वीरभद्र के प्राइवेट सेक्रेटरी की जांच करने वाले अफसर का बॉर्डर एरिया में ट्रांसफर

शिमला।। हिमाचल प्रदेश पुलिस के ऑफिसर भूपिंदर नेगी ने शिमला में इन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) में डेप्युटेशन के दौरान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के प्राइवेट सेक्रेटरी सुभाष आहलूवालिया के खिलाफ जांच शुरू की थी। अब डेप्युटेशन खत्म होने पर जब भूपिंदर नेगी ने राज्य पुलिस में ड्यूटी जॉइन की, उन्हें तबादला चंबा के किहार में बॉर्डर एरिया में कर दिया गया है।

यूं तो राज्य सरकार के कर्मचारियों को प्रदेश में कभी भी कहीं भी ड्यूटी करनी पड़ सकती है, मगर जिस तरीके से भूपिंदर नेगी को किहार भेजा गया है, उस पर सवाल उठाए जा रहे हैं। नेगी ने अगस्त 2016 में ED में डेप्युटेशन पूरा करने के बाद राज्य पुलिस में वापसी की थी। उन्होंने पुलिस मुख्यालय में जॉइन किया था, मगर तुरंत ही उन्हें ऊना जिले के बनगढ़ में फर्स्ट इंडिया रिजर्व बटालियन (IRB) में ट्रांसफर कर दिया गया।

भूपिंदर नेगी
भूपिंदर नेगी

नेगी ने ऊना में जॉइन किया ही था कि फर्स्ट IRB के कमांडेंट एस.आर. राणा ने 5 नवंबर, 2016 को उन्हें किहार सेक्टर में ‘सेक्टर इंचार्ज’ के तौर पर ड्यूटी जॉइन करने का आदेश दिया। राणा ने अपने इस ऑर्डर में एडीजी पुलिस (आर्म्ड पुलिस ऐंड ट्रेनिंग) शिमला का जिक्र करते हुए कहा था कि आदेशों को उन्होंने पास कर दिया है।

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक जब डीजीपी संजय कुमार से बात की गई तो उन्होंने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि नेगी को किहार भेजा जाना रुटीन मामला है। संजय ने कहा, ‘चूंकि फर्स्ट IRB चंबा और जम्मू-कश्मीर की बॉर्डर की निगरानी कर रही है, इसलिए वहां पर एक सेक्टर इंचार्ज होना चाहिए। जब से केंद्र ने यहां से सीआरपीएफ को हटाया है, हिमाचल पुलिस ने फर्स्ट IRB को यह काम सौंपा है।’

इंडियन एक्सप्रेस ने अंदरूनी सूत्रों के हवाले से बताया है कि राणा को को टॉप रैंकिंग ऑफिसर से निर्देश मिले थे कि नेगी की नई पोस्टिंग ऊना से बाहर कर दी जाए और बॉर्डर एरिया उनके लिए ठीक रहेंगे। राणा के आदेश में कहा गया है, ‘ऑफिसर (नेगी को) को डेस्टिनेशन (किहार) में छोड़ने के बाद ड्राइवर तुरंत बटालियन के हेडक्वॉर्टर्स में रिपोर्ट करे। नेगी डेप्युटी कमांडेंट कुलवंत सिंह को तुरंत प्रभाव से रिलीव करेंगे।’

हिमाचल पुलिस सर्विसेज के ऑफिसर नेगी ने ईडी में असिस्टेंट डायरेक्टर रहते हुए सुभाष आहलूवालिया के खिलाफ प्रारंभिक जांच की थी। आहलूवालिया फेमा 1999 के तहत आरोपों का सामना कर रहे थे। आहलूवालिया रिटायर्ड IAS अफसर हैं, जो मुख्यमत्री के प्रिंसिपल प्राइवेट सेक्रेटरी के तौर पर दूसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। वह मुख्यमंत्री के खासमखास माने जाते हैं।

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