग रहे हैं। कई सालों से कुछ जगहों पर फर्निचर बनाने के नाम पर इमारती लकड़ी की तस्करी हो रही है हरे-भरे पेड़ों को काटकर। झंटिगरी से होते हुए बरोट आदि से जो तस्करी का खेल चल रहा है, वैसा ही खेल प्रदेस में कई जिलों में चल रहा है। शिमला में तारादेवी मंदिर के पास सरेआम जंगल की कटाई हो गई और वन विभाग सोता रहा। कोई भी एक उदाहरण ऐसा देखने को नहीं मिला, जहां मंत्री ने इन तमाम समस्याओं पर अधिकारियों की हाइ-लेवल मीटिंग बुलाई हो या तुरंत कोई ऐक्शन लिया हो। वह नजर आते हैं तो कभी किसी कार्यक्रम में गाने गाते हुए तो कभी किसी कार्यक्रम में नाचते हुए। अगर मंत्री महोदय अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए अपने काम को ढंग से कर रहे होते तो उनके नाचने-गाने पर किसी को आपत्ति नहीं होती।

(लेखक चंबा के रहने वाले हैं और हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी, शिमला में अध्ययनरत हैं।)

प्यार के नाम पर शिमला की लड़की के साथ हुआ धोखा, सीआईडी करेगी जांच

इन हिमाचल डेस्क।। शिमला की एक युवती का उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के रहने वाले एक युवक द्वारा यौन शोषण करने का मामला सामने आया है। युवती का कहना है कि उसे लड़के से प्यार हो गया था और वे शादी करना चाहते थे। लड़के का धर्म अलग होने की वजह से लड़की के परिजन फैसला नहीं ले पा रहे थे। मगर आरोप है कि लड़के ने चुपके से अश्लील विडियो बनाकर उसे सर्कुलेट कर दिया।

गौरतलब है कि हिंदी अखबार अमर उजाला ने बताया था कि लड़की 4 महीने से इंसाफ की आस में भटक रही है लेकिन हर जगह टालमटोल हो रही है। मगर अब मामले की जंच सीआईडी को सौंप दी गई है। महिला पुलिस स्टेशन न्यू शिमला ने भी हरकत में आते हुए युवती को बयान के लिए बुलाया है। अब सीआईडी के डीआईजी वीके धवन ने कहा कि लड़की की हरसंभव मदद की जएगी। उन्होंने कह कि विडियो की जांच की जाएगी और उसे बनाने और शेयर करने वालों पर भी कार्वाई की जएगी। यह मामला साइबर क्राइम की श्रेणी में भी आता है।

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

यह है मामला
मैहली की एक युवती ने मामला दर्ज करवाकर शिमला में रह रहे यूपी के मुजफ्फरनगर के युवक पर आरोप लगाया है। युवती का कहना है कि करीब छह महीने इस युवक से उसकी दोस्ती हुई, जो बाद में प्यार में बदल गई।

युवक ने युवती और उसके परिजनों के सामने शादी का प्रस्ताव रखा। युवक का धर्म अलग था इसलिए युवती के परिजनों ने सोचने का वक्त मांगा। इस बीच युवक और युवती का मिलना जारी रहा।

युवती का कहना है कि कुछ वक्त बाद युवक ने उससे बात करना बंद कर दिया। इससे पहले की युवती वजह समझ पाती, कुछ लोगों ने उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया कि तुम्हारा विडियो हमारे पास है।

image
प्रतीकात्मतक तस्वीर।

बदनामी के डर से युवती कुछ समय तक चुप रही, मगर बाद में उसने महिला पुलिस स्टेशन से गुहार लगाई। युवती का कहना है कि पुलिस स्टेश में टालमटोल की गई मगर एसपी के निर्देश पर मामला दर्ज किया गया।

महिला पुलिस ने पीड़िता की फोटो और कथित वीडियो देखकर उसे परेशान करने वालों के मोबाइल जब्त कर फरेंसिक जांच को भेजे। इसके बाद से महिला थाना पुलिस लैब से जांच रिपोर्ट का इंतजार ही कर रही है। अब मामला सीआईडी के पास गया है, ऐसे में लड़की के परिजनों को इंसाफ की उम्मीद जगी है।

तेज भूकंप आया तो हिमाचल में एक ही झटके में जा सकती हैं पौने 2 लाख जानें

इन हिमाचल डेस्क।। हिमाचल प्रदेश उत्तर भारत के उन राज्यों में शामिल है, जहां पर भीषण भूकंप आने की आशंका बनी हुई है। भूगर्भीय हलचलें हिमालयी क्षेत्र में अभी शांत नहीं हुई हैं और 2014 में नेपाल में आया भूकंप भी इसी का नतीजा था। अगर हिमाचल में इसी तरह का भूकंप आया तो तबाही मच जाएगी। दरअसल प्रदेश के सात जिले सिस्मिक जोन 5 में आते हैं।

आईआईटी रुड़की ने स्टडी की है कि अगर प्रदेश में रिक्टर स्केल पर 8 मैग्नीट्यूड का भूकंप आता है और उसका केंद्र मंडी जिले के सुंदरनगर में आता है तो पौने 2 लाख लोगों की जान जा सकती है और 14 लाख से ज्यादा लोग जख्मी हो सकते हैं।

सांकेतिक तस्वीर।
सांकेतिक तस्वीर।

इस रिपोर्ट की वजह से प्रदेश में 7 जिलों में मॉक ड्रिल्स की गईं। इस बार ड्रिल बताकर की गई, मगर अगली बार अचानक की जाएगी ताकि यह पता चल सके कि वास्तविक हालात से निपटने में हम कितने सक्षम हैं।

हिमाचल प्रदेश सिस्मिक जोन 4 और 5 में आता है। शिमला, सोलन, कुल्लू, मंडी, कांगड़ा और चंबा में हिमाचल की 80 फीसदी आबादी रहती है और यहीं पर भूकंप का सबसे ज्यादा खतरा है। भूगर्भीय हलचलों के आधार पर विशेषज्ञ चेताते रहे हैं कि 8.2 तीव्रता तक का भूकंप आ सकता है।

पालमपुर के विजय का केजरीवाल को नसीहत वाला विडियो वायरल

कांगड़ा।। देश भर में विमुद्रीकरण को लेकर चल रही खींचतान के बीच कई तरह विडियो सामने आए हैं। किसी में कोई गालियां देता नजर आ रहा है तो कोई सरकार की तारीफ कर रहा है। राजनीतिक दलों के नेता भी आए दिन तरह-तरह के बयान दे रहे हैं। इस बीच पालमपुर के रहने वाले टेकी विजय इंदर चौहान का एक विडियो सोशल मीडिया पर शेयर हो रहा है। इसमें वह आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक संदेश दे रहे हैं। देखें विडियो और जानें, क्या कह रहे हैं वह:

शादी की आड़ में हो रही है हिमाचल की बेटियों की तस्करी?

इन हिमाचल डेस्क।। प्रदेश के सिरमौर जिले के शिलाई में बेटियों को शादी की आड़ में यूपी और हरियाणा भेजने का गोरखधंधा चल रहा है। हिंदी अखबार अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक गरीबी और अशिक्षा की वजहों से यहां के लोग चंद रुपयों में अपनी बेटियों को शादी के नाम पर अधेड़, तलाकशुदा या नाकाबिल लोगों को बेच रहे हैं। यहां पर यह धंधा कई सालों से चल रहा है।

अखबार ने लिखा है कि जिन बेटियों को इस तरह से बेचा जाता है, वे न तो कभी पुलिस में शिकायत कर पाती हैं और न ही कहीं और मदद की गुहार लगा पाती हैं। कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जहां लड़कियों को आगे से आगे किसी और को बेच दिया गया या देह व्यापार में धकेल दिया गया। यह जानकारी प्रदेश सरकार की ही एक रिपोर्ट में हुआ है।

सांकेतिक तस्वीर।

सांकेतिक तस्वीर।

एकीकृत बाल विकास परियोजना की रिपोर्ट में पिछले ढाई सालों का रेकॉर्ड है। इस इलाके में पिछले 10 सालों में पुलिस ने मानव तस्करी के 2 दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं।

सांकेतिक तस्वीर

इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि असल मामलों की संख्या कहीं ज्यादा होगी। अभिभावक भी शिकायत नहीं करते, जिस वजह से आरोपियों को उनके किए की सजा नहीं मिल पाती।

सांकेतिक तस्वीर

पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा में लिंगानुपार खराब है। ऐसे में वहां पर बाहरी राज्यों से गरीब परिवारों की लड़कियों को खरीदकर लाने और शादी के नाम पर गुलाम बनाकर रखने का चलन देखने को मिला है। कई रिपोर्ट्स आ चुकी हैं, जिनमें पता चला है कि ऐसी लड़कियां नारकीय जीवन जी रही हैं।

यूपी में हुए रेल हादसे में हिमाचल ने खोया सेना में लेफ्टिनेंट 24 साल का बेटा

एमबीएम न्यूज नेटवर्क, मंडी।। रविवार को कानपुर देहात में हुए दिल-दहलाने वाले रेल हादसे में हिमाचल प्रदेश को भी झटका लगा है। मंडी जिले की भरनाल पंचायत के कोलनी गांव के नरेंद्र कुमार इस हादसे की चपेट में आ गए। 24 साल के नरेंद्र सेना में लेफ्टिनेंट थे।

मिल्खी राम के बेटे नरेंद्र ने चार साल पहले कॉलेज की पढ़ाई पूरी करके सेना जॉइन की थी। देहरादून से ऑफिसर ट्रेनिंग के बाद कुछ महीने पहले ही उन्होंने रेजिमेंट जॉइन की थी। अपने साथियों के साथ वह सफर कर रहे थे कि ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गई। बचाव दल ने जब तक उन्हें बाहर निकाला, वह दम तोड़ चुके थे।

नरेंद्र की एक पुरानी तस्वीर (MBM News Network)

नरेंद्र की एक पुरानी तस्वीर (MBM News Network)

एमबीएम न्यूज नेटवर्क का फेसबुक पेज लाइक करें

जेब से निकले पहचानपत्र के आधार पर रेलवे ने सेना को सूचित किया, जिसके बाद सेना की टीम ने शव को कब्जे मे ंलेकर परिजनों को सूचित किया। खबर मिलते ही इलाके में शोक लहर छा गई। नरेंद्र के पिता मिल्खी राम ने बताया कि दो दिन पहले ही उनके बेटे ने पूरे परिवार से बात की थी।

पिता पर लगा बेटी के शारीरिक शोषण का आरोप

चंबा।। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के सलूणी इलाके में एक दुखद घटना सामने आई है। एक शख्स पर अपनी ही बेटी का शारीरिक शोषण करने का आरोप लगा है। बच्ची की मां की शिकायत के आधार पर किहार पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।

पुलिस स्टेशन किहार के ए.एस.आई. जगदीश चंद की अगुवाई में नाबालिग लड़की को अदालत में पेश किया गया, जहां उसने अपने साथ घटी घटना के बारे में पूरी जानकारी दी। पंजाब केसरी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक एएसपी चम्बा वीरेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि लड़की की मां ने पुलिस को बताया है कि उसके पति ने अपनी बेटी के साथ मार्च माह में रात के समय अश्लील हरकतें करने के साथ-साथ उसका शारीरिक शोषण किया।

rape

लड़की का कहना है कि पिता ने इस घटना के बारे में जानकारी देने पर जान से मारने की धमकी भी दी। यही कारण है कि उक्त लड़की कई महीने कुछ नहीं बोली, लेकिन हाल ही में लड़की ने अपने साथ घटी घटना के बारे में जानकारी दी।

एएसपी ने बताया कि महिला ने इस मामले को लेकर अदालत में मामला दर्ज करने के लिए अनुरोध किया जिस पर माननीय अदालत ने पुलिस को इस मामले को दर्ज करने के आदेश जारी किए। पुलिस ने पति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 व 506 तथा पोक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

पुलिस ने मामले के आरोपी को दबोचने के लिए जगह-जगह पर छापामारी प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसी के चलते पुलिस ने सोमवार को कई स्थानों पर दबिश दी लेकिन आरोपी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही वह सलाखों के पीछे होगा।

चिंतपूर्णी मंदिर में बड़े नोटों को चढ़ावे के छोटे नोटों से बदलने का मामला

ऊना।। पूरे देश से ऐसी खबरें आ रही हैं कि पुराने 500 और 1000 रुपये के नोटों को खपाने के लिए मंदिरों और अन्य धार्मिक संस्थाओं का सहारा लिया जा रहा है। कई जगहों पर काले धन वाले बैंक के चढ़ावे के लिए आई रकम से नोट बदलवा रहे हैं। इस बीच हिमाचल प्रदेश के माता चिंतपूर्णी मंदिर को लेकर भी चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।

मीडिया और सोशल मीडिया पर एक ऐसा ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें मंदिर के क्लर्क, अधिकारी और बैंक कर्मी के बीच की बातचीत है। विभिन्न अखबारों की रिपोर्टिंग के मुताबिक बैंक के क्लर्क पर 500 और 1000 रुपये के नोटों के बदले छोटे नोट देने के लिए कहा जा रहा था, लेकिन उसने इनकार कर दिया। इस पर मंदिर के ही अधिकारी ने न सिर्फ उसे धमकाया बल्कि गाली-गलौच भी की। इन हिमाचल इस ऑडियो टेप की पुष्टि नहीं करता, मगर विभिन्न स्थापित अखबारों ने इसे प्रकाशित किया है। हम आपको हिंदी अखबार ‘अमर उजाला’ के हवाले से उस ऑडियो के कुछ अंश सुना रहे हैं।

इस बीच ऊना के डीसी विकास लाबरू ने कहा है, ‘मैंने तहसील दार और एक असिस्टेंट टेंपल ऑफिसर (महिला) को हटा दिया है, कथित तौर पर बड़े नोटों को 100 रुपये के नोटों से बदलने में शामिल थी। जांच बिठा दी गई है औऱ सख्त ऐक्शन लिया जाएगा।’

हिमाचल की महत्वपूर्ण खबरों और जानकारियों के लिए यहां क्लिक करके फेसबुक पेज लाइक करें

वीरभद्र के प्राइवेट सेक्रेटरी की जांच करने वाले अफसर का बॉर्डर एरिया में ट्रांसफर

शिमला।। हिमाचल प्रदेश पुलिस के ऑफिसर भूपिंदर नेगी ने शिमला में इन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) में डेप्युटेशन के दौरान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के प्राइवेट सेक्रेटरी सुभाष आहलूवालिया के खिलाफ जांच शुरू की थी। अब डेप्युटेशन खत्म होने पर जब भूपिंदर नेगी ने राज्य पुलिस में ड्यूटी जॉइन की, उन्हें तबादला चंबा के किहार में बॉर्डर एरिया में कर दिया गया है।

यूं तो राज्य सरकार के कर्मचारियों को प्रदेश में कभी भी कहीं भी ड्यूटी करनी पड़ सकती है, मगर जिस तरीके से भूपिंदर नेगी को किहार भेजा गया है, उस पर सवाल उठाए जा रहे हैं। नेगी ने अगस्त 2016 में ED में डेप्युटेशन पूरा करने के बाद राज्य पुलिस में वापसी की थी। उन्होंने पुलिस मुख्यालय में जॉइन किया था, मगर तुरंत ही उन्हें ऊना जिले के बनगढ़ में फर्स्ट इंडिया रिजर्व बटालियन (IRB) में ट्रांसफर कर दिया गया।

भूपिंदर नेगी
भूपिंदर नेगी

नेगी ने ऊना में जॉइन किया ही था कि फर्स्ट IRB के कमांडेंट एस.आर. राणा ने 5 नवंबर, 2016 को उन्हें किहार सेक्टर में ‘सेक्टर इंचार्ज’ के तौर पर ड्यूटी जॉइन करने का आदेश दिया। राणा ने अपने इस ऑर्डर में एडीजी पुलिस (आर्म्ड पुलिस ऐंड ट्रेनिंग) शिमला का जिक्र करते हुए कहा था कि आदेशों को उन्होंने पास कर दिया है।

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक जब डीजीपी संजय कुमार से बात की गई तो उन्होंने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि नेगी को किहार भेजा जाना रुटीन मामला है। संजय ने कहा, ‘चूंकि फर्स्ट IRB चंबा और जम्मू-कश्मीर की बॉर्डर की निगरानी कर रही है, इसलिए वहां पर एक सेक्टर इंचार्ज होना चाहिए। जब से केंद्र ने यहां से सीआरपीएफ को हटाया है, हिमाचल पुलिस ने फर्स्ट IRB को यह काम सौंपा है।’

इंडियन एक्सप्रेस ने अंदरूनी सूत्रों के हवाले से बताया है कि राणा को को टॉप रैंकिंग ऑफिसर से निर्देश मिले थे कि नेगी की नई पोस्टिंग ऊना से बाहर कर दी जाए और बॉर्डर एरिया उनके लिए ठीक रहेंगे। राणा के आदेश में कहा गया है, ‘ऑफिसर (नेगी को) को डेस्टिनेशन (किहार) में छोड़ने के बाद ड्राइवर तुरंत बटालियन के हेडक्वॉर्टर्स में रिपोर्ट करे। नेगी डेप्युटी कमांडेंट कुलवंत सिंह को तुरंत प्रभाव से रिलीव करेंगे।’

हिमाचल पुलिस सर्विसेज के ऑफिसर नेगी ने ईडी में असिस्टेंट डायरेक्टर रहते हुए सुभाष आहलूवालिया के खिलाफ प्रारंभिक जांच की थी। आहलूवालिया फेमा 1999 के तहत आरोपों का सामना कर रहे थे। आहलूवालिया रिटायर्ड IAS अफसर हैं, जो मुख्यमत्री के प्रिंसिपल प्राइवेट सेक्रेटरी के तौर पर दूसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। वह मुख्यमंत्री के खासमखास माने जाते हैं।

500 और 1000 के नोट बंद होने से हिमाचल में इनकी उड़ गई नींद

शिमला।। काले धन पर लगाम कसने के इरादे से बंद किए गए 500 और 1000 के नोटों का असर हिमाचल में भी देखने को मिलेगा। वैसे तो यहां पर कई तरह के गोरखधंधों में लगे लोगों के पास काला धन है, मगर बागवानों ने जो गलत ढंग से पैसा कमा रखा है, उनकी भी पोल खुलेगी।

दरअसल सेब का सीजन खत्म होने के बाद बागवानों के पास जो पैसा आया है, बहुत से लोगों ने अभी घर पर ही रखा है। जिनके अपने बागीचे हैं, उनके लिए तो टेंशन की कोई बात नहीं, क्योंकि सेब से हुई कमाई टैक्स फ्री है। इसलिए वे अपने पैसे को अपने बागीचों से हुई आमदनी हुई दिखाकर बैंक में जमा करवा सकते हैं और बाद में नए करंसी नोट  ले सकते हैं। मगर इन लोगों के बीच कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने सरकारी जमीन पर कब्जा करके सेब के पेड़ लगाए हुए हैं और उन्हें बेचकर गैर-कानूनी ढंग से पैसा कमाया है। इस तरह के लोग अपना पैसा बैंक में जमा करवाने से हमेशा से कतराते हैं, क्योंकि उन्होंने दिखाना पड़ेगा कि कमाई कहां से हुई। चूंकि उनके अपने बागीचे नहीं हैं, इसलिए वे सरकारी जमीन को शो नहीं कर सकते। इसलिए वे अपने पैसे को घर पर ही रखते हैं। अब इन लोगों के होश उड़ गए हैं।

हिमाचल प्रदेश में करोड़ों का कारोबार होता है।
हिमाचल प्रदेश में करोड़ों का कारोबार होता है।

हिमाचल प्रदेश में हर साल सेब से 2500 से 3500 करोड़ रुपये तक का कारोबार होता है जो हर साल फसल के हिसाब से बदलता रहता है। इस कारोबार से कई लोग जुड़े हैं। लाखों लोग इस कारोबार से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं। यहां पर 96 फीसदी बागवान और किसान छोटे स्तर पर बागवानी या खेती करते हैं और 4 फीसदी बागवान ही बड़े हैं। इनमें भी कुछ ऐसे हैं, जिन्होंने सरकारी या जंगलात की जमीन पर कब्जा किया हुआ है। ऐसे लोग कमाई को घर पर ही रखते हैं, जिसमें 500 और 1000 के नोट होते हैं। अब उन्हें नोट बदलवाने होंगे तो दिखाना होगा कि कमाई कहां से हुई। अगर वे जंगल की जमीन को अपने बागीचों में शो करेंगे, तब भी फंसेंगे और अगर कम बाग दिखाकर ज्यादा आय दिखाएंगे तब भी फंसेंगे। अगर वे फंसने से बचने के लिए इस पैसे को नहीं बदवाते हैं तो उनका पैसा अपने पास बर्बाद हो जाएगा और काला धन खत्म हो जाएगा।

भांग और चरस कारोबारियों की भी नींद उड़ी
ऐसी ही हालत नंबर 2 का धंधा करने वालों की होगी। जो लोग चरस और गांजे के काले कारोबार से जुड़कर करोड़ों कमाकर बैठे हैं, अगर उनके पास भी कैश हुआ तो वे अपनी इनकम शो नहीं कर पाएंगे। इसी तरह से जमीन की डील करने में ऊपर से जो पैसों का लेन-देन होता है, उनकी भी हालत पतली हो जाएगी। यह पैसा दरअसल सरकार की नजर में आता ही नहीं था और गुप-चुप तरीके से इसका लेन-देन होता रहता था। इसी पर नकेल कसने के लिए सरकार ने तुरंत इन नोटों को बंद करवा दिया है। जिनके पास मेहनत की कमाई है, उन्हें दिक्कत नहीं है। मगर काले कारोबारियों की नींद उड़ गई है कि इस पैसे क्या करेंगे।