लेख: उनकी शहादत पर मुझे गर्व नहीं, दर्द होता है

आदर्श राठौर।। ब कभी मैं जान गंवाने वाले जवानों, उनके माता-पिता, पत्नी और बच्चों वगैरह के बारे में सोचता हूं, आत्मा हिल जाती है। शहादत, कुर्बानी, गर्व… ये सब बेकार के जुमले लगने लगते हैं।

वे एक ही सपना लिए अपने परिवार से दूर मुश्किल हालात में ड्यूटी करते हैं। यह सपना होता है- परिवार के सपनों को पूरा करना। अम्मा-बापू की दवा-दारू में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए, पत्नी कभी उदास नहीं होनी चाहिए, बच्चों की पढ़ाई में कोई कसर नहीं रहनी चाहिए, फलां रिश्तेदार की शादी में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए, वगैरह-वगैरह।

इनसे अलग एक और ख्वाहिश- एक छोटा सा घर बनाना है, जहां रिटायरमेंट के बाद आराम से रहा जाएगा। फुरसत में जवान सोचता होगा कि रिटायर होने पर बूढ़े मां-बाप की सेवा करूंगा, पत्नी और बच्चों को जो वक़्त नहीं दे पाया, उसकी भरपाई करूंगा। जिस जगह बचपन बीता था, वहीं पर बुढ़ापा गुज़ारूंगा। उन्हीं खेतों में घूमूंगा, उन्हीं पेड़ों पर चढूंगा, उन्हीं रास्तों से गुजरूंगा।


मगर अचानक एक गोली, एक धमाका और सब ख़त्म। सब सपने भी गायब। आखिर में तिरंगे में लिपटकर वह फिर उसी आंगन में आता है, उन्हीं गलियों से गुजरता है; मगर कुछ देख नहीं सकता, महसूस नहीं कर सकता। ज़िन्दगी ख़त्म, तो सब ख़त्म। किसी चीज़ का कोई मतलब नहीं होता। बंदूक की फायरिंग के साथ सलामी और ‘अमर रहे’ जैसे नारों का भी नहीं। कभी शहीद जवान की जगह खुद को या अपने किसी करीबी को रखकर सोचिए, मेरी बात समझ आ जाएगी।

किसी हादसे में मौत हो जाए, बात समझ में आती है कि इसमें कोई कुछ नहीं कर सकता। मगर इस तरह से किसी की जान नहीं जानी चाहिए। इंसान की इंसान के हाथों हुई ये मौत हत्या है। यह सिलसिला बंद होना चाहिए। जमीन के टुकड़ों या चन्द लोगों की सनक की राजनीति न जाने ऐसी कितनी ही मौतों के लिए जिम्मेदार है। संख्या में गिनती होती है कि आज फ्लां जगह पर इतने जवान शहीद, फेसबुक पर RIP टाइप होता है और फिर सब नॉर्मल।

मेरी गुज़ारिश है कि गर्व करना बंद कीजिए, दर्द को महसूस करना शुरू कीजिए। ओ नेताओ, अब तक जो होता रहा, वो तो हो गया। आगे हम क्या और कैसे सही कर सकते हैं, यह सोचिए। इतिहास की नहीं, भविष्य की चिंता कीजिए। निपटाइए ये झगड़े, सुलझाइए ये विवाद। यथास्थिति बनाए रखकर आप जवानों की ज़िन्दगी से खेल रहे हैं। अपनी नाकामी और अक्षमता की बलि चढ़ा रहे हैं आप उन्हें।

(हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के जोगिंदर नगर से ताल्लुक रखने वाले पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता Aadarsh Rathoreकी फेसबुक टाइमलाइन से साभार। )

हिमाचल प्रदेश में टाटा की एंट्री: कांगड़ा चाय बनेगी ‘टाटा टी’

शिमला।।
हिमाचल प्रदेश में इन्वेस्टमेंट  के लिए टाटा ग्रुप ने भी पहल कर दी है।  एक दैनिक अखबार में छपी खबर के अनुसार हिमाचल में टाटा ग्रुप जल्द ही चाय उद्योग स्थापित कर सकता है। मशहूर कांगड़ा चाय के अलावा टाटा ने बिजली के बड़े प्रॉजेक्ट्स, स्टार होटेल्स और रोपवे आदि में निवेश की इच्छा जताई है।
प्रदेश में टाटा समूह हजारों करोड़ रुपये निवेश को तैयार है। इससे हिमाचल के लोगों के लिए रोजगार के नए द्वार खुलेंगे। प्रदेश सरकार को निवेश प्रस्ताव सौंपने के साथ वीरवार को कंपनी प्रतिनिधियों ने शिमला में अधिकारियों के साथ लंबी बैठक की। इस बैठक में पांच क्षेत्रों में निवेश के लिए एरिया ऑफ अग्रीमेंट तय कर लिया गया है।
टाटा सर्विसेज लिमिटेड के प्रेजिडेंट (बिजनेस) दीपांकर तिवारी की अगुवाई में कंपनी के अधिकारियों ने सरकार के समक्ष कांगड़ा चाय को टाटा टी के नाम से तैयार करने के लिए उद्योग लगाने का प्रस्ताव रखा। इसके अलावा 100 मेगावाट से ऊपर के बिजली प्रॉजेक्टों, सेवन स्टार रिसॉर्ट्स, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में भी निवेश के लिए काफी दिलचस्पी दिखाई। इसके अलावा सार्वजनिक निजी भागीदारी से सुरंगों के निर्माण, शहरों में स्ट्रीट लाइट, शुद्धिकरण, आवासीय और वाणिज्यिक परियोजनाओं में भी निवेश को कंपनी ने हामी भरी है।
टाटा समूह की विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधि 15 दिन के भीतर प्रदेश का दौरा कर निवेश के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेंगे। निदेशक उद्योग राजेंद्र सिंह ने बताया कि वीरवार को टाटा ग्रुप के अधिकारियों ने सरकार के साथ बैठक कर एरिया ऑफ एग्रीमेंट तय कर लिया है।
समूह बड़े स्तर पर निवेश को तैयार है। सचिवालय में यह बैठक प्रधान सचिव उद्योग आरडी धीमान की अध्यक्षता में हुई। बैठक में दीपांकर तिवारी के अलावा टाटा टी कंपनी के उपाध्यक्ष वेकंटरमनन कृष्णामूर्ति भी मौजूद रहे।

वोडाफोन ऐड की तरह एकसाथ कई वाद्य यंत्र बजाता कलाकार

धर्मशाला।।

हमें खुशी है कि हम आपके लिए जो भी कॉन्टेंट ला रहे हैं, वह आपको पसंद आ रहा है। इसी सीरीज के तहत हम आपके लिए लेकर आए हैं एक ऐसा शख्स, जो कि एकसाथ कई इंस्ट्रूमेंट बजा लेता है। (विडियो देखने के लिए एकदम नीचे जाएं)

एकसाथ 3 वाद्य यंत्र बजाते बुजुर्ग कलाकार

‘हिडन टैलंट इन हिमाचल’ टाइटल के साथ अपलोड किए गए इस विडियो में एक बुजुर्ग शख्स सड़क किनारे बैठकर कई वाद्य यंत्र एकसाथ बजाते दिख रहे हैं।

आपको ध्यान होगा कि कुछ दिन पहले वोडाफोन का ऐड आया था, जिसमें एक शख्स एकसाथ कई म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बजा रहा था।

वोडाफोन ऐड

विडियो में दिख रहे बुजुर्ग भी ऐसा कर रहे हैं। फर्क इतना है कि वह स्टैंड में रखी गई हारमोनिका (माउथ ऑर्गन) प्ले कर रहे हैं, हाथों से ढोलक बजा रहे हैं और पैर से खंजरी छनका रहे हैं।

आप इस विडियो को यहां पर क्लिक करके डाउनलोड कर सकते हैं, ताकि वॉट्सऐप पर फॉरवर्ड कर सकें (5.5 MB)

विडियो देखिए और इंजॉय कीजिए:
/यह विडियो मनाली मॉल रोड का बताया जा रहा है। यह पता नहीं चल पाया है कि कलाकार मूल रूप से हिमाचली है या कोई टूरिस्ट है। मगर जो भी हो, टूरिस्ट्स के लिए इंटरस्टिंग है यह सब देखना।

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HPCA पर सवाल पूछा, तो धूमल ने दी ‘देख लेने’ की धमकी: नीरज भारती

शिमला।।
सोशल मीडिया पर विवादित कॉमेंट्स से सुर्खियों मे रहने वाले चीफ पार्ल्यामेट्री सेक्रेटरी (एजुकेशन) और ज्वाली से कांग्रेस विधायक नीरज भारती ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को लेकर एक पोस्ट डाली है। भारती ने दावा किया  है कि अनुराग ठाकुर के नेतृत्व वाली हिमाचल प्रदेश क्रिकेट असोसिएशन (HPCA) के बारे में सवाल पूछने पर धूमल भड़क गए। भारती ने लिखा है कि धूमल ने उन्हें ‘देख लेने’ की धमकी धी।
एचपीसीए चीफ अनुराग ठाकुर के लेटरहेड की तस्वीर के साथ नीरज भारती ने लंबा सा वाकया लिखा है। हम उस वाकये को यथावत अपने पाठकों के लिए यहां पर दे रहे हैं। 31 मई को डाली पोस्ट में नीरज भारती ने लिखा है-
‘दोस्तों ये लो हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसीएशन का सच! हिमाचल प्रदेश की क्रिकेट एसोसीएशन के ऑफिस का पता पंजाब का हो उस प्रदेश का क्या भला करेगा हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसीएशन का अध्यक्ष व सांसद अनुराग ठाकुर? जब पिछले विधानसभा सत्र के दौरान खेल विधेयक पर चर्चा हो रही थी, तो मैंने इस विषय को सदन मे उठाया था तब ये बात अनुराग ठाकुर के पिता व पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को ये बात चुभ गई थी! उसी दिन दोपहर मे भोजन अवकाश के दौरान जब मै और मीडिया के कुछ साथी दोपहर का भोजन ग्रहण कर रहे थे तब अचानक से पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल वहां पर आ गए।
नीरज भारती ने यह फोटो शेयर किए हैं।
हम कुछ लोग वहां भोजन कर रहे थे। उस दिन से पहले मैंने कभी उनको वहाँ नहीं देखा था इसलिए उनके सम्मान मे मैं भी खडा हो गया। हाथ मे रोटी थी और मुँह मे निवाला था। उनके आते ही नमस्कार की पर अफसोस नमस्कार का जवाब देने के वजाए उन्होंने ने उंन्गली मेरी तरफ कर के कहा के आप जो बोलते है, वह सोच समझ कर बोला करो। तो मैंने भी झट से जवाब दिया कि मैं जो भी कहता हूँ सोच समझ कर कहता हूँ और जिस बात का प्रमाण होता हैं वही बात कहता हूँ। इसपर वह बोले कि आपको पता हैं कि दिल्ली पव्लिक स्कूल प्राइवेट प्रॉप्रटी है। मैने कहा की बिल्कुल पता है जी पर मेरा ऑब्जैक्शन वह स्कूल नहीं है. मेरा ऑब्जैक्शन तो यह हैं कि हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसेसिएशन का कार्यालय वहाँ पंजाब मे क्यों है। क्या हिमाचल मे कोई जगह नहीं मिली थीं अनुराग ठाकुर को ?
 
तब वह बोले कि यह उनका निजी मामला है वह चाहे जहाँ मरजी अपना कार्यालय खोले। तो मैंने कहा ठीक है मैंने अपनी बात कहनी थी वह कह दी तो। वह बोले कोई नहीं देख लेंगे। तो मैंने भी कहा देख लेना जो देखना होगा तभी उनके पीछे रुके एक विधायक विनोद कुमार जी ने मुझे कहा ये कैसे बात कर रहे हैं आप। तो मैने कहा भाई मैं तो ठीक तरह से ही बात कर रहा हूँ। आप अपने नेता जी को समझाइए के वह देख लेंगे की धमकी किसे दे रहे हैं। मैं तो उनके सम्मान मे खाना खाते हुए भी खड़ा हुआ हूँ। वह विधायक महोदय भी गरम हो गए और तब तक तापमान मेरा भी थोड़ा बढ़ चुका था। मैंने विधायक महोदय को कहा कि दिमाग मत खराब करो, मेरा मुझे खाना खाने दो!
 

इन सब बातों के गवाह कुछ पत्रकार बंधु भी हैं पर पता नहीं अब वे लोग कुछ बोलेंगे या नहीं ? पर सवाल यह हैं की एक पूर्व मुख्यमंत्री को एक तुच्छ से विधायक से क्यों उलझना पड़ा या सफाई देने पडी ? क्या कारण है की हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन का कार्यालय पंजाब मे हैं ? क्या हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन निजी जागीर हैं ? क्या इस बात का जवाब अनुराग ठाकुर देगा ? और साथ मे ये भी बतायेगा की हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन मे कितने मैंम्बरस हिमाचल के हैं और कितने हिमाचल के बाहर से हैं ? हिमाचल रंणजी मे हिमाचल के कितने खिलाड़ी हैं ? अाज तक हिमाचल के कितने खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले हैं ? और अगर दोस्तों यह सवाल पूछ कर मैंने कुछ गलत किया है तो माफी चाहूंगा ! क्या ये बात भी हमारे मीडिया के बंधु उठाएंगे ? धन्यवाद ! जय हिन्द , जय हिमाचल !’

सूत्रों के मुताबिक नीरज भारती की पोस्ट्स से बीजेपी में नाराजगी है, मगर वह कोई भी ऐक्शन लेने से बच रही है। नाम न छापने की शर्त पर बीजेपी के एक नेता ने बताया कि कार्यकर्ताओं में बड़े नेताओं के प्रति नाराजगी पनप रही है, क्योंकि वे भारती के खिलाफ न तो खुद ऐक्शन ले रहे हैं और न ही कार्यकर्ताओं को कुछ करने दे रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि बड़े नेता मानते हैं कि अगर नीरज भारती के खिलाफ कोई लीगल ऐक्शन या प्रदर्शन किया गया, तो एक तरह से उन्हें बैठे-बिठाए पॉप्युलैरिटी मिल जाएगी।

केरल के बाद दिल्ली में भी मैगी के 13 में से 10 सैंपल फेल

इन हिमाचल डेस्क।।
दिल्ली में नेस्ले के नूडल ब्रैंड मैगी के 13 में से 10 सैंपल टेस्ट में फेल पाए गए हैं। इनमें लेड की मात्रा तय मानकों से ज्यादा पाई गई है। खबर है कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन बुधवार को मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले के अफसरों के साथ मुलाकात करेंगे।
एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में सत्येंद्र जैन ने कहा है कि बुधवार को इस मामले में बड़ा फैसला लिया जा सकता है। माना जा रहा है कि इस मामले में दिल्ली सरकार शहर से मैगी हटवा सकती है और केस भी दर्ज करवा सकती है।
केरल स्टेट सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन ने भी राज्य भर में अपने आउटलेट्स पर मैगी न बेचने का फैसला किया है। राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री अनूप जैकब ने इस बारे में निर्देश जारी कर दिए हैं। ऐसा बैन लगाने वाला केरल देश का पहला राज्य है। केरल सरकार ने यह फैसला उन खबरों के मद्देनजर किया है, जिनमें बताया जा रहा है कि मैगी में खतरनाक लेड पाया गया है।
पश्चिम बंगाल सरकार मैगी को लेकर बुधवार को एक हाई लेवेल मीटिंग करेगी। मैगी के नूडल्स में हेल्थ के लिए नुकसानदायक लेड कॉन्टेंट मिलने की खबरों के बाद इसे बनाने वाली कंपनी नेस्ले के एक अन्य प्रॉडक्ट मिल्क पाउडर में जिंदा लार्वा और घुन मिलने की बात सामने आई है। फर्स्ट पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, कोयंबटूर के फूड एनालिसिस लैब की रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि कंपनी के मिल्क पाउडर के 380 ग्राम पैकेट के एक सैंपल में 28 लाइव लार्वा और 22 सिटोफिलस ओरिजे (चावल में मिलने वाले घुन) मिले हैं।
तमिलनाडु की फूड सेफ्टी विंग ने इस मिल्क पाउडर को अनसेफ घोषित किया है। फूड सेफ्टी ऑफिसर आर कठिरवन ने रिपोर्ट की पुष्टि की है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि इस साधार पर नेस्ले के सभी प्रोडक्ट्स को अनसेफ नहीं घोषित किया जा सकता।
ऐसे सामने आया मामला कोयंबटूर के पुलियाकुलम के रहने वाले टैक्सी ड्राइवर के. प्रेम अनंत ने अपने 18 महीने के जुड़वा बच्चों के लिए नेस्ले का NAN PRO 3 मिल्क पाउडर का 380 ग्राम का पैकेट खरीदा था। जब वह पैकेट को खोलकर मिल्क पाउडर निकाल रहे थे, तो उन्हें लार्वा मिले। जिस बच्चे को यह मिल्क पाउडर खिलाया गया, उसे दो दिन बाद कथित तौर पर स्किन एलर्जी हो गई। उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
अनंत ने इसकी शिकायत नेस्ले के कस्टमर केयर में की। कंपनी ने लोकल एरिया मैनेजर को मामले की जांच के लिए भेजा। मैनेजर ने प्रोडक्ट रिप्लेस करने का ऑफर दिया, लेकिन अनंत ने इससे इनकार कर दिया। 29 अप्रैल को वह तमिलनाडु के फूड सेफ्टी एंड ड्रग्स ऐडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट की कोयंबटूर शाखा में पहुंचे। यहां उन्होंने टेस्टिंग के लिए सैंपल दिए।

फेसबुक पर मिली शिकायत पर बाली ने हिलाई परिवहन निगम की अफसरशाही

कांगड़ा।।

हिमाचल कांग्रेस के तेज-तर्रार नेता और तकनीकी एवं परिवहन शिक्षा मंत्री गुरुशरण बाली सोशल मीडिया पर भी ऐक्टिव हो गए हैं। हिमाचल प्रदेश के अधिकांश नेताओं की तरह बाली ने भी अपना एक ऑफिशल फेसबुक पेज बना लिया है। इससे पहले बाली के नाम से जो भी पेज और यूजर आईडी फेसबुक पर थीं, वे उनके प्रशंसकों द्वारा चलाई जा रहीं थीं।

कुछ दिन पहले किसी गिरिजा नन्द नामक व्यक्ति ने परिवहन मंत्रीं को फेसबुक पर ही सन्देश देकर अवगत करवाया कि हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसें जिन ढाबों में यात्रियों को खाना खिलाने के लिए रुकती हैं, वहां का खाना एक तो नाजायज महंगा है और ऊपर से खाने की क्वॉलिटी भी अच्छी नहीं है।

बाली के ऑफिशल पेज के स्टेटस देखकर लगता है कि उन्होंने फेसबुक की कम्प्लेंट पर करवाई भी कर दी और निगम के मैनेजिंग डायरेक्टर से लेकर रीजनल मैनेजर तक के अधिकारीयों को खाना मॉनिटर करने के आदेश थमा दिए।

फेसबुक पर ऐक्टिव हुए मंत्री की चर्चा आजकल सबकी जुबान पर है, परन्तु आगे यह देखना है की ढाबों की यह चिरकालीन समस्या सुधर पाती है या नहीं।

यूपीए सरकार की ही तरह मोदी सरकार भी नहीं लड़ेगी शहीदों का केस

नई दिल्ली।।
करगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना की हिरासत में बेरहमी से मारे गए शहीद कैप्टन सौरभ कालिया के मामले को मोदी सरकार भी इंटरनैशनल कोर्ट में नहीं ले जाएगी । इससे पहले यूपीए सरकार ने भी कहा था कि इस मामले को इंटरनैशनल कोर्ट में ले जाना संभव नहीं है। वह भी तब, जब एक विडियो में पाकिस्तानी सैनिक खुलेआम अपनी करतूत को स्वीकार करते दिख रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में रहने वाले शहीद कालिया के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इस मामले को इंटरनैशनल कोर्ट में ले जाने की मांग की थी। कोर्ट ने इस बारे में मोदी सरकार से हलफनामा मांगा है, जिसे 25 अगस्त तक दाखिल करना होगा।
शहीद कैप्टन सौरभ कालिया
4 जाट रेजिमेंट के कैप्टन सौरभ कालिया और 5 अन्य जवानों- अर्जुन राम, भंवर लाल बागड़िया, भिक्खा राम, मूला राम और नरेश सिंह 15 मई, 1999 को करगिल के काकसर सब-सेक्टर में लापता हो गए थे। अगले महीने 9 जून को पाकिस्तान ने उनके बुरी तरह से क्षत-विक्षत शव भारत को लौटाए थे। सौरभ कालिया के शव की स्थिति को देखने के बाद पूरे देश में आक्रोश की लहर फैल गई थी और इसे युद्धबंदियों को लेकर जिनीवा संधि का उल्लंघन बताया गया था।
एक साल पहले एक पाकिस्तानी सैनिक का विडियो भी यू-ट्यूब पर आया था, जिसमें वह कह रहा था कि करगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना के एक अधिकारी को यातना देने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। उसने बाकायदा सौरभ कालिया का नाम भी लिया था।
शहीद सौरभ कालिया के पिता डॉक्टर एन.के. कालिया पिछले 16 सालों से अपने बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए सरकारों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में गुहार लगा चुके हैं। डॉ एन.के. कालिया का कहना है, ‘मुझे उम्मीद थी कि बीजेपी सरकार ज्यादा राष्ट्रभक्त होगी। लेकिन, दुखद है कि केंद्र में सत्ता परिवर्तन के बाद सरकार का रुख नहीं बदला है।’

ये 10 बातें जानकर कंगना रणौत के प्रति बढ़ जाएगा प्यार और सम्मान

हिमाचल प्रदेश से ताल्लुक रखने वाली कंगना रणौत की फिल्म ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स’ धूम मचा रही है। कमाल की ऐक्टिंग से इंडस्ट्री में अलग पहचान बनाने वाली कंगना से बारे में आप ये 10 बातें जानेंगे, तो आपके मन में उनके प्रति प्यार और सम्मान और बढ़ जाएगा:
1. बिना फिल्मी बैकग्राउंड वाली हिमाचल की मिडल क्लास लड़की ने खुद अपनी पहचान बनाई है। कंगना का कोई गॉडफादर नहीं था। अमूमन छोटे शहरों यां गांवों के माता-पिता पसंद नहीं करते कि उनकी बेटी इंस इंडस्ट्री में जाए, मगर कंगना के पैरंट्स ने उनकी राह में कभी मुश्किल नहीं खड़ी की।
2. आज के ज्यादातर कामयाब हीरो-हिरोइन के माता-पिता इसी इंडस्ट्री के स्टार्स रह चुके हैं और उनकी मदद से ही वे यहां टिके हुए हैं। मगर कंगना ने घर से कोई मदद नहीं ली।  जिस दौर में कंगना संघर्ष कर रही थीं, उनके पास इतना पैसा नहीं था कि वह किराया दे सकें। मगर उन्होंने कभी घर से पैसा नहीं मंगवाया।
3. हिमाचल की इस बेटी पर सभी को गर्व होना चाहिए, क्योंकि उसने एक फेयरनेस क्रीम का विज्ञापन करने से इनकार कर दिया। कंगना ने कहा कि रंग से कुछ नहीं होता और ऊफर से ये ऐड लोगों को उल्लू बना रहे हैं। कंगना की बहन रंगोली सांवली हैं और ऐसिड विक्टिम है। कंगना का मानना है कि अगर वह ऐसे ऐड करेंगी तो वह ठीक नहीं होगा। उनका कहना है कि खूबसूरती त्वचा के रंग में नहीं होती।
4. वह ऐसी बड़ी ऐक्ट्रेस हैं, जिन्होंने खानों (Khans) के साथ काम किए बगैर पहचान बनाई। अपनी ऐक्टिंग का कंगना ने ऐसा लोहा मनवाया कि हर कोई उनका मुरीद हो गया। फैशन और क्वीन के लिए नैशनल अवॉर्ड मिला। खास बात यह है कि वह हर तरह के रोल में एकदम फिट बैठ जाती हैं।
5. अपनी कमजोरी को  अपनी खूबी बना दिया  कंगना ने। एक दौर था, जब उनके ऐक्सेंट को लेकर उनका मजाक उड़ाया जाता था। उनकी खराब इंग्लिश और हिंदी में आने वाले पहाड़ी टच की आलोचना को कंगना ने चुनौती की तरह लिया। मगर कंगना की इंग्लिश पर आज कोई सवाल नहीं खड़ा कर सकता और उनकी हिंदी का अंदाज ही उनकी पहचान बन चुका है।

6. कंगना की बहन रंगोली पर एक शख्स ने ऐसिड से हमला कर  दिया था। कंगना खुद इडस्ट्री में संघर्ष कर रही थीं, मगर उन्होंने अपनी बहन की मदद की। कंगना ने एक इंटरव्यू में बताया कि उसका आत्मविश्वास लौटाने के लिए वह अपनी बहन को रिबन काटने के लिए कई इवेंट्स में साथ ले गईं।

7. कंगना बहुत ही ईमानदार हैं और साफ-साफ सब कह देती हैं। कंगना सहज रहती हैं। वह जरा भी बनावटी बनने या दिखने की कोशिस नहीं करतीं। उनका स्टाइल स्टेटमेंट बेहद अलग है। जिस इंडस्ट्री में सब कुछ दिखावे पर टिका हो, वहां पर जमीन से जुड़े रहना वाकई हिम्मत का काम है।
8. कंगना को लंबा संघर्ष करना पड़ा। उन्हें इंडस्ट्री में बाहर की लड़की के तौर पर देखा गया। इसीलिए गैंगस्टर में काम करने के 2 साल तक उन्हें कोई काम नहीं लिया। इस दौर में कई लोग इंडस्ट्री छोड़ देते हैं, मगर कंगना टिकी रहीं। और आज वह जिस मुकाम पर हैं, वहां पर कई स्टार्स की बेटियां भी नहीं हैं।
9. कंगना का मानना है कि अपनी धुन में रहना चाहिए, दूसरों को खुश करने या इम्प्रेस करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। यही वजह है कि उनका कहना है कि वह अच्छे काम में यकीन करती हैं, भले ही अवॉर्ड मिले या न मिले। इसीलिए वह अवॉर्ड शोज़ में नहीं जातीं।
10.  कंगना बेशक खराब दौर से गुजरीं, लेकिन उन्होंने कभी प्राइवेट पार्टीज़ या अन्य मौकों पर डांस करके पैसा नहीं कमाया। इसके अलावा वह हर इंटरव्यू या मीडिया से बात करते हुए जितनी समझदारी से बात करती हैं, उनके आगे बाकी अभिनेत्रियां बनावटी और बुद्धू नजर आती हैं।

नीरज भारती ने अब अनुराग ठाकुर को ललकारा, कहा- चूड़ियां पहनो

कांगड़ा।।
फेसबुक पर तीखी टिप्पणियां करने वाले ज्वाली के एमएलए और सीपीएस एजुकेशन नीरज भारती ने इस बार हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर पर निशाना साधा है। उन्होंने पूछा है कि अब अनुराग क्यों श्रीनगर जाकर झंडा नहीं फहरा रहे। गौरतलब है कि यूपीए सरकार के दौरान बीजेवाईएम अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने लाल चौक में तिरंगा फहराने के लिए एक पदयात्रा निकाली थी। भारती ने उसी को लेकर व्यंग्य किया है।
नीरज भारती की फेसबुक पोस्ट में लिखा है, ‘अब क्यों नहीं जा रहा हैं ये भाई कश्मीर मे हिंदुस्तान का झंडा फहराने ! अब कहा गया इसका जोश ! निकल गयी क्या हवा ! जिन्हें याद नहीं उन्हें याद दिलाना चाहता हूँ इन महाशय का नाम अनुराग ठाकुर है ये हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं और भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।’
नीरज भारती की पोस्ट का स्क्रीनशॉट
आगे लिखा गया है, ‘जब केन्द्र मे कांग्रेस की सरकार थीं तब ये महाशय बड़े जोर शोर से चिल्लाते थे कि कश्मीर के श्रीनगर में लाल चौंक मे भारतीय झंडा फहरायेंगे एक बार ड्रामा भी किया था पर अब इनकी सिट्टी विट्टी गुम हैं अब सच में तो क्या ड्रामा भी नहीं कर रहे हैं भारतीय झंडा फहराने का !’
आखिर में तीखे शब्द इस्तेमाल करते हुए लिखा गया है, ‘लानत हैं ऐसी जवानी और ऐसे युवा संगठन पर! चूड़ियां पहन लो सब भारतीय जनता युवा मोर्चा वालों और अपने अध्यक्ष को भी पहना दो ! और ये जुमला नहीं हैं ! अच्छे दिन !’
गौरतलब है कि नीरज भारती ने एक अजीब सा जोक भी शेयर किया है, जिसमें उन्होंने कुत्ते मोती और मोदी का जिक्र किया है। इस पोस्ट्स पर लोगों ने कॉमेंट्स करके विरोध भी  दर्ज किया है।
एक और विवादित पोस्ट!
यह पहला मौका नहीं है, जब नीरज भारती ने ऐसी भाषा इस्तेमाल की है। मगर हर बार कानूनी कार्रवाई करने और मुद्दे को जोर-शोर से उठाने का दावा करने वाली बीजेपी बातें करती रह जाती है। नीरज भारती खुली चुनौती दे चुके हैं, मगर बीजेपी यही कहती रह जाती है कि उसका आईटी सेल जांच कर रहा है, उसके बाद कार्रवाई होगी। हालांकि, लोगों का मानना है कि यह बात समझ से परे है कि जो सामने दिख रहा है, उसमें किस तरह की जांच की जरूरत है।

रोहतांग पर NGT के आदेश पर स्टे से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

नई दिल्ली।।
हिमाचल प्रदेश के रोहतांग पास में डीजल और पेट्रोल पर चलने वाले टूरिस्ट वीइकल्स की एंट्री पर आए एनजीटी के आदेश पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है।
एनजीटी ने अपने आदेश में इन गाड़ियों की संख्या को 14 अगस्त तक के लिए रोजाना 1000 तक सीमित करने की बात कही थी।
सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन ट्राइब्यूनल के सिर्फ एक निर्देश पर रोक लगाई है। इस निर्देश में कहा गया था कि 13,050 फीट ऊंचे पास पर परिचालन की अनुमति से पहले सभी वाहनों की पल्यूशन जांच होनी चाहिए और उन्हें सर्टिफिकेट लेने होंगे।
सुप्रीम कोर्ट
रोहतांग पास कुल्लू घाटी को सुदूर जिले लाहौल और स्पीति से जोड़ता है। जस्टिस ए.के. सीकरी और न्यायाधीश यू.यू.ललित की अवकाशकालीन बेंच ने कहा कि टैक्सी ऑपरेटर नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल के सामने अपना मामला रख सकते हैं, वह उनकी त्वरित सुनवाई करेगा।
टैक्सी संचालकों को हिमाचल प्रदेश सरकार से समर्थन मिला है, जिसका कहना है कि एनजीटी के निर्देशों के अनुरुप चलने में बहुत सारी समस्याएं हैं।