मृत मिला लापता हुआ फॉरेस्ट गार्ड, पेड़ से उल्टी टंगी मिली लाश

करसोग।। दिल दहलाने वाली खबर है। हिमाचल में शायद ही ऐसा हुआ को कभी। लापता चल रहे  24 साल के वन रक्षक की बेरहमी से हत्या करके शव को पेड़ पर उल्टा लटका दिया गया। इस वारदात ने इलाके समेत पूरे हिमाचल को दहलाकर रख दिया है।  हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के वन मंडल करसोग के सेरी कतांडा बीट में यह घडटना हुई है। गौरतलब है कि छह महीने पहले फॉरेस्ट गार्ड पद पर भर्ती हुए होशियार सिंह की इस बीट पर 16 मार्च को नियुक्ति हुई थी। वह झरोठी गांव पंचायत तुंगाधार का रहने वाला था। शुक्रवार को गरजुन के पास एक चरवाहे ने उसके शव को पेड़ पर लटका देखा और पुलिस को खबर दी। पुलिस और एफएसएल की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर तफ्तीश शुरू कर दी है।

मृतक वन रक्षक के परिजनों ने इस हत्याकांड के पीछे वन माफिया पर शक जताया है। सोमवार को सेरी कतांडा बीट का वन रक्षक होशियार सिंह अचानक गायब हो गया था। करसोग पुलिस ने बुधवार को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की थी। इसके बाद पुलिस की टीम ने गार्ड को ढूंढने के लिए जंगल को ढूंडा मगर सुराग नहीं मिला। शुक्रवार सुबह एक चरवाहा जंगल में भेड़ बकरियां चराने गया तो उसे रास्ते में एक बैग पड़ा मिला। खोलने पर उसमें वन विभाग का कुछ सामान मिला। कुछ दूरी पर उसने पेड़ पर एक कमीद देखी। करीब जाने पर वहां एक शव भी नजर आया।

कुछ महीने पहले ही लगी थई जॉब

इसके बाद इस चरवाहे ने अपने बेटे को सूचित किया और उसने खबर को वन विभाग के अधिकारियों और पुलिस तक पहुंचाया। पुलिस टीम एएसआई भौम प्रकाश और थाना प्रभारी अश्वनि कुमार शर्मा नेतृत्व में घटनास्थल पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की।  मृतक के रिश्तेदारों का कहना है कि पिछले दिनों फॉरेस्ट गार्ड ने लकड़ी की गाड़ी की गाड़ी पकड़ी थी। ऐसे में  चूंकि यह वारदात उसी के बाद सामने आई है, इसलिए हत्या की वजह वन माफिया ही हो सकता है।

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एएएसपी कुलभूषण शर्मा का कहना है कि पहली नजर में यह हत्या का मामला लग रहा है। पुलिस हत्या के आधार पर ही जांच कर रही है। एफएसएल की रिपोर्ट आने के बाद तस्वीर साफ होगी। डीएसपी संजीव भाटिया ने कहा कि पुलिस हर पहलू को ध्यान में रखकर जांच कर रही है। पोस्टमार्टम के लिए शव मंडी अस्पताल भेज दिया गया है। वन विभाग के पीसीसीएफ (हॉफ) एसएस नेगी का कहना है कि दुखद घटना की जानकारी मिलते ही एफआईआर दर्ज करा दी गई है। पुलिस के आला अफसरों से बात कर उच्च स्तरीय विशेष जांच कराने की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि वन विभाग की ओर हर जरूरी कार्रवाई की जाएगी।

माता-पिता नहीं थे, दादी ने ही पाला था वनरक्षक होशियार को

मंडी।। संदिग्ध हालात में मृत पाए गए फॉरेस्ट गार्ड होशियार सिंह की मौत से उनका पूरा गांव सदमे में है। गांव के लोग जंगल में उसकी तलाश कर रहे थे। जब उन्हें पता चला कि किस हालत में उनके बेटे का शव मिला है, वे सन्न रह गए। तस्वीर देखें तो हाथों में खून के निशान हैं जिससे पता चलता है कि उसे शायद बांधा गया था। सिर पर जख्म है और पेड़ पर लाश टांग दी गई थी। यह दृश्य देखकर किसी का भी दिल दहल सकता है। मगर होशियार के संघर्ष की कहानी पढ़कर आपका भी दिल पसीज जाएगा।

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होशियार सिंह पढ़ाई में तेज होने के साथ एक ऐथलीट भी था। होशियार को मां का प्यार भी नसीब नहीं हो पाया था। जन्म देते ही उसकी मां की मौत हो गई थी। यही नहीं, जब वह अबोध था तभी सिर से पिता का साया छिन गया था। जब वह 10 साल का था तो  पिता का भी निधन हो गया था। होशियार को उसकी दादी ने पाल-पोसकर बड़ा गिया था। कई हालातों से जूझते हुए उसने फॉरेस्ट गार्ड की नौकरी पाई थी।

परिजनों और उसे जानने वालों का कहना है कि होशियार सिंह काफी निडर और ईमानदार था। उसके चाचा परस राम ने वन माफिया पर हत्या का संदेह जताया है। पुलिस का कहना है कि पहली नजर में यह हत्या का मामला लग रहा है। इस दरिंदगी से साफ है कि कोई मेसेज देना चाहता था सबको। यह कबायली तरीका है हत्या का। बहरहाल, यह एक फॉरेस्ट गार्ड की हत्या नहीं बल्कि वन विभाग के कर्मचारियों की हिम्मत और परिजनों के सपनों की भी हत्या है।

हिमाचल में डिजिटल राशन कार्ड पर आखिर क्यों छापा गया चुनावी नारा?

शिमला।। अगर आपको डिजिटल राशन कार्ड मिल गया है तो उसे ध्यान से देखें। हिमाचल प्रदेश सरकार 16 लाख परिवारों को डिजिटल राशन कार्ड बांट रही है। एटीएम कार्ड की तर्ज पर बने इन डिजिटल राशन कार्डों में सबसे नीचे लिखा है- काम किया है काम करेंगे, झूठे वादे नहीं करेंगे। पढ़ने से ही पता चलता है कि यह चुनावी नारा है। चूंकि प्रदेश में सरकार कांग्रेस की है, यह नारा किसी और पार्टी का तो होगा नहीं। हो सकता है कि आप सोच रहे हों कि इसमें गलत क्या है। आपको बता दें कि सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले अहम दस्वातेजों में चुनावी नारे इस्तेमाल नहीं किए जा सकते।  

सत्ता में कोई भी पार्टी रहे, सरकार की प्रकृति निष्पक्ष होती है। यानी सरकार वह संवैधानिक संस्था है जो स्थायी रहती है। इसलिए सरकारी आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड, बस टिकट, मनरेगा जॉब कार्ड या अन्य किसी भई सरकारी प्रमाण पत्र में किसी पार्टी का नारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। यहां तक कि कंज्यूमर्स को दिए जाने वाले अधिकार पत्रों में किसी पार्टी की विचारधारा से जुड़ी बातों या नारे का इस्तेमाल नहीं हो सकता।

हिमाचल प्रदेश के बंट रहे डिजिटल राशन कार्ड में काम किया है काम करेंगे वाले नारे से जुड़ी बात पर हिमाचल प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री जीएस बाली कह चुके हैं कि तमाम आरोप निराधार हैं। उनका कहना है कि यह स्लोगन कांग्रेस पार्टी का नहीं है। वह कहते हैं कि इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए क्योंकि ऐसे नारे कई जगह लिखे होते हैं और इसमें विवाद की बात नही हैं। मगर सवाल उठता है कि इसमें ‘काम किया है काम करेंगे, झूठे वादे नहीं करेंगे’जैसा सतही और चुनावी नारा ही क्यों लिखा गया? क्या इसकी जगह कोई मोटिवेशनल यानी जनता को प्रेरणा देने वाला नारा या संदेश नहीं लिखा जा सकता था?

डिजिटल राशन कार्ड जारी करते मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और खाद्य आपूर्ति मंत्री जीएस बाली

गौरलतब है कि हिमाचल में भाजपा की पिछली सरकार ने भी राशन बांटने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के फोटो वाला थैला बांटने की कोशिश की थी। इसका विरोध हुआ था और इसे रोकना पड़ा था। हालात यह हैं कि सरकारी पैसा खर्च करके बनाए गए ये थैले आज भी स्टोर में पड़े हुए हैं यानी सरकारी पैसे की बेकद्री की गई है। इससे पता चलता है कि जनता के पैसे को सत्ता में आकर ये पार्टियां कैसे इस्तेमाल करती हैं।

हिमाचल के चंबा से गिरफ्तार हुआ भीम आर्मी का संस्थापक चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण

चंबा।। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में जातीय हिंसा फैलाने के आरोपी और भीम आर्मी के संस्थापक चन्द्रशेखर आजाद उर्फ रावण को यूपी पुलिस और एसटीएफ ने हिमाचल से गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि चंबा के डलहौजी में सुभाष चौक से चंद्रशेखर की गिरफ्तारी हुई। पुलिस उसे देर शाम तक सहारनपुर लाएगी। एक पुख्‍ता सूचना के बाद उसे आज डलहौजी में ग‍िरफ़तार क‍िया गया है।

चन्द्रशेखर के खिलाफ सहारनपुर कोतवाली देहात में चार मुकदमे दर्ज हैं। उसके विरुद्ध 9 मई को यह मुकदमें दर्ज हुए थे। रावण पर 12 हजार का इनाम भी घोषित है। अब पुलिस ने 28 दिन बाद उसे गिरफ्तार किया है। उधर, गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्रा साहरनपुर एसएसपी बबलू कुमार ने चन्द्रशेखर आजाद उर्फ रावण की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। ह‍िमाचल पुल‍िस इस मामले की अभी जांच कर रही है।

उत्तर प्रदेश के अपर महानिदेशक कानून-व्यवस्था आदित्य मिश्रा ने बताया कि चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण को उत्तर प्रदेश पुलिस हिमाचल प्रदेश के थाना डलहौजी में अपनी आमद दिखाकर उसे देर शाम तक सहारनपुर लाएगी। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर आजाद की गिरफ्तारी के बाद से हमको बड़ी राहत मिली है। उसको हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले से गिरफ्तार किया गया है। आज शाम तक पुलिस चंद्रशेखर को कोर्ट में पेश कर सकती है। इसको देखते हुए कोर्ट परिसर छावनी मे तब्दील किया गया है।

हिमाचल में बनने वाले AIIMS पर बात क्यों नहीं करते जेपी नड्डा?

इन हिमाचल डेस्क।। हिमाचल प्रदेश को कागजी रूप से AIIMS जैसा संस्थान मिले हुए लगभग 3 वर्ष होने को आए हैं। प्रथम बजट में ही मोदी सरकार ने इसके लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी, ऐसा कहा जाता रहा है। हिमाचल में एम्स का क्रेडिट लेने की होड़ में प्रदेश की बीजेपी लीडरशिप लगी रही। गाहे-बगाहे सांसद अनुराग ठाकुर ने इसे जेटली का आशीर्वाद बताया तो जेपी नड्डा के स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद AIIMS बिलासपुर के हिस्से आया तो यह उनकी राजनीति में मील का पत्थर बन गया।  यह तो राजनीतिक क्रेडिटबाज़ी की बात रही मगर मौजूदा परिस्थितियों की बात करें तो जमीनी रूप से एम्स का एक पत्थर भी जमीन पर नहीं लग पाया है। बिलासपुर के कोठीपुरा में जमीन तय हुई, उसके बाद उसका कितना अधिग्रहण हुआ, कितना नहीं हुआ, कहां क्या हो रहा है यह किसी को पता नहीं है।

अभी ताजा बयान में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर कहते हैं की एम्स क्यों नहीं बन रहा और इस मामले में क्या हो रहा है यह तो केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा जानते हैं। वहीं जे.पी. नड्डा एम्स के प्रश्न को टाल जाते हैं और कहते हैं कि जल्द ही शिलान्यास होगा।  यह कैसा इंतज़ार हुआ कि दो बार प्रधानमंत्री मोदी हिमाचल दौरे पर आए परन्तु एम्स जैसे जनहित से जुड़े प्रॉजेक्ट का शिलान्यास ही नहीं हो पाया? प्रदेश बीजेपी इस मामले में कांग्रेस सरकार द्वारा कागजी करवाई पूरी न करने की दुहाई देती है वहीं कांग्रेस सरकार इसे केंद्र पर थोपती है।

ध्यान देने वाली बात है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में जहां-जहां प्रदेश सरकार ने केंद्र की योजनाओं में कोताही की है, वहां केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा प्रदेश सरकार को विभिन्न मंचों से कोसने में पीछे नहीं रहे। वह हर योजना और उसके बजट को गिना देते हैं कि केंद्र ने यहां इतना बजट दिया और राज्य सरकार ने खर्च नहीं किया। परन्तु एम्स कहां लटका है, आखिर प्रदेश सरकार किस मोर्चे पर अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रही, इस पर केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा कभी कुछ कहते ही नहीं हैं। जब वह प्रदेश सरकार की सहयोग न देने की नाकामियां गिना देते हैं तो एम्स के मामले में कहां खामी है? इस पर चुप क्यों हो जाते हैं?

कहीं न कहीं केंद्रीय मंत्री का एक मोर्चे पर तो आक्रमक हो जाना मगर एम्स जैसे बड़े प्रॉजेक्ट पर चुप्पी धारण कर लेना जनता के बीच संशय को जन्म दे रहा है। एम्स जैसा संस्थान जो प्रदेश के लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच एक संजीवनी सिद्ध हो सकता है, आखिर उसका काम क्यों नहीं चल रहा, इसका सही जबाब केंद्र और प्रदेश दोनों सरकारों से बनता है।

बद्दी में एक आयोजन के दौरान कौल सिंह और जेपी नड्डा एक-दूसरे के कार्यों की सराहना के कसीदे पढ़ते हैं। लेकिन एम्स कहां लटका है, इस पर सही तरीके से सच जनता के सामने क्यों नहीं लाते? ऊना में PGI का सैलटाइट सेंटर 320 करोड़ से बनेगा, 300 बेड होंगे और तीन साल में बनकर तैयार होगा; ये सब आंकड़े देने वाले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा अपने विधानसभा सीट रहे इलाके में बनने वाले एम्स पर कोई समय सीमा जारी क्यों नहीं करते?

करसोग मंडल में तैनात फॉरेस्ट गार्ड रहस्यमय हालात में लापता

करसोग।। वन मंडल करसोग में तैनात एक फॉरेस्ट गार्ड रहस्यमय हालात में लापता हो गया है। 22 साल का वन रक्षक होशियार सिंह आखिरी बार सोमवार को सेरी कतांडा में वन विभाग की नर्सरी में था। इसके बाद से अब तक उसका पता नहीं चल पाया है। होशियार सिंह ने वन विभाग की नर्सरी से स्थानीय महिला मंडल को पौधे दिए और इसके बाद उसकी कोई खोज-खबर नहीं है। वन खंड अधिकारी ने इस संबंध में पुलिस थाना करसोग में मामला दर्ज करवा दिया है। पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है।

लापता फॉरेस्ट गार्ड सराज इलाके का रहने वाला बताया जा रहा है। उसके बारे में कोई खबर न होने से हर कोई परेशान है। करसोग पुलिस ने ए.एस.आई. भौम प्रकाश के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम बनाई गई है जो वन रक्षक को तलाश कर रही है। खबर लिखे जाने तक उसका कोई सुराब नहीं मिल पाया है। पुलिस ने मोबाइल लोकेशन ट्रैक करके पता लगाने की कोशिश की है मगर फोन भी स्विच ऑफ है।

22 वर्षीय होशियार की हाल ही में जॉब लगी थी।

हाल ही में नौकरी में लगा होशियार सिंह ड्यूटी को लेकर गंभीर था। आशंका यह भी है कि कहीं वनों में अवैध गतिविधियां चलाने वाले किसी शख्स या माफिया ने होशियार को निशाना न बनाया हो। जंगली जानवर के हमले की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता। मामले की गंभीरता को देखते हुए हुए वन रक्षक के परिजनों सहित अन्य ग्रामीण भी सेरी कतांडा पहुंच गए हैं। स्थानीय लोगों के अलावा वन रक्षक के गांव से तकरीबन 250 लोग सेरी कतांडा के जंगलों में उसकी तलाश कर रहे हैं।

बताया जा रहा है कि जिस दिन वन रक्षक लापता हुआ है उस दिन उसने अपनी दादी से फोन पर बात की थी। इसके बाद से उसका फोन स्विच ऑफ आ रहा है। थाना प्रभारी करसोग अश्विनी कुमार का कहना है कि फॉरेस्ट गार्ड की तलाश की जा रही है और अभी तक उसका पता नहीं चल पाया है।

शिव मंदिर के सामने नमस्कार की मुद्रा में खड़े कुत्ते की तस्वीर चर्चा में

कांगड़ा।। इंटरनेट पर एक कुत्ते की तस्वीर चर्चा का विषय बनी हुई है। यह कुत्ता शिव की प्रतिमा के सामने अपने पिछले पैरों के बर खड़ा है और आगे वाले पैर हवा में हैं। यह वैसा ही करतब है जैसे कई कुत्ते कर लेते हैं। मगर इसका मंदिर के सामने इस तरह खड़ा होना लोगों को हैरान कर रहा है। पंजाब केसरी अखबार में तो छपा है- हर रोज प्रणाम करने मंदिर आता है ‘शिवभक्त’ कुत्ता। अब इस तस्वीर की सच्चाई क्या है यह तो फोटो खींचने वाला ही बता सकता है मगर कहा जा रहा है कि यह कुत्ता हर सुबह यहां आता है और प्रतिमा के सामने 1-2 मिनट तक इसी मुद्दा में खड़ा रहकर चला जाता है।

बताया जा रहा है कि पठानकोट के सिंबल चौक के पास स्थापित भगवान शिव की प्रतिमा के सामने यह घटना घटती है। अखबार के मुताबिक स्थानीय लोगों का कनहा है कि यहां भगवान की चौखट पर हर रोज सुबह एक कुत्ता बिना किसी स्वार्थ के माथा टेकने आता है तथा 1-2 मिनट तक अपने अगले पांव जोड़कर यह वापस चला जाता है। इसे इस तरह से देखने पर यहां के लोग भई हैरान हो जाते हैं।

इंदौरा के रहने वाले एक शख्स ने खींची है यह तस्वीर।

यह फोटो जो आप देख रहे हैं, इसे जिला कांगड़ा के इंदौरा क्षेत्र के मोहटली निवासी मनीष परिहार ने कैद किया है। वह बुधवार को अपने किसी काम से यहां से गुजर रहे थे। उनका कहना है कि इस चौक के पास उनकी गाड़ी का टायर पंक्चर हो गया और उसे ठीक करवाने लगे। इसी बीच एक कुत्ता शिव की प्रतिमा के सामने आया और वहां पर करीब 1 मिनट तक अपने अगले पांव जोड़कर खड़ा रहा।

मनीष का कहना है कि जब उन्होंने आसपास के लोगों से पूछा तो पता चला कि यह कुत्ता यहां पिछले कुछ दिनों से रोजाना आ रहा है और इसी तरह से खड़ा होकर चला जाता है। ‘इन हिमाचल’ अभी तक पुष्टि नहीं कर पाया है कि यह कुत्ता रोज इस तरह से यहां आकर ऐसा करता है या नहीं। इस तस्वीर के पीछे की हकीकत का भी पता नहीं चल पाया है।

नियम तोड़कर मनाली मॉल रोड में घुसी मुख्यमंत्री की पत्नी प्रतिभा सिंह की गाड़ी

मनाली।।  हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री की पत्नी प्रतिभा सिंह पर नियम-कायदों को ताक पर रखने का आरोप लगा है। मनाली का मॉल रोड ‘नो ट्रैफिक जोन’ है यानी यहां पर गाड़ियां नहीं चल सकतीं। मनाली में आज तक गवर्नर, चीफ जस्टिस जैसी कई बड़ी हस्तियां आ चुकी हैं मगर किसी ने इस नियम को नहीं तोड़ा। मगर एक पोस्ट में दावा किया गया है कि मनाली में रेड क्रॉस मेले का उद्घाटन करने आईं प्रतिभा सिंह की गाड़ी मॉल रोड पर चलती नजर आई। गौरतलब है कि न तो यह इमर्जेंसी का मामला था और न ही सुरक्षा को लेकर कोई खतरा था कि उन्हें जल्दी से वहां से निकालना था। मगर फिर भी उनकी गाड़ी मॉल रोड से गई।

कहा गया है कि 2 साल पहले प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत मनाली आए थे तो वह भी पैदल ही मॉल रोड से होकर गुजरे थे। ऐसे में इस SUV का मॉल रोड से जाना दिखाता है कि शायद सूबे मे अपनी ही तो सरकार चल रही है। इन तस्वीरों को और इस जानकारी को सुरेश शर्मा ने के एक शख्स ने पोस्ट किया है। उनका कहना है कि यह तय नहीं है कि गाड़ी के अंदर प्रतिभा खुद थीं या नहीं मगर उनकी गाड़ी मॉल रोड से होकर गुजरी।

सुरेश ने इस पोस्ट में वीआईपी कल्चर पर निशाना साधा है और लिखा है- VIP Culture: She is wife of HP Chief Minister. She has liberty to do anything. She can make rule; she can break rule. The Mall Road of Manali is “No Traffic Zone”. Even Governor, Chief Justice of India and many more prominent personalities who visited Manali never dared to make mockery of law. Governor Acharya Dev Vrat preferred walking on the Mall Road two years back. Pratibha Singh had come to Manali to inaugurate Red Cross Mela on Monday. There wasn’t any emergency. No security threat. Not sure whether she was inside the vehicle but this SUV belongs to her. She has now earned award to become first person to have brought her vehicle on the Mall, legally. पोस्ट देखें:

तस्वीरों में गाड़ी का नंबर भी साफ पढ़ा जा सकता है- HP 07 D 0275. इससे पता चलता है कि प्रदेश के राजनेता कैसे नियमों की अनदेखी करते हैं और प्रशासन पंगु बना रहता है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस का कहना है कि ड्राइवर गलती से गाड़ी को इस रोड पर ले आया था और बाद में गाड़ी मोड़ दी गई थी। मगर प्रश्न उठता है कि अगर यहीं पर प्रतिभा सिंह की गाड़ी की जगह किसी और की गाड़ी होती तो उसका न सिर्फ चालान होता बल्कि अन्य नियमों के तहत कार्रवाई भी हो रही होती। मीडिया भी छापता कि ‘दनदनाता हुआ घुस गया मॉल रोड में’। मगर यहां मुख्यमंत्री  की पत्नी, जो कि चुनी हुई जन प्रतिनिधि नहीं हैं और  रेडक्रॉस सोसाइटी की उपाध्यक्ष हैं, उस मामले में सबने चुप्पी साध ली है। क्या पुलिस तस्वीरों के आधार पर चालान काटेगी?

मुख्यमंत्री के फेसबुक लाइव में खुली सरकार की ‘नाकामी’ की पोल, देखें

हिमाचल प्रदेश में मौजूदा सरकार के कार्यकाल में लोगों की परेशानियां इतनी बढ़ गई हैं कि उनका कोई हिसाब नहीं है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अपने फेसबुक पर लाइव किया जिसमें वह ओक ओवर पर लोगों की समस्याएं सुन रहे थे। इस फेसबुक वीडियो में अंदर से लेकर बाहर तक लोगों की भारी भीड़ दिखाई दी। इतने फरियादी एक दिन में आने का मतलब है कि विभिन्न सरकारी महकमें लोगों की समस्याओं का समाधान करने में नाकाम हुए हैं और मजबूरन लोगों को प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों से धक्के खाते हुए कड़ी धूप में लाइन लगाकर खड़े होना पड़ रहा है।

इतने सारे लोगों का मामूली बातों के लिए सीएम के दफ्तर तक आना बताता है कि हमारी सरकारों के पास लोगों की समस्याओं के निदान का कोई मकैनिजम नहीं है। अधिकारियों के स्तर पर और विभागों के स्तर पर लोगों की समस्याएं नहीं सुलझ रहीं। ऐसे में उनके पास कोई चारा नहीं रहता कि वे मुख्यमंत्री के पास आएं। ध्यान देने वाली बात यह है कि जिनकी समस्याएं यह सरकार सवा 4 साल में न सुलझा पाई हो, उनकी समस्याएं आखिर से कुछ महीनों में कैसे सुलझाएगी? बुजुर्ग मुख्यमंत्री अकेले किन-किन बातों का ध्यान रखेंगे और किन-किन समस्याओं को सुलझाएंगे।

दूर से आए लोग कड़ी धूप में फर्श पर बैठने को मजबूर हैं। छत पर छांव के लिए कुछ है न बैठने के लिए कुछ है।

उदाहरण के लिए एक डेलिगेशन ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके साइन के बावजूद अब तक उनकी समस्या हल नहीं हुई। इससे पहले कि वे अपनी बात पूरी कहते, उन्हें फिर आश्वासन दे दिया गया। लोकतंत्र में लोगों को अपनी मांगों को लेकर हाथ जोड़कर मजबूरी में खड़ा होते देखना शर्मनाक दृश्य है देखें:

साफ है कि मुख्यमंत्री को ऐसे दरबार न लगाना पड़ता अगर उनकी सरकार में सभी महकमे और अधिकारी चुस्त होते। इस तरह मुख्यमंत्री के पास आने से कुख लोगों की समस्याएं हल बेशक हो जाती हों मगर आम जनता को लाभ नहीं मिलता। हर कोई शिमला आकर तो मुख्यमंत्री से मिल नहीं सकता। बेहतर होता सरकार पब्लिक ग्रीवांसेज़ को समझाने का प्रॉपर मकैनिजम बनाती। कर्मचारियों की समस्याओं को सुलझाने के लिए बाकायदा नीतियां बनी होंती। मगर सरकार किसी की भी हो, ऐसा होता नहीं।

फेसबुक और अन्य मीडिया के माध्यम से लाइव आकर यह दिखाने की कोशिश भले की जा रही हो कि मुख्यमंत्री और मंत्री सीधे लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं, मगर हकीकत में यह सरकार की नाकामियों का प्रदर्शन लगता है।

बेंगलुरु की 22 वर्षीय तेंजिन केछो बनीं ‘मिस तिब्बत 2017’

धर्मशाला।। हर साल की तरह इस बार भी हिमाचल के मैकलोडगंज में आयोजित मिस तिब्बत सौंदर्य प्रतियोगिता संपन्न हो गई है। बेंगलुरु की 22 वर्षीय तेंजिन केछो ने खिताब अपने नाम किया  है। तेंजिन ने प्रतियो‌गिता में 9 सुंदरियों का पछाड़ते हुए यह खिताब अपने नाम किया। मैकलोडगंज में 15वीं मिस तिब्बत सौंदर्य प्रतियोगिता के पहले दिन स्विम सूट राउंड में सुंदरियों ने जलवे बिखेरे थे। तीन दिवसीय प्रतियोगिता के दौरान तेंजिन ने अपनी प्रतिभा से सबको प्रभावित किया।

पेजंट के पहले दिन सभी ब्यूटीज़ स्विम सूट पहनकर वॉटरफॉल मंच पर उतरी थी जहां सभी की अदाओं की दर्शकों ने जमकर तारीफ की थी। प्रतियोगिता के निदेशक लोबसंग बंगयाल ने बताया कि पहली बार प्रतियोगिता में 9 तिब्बती युवतियों ने हिस्सा लिया। इनमें दिल्ली की 20 वर्षीय चेमी केयजोन, न्यूयॉर्क यूएस की 22 वर्षीय मिंगमार डोलमा वियना ऑस्ट्रिया की 29 वर्षीय सेलडन, बेंगलोर से 22 वर्षीय तेंजिन केछो, मंडी जिला के चौंतड़ा से 20 वर्षीय तेंजिन नोरदोन शामिल रही।

Tenzin Khechoe ने जीता खिताब

साथ ही मनाली से 22 वर्षीय तेंजिन नोरजोम, केलेगल से 21 वर्षीय तेंजिन पाल्डन, कर्नाटक के बायलाकुप्पे से 25 वर्षीय तेंजिन येंगकाई और 20 वर्षीय तेंजिन येशी भाग ले रही हैं। पिछले साल भी यह कंपीटिशन धर्मशाला में करवाया गया था जिसमें देश दुनिया में रह रही तिब्बती सुंदरियों ने हिस्सा लिया था। हर साल अब यह प्रतियोगिता करवाई जाती है। नीचे देखें तस्वीरें: