यूपी के भाजपा विधायक के भतीजे की दबंगई, पलटने से बची एसपी सौम्या की गाड़ी

नाहन।। लाल बत्ती का कल्चर भले ही आधिकारिक रूप से खत्म हो गया मगर फुकरापंथी थमी नहीं है। उत्तर प्रदेश के एक बीजेपी विधायक के भतीजे की गाड़ी ने गलत कट मारकर सिरमौर की एसपी सौम्या सांबशिवन की सरकारी गाड़ी को सड़क से लगभग बाहर धकेल दिया था। इससे एसपी की गाड़ी फिसलकर सड़क के दूसरी तरफ चली गई। ड्राइवर ने सूझबूझ से बड़ा हादसा टाल दिया।

दरअसल एसपी सौम्या सांबशिवन अपने वाहन में पांवटा साहिब की तरफ जा रही थी इसी दौरान पीछे से आकाश सिंह नाम का शख्स अपनी गाड़ी पर ओवरस्पीडिंग करता हुआ आ रहा था। इस गाड़ी पर फुकरापंथी का प्रतीक उतर प्रदेश विधानसभा के विधायक का फट्टा भी लगा हुआ था।  अमर उजाला की खबर के मुताबिक कटासन मंदिर से कुछ दूरी पर पीछे से एक तेज रफ्तारी सफारी गाड़ी यूपी के विधायक का फट्टा व फ्लेग लगाए पूरी दबंगई दिखाते हुए एसपी सिरमौर की गाड़ी को ओवर टेक करते हुए कट मार कर निकली। सफारी गाड़ी यूपी 91 एल 7777 नंबर की थी। गनीमत ये रही कि एसपी के चालक सुरेश पाल ने किसी तरह अपने वाहन को नियंत्रित करके पलटने के बचा लिया। इसके बाद आरोपी वाहन को मौके से तेज रफ्तार से भगा कर फरार हो गए।

विधायक की तख्ती लगी थी

इसकी तत्काल सूचना पांवटा साहिब पुलिस को दी गई जिसके बाद बद्रीपुर चौक पर नाकाबंदी में आकाश सिंह समेत वाहन को भी कब्जे में ले लिया गया। वहीं कानून के मुताबिक आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। बताया जा रहा है कि विधायक की पट्टी वाली गाड़ी चला रहा आकाश योगी के विधायक अशोक कुमार चंदेल का भतीजा है। एसपी सिरमौर सौम्या साम्बशिवन ने पुष्टि की है। एसपी ने कहा कि विधायक की गैर मौजूदगी में उनका फट्टा, विस पास व फ्लैग लगा कर वाहन दौड़ाया जा रहा था। गाड़ी को जब्त कर लिया गया है। कानून के मुताबिक चालान व उचित कार्रवाई की जा रही है।

अब मुख्यमंत्री वीरभद्र ने चौपाल के विधायक पर किए पर्सनल कॉमेंट्स

शिमला।। कई बार लोगों पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कर चुके प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने एक बार फिर निजी टिप्पणियां की हैं। चौपाल में जनसभा में मौजूद रहते हुए उन्होंने विधायक बलवीर वर्मा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने न सिर्फ विधायक पर व्यंग्य किए बल्कि उनके ऊपर टिप्पणियां भी कर डालीं।

सबसे पहले माइक खराब हुआ तो मुख्यमंत्री ने कहा- माइक की तार पर बलवीर वर्मा तो नहीं बैठ गया है। इसके बाद उन्होंने विधायक को मकरझंडू की संज्ञा दे दी। इसके बाद पर्सनल कॉमेट्स करते हुए कहा- वह तो एक ठेकेदार का मुंशी था, उसे तो कमाई का चस्का है। वह विकास की परिभाषा क्या जाने? कोरी घोषणाएं करना व गप्पें हांकना शौक बन चुका है। विकासात्मक योजनाओं को कैबिनेट मंजूर करती है न कि कोई विधायक।

गौरतलब है कि निर्दलीय चुनाव जीते बलवीर कांग्रेस सरकार के असोसिएट सदस्य रहे थे और अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं। कोई विधायक बनने से पहले क्या था, क्या नहीं इस पर टिप्पणी करने का यह पहला मौका नहीं है। इससे पहले वीरभद्र सिंह ने रविंद्र रवि पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि मैं तो तब से जानता हूं जब वह खोखे में अंडरगारमेंट्स बेचा करता था। इसी तर्ज पर उन्होंने भोरंज उपचुनाव में प्रचार के दौरान बीजेपी के दिवंगत नेता आई.डी. धीमान को नकल करवाने वाला प्रिंसिपल करार दिया था जिससे लोगों में नाराजगी देखने को मिली थी।

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त्रिदेव सम्मेलन में राजनाथ सिंह ने पढ़े अनुराग की तारीफ में कसीदे

हमीरपुर।। हमीरपुर में आयोजित त्रिदेव सम्मेलन में पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने हिमाचल के युवाओं के लिए बड़ा ऐलान किया है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जल्द ही हिमाचल में अर्धसैनिक बलों की भर्तियां होंगी। इसके साथ ही उन्होंने हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर की जमकर तारीफ की। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की सरकार के कार्यकाल की भी सराहना की।

राजनाथ सिंह ने कहा कि यहां के लोग बधाई के पात्र हैं जिन्होंने अनुराग ठाकुर को चुनकर भेजा है। राजनाथ बोले, “अनुराग देश के युवाओं को दिशा देने की क्षमता रखते हैं। वह राजनीति के साथ-साथ खेल में भी छक्का मार रहे हैं।’ साथ ही धूमल सरकार के दौरान हुए विकास कार्यों की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल से प्लास्टिक बैन करने का श्रेय भी धूमल को जाता है। वीडियो देखें:

इसके साथ ही राजनाथ ने कहा कि पैरामिलिट्री में हिमाचल के नौजवानों की भर्ती के लिए जल्द मैं कोई व्यवस्था करूंगा। राजनाथ ने पाकिस्तान के साथ चल रही तनातनी पर बात करते हुए कहा कि सीमा पार से एक भी गोली चली तो भारतीय सेना दुशमनों पर चलने वाली गोलियों की गिनती नहीं करेगी।

इस मौके पर उनके साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल, भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती, प्रदेश प्रभारी मंगल पांडेय, सांसद अनुराग ठाकुर, संसदीय प्रभारी रणधीर शर्मा और जिला अध्यक्ष अनिल ठाकुर भी मंच पर मौजूद रहे।

उफ! चावल में नमक मिलाकर पेट भरने को मजबूर है यह परिवार

कांगड़ा।। फेसबुक पर एक ऐसी पोस्ट शेयर हो रही है जो भावुक कर देती है। वक्त बड़ा ताकतवर है; चाहे तो इंसान को जमीन से आसमान पर ले जाए तो किसी को आसमान से फर्श पर पटक दे। यही देखने को मिल रहा है कांगड़ा जिले के बैजनाथ के चढ़ियार में। यहां के भुट्टू राम की कहानी सुनकर आपकी आंखों में पानी आ जाएगा। साथ ही यह भी सोचने पर विवश हो जाएंगे आप कि अगर सरकार द्वारा हर साल अरबों रुपया जनता की बेहतरी और गरीबी मिटाने के नाम पर किया जाता है। मगर क्या इस भारी-भरकम बजट से भुट्टू जैसे जरूरतमंदों की मदद नहीं हो सकती? और अगर सरकार और हमारे नेता इस काम को नहीं कर सकते तो क्या हम खुद मिल-जुलकर अपने लोगों के लिए कुछ नहीं कर सकते?

पालमपुर के संजय शर्मा ने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली है। इसमें एक परिवार जर्जर मकान के आगे खड़ा है। यह मकान है भुट्टू राम का जो गांव और डाकघर चौरडू, पंचायत छैक, उपतहसील चढ़ियार, बैजनाथ के रहने वाले हैं। भुट्टू जी का एक हाथ काम नहीं करता मगर वह लकड़ी के काम के माहिर थे। वक्त ने पलटी मारी और सब बर्बाद हो गया। 2 बेटे थे इनके, जिनमें से बड़े की मौत एक दुर्घटना में हो गई और छोटा बेटा मानसिक रूप से असमर्थ है। बड़ा बेटा अपने पीछे 3 बच्चे छोड़ गया है। इन बच्चों की मां भी पति की मौत के बाद कहीं चली गई बच्चों का दादा-दादी के हवाले करके।


आज हालत यह है कि बुजुर्ग भुट्टू और उनकी पत्नी अपने तीन पोते-पोतियों के साथ रहते हैं। कई लोगों के मकानों में लकड़ी का काम करके उनमें जान फूंक चुके भुट्टू का अपना मकान गिरने की कगार पर पहुंच गया है। संजय शर्मा लिखते हैं कि उन्होंने इस परिवार चावल में नमक डालकर खाना खाते देखा है। पोते-पोतियों का पेट भरने की चिंता, मकान को गिरने से बचाने की चिंता… मानसिक रूप से असमर्थ बेटे की देखभाल करने की चिंता…. आखिर  बुजुर्ग भुट्टू कब तक जूझेंगे इस सब से?

In Himachal ने तय किया है कि 6 जून रात 12 बजे (मंगलवार) तक  इस आर्टिकल के बीच में दिखने वाले विज्ञापनों पर पाठकों द्वारा क्लिक करने से जो भी कमाई होगी, उसे भुट्टू राम जी के परिवार को दिया जाएगा।

 

इनका पता है- भुट्टू राम, गांव और डाकघर चौरडू, पंचायत छैक, उपतहसील चढ़ियार, बैजनाथ, जिला कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश।

सीएम कैंडिडेट और सीएम कौन होगा, हाईकमान करेगी फैसला: कौल सिंह ठाकुर

शिमला।। हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और द्रंग से कांग्रेस के विधायक ठाकुर कौल सिंह ने खुलेआम यह कहकर हलचल पैदा कर दी है कि चुनाव किसके नेतृत्व में लड़े जाएंगे और जीतने की स्थिति में कांग्रेस का सीएम कौन होगा, यह पार्टी हाईकमान तय करेगी। उनसे पूछा गया था कि क्या कांग्रेस वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी और क्या वीरभद्र जीतने के बाद मुख्यमंत्री बनेंगे। इन सवालों के जवाब में हिमाचल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह सब पार्टी हाईकमान तय करती आई है और इस बार भी वही तय करेगी। इस बयान के रानजीतिक मायने यह निकल रहे हैं कि कौल सिंह ठाकुर सीधे-सीधे वीरभद्र सिंह के समर्थन में नहीं हैं, इसीलिए घुमाकर जवाब दे रहे हैं।

कौल सिंह ठाकुर एक वक्त वीरभद्र सिंह के खास माने जाते थे मगर पिछले कुछ चुनावों ने उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाने की कोशिश की है। वह खुलकर मुख्यमंत्री पद की दावेदारी भी जता चुके हैं। हिंदी अखबार ‘पंजाब केसरी’ को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने यही इशारा किया है कि सबकुछ हाईकमान के हाथ में है, वीरभद्र सिंह के हाथ में नहीं। उनसे पूछा गया था- क्या पार्टी में इस बात को लेकर सहमति है कि जब विधानसभा चुनाव होंगे तो वे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में ही लड़े जाएंगे। क्या जवाब था कौल सिंह का, वीडियो देखें:

इसके साथ ही उन्होंने सरकार और संगठन में टकराव के सवाल पर भी बात की। उन्होंने कहा कि अगर सरकार रिपीट करवानी है तो तालमेल जरूरी है। उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को हटाने की जो खबरें आ रही हैं, उसका फैसला हाईकमान को करना है। मुझे सुखविंदर सिंह सुक्खू से कोई दिक्कत नहीं है, वह अच्छा काम कर रहे हैं।

आय से अधिक संपत्ति केस: देश नहीं छोड़ सकेंगे वीरभद्र सिंह, जब्त हुआ पासपोर्ट

शिमला।। आय से अधिक संपत्ति के मामले में घिरे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और अन्य आरोपियों के पासपोर्ट कोर्ट ने जब्त कर लिए हैं। यानी अब ये लोग देश छोड़कर नहीं जा सकेंगे। दरअसल मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 29 मई को वीरभद्र सिंह को सशर्त जमानत दी थी जिसके तहत बिना इजाजत उनके देश छोड़कर जाने पर रोक लगा दी गई थी और पासपोर्ट जमा करने को कहा था। “अमर उजाला’ की रिपोर्ट के मुताबिक अब आरोपियों ने पासपोर्ट जमा कर दिए हैं।

इस केस की अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी। गौरतलब है कि सीबीआई ने वीरभद्र सिंह पर पर बतौर केंद्रीय मंत्री रहते हुए 10 करोड़ की आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में चार्जशीट दाखिल की है। यह राशि उनकी घोषित आय से 192 प्रतिशत अधिक पाई गई है।

इस मामले में मुख्यमंत्री के साथ उनकी पत्नी प्रतिभा, एलआईसी एजेंट आनंद चौहान, सहयोगी चुन्नी लाल, जोगिंद्र सिंह, प्रेमराज, लवन कुमार रोच, वकामुल्ला चंद्रशेखर और राम प्रकाश भाटिया का भई नाम है। 29 मई को इस केस से जुड़े सभी आरोपियों को एक-एक लाख के निजी मुचलके पर सशर्त जमानत मिली है।

सोलन के विवादित बाबा अमरदेव को पुलिस ने किया गिरफ्तार

सोलन।। सोलन के रामलोक मंदिर के विवादित बाबा अमरदेव को हिमाचल प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बाबा पर एक महिला पर तलवार से हमला करने, सरकारी जमीन पर कब्जा करने जैसे कई आरोप लगे हैं। गौरतलब है कि बाबा के मंदिर से तेंदुओं की खालें भी बरामद की गई थीं। एक हिंदी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक जमानत रद्द होने से पहले ही बाबा के वकील ने जमानत की अर्जी वापस ले ली। इस वजह से बाबा को पुलिस के सामने सरेंडर करना पड़ा। बाबा को अब कोर्ट में पेश किया जाएगा।

गौरतलब है कि बाबा की पहुंच रसूखदार लोगों और हिमाचल प्रदेश के बड़े राजनेताओं और सत्ताधारियों तक है। कुछ ही दिन पहले महिला को तलवार से घायल करने के आरोप में घिरे बाबा से मुख्यमंत्री ने मुलाकात की थी और कुछ ही  घंटों के अंदर भराड़ीघाट पुलिस स्टेशन के सभी पुलिसकर्मियों का तबादला हो गया था।

हिंदी अखबार पंजाब केसरी की रिपोर्ट के मुताबिक बाबा की गिरफ्तारी पर लोगों ने खुशी जताई है और उनका कहना है कि न्यायालय के इस आदेश से न्यायप्रक्रिया में लोगों का विश्वास और पक्का हुआ है। उन्होंने कहा कि पिछले काफी समय से जो घटना क्रम चल रहा था जिसमें प्रदेश सरकार बाबा को संरक्षण दे रही थी, उसी के चलते लोगों में नाराजगी थी।

घर तक छोड़ने के बहाने युवकों ने दृष्टिहीन लड़की से किया गैंगरेप

मंडी।। एक बहुत ही शर्मनाक और दर्दनाक मामला सामने आया है। दो युवकों पर दृष्टिहीन युवती को घर तक छोड़ने के बहाने गुमराह करके गैंगरेप करने का आरोप लगा है। मामला हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले का है। बताया जा रहा है कि गांव के लोगों ने लड़की के चिल्लाने की आवाजें सुनी और घटनास्थल पर पहुंचे मगर तब तक वे इस वारदात को अंजाम दे चुके थे।

हिंदी अखबार अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक चीख-पुकार सुनकर मौके पर पहुंची ग्रामीण महिलाओं ने युवती को कमरे से बाहर निकाला और दोनों युवकों को कमरे के अंदर बंद कर दिया। सूचना पुलिस चौकी में दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार लिया है। मेडिकल में भी रेप की पुष्टि हो चुकी है। युवती दलित समुदाय से है और उसके माता-पिता की हादसे में मौत हो चुकी है।

पुलिस का कहना है कि पीड़ित लड़की अपने दादा-दादी के साथ गांव में रह रही है। पीड़िता के दादा ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि वह पंजाब में पेशी के लिए गए थे और घर में उसकी बहू और बेटी के अलावा कोई भी नहीं था। देर शाम दृष्टिहीन पोती बाहर गई थी। जब वह शाम को वापस घर आने लगी तो आरोपी युवकों ने उसे घर छोड़ने की बात कहकर झांसे में ले लिया।

ये युवक मजबूरी का फायदा उठाकर लड़की को गांव में एक बंद कमरे में ले गए और बारी-बारी से रेप किया। युवती चीखती रही। लोग चिल्लाने की आवाज सुनकर पह़ुंचे और युवती को कमरे से निकाला। दोनों युवक दूसरे गांव से बताए जा रहे हैं।

मंडी के एसपी पीके ठाकुर ने कहा कि पुलिस मामले में जांच कर रही है। मेडिकल में रेप की पुष्टि हुई है। आरोपियों की शिनाख्त डेविड व जीवन के रूप में की गई है। दोनों पुलिस हिरासत में हैं और उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।

(कवर इमेज प्रतीकात्मक है)

विक्रमादित्य ने डिलीट किया हिमाचल सरकार की मुहर वाला वीडियो, मगर एक और सबूत सामने आया

शिमला।। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के बेटे विक्रमादित्य और प्रदेश सराकर जनता के पैसे के दुरुपयोग के आरोप में घिरते जा रहे हैं। फेसबुक पर सरकार की मुहर वाले वीडियो का मुद्दा उठने के बाद अब उन्हें डिलीट करके हकीकत छिपाने की कोशिश की जा रही है। यह मामूली मुद्दा नहीं है क्योंकि सरकार की मुहर को हर कोई इस्तेमाल नहीं कर सकता। विक्रमादित्य के फेसबुक पेज और शिमला ग्रामीण की प्रोफाइल से उन वीडियोज़ को हटा दिया गया है जिनमें हिमाचल सरकार की सील को लोगो की तरह इस्तेमाल किया गया था। उस वीडियो में विक्रमादित्य के शिमला ग्रामीण दौरे का प्रमोशन किया गया था। इससे पता चलता है कि कहीं न कहीं कुछ तो गड़बड़ है। अगर सब कुछ पारदर्शी था तो वीडियो क्यों हटाया गया?

…मगर इस वीडियो हटाना भूल गए
गौरतलब है कि विक्रमादित्य की शिमला ग्रामीण से चुनाव लड़ने की चर्चाएं हैं और ऐसे में यह वीडियो उसी के लिए बनाया गया लगता है। उस वीडियो को तो हटा दिया गया, मगर एक और वीडियो है जो सवाल खड़े करता है कि कि विक्रमादित्य के प्रमोशन के लिए सरकारी पैसे का इस्तेमाल तो नहीं हो रहा। (हम किस बारे में बात कर रहे हैं, पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें) हमने शिमला ग्रामीण की फेसबुक प्रोफाइल खंगाली तो उसमें इसी तरह का वीडियो बना मिला जिसमें कुछ दिन पहले विक्रमादित्य के संगठन द्वारा शिमला में करवाए गए क्रिकेट टूर्नमेंट का प्रमोशन किया गया था। गौरतलब है कि यह सराकारी टूर्नमेंट नहीं था इसलिए इसके प्रमोशन में सरकार अपने पैसे से वीडियो नहीं बना सकती और न ही निजी स्तर पर बनाए गए वीडियो में सरकार की ऑफिशल सील इस्तेमाल हो सकती है। मगर इसमें विक्रमादित्य की तारीफ की गई है और हिमाचल सरकार का लोगो लगा है।

विक्रमादित्य द्वारा करवाए टूर्नमेंट की तारीफ में क्या हिमाचल सरकार द्वारा बनाया गया है यह वीडियो?

वॉइस ओवर करने वाला शख्स वही है जो जिसकी आवाज पिछले वीडियो में सुनाई देती है (जिसका बिना लोगो वाला वर्जन अभी भी पब्लिश है)। अब शक और गहरा जाता है कि इन दोनों वीडियो में सरकारी पैसा इस्तेमाल तो नहीं हुआ। ऐसा इसलिए क्योंकि मुख्यमंत्री वीरभद्र के पेज पर जो वीडियो सरकार के कामकाज का बखान करने के लिए बना है, उसमें भी इसी शख्स की आवाज (वॉइस ओवर है)। इससे पहले कि इश वीडियो को भी हटाया जाए, आप खुद देख लें कि सरकारी नीति का प्रमोशन है जनता के लाभ के लिए विक्रमादित्य का प्रमोशन है उनके राजनीतिक लाभ के लिए-

‘इन हिमाचल’ ने मुद्दा उठाया था कि शिमला ग्रामीण नाम की फेसबुक प्रोफाइल और हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे और हिमाचल यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रमादित्य के पेज पर एक वीडियो शेयर हुआ है जिसमें हिमाचल सरकार की मुहर यानी ऑफिशल सील लगी हुई थी। इसका मतलब यह हो सकता था कि हिमाचल सरकार ने इस वीडियो को बनाया हुआ हो, क्योंकि सरकार ही इस आधाकारिक मुहर को इस्तेमाल कर सकती है। चूंकि उस वीडियो में सरकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार के बजाय विक्रमादित्य का प्रचार-प्रसार किया जा रहा था, उसमें आधिकारिक मुहर का इस्तेमाल गलत था। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार कभी भी किसी पार्टी के रानजीतिक नेता के प्रचार प्रसार में अपनी मुहर इस्तेमाल नहीं कर सकती क्योंकि सत्ता में कोई भी हो, सरकार निष्पक्ष संवैधानिक संस्था होती है।

ऐसे में या तो सवाल उठते थे कि अपने से ही इस लोगो को लगा दिया गया है या फिर हिमाचल सरकार ने जनता के पैसे से निजी प्रमोशन वाला वीडियो तैयार किया है। मगर मामला उठते ही शिमला ग्रामीण नाम के पेज और विक्रमादित्य दोनों ने अपनी फेसबुक से उन वीडियोज़ को गायब कर दिया है, जिनमें लोगो इस्तेमाल हुआ था। इससे पता चलता है कि पकड़े जाने पर सबूत मिटाने की कोशिश हो रही है। मगर इन हिमाचल से पास न सिर्फ उन विडियोज़ का स्क्रीनशॉट है बल्कि ूपरे के पूरे वीडियो उसकी शेयरिंग आईडी के साथ मौजूद हैं।

अनार की बागवानी से कई लोगों की किस्मत बदल चुके हैं कुल्लू के एच.एस. पाल

इन हिमाचल डेस्क।। आज हम आपको मिलवाने जा रहे हैं उस शख्सियत से जिससे हिमाचल प्रदेश को बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है। जिस दौर में रोजगार का संकट सबसे विकराल नजर आ रहा है, उस दौर में स्व-रोजगार ही एक विकल्प नजर आता है। स्वरोजगार में बागवानी की भी बड़ी भूमिका हो सकती है और उसके जरिए आप न सिर्फ पैसा बल्कि नाम भी कमा सकते हैं। इसकी मिसाल हैं कुल्लू जिले के बजौरा के पास थरास गांव के होतम सिंह पाल जो अनार उत्पादक हैं और 13 बार सम्मान हासिल कर चुके हैं।

पाल ने 1969 के दौर में अनार के कुछ पौधे रोपे थे। फिर अनार पैदा हुए तो ललक बढ़ी कि क्यों न अनार उत्पादन को ही बड़े स्तर पर बढ़ाया जाए। फिर वह आगे बढ़ते रहे और धीरे-धीरे करके अनार के पौधे रोपते रहे। अच्छी बात यह रही कि उन्होंने एक ही किस्म नहीं बल्कि कई किस्मों के अनार उगाए। इनमें गणेश, कांधारी और सिंदूरी जैसी किस्में शामिल थीं। आखिर में उन्होंने देखा कि अपने इलाके में सबसे कामयाब किस्म है कांधारी अनार की। उन्होंने इसी पर फोकस किया और कामयाबी के कीर्तिमान बनाते रहे।

कंधारी अनार उगाने में सफलता मिली

शिक्षा विभाग में अफसर रहे एचएस पाल आज भी अफना ज्यादातर समय बागीचों में गुजारा करते हैं। बीते साल अनार की कीमतें काफी ऊंची रहीं। अक्टूबर महीने में वह अनार की फसलों को बाजार पहुंचाने में जुटे रहे। साल 1973 की बात है जब उन्होंने खुद अपने बागीचों में उगाए अनार को दशहरा उत्सव में बागवानी विभाग की ओर से लगाई प्रदर्शन में सजाया था। यहां उन्हें बेहतरीन पैदावार के लिए बागवानी विभाग की ओर से पहला पुरस्कार भी मिला था। अब तक वह अनार उत्पादन के लिए विभिन्न मंचों से 13 बार पुरस्कृत हो चुके हैं।

H.S. Pal

पाल बताते हैं कि 1969 में जब उन्होंने अनार उगाए थे तो लोगों ने ध्यान नहीं दिया। मगर जब पौधों में फल लगने शुरू हुए तो अन्य लोगों ने भी आकर्षित होकर इस तरफ ध्यान दिया। अनार का उत्पादन और लोग भी करने लगे तो नजदीक ही सब्जी मंडियां खुलने से अनार को अच्छा बाजार मिल गया। फल आसानी से बिकने लगे और लोगों को और प्रोत्साहन मिला। आज कई लोग अनार उगाकर पैसा कमा रहे हैं।

सेवानिवृति के बाद पाल भी अनार उगाकर अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं। उन्होंने यह सलाह भी दी कि बागवानी जैसे कामों में विशेषज्ञों से मदद जरूर लेनी चाहिए और हर साल लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मिट्टी का भी परीक्षण करवाना चाहिए। ऐसा नहीं कि मन किया तो देखा-देखी में कुछ भी उगाने लग गए। इस तरह की लापरवाही नुकसान भी करवा सकती है।