शिमला।। यह हैं हिमाचल प्रदेश की क्रिकेट निकिता चौहान, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के खिलाफ धुआंधार बल्लेबाजी करते हुए 24 चौके और 6 छक्के जड़ डाले। 170 बॉलों में 213 रन बनाकर नॉट आउट रहने वाली निकिता शिमला से हैं।
अंडर-23 महिला इंटर जोनल क्रिकेट टूर्नामेंट में निकिता ने अपने बल्ले से जमकर कहर बरपाया। अमृतसर के खालसा कॉलेज में आयोजित टूर्नमेंट में निकिता का प्रदर्शन इस प्रतियोगिता में किसी ऑरलाउंड खिलाड़ी का बेस्ट प्रदर्शन रहा।
निकिता का स्कोर टूर्नमेंट का सबसे ज्यादा स्कोर भी है। इस कमाल की बैटिंग की मदद से हिमाचल ने जम्मू-कश्मीर की टीम को रिकॉर्ड 266 रनों से हराया।
213 रन नॉटआउट हिमाचल की किसी महिला खिलाड़ी का अब तक का बेस्ट स्कोर भी है। शिमला के कोटखाई की रहने वाली निकिता आलराउंडर हैं। उन्होंने अभी तक इस टूर्नमेंट में 360 रन बना लिए हैं।
एचपीसीए की धर्मशाला अकादमी में कोचिंग लेने वाली निकिता इससे पहले भी कई मैचों में अच्छा प्रदर्शन कर चुकी हैं। बैटिंग के अलावा बोलिंग और फील्डिंग में भई उनका प्रदर्शन अच्छा रहता है।
निकिता के पिता सुधीर कुमार ने इस उपलब्धि पर खुशी जताई है। हमारी तरफ से भी निकिता को शुभकामनाएं।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क, पांवटा साहिबा।। 25 साल की उम्र में आज जहां प्रदेश की बेटियां पढ़ाई में आगे बढ़ रही हैं, कुछ जॉब कर रही हैं, कुछ ने अपना बिजनस स्थापित किया है तो कुछ खेल या कला-संस्कृति के क्षेत्र में नाम कमा रही हैं। मगर इस बीच ऐसी खबरें विचलित करती हैं जहां पर 25 साल की एक महिला को छठी बार मां बनना पड़ा और वह भी पुत्र लालसा यानी बेटे की चाहत की वजह से।
मेहरूवाला गांव की 25 साल की अंजुम आज छठी बार मां बन गईं। इतनी कम उम्र में हर साल एक प्रसूति देखकर हर कोई दंग भी है। दरअसल पांच बेटियों के बाद अंजुम को बेटा हुआ है। इसलिए यह साफ दिखता है कि बेटे की चाहत की वजह से यह हुआ है।
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यहां अंजुम को कोई दोष नहीं दिया जा सकता, क्योंकि उसे सजा भुगतनी पड़ी है परिवार और समाज की मानसिकता की। जहां बेटियों को कुछ नहीं समझा जाता और बेटों की चाहत में महिलाओं को बच्चे पैदा करने वाली मशीन बना दिया जाता है। इससे यह भी पता चलता है कि सरकारी योजनाओं की क्या स्थिति है प्रदेश में।
पुरुवाला के नजदीक अंजुम ने छठे बच्चे को जन्म दिया। पहली बेटी ने अभी ठीक से स्कूल जाना भी शुरू नहीं किया है। लेकिन उसकी चार नन्हीं बहनें व एक भाई भी मां के आसपास ही लिपटे रहते हैं। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि बच्चों की परवरिश कैसे होगी और उन्हें जन्म देने वाली मां की क्या हालत होगी।
इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय शर्मा से बातचीत की गई। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं को काउंसलिंग के माध्यम से ही लागू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि चूंकि मामला अब ध्यान में आ गया है, लिहाजा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि महिला के बच्चों का स्वास्थ्य ठीक है, कहीं वे कुपोषण के शिकार तो नहीं हैं।
बिलासपुर।। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में कांग्रेस के विधायक बंबर ठाकुर के बेटे पर जो आरोप लगे हैं और उसके बाद जो सियासत हो रही है, उसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है। जहां कुछ अखबारों ने खुलकर घटनाक्रम में आरोपियों के नाम लिखे तो कुछ अखबारों ने नाम लेने से बचने की कोशिश की। कुछ ऑनलाइन पोर्टल्स ने एक ही पक्ष रखा और कुछ ने मामले को गोल-मोल कर दिया। ऐसे में साफतौर पर पता नहीं चल रहा कि क्या हो रहा है। ‘इन हिमाचल’ ने कुछ चश्मदीदों से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने खुलकर सामने आने से इनकार कर दिया। हम भी यह नहीं चाहते थे कि गुप्त रहने वालों के आधार पर कोई रिपोर्ट लिखी जाए। इसलिए हमने फैसला किया कि हिमाचल प्रदेश के प्रतिष्ठित अखबारों की रिपोर्ट्स के आधार पर कड़ियां जोड़ी जाएं और मामले को समझने की कोशिश की जाए। इस संकलन में हमारी तरफ से कोई भी फैक्ट वेरिफाई नहीं किया गया, बस अन्य अखबारों से जानकारियां जुटाई गई हैं। जिन अखबारों ने कांग्रेस नेता का नाम नहीं लिखा, समझा जा सकता है कि उनका इशारा किस ओर था। आप मूल खबर को पढ़ने के लिए लिंकों पर क्लिक कर सकते हैं, जो हमने टेक्स्ट के साथ दिए हैं।
हुआ क्या था?
सबसे पहले जानते हैं कि हुआ क्या। अमर उजाला की एक खबर का शीर्षक है- हमलावरों को छोड़ने पर भड़के लोग, पुलिस पर बरसाए पत्थर, लाठीचार्ज। इसमें लिखा है- ‘हिमाचल के बिलासपुर जिले के डियारा सेक्टर में युवकों पर जानलेवा हमले के बाद शुरू हुआ विवाद और गहराता जा रहा है। देर रात दो बजे तक हंगामे के बाद शनिवार को भी माहौल तनावपूर्ण रहा। आरोपी को शाम आठ बजे जमानत मिलने की खबर सुनते ही लोगों का गुस्सा भड़क उठा। मौके पर पहुंची पुलिस से भी लोगों की धक्कामुक्की हो गई। आरोपी युवक के घर के बाहर जुटी भीड़ ने पुलिस प्रशासन और कांग्रेस विधायक बंबर ठाकुर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।’
बिलासपुर सदर से कांग्रेस विधायक बंबर ठाकुर
आरोप लगाया जा रहा है कि मारपीट करने वालों में विधायक बंबर ठाकुर का बेटा भी था। मगर आज पंजाब केसरी की खबर के मुताबिक बंबर ठाकुर कहते हैं, ‘दो गुटों की लड़ाई में भाजपा बेवजह मेरे बेटे का नाम घसीट रही है जबकि सच्चाई यह है कि मेरा बड़ा बेटा मारपीट प्रकरण के दिन चंबा में था। नाना की मृत्यु के चलते वह अपनी माता को लाने के लिए चंबा के भरमौर गया हुआ था।’
मगर उस दिन अमर उजाला की खबर में लिखा था- ‘पुलिस की क्यूआरटी (क्यूक रिस्पांस टीम) की दो गाड़ियां आरोपी के घर के बाहर लगाई गईं। पुलिस ने मौका देखते ही करीब साढ़े 12 बजे आरोपियों को गाड़ियों में भरना शुरू किया। भारी मशक्कत के बाद करीब 17 लोगों को गाड़ियों में ले जाया गया। इनमें विधायक का बेटा भी शामिल था।‘
अब सच कौन कह रहा है और झूठ कौन, इसका फैसला हम नहीं कर सकते। मगर कई अखबारों ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से लिखा है कि बंबर ठाकुर अपनी गाड़ी में अपने बेटे को बिठाकर ले गए। पंजाब केसरी ने खबर छापी थी, जिसका टाइटल था- दबंग विधायक के बेटे की गुंडागर्दी पर भड़के लोग, तोड़फोड़-पथराव के बाद तनाव। इसमें लिखा है- ‘बताया जा रहा है कि भीड़ व अंधेरे का लाभ उठाते हुए हमलावर मौके से फरार हो गए। इस दौरान बंबर ठाकुर भी मौके पर पहुंचे तथा अपने बेटे को गाड़ी में बैठाकर ले गए। नेता की इस हरकत पर स्थानीय जनता भड़क गई तथा रात को 2 बजे तक लोग सिटी चौकी के पास डटे रहे। मामले के तूल पकडऩे पर हरकत में आई पुलिस ने 6 हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया।’
अमर उजाला ने तो यहां तक लिखा है- ‘सवाल यह भी है कि अपना और अपने पुत्र का मामले से कोई सरोकार नहीं होने का दावा करने वाले उक्त नेता का पुत्र आखिर आरोपियों के कमरे में क्या कर रहा था? जो लड़कियां साथ थीं, वे क्या कर रही थीं। इनके साथ तीन माह का नवजात बच्चा भी था। कुछ और लड़के भी कमरे में थे, वे भी 18 साल से कम उम्र के थे। आरोपियों के कमरे में तेजधार हथियार भी थे।’ इस खबर को आप यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं। अब लड़कियों के भागने वाले इस प्रकरण का एक विडियो हमें यूट्यूब पर मिला, जिसे किसी विवेक ठाकुर नाम के शख्स ने डाला है। हम इस विडियो की पुष्टि नहीं कर सकते, मगर इसमें टाइटल है- बंबर का बेटा। इसमें लड़कियां भागती हुई नजर आ रही हैं।
गौरतलब है कि अब बंबर ठाकुर ने इस मामले को नशाखोरी का मामला बना दिया है। उनका कहना है कि यह झड़प नशे के कारोबार से जुड़े लोगों के बीच हुई औऱ उनके बेटे का नाम बेवजह घसीट दिया गया। अब कभी कांग्रेस इस मामले पर शक्ति प्रदर्शन कर रही है तो कभी बीजेपी मशाल की बात कर रही है। कुल मिलाकर देखा जाए तो यह प्रकरण हिमाचल के लिए शर्मनाक है। ईटीवी ने इस खबर को प्रमुखता से जगह दी, जिसमें टीवी पर बंबर के बेटे को एक तस्वीर में पिस्तौल के साथ पोज़ करते दिखाया गया है।
इस तरह की तस्वीरें अगर किसी अन्य राज्य के विधायक के बेटे ने डाली होती या ऐसी हरकत की होती तो नैशनल मुद्दा बन गया होता, मीडिया कवर कर रहा होता। मगर घटना हिमाचल की है और सत्ताधारी पार्टी का है। उम्मीद तो नहीं की जा सकती कि पुलिस बिना दबाव के काम करेगी या फिर सरकार कोई निष्पक्ष जांच करवाएगी। इस दौर में खुलकर सच्ची कहानी बताने भी शायद ही कोई आएगा। मगर प्रतिष्ठित अखबार अगर कई सालों से हिमाचल में छप रहे हैं तो हम इतना मान ही सकते हैं कि इनकी रिपोर्ट झूठी नहीं है। और ये रिपोर्टें इशारा करती हैं कि कहीं न कहीं कुछ तो गड़बड़ है। वैसे भी बंबर ठाकुर की खुद की इमेज इतनी साफ नहीं है। वह डॉक्टर को तबादला करने की धमकी देने के आरोपों में घिरे है।
In Himachal की राय: इस तरह से गुंडागर्दी हिमाचल की संस्कृति नहीं है। हिमाचल प्रदेश को इस राजनीति का और सरकार की चुप्पी का विरोध करना होगा, वरना वह दिन दूर नहीं जह यहां की राजनीति भी कुछ अन्य बदनाम राज्यों की तरह गंदी और गुंडागर्दी भरी हो जाएगी।
कुल्लू।। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला, जहां पर है ग्रेट हिमालयन नैशनल पार्क। घना जंगल, जहां पर प्रकृति अपने स्वाभाविक रूप में है। इस जगह पर इंसानी दखल पर रोक है, क्योंकि जंगली जानवरों और वनस्पतियों के लिए समर्पित है यह जगह। रात तो क्या, दिन में भी यहां जंगली जानवरों का साम्राज्य रहता है। मगर इसी बियाबान में रह रही है 80 साल से ज्यादा उम्र की एक महिला।
महिला का नाम है चतरी देवी। साल 1999 में जब इस इलाके को नैशनल पार्क घोषित किया गया था, तब यहां के बाशिदों को हटाकर और जगह बसाया गया। बाकी परिवार को घर खाली करके चले गए, मगर चतरी देवी ने ऐसा नहीं किया। अधिकारियों ने कानून का हवाला दिया, मुआवजे की बात की मगर चतरी देवी जाने को तैयार नहीं हुई। मगर क्यों? इसका जवाब देते हुए वह कहती हैं, ‘मैंने अपनी जिंदगी के अनमोल पल इसी जगह बिताए हैं। मायके से विदा हुई तो पति के साथ यहीं रही, यहीं बच्चे जन्मे, उन्हें पाला-पोला। मेरे पति ने इसी घर में आखिरी सांस ली है। मैं कैसे इस घर को छोड़ दूं, मैं भी यहीं प्राण त्यागूंगी।’
चतरी देवी
यह कहते हुए चतरी देवी भावुक हो जाती हैं और उनकी आंखें भर आती हैं। अधिकारियों ने चतरी देवी को पार्क के बाहर जमीन देने की पेशकश भी की थी लेकिन वह तैयार नहीं हुईं। उनका कहना है कि 20 साल पहले पति चंदे राम ने बड़े अरमानों के साथ फिर से यह घर बनाया था। घर के आसपास के खेतों में खेती करते आ रहे हैं हम, अब क्यों जाएं यहां से। गौरतलब है कि चतरी घर के आसपास के खेतों मे कुछ न कुछ बोती हैं और उसकी देख-रेख में वक्त बिताती हैं।
चतरी देवी के तीन बेटे हैं और 9 पोते-पोतियां। ये सभी नैशनल पार्क से बाहर जाकर बस गए हैं। वस वही अकेले यहां रह रही हैं। उम्र और भावनाओं का ख्याल करते हुए चतरी के परिवार से कोई न कोई रात को साथ रहने के लिए यहां आता है और सुबह चला जाता है।
साल 2014 में ग्रेट हिमालयन नैशनल पार्क को यूनेस्को ने धरोहर में शामिल किया हुआ है। 250 स्क्वेयर किलोमीटर में फैले इस पार्क में तेंदुए और रीछ जैसे कई खूंखार जानवर हैं। मगर चतरी कहती हैं कि मुझे उनसे डर नहीं लगता। कई बार ये जानवर घर तक आ जाते हैं घूमते हुए, मगर हमला नहीं करते। चतरी कहती हैं कि न तो मैं उनके रास्ते में आती हूं न वे मेरे रास्ते में आते हैं।
कांगड़ा।। हो सकता है कि हममें से ज्यादातर शायद पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकवादी हमले को भूल गए हों। मगर इस हमले में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद होने वालों के परिजन इस बात को कभी नहीं भूल सकते। ‘इन हिमाचल’ लंबे समय से देख रहा था कि बहुत से लोग एक वीडियो को शेयर कर रहे हैं। इस वीडियो में एक शहीद की बेटी बता रही थी कि कैसे उसे अपने पिता की शहादत की खबर मिली। सच कहे तो इस वीडियो को देखने की हिम्मत ही हम नहीं जुटा सके, क्योंकि शुरुआती कुछ सेकंड्स ही हृदय को चीरकर रख देने वाले थे।
इस वीडियो में हिमाचल प्रदेश के शाहपुर के वीर शहीद संजीवन राणा की बहादुर बेटी शिवानी राणा बता रही थी उस दिन का हाल। इस बेटी की आंखों से बहते आंसुओं ने हमें द्रवित कर दिया और चाहकर भी हम उसकी पूरी बात सुनने की हिम्मत नहीं जुटा पाए और बीच में ही वीडियो को छोड़ दिया।
मगर फिर भी हमने हिम्मत करके इसे देखा और आज आप सभी के साथ शेयर कर रहे हैं। क्योंकि यह दर्द सिर्फ शहीद संजीवन राणा की बेटी शिवानी राणा का नहीं, बल्कि उन तमाम बेटियों, बेटों, माओं, पत्नियों, पिताओं, परिजनों और दोस्तों का है, जो अपनों को अचानक किसी वजह से खो देते हैं। हिम्मत रखकर आप भी देखें यह वीडियो:
वैलेनटाइंस डे के विरोध के नाम पर अमर शहीदों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का शहादत दिवस गिनाने का फर्जी मेसेज इस कदर वायरल हो गया है कि हिमाचल प्रदेश के मंत्री तक अछूते नहीं रहे। प्रदेश के उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने अपने पेज से एक पोस्ट डाली है, जिसमें उन्होंने कहा है कि आज के दिन वैलेनटाइंस तो है मगर शहीदों को फांसी दी गई थी। आगे उन्होंने कुछ और भी लिखा है, जिसका मतलब भगवान जाने क्या है।
इस पेज से मंत्री के दौरों की तस्वीरें और अन्य जानकारियां पोस्ट होती हैं जो ऑफिशली ही पोस्ट की जा सकती हैं। बहुत से लोगों ने मंत्री को इस गलती का अहसास कराने के लिए कॉमेंट किए हैं मगर खबर लिखने जाने तक पोस्ट न तो ठीक हुई थी न ही हटाई गई थी।
पाठकों की जानकारी के लिए बता दें कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को 7 अक्तूबर 1930 को फांसी की सजा सुनाई गई थी। 14 फरवरी 1931 को लॉर्ड इरविन के सामने पंडित मदन मोहन मालवीय ने मर्सी पिटिशन यानी दया याचिका डाली थी जो बाद में खारिज हो गई थी। आखिरकार इन तीनों वीर सपूतों को 23 मार्च 1931 को लाहौर में फांसी दे दी गई थी। शहीदों को इन हिमाचल का नाम और देशवासियों के अपील की कृपया शहीदों के बारे में सही जानकारी जुटाएं। इसमें शहीदों की भी इज्जत है और हमारी भी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक वीडियो वायरल हुआ है। इसमें वह एक मंच पर हैं और मंच के नीचे एक दिव्यांग उन्हें नमन करने लगता है। इसके बाद क्या हुआ, देखें:
मास्टर शेफ इंडिया कार्यक्रम की विनर शिप्रा खन्ना तो आपको याद ही होंगी। शिमला की शिप्रा ने स्टार प्लस पर आने वाले कुकरी शो मास्टर शेफ इंडिया के दूसरे सीजन में जीत हासिल की थी।
Shiprs’s Kitchen नाम से यूट्यूब चैनल चलाने वालीं शिप्रा के आज कई रेस्तरां हैं। दो किताबें पब्लिश कर चुकीं शिप्रा इन दिनों फूड-फूड चैनल पर प्योर सिन कार्यक्रम में नजर आती हैं, जिसमें वह कुछ अलग अंदाज में नजर आ रही हैं।
उनका यह नया अवतार बहुत से लोगों को पसंद आ रहा है तो कुछ का मानना है कि इसमें जबरदस्ती ग्लैमर की तड़का लगाया गया है जो ठीक नहीं लग रहा।
इस शो का एक विडियो वायरल हुआ है, जिसे हम नीचे दे रहे हैं। इस विडियो पर आए कॉमेंट्स में जहां कुछ लोग इस शो की तारीफ कर रहे है तो कुछ का कहना है कि यह कुछ और ही लग रहा है। बहरहाल, आप विडियो देखकर खुद राय बनाएं।
बिलासपुर।। कुछ दिन पहले एक डॉक्टर को धमकाने के आरोप में घिरे बिलासपुर सदर से कांग्रेस के विधायक बंबर ठाकुर के बेटे पर गुंडागर्दी के आरोप लगे हैं। बंबर के बेटे और अनिल उर्फ पिंटू पर शहर के डियारा में देर रात 3 सब्जी विक्रेताओं पर हमला करने का आरोप लगा है। जब हमलावरों को जमानत मिली तो लोग भड़क उठे। पत्थरबाजी होने पर पुलिस ने भीड़ को भगाने के लिए लाठीचार्ज भी किया।
बिलासपुर शहर के डियारा सैक्टर में गुरुवार देर रात को सब्जी का काम करने वाले 3 युवा एक कार में बैठकर जा रहे थे। पंजाब केसरी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक आरोप है कि हनुमान मंदिर के पास पहुंचने पर विधायक बंबर ठाकुर के बड़े बेटे ने अपने साथियों सहित कार को रोककर इन पर तेजधार हथियार व डंडों से हमला कर दिया। मामले की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गए तथा पुलिस प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी शुरू कर दी। सूचना मिलते ही सिटी चौकी प्रभारी भी मौके पर पहुंचे तथा मामले को संभालने की कोशिश की। गुस्साई भीड़ के गुस्से का शिकार सिटी चौकी प्रभारी को भी बनना पड़ा। इसके बाद थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची।
आरोप- बेटे को गाड़ी में बिठाकर ले गए बंबर
बताया जा रहा है कि भीड़ व अंधेरे का लाभ उठाते हुए हमलावर मौके से फरार हो गए। इस दौरान बंबर ठाकुर भी मौके पर पहुंचे तथा अपने बेटे को गाड़ी में बैठाकर ले गए। नेता की इस हरकत पर स्थानीय जनता भड़क गई तथा रात को 2 बजे तक लोग सिटी चौकी के पास डटे रहे। मामले के तूल पकडऩे पर हरकत में आई पुलिस ने 6 हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया।
गुरुवार देर रात 3 सब्जी विक्रेताओं पर किए गए हमले के आरोपियों को जमानत मिल जाने के बाद डियारा सैक्टर में माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया। आरोपी अनिल उर्फ पिंटू के डियारा सैक्टर स्थित उसके क्वार्टर में पहुंचने की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग उसके क्वार्टर के बाहर सैंकड़ों की संख्या में एकत्रित हो गए तथा उसे बाहर निकाल कर किसी दूसरे स्थान पर भेजने की मांग करने लगे।
देर रात हुई घटना में गुस्साई भीड़ और पुलिस में गहमागहमी हो गई, जिसके चलते पत्थरबाजी भी हुई। मारपीट के आरोपियों को पुलिस पकड़कर थाने ले गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा था तथा मौके पर पहुंचते ही पुलिस ने बिना किसी सूचना के डंडे बरसाना शुरू कर दिया। पुलिस द्वारा की गई इस डंडेबाजी का शिकार हुई वीना टंडन ने बताया कि पुलिस आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है।
डियारा सैक्टर पूरी तरह पुलिस छावनी में तबदील हो गया था तथा जिला प्रशासन ने साथ लगते पुलिस थाना बरमाणा से भी पुलिस बल मौके पर बुला लिया था। गुस्साई भीड़ ने तोड़ी आरोपी की कार गुस्साई भीड़ ने आरोपी की कार (नंबर एच.पी.28ए-4868) का बैक शीशा तोड़ दिया तथा दूसरी बिना नंबर की गाड़ी के चारों टायरों की हवा भी निकाल दी।
करीब डेढ़ घंटे बाद एस.डी.एम. सदर डा. हरीश गज्जू व डी.एस.पी. सोमदत्त शर्मा मौके पर पहुंचे तथा गुस्साई भीड़ को समझाने का प्रयास किया लेकिन लोग टस से मस नहीं हुए। लोगों ने पुलिस द्वारा की गई डंडेबाजी पर भी अपना रोष प्रकट किया जिस पर डी.एस.पी. ने लोगों से हाथ जोड़ कर माफी मांगी। एस.डी.एम. सदर ने लोगों को आश्वस्त किया कि आरोपी को शनिवार को यहां से बाहर भेज दिया जाएगा।
बिना नंबर की कार से मिली खुखरी
इस दौरान लोगों की मांग पर आरोपी की 2 कारों की तलाशी भी ली गई। इस तलाशी के दौरान बिना नंबर की गाड़ी से पुलिस को एक खुखरी भी मिली। बहरहाल मौके पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी। इस हमले में घायल हुए युवकों का आरोप है कि पुलिस ने दोषियों के विरुद्ध कोई सख्त कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि इस हमले में शामिल रहे स्थानीय विधायक बंबर ठाकुर के बेटे को बचाया जा रहा है। घायल हुए 3 युवाओं ने मौके पर मौजूद थाना सदर प्रभारी भूपेंद्र ठाकुर को एक ज्ञापन भी दिया जिसमें बंबर ठाकुर के बेटे का नाम भी दिया गया है तथा हमलावरों के विरुद्ध मारपीट का मामला दर्ज करने की मांग की है।
बंबर ठाकुर ने घटनाक्रम को बताया साजिश सदर बिलासपुर के विधायक बंबर ठाकुर ने कहा कि यह मेरे खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र है। उन्होंने कहा कि जिन 2 गुटों के बीच वीरवार रात को डियारा सैक्टर में झड़प हुई, वे दोनों ही कथित रूप से नशे के सौदागर हैं। पहले ये दोनों गुट इकट्ठे थे और अब अलग-अलग हो गए हैं तथा अब इन दोनों गुटों में वर्चस्व की लड़ाई व नशे के अवैध कारोबार से अधिक पैसा कमाने की होड़ लगी है। इसमें मेरा या मेरे परिवार के किसी सदस्य का नाम घसीटना बेमानी है व घटिया राजनीति का उदाहरण है।
गौरतलब है कि बंबर ठाकुर वही विधायक हैं जो कुछ दिन पहले एक डॉक्टर को धमकाने के आरोप मे फंसे थे। उस वक्त मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा था कि अधिकारी बंबर के पीछे पड़े हैं। डॉक्टर ने एक ऑडियो टेप भी जारी किया था, जिसे नीचे सुना जा सकता है:
शिमला।। बजट आने के बाद हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर इस बात का श्रेय लेते हुए बयान देते आ रहे हैं कि ऊना-हमीरपुर रेल लाइन के लिए बजट मंजूर हो गया है। विभिन्न अखबारों में अनुराग के हवाले से कहा गया था कि 50 किलोमीटर के ट्रैक के लिए 2815 करोड़ मंजूर हुए है। मगर अब हिमाचल प्रदेश सरकार ने जानकारी दी है कि इसके लिए केंद्र ने सिर्फ 1 करोड़ रुपये अलॉट किए हैं।
‘अमर उजाला’ के मुताबिक हिमाचल सरकार से जारी स्टेटमेंट में कहा गया है कि रेल मंत्रालय ने 2,850 करोड़ रुपये की लागत वाली ऊना-हमीरपुर रेललाइन के लिए साल 2017-18 के बजट में केवल 1 करोड़ के टोकन अमाउंट का प्रावधान किया गया है। इस बयान में कहा गया है कि रेलवे मंत्रालय ने विस्तृत सर्वे भी नहीं किया है कि यह रेललाइन कहां से गुजरेगी। आगे कहा गया है, ‘सरकार समय-समय पर नंगल-तलवाड़ा, चंडीगढ़-बद्दी, भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेललाइन का मामला केंद्रीय रेल मंत्रालय से उठाती रही है, लेकिन अभी तक रेललाइनों के निर्माण कार्यों में बहुत धीमी प्रगति हुई है।’
गौरतलब है कि हिमाचल के विभिन्न अखबारों में अनुराग ठाकुर के बयान छपे हैं कि ऊना-हमीरपुर रेलवे लाइन को 2815 करोड़ रुपये मंजूर हुए हैं। उन्होंने अपने ऑफिशल पेज पर इन अखबारों की कटिंग भी शेयर की है।
अनुराग ठाकुर के पिता और हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के नाम के पेज पर एक तस्वीर पोस्ट गई थी, जिसमें भी इस बात पर खुशी जताई गई कि हमीरपुर के लिए रेल लाइन का मंजूर हो गई है। साथ में बुलेट ट्रेन की तस्वीर लगा दी गई थी।
हिमाचल प्रदेश सरकार की तरफ से यह बयान ऐसे समय पर जारी हुआ है, जब हमीरपुर से सांसद अनुराग ठाकुर और प्रदेश बीजेपी नेता केंद्र से ऊना-हमीरपुर रेललाइन के लिए पैसा मिलने को लेकर वाहवाही लूटने की कोशिश कर रहे हैं। सोशल मीडिया से लेकर जनसभाओं तक में बीजेपी केंद्र का धन्यवाद कर रही है और राज्य सरकार पर सहयोग न करने का आरोप लगा रही है।