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Tuesday, September 16, 2025
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आय से अधिक संपत्ति केस में वीरभद्र सिंह और प्रतिभा सिंह बतौर आरोपी समन

नई दिल्ली।। आय से अधिक संपत्ति के मामले में स्पेशल कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को आरोपी के तौर पर समन भेजा है। सीबीआई द्वारा दायर की गई चार्जशीट का संज्ञान लेते हुए अदालत ने वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह समेत 9 आरोपियों को 22 मई को हाजिर होने के लिए कहा है।

इस केस में अन्य आरोपियों के नाम चुन्नी लाल चौहान, जोगिंदर सिंह घाल्टा, प्रेम राज, वकामुल्ला चंद्रशेखर, लवण कुमार रोच और राम प्रकाश भाटिया हैं। सीबीआई की 500 पन्नों की चार्जशीट में दावा किया गया है कि 82 साल के वीरभद्र सिंह ने केंद्रीय मंत्री रहते हुए आय के ज्ञात स्रोतों  से इतर अवैध ढंग से 10 करोड़ रुपये जुटाए।

इस मामले में मुख्यमंत्री वीरभद्र और 8 अन्य के खिलाफ 225 गवाहों और 442 के आधार पर दंडनीय अपराधों की धाराएं लगी हैं। रिपोर्ट में एलआईसी अजेंट आनंद चौहान का भी नाम है जो अभी न्यायिक हिरासत में है। चौहान को ईडी ने पिछले साल 9 जुलाई को इस मामले से संबंधित मनी लॉन्डरिंग के अन्य मामले में गिरफ्तार किया था।

कोर्ट से मिले इस झटके के बाद अब वीरभद्र सिंह और हिमाचल कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं क्योंकि अब तक मुख्यमंत्री और उनका परिवार इस केस को जेटली और अनुराग की राजनीतिक साजिश बता रहा था। मगर अब कोर्ट द्वारा आरोपी के रूप में बुलाए जाने के बाद बीजेपी को हमलावर होने का मौका मिल गया है।

150 साल पहले ऐसी नजर आती थी हिमाचल प्रदेश की कुल्लू घाटी

इन हिमाचल डेस्क।। हिमाचल प्रदेश आज से 150 साल पहले कैसा था, कभी सोचा है? इंटरनेट की अच्छी बात यह है कि उस दौर में कुछ लोगों ने जो तस्वीरें खींची थीं, अब इंटरनेट पर उपलब्ध हैं। वरना बाहर के फटॉग्रफर्स की खींची ये तस्वीरें उनकी अलबमों में कैद रह जातीं। ऐसी ही कुछ तस्वीरें आए दिन विभिन्न पेज शेयर करते हैं। एक फेसबुक पेज ने 1860 के दशक की कुल्लू घाटी की तस्वीरें शेयर की हैं। इनसे पता चलता है कि घाटी तो वैसी ही है, बस निर्माण बेतहाशा हो गया है। इनमें से कुछ तस्वीरों से हमें अपने पूर्वजों के रहन-सहन की भी झलक मिलती है। तस्वीरें तब की हैं जब ‘हिमाचल’ नाम के प्रांत का अस्तित्व तक नहीं था। ये तस्वीरें Tharah Kardu- ठारा करडू नाम के पेज से इंबेड की गई हैं। देखें:

नीचे दी गई तस्वीर में आपको मसक (mussock) दिखेंगे। दरअसल ये बड़े जानवरों की खाल होती थी जिसे फूंक मारकर फुलाया जाता था। इसके जरिए नदी पार की जाती थी क्योंकि यह डूबता नहीं था। ऐसी ही खालों में पानी भी भरकर ढोया जाता था। तस्वीर 1860 के आसपास की है। सैम्युअल बोर्न ने कुल्लू घाटी में ब्यास नदी के तट पर ली थी। (अगर आपको तस्वीरें नजर न आएं तो यहां क्लिक करके हमारी मोबाइल साइट पर जाकर देंखें)

ऐसी ही एक और तस्वीर। बैकग्राउँड में देखिए पुल बनाया जा रहा है। लंबे दरख्तों को एक के ऊपर एक लॉक करके पुल बनाए जाते थे। बरोट से आगे लुहारडी में ऐसा पुल अभी भी देखने को मिल जाएगा।

कुल्लू घाटी

बजौरा (1866)

मन मोह लेंगी हिमाचल प्रदेश की ये खूबसूरत तस्वीरें

इन हिमाचल डेस्क।। हिमाचल प्रदेश के प्राकृतिक सौंदर्य की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर देखने को मिल जाती हैं जो मन मोह लेती हैं। फेसबुक के फोटो शेयरिंग ऐप इंस्टाग्राम पर भी हिमाचल के कई लोग फोटो डालते है। इनमें से कुछ प्रफेशनल फटॉग्रफर हैं तो कुछ पर्यटक। कुछ ऐसे इंस्टाग्राम अकाउंट भी हैं जो विभिन्न फोटो डालते हैं। आज हम हिमाचल की कुछ ऐसी ही तस्वीरें शेयर करने जा रहे हैं। विभिन्न जगहों पर ली गईं ये तस्वीरें हिमाचल को बहुत खूबसूरती से दिखाती हैं।

नीचे हम जो तस्वीरें दिखा रहे हैं, उन्हें इंस्टाग्राम अकाउंट instagram.com/unravelhimachal/ से एंबेड किया गया है। देखें:

 

बिहार बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष मंगल पांडे बने हिमाचल प्रभारी

शिमला।। बिहार में बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष मंगल पांडे को भारतीय जनता पार्टी ने हिमाचल प्रदेश का प्रभारी नियुक्ति किया है। उनसे पहले श्रीकांत शर्मा यह जिम्मेदारी संभाल रहे थे मगर अब वह उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री बन गए हैं। इसके बाद हिमाचल के लिए नए प्रभारी की तलाश की जा रही थी जो मंगल पांडे पर आकर खत्म हुई है।

बिहार के सीवान जिले के भृगु बलिया गांव में जन्मे मंगल पांडे का राजनीति सफर साल 1989 में शुरू हुआ था। 2005 में वह बिहार भाजपा के महासचिव बने थे। 2012 में वहां विधान परिषद के सदस्य भी बने। साल 2013 में पार्टी ने अचानक उन्हें प्रदेशाध्यक्ष बनाया था। वह महज 44 साल की उम्र में प्रदेशाध्यक्ष बने थे। बाद में 2016 में उनका कार्यकाल खत्म होने पर नित्यानंद राय को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी जो ओबीसी समुदाय से हैं।

ध्यान देने वाली बात यह है कि बिहार में साल 2015 में हुए विधानसभा चुनाव के वक्त मंगल पांडे की प्रदेशाध्यक्ष थे। प्रदेश अध्यक्ष के रूप में मंगल पांडे पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा तय किए गए मिशन 185 के लक्ष्य को हासिल करने की जिम्मेदारी थी। उस वक्त पार्टी की सीटें पिछले चुनावों के मुकाबले कम हो गई थीं।  2010 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 91 सीटें मिली थीं मगर 2015 में ये घटकर 53 रह गई थीं।

बिहार विधानसभा चुनावों की तुलना

इनमें से 27 सीटें शहरी इलाकों की थीं। इससे संकेत मिला था कि बिहार में बीजेपी अपने पारंपरिक सपॉर्ट बेस में सिमट गई थी जो शहरों मे रहता है। बीजेपी बिहार के ग्रामीण इलाकों में पहुंच बनाने में नाकाम रही थी। ध्यान देने वाली बात यह है कि बिहार में सिर्फ 11.3 पर्सेंट आबादी ही शहरी इलाकों में रहती है, जो कि भारत में हिमाचल के बाद दूसरे नंबर पर है।

41 साल का शख्स 3 साल से कर रहा था 16 वर्षीय बेटी का बलात्कार

केलांग।। हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर शर्मनाक मामला सामने आया है। एक नाबालिग लड़की का आरोप है कि उसका पिता पिछले 3 साल से उसका रेप कर रहा था। किसी तरह हिम्मत करके लड़की ने अपने करीबी रिश्तेदारों को घटना की जानकारी दी। मामला पुलिस तक पहुंच गया है और आरोपी पिता को अरेस्ट कर लिया गया है।

घटना लाहौल स्पीति के केलांग थाना के तहत आने वाले गांव सरखंग सिसु का है। पुलिस का कहना है कि 41 साल का एक शख्स अपनी 16 साल की बेटी से करीब 3 साल से दुष्कर्म कर रहा था। बताया जा रहा है कि आरोपी की पत्नी 6 साल पहले उसे छोड़कर चली गई थी और तबसे वह अपनी बेटी और बेटों के साथ रह रहा था। मासूम बेटी काफी समय से पिता की इस हरकत का शिकार हो रही थी।

एक दिन पीड़ित लड़की ने अपनी करीबी रिश्तेदारों को बताया कि पिता क्या करता है। रिश्तेदारों ने केलांग पुलिस स्टेश में मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने तुरंत हरकत में आते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आईपीसी की धारा 376, 506 और POCSO ऐक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। लड़की का मेडिकल करवाया गया है जिसमें रेप की पुष्टि होने की खबर है।

सरकार रिपीट करने के लिए कांग्रेस काट सकती है 23 नेताओं और विधायकों के टिकट

मोदी- शाह के दौरों के बाद हिमाचल प्रदेश की सियासी फिजाओं में भी उफान आ गया है। यूं तो मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पिछले कुछ अरसे से अकेले ही चुनावी माहौल में आ गए थे परन्तु आज कांग्रेस विधायक मंडल की बैठक बुलाकर उन्होंने सबको कमर कसने के लिए कह दिया है। बैठक के मायने यही निकाले जा रहे हैं कि कांग्रेस भी अब इलेक्शन मोड में आ चुकी है।  देश में परिवर्तन की जिस राह पर बीजेपी चली है, उसी को देखते हुए कांग्रेस भी अब कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। इस बार का चुनाव मुख्यमंत्री के लिए बहुत अहम है। जांच एजेंसियों से चौतरफा घिरे मुख्यमंत्री खुद अगले चुनाव में पार्टी की कमान संभाल रहे हैं और इस बात को कांग्रेसी दिग्गज भी पुख्ता कर चुके हैं।

यह चुनाव मुख्यमंत्री के बेटे और युवा कांग्रेस के प्रधान विक्रमादित्य सिंह का भी पहला चुनाव होगा। शिमला ग्रामीण से उनके लड़ने की बात बार-बार दोहराई जा रही है। सबसे अहम बात यह है कि आज धर्मशाला में मुख्यमंत्री ने कहा है की कांग्रेस नए चेहरों को मौक़ा दे सकती है। विक्रमादित्य सिंह भी अपने बयानों में बार-बार कहते आए हैं कि युवा वर्ग को टिकट दिए जाएंगे। वह कहते रहे हैं कि जहां कांग्रेस अरसे से हार रही है, वहां नए कैंडिडेट को इस बार तरहीज दी जाएगी। कोटा सिस्टम से टिकट नहीं देने की वकालत विक्रम और अम्बिका सोनी ने पहले भी की है।ऐसा हुआ तो टीम विक्रमादित्य की लॉटरी इस बार निकलने वाली है।

कांग्रेस भी इसी नीति पर चली तो बहुत से दिग्गजों का चुनावी राजनीति से संन्यास लगभग तय ही माना जाना चाहिए। कांग्रेस के इन बड़े नेताओं के ब्यानो से निष्कर्ष निकाला जाए तो सम्भावना बनती है की कम से कम 20 नेता इस बार टिकटों से महरूम हो सकते हैं या सदा के लिए टिकट की दौड़ से बाहर जा सकते हैं। ऐसे ही कुछ संभावनाएं देखते हुए ‘इन हिमाचल’ ने एक विश्लेषण किया है। नए चेहरे और बार-बार हार के समीकरणों पर नजर दौड़ाएं तो पहले वे सीटें है, जिनमें या तो नए चहेरे उतारे जाएंगे या फिर वे नेता हैं, जिनके कांग्रेस में टिकट के चांस इस बार शून्य ही नजर आ रहे हैं:

1. कमल किशोर ( इंदोरा ): बड़े मार्जन से हारने की वजह से नया चेहरा उतारा जा सकता है। वर्तमान विधायक (निर्दलीय) मनोहर धीमान दुविधा में हैं कि किस पार्टी में जाएं। वह किस पार्टी में जाते हैं, यह देखना होगा।

2. संजय अवस्थी (अर्की ): युवा नेता है परन्तु चर्चा है कि वीरभद्र सिंह अर्की से अगला चुनाव लड़ सकते हैं। इसलिए टिकट कट सकता है। ठाकुर धर्मपाल के बाद कांग्रेस अपने गढ़ की इस सीट को दो बार गंवा चुकी है।

3. प्रोमिला देवी (भोरंज ): बेशक युवा हैं पर अभी-अभी उपचुनाव हार चुकी हैं। प्रेम कौशल का टिकट अंत में कटकर इनकी झोली में आया था। वीरभद्र सिंह की पसंद अब प्रेम कौशल हो सकते हैं।

4. पवन नैय्यर ( चम्बा ): पूर्व आईएएस बी.के. चौहान से दो बार से लगातार कांग्रेस हार रही है। हर्षवर्धन खुद इस बार मोर्चा संभाल सकते हैं।

5. ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह राणा (देहरा ): पूर्व में बुरी तरह से इस सीट पर हारी कांग्रेस देहरा सीट से नए खिलाड़ी को मौक़ा दे सकती है।

6. हमीरपुर: हमीरपुर सीट से लेकर पूरा जिला कांग्रेस के लिए बड़ा सपना रहा है। सदर सीट से खुद पूर्व मुख्यंमंत्री प्रेम कुमार धूमल लड़ते आए हैं। नरिंदर ठाकुर (वर्तमान में सुजानपुर के विधायक) को टिकट देकर कांग्रेस ने बेशक धूमल की लीड कम करने में सफलता पाई थी परन्तु इस बार कांग्रेस को वहां से नया कैंडिडेट हर हाल में देना ही पड़ेगा। अनिता वर्मा यहां से अपनी बाट जोह सकती हैं। वहीं बीजेपी से कांग्रेस में आईं उर्मिल ठाकुर अपने या अपने बेटे के लिए यहां से टिकट की मांग कर सकती हैं। सुखविंदर सिंह सुक्खू के ख़ास रहे पूर्व जिला अध्यक्ष भी यहाँ से प्रबल दावेदार हैं। वीरभद्र खेमे से भी कुलदीप पठानिया चुनाव लड़ने की इच्छा जताते हैं।

7. बीरु राम किशोर ( झंडूता): बिलासपुर जिले की इस सीट से कांग्रेस दो बार से लगातार हार रही है। बीरु राम किशोर वैसे तो मुख्यमंत्री के ख़ास हैं परन्तु नए पन की ओर बढ़ने की चाहत दिखाती हुई कांग्रेस यहां से टीम विक्रमादित्य के युवा तुर्क विवेक कुमार पर दांव खेल सकती है।

8. सुरेंद्र ठाकुर (जोगिंदर नगर): जोगिंदर नगर से कांग्रेस लगातार दो बार से हार रही है। इस बार सुरेंद्र पाल ठाकुर का टिकट कटा हुआ ही माना जा रहा है। कांग्रेस के सब धड़े अपने आपने आदमी को वहां बिठाने के लिए तैयार हैं। जीवन ठाकुर से लेकर चौहान तक टिकट के कई तलबगार हैं।

9. कुटलैहड़: कुटलैहड़ सीट से कांग्रेस की हार का सिलसिला रसे से नहीं थमा है। राम दास मलांगड़ की मृत्यु के बाद अब यहां से नया उमीदवार आना तय ही है।

10. कुश परमार (नाहन ): कुश परमार के आप जॉइन करने की अटकलों के बीच तय माना जा रहा है कि कांग्रेस यहां से किसी नए चहेरे को मौका दे सकती है।

11. गंगू राम मुसाफिर ( पच्छाद ): सपने समय के दिग्गज नेता और वीरभद्र सिंह के ख़ास गंगू राम मुसाफिर का टिकट भी इस बार कटना तय ही माना जा रहा है।

12. पावंटा साहिब : इस सीट पर तीसरे नंबर पर खिसक चुकी कांग्रेस किरनेश जंग को अपनी तरफ करने की कवायद में है।

13. सरकाघाट ( रंगीला राम राव ): मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार रंगीला राम राव दो बार से लगातार हार रहे हैं। टीम विक्रम की तरफ से यदुपति ठाकुर उन्हें इस बार रिप्लेस कर सकते हैं।

14. तारा ठाकुर ( सिराज ): सिराज सीट भी कांग्रेस के लिए दूर की कौड़ी है तारा ठाकुर का टिकट कटना भी तय ही माना जा रहा है।

15. मेजर मनकोटिया ( शाहपुर ): फायर ब्रैंड नेता और बगावती तेवरों के लिए जाने जाते रहे मेजर मनकोटिया भी इस बार टिकट से महरूम रह सकते हैं उनकी जगह केवल सिंह पठानिया को तरजीह मिल सकती है।

16. लखविंदर राणा (नालागढ़): नालागढ़ सीट से लखविंदर सिंह राणा का टिकट भी कटता ही नजर आ रहा है।

उपरोक्त सीटों के बाद भी कुछ सीट ऐसी हैं जहां जीत को जारी रखने या अन्य कारणों से कांग्रेस चेहरे बदल सकती है। और कुछ ऐसे नेता भी फायदे में रह सकते है जिन्हे हार के बावजूद सेकंड लाइन लीडरशिप न होने का फायदा मिल सकता है। ये सीटें इस तरह से हैं:

1. राम लाल ठाकुर ( नैना देवी ): राम लाल ठाकुर वीरभद्र सिंह के ख़ास हैं और लगातार चुनाव हार रहे हैं। मगर नैना देवी में सेकं लाइन ऑफ लीडरशिप न होने के कारण उनका टिकट बच भी सकता है।

2. ठाकुर सिंह भरमौरी ( भरमौर) : ऐंटी इंकमबेंसी को रोकने के लिए कांग्रेस भरमौरी का टिकट काट सकती है। कांग्रेस के दूसरे धड़े ने यहाँ नौजवान भरमौरी सर नेम वाले शख्स के लिए ही जोर लगाना शुरू कर दिया है

3. बृज बिहारी लाल बुटेल ( पालमपुर) : स्वास्थय कारणों से बुटेल यह चुनाव स्किप कर सकते हैं परन्तु अपने बेटे आशीष बुटेल के लिए वो टिकट की मांग कर सकते है। उन्हीं के परिवार के मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार गोकुल बुटेल टिकट के प्रबल दावेदारों में से हैं और चुनाव लड़ने की मंशा भी जता चुके हैं। वहीं कांग्रस जनजातीय मोर्चा के उपाध्यक्ष बेनी प्रसाद भरमौरिया भी गद्दी वोट बैंक में पकड़ के बल पर टिकट की दावेदारी पेश करने में लगे हैं।

4. किशोरी लाल ( बैजनाथ ): कांग्रेस की सिटिंग सीट पर ऐंटीइंनकमबेंसी रोकने और जिला कांगड़ा के ही एक युवा नेता के दबाब के कारण यहां से टिकट बदला जा सकता है।

5. चौधरी सुरेंद्र कुमार ( कांगड़ा ): कभी वीरभद्र सिंह के ख़ास थे मगर अब बाली खेमे में हैं। अब पवन काजल भी गुड बुक्स में हैं और वर्तमान में विधायक हैं। काजल क्या फैसला लेते हैं, इस कारण भी यह सीट संशय में हैं। डाक्टर राजेश शर्मा भी यहाँ से टिकट की मांग करते रहे हैं।

6. नादौन ( सुखविंदर सिंह सुक्खू ): सुक्खू का टिकट भला कौन काटेगा परन्तु चर्चा है कि सुक्खू यह चुनाव स्किप कर सकते हैं और किसी महिला नेत्री को अपनी जगह उतार सकते हैं। सुक्खू शिमला सिटी से भी चुनाव लड़ने के इच्छुक बताए जाते रहे हैं।

7. विद्या स्टोक्स ( ठियोग) : विद्यास्टोक्स उम्र के इस पड़ाव पर भी अभी चुनावी राजनीति से नहीं हटना चाहती है। स्वेच्छा से अगर वो हट भी जाती हैं तो अपने किसी खास को ही टिकट की मांग रखेंगी। यहाँ से वीरभद्र गुट में गए विद्या के पूर्व सिपहसलार केहर सिंह खाची भी दावा जता रहे हैं।

 

यह भी पढ़ें: शाह के फॉर्म्युले से कट सकते हैं बीजेपी के इन नेताओं और विधायकों के टिकट

सलमान खान की फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ के टीजर में देखिए हिमाचल की वादियां

इन हिमाचल डेस्क।। सलमान खान की फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ का टीजर इंटरनेट पर धूम मचा रहा है। इस फिल्म की काफी शूटिंग हिमाचल प्रदेश की वादियों में भी हुई है। फिल्म से टीज़र में भी ये लोकेशंस नजर आती हैं।  इस टीजर ने आते ही इंटरनेट पर धूम मचा दी है। डायरेक्‍टर कबीर खान की इस नई फिल्‍म में सलमान खान काफी मासूमियत भरे अंदाज में नजर आ रहे हैं। इस टीजर की शुरुआत तो युद्ध से सीन से होती है मगर सलमान कुछ अलग से नजर आ रहे हैं। वह मासूम से दिख रहे है।  इस फिल्‍म में एक बार फिर सलमान के छोटे भाई सोहेल खान भी उनके साथ नजर आएंगे। सलमान की इस फिल्‍म के टीजर को देखते ही लोगों को ‘बजरंगी भाईजान’ वाले सलमान की याद आ गई। फिल्म में सोहेल खान सेना का जवान बने दिख रहे हैं। सलमान गले में जूते लटका कर भागते हुए, बेहद मासूमियत भरे अंदाज में सलामी  देते हुए, बच्‍चों के साथ खेलते हुए और नाचते हुए नजर आ रहे हैं।

गुरुवार को देर शाम रिलीज हुए इस टीजर को अभी तक लाखों लोग देख चुके हैं। टीजर में जहां एक ओर भारतीय जवान बंदूक ताने दिख रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ चीनी सेना नजर आ रही है। कबीर खान और सलमान खान की जोड़ी तीसरी बार इस फिल्‍म में साथ काम कर रही है। इससे पहले ऐक्‍टर-डायरेक्‍टर की यह जोड़ी ‘एक था टाइगर’ और ‘बजरंगी भाईजान’ जैसी सुपरहिट फिल्‍में दे चुकी है। नीचे देखें, कैसा है ट्रेलर:

 

यह फिल्म ईद पर रिलीज होगी। कॉमेंट करके बताएं आपको हिमाचल की कौन सी लोकेशंस नजर आईं।

15 साल के टीनेजर पर दूसरी क्लास में पढ़ने वाली बच्ची से रेप का आरोप

नाहन।। हिमाचल प्रदेश प्रदेश के सिरमौर में दूसरी क्लास में पढ़ने वाली बच्ची से बलात्कार का मामला सामने आया है। आरोपी भी नाबालिग है और इस वक्त पुलिस की गिरफ्त में है। आरोपी की उम्र 15 साल बताई जा रही है।

घटना सिरमौर के पच्छाद इलाके की है। माता-पिता को जब घटना की जानकारी मिली तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। आरोप 15 साल के शख्स पर लगाया गया है। आरोप है कि स्कूल जा रही उनकी बेटी को यह युवक जंगल में ले गया और वहां इसके साथ इस वारदात को अंजाम दिया। इसके बाद वह मौके से फरार हो गया।

पुलिस स्टेशन पच्छाद के एसएचओ जय राम डोगरा का कहना है कि अभिभावकों की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि आरोपी को भी पकड़ लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।

ASI समेत तीन पुलिसकर्मियों ने शराब पीकर किया हंगामा, एसपी ने किए सस्पेंड

एमबीएम न्यूज नेटवर्क, नाहन।। सिरमौर की एसपी सौम्या सांबशिवन ने शराब के ठेके के बाहर हुड़दंग करने पर एक एएसआई समेत 3 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। आरोप है कि शिमला हाइवे शराब के नशे में धुत पुलिसकर्मियों ने ठेके के पास एक पिकअप ड्राइवर से बदसलूकी की और वर्दी का रौब दिखाया। पुलिस को इसकी सूचना रात को ही मिल गई थी। इसके बाद एसपी ने शुक्रवार शाम को इन तीनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया।

बताया जा रहा है कि घटना बीती रात करीब साढ़े 11 बजे की है। तीनों पुलिसकर्मी सरकारी गाड़ी HP 18 B-1216 पर सवार होकर घटनास्थल पर पहुंचे थे। सूत्रों का यह भी कहना है की एसपी ने इस तरह के मामलो में कड़ा रुख अपनाने का फैसला लिया है। गौरतलब है कि सौम्या सांबशिवन ने जिले के नशा माफिया की कमर तोड़ दी है। अवैध शराब के कारोबार पर नकेल कसने में भी उनकी बड़ी भूमिका रही है।

SP सौम्या सांबशिवन (File Pic) Courtesy: sirmourpolice.in

जानकारी के मुताबिक निलंबित कर्मी नाहन थाना में ही तैनात है। आरोपी ASI की पहले भी शिकायते मिलती रही हैं। एसपी सौम्या साम्बशिवन ने तीन कर्मियों के सस्पेंशन की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि आम लोगो से इस तरह की बदसलूकी बर्दाश्त नहीं की जा सकती।

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उन्होंने यह भी कहा कि शराब के ठेके पर मौजूद कर्मचारी से यह भी पूछा जाएगा कि शराब लेने के बदले इन पुलिसकर्मियों ने पैसे दिए थे या नहीं। इससे पहले राजबन चौंकी को लाइन हाजिर किया गया था और कालाअंब थाने के कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई थी।

हिमाचल प्रदेश के इन यंग ऑफिसर्स ने गोद ली शहीद की बेटी

एमबीएम न्यूज नेटवर्क, नाहन।। हिमाचल प्रदेश के तैनात दो युवा अधिकारियों ने ऐसा काम किया है जो पूरे देश के लिए मिसाल है। IAS यूनुस खान और IPS अंजुम आरा ने पंजाब के तरनतारन के शहीद परमजीत की 12 साल की बेटी को गोद लेने का फैसला किया है। आईएएस अधिकारी यूनुस खान इन दिनों कुल्लू के डीसी हैं और उनकी पत्नी अंजुम सोलन की एसपी हैं। दोनों अधिकारियों को उनके शानदार काम के लिए पहचाना जाता है और दोनों ही बहुत लोकप्रिय हैं यह युवा दंपत्ति अपने इस फैसले को गोपनीय रखना चाह रहा था मगर कहीं से मीडिया को इसकी जानकारी मिल गई। बताया जा रहा है कि 12 साल की बेटी को गोद लेने के फैसले पर जब डीसी यूनुस ने शहीद की विधवा से बात की तो परिवार इस नेक फैसले से इनकार नहीं कर पाया। बच्ची अपनी मां के पास ही रहेगी मगर उसकी पढ़ाई-लिखाई और अन्य खर्चों को यूनुस और अंजुम ही वहन करेंगे।

सोलन की एसपी अंजुम आरा देश की दूसरी मुस्लिम महिला आईपीएस अधिकारी है। उनके पति कुल्लू के डीसी युनुस खान अपने भावनात्मक व्यक्तित्व के लिए पहचाने जाते हैं। वह कुछ साल तब चर्चा में रहे थे जब उन्होंने खनन माफिया की कमर तोड़ दी थी। प्रोबेशन पीरियड पर वह एसडीएम के पद पर नालागढ़ में तैनात थे। खनन माफिया ने ट्रैक्टर चढ़ाकर उन्हें कुचलने की कोशिश की थी।

IAS ऑफिसर यूनुस और IPS ऑफिसर अंजुम

वह  2010 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और उनकी पत्नी 2011 बैच की आईपीएस है। आईएएस व आईपीएस दंपत्ति का करीब 4 साल का बेटा है। उनका कहना है कि भाई को बहन मिली है। कोशिश रहेगी कि दोनों के बीच भाई-बहन की तरह गहरा रिश्ता बने।

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कुल्लु के उपायुक्त युनस खान ने कहा कि यह फैसला मानवता के नाते लिया गया है। उन्होंने कहा कि शहीद की विधवा के अलावा भाई से बात हो चुकी है। उनका यह भी कहना है कि बच्ची अगर आईएएस व आईपीएस भी बनना चाहें तो बेटी को हर मदद मुहैया करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही शहीद के घर भी जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरहदों की रक्षा करने वाले सैनिकों के परिवारों को अगर देशवासी सुरक्षा मुहैया करवाएं तो सैनिकों का मनोबल भी बढ़ेगा।

शहीद परमजीत का परिवार (MBM News Network)

सोलन की एसपी अंजुम आरा ने कहा कि सैनिकों के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार से व्यथित हो गए थे। उन्होंने कहा कि जब उनके पति ने शहीद की बेटी को गोद लेने की बात सामने रखी तो वह भी भावुक हो गई थीं।