मंडी राजमहल भूमि सौदा: वीरभद्र सरकार में मंत्री अनिल शर्मा पर लगे आरोप

मंडी।। हिमाचल प्रदेश के मंडी के राजमहल भूमि सौदे में प्रदेश की कांग्रेस सरकार में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्रि अनिल शर्मा गंभीर आरोपों में घिर गए हैं। बीजेपी का कानून एवं विधिक प्रकोष्ठ अनिल को इस मामले में आऱोपी बनाने के लिए कोर्ट जाने की तैयारी है। आरोप है कि इस जमीन को खरीदने के लिए अनिल शर्मा के खातों से 1.22 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है। गौरतलब है कि अनिल शर्मा के पिता पंडित सुखराम आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी रहे हैं।

नरेंद्र गुलेरिया ने आरोप लगाया कि राजमहल भूमि खरीद मामले में अनिल भी शामिल हैं। गौरतलब है कि 2008 में मंडी के राजमहल की जमीन को शिमला के एक स्कूल में बतौर चौकीदार नौकरी करने वाले खूब राम ने करोड़ों रुपये में खरीद लिया था। राजमहल की प्रापर्टी की पावर ऑफ अटार्नी देवेंद जम्वाल के पास थी। खूब राम को भूमि खरीदने के लिए पैसा संजय ने दिया था। संजय को पैसा अनिल से मिला था।

करोड़ों के सौदे में कम स्टांप पेपर लगाने के बाद मामला सुर्खियों में आया था। तत्कालीन उपायुक्त ओंकार शर्मा ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। बेनामी सौदे की बात सामने आने के बाद रजिस्ट्री रद कर दी गई थी। पुलिस ने खूब राम सहित सात लोगों को आरोपी बनाया। सौदे की गूंज इसलिए ज्यादा सुनाई दी थी क्योंकि जिस इमारत में राज देवता माधो राय का मंदिर है, आरोपियों ने उसे भी खरीद लिया था। अनिल होटल के साथ लगती भवानी पार्किग की जमीन खरीदना चाहते थे। वहां पाकिर्ंग के अलावा शापिंग काम्पलेक्स बनाने की योजना थी।‘

सरकार बनाम खूब राम मामले में अनिल को आरोपी बनाने के लिए बीजेपी का लीगल सेल आपराधिक प्रकिया संहिता की धारा 319 के तहत अदालत में अर्जी देगा। आरोप लगाया गया है कि अनिल ने 2008 में शहर में स्थित अपने होटल के साथ लगती होटल राजमहल की संपत्ति गैरकानूनी तरीके से खरीदने के लिए संजय कुमार को मोहरा बनाया था। भूमि खरीदने के लिए अनिल ने एसबीआइ के खाते से 50 लाख का चेक संजय को दिया था। इसके बाद 10 जनवरी 2008 को 25 लाख व 28 फरवरी को 10 लाख का चेक संजय ने नाम जारी किया। 28 फरवरी को अनिल ने पत्नी सुनीता शर्मा के कैनरा बैंक के खाते से 37.5 लाख रुपये का चेक संजय को दिया। 24 अप्रैल को 1.15 लाख व पांच मई को 17.37 लाख के अष्टाम पेपर खरीदे गए।

भूमि खरीद के लिए किसी तीसरे व्यक्ति के बैंक खाते में करीब 1.22 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर करना नियमों की अवहेलना है। परिवार से बाहर संपत्ति खरीदने के लिए इतनी बड़ी राशि किसी व्यक्ति को देना बेनामी संपत्ति कानून की धारा तीन के तहत आता है।

उधर दैनिक जागरण अखबार के मुताबिक अनिल शर्मा ने कहा है, ‘मैंने राजमहल होटल के साथ लगती भूमि खरीदने के लिए संजय कुमार को 1.22 करोड़ की राशि दी थी। मेरे साथ धोखा हुआ है। नौ साल बीतने के बाद भी न मुझे न तो भूमि मिली और न ही पैसा। संजय कुमार व अन्य लोगों के विरुद्ध पैसा वापस लेने के लिए अदालत में केस कर रखा है। पैसा देने में कोई गलत काम नहीं किया बल्कि बैंक खातों से भुगतान हुआ है।’

प्राइमरी एजुकेशन: तीसरी और पांचवीं क्लास के बच्चों को ‘क ख ग’ तक का ज्ञान नहीं

एमबीएम न्यूज नेटवर्क, मंडी।।  हिमाचल प्रदेश सरकार कहती है कि शिक्षा उसकी प्राथमिकताओं में शामिल है। सबसे ज्यादा बजट शिक्षा विभाग पर खर्च करने का दावा भी सरकार कई बार कर चुकी है मगर जमीनी हकीकत आपको हैरान कर देगी। मंडी जिले के 49 प्राथमिक स्कूल ऐसे हैं, जहां बच्चों को क-ख-ग तक का ज्ञान नहीं है।

देश भर की तरह मंडी जिले में भी सर्वशिक्षा अभियान कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत जिला प्रशासन ने उड़ान कार्यक्रम की शुरूआत की है, जिसके तहत प्राथमिक स्कूलों के बच्चों में शिक्षा के स्तर को सुधारने पर जोर दिया जा रहा है। उड़ान कार्यक्रम के फीडबैक के लिए 20 शिक्षा खंडों में बेसलाइन और एंडलाइन सर्वे करवाया गया। इस सर्वे में खुलासा हुआ कि जिले के 49 प्राथमिक स्कूल ऐसे हैं, जो रेड ज़ोन में हैं। यानी इन स्कूलों के बच्चों को न तो क-ख-ग का ज्ञान है और न ही शब्दों का। बच्चे जमा और घटाने में भी पूरी तरह से असमर्थ हैं।

हैरानी की बात तो यह है कि अधिकतर बच्चे ऐसे हैं, जो कक्षा तीसरी और पांचवी में पहुंच चुके हैं, लेकिन उन्हें भी क-ख-ग और शब्दों का ज्ञान नहीं है। इस बात की पुष्टि सर्वशिक्षा अभियान की जिला परियोजना अधिकारी हेमंत शर्मा ने की है। उन्होंने बताया कि 49 स्कूल ऐसे पाए गए हैं जो रेड ज़ोन में हैं और वहां पर बच्चे पढ़ाई के मामले में बेहद कमजोर हैं।

जिले के शिक्षा खंड सदर में सबसे ज्यादा 12 स्कूल रेडजोन में शामिल हैं। इसके अलावा शिक्षा खंड बल्ह में चार, चौंतड़ा में एक, द्रंग में चार, सुंदरनगर में चार, सराज में छह, करसोग में दो, चच्चोट में आठ, धर्मपुर में तीन और गोपालपुर शिक्षा खंड में पांच स्कूल एंडलाइन सर्वे के बाद रेडजोन में शामिल किए गए हैं।

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सर्वशिक्षा अभियान की जिला परियोजना अधिकारी हेमंत शर्मा के अनुसार रेडजोन में दर्शाई गई पाठशालाओं का निरीक्षण करने के निर्देश दे दिए गए हैं। इसके लिए खंड स्तर पर एक ऑब्जर्वेशन दल का गठन करने को भी कहा गया है। गठित दल से रेडजोन में शामिल स्कूलों का निरीक्षण करके रिपोर्ट रिकॉर्ड सहित मांगी गई है। एंडलाइन सर्वे से हुए खुलासे के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल खड़े होना स्वाभाविक है।

जिले के अधिकतर स्कूल ऐसे हैं, जहां पर या तो अध्यापक है ही नहीं या फिर एक-दो अध्यापकों के सहारे स्कूल चल रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि सर्वाधिक बजट का प्रावधान करने के बाद भी प्रदेश में शिक्षा का स्तर गिरता क्यों जा रहा है। इस सवाल पर सरकार को चिंतन करने की आवश्यकता तो है, लेकिन लगता है सरकार के पास चिंतन करने का समय नहीं है। सरकार का फोकस नए स्कूल खोलने के ऐलानों पर ज्यादा लगता है, क्वॉलिटी ऑफ एजुकेशन पर नहीं।

(आर्टिकल के साथ इस्तेमाल की गई तस्वीर प्रतीकात्मक है।)

Satire: मंडी के 50 गांवों को गड्ढों से जोड़ेगी हिमाचल सरकार, बजट जारी

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Disclaimer: यह पूरी तरह से काल्पनिक बात है और इसे सिर्फ मनोरंजन और व्यंग्य (Satire) के लिए हल्के-फुल्के अंदाज में लिखा गया है। इसे लिखने का मकसद किसी की छवि या भावना को ठेस पहुंचाना नहीं है। उम्मीद है इसे इसी रूप में पढ़ा जाएगा।

खादू राम, मंडी।। हिमाचल प्रदेश सरकार प्रदेश के 50 गांवों को गड्ढों से जोड़ने जा रही है, वहीं पहले के कई सारे गड्ढों को नालों में अपग्रेड किया जाएगा। इस बात का ऐलान प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मंडी में फ्लाणा शहर और ढिमकाणा गांव के बीच बने गड्ढों का उद्घाटन करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि गड्ढों और नालों के निर्माण के लिए बजट भी जारी कर दिया गया है।

उद्घाटन समारोह में आई भीड़ उस वक्त हैरान रह गई, जब उसे गड्ढों के बजाय समतल और पक्की सड़क नजर आई। लोगों की चिंता को भांपते हुए मुख्यमंत्री ने चिर-परिचित अंदाज में मंच से कहा, ‘जनता को घबराने की जरूरत नहीं है। पीडब्ल्यूडी विभाग मेरे पास है और मैं पहले भी बता चुका हूं कि इसके सारे अफसर करप्ट हैं। इसलिए कुछ ही दिनों से ये सड़क उखड़ जाएगी और आपको गड्ढे नजर आने लगेंगे।’

मुख्यमंत्री से यह आश्वासन सुनकर लोगों की जान में जान आई, जो आजकल प्रदेश में पक्की सड़कों को देखकर घबरा जाते है। दरअसल प्रदेश में जहां जाओ, वहां पर सड़कों के बजाय गड्ढों का आलम नजर आने लगा है। बरसात में तो कई एनएच नालों में तब्दील हो जाते हैं। ऐसे में कहीं पर पक्की और ठीक सड़क देखना कौतूहल का विषय बन जाता है और एक नई बात हो जाती है।

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इस दौरान मौके पर मौजूद रहे पीडब्ल्यूडी के एक्सईन जोंढा राम ने कहा, ‘हम समझ रहे हैं कि लोगों को यहां पर पक्की सड़क देखकर हैरानी हो रही है। मगर मैं विश्वास दिलाता हूं कि न तो हमारे विभाग की तरफ से किसी इंजिनियर ने सड़क का मुआयना किया है और न ही निर्माण सामग्री की चेकिंग की है। ठेकेदार से हमने पहले ही पैसे ले लिए थे। इसलिए घटिया निर्माण सामग्री कुछ ही दिनों में उखड़ने लगेगी और बरसात आने पर लोग चिर-परिचित गड्ढों पर गाड़ियां चला रहे होंगे।’

मौके पर स्थानीय विधायक ने मीडिया को बताया, ‘देखिए, हमारी तो मांग थी कि यहां पर गड्ढों के बजाय नाला बनाया जाए। मगर फंड की कमी होने की वजह से हम सिर्फ गड्ढों की ही व्यवस्था कर पाए हैं। केंद्र की तरफ से भी मदद नहीं मिल रही है, फिर भी हमने अपने स्तर पर कई इलाकों में पिछले साढ़े 3 सालों में गड्ढों की कोई मेनटेनेंस न करके उन्हें नाले में तब्दील किया है।’

पढ़ें: Fake- हिमाचल की सड़कों पर मंगल मिशन-2 की टेस्टिंग करेगा इसरो

 

सतधार कहलूर: हिमाचल की इस रियासत में थे सबसे ज्यादा किले

आशीष नड्डा।। सतधार कहलूर वर्तमान बिलासपुर का पुराना नाम सतधार शब्द निकल कर आया था केहलूर रियासत में पड़ने वाली सात धारों यानी पहाड़ियों के नाम से। टियुन , सीयून , कोट -धार , नैना देवी, बहादुरपुर धार, छिन्जयार और बंदला धार इस रियासत की धारें (पहाड़ियां) थी जो अब भी इसी जिले में हैं। प्रदेश में सबसे ज्यादा किलों वाली रियासत केहलूर ही थी। मुख्या मुख्य तौर पर लगभग हर धार यानी पहाड़ी पर केहलूर रियासत में किले थे। हर किला अलग अलग समय पर बनाया गया और निर्माण की अलग दिलचस्प कहानी है।

कोटकहलूर किला
राजा वीर चन्द चंदेल ने सतलुज घाटी में आकर सन् 697ई. में नए राज्य की स्थापना की। कहलू-गुज्जर नामक जनश्रुतियों के अनुसार राजा वीरचंद ने सन् 697-730 ई. में माता नयनादेवी का मंदिर व कोट कहलूर के किले का निर्माण करवाया। कोट कहलूर किले में अब एक पुलिस थाना है।

तियून किला
इसका निर्माण कहलूर रियासत के 11वें राजा काहन चंद ने सन् 1085 ई. में किया। इस किले के नाम से ही पहाड़ी तियून धार के नाम से प्रसिद्ध हुई।

सरयून किला
कहलूर रियासत के 16वें राजा पृथ्वी चंद ने सन् 1162-1197 ई० में मोहम्मद गौरी के आक्रामण की आंशका के डर से इस किले को बनाया था। टियुन सरयून किले एक दूसरे के आमने सामने हैं और इनकी तलहटी में सीरखड्ड से लेकर शुक्र खड्ड के बीच का उपजेउ डेल्टा है।

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झजयार किला
यह किला बरठीं से छह किलोमीटर की दूरी पर झजयार धार की चोटी पर बना है। राजा महाचंद के शासन काल में कांगड़ा के महाराजा संसार चन्द कटोच ने केहलूर रियासत के सतलुज के उतरी इलाके घुमारवीं तहसील को जीत लिया। अपनी जीत के प्रतीक के रूप में संसार चन्द कटोच ने इसका निर्माण करवाया था।

बहादुरपुर किला
यह किला बिलासपुर का ताजमहल की तरह है राजा विक्रम चंद ने सन् 1555-1593 ई. ने अपनी बाघल ( अर्की) वाली रानी को प्रसन्न करने के लिए बहादुरपुर किले का निर्माण करवाया। यह किला शिमला बिलासपुर हाईवे पर नम्होल से 10 किलोमीटर ऊपर चीड़ देवदार के जंगलों में स्थित है यह बिलासपुर का सबसे ऊंचा और ठंडा स्थान है . राजा गर्मियां इसी किले में गुजारते थे। वर्ष 1922 में मोहना को फांसी का आदेश इसी किले से दिया गया था।

बस्सेह का किला
यह घुमारवीं के बस्सेह क्षेत्र में स्थित है। इसका निर्माण राजा रत्न चंद ने करवाया था। समय की थपेड़े खाता यह किला अब टूट कर क्षतिग्रस्त हो चुका है।

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कोट ऑफ आर्म्स, कहलूर

बच्छरेटू किला
यह कोटधार में है। इसका निर्माण कहलूर के 23वें राजा रत्नचंद ने वर्ष 1355-1406 ई. में करवाया था। किले में 15 विभिन्न आकर कमरे हैं। इसके अंदर तालाब व एक देवी मंदिर के साथ एक पीपल का वृक्ष भी है।

फतेहपुर किला
यह किला फतेहपुर की चोटी पर बना है। यह किला इस दिशा की ओर से संभावित आक्रामणों को रोकने के लिए बनाया गया था। किले की दिवारों में गोलियों के निशान हैं। प्राकृतिक आपदा के समय लोग यहां शरण लेते थे।

यह भी पढ़ें: सतलुज की गहराइयों मे समा गया था सतधार कहलूर का वैभव

(लेखक मूल रूप से ज़िला बिलासपुर के रहने वाले हैं और IIT दिल्ली में रिन्यूएबल एनर्जी, पॉलिसी ऐंड प्लैनिंग में रिसर्च कर रहे हैं। लेखक प्रदेश के मुद्दों पर लिखते रहते हैं। उनसे aashishnadda@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है)

जारी हुआ बाहुबली-2 का भव्य ट्रेलर, रोमांच से भर देगा आपको

इंतजार खत्म, बाहुबली-2 फिल्म का ट्रेलर जारी हो गया है। इस फिल्म में पता चलेगा कि कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा।

इस ट्रेलर को देखकर लगता है कि दूसरा हिस्सा और भी मनोरंजक रहने वाला है। भव्य फिल्म है।

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देखें भव्य ट्रेलर

लेख: हिमाचल बीजेपी में अब कोई नहीं रोक सकता जेपी नड्डा का रास्ता

सुरेश चंबयाल।। पांच राज्यों के चुनाव में बीजेपी बिना चेहरे के उतरी और चार में सरकार बनाने में कामयाब रही। देखने वाली बात यह है की जिन राज्यों में बीजेपी का अकेले मुकाबला सत्ता में बैठी पार्टियों से था वहां बीजेपी प्रचण्ड बहुमत के साथ सत्ता में आई। चुनावी रिजल्ट बता रहे हैं कि अर्से बाद बीजेपी व्यक्तिवाद से उठकर संगठनवाद की तरफ जाती दिख रही है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बीजेपी प्रचंड बहुमत के बावजूद मुख्यमन्त्री तय नहीं कर पाई है। वही गोवा में फिर से रक्षा मंत्री पर्रिकर भेजकर कांग्रेस को कंपीट करते हुए बीजेपी ने सरकार बना ली। बदलाव की इस बयार का रुख क्या होता है, इसके लिए हिमाचल प्रदेश में भी कौतूहल देखने को मिल रहा है क्योंकि अगला चुनाव हिमाचल प्रदेश और गुजरात में होने वाला है।

गुजरात को छोड़कर हिमाचल प्रदेश की हम बात करें तो बीजीपी चुनावी वर्ष में भी अपने पत्ते नहीं खोल रही है। संग़ठन के नाम पर ही सब किया जा रहा है, मुख्यमंत्रीं कैंडिडेट की जब बात आ रही है तो पूर्व मुख्यमंत्रीं धूमल को भी यह ब्यान देना पद रहा है कि आलाकमान मुख्यमंत्रीं तय करेगा। कुलमिलाकर यह इस बात का आभास दिला रहे हैं की मोदी के मित्र कहलाने वाले धूमल भी इस बार अपने नाम के लिए हमेशा की तरह आश्वस्त नहीं हैं। उनके आश्वस्त न होने के दो कारण हैं- पहला कारण प्रदेश में हालिया रूप से सक्रिय हुए केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा है तो दूसरा कारण बीजेपी की वो रणनीति है जो हर राज्य में उसे कामयाबी दिलवा रही है। बीजेपी बिना मुख्यमंत्रीं घोषित किये मोदी के नाम से चुनाव लड़ रही है, इस कारण राज्यों में गुटबाज़ी खत्म हो गई है। क्योंकि किसी को पता नहीं कौन मुख्यमंत्री होगा। हिमाचल प्रदेश की बात करें तो पिछले अनुभव और वर्तमान सफलताओं से से लग रहा है केंद्रीय आलाकमान यही करने वाला है।

2012 के चुनाव में धूमल शांता रार और धूमल विरोध में हिलोपा के रूप में हुई बगावत से बीजेपी के हाथ से सत्ता आते आते रह गई थी। यह तथ्य पुख्ता कर रहे हैं हिमाचल का चुनाव भी बीजेपी बिना मुख्यमंत्रीं कैंडिडेट घोषित किये ही लड़ेगी। और सत्ता आने पर किसी नौजवान चेहरे को आगे कर दे इसमें भी कोई बड़ी बात नहीं है। क्योंकि महाराष्ट्र से लेकर हरियाणा में बीजेपी ने नए चेहरे आगे किए और अब उत्तराखंड में भी यही करने वाली है। जेपी नड्डा का नाम इस कड़ी में सबसे आगे चल रहा है। बेशक पार्टी उन्हें सीएम कैंडिडेट के तौर पर न भेजे परंतु बाद में मनोहर पार्रिकर की तरह राज्य के सत्ता सौप सकती है। इसके दो कारण लग रहे हैं। पार्टी संगठन को लगता है कि हिमाचल प्रदेश की जनता में वीरभद्र सिंह और धूमल की राजनीति से सैचुरेशन आ गया है। साथ ही बरसों से चली आ रही धूमल-शांता रार में उलझी पार्टी को अब बाहर निकालने की जरुरत भी महसूस हो गई है। इसीलिए चेहरा बदलने और कद्दावर नेता नया उत्साह भरने के लिए नड्डा को भेजने की रणनीति पर विचार किया जाए इसमें संदेह नहीं है।’

नड्डा आज मोदी और शाह के साथ बीजेपी की सबसे शक्तिशाली तिकड़ी का हिस्सा हैं। वह पार्टी के हर बड़े फैसले में शामिल रहते हैं, साथ ही पार्टी और सरकार के बीच में कड़ी की भूमिका भी निभाते हैं। उन्हें आरएसएस से भी समर्थन मिलता है । पहाड़ी राज्य उतराखण्ड में जिस तरह से सरकार बीजेपी आई है, उससे वहां प्रभारी रहे जेपी नड्डा का कद पार्टी में बहुत बढ़ गया है। साथ ही प्रधानमंत्री ने मोदी के वाराणसी हल्के की जिम्मदेदारी भी नड्डा को दो गई थी। वहां प्रधानमंत्री मोदी ने तीन दिन तक रुकर पूर्वांचल में सपा कमर तोड़ दी थी। नड्डा पिछले कुछ समेटी से हिमाचल प्रदेश में बहुत समय गुजार रहे हैं, यह संकेत कुछ अलग ही बयां कर रहे हैं।

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अभी तक हिमाचल प्रदेश में जितनी भी रैलियां होती थीं, भीड़ जुटाने से लेकर कार्यक्रम तय करने, जिमेदारिया सौंपने और तैयारियां देखने यह सब कार्य पूर्व मुख्यमंत्री धूमल के नेतृत्व में उनके ख़ास सिपहसलार ही करते थे। परन्तु इस बार धूमल सक्रिय भूमिका में कहीं नहीं दिख रहे हैं। संगठन फ्रंट फुट पर रखते हुए यह जिम्मेदारी इस बार जेपी नड्डा ने ले ली है। केंद्रीय स्वास्थय मत्रीं बनने और राज्यसभा के लिए चुने जाने से पहले वह हिमाचल प्रदेश में विधायक थे। नड्डा 1993 से 1998, 1998 से 2003 और 2007 से 2012 तक बिलासपुर सदर से हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे। साल 1998 से 2003 तक वह राज्य से स्वास्थ्य मंत्री रहे और 2008 से 2010 तक वन एवं पर्यावरण, विज्ञान एवं तकनीकी मंत्री रहे। अप्रैल 2012 में उन्हें राज्यसभा के लिए चुना गया और कई सारे संसदीय कमिटियों में जगह दी गई। नड्डा बीजेपी के अध्यक्ष पद की रेस में भी थे, लेकिन बाद में उन्होंने अपना समर्थन अमित शाह को दे दिया था।

दरअसल टीम मोदी ने इन राज्यों के चुनाव नतीजों से एनालिसिस करके यह भी निचोड़ निकाला है कि बीजेपी की अभूतपूर्व जीत में युवा वर्ग की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। नई पीढ़ी की राजनीति में बनी इस दिलचस्पी को बीजेपी भुनाना चाहती है। वह इस कोशिश में है कि जिस फॉर्म्यूले की मदद से नरेंद्र मोदी ने लगातार तीन बार गुजरात में सरकार बनाई थी, उसी फॉर्म्यूले को दूसरे राज्यों में भी लागू किया जाए। यह साब बाते और संग़ठन में उनकी भूमिका का नड्डा को इनाम मिल सकता है।

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गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश भाजपा प्रभारी श्रीकांत शर्मा जिनका नाम उत्तर प्रदेश में सीएम के लिए भी आगे चल रहा है नड्डा के बहुत क्लोज़ हैं ऐसा फीडबैक आलाकमान को दे सकते हैं। हालाँकि कुछ लोगों का मानना है कि पूर्व मुख्यमन्त्री प्रेम कुमार धूमल की प्रदेश राजनीति में मंडल स्तर तक जो पकड़ है, उसे दरकिनार करते हुए नड्डा के हाथ कमांड देना पार्टी को महंगा भी भी पड़ सकता है। इससे बचने के लिए पार्टी अगर बिना सीएम डिक्लेयर किये चुनाव जीतती है तो पूर्व मुख्यमंत्रीं धूमल की उम्र को देखते हुए नया मुख्यमंत्री मिलना लगभग तय माना जा रहा है। अब नड्डा प्रदेश का रुख करते भी हैं या सोचते भी हैं, तब भी कद इतना बढ़ गया है की पार्टी के अंदर किसी भी तरह के विरोध का सामना उन्हें नहीं करना पड़ेगा । दूसरे गुट के नेता तो खुलकर नड्डा का विरोध नहीं कर पाएंगे । नड्डा का रुतबा पार्टी में अब इतना बड़ा है कि कोई चाहकर भी यह नहीं जता पाएगा कि वह नड्डा के प्रदेश में आने से खुश नहीं है।

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केंद्रीय चुनाव सिमिति और पार्लियामेंट्री बोर्ड में बैठे व्यक्ति से कोई भी मंझा हुआ नेता टकराव नहीं पालना चाहेगा। ऊपर से नड्डा अभी 55 साल के हैं। वो मुख्यमंत्री बनकर आएं या न आ पाएं, परन्तु उनसे घोषित टकराव करके कोई भी विरोधी भविष्य के लिए रार नहीं पालना चाहेगा। हालाँकि केंद्र में उनकी व्यवस्ता को देखते हुए एक बार यह भी कहा जा सकता है की उन्हें प्रदेश में न भेजा जाए फिर भी बीजेपी बिना सीएम कैंडिडेट के लड़ के जीत गई जिसकी की वर्तमान परिस्थिति में पूरी सम्भावना है तो अगला सीएम नड्डा की मर्जी से ही तय होगा। हालाँकि हाल फिलहाल सीएम पद के दावेदारों में जय राम ठाकुर, अजय जमवाल, राम स्वरुप शर्मा, राजीव बिंदल, अनुराग ठाकुर और पूर्व मुख्यमंत्री धूमल के नाम तो चल ही रहे हैं।

(लेखक हिमाचल प्रदेश से जुड़े विभिन्न मसलों पर लिखते रहते हैं। इन दिनों इन हिमाचल के लिए नियमित लेखन कर रहे हैं।)

जब पूरी दुनिया ने देखा था हिमाचली कला और संस्कृति का जलवा

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इन हिमाचल डेस्क।। साल 2016 में आर्ट ऑफ लिविंग संस्था ने दिल्ली में यमुना के तट पर वर्ल्ड कल्चर फेस्ट नाम का भव्य कार्यक्रम करवाया था। इसमें हिमाचल प्रदेश के 1050 कलाकारों ने राज्य के आर्ट ऐंड कल्चर की झलक दिखाई थी।

उस वक्त इस कार्यक्रम का लाइव टेलिकास्ट हुआ था, जिसके कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर देखने को मिले थे मगर अब खुद आर्ट ऑफ लिविंग ने अपने चैनल पर इस कार्यक्रम का वीडियो पोस्ट किया है।

5 मिनट 45 सेकंड का यह वीडियो आपको हिमाचल की सस्कृति की झलक दिखाएगा। बहुत ही प्यारा म्यूजिक, बहुत मोहक डांस और वह भी पारंपरिक अंदाज में। पसंद आए तो इस आर्टिकल शेयर करना न भूलें 🙂

हिमाचल की बेटी शिवानी तोमर बनी ‘ग्लोरी ऑफ नॉर्थ इंडिया’

इन हिमाचल डेस्क।। इनसे मिलिए, यह हैं शिवानी तोमर। सिरमौर जिले के छोटे से गांव कोफर में जन्मी 24 साल की शिवानी तोमर मॉडलिंग की दुनिया में पहचान बनाना चाहती हैं। खास बात यह है कि वह अपनी उच्च शिक्षा को जारी रखते हुए जुनून को बरकरार रखे हुए हैं।

पंजाब केसरी अखबार के मुताबिक दिल्ली में YWCA परिसर में आयोजित ब्यूटी स्पर्धा में शिवानी ने ‘ग्लोरी ऑफ नॉर्थ इंडिया’ का खिताब जीतकर अपने पैतृक जिले को गौरवान्वित किया है।

शिवानी तोमर (Image: MBM News Network)
शिवानी तोमर (Image: MBM News Network)

शिवानी अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखते हुए लॉ में पोस्ट ग्रैजुएशन कर रही हैं।

शिवानी तोमर
शिवानी तोमर

अखबार के मुताबिक शिवानी ने कहा कि बचपन से ही उन्हें मॉडलिंग का शौक है। उन्होंने कहा कि मिस ग्लोरी ऑफ इंडिया 2017 प्रतियोगिता खास थीम पर आधारित थी। इसमें बेटी बचाओ के अलावा वोमेन अंगेस्ट रेप क्राइम मुख्य थे।

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गौरतलब है कि इस प्रतियोगिता के अंतिम राऊंड में 10 लड़कियां पहुंची थी। 5 से 7 मार्च तक ग्रूमिंग राऊंड चले। इसके बाद महिला दिवस पर प्रतियोगिता में सिरमौरी बेटी ने खिताब अपने नाम कर लिया।

पेपर लीक होने पर हिमाचल बोर्ड ने रद्द किए +2 फिजिक्स और आईटी के एग्जाम

एमबीएम न्यूज नेटवर्क, धर्मशाला।। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने मंगलवार को जमा दो की होने जा रही भौतिक विज्ञान की परीक्षा रद्द कर दी है। साथ ही 21 मार्च को शैडयूल की गई आईटी परीक्षा को भी रद्द किया गया है। फिलहाल बोर्ड ने परीक्षाओं की अगली तिथि निर्धारित नहीं की है। इन दो विषयों के अलावा बाकी विषयों की परीक्षाएं डेट शीट के मुताबिक ही होंगी।

दरअसल जमा दो के भौतिक विज्ञान व आईटी विषय के प्रश्नपत्र लीक हो गए हैं। इस घटना को किन्नौर में वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला निचार में अंजाम दिया गया। फिलहाल यही पता चला है कि कुछ प्रश्नपत्र चोरी हुए हैं। स्वाभाविक सी बात है, इस घटना के बाद शिक्षा बोर्ड में परीक्षाओं को स्थगित करने को लेकर हडकंप मचा है।

पुलिस की छानबीन में यह पता चला है कि बीती रात स्कूल में चौकीदार भी नहीं था। साथ ही प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के लिए कोई खास इंतजाम नहीं था। सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने जमा दो की परीक्षा में हिस्सा ले रहे छात्रों की सूची स्कूल प्रशासन से तलब की है। शुरूआती छानबीन में पुलिस को यही शक है कि परीक्षा से जुड़े छात्र इस चोरी की घटना को अंजाम दे सकते हैं। उधर एसपी रोहित मालपानी ने पुष्टि करते हुए कहा कि पुलिस को आज दोपहर ही सूचना दी गई। इसके बाद फौरन ही मौके पर पहुंच कर पुलिस ने तफ्तीश शुरू कर दी।

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सोमवार को होली की छुट्टी के कारण बोर्ड को परेशानी का सामना भी करना पड़ा। अंतिम समाचार के मुताबिक बोर्ड के अधिकारी परीक्षा रद्द होने की सूचना को हर तरीके से प्रचारित करने का प्रयास करने में लगे हुए थे।

प्रदेश में शिक्षा बोर्ड के लगभग 1846 परीक्षा केंद्र स्थापित किए गए हैं। इसमें से करीब 85 प्रतिशत केंद्रों में जमा दो की परीक्षा में विज्ञान संकाय के विद्यार्थी हिस्सा ले रहे हैं। जानकारी के मुताबिक राज्य में लगभग 15 हजार विद्यार्थियों ने भौतिक विज्ञान की परीक्षा मंगलवार को देनी थी, जबकि 21 मार्च की परीक्षा में तकरीबन 30 हजार परीक्षार्थियों ने परीक्षा में हिस्सा लेना था।

उधर बोर्ड की जनसूचना व संपर्क अधिकारी अंजू पाठक ने पुष्टि करते हुए कहा कि नई तिथियों का निर्धारण जल्द ही किया जाएगा।

हिमाचल प्रदेश बजट 2017-18: एक मिनट में पढ़ें खास बातें

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह अपना 20वां और इस सरकार का आखिरी बजट पेश किया। पंजाब केसरी अखबार के सौजन्य से जानें, क्या हैं बजट 2017-18 की खास बातें:

– बेरोजगार युवकों को मिलेगा बेरोजगारी भत्ता
– दसवीं और 12वीं पास को मिलेगा 1 हजार प्रति माह
– दिव्यांगों को मिलेगा 1500 रुपए प्रति माह
– 650 स्कूलों में वोकेशनल लोबेरेटरी होगी अपग्रेड
– 12 कॉलेजों में शुरू होंगे बी-वोकेशनल कोर्स
– इसके लिए बजट में 39 करोड़ रुपए का प्रावधान
– 850 स्कूलों में मिल रही वोकेशनल शिक्षा
– 57 हजार विद्यार्थी ग्रहण कर रहे वोकेशन शिक्षा
– बेटी है अनमोल योजना का बजट बढ़ा, 5100 से बढ़ाकर राशि 10,000 करने का प्रस्ताव
– मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का बजट बढ़ा, राशि 25000 से बढ़ाकर 40,000 करने का प्रस्ताव
– बजट के दौरान मुख्यमंत्री ने शेयर भी पढ़ा, डर मुझे भी लगा फासला देखकर, मगर मैं बढ़ता गया रास्ता देखकर, खुद ब खुद मंजिल पास आती रही मेरा हौसला देखकर
– बीमार लोगों के लिए मुफ्त बस सेवा
– 154 करोड़ से राजीव गांधी सिंचाई योजना शुरू की
– 1134 करोड़ हिमाचल हॉर्टिकल प्रोजेक्ट के लिए नाबार्ड ने दिए
– पिछले 4 सालों में बनाए गए 40 हजार घर
– 13716 हेक्टेयर क्षेत्र में सिचाई सुविधाएं दी गई
– कर्माचारियों को 2455 करोड़ रुपए के अतिरिक्त लाभ दिए गए
– पेंशनर्स को 910 करोड़ के लाभ पिछले 4 सालों में दिए गए
– धर्मशाला को लाया गया स्मार्ट सिटी के तहत
– शिमला और कुल्लू को अमृत योजना के तहत लाया गया
– मुख्यमंत्री ने शायराना अंदाज में कहा- मेरा यही अंदाज जमाने को खलता है इतनी मुश्किल सहकर भी यह सीधा कैसे चलता है
– एंटी हेल नेट पर सब्सिडी 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 80 प्रतिशत की गई
– सभी विभागों में सर्वे किया जाएगा कि कितने लोग फील्ड पर जाते हैं और कितने सचिवालय कार्यालय में आते हैं
– सभी विभागों को पूछा जाएगा कि लोगों को घर पर सुविधाएं देने के लिए क्या किया जाए
– प्रशासन जनता के द्वार की तर्ज पर काम करने को तैयार
– नोटबंदी के बाद राष्ट्रीय विकास पिछले सालों की तुलना में खराब हुआ
– केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक विकास दर 7.9 के मुकाबले 7.1 पहुंची
– 1946 में भी विमुद्रीकरण की नीति अपनाई गई थी, जिसे बाद में रद्द करना पड़ा
– बिना तैयारी के ही 2016 में विमुद्रीकरण किया गया
– लोगों को मुश्किले हुईं जो आज भी जारी है
– सभी क्षेत्रों पर इसका बुरा असर पड़ा, व्यापार, उत्पादन में गिरावट आई
– किसानों की आय में भी कमी आई
– देश को इससे उबरने में कई साल लगेंगे
– हिमाचल देश के लिए विकास का एक मॉडल है
– 7.4 फीसदी की दर से पिछले 4 सालों में विकास हुआ
– प्रति व्यक्ति आय को 147277 करने का लक्ष्य
– 1000 करोड़ अनुसूचित जाति, 538 और 70 करोड़ पिछड़ा क्षेत्र के लिए हमारा कर्ज चिंता का विषय रहा है
– हमारा कर्ज मार्च 2016 तक 38,568 करोड़
– 2017-18 में हमारा ब्याज 3500 करोड़ होगा
– मुख्यमंत्री ने एक और पढ़ा शेयर, अपनी उलझनों में ही अपनी मुश्किलों के हल मिलते हैं, जैसे टेड़ी-मेढ़ी शाखाओं पर ही रसीले फल मिलते हैं
– विधायक निधि की राशि को 1 करोड़ से बढ़ाकर किया 1 करोड़ 10 लाख रुपए
– हमने ई-गवर्नमेंट शुरू कर टेंडर प्रक्रिया को किया ऑनलाइन
– 100 फीसदी आधार एनरोलमेंट से लोगों को हुआ फायदा
– शिमला में टेक्नोलॉजी पार्क बनेगा जिससे 400 युवाओं को रोजगार मिलेगा
– तिब्बतियों को भी सस्ता राशन मिलेगा, इसके लिए 220 करोड़ रुपए सार्वजनिक वितरण व्यवस्था के लिए
– पीडीएस के तहत डिजिटल राशन कार्ड जारी होंगे
– वर्ल्ड बैंक ने हॉर्टिकल्चर प्रोजेक्ट के लिए 1144 करोड़ रुपए दिए
– इसके तहत ऑटोमेटिक पैकेजिंग, कोल्ड स्टोरेज, प्रोसेसिंग प्लांट पर ज्यातादर राशि खर्च होगी
– रोहडू और कुल्लू में इसके लिए बाजार स्थापित किया जाएगा
– वेदर रिकॉर्डिंग सिस्टम प्रदेशभर में शुरू किए जाएंगे, जिससे किसानों को फसल बीमा का मिलेगा सही लाभ
– वेदर बेस्ड क्रॉप इंश्योरेंस की शुरूआत की घोषणा
– मुख्यमंत्री कीवी प्रोत्साहन योजना की घोषणा
– कीवी फ्रूट्स के उत्पादन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा
– योजना के तहत 50 फीसदी सब्सिडी कीवी फलों की खरीद-बिक्री में दी जाएगी
– कीवी प्रोत्साहन योजना के लिए 4 करोड़ रुपए का बजट
– किसानों को प्लास्टिक ट्रे पर मिलेगी 50 फीसदी सब्सिडी
– नर्सरी उत्पादन और इंडोर प्लांट के लिए नई योजना
– ई-मार्केटिंग की शुरुआत जिला स्तर पर होगी, जिससे हॉर्टिकल्चर फसल को हेलस्टॉर्म से बचाया जा सके
– सॉयल हेल्थ मैनेजमेंट, प्रूनिंग, पॉलीहाउस के लिए शॉर्ट टर्म कोर्सेस होंगे शुरू
– 3 करोड़ रुपए के बजट से ग्रामीण युवाओं को दिया जाएगा इसका प्रशिक्षण
– हॉर्टिकल्चर विभाग के लिए 424 करोड़ रुपए
– 25 लाख रुपए तक की सॉयल टेस्टिंग लैब को 40 फीसदी सब्सिडी
– मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना की शुरुआत की गई, इस योजना के तहत सोलर फेंसिंग पर सब्सिडी को 60 फीसदी से 80 फीसदी करने का प्रावधान
– सीएम वीरभद्र सिंह का शायराना अंदाज, हवा से कह दो कि खुद को आजमा के दिखाए, बहुत चिराग बुझाती है एक जलाकर तो दिखाए
– किसान स्वरोजगार योजना पॉलीहाउस लगाने के लिए शुरू की
– 5 साल बाद पॉलीहाउस को बदलने पर 50 फीसदी की सब्सिडी मिलेगी
– न्यू मुख्यमंत्री ग्रीन हाउस रेनोवेशन स्कीम
– किसानों को सब्सिडी सीधे उनके खातों में मिलेगी
– ऑर्गेनिक फार्मिंग के लिए बायो पेस्टिसाइज
– 200 बायो विलेज्स साल 2017-18 में बनाए जाएंगे जिसमें ऑर्गेनिक खेती होगी
– बेस्ट ऑर्गेनिक फार्म को 5 लाख, 3 लाख और 1 लाख का इनाम दिया जाएगा
– ये पुरस्कार न्यू जैविक खेती पुरस्कार योजना के तहत दिए जाएंगे
– जैविक खेती के अधीन 2000 हैक्यटेयर क्षेत्र लाने का रखा लक्ष्य, 20 हजार बर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाने का रखा लक्ष्य
– पशु पालकों के लिए शुरु होगी हेल्पलाइन
– पशुओं की बीमारी पर मिलेगी सहायता
– मुख्यमंत्री खेत सरंक्षण योजना की अनुदान राशि 60 फीसदी से बढ़ाकर 80 फीसदी बढ़ी
– विदेशी और ऑफ सीजन सब्जियों की पैदावार को देंगे बढ़ावा
– 1165 करोड़ का बागवानी विकास प्रोजेक्ट किया लांच
– मिल्क प्रोसेसिंग और चिलिंग के लिए मिलेगी 75 फीसदी सब्सिडी
– विदेशी और ऑफ सीजन सब्जियों की पैदावार को देंगे बढ़ावा
– मिल्कफैड को दूध बेचने वाले पशुपालकों को तोहफा
– अगले वित्त वर्ष से दूध की कीमत में बढ़ौतरी का किया ऐलान, प्रति लीटर एक रुपए कीमत बढे़गी
– इस साल बनाए जाएंगे 100 ट्राऊट यूनिट, अभी तक 6011 ट्राउट मच्छली यूनिट प्रदेश में, नए यूनिट बनाने के लिए सरकार देगी सहायता
– प्रदेश में मच्छली पालन को मिलेगा और बढ़ावा, 12 हजार से अधिक मच्छुआरे मछली पालन से जुड़े हैं, राज्य में 1 हजार ट्राउट यूनिट स्थापित होंगे
– आवारा पशुओं की पहचान के लिए टैटूज का इस्तेमाल होगा
– पशुपालन विभाग के लिए 374 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान
– राज्य में 13 हजार वर्ग किलो मीटर बढ़ा फारेस्ट कवर
– फेंसड वानर वाटिका शिमला के तारादेवी में स्थापित की जाएगी, जिसमें आवारा बंदरों को रखने की व्यवस्था होगी
– पौंग डैम में पर्मानेंट बर्ड मॉनिटरिंग सिस्टम शुरू होगा
– हिमाचल प्रदेश एन्वायरमेंट लीडरशिप अवॉर्ड शुरू किए जाएंगे
– पर्यावरण संरक्षण के लिए ये पुरस्कार दिए जाएंगे
– इसमें 1 लाख रुपए का पुरस्कार, 50 हजार रुपए का पुरस्कार और 25 हजार रुपए के पुरस्कार दिए जाएंगे
– 500 इको विलेज शुरू किए जाएंगे
– प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड शिमला में खोलेगा क्षेत्रीय कार्यशाला
– जल प्रदूषण की रोकथाम के लिए मिलेगी सुविधा
– जिला परिषद और पंचायत समितियों के लिए धन का किया प्रावधान
– प्रदेश सरकार ने 2017-18 के लिए 42 करोड़ रुपए का किया प्रावधान
– राज्य में 13 वर्ग किलोमीटर बढ़ा फारेस्ट कवरट
– नई मुख्यमंत्री जीवनयापन योजना होगी शुरु
– योजना को लिए 10 करोड़ का प्रावधान
– लोन के ब्याज पर मिलेगी छूट
– प्रदेश में 4 लाख स्वाइल हेल्थ कार्ड बनाए गए
– हमीरपुर जिला देश में रहा अव्वल
– स्वाइल हेल्थ लैब को और उपयोगी बनाया जाएगा
– सोशल ऑडिट योजना की घोषणा, सभी विभागों को हर माह देनी होगी प्रोग्रेस रिपोर्ट
– सरकार गुणवत्ता युक्त साफ पानी देने के लिए प्रतिबद्ध है
– 512 फिल्ट्रेशन यूनिट स्थापित किए जाएंगे
– 31 मार्च 2017 तक स्थापना सुनिश्चित होगी
– प्रदेश में टूरिज्म पार्क बनाने की घोषणा। कनलोग, सराहन, कुल्लू, कसोल, धर्मशाला, पांवटा में बनेंगे पार्क
– प्राकृतिक धरोहरों को संजोए रखने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड शिमला में खोलेगा कार्यशाला
– पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ विकास के लिए एनवायरमेंट लीडरशीप अवार्ड की घोषणा, विजेता को एक लाख रुपए और ट्रॉफी देने का ऐलान
– बीपीएल परिवारों के लिए बोर्ड लगाने के लिए दो महीने का वक्त, बोर्ड न लगाने पर हटेगा सूची से नाम
– उद्योगों के विकास के लिए उद्योगों को एंट्री टैक्स, विद्युत ड्यूटी, चेंज इन लैंड यूज चाजेर्ट, स्टेंप ड्यूटी में छूट दी जा रही है
– हैंडलूम क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए योजना की शुरूआत, 193 करोड़ योजना के लिए रखे गए
– शहरी इलाकों में पार्किंग के लिए 50 फीसदी ग्रांट देगी सरकार
– अटल मिशन और अमृत मिशन योजना के तहत राज्य सरकार ने राशि बढ़ाकर 50 करोड़ की
– अर्बन लोकल बॉडीज को सरकार ग्रांट देगी, बजट में 10 करोड़ रुपए का प्रावधान
– वीरभद्र का शायराना अंदाज-ऐ मेरे परिंदे यूं जमीन पर बैठकर क्यों आसमान को देखता है,पंखों को खोल क्योंकि जमाना सिर्फउड़ान देखता है
– 5 ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल, मंडी, कुल्लू, तारादेवी, जसूर में 5 करोड़ से शुरू होंगे
– दूरदराज के इलाकों में बस सेवा शुरू करने के लिए 215 करोड़ रुपए से नई बसें खरीदी जाएंगी
– बस स्टैंड की बेहतरी के लिए 10 करोड़ रुपए
– 4000 नए बस पर्मिट बेरोजगार युवाओं को दिए जाएंगे
– परमाणु शिमला, कीरतपुर-मनाली फोरलेन का कार्य जारी
– 380 किलोमीटर सड़कों का निर्माण अगले एक साल में होगा
– मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत 50 करोड़ से गांवों मे सड़कें बनेगी
– पीडब्लूडी विभाग के लिए 3394 करोड़ रुपए का बजट
– नेशनल हाइवे की जल्द बनेगी DPR, 31 सड़कों की DPR के लिए आमंत्रित किए जा चुके हैं टैंडर
– जीएसटी को हिमाचल सरकार का समर्थन
– जीएसटी के संबंध में अवेयरनेस प्रोग्राम शुरू किया जाएगा
– 5 नए एक्साइज टेक्सेशन ऑफिसर सर्कल बनेंगे
– डिलरों के लिए सेल्फ असेसटमेट स्कीम, 2 करोड़ के टर्नओवर वाले डिलरों को फायदा
– सरकारी स्कूलों में लगेंगी बॉयो-मेट्रिकमशीनें
– उपशिक्षा निदेशक कार्यालय में भी मशीन से हाजिरी
– 25 करोड़ रुपए से मेधावियों को मिलेंगे लैपटॉप
– 220 करोड़ रुपए तकनीकी शिक्षा के लिए
– नोडल यूथ क्लबों को ग्रांट 25 हजार से 35 हजार रुपए की गई
– हर विधानसभा क्षेत्र में स्पोर्ट्स फील्ड तैयार होगी
– हर प्ले फील्ड के लिए 20 लाख रुपए दिए जाएंगे
– पत्रकार कल्याण योजना के तहत 1 करोड़ के बजट का प्रावधान
– मंडी जिला के लिए मेडिकल यूनिवर्सिटी की घोषणा
– HPU को 100 करोड़ का बजट, पिछले वर्ष के बदले 10 करोड़ की बढ़ोतरी, HPU ने 120 करोड़ का मांगा था बजट
– मानसिक रुप से अक्षम व्यक्ति को दी जाएगी 700 रुपए सहायता राशि
– प्रदेश में खुलेंगे 2 फायर स्टेशन, करसोग और शिलाई में खुलेंगे स्टेशन