राम रहीम मामले पर बोले शांता कुमार- नेताओं और मंत्रियों को सद्बुद्धि दे भगवान

पालमपुर।। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने कहा कि 21वीं सदी में भी अन्धविश्वास और सत्ता की भूख इस देश की जनता और नेताओं को कितने अन्धकार में ले जा रही है। बलात्कार और हत्या के अपराधी 20 साल सजा प्राप्त राम रहीम पैरोल पर आये और उपदेश दे रहे है और चमत्कार द्वारा बेटे का आशीर्वाद दे रहे है। यदि सचमुच यह चमत्कार सही होता तो वे उस चमत्कार से अपने अपराध क्यों नहीं छिपा सके। बलात्कार करते हुए और हत्या करते हुए पकड़े गए। 20 साल की सजा हुई, तब कहां था उनका चमत्कार?

उन्होंने कहा कि इस विज्ञान के युग में भी कुछ लोग अन्धविश्वास से मूर्ख बन रहे है। दुर्भाग्य यह है कि इनमें जनता के नेता यहां तक कि मंत्री भी शामिल है। सत्ता और वोट की भूख नेताओं को किस अन्धकार में ले जा रही है। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि इन सबको सद्बुद्धि दें।

शान्ता कुमार ने कहा कि बलात्कार और हत्या के अपराधी 20 वर्ष कैद काट रहे अपराधी को बार बार पैरोल देना एक बड़ा दुर्भाग्य है। उन्हें यह सुविधा भी नेता दिलवा रहे है केवल सत्ता और वोट के लिए। उन्होंने कहा कि देश का कानून बदलना चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे अपराधियों को इस प्रकार पैरोल पर अपने दरबार सजाने और उपदेश देने की अनुमति नही होनी चाहिए। इस प्रकार के और भी सैंकड़ों अपराधी जेलों में है उन्हें पैरोल की ऐसी सुविधा नहीं मिलती क्योंकि नेताओं को उनकी जरूरत नही है।

मूली कहो या गाजर, रिवाज तो हम छोटे लोग बदलकर रहेंगे: जयराम ठाकुर

शिमला।। ‘कुछ लोग कहते हैं कि बड़े-बड़े लोग रिवाज नहीं बदल पाए तो जयराम ठाकुर किस खेत की मूली हैं। चाहे मूली कहो या गाजर लेकिन हम छोटे लोग रिवाज बदल कर रहेंगे।’ यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विजय संकल्प अभियान के तहत नूरपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रविवार को चुराह में भाजपा प्रत्याशी हंसराज, चंबा में नीलम नैयर और कांगड़ा जिले की नुरपुर विधानसभा में रणवीर सिंह निक्का के लिए प्रचार किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए जो कुछ किया जा सकता था हमने किया है। ओपीएस का समाधान भी केवल भारतीय जनता पार्टी ही कर सकती है। कांग्रेस केवल राजनीतिक लाभ के लिए लोगों को गुमराह करने का काम कर रही है।

मुख्यमंत्री ने चंबा में कहा कि 13 अक्तूबर को यहां चौगान मैदान में हुई ऐतिहासिक रैली ने प्रधानमंत्री में एक गहरी छाप छोड़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच साल के कार्यकाल में कठिन परिस्थितियों के बावजूद गरीब के करीब रहकर काम किया। घर-घर नल से पानी पहुंचाया और उस पानी का बिल माफ किया। गरीबों को इलाज की चिंता से मुक्त किया। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “हमें कहा जा रहा है कि ऋण लिया। जब हमारी सरकार सत्ता में आई तो 50 हजार करोड़ का ऋण प्रदेश पर था। हमारी सरकार को तो कोविड के दौर में ऋण लेना पड़ा लेकिन कांग्रेस के समय तो कोविड भी नहीं था फिर इतना ऋण क्यों लिया।”

‘गरीबों के लिए काम नहीं कर पाई कांग्रेस’
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस अपने कार्यकाल में 5 हजार लोगों को रोजगार नहीं दे पाई, लेकिन हमारी सरकार ने 60 हजार से अधिक लोगों को रोजगार दिया। अपने कार्यकाल में इन्होंने गरीबों के लिए कुछ नहीं किया। वो लोग एक बार नहीं बार-बार सत्ता में रहे तो उन्होंने बुजुर्गों के लिए पेंशन 60 साल से शुरू क्यों नहीं की। हर घर गैस का चूल्हा देने से उन्हें किसने रोका था। गरीब परिवार की बेटियों की शादी में आर्थिक मदद देने से किसने रोका था। हम हिमकेयर और आयुष्मान योजना के तहत निशुल्क इलाज करवा रहे हैं। कांग्रेस ने गरीबों के बारे में कभी नहीं सोचा।”

चुराह में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि चुराह विधानसभा क्षेत्र पहले नंबर पर आता है और हमने प्रचार की शुरुआत भी यहीं से शुरू की। पिछले पांच सालों में हमारी सरकार ने सभी विधानसभा क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा किया है। हमारी सरकार के कार्यकाल के दौरान जो काम हुए हैं वो कांग्रेस के किसी भी कार्यकाल की तुलना में बहुत अधिक हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरे देश में खत्म हो चुकी है। हिमाचल में भी कांग्रेस के नेता पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। चंबा से हर्ष महाजन और चुराह से प्रकाश भूटानी हमारी पार्टी में शामिल हो चुके हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कांग्रेस की गारंटियों को लेकर भी निशाना साधा।

‘अटल जी के बाद पीएम मोदी ने रखा हिमाचल के हितों का ख्याल’
मुख्यमंत्री ने नूरपुर में कहा कि स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल के हितों का ख्याल रखा है। हिमाचल भी आज विश्व के सबसे मजबूत नेता के साथ चट्टान के साथ खड़ा है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने डबल इंजन सरकार की उपलब्धियों को भी गिनवाया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के लोग कह रहे हैं कि हम सत्ता में आए तो जयराम सरकार की योजनाओं को बंद कर देंगे। ऐसा वो तब करेंगे जब सत्ता में आएंगे। प्रदेश के लोगों ने इस बार मन बना लिया है कि वो रिवाज बदल कर रहेंगे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में फिर से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने का दावा करते हुए कहा कि भाजपा हिमाचल प्रदेश की प्रबुद्ध जनता के साथ में रिवाज बदलने का काम कर रही है।

पर्यवेक्षकों ने उम्मीदवारों एवं राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों से की बैठक

धर्मशाला।। विधानसभा चुनावों को लेकर कांगड़ा जिले के धर्मशाला के लिए चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों ने रविवार को चुनावी उम्मीदवारों एवं राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। निर्वाचन अधिकारी धर्मशाला के कार्यालय में आयोजित इस बैठक में सामान्य पर्यवेक्षक आईएएस अधिकारी ब्रजेश नरैण तथा व्यय पर्यवेक्षक आईआरएस अधिकारी सुशांत कुमार मौजूद रहे।

बैठक में निर्वाचन अधिकारी एवं एसडीएम शिल्पी बेक्टा सहित अन्य अधिकारी व धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार व उनके प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस दौरान उन्हें संपूर्ण चुनावी प्रक्रिया की जानकारी देने के साथ ही उनके प्रश्नों-शंकाओं के जवाब देकर शंका समाधान भी किया गया।

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‘आदर्श आचार संहिता का करें पालन’
इस अवसर पर निर्वाचन अधिकारी एवं एसडीएम शिल्पी बेक्टा ने स्वतंत्र, निष्पक्ष व शांतिपूर्ण चुनाव के लिए सभी उम्मीदवारों एवं राजनीतिक दलों कोे आदर्श आचार संहिता का पालन करने को कहा। उन्होंने पोलिंग व मतगणना एजेंट तैनात करने संबंधी नियमों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने उम्मीदवारों एवं राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को ईवीएम तथा वीवीपैट मशीनों के रैंडमाइजेशन के संबंध में अवगत कराया ।

1, 5 और 10 नवंबर को व्यय रजिस्टर का निरीक्षण
इस मौके व्यय पर्यवेक्षक सुशांत कुमार ने उम्मीदवारों को अपने चुनाव प्रचार-प्रसार व अन्य चुनावी गतिविधियों के संबंध में हुए खर्च के ब्योरे को रजिस्टर में दर्ज करने को कहा। उन्होंने कहा कि उम्मीदवार अपने एजेंट को सही तरीके से व्यय रजिस्टर तैयार करने को कहें। व्यय रजिस्टर को अद्यतन रखें। 1 , 5 और 10 नवंबर को व्यय रजिस्टरों का निरीक्षण किया जाएगा। इस दौरान प्रत्याशियों के खर्च रजिस्टर का निरीक्षण तथा शैडो रजिस्टर से मिलान किया जाएगा। धर्मशाला में व्यय रजिस्टर का निरीक्षण निर्धारित तिथियों पर एसडीएम कार्यालय में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि उम्मीदवार अथवा उनके अधिकृत प्रतिनिधि व्यय रजिस्टर के निरीक्षण के लिए जरूर उपस्थित रहें। वे चुनाव के लिए नए खोले गए नए खाते की डिटेल भी साथ लाएं। उन्होंने कहा कि चुनावी व्यय की निगरानी के लिए गठित टीमें सभी चुनावी गतिविधियों एवं खर्चे पर लगातार नजर रख रही हैं। व्यय पर्यवेक्षक ने चुनावी खर्च एवं व्यय सीमा के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।

जब लोगों ने समय पर की गई मदद के लिए कहा शुक्रिया तो भावुक हुए सुधीर शर्मा

धर्मशाला।। धर्मशाला से कांग्रेस प्रत्याशी सुधीर शर्मा ने रविवार को अपने चुनावी अभियान के दौरान पद्धर, दाड़ी, योल कैंट, न्यू बाघणी, कनेड़, सिद्धपुर, सराह, बाघणी, कंड, बड़ोल एवं सिद्धबाडी में आयोजित बैंठकों में भाग लेकर अपने पक्ष में जनमत की अपील की। इस दौरान लोगों ने सुधीर शर्मा द्वारा पूर्व में की गई जन सेवाओं के लिए उनका धन्यवाद किया।

लोगों ने बाढ़ के दौरान की गई मदद के लिए कहा शुक्रिया
इस दौरान सुधीर से मिलने आए लोगों का कहना था कि जिस तरह सुधीर शर्मा ने कोरोना काल में लोगों की मदद के लिए घर-घर पहुंच कर उनकी सहयता की, वे काबिले तारीफ थी। इसके अतिरिक्त गत वर्ष आई बाढ़ से तबाह हुई सिंचाई कुहलों की मुरम्मत की और इस वर्ष इंद्रु नाग एवं आसपास के इलाकों में बादल फटने से आई बाढ़ से पीड़ित लोगों की मौके पर तुरंत पहुंच कर मदद की व्यवस्था की। लोगों ने सुधीर शर्मा का धन्यवाद करते हुए कहा कि सत्तासीन नेता लोगों की मदद करने में नाकाम साबित हुए। इस दौरान सुधीर शर्मा इस दौरान थोड़ा भावुक भी नजर आए। उन्होंने कहा कि जनता का यही प्यार मेरी ताकत है।

सुधीर शर्मा ने बैंठकों के दौरान रोजगार, आत्मनिर्भरता और पुरानी पैंशन योजना सहित स्थानीय मुद्दों पर चर्चा की, साथ ही लोगों से परामर्श भी किया। सुधीर शर्मा ने कहा कि धर्मशाला का जो विकास 2017 में रूक गया था, उसे आगे बढ़ाते हुए जनता के सहयोग के साथ धर्मशाला को देश का सर्वश्रेष्ठ शहर बनाया जाएगा।

गत दिवस देर शाम त्रैंबल पट्ट वार्ड-14 में आयोजित बैठक के दौरान करीब 15 परिवारों ने भाजपा का दामन छोड़ कर कांग्रेस का हाथ थामा, जिसमें मुख्यतः पूर्व भाजपा कार्यकर्ता मनोज कुमार उर्फ काकू ने कांग्रेस की सदस्यता हासिल की और उन्हें सुधीर शर्मा ने अनुसूचित जनजाति मोर्चा का उपाध्यक्ष नियुक्त किया। इसके लिए सेवानिवृत अधिकारी बलवीर सिंह ठाकुर भी कांग्रेस में शामिल हुए। उक्त बैठकों के दौरान सुधीर शर्मा के साथ ब्लाॅक कांग्रेस, युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस सहित विभिन्न प्रकोष्ठों के पदाधिकारी शामिल रहे।

सुधीर शर्मा तेज किया प्रचार अभियान, बोले- अपार जनसमर्थन से सरकार बनाएगी कांग्रेस

शिमला।। धर्मशाला से कांग्रेस प्रत्याशी सुधीर शर्मा ने अपना चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। इस दौरान उनके कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में लोग जुट रहे हैं। इसी कड़ी में आज उन्होंने रक्कड़ में स्काउट एन्ड गाइड एसोसिएशन से मुलाकात की। उसके बाद उन्होंने योल केंट में लोगों से मुलाकात की और बैठक में भाग लिया। अंदराड़ में भी सुधीर शर्मा का जबरदस्त स्वागत किया गया और उन्होंने बैठक में भाग लिया। बैठक में लोगों का कहना था कि सुधीर शर्मा ने सत्ता के बाहर रहते भी लोगों की भरपूर मदद की जबकि सत्तासीन नज़र तक नहीं आए। कार्यक्रम में शामिल लोगों ने सुधीर शर्मा को भारी मतों से जीत का आश्वासन दिया।

इसके बाद सुधीर शर्मा ने कंडी में आम चुनाव सभा में भाग लिया। सुधीर शर्मा ने सालिग में भी अपना चुनाव प्रचार किया और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। सुधीर शर्मा ने दारनु में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और चुनावी रणनीति पर चर्चा की। अपने चुनाव प्रचार के दौरान सुधीर शर्मा ने धर्मशाला विधानसभा के विकास के लिए लोगों से सहयोग की अपील की और कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र की तरफ भी ध्यान केंद्रित करवाया। इससे पहले सुबह उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में सुधीर शर्मा ने साफ तौर पर कहा कि इस बार प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी। मतदाताओं से सरकार बनती है और इस बार मतदाता कांग्रेस की सरकार बनाने के पक्षधर हैं। शर्मा ने कहा कि इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार अधिक मतों के अंतर से जीतेंगे।

सुधीर शर्मा ने हाल ही में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए मनकोटिया के कांग्रेस के खिलाफ दिए बयान को लेकर कहा कि जब चुनाव आते ही वह इधर से इधर जाते रहते हैं और अनापशनाप बयानबाजी करते रहते हैं। उनकी बायनबाजी से कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। सुधीर शर्मा ने कहा कि बिना किसी बुनियाद के आरोप लगाना मनकोटिया की आदत में शुमार है और उनके आरोपों से कांग्रेस को कतई भी नुकसान नहीं होगा। मनकोटिया द्वारा परिवारवाद और कांग्रेस नेताओं के जेल और बेल पर दिए गए बयान पर सुधीर शर्मा ने जबाव देते हुए कहा कि उनको निजी तौर पर मनकोटिया के बयानों से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। उनकी जीत धर्मशाला से पक्की है।

कांग्रेस प्रत्याशी ने कहा, “जहां तक रहा सवाल नेताओं का, कांग्रेस के नेताओं को भी मनकोटिया के आरोपों से कोई नुकसान नहीं होने वाला।” सुधीर शर्मा ने मनकोटिया पर चुटकी लेते हुए कहा कि बात वही बोलनी चाहिए जिसमें दम हो, बेदम बातों पर लोग मजाक उड़ाते हैं। उन्होंने कहा कि धर्मशाला की जनता के बीच वह विकास की बात और जनता के हितों की बात लेकर चुनाव प्रचार कर रहे है और उन्हें धर्मशाला विधाvसभा क्षेत्र की जनता का भरपूर साथ मिल रहा है।

निक्का ने फतेहपुर पहुंचकर पठानिया से मांगा नूरपुर फतह करने का ‘आशीर्वाद’

फतेहपुर।। हिमाचल प्रदेश में जारी सियासी गहमागहमी के बीच एक गरमागरम खबर आई है फतेहपुर से। यहां पर नूरपुर से बीजेपी के प्रत्याशी रणबीर सिंह निक्का ने राकेश पठानिया के चुनाव कार्यालय पहुंचक नूरपुर फतह करने का आशीर्वाद मांगा। इस दौरान रणबीर और पठानिया, दोनों एक ही तस्वीर में भी नजर आए। लेकिन सवाल बरकरार है कि क्या निक्का को पठानिया के समर्थकों का आशीर्वाद मिलेगा?

दरअसल नूरपुर के विधायक राकेश पठानिया का टिकट बदलकर बीजेपी ने उन्हें फतेहपुर भेजा है। इसके पीछे रणबीर सिंह निक्का की मजबूती भी एक वजह रही है। पठानिया और निक्का के बीच 36 का आंकड़ा रहा है और दोनों के बीच जुबानी जंग भी चली थी।

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अब स्थिति यह है कि नूरपुर में बीजेपी प्रत्याशी निक्का का सीधा मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी अजय महाजन से है। लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि नूरपुर के प्रभावशाली बीजेपी कार्यकर्ता इस समय फतेहपुर में डटे हुए हैं ताकि राकेश पठानिया के लिए समर्थन जुटा सकें।

वहीं नूरपुर में बीजेपी के कुछ कार्यकर्ता, जिनमें बीजेपी समर्थित पंचायत प्रतिनिधि भी शामिल हैं, पार्टी छोड़कर कांग्रेस में भी गए हैं जिससे अजय महाजन को मजबूती मिली है। ऐसे में निक्का की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। अब दोनों के बीच हुई मुलाकात के बाद क्या रिश्ते सुधरेंगे? क्या निक्का को कुछ फायदा हो पाएगा? ये प्रश्न चर्चा में बने हुए हैं।

‘चमड़ी उधेड़ना’ और ‘मुख्यमंत्री चाटना’ जैसे शब्दों के लिए माफी मांगें मुकेश और कौल सिंह: सुरेश कश्यप

शिमला।। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा है कि जैसे-जैसे चुनाव का दिन करीब आता जा रहा है वैसे-वैसे कांग्रेस के नेता अपनी हार नजदीक देख भाषा का संयम खोते जा रहे हैं। सुरेश कश्यप ने कहा कि बीते रोज एक चुनावी जनसभाओं में ‘चमड़ी उधेड़ना, लंगड़े पहलवान, ऐसा मुख्यमंत्री चाटना’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल मुकेश अग्निहोत्री और ठाकुर कौल सिंह ने किया है जो उनकी हताशा को दर्शाता है।

सुरेश कश्यप ने कहा कि मुकेश अग्निहोत्री ने बीते रोज मुख्यमंत्री के लिए अपमानजनक भाषा इस्तेमाल की और ‘चमड़ी उधेड़ने’ जैसे शब्दों का प्रयोग किया। मुकेश ने हरोली से बीजेपी प्रत्याशी और उनके साथी को उन्होंने ‘लंगड़े पहलवान’ तक कह दिया। यह दिव्यांगों के प्रति उनकी संकुचित सोच को दर्शाता है।

सुरेश कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के लिए मुकेश अग्निहोत्री पहले भी अमर्यादित और तू-तड़ाक वाली भाषा का इस्तेमाल करते रहे हैं, लेकिन अब उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ-साथ दिव्यांगों को अपमानित करने वाली टिप्पणी की है। उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।

बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पार्टी की ओर से हाशिए पर धकेले जाने से इतने हताश हैं कि वो भी शब्दों की गरिमा भूल चुके हैं। बीते रोज उन्होंने ‘ऐसा मुख्यमंत्री चाटना’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल अपनी जनसभा में किया। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि ये नेता देवभूमि हिमाचल की शालीन शैली को खराब करने का काम कर रहे हैं, और जनता इसका जवाब वोट के माध्यम से देगी।

कुल्लू : महेश्वर सिंह का टिकट कटा, अब बीजेपी से नरोत्तम ठाकुर मैदान में

कुल्लू।। बीजेपी प्रत्याशी महेश्वर सिंह का टिकट कट गया है। अब उनकी जगह बीजेपी ने नरोत्तम ठाकुर को मैदान में उतारा है। यह चर्चा पिछले कई दिनों से चल रही थी कि बीजेपी ने महेश्वर सिंह को साफ कहा है कि वह अपने पुत्र हितेश्वर सिंह को मनाएं। दरअसल हितेश्वर सिंह बंजार विधानसभा क्षेत्र से टिकट चाह रहे थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। इसके बाद हितेश्वर सिंह ने बतौर आज़ाद प्रत्याशी चुनाव लड़ने का एलान कर दिया था।

हालांकि बीजेपी ने हितेश्वर सिंह के पिता और पूर्व सांसद महेश्वर सिंह को कुल्लू से टिकट दे दिया था, लेकिन साथ ही यह भी कहा था कि यदि हितेश्वर सिंह पीछे नहीं हटते हैं तो उनका टिकट भी कट जाएगा। इस बाबत बीते दिनों मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित कई नेताओं ने महेश्वर सिंह के साथ कुल्लू में बैठक की थी। इस बैठक में हितेश्वर सिंह को भी बुलाया गया था, लेकिन वह इस बैठक में नहीं पहुंचे थे।

हालांकि टिकट कटने के बाद भी अभी तक महेश्वर सिंह मैदान से नहीं हटे हैं और वो बतौर आजाद प्रत्याशी ही चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में देखना होगा कि कुल्लू और बंजार में बागियों से बीजेपी को कितना नुकसान पहुंचता है। क्योंकि कुल्लू में बीजेपी से ही बागी हुए राम सिंह ने आजाद प्रत्याशी नामांकन दाखिल कर दिया है। ऐसे में कुल्लू में बीजेपी के सामने उसके दो बागी मैदान में हैं, जबकि बंजार में हितेश्वर सिंह निवर्तमान विधायक सुरेंद्र शौरी की राह में रोड़ा अटकाने के लिए तैयार बैठे हैं।

फ़तेहपुर में एक बार फिर बीजेपी का मुक़ाबला बीजेपी से! यहां बागियों के चलते नहीं हुई 13 वर्षों से वापसी 

फतेहपुर।। फ़तेहपुर में एक बार फिर बीजेपी का मुक़ाबला बीजेपी से ही होता नज़र आ रहा है। हालात ऐसे हैं कि बीजेपी अपने बाग़ियों के कारण यहाँ क़रीब 13 वर्षों से जीत नहीं सकी है। इस बार भी हालात कुछ ऐसे ही बनते जा रहे हैं। फ़तेहपुर विधानसभा सीट पर फिलहाल चतुष्कोणीय मुक़ाबला है, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी भवानी सिंह पठानिया और बीजेपी प्रत्याशी राकेश पठानिया को छोड़ दें तो बाक़ी के दो प्रत्याशी बीजेपी के दिग्गज नेता रहे हैं। ऐसे में हर बार की तरह यहाँ बीजेपी का मुक़ाबला बीजेपी से ही है। भाजपा के दो पूर्व सांसद यहाँ से मैदान में हैं। एक आम https://inhimachal.in/news/fatehpur-bjp-eelection-2022-bjp-rebel/आदमी पार्टी तो दूसरे आज़ाद बीजेपी को चुनौती दे रहे हैं।

बीजेपी ने इस बार प्रयोग के तौर पर नूरपुर की सीट बदलते हुए अपने वन मंत्री राकेश पठानिया को यहां से टिकट देकर चुनाबी मैदान में उतारा है। अब उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी भवानी सिंह पठानिया से पहले बीजेपी के पूर्व दिग्गज नेता और वर्तमान में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी डॉ. राजन सुशांत से टक्कर मिल रही है। डॉ. राजन सुशांत बीजेपी से कई मर्तबा विधायक, मंत्री और सांसद रह चुके हैं।

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हालांकि फ़तेहपुर में मुक़ाबला त्रिकोणीय ही रहता, लेकिन यहाँ 2017 की तरह बीजेपी के ही एक नेता बाग़ी होकर आज़ाद प्रत्याशी के तौर पर चुनावी समर में कूद गए हैं। इस बार पूर्व राज्य सभा सांसद एवं बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष कृपाल परमार भी चुनाब भवंर मे कूद पड़े है जिन्होंने भाजपा प्रत्याशी राकेश पठानिया की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। 2017 में इस सीट से बीजेपी ने कृपाल परमार को प्रत्याशी बनाया था। उस दौरान बीजेपी के ही बलदेव ठाकुर निर्दलीय मैदान में उतर आए थे, जो यहाँ से बीजेपी प्रत्याशी कृपाल परमार की हार का बड़ा कारण रहा था।

अभी तक इतिहास गवाह है कि फतेहपुर मे भाजपा ने ही भाजपा का खेल बिगाडा़ है। यही कारण है कि  फतेहपुर में कांग्रेस पिछले 13 वर्ष से विजय भव का आशीर्वाद प्राप्त किए हुए है और इस बार भी बीजेपी के बाग़ी इतिहास दोहराने को तैयार बैठे हैं। हालाँकि नामांकन वापसी की तारीख़ में अभी भी कई दिन बाक़ी हैं और बीजेपी अपने बाग़ियों में को मनाने में लगी हुई है। ऐसे में देखना होगा कि बीजेपी इस बार फ़तेहपुर में अपने बाग़ियों को मनाने का रिवाज बदल पाती है या नहीं।

सबसे बड़ा सवाल यह भी बनता है की पहले से ही फतेहपुर के कई दावेदारों को दरकिनार कर और आज तक हमेशा से ही बाहरी नेताओं का विरोध होने के बाबजूद बाहरी प्रत्याशी को फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी का टिकट देना कहां तक उचित रहेगा।

 

हिमाचल: बीजेपी ने खुद ही क्यों निकाल दी ‘वंशवाद’ विरोध के फुकणू की हवा

आई.एस. ठाकुर।। आपने प्लेटो का नाम सुना होगा। ग्रीस यानी यूनान के महान दार्शनिक, जिन्हें अफलातून भी कहा जाता है। उन्होंने आज से 2400 साल पहले एक किताब लिखी थी- ‘द रिपब्लिक।’ इसमें उन्होंने आशंका जताई थी कि पहले तो  ‘पढ़े-लिखे और बुद्धिमान लोगों के बच्चे अंतत: आराम और विशेष अधिकार मिलने के कारण भ्रष्ट हो जाएंगे। फिर वे सिर्फ अपने बारे में और अपनी संपत्ति के बारे में सोचेंगे। फिर एरिस्टोक्रेसी (बेहतरीन लोगों का शासन) जो है, वह ओलिगार्की (चंद लोगों तक सिमटा शासन) में तब्दील हो जाएगा।

वे एक अलग व्यवस्था के बारे में बात कर रहे थे मगर डेमोक्रेसी में भी यही हालत होती दिख रही है। 15 अगस्त 2022 को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी पार्टियों, खासकर कांग्रेस पर वंशवाद को लेकर निशाना साधा। इसे संकेत माना गया कि भारतीय जनता पार्टी वंशवाद से दूरी बनाने के सिद्धांत पर काम करेगी। मगर चंद महीने बाद हिमाचल प्रदेश के चुनावों में ही इस अवधारणा की हवा निकल गई।

उपचुनाव में जब चेतन बरागटा का टिकट काटकर नीलम सरैक को दिया गया था तो नीलम पांच हजार वोट भी नहीं ले पाई थीं। उसके बाद एक कार्यक्रम में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा था कि पार्टी ने तय किया है कि परिवारवाद को बढ़ावा नहीं देना है तो हमने कठोर फैसला लिया। हम सीट हारे लेकिन एक पहल की। अब जेपी नड्डा के उन शब्दों का भी कोई मोल नहीं रहा। उल्टा कांग्रेस कार्यकर्ता उस वीडियो को सोशल मीडिया पर कुछ मजे लेकर शेयर कर रहे हैं।

ऐसा इसलिए क्योंकि बीजेपी ने सभी 68 सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं और इनमें चार नए चेहरे परिवारवाद की श्रेणी में हैं। ये हैं- चंबा सीट पर नीलम नैयर जो वपर्तमान विधायक पवन नैयर की पत्नी हैं। धर्मपुर सीट से रजत ठाकुर जो कि जल शक्ति मंत्री महेंद्र ठाकुर के बेटे हैं। जुब्बल कोटखाई से चेतन बरागटा जो दिवंगत पूर्व मंत्री नरेंद्र बरागटा के बेटे हैं। इसी तरह बड़सर सीट पर माया शर्मा जो बलदेव शर्मा की पत्नी हैं। इसके अलावा भी, मनाली से गोविंद ठाकुर, भोरंज से अनिल धीमान, हमीरपुर से नरेंद्र ठाकुर, मंडी से अनिल शर्मा और सोलन से राजेश कश्यप भी परिवारवाद की श्रेणी में आते हैं।

बीजेपी का स्टैंड कमजोर हुआ
हिमाचल में भी बीजेपी के नेता और प्रवक्ता खुलकर कांग्रेस पर हमला कर रहे थे। वे कह रहे थे कि दिल्ली से हिमाचल तक कांग्रेस में वंशवाद चल रहा है। कांग्रेस के पास इस सवाल का कोई तोड़ नहीं होता था। वे ज्यादा से ज्यादा पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और उनके बेटे व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का जिक्र कर देते थे। लेकिन अब परिस्थितियां बदल गई हैं।

बीजेपी के नेताओं के सामने संकट यह है कि वे ऐसा भी नहीं बोल सकते कि आपके यहां वंशवाद के उदाहरण ज्यादा हैं, जबकि हमारे पास कम हैं। यह तो कोई तार्किक जवाब हुआ नहीं। तो कुल मिलाकर स्थिति यह है कि आम जनता के बीच भी यह मुद्दा अब फुस्स हो चुका है। टिकटों में परिवारवाद झलकने के कारण न सिर्फ हिमाचल में बीजेपी की छवि कमजोर हुई है बल्कि इस कदम ने एक तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विश्वसनीयता को भी कम करने वाला काम किया है।

अब बीजेपी भविष्य में जो भी करे, कम से हिमाचल में तो वह परिवारवाद को लेकर कांग्रेस पर हमला नहीं कर पाएगी। हो सकता है कुछ नेता कहें कि हमारे यहां परिवारवाद का मतलब है कि एक परिवार से एक ही व्यक्ति को पद या अवसर मिलेगा। लेकिन यह भी हास्यास्पद लॉजिक होगा। ऐसा लॉजिक कांग्रेस के लोग देते रहे हैं। खासकर कौल सिंह ठाकुर का वह बयान चर्चा में रहा था, जब उन्होंने कहा था उनकी बेटी चंपा ठाकुर के मामले में परिवारवाद नहीं बनता क्योंकि उनकी शादी हो चुकी है और गोत्र बदल गया है।

सवाल ये भी है कि अगर विनेबिलिटी यानी जीत की संभावना पर ही टिकट देना है तो कांग्रेस और अन्य पार्टियां भी तो यही कहती हैं कि जिताऊ उम्मीदवार को ही टिकट दिए जाते हैं, परिवार को देखकर नहीं। पर इस पूरे मामले के बीच एक सवाल जो उभर रहा है, बीजेपी को उस पर विचार करना चाहिए। क्या वह अब भी The Party with a Difference की टैगलाइन को मजबूत करना चाह रही है या सभी मामलों में यह फर्क खत्म कर देना है।

(लेखक लंबे समय से हिमाचल प्रदेश से संबंधित विषयों पर लिख रहे हैं। उनसे kalamkasipahi@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।)

ये लेखक के निजी विचार हैं