हिमाचल सरकार ने शराब के ठेके बचाने को 16 स्टेट हाइवे बना दिए जिला रोड

शिमला।। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की काट निकालने के लिए अन्य राज्यों के नक्श-ए-कदम पर चलते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार ने शराब के ठेकों को बनाए रखने के लिए 16 स्टेट हाइवेज़ को जिला रोड घोषित कर दिया है। इस कदम के बाद अब राज्य की इन सड़कों से ज्यादातर ठेके नहीं हटेंगे। प्रदेश सरकार ने बुधवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मुताबिक शराब के नैशनल हाइवे से 500 मीटर की दूरी और राज्य की सड़कों से 220 मीटर की दूरी पर ही होने चाहिए।

ठेके अपनी पहली वाली जगहों पर बने रहें, इसके लिए प्रदेश सरकार ने 16 स्टेट हाइवेज़ को जिला रोड में बदल दिया है।अमर उजाला अखबार के मुताबिक अतिरिक्त मुख्य सचिव (लोक निर्माण विभाग) ने अधिसूचना जारी करने की पुष्टि की है। स्टेट रोड का दर्जा कम किए जाने से केंद्र से सड़कों के निर्माण और रखरखाव के लिए केंद्रीय ग्रांट में कमी नहीं होगी। जितना पैसा राज्य सड़कों के लिए केंद्र सरकार जारी करती है, जिला सड़कों के लिए भी उसी हिसाब से राशि जारी होती है।

गौतलब है कि यह अधिसूचना जारी करने वाला PWD मंत्रालय मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अपने पास ही रखा है। पिछले कुछ दिनों से विपक्ष सवाल उठा रहा था कि वेबरेज कॉर्पोरेशन का गठन करने के पीछे मंशा क्या है। इसके जवाब में सीएम ने कहा था कि मेरा कोई भी रिश्तेदार शराब के कारोबार में शामिल नहीं है। उन्होंने विधायक महेंद्र सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों को नकारते हुए कहा कि बैवरेज कार्पोरेशन का गठन प्रदेश सरकार का एक क्रांतिकारी कदम है। इसके गठन से प्रदेश में शराब का कारोबार करने वाले 5 से 10 घरानों का एकछत्र राज खत्म हो गया है।

प्रदेश सरकार ने जिन स्टेट हाइजेव को डिस्ट्रिक्ट रोड्स में बदला है, उनके नाम इस तरह से हैं:
1. छैला- नेरीपुल- यशवंत नगर- ओछघाट- कुमारहट्टी
2. सैज- चौपाल- नेरवा – शाहलू
3. शालाघाट,- अर्की- कुनिहार- बरोटीवाला
4. शिमला- कुनिहार- राम शहर- नालागढ़
5. शिमला- तत्तापानी- मंडी
6. धर्मशाला- पालमपुर- चढ़ियार, संधोल
7. ज्वालामुखी- देहरा- राजा का तालाब
8. जोगिंदर नगर- सरकाघाट – घुमारवीं
9. मेहतपुर- ऊना- मुबारकपुर- दौलतपुर
10. पौंग डैम- फतेहपुर- जसूर
11. नुरपूर – लाहडू- तुनूहट्टी
12. ऊना- अगहर- बडसर- जाहू- भामला- नैरचौक
13. चंबा- तीसा
14, हमीरपुर- सुजानपुर- थूरल- मरांडा
15. शाहपुर, सिहुंता – चुवाड़ी
16. रानीताल – बत्ती मील (कोटला)

हिमाचल के सबसे ‘ऐक्टिव’ सांसद हैं अनुराग ठाकुर, शांता कुमार सबसे ‘सुस्त’

शिमला।। हिमाचल प्रदेश की चारों लोकसभा सीटें बीजेपी के पास हैं। 16वीं लोकसभा में अब तक के आंकड़ों की बात करें हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर सबसे तेज और कांगड़ा के सांसद शांता कुमार सबसे सुस्त नजर आते है। सांसदों के कामकाज का लेखा-जोखा देने वाली वेबसाइट prsindia.org के डेटा के मुताबिक अब तक अनुराग ठाकुर ने 51 डीबेट्स में हिस्सा लिया है और 304 सवाल पूछे हैं। मगर शांता कुमार ने एक भी चर्चा में हिस्सा नहीं लिया और सिर्फ 13 सवाल पूछे। ध्यान देने वाली बात यह है कि वेबसाइट के मुताबिक शांता कुमार ने आखिरी सवाल 4 अगस्त 2015 को पूछा था, जबकि अनुराग ठाकुर ने लेटेस्ट सवाल कुछ दिन पहले 22 मार्च 2017 (बजट सत्र) में पूछा है।

डिबेट्स में हिस्सा लेने और सवाल पूछने के मामले में पहली बार सांसद चुने गए मंडी के रामस्वरूप शर्मा भी शांता कुमार से आगे हैं। रामस्वरूप शर्मा 18 डिबेट्स में हिस्सा ले चुके हैं और 32 सवाल पूछ चुके हैं। अनुराग के बाद परफॉर्मेंस के मामले में शिमला के सांसद वीरेंद्र कश्यप आते हैं जिन्होंने 50 डिबेट्स में हिस्सा लिया है और 138 सवाल पूछे हैं। अनुराग ठाकुर और वीरेंद्र कश्यप ने अक्सर सवाल पूछे हैं। अनुराग ही एकमात्र ऐसे सांसद हैं जिनके सवालों की संख्या देश के अन्य सांसदों द्वारा सवाल पूछने के ऐवरेज (180 सवाल) से ज्यादा है। डीबेट्स के मामले में भी अनुराग नैशनल ऐवरेज (48.8) से आगे हैं।

अटेंडेंस की बात करें तो हिमाचल प्रदेश के सभी सांसदों की हाजिरी अच्छी है। सबसे ज्यादा हाजिरी वीरेंद्र कश्यप (93%) है और उसके बाद अनुराग ठाकुर (91%) है। फिर शांता कुमार (90%) और राम स्वरूप शर्मा (87%) का नंबर आता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि अनुराग ठाकुर ही हिमाचल के एकमात्र ऐसे सदस्य हैं जिन्होंने प्राइवेट बिल पेश किए हैं। उन्होंने 3 प्राइवेट बिल लाए मगर अन्य सांसदों ने एक भी प्राइवेट बिल पेश नहीं किया।

Name State Constituency Party Attendance Percent Debates Total Questions Asked Private Member Bills
Anurag Singh Thakur Himachal Pradesh Hamirpur Bharatiya Janata Party 91% 51 304 3
Ram Swaroop Sharma Himachal Pradesh Mandi Bharatiya Janata Party 87% 18 32 0
Shanta Kumar Himachal Pradesh Kangra Bharatiya Janata Party 90% 0 13 0
Virender Kashyap Himachal Pradesh Shimla Bharatiya Janata Party 93% 50 138 0

(Data PRS India से साभार)

गौरतलब है शांता कुमार से भी ज्यादा खराब स्थिति बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की है जिन्होंने 1 ही डीबेट में हिस्सा लिया है। उन्होंने अब तक एक भी सवाल नहीं पूछा है और न ही कोई प्राइवेट बिल इंट्रड्यूस किया है। लोकसभा में सत्ताधारी पार्टी के वरिष्ठ सांसद अगर डिबेट्स में हिस्सा न लें तो यह एक तरह से नुकसान है क्योंकि वह अपने अनुभव से बहुत कुछ सिखा सकते हैं। यह भी हो सकता है कि पार्टी युवा सांसदों को ज्यादा मौके देना चाहती हो। मगर जनता से जुड़े सवाल पूछने में तो किसी तरह की हिचक नहीं होनी चाहिए। जब अनुराग और वीरेंद्र कश्यप मिलाकर 400 से ज्यादा सवाल पूछ सकते हैं, वहां शांता कुमार और रामस्वरूप शर्मा द्वारा मिलकर 45 सवाल पूछना थोड़ा अजीब लगता है।

देश के सबसे वरिष्ठ सांसदों में से एक का ऐसा प्रदर्शन निराश करने वाला है, वह भी तब जब उनका इतिहास रहा हो तथ्यों और तर्कों से भरी बातें करके जनता के हितों को उठाने का। अगर आप भी सांसदों का लोकसभा में किया गया प्रदर्शन देखना चाहते हैं तो आगे दिए लिंक पर क्लिक करें: PRS INDIA

हिमाचल की असली ‘ब्रैंड ऐंबैसडर’ है यह बच्ची

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इन हिमाचल डेस्क।। आज हम आपको मिलवाने जा रहे हैं हिमाचल प्रदेश की बेटी अनिका शर्मा से। यूट्यूब पर हिमाचल को लेकर कुछ सर्च करते वक्त हमें अनिका का यूट्यूब चैनल नजर आएगा। आत्मविश्वास से भरी अनिका ने यूट्यूब पर कुछ वीडियो डाले हैं जिनमें वह हिमाचल में विभिन्न जगह पर घूमते हुए कॉमेंट्री कर रही हैं और उन जगहों के बारे में बता रही हैं। वह बाहर के लोगों को हिमाचल में घूमने के लिए प्रेरित कर रही हैं। सही मायनों में कहें तो वह हिमाचल प्रदेश के टूरिजम को प्रमोट कर रही हैं। और इतनी खूबसूरती से वह हिमाचल के प्राकृतिक सौन्दर्य का वर्णन करती हैं हर कोई चाहेगा कि एक बार हिमाचल हो ही आऊं। खास बात यह है कि वह टूरिजम के लिए पहले से ही मशहूर जगहों की बात नहीं करतीं बल्कि गांव की सादगी और हिमाचल की असली सुंदरता का वर्णन करती हैं।

शुरुआत होती है एक ऐसे वीडियो से जिसमें वह हिमाचल प्रदेश के बैजनाथ की खूबसूरती के बारे में बता रही हैं। इतनी मासूमियत से वह बताती हैं कि हिमाचल के लोगों को लगता होगा कि बाहर जाकर रहें मगर उन्हें शायद अहसास नहीं है कि असली स्वर्ग हिमाचल में है। बहरहाल, आप नीचे वीडियो देखें:

अनिका के बारे में हमें ज्यादा जानकारी तो नहीं मिल पाई मगर यूट्यूब वीडियो देखकर लगता है कि वह अभी स्कूल में पढ़ती होंगी। मगर हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओं पर तो उनकी पकड़ है ही, ऐंकरिंग के स्वाभाविक स्किल्स भी हैं। देखें दूसरा वीडियो:

इस वीडियो में अनिका पालमपुर के होली मेले के बारे में बता रही हैं:

मां चामुंडा के मंदिर में अनिका ने वहां के बारे में तो बताया ही, दूर से आए श्रद्धालुओं से भी बात की:

यह निश्चित है कि वह बहुत आगे जाएंगी और हिमाचल प्रदेश का नाम भी रोशन करेंगी। पता नहीं हिमाचल प्रदेश का टूरिजम डिपार्टमेंट कहां सोया है, मगर हिमाचल प्रदेश वासी चाहें तो वे खुद अपने प्रदेश के टूरिजम के ‘ब्रैंड ऐंबैसडर’ बन सकती हैं, जैसे अनिका बनी हैं। इन हिमाचल की तरफ से उन्हें शुभकामनाएं।

कौन था आधी रात को झरने के पास मिला सफेद कपड़ों वाला लंबा सा आदमी?

#HorrorEncounterSeason2 मेरा नाम अक्षय वर्मा है और मैं शिमला से हूं। बात साल 2009 की है जब मैं 7th क्लास में था। आज भी मुझे अच्छी तरह याद है मैं और मेरी छोटी बहन घर में अकेले थे। हमारी किरायेदार जिनका नाम सपना है, उन्हें रात को हमारे साथ रहने के लिए रखा गया था क्योंकि ममी-पापा गांव गए हुए थे। हमें नींद नहीं आ रही थी। रात को हम बातें कर रहे थे और टीवी देख रहे थे। 12.30 बज गए रात को दीदी ने कहा कि सो जाते हैं, टाइम बहुत हो गया। उन्होंने कहा कि ये टाइम भूतों का होता है रात 12 से 3 बजे तक। हम भी डर गए लेकिन मेरी छोटी बहन बड़ी शैतान थी। उसने कहा कि कोई किस्सा सुना दो भूतों का, हमें नींद नहीं आ रही। दीदी मना किया मगर हम जिद पर अड़े रहे। फिर उन्होंने उनके चाचा जी के साथ गांव में हुई घटना हमें सुनाई।

सपना दीदी के चाचा राम सिंह ठाकुर अपनी पत्नी के साथ ससुराल गए हुए थे जो कि उनके घर से थोड़ी ही दूरी पर है। कुछ ही किलोमीटर। गांव के लोग आसपास के गांव में ही शादियां करते थे उन दिनों ताकि आना-जाना आसान रहे और रीति-रिवाजों में भी दिक्कत न हो। तो रात को 11-12 हज रहे होंगे जब वो अपने घर चलने लगे। उन्होंने पत्नी से कहा कि तुम सुबह आ जाना मैं चलता हूं क्योंकि बच्चे घर पर अकेले हैं। सबने कहा कि मत जाओ मगर वे चल दिए।

आसमान में चांदनी के सहारे चलते जा रहे थे। चलते-चलते थक गए तो रास्ते में एक पानी के झरने के पास आराम करने बैठ गए। वहां उन्हें सफेद कपड़ों में लंबा सा कोई इंसान दिखा। हिम्मत तो काफी थी उनमें। उन्होंने रौब भरी आाज में पूछ डाला- कौन है भाई कहां जा रहा है? उधर से आवाज आई- जहां तुम्हें जाना है।

राम सिंह जी का गांव राणाघाट जो कि तहसील राजगढ़, जिला सिरमौर के थे, उनके गांव में मां काली का मंदिर था। उन्होने जवाब दिया कि चल फिर, तुझे आज काली माता के मंदिर ले जाता हूं, चल मेरे साथ। ये बोलकर वो आगे बढ़ गए। थोड़ी देर में उन्होंने देखा कि सफेद कपड़ो वाला उनके आगे चल रहा है। यह देखकर वो रुक गए। पता नहीं उन्हें क्या लप चढ़ी की दौड़कर आगे गए और सफेद कपड़े वाले को पकड़कर गांव की तरफ खींचने लगे। इसके बाद उन्हें जाने क्या हुआ कि बेहोश हो गए। थोड़ी देर बाद उन्हें होश आया तो देखा कि आसपास कोई नहीं है। वह उठे और अपने घर चले गए।

सुबह होते ही वह अपने घर से निकले और जो भी जानकार मिले, उससे कहते- मैं जा रहा हूं, मेरे बच्चों का ख्याल रखना। पड़ोसियों को ये बात अजीब लगी तो उन्होंने राम सिंह जी के बड़े भाई को बताई कि ऐसे वो निकल गया है ऐसी बातें करके। तो राम सिंह के बड़े भाई और हमें कहानी सुना रही दीदी के पिता स्कूटर लेकर उस तरफ चले जहां उनका छोटा भाई गया हुआ था। आधे रास्ते में उन्होंने देखा कि उनका भाई राम सिंह रास्ते में पागलों की तरह व्यवहार कर रहा है। उसे उन्होंने रोका औऱ जैसे-तैसे स्कूटर पर बिठाने की कोशिश करने लगे पर वह नहीं माने। पूरा गांव इकट्ठा हो गया और उन दोनों की बुजुर्ग मां भी वहां आ गई।

मां ने कड़क स्वर में कहा, “तूने जाना है तो जा, मैं तुझे अपने बेटे को नहीं ले जाने दूंगी।’ दरअसल मां को अहसास हो गया था कि उनका बेटा किसी और ताकत के वश में है। यह संवाद उस ताकत के लिए ही था। इतने में मां को काली माता की खेल आई (माता आना) और उन्होंने राम सिंह का सिर पकड़कर अपने कदमों में झुका दिया। इससे पहले उस बुजुर्ग महिला को खेल आने की कोई हिस्ट्री नहीं थी। तो जैसे ही मां ने ऐसा किया, भी सिंह चिल्लाने लगा कि मुझे जाने दो। इतने में गांव के लोग पकड़कर घर ले गए और रस्सियों से बांध दिया गया राम सिंह को। कहीं अकेले नहीं जाने दिया जाता।

उन्हें नॉर्मल होने में कई साल लगे। न जाने कितनी तांत्रिक आए, कितने उपाय किए गए उनके अंदर से उस रूह को निकालने के लिए। पर वो कहते हैं न कि भगवान के घर में देर है, अंधेर नहीं। वह अब ठीक हो चुके हैं। एकदम सामान्य, जैसे वह इस घटनाक्रम से पहले थे।

तो दीदी ने यह कहानी सुनाई और हम सब डर के मारे दुबककर सो गए।

हॉरर एनकाउंटर सीरीज के किस्से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

(लेखक का नाम हमने नहीं बदला है मगर अन्य पात्रों का नाम बदल दिया है )

DISCLAIMER: इन हिमाचल का मकसद अंधविश्वास को बढ़ावा देना नहीं है। हम लोगों की आपबीती को प्रकाशित कर रहे हैं, ताकि अन्य लोग उसे कम से कम मनोरंजन के तौर पर ही ले सकें और उनके पीछे की वैज्ञानिक वजहों पर चर्चा कर सकें।

1100 तक के पहाड़े (टेबल) सुना सकता है हिमाचल का संतोष कुमार

इन हिमाचल डेस्क।। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें एक लड़का पहाड़े, जिन्हें इंग्लिश में टेबल (multiplication table) कहा जाता है, सुना रहा है। कमाल की बात यह है कि यह लड़का 10 या 20 का नहीं बल्कि 36, 76 और 189 जैसे बड़े पहाड़े भी आसानी से सुना सकता है। आप इससे कुछ भी पूछ लीजिए, तुरंत सुना देगा। आलम यह है कि आप 1100 तक के पहाड़े इन जनाब से पूछ सकते हैं और मुस्कुराते हुए सुना देंगे। ऐसा भी नहीं लगता कि उन्हें पहाड़े सुनाते हुए कोई दिक्कत हो रही हो। हमें कोई कहे कि 79 x 2 करो तो हमें कम से कम 5 मिनट लगेंगे मन में 79 को 2 गुणा करने में। मगर इन जनाब को अगर आप 978 x 7 करने को बोलेंगे तब भी 2 सेकंड में जवाब बता देंगे।

 

इस टैलंट का नाम है संतोष कुमार। संतोष आईटीआई कर रहे हैं। वीडियो के मुताबिक वह अपर बरोट के रहने वाले हैं। यह वाकई कमाल का टैलंट है कि किसी व्यक्ति को 1100 तक के पहाड़े याद हों। यह आसान काम नहीं है क्योंकि रटने की बात नहीं है। इतनी बड़ी संख्या का पहाड़ा तो खरीदने पर भी नहीं मिलता। अगर संतोष ने यह काम खुद अंकों को गुणा करके पहाड़ा बनाकर याद किया तो काबिल-ए-तारीफ है। और अगर वह तुरंत ही सुनाते वक्त मन में गुणा करते हुए चलते हैं तो उनकी वाकई दाद देनी होगी।

 

बहरहाल, नीचे देखें आप संतोष का हुनर, जिसका किसी ने वीडियो बनाकर अपलोड किया है। ‘प्यारा हिमाचल’ पेज पर शेयर वीडियो को हम नीचे दे रहे हैं:

संतोष को शुभकामनाएं। उन्होंने ये पहाड़े कैसे याद किए, इसका कोई आसान तरीका हो जिसे वह साझा कर सकें तो खुशी होगी। इससे बहुत से बच्चों को पढ़ाई में मदद मिलेगी।

हिमाचल में शूट हुई इंग्लिश मूवी Beyond The Known World का ट्रेलर देखा आपने?

इन हिमाचल डेस्क।। हिमाचल प्रदेश हमेशा से ही पूरी दुनिया को अपनी ओर खींचता रहा है। कुछ लोग यहां आध्यात्मिक शांति की तलाश में आते हैं तो कुछ प्राकृति सौंदर्य को निहारने। अब बहुत से लोग नशा करने और के लिए आने लगे हैं। मगर अच्छी बात यह है कि इंटरनैशनल मूवी मेकर्स के लिए भी हिमाचल प्रदेश फेरविरट डेस्टिनेशन बनता आ रहा है। जल्द ही आपको एक इंग्लिश मूवी देखने को मिलेगी, जिसकी शूटिंग हिमाचल में हुई है। मूवी का नाम है- बियॉन्ड द नोन वर्ल्ड यानी जिस दुनिया को हम जानते हैं, उससे परे। (ट्रेलर आर्टिकल के आखिर में है)

कहानी ऐसी है कि कार्ल और जूली का तलाक हो गया और उनके आपकी रिश्ते ठीक नहीं है। उनकी 18 साल की बेटी ईवा घूमने के लिए भारत आती है। भारत में भी वह हिमाचल आती है। कुछ दिनों बाद उसका फोन स्विच ऑफ हो जाता है। पैरंट्स परेशान होते हैं तो उसे ढूंढने के लिए हिमाचल आते हैं। यहां भी उन्हें उसका कोई पता नहीं चलता। अब कार्ल और जूली अपनी बेटी की तलाश शुरू करते है। बेटी की तलाश में उन्हें हिमाचल प्रदेश और विभिन्न जगहों पर जाना पड़ता है>।

गुजरात में जन्मे भारतीय फिल्म डायरेक्टर पान नलिन इंटरनैशनल सिनेमा में जाना-पहचाना नाम हैं। वह संसारा, वैली ऑफ फ्लावर्स और आयुर्वेदा: आर्ट ऑफ बीइंग जैसी चर्चित फिल्में बना चुके हैं। उनकी नई फिल्म ‘बियॉन्ड द नोन वर्ल्ड’ देखने पर कहीं न कहीं पूर्वजन्म और अध्यात्म जैसे विषयों पर आधारित लग रही है। इसकी ज्यादातर शूटिंग हिमाचल में हुई है। कुल्लू के ढालपुर मैदान के कुल्लू दशहरा से लेकर कसोल में रेव पार्टीज़, धर्मशाला से लेकर लाहौल-स्पीति से बौद्ध मठों तक के दर्शन इसमें होते हैं।

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हिमाचल प्रदेश की प्राकृति खूबसूरती तो इसमें दिखती ही है, कला और संस्कृति की भी झलक मिलती है। यह भी देखना होगा कि हिमाचल प्रदेश में व्याप्त बुराइयों (नशाखोरी, ड्रग्स के कारोबार और इन समस्याओं को लेकर पुलिस की ढिलाई) को भी हाइलाइट किया गया है नहीं। यह फिल्म 20 अप्रैल को रिलीज होगी। इसमें आपको भारत और हिमाचल के कुछ कलाकार भी देखने को मिल सकते हैं।  नीचे ट्रेलर देखें:

आंखों का इलाज हिमाचल के अस्पतालों में करवाने के बजाय चेन्नई गए मुख्यमंत्री वीरभद्र

शिमला।। आय से अधिक मामले में झटका लगने के बाद बैकफुट पर आए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह चेन्नई चले गए हैं। सोशल मीडिया पर कुछ लोग जहां इस टाइमिंग पर सवाल उठा रहे हैं वहीं कुछ का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में विकास की गंगा बहा देने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री खुद अपनी आंखों का इलाज करवाने के लिए चेन्नई क्यों जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब मुख्यमंत्री ही इलाज के लिए प्रदेश से बाहर जा रहा है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति क्या है। प्रश्न उठाए जा रहे हैं जब सीएम को प्रदेश के अस्पतालों पर भरोसा नहीं है तो क्या यह जनता से खिलवाड़ नहीं है।

हिंदी अखबार अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह अपनी आंखों का इलाज करवाने के लिए रविवार को चेन्नई के लिए रवाना हो गए। वह तीन अप्रैल को चेन्नई के एक जाने-माने अस्पताल में अपना इलाज करवाएंगे। वे चार अप्रैल को वापस नई दिल्ली लौटेंगे। इसी के बाद हिमाचल आएंगे।

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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री इससे पहले भी दांतों का इलाज करने के लिए चंडीगढ़ जाते रहे हैं। इसके अलावा प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर टेप कांड के बाद सीने में दर्द होने पर पीजीआई चंडीगढ़ में दाखिल हो गए थे। अन्य कई मंत्री भी इलाज के लिए प्रदेश और देश से बाहर जाते रहे हैं। इन दिनों मुख्यमंत्री भोरंज उपचुनाव के दौरान दावे कर रहे हैं कि आईजीएमसी, टांडा मेडिकल कॉलेज से लेकर चंबा और हमीरपुर में मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं। मगर प्रदेश के मुखिया का छोटी-मोटी दिक्कतों के इलाज के लिए खुद बाहर जाना उनके ही दावों पर सवाल खड़े कर देता है।

क्लिक करके देखें हिमाचल के सबसे बड़े अस्पताल की डरा देने वालीं तस्वीरें

हिमाचली फिल्म ‘सांझ’ का ट्रेलर जारी, जल्द होगी रिलीज

इन हिमाचल डेस्क।। हिमाचल प्रदेश के प्रॉडक्शन हाउस “साइलेंट हिल्स स्टूडियो” द्वारा बनाई गई पहली हिमाचली फिल्म ‘सांझ’ का ऑफिशल ट्रेलर रिलीज़ हो गया है। 14 अप्रैल को यह फिल्म रिलीज होने जा रही है। यह फिल्म हिमाचली और हिंदी में रिलीज होगी। इस फिल्म में मोहित चौहान की आवाज में एक गाना भी है।

‘रिश्तों की सांझ’ नाम की इस मूवी में एक टीनेजर है, जिसका नाम सांझ है। शहर में रहने वाली सांझ के साथ कुछ ऐसा होता है कि उसके पिता उसे हिमाचल में अपने गांव में अपनी मां (सांझ की दादी) के पास छोड़ जाते हैं। ऐसा क्या हुआ था सांझ के साथ, यह तो आप ट्रेलर में देख सकते हैं मगर आगे की कहानी जानने के लिए फिल्म देखनी पड़ेगी।

इस फिल्म को अभी तक देश-विदेश में कुछ मूवी फेस्ट्स में शोकेस किया जा चुका है जहां यह खूब तारीफ बटोर चुकी है। रिश्तों के ताने-बाने पर बनी यह मूवी हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत वादियों में शूट हुई है। हिमाचल के अजय सकलानी की इस मूवी इसमें भावनाओं के साथ-साथ हिमाचल की मनभावन संस्कृति की भी झलक देखे को मिलेगी, ऐसी उम्मीद है। मूवी तो 14 अप्रैल को रिलीज होगी, फिलहाल ट्रेलर देखें:

हिमाचली ट्रेलर

हिंदी ट्रेलर

टीजर

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आईडी धीमान को लेकर मुख्यमंत्री वीरभद्र की टिप्पणियों से लोगों में रोष

हमीरपुर।। भोरंज उपचुनाव के लिए प्रचार करने पहुंचे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के एक बयान से लोगों में नाराजगी देखी जा रही है। दरअसल प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह उस दौर के अनुभव साझा कर रहे हैं जब दिवंगत नेता आईडी धीमान सराहन में हेडमास्टर थे। वीरभद्र सिंह दावा कर रहे हैं कि धीमान बच्चों को नकल करने से नहीं रोकते थे।

गौरतलब है कि बीजेपी ने के वरिष्ठ नेता और कई बार शिक्षा मंत्री ईश्वर दास धीमान का निधन होने के बाद ही भोरंज सीट पर उपचुनाव हो रहा है। यहां से बीजेपी ने आईडी धीमान के बेटे डॉक्टर अनिल धीमान को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने प्रमिला देवी को टिकट दिया है।

अमर उजाला अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को वीरभद्र सिंह ने कहा, ‘मेरे पैतृक गांव सराहन में आईडी धीमान हेडमास्टर रहे हैं, लेकिन उनका स्कूल के टीचरों पर कोई कंट्रोल नहीं था। परीक्षा में बच्चे नकल कर रहे होते थे तो उन्हें भी अनदेखा कर देते थे। स्वर्गीय धीमान के समय सराहन स्कूल का परिणाम सौ फीसदी रहा, लेकिन उनके ट्रांसफर होते ही परिणाम शून्य हो गया। उसके बाद ऊना जिले से एक हेडमास्टर आए तो स्कूल की दशा सुधरी। धीमान में हेडमास्टरों वाले गुण नहीं थे। इसी तरह उनके पुत्र तथा भोरंज विस से भाजपा प्रत्याशी डॉ. अनिल धीमान भी अपने पिता के नक्शे कदम पर चल रहे हैं। उनमें भी कई तरह के अवगुण हैं।

सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हुए एक व्यक्ति ने लिखा है, ‘जो आदमी इस दुनिया में नहीं है, उसकी आलोचना नहीं की जा सकती। यह गलत है क्योंकि आपके द्वारा लगाए जाने वाले आरोपों का जवाब देने के लिए वह व्यक्ति अब इस दुनिया में नहीं है। मुख्यमंत्री ने मर्यादाओं को ताक पर रख दिया है।’

गौरतलब है कि कुछ पहले भी मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आईडी धीमान को लेकर ऐसी ही बात कही थी। नीचे वीडियो देखें, जिसमें वह कुछ दिन पहले मंच से चुटकी लेते हुए नजर आ रहे हैं:

 वह अक्सर प्रचार के दौरान दिए जाने वाले भाषणों में इन बातों का जिक्र कर रहे हैं। इससे वह क्या साबित करना चाहते हैं, ये तो वह ही जान सकते हैं मगर 6 बार लगातार आईडी धीमान को जिता चुके  भोरंज निवासियों में इस बात को लेकर गुस्सा देखने को मिल रहा है।

आय से अधिक संपत्ति केस में वीरभद्र सिंह को लगे दो झटके

नई दिल्ली।। आय से अधिक संपत्ति मामले में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंक को दो झटके लगे हैं। सीबीआई ने पटियाला हाउस कोर्ट में इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इससे पहले शुक्रवार सुबह दिल्‍ली हाईकोर्ट ने वीरभद्र ओर से दायर की गई याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होने सीबीआई द्वारा दर्ज मामले को रद्द करने के आदेशों देने की मांग की थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने हिमाचल हाईकोर्ट के उन आदेशों को भी खारिज कर दिया है जिसमें वीरभद्र सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई थी। ऐसे में वीरभद्र सिंह पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है।

ANI के मुताबिक सीबीआई द्वारा पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में सीएम वीरभद्र सिंह, उनकी पत्नी और कुछ और लोगों के नाम दिए गए हैं। जांच एजेंसी का दावा है कि मामले की जांच पूरी कर ली गई है। गौरतलब है कि आय से अधिक संपत्ति के इस मामले में पहले से ही एक आरोपी आनंद चौहान सलाखों में बंद है।

फाइल फोटो
फाइल फोटो

इससे पहले ही शुक्रवार सुबह सीएम वीरभद्र सिंह को दिल्‍ली हाईकोर्ट से भी बड़ा झटका लगा था। वीरभद्र ने कोर्ट से अपील की थी कि सीबीआई की ओर से दर्ज किए गए मुकदमे को रद्द करने के आदेश दिए जाएं। उनका कहना था कि सीबीआई गलत मंशा के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है। सीबीआई का कहना था कि हिमाचल सरकार उनके साथ इस मामले में सहयोग नहीं कर रही।

इस मामले में सीबीआई अब मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी धर्म पत्नी एवं पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह से न केवल पूछताछ करने के लिए स्वतंत्र है बल्कि वह उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है। चार्जशीट दायर होने के बाद सीबीआई अतिरिक्त पूछताछ के लिए उन्हें गिरफ्तार करने की याचिका डाल सकती है। वीरभद्र सिंह के पास अभी डबल बैंच में याचिका दायर करने के अलावा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के विकल्प बचे हैं।

यह है माामला:
वीरभद्र सिंह पर आरोप है कि यूपीए सरकार के दौरान जब वह इस्पात मंत्री थे तो उन्होंने 2009 से 2011 के बीच अचानक 6.1 करोड़ रुपए की अतिरिक्त संपत्ति अर्जित की थी। आरोपों के मुताबिक सीएम ने केंद्रीय मंत्री के पद पर रहते हुए अपने और घरवालों के नाम जीवन बीमा पॉलिसियों में एलआईसी एजेंट चौहान के माध्यम से 6.1 करोड़ रुपए का निवेश किया। आरोप है कि उन्होंने यह 6.1 करोड़ रुपये गलत तरीके से जुटाए।