इन हिमाचल डेस्क।। हिमाचल प्रदेश आज से 150 साल पहले कैसा था, कभी सोचा है? इंटरनेट की अच्छी बात यह है कि उस दौर में कुछ लोगों ने जो तस्वीरें खींची थीं, अब इंटरनेट पर उपलब्ध हैं। वरना बाहर के फटॉग्रफर्स की खींची ये तस्वीरें उनकी अलबमों में कैद रह जातीं। ऐसी ही कुछ तस्वीरें आए दिन विभिन्न पेज शेयर करते हैं। एक फेसबुक पेज ने 1860 के दशक की कुल्लू घाटी की तस्वीरें शेयर की हैं। इनसे पता चलता है कि घाटी तो वैसी ही है, बस निर्माण बेतहाशा हो गया है। इनमें से कुछ तस्वीरों से हमें अपने पूर्वजों के रहन-सहन की भी झलक मिलती है। तस्वीरें तब की हैं जब ‘हिमाचल’ नाम के प्रांत का अस्तित्व तक नहीं था। ये तस्वीरें Tharah Kardu- ठारा करडू नाम के पेज से इंबेड की गई हैं। देखें:
नीचे दी गई तस्वीर में आपको मसक (mussock) दिखेंगे। दरअसल ये बड़े जानवरों की खाल होती थी जिसे फूंक मारकर फुलाया जाता था। इसके जरिए नदी पार की जाती थी क्योंकि यह डूबता नहीं था। ऐसी ही खालों में पानी भी भरकर ढोया जाता था। तस्वीर 1860 के आसपास की है। सैम्युअल बोर्न ने कुल्लू घाटी में ब्यास नदी के तट पर ली थी। (अगर आपको तस्वीरें नजर न आएं तो यहां क्लिक करके हमारी मोबाइल साइट पर जाकर देंखें)
ऐसी ही एक और तस्वीर। बैकग्राउँड में देखिए पुल बनाया जा रहा है। लंबे दरख्तों को एक के ऊपर एक लॉक करके पुल बनाए जाते थे। बरोट से आगे लुहारडी में ऐसा पुल अभी भी देखने को मिल जाएगा।
कुल्लू घाटी
बजौरा (1866)