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Monday, September 15, 2025
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने हिमाचल के नरेंद्र ठाकुर को दी बड़ी जिम्मेदारी

शिमला।। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले से संबंध रखने वाले नरेंद्र ठाकुर को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। अब वह संघ के राष्ट्रीय सह प्रचार प्रमुख होंगे। यानी संघ के मीडिया विभाग को एक तरह से राष्ट्रीय स्तर पर वही देखेंगे। वह सीधे संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य को रिपोर्ट करेंगे।

 

मीडिया के बढ़ते प्रभाव को समझते हुए संघ ने अपने मीडिया विभाग का विस्तार किया है और अधिकारियों की जिम्मेदारियों में फेरबदल भी किया है। इनमें प्रमुख है संघ के राष्ट्रीय सह प्रचार प्रमुख के पद पर नया चेहरा लाना। अब तक यह जिम्मेदारी जे. नंद कुमार संभाल रहे थे मगर यह जिम्मेदारी नरेंद्र ठाकुर को दी गई है।
नरेन्द्र ठाकुर अब तक उत्तर क्षेत्र के प्रचार प्रमुख का दायित्व संभाल रहे थे, जिसमें उत्तर भारत के दिल्ली, हिमाचल, पंजाब, हरियाणा जैसे कई राज्य आते थे। अब उनकी जिम्मेदारी बढ़ाकर उन्हें अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख बना दिया गया है। कोयंबटूर में संपन्न अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में यह फैसला लिया गया है।

 

नरेंद्र मंडी जिले के जोगिंदर नगर से हैं और शिमला में कई वर्षों तक ‘मातृवंदना’ पत्रिका के प्रबंधक रहे हैं। उन्हें बेहद विनम्र और मृदुभाषी माना जाता है।

अब मरे हुए बंदर का फोटो दिखाने पर ही मिल जाएंगे 500 रुपये

इन हिमाचल डेस्क।। उत्पाती बंदरों से मुक्ति दिलाने के नाम पर हिमाचल सरकार अब तक बिना भारी-भरकम रकम खर्च चुकी है मगर इस समस्या से मुक्ति नहीं मिल रही। हिमाचल प्रदेश सरकार ने लोगों को बंदर मारकर बदलने में पैसे पाने की स्कीम लाई थी। विभिन्न सरकारें अब तक लाखों रुपये दे चुकी हैं मगर यह प्रक्रिया सवालों के घेरे में रही थी। एक तो लोग बंदरों को मारने को तैयार नहीं होते और कुछ जगह घपले के भी आरोप लगे थे।

हिंदी अखबार पंजाब केसरी की रिपोर्ट कहती है कि हिमाचल सरकार को नियमों में बदलाव करना पड़ा है। अब बंदर मारने वाले को वन विभाग को सूचना नहीं देनी होगी। उसे बंदर को मारकर उसका फोटो खींचना होगा और इसकी सूचना स्थानीय पंचायत प्रधान को देनी होगी। पंचायत प्रधान इसकी सूचना वन विभाग देगा और बंदर मारने वाले को 500 रुपये मिल जाएंगे।

अगर यह रिपोर्ट सही है तो सवाल यह है कि क्या गारंटी है कि लोग इंटरनेट से फोटो निकालकर या फिर कहीं और से एक ही बंदर के विभिन्न जगहों पर फोटो खींचकर यह दावा न करें कि हमने इसे मारा है। क्या गारंटी है कि प्रधान के साथ मिलीभगत करके फर्जी दावा किया जाए। यह भी संभव है कि प्रधान इस रकम को खुद हड़प जाए या हिस्सा मांगने लगे। यह पूरी की पूरी प्रक्रिया करप्श बढ़ाने वाली लग रही है।

अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक प्रधान सचिव वन तरुण कपूर ने इसकी पुष्टि की है। गौरतलब है कि पहले बंदर मारने की सूचना वन विभाग को देनी होती थी और इसके बाद बंदर के शव का मेडिकल परीक्षण किया जाता था। कमजोर, बूढ़े या कम उम्र के बंदरों को मारने पर पैसे नहीं मिलते थे। ऐसे बंदरों को अब भी नहीं मारा जा सकता मगर तस्वीर देखकर कैसे तय किया जा सकता है कि मारा गया बंदर कमजोर, बूढ़ा या कम उम्र का नहीं था?

रिपोर्ट के मुताबिक अब तो बंदर को मारने और उसकी डेडबॉडी को डिस्पोज़ ऑफ करने के बाद पंचायत प्रधान को इसकी सूचना देनी होगी। यानी सबूत देने की भी जरूरत नहीं। कौन जाकर खुदाई करके देखेगा कि बंदर मरा हुआ है या नहीं। कुलमिलाकर इस योजना में झोल नजर आ रहा है। इस बीच सरकार ने शिमला में बंदरों को मारने की अवधि भी बढ़ाकर 24 मई कर दी है। प्रदेश के अन्य अधिसूचित क्षेत्रों में बंदरों को मारने की आखिरी तारीख पहले से यही है।

लोग चूंकि एक्सपर्ट नहीं हैं और उन्हें जीवों को मारने की छूट देना गलत है। कोई हादसा हो सकता है और उनकी गोली किसी इंसान को भी लग सकती है। ऐसे में लोगों को 500-500 रुपये देने के बजाय सरकार को चाहिए कि एक्सपर्ट शूटर्स को हायर करे जो उत्पाती बंदरों का ही शिकार करें। इससे न सिर्फ सरकारी पैसे की बर्बादी रुकेगी, किसी तरह का खतरा भी नहीं होगा। इससे भी बेहतर है कि ढंग से किसी एजेंसी की मदद से बंदरों की नसबंदी की जाए और लॉन्ग टर्म पॉलिसी बनाई जाए। मगर लगता है कि सरकार चाह रही है कि लोग भले ही बंदर मारकर पैसा न लें, बंदर मारने का दावा करके पैसा ले लें। यह जनता के टैक्स के पैसे की बेकद्री तो है ही, साथ ही समस्या भी इससे हल नहीं हो रही।

अब मंडी में मृत पाया गया तेंदुआ, किसी ने काट लिए पंजे और सिर

मंडी।। मंडी जिले के जोगिंदर नगर में भभोरी धार पर ऐहजू-बसाही रोड के पास जंगल में मृत तेंदुआ मिला है। तेंदुए के चारों पंजे गायब हैं और सिर भी। शरीर पर जख्म के भी निशान हैं।

 

वन विभाग के साथ पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया और पोस्टमॉर्टम के लिए मृत तेंदुए को जोगिंदर नगर लाया गया है। यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी तेंदुआ नैचरल मौत मरा या किसी ने उसे मौत के घाट उतारा।

तस्वीर: LadBarol.com
तस्वीर: LadBarol.com

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले सिरमौर के नाहन में भी इसी तरह का मामला सामने आया था। वहां चारों पंजें कटे मिले थे (क्लिक करके पढ़ें खबर) मगर जोगिंदगर नगर में तेंदुए का सिर भी काट लिया गया है। यह पता चलता है कि इंसान किस कदर संदेवना खो चुका है।

तस्वीर: LadBharol.com
तस्वीर: LadBharol.com

ये सभी तस्वीरें हमने LadBharol.com से ली हैं। पूरी खबर उस वेबसाइट पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

शिप्रा खन्ना से सीखें कोदुए की रोटी और लहसुन की चटनी बनाना

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इन हिमाचल डेस्क।। मंढल, कोदुआ, कोदरा, कुदरू या कोदो (Kodo Millet) एक मोटा अनाज है, जो हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में आज भी उगाया जाता है। इसकी रोटी देखने में थोड़ी डार्क होती है मगर खाने में लजीज।

खास बात यह है कि इसकी रोटी के अंदर कचालू, आलू या अन्य तरह का मसाला डालकर रोस्टेड कटौरी (परांठे की तरह) बनाई जाती है, जिसे बेढ़ुआं कहते हैं। इसके अलावा कोदरे की सिंपल रोटी बनाकर उसे चटनी, अचार या मक्खन से भी खाया जा सकता है।

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मास्टर शेफ इंडिया की चैंपियन रहीं हिमाचल प्रदेश की शिप्रा खन्ना अपना यूट्यूब चैनल चलाती हैं, जिसका नाम है शिप्राज़ किचन। इसमें वह विभिन्न रेसिपीज़ की जानकारी देती हैं। अच्छी बात यह है कि उन्होंने लहसुन की चटनी के साथ कोदरे की रोटी बनाने का तरीका भी बताया है। आप आसानी से इसे सीखकर बना सकते हैं। नीचे वीडियो देखें और सीखें:

रिसर्च में पता चला- स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है हिमाचली धाम

इन हिमाचल डेस्क।। हिमाचल प्रदेश में दावत के दौरान दी जाने वाली धाम को खाने का मजा ही कुछ और है। विभिन्न व्यंजनों वाले इस भोज को हम चटखारे लेकर तो खाते ही हैं, अब पता चला है कि सेहत के लिए यह फायदेमंद है। एक रिसर्च में यह बात निकलकर सामने आई है।

क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान फॉर न्यूट्रीशल डिसऑर्डर, मंडी के रिसर्च में मंडयाली धाम को आयुर्वेदिक आहार बताया गया है। रिसर्च में पाया गया कि धाम पकाने से लेकर परोसने तक के पीछे वैज्ञानिक दृष्टिकोण है। सेहत के लिए इसे गुणों की खान माना गया है।

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सबसे पहले बूंदी मीठा, फिर सेपू बड़ी और झोल फूड वैल्यू बढ़ा देता है। शोध के बाद संस्थान अब धाम को पेटेंट करवाने के लिए आवेदन करेगा। सहायक निदेशक एवं अनुसंधान अधिकारी डॉ. ओम शर्मा का कहना है कि अब मंडयाली धाम को पेटेंट करवाने के लिए आवेदन किया जा रहा है।

रिसर्च में कहा गया है कि फूड वैल्यू को देखते हुए धाम अपने आप में एक अनूठा आहार है। इसे परोसने का तरीका भी अनूठा है। हरी पत्तलों और हाथ से धाम खाने का जो लाभ शरीर को मिलता है, वह प्लास्टिक से बनी प्लेटों और चम्मच से खाने से नहीं मिलता।

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धाम पत्तलों पर परोसी जाती है। मंडयाली धाम में सबसे पहले बूंदी मीठा परोसा जाता है। इसे लोकल बोली में बदाणा कहा जाता है। उसके बाद सेपू बड़ी, कद्दू खट्टा, कोल का खट्टा, दाल और झोल परोसा जाता है। इसे टौर के हरे पत्ते से बनी पत्तलों पर परोसा जाता है जिससे इसकी फूड वैल्यू और बढ़ जाती है।

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संस्थान के सहायक उपनिदेशक एवं अनुसंधान अधिकारी डॉ. ओम राज शर्मा की अगुवाई में इसी संस्थान के सुमित गोयल, दीप शिखा आर्य, विनीता नेगी, विकास नरयाल और प्रशांत शिंदे की टीम ने मंडयाली धाम के हर पहलू पर शोध किया है। शोध पत्र जनरल इंटरनेशनल जनरल ऑफ एडवांस रिसर्च के फरवरी अंक में प्रकाशित हो गया है।

दिल जीत लेगी हिमाचल की पृष्ठभूमि पर बनी गंभीर मेसेज वाली ऐनिमेटेड शॉर्ट मूवी- मुस्कान

इन हिमाचल डेस्क।। हिमाचल प्रदेश के महिला एवं बाल कल्याण निदेशालय ने मुस्कान नाम की एक शॉर्ट ऐनिमेटेड मूवी बनाई है। यह जेंडर इक्वैलिटी का मेसेज देती है और लोगों को कन्या भ्रूण हत्या जैसी बुराई के बारे में जागरूक करती है। फिल्म हिमाचल की पृष्ठभूमि पर है मगर पूरे देश के लिए मेसेज देती है। (फिल्म बॉटम पर जाकर देखें।)

मुस्कान नाम की एक छोटी लड़की को पता चलता है कि उसकी प्रेगनेंट मां को गर्भ में पल रहे बच्चे के लिंग की जांच के लिए टेस्ट के लिए फोर्स किया जा रहा है। अगर गर्भ में पल रहा शिशु लड़की हुई तो अबॉर्श कर दिया जाएगा। मुस्कान अपने परिवार की सोच बदलने का निश्चय लेती है। अपने परिवार के मन में बनी कई धारणाओं को वह तोड़ती है।

यह मूवी न सिर्फ हमें यह बताती है कि लड़का और लड़की में फर्क नहीं है, बल्कि कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ भी मसेज देती है। इसे डायरेक्टरेट ऑफ विमिन ऐंड चाइल्ड डिवेलपमेंट और डिपार्टमेंट ऑफ सोशल जस्टिस ऐंड इम्पारवरमेंट हिमाचल प्रदेश ने ACC की पार्टनरशिप के साथ बनाया है। फिल्म को गिरगिट स्टूडियोज़ ने तैयार किया है। हिमाचल के पॉप्युलर लमण बैंड ने भी इसमें म्यूजिक दिया है। नीचे देखें 20 मिनट की यह मूवी। शेयर करना न भूलें:

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जल्द नए टीवी सीरियल में लीड रोल में दिखेंगी हिमाचल के मंडी की ईशानी शर्मा

इन हिमाचल डेस्क।। हिमाचल प्रदेश के मंडी की ईशानी शर्मा जल्द ही नए सीरियल में लीड रोल में नजर आने वाली हैं। स्टार प्लस ‘हमको तुमसे हो गया है प्यार क्या करें’ में अनोखी का रोल निभाते हुए ईशानी काफी तारीफ बटोरी थी।

ईशानी ने प्लस टू तक की पढ़ाई डीएवी स्कूल मंडी से की है। इसके बाद चंडीगढ़ में बीटेक करते हुए उन्होंने ऑडिशन दिया था, जिस दौरान सीरियल के लिए उनका सिलेक्शन हुआ था।

इशानी शर्मा
इशानी शर्मा

ईशानी के पिता वकील हैं और माता कॉमर्स की प्रफेसर हैं। ईशानी का कहना है कि उन्होंने ऐक्टिंग के लिए कोई ट्रेनिंग नहीं ली है और न ही बचपन में ऐक्टिंग में कोई इंटरेस्ट रहा। मगर स्कूल और कॉलेज में नाटकों में भाग लेना उनके लिए मददगार साबित हो रहा है।

ईशानी की कुछ तस्वीरें:

Ishani Sharma

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मुख्यमंत्री के पेज पर Live के नाम पर दिखाया रिकॉर्डेड वीडियो, वह भी ढंग से नहीं चला

इन हिमाचल डेस्क।। हिमाचल प्रदेश को तरक्की की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के लिए उस वक्त अजीब स्थिति हो गई जब वह 7 बजे लाइव आने का ऐलान करने के बावजूद फेसबुक पर सही वक्त पर लाइव नहीं हो पाए।

पहले मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के फेसबुक पेज पर शाम 7 बजे का लाइव शेड्यूल किया था मगर उस पर लाइव होने के बजाय 7 बजकर 5 मिनट पर नया फेसबुक लाइव क्रिएट कर दिया।  इंटरनेट का आलम यह था कि आवाज कट-कट कर आ रही थी और विडियो भी हैंग हो रहा था। इसके तुरंत बाद ब्रॉडकास्ट रोक दिया गया और फिर उस लाइव वीडियो को डीलीट कर दिया गया। इसके बाद 7 बजकर 13 मिनट पर पेज पर फिस ले लाइव शुरू हुआ मगर यह 3 मिनट से कुछ ही सेकंड ऊपर टिका। देखें:

दरअसल एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह फेसबुक लाइव सीधा लाइव नहीं था, बल्कि प्री-रिकॉर्डेड मेसेज था जिसे एक सॉफ्टवेयर के जरिए लाइव किया गया था। गौरतलब है कि OBS और इसी तरह के अन्य सॉफ्टवेयर्स की मदद से प्रीरिकॉर्डेड लाइव किए जा सकते हैं। मगर इनमें वीडियो का डेफिनिशन हाई रहे तो वह रुक-रुककर चलता है। लोगों का कहना है कि पहले वाला डिलीट हुआ वीडियो और अभी वाला वीडियो एक जैसा ही है। शुरू के 10 सेकंड बाद वीडियो में एक जंप दिखता है, जिससे पता चलता है वीडियो एडिटेड है। आखिर में वीडियो का ब्लैक हो जाना भी यही इशारा करता है।

बहरहाल, बड़ा मुद्दा यह नहीं है कि वीडियो रेकॉर्डेड था या नहीं। इससे पता चलता है कि मुख्यमंत्री के दफ्तर में ही ऐसा इंटरनेट हो तो पूरे प्रदेश में इंटरनेट कनेक्टिविटी की क्या हालत होगी। गौरतलब है कि यह सरकार फ्री वाई-फाई देने के नाम पर निजी कंपनी जियो द्वारा दिए जाने वाले पब्लिक वाई-फाई पर तारीफ बटोर चुकी है।

इंटरनेट पर चर्चा है कि मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार गोकुल बुटेल ही उनके फेसबुक पेज को संभालते हैं। चूंकि वह सीएम के आईटी अडवाइजर हैं, ऐसे में वह भी फेसबुक लाइव के दौरान साथ होंगे। मगर हास्यास्पद स्थिति यह है कि 7 बजकर 10 मिनट तक मुख्यमंत्री लाइव नहीं हो पाए। गौरतलब है कि गोकुल बुटेल एयरोनॉटिकल इंजिनियर हैं और बावजूद उन्हें आईटी सलाहकार बनाया गया है। इंटरनेट पर इस बात को लेकर भी चर्चा हो रही है कि गलत फील्ड के व्यक्ति को गलत जगह तुष्टीकरण के तहत लाखों की सैलरी पर रखेंगे तो यही होगा।

इस वीडियो लाइव से गोकुल बुटेल एवं मुख्यमंत्री के आईटी पार्क के दावों की भी पोल खुलती है। अगर ऐसा स्लो इंटरनेट होगा तो कैसे बनेगा आईटी पार्क? कौन सी कंपनी होगी तो धीमे इंटरनेट पर काम करने आएगी? बहरहाल, सरकार को सबक लेने की जरूरत है।

इस वीडियो के जरिए मुख्यमंत्री ने अपने वॉट्सऐप नंबर की जानकारी दी। यह नंबर 9816661555 है। मुख्यमंत्री ने इसी की जानकारी देने के लिए फेसबुक लाइव को चुना। फेसबुक के जरिए संवाद करने वाले वह हिमाचल के दूसरे सत्ताधारी राजनेता हैं। उनसे पहले ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर जी.एस. बाली दो बार फेसबुक लाइव कर चुके हैं।

हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिह फेसबुक पर लाइव

इन हिमाचल डेस्क।। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने फेसबुक के जरिए संवाद की पहल की है। वह अपने ऑफिशल फेसबुक पेज पर लाइव हैं। जानें, क्या कह रहे हैं वह:

नीचे देखें फेसबुक लाइव:

‘बेगम जान’ मूवी में विद्या बालन के साथ दिखेगी पालमपुर की बेटी पूनम राजपूत

इन हिमाचल डेस्क।। यह हैं पूनम राजपूत। कांगड़ा जिले के चढ़ियार में एक छोटे से गांव डोली में जन्मीं पूनम महेश भट्ट की अपकमिंग मूवी ‘बेगम जान’ में विद्या बालन के साथ नजर आएंगी। इस फिल्म का डायरेक्शन सुरजीत मुखर्जी कर रहे हैं। पूनम रविवार को कपिल शर्मा शो में फिल्म के प्रमोशन के लिए भी पहुंच रही हैं। यह फिल्म 14 अप्रैल को रिलीज होगी।

पूनम इस फिल्म में सबसे युवा लड़की रानी के कैरक्टर में नजर आएंगी। यह फिल्म विभाजन के दौरान महिलाओं के संघर्ष पर आधारित है। गौरतलब है कि पूनम पंजाबी फिल्म ‘जट दी वन’ में लीड रोल निभा चुकी हैं।

विद्या बालन के साथ पूनम
विद्या बालन के साथ पूनम

पूनम की शुरुआती पढ़ाई चढियार में ही हुई। इसके बाद उन्होंने चंडीगढ़ से एमबीए करने के बाद मॉडलिंग की दुनिया में कदम रखा। पूनम के पिता नहीं हैं। संघर्ष करते हुए पूनम ने हार नहीं मानी और अपने सपनों को पूरा किया। पूनम की माता पवना देवी का कहती हैं कि पूनम बचन से फिल्मों में काम करना चाहती है। नीचे उनकी फेसबुक प्रोफाइल से मॉडलिंग की कुछ तस्वीरें। सबके आखिर में बेगम जान मूवी का ट्रेलर देखें:

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बेगम जान मूवी का ट्रेलर: