पिता वीरभद्र की तरह दूसरों को नीचा क्यों दिखाते हैं विक्रमादित्य?

इन हिमाचल डेस्क।। हाल ही में हिमाचल विधानसभा में हुए हंगामे को लेकर शिमला से कांग्रेस के विधायक विक्रमादित्य ने कहा था कि ‘ऐसा नहीं होना चाहिए था, हम लोग सभ्य हैं, ये हिमाचल है, यूपी-बिहार या झारखंड नहीं है।’ इस टिप्पणी की कड़ी आलोचना हुई थी। अब उन्होंने विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज की एक तस्वीर को अपनी तस्वीर के साथ शेयर करते हुए तुलना करने को कहा है।

May be an image of 2 people, beard, people standing and text that says "Vikramaditya Singh 1h.$ 1h यें महाशय कहते हैं इनको हमसे जान का ख़तरा हैं, की विक्रमादित्य सिंह गुंडा हैं| कहते है एक तस्वीर हजारो शब्द बया करती है, अब आप ही तय कीजिए कौन क्या हैं| जय श्री राम विक्रमादित्य सिंह विधायक"

अप्रत्यक्ष तरीके से उन्होंने हंसराज को ‘गुंडा’ दिखाने की कोशिश की है। मगर यह तरीका बेहद अपमानजनक है और किसी की दिखावट की वजह से उसपर टिप्पणी करना एक तरह से ‘रेसिस्ट’ टिप्पणी है। खासकर उस नेता के लिए, जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट से आता है।

लेकिन यह पहला मौका नहीं है जब विक्रमादित्य ने ऐसी टिप्पणी की है। उनके ऊपर आरोप लगते रहे हैं कि वह भले ही लोकतांत्रिक देश में बतौर जन प्रतिनिधि चुने गए हैं लेकिन राजशाही के गुरूर से उबर नहीं पाए। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विक्रमादित्य सिंह ने जयराम सरकार पर ‘संघियों और भंगियों के ग्रिप में’ होने की बात कही थी।

पहली नज़र में यह स्लिप ऑफ टंग लग सकता है यानी जुबान का फिसलना लग सकता है मगर वीरभद्र परिवार के इतिहास को देखें तो लगता है कि यह सिर्फ लापरवाही का मामला नहीं बल्कि फ्यूडल मानसिकता का नतीजा है। यही बात उनके पिता को लेकर भी कही जाती रही है क्योंकि वह भी कई नेताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कर चुके हैं।

वैसे तो कई बार वीरभद्र सिंह ने अजीब टिप्पणियां की हैं, मगर उनमें से कुछ आगे दी जा रही हैं। आप लिंक पर क्लिक करके पूरी खबर भी पढ़ सकते हैं।

  1. ज्वालामुखी दौरे पर बौतर मुख्यमंत्री गए वीरभद्र सिंह ने अध्यापकों को भरी सभा में मकरझंडू कहा।
  2. वीरभद्र सिंह ने सतपाल सत्ती को नीचा दिखाने के लिए गद्दी समुदाय का हवाला लेते हुए कहा था – प्रेजिडेंट हैं तो क्या हुआ, प्रेजिडेंट तो गद्दी सभा के भी होते हैं
  3. भोरंज उपचुनाव में प्रचार के दौरान बीजेपी के दिवंगत नेता आई.डी. धीमान को नकल करवाने वाला प्रिंसिपल करार दिया था।
  4. रभद्र सिंह ने रविंद्र रवि पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि मैं तो तब से जानता हूं जब वह खोखे में अंडरगारमेंट्स बेचा करता था।
  5. विधायक बलवीर शर्मा के लिए कहा था- वो तो एक ठेकेदार का मुंशी था, उसे तो कमाई का चस्का है।
  6. बीजेपी को नीचा दिखाने के लिए कहा था- ये गंदगी उठाने वाले लोग हैं, यही काम करेंगे। इन्हें चाहिए कि म्यूनिसिपल कमेटी में नौकरी के लिए दरख्वास्त दें।
  7. जब वह सिरमौर दौरे पर गए थे तो बिंदल पर हमला करने के लिए कह दिया था- बिंदल कोई सुंदर नारी नहीं कि नाहन की जनता उनपर मोहित हो जाए।
  8. गुड़िया रेप ऐंड मर्डर केस की CBI जांच की मांग पर भड़ककर उन्होंने कोटखाई की जनता को ‘होशियार’ बता दिया था।
  9. महेश्वर सिंह को कहा था कि उनपर तो उनकी पत्नी भी यकीन नहीं करती।
  10. मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा को बदतमीज लड़का बता दिया था।
  11. सुक्खू पर हमला करते हुए यहां तक कह दिया था कि मुझे तो वो दिन भी याद है जब सुक्खू पैदा हुए थे।
  12. वनरक्षक होशियार सिंह की मौत होने पर उन्होंने कहा था- इस तरह के एक-दो मामले होते रहते हैं
  13. स्वाइन फ्लू से हिमाचल में मौतें हुईं तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा था- ऐसा तो होता रहता है
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