वीरभद्र ही नहीं, धूमल राज में भी हुआ था तिलकराज का ‘राजतिलक’; नियमों को ताक पर रखकर दिया था प्रमोशन: रिपोर्ट

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शिमला।। पांच लाख रुपये घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा गया उद्योग विभाग का संयुक्त निदेशक तिलकराज बहुत प्रभावशाली व्यक्ति रहा है। भले ही इस वक्त बीजेपी इस मामले में कांग्रेस और मुख्यमंत्री वीरभद्र को घेरने में लगी हुई है मगर जब प्रदेश में बीजेपी की सरकार थी और प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री थे, तब तिलकराज को तीन मैनेजरों को सुपरसीड करके प्रमोशन दिया गया था। हिमाचल के एक हिंदी अखबार की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।

तिलकराज के बारे में अब जो जानकारी सामने आ रही है उससे पता चलता है कि उसकी राजनीतिक पहुंच इतनी तगड़ी थी कि पिछले 13 साल से वह बद्दी में ही तैनात था और उसे कोई हटा नहीं पा रहा था। 13 साल यानी कांग्रेस के राज के दौरान भी और बीजेपी के राज के दौरान भी। ‘अमर उजाला’ की रिपोर्ट कहती है कि फरवरी 2017 में सीएम ऑफिस से तिलकराज के तबादले का आदेश हुआ था और उसे बद्दी से शिमला आना था। मगर वह शिमला नहीं आया और 2 महीने बाद उसका ट्रांसफर ऑर्डर कैंसल हो गया। उस दौरान चर्चा रही कि आखिर किसके प्रेशर में यह ट्रांसफर रद हुआ।

इससे पहले भी तिलकराज की सियासी पहुंच का पता चलता रहा है। तिलकराज की नौकरी का ज्यादातर वक्त बद्दी इंडस्ट्रियल एरिया में ही बीता और उसकी तैनाती से लेकर प्रमोशन तक सरकारी स्तर पर कई नियमों को तोड़-मरोड़ दिया गया था। साल 2011-12 में बीजेपी सरकार के कार्यकाल में तिलकराज को प्रमोशन दी गई और वह भी 3 मैनेजर्स को सुपरसीड करते हुए। विरोध भी हुआ तो विभाग ने इस प्रमोशन को सही ठहराने के लिए पूरा जोर लगा दिया।

तिलकराज को प्रमोशन के लिए बीजेपी सरकार में जिन मैनेजर्स को सुपरसीड किया गया था, आज उनमें से दो जीएम के पद पर तैनात हैं और एक संयुक्त निदेशक हैं। आलम यह है कि बद्दी में उपनिदेशक की पोस्ट है। संयुक्त निदेशक को मुख्य कार्यालय में ही तैनात होना होता है मगर तिलकराज पोस्ट न होने के बावजूद बद्दी में ही बतौर संयुक्त निदेशक सेवाएं देता रहा।

उद्योग विभाग में जॉब जॉइन करने से पहले रिश्वत लेने का आरोपी तिलकराज चंबा में इकॉनमिक्स का प्रवक्ता था। नौकरी लगने पर उसने 2004 में सोलन में मैनेजर के पद पर जॉइनिंग की। इस बीच दो ट्रांसफर हुए- अंब और ऊना। डेढ़ दो साल के अंदर ही वह बद्दी वापस आ गया और तब से लगभग 11 साल तक बद्दी में ही नियुक्त रहा है। अब आरोप लगने पर विभाग ने उसे सस्पेंड कर दिया है।