आईडी धीमान को लेकर मुख्यमंत्री वीरभद्र की टिप्पणियों से लोगों में रोष

हमीरपुर।। भोरंज उपचुनाव के लिए प्रचार करने पहुंचे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के एक बयान से लोगों में नाराजगी देखी जा रही है। दरअसल प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह उस दौर के अनुभव साझा कर रहे हैं जब दिवंगत नेता आईडी धीमान सराहन में हेडमास्टर थे। वीरभद्र सिंह दावा कर रहे हैं कि धीमान बच्चों को नकल करने से नहीं रोकते थे।

गौरतलब है कि बीजेपी ने के वरिष्ठ नेता और कई बार शिक्षा मंत्री ईश्वर दास धीमान का निधन होने के बाद ही भोरंज सीट पर उपचुनाव हो रहा है। यहां से बीजेपी ने आईडी धीमान के बेटे डॉक्टर अनिल धीमान को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने प्रमिला देवी को टिकट दिया है।

अमर उजाला अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को वीरभद्र सिंह ने कहा, ‘मेरे पैतृक गांव सराहन में आईडी धीमान हेडमास्टर रहे हैं, लेकिन उनका स्कूल के टीचरों पर कोई कंट्रोल नहीं था। परीक्षा में बच्चे नकल कर रहे होते थे तो उन्हें भी अनदेखा कर देते थे। स्वर्गीय धीमान के समय सराहन स्कूल का परिणाम सौ फीसदी रहा, लेकिन उनके ट्रांसफर होते ही परिणाम शून्य हो गया। उसके बाद ऊना जिले से एक हेडमास्टर आए तो स्कूल की दशा सुधरी। धीमान में हेडमास्टरों वाले गुण नहीं थे। इसी तरह उनके पुत्र तथा भोरंज विस से भाजपा प्रत्याशी डॉ. अनिल धीमान भी अपने पिता के नक्शे कदम पर चल रहे हैं। उनमें भी कई तरह के अवगुण हैं।

सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हुए एक व्यक्ति ने लिखा है, ‘जो आदमी इस दुनिया में नहीं है, उसकी आलोचना नहीं की जा सकती। यह गलत है क्योंकि आपके द्वारा लगाए जाने वाले आरोपों का जवाब देने के लिए वह व्यक्ति अब इस दुनिया में नहीं है। मुख्यमंत्री ने मर्यादाओं को ताक पर रख दिया है।’

गौरतलब है कि कुछ पहले भी मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आईडी धीमान को लेकर ऐसी ही बात कही थी। नीचे वीडियो देखें, जिसमें वह कुछ दिन पहले मंच से चुटकी लेते हुए नजर आ रहे हैं:

 वह अक्सर प्रचार के दौरान दिए जाने वाले भाषणों में इन बातों का जिक्र कर रहे हैं। इससे वह क्या साबित करना चाहते हैं, ये तो वह ही जान सकते हैं मगर 6 बार लगातार आईडी धीमान को जिता चुके  भोरंज निवासियों में इस बात को लेकर गुस्सा देखने को मिल रहा है।

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