शादी की आड़ में हो रही है हिमाचल की बेटियों की तस्करी?

इन हिमाचल डेस्क।। प्रदेश के सिरमौर जिले के शिलाई में बेटियों को शादी की आड़ में यूपी और हरियाणा भेजने का गोरखधंधा चल रहा है। हिंदी अखबार अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक गरीबी और अशिक्षा की वजहों से यहां के लोग चंद रुपयों में अपनी बेटियों को शादी के नाम पर अधेड़, तलाकशुदा या नाकाबिल लोगों को बेच रहे हैं। यहां पर यह धंधा कई सालों से चल रहा है।

अखबार ने लिखा है कि जिन बेटियों को इस तरह से बेचा जाता है, वे न तो कभी पुलिस में शिकायत कर पाती हैं और न ही कहीं और मदद की गुहार लगा पाती हैं। कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जहां लड़कियों को आगे से आगे किसी और को बेच दिया गया या देह व्यापार में धकेल दिया गया। यह जानकारी प्रदेश सरकार की ही एक रिपोर्ट में हुआ है।

सांकेतिक तस्वीर।

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एकीकृत बाल विकास परियोजना की रिपोर्ट में पिछले ढाई सालों का रेकॉर्ड है। इस इलाके में पिछले 10 सालों में पुलिस ने मानव तस्करी के 2 दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं।

सांकेतिक तस्वीर

इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि असल मामलों की संख्या कहीं ज्यादा होगी। अभिभावक भी शिकायत नहीं करते, जिस वजह से आरोपियों को उनके किए की सजा नहीं मिल पाती।

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पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा में लिंगानुपार खराब है। ऐसे में वहां पर बाहरी राज्यों से गरीब परिवारों की लड़कियों को खरीदकर लाने और शादी के नाम पर गुलाम बनाकर रखने का चलन देखने को मिला है। कई रिपोर्ट्स आ चुकी हैं, जिनमें पता चला है कि ऐसी लड़कियां नारकीय जीवन जी रही हैं।

यूपी में हुए रेल हादसे में हिमाचल ने खोया सेना में लेफ्टिनेंट 24 साल का बेटा

एमबीएम न्यूज नेटवर्क, मंडी।। रविवार को कानपुर देहात में हुए दिल-दहलाने वाले रेल हादसे में हिमाचल प्रदेश को भी झटका लगा है। मंडी जिले की भरनाल पंचायत के कोलनी गांव के नरेंद्र कुमार इस हादसे की चपेट में आ गए। 24 साल के नरेंद्र सेना में लेफ्टिनेंट थे।

मिल्खी राम के बेटे नरेंद्र ने चार साल पहले कॉलेज की पढ़ाई पूरी करके सेना जॉइन की थी। देहरादून से ऑफिसर ट्रेनिंग के बाद कुछ महीने पहले ही उन्होंने रेजिमेंट जॉइन की थी। अपने साथियों के साथ वह सफर कर रहे थे कि ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गई। बचाव दल ने जब तक उन्हें बाहर निकाला, वह दम तोड़ चुके थे।

नरेंद्र की एक पुरानी तस्वीर (MBM News Network)

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जेब से निकले पहचानपत्र के आधार पर रेलवे ने सेना को सूचित किया, जिसके बाद सेना की टीम ने शव को कब्जे मे ंलेकर परिजनों को सूचित किया। खबर मिलते ही इलाके में शोक लहर छा गई। नरेंद्र के पिता मिल्खी राम ने बताया कि दो दिन पहले ही उनके बेटे ने पूरे परिवार से बात की थी।

पिता पर लगा बेटी के शारीरिक शोषण का आरोप

चंबा।। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के सलूणी इलाके में एक दुखद घटना सामने आई है। एक शख्स पर अपनी ही बेटी का शारीरिक शोषण करने का आरोप लगा है। बच्ची की मां की शिकायत के आधार पर किहार पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।

पुलिस स्टेशन किहार के ए.एस.आई. जगदीश चंद की अगुवाई में नाबालिग लड़की को अदालत में पेश किया गया, जहां उसने अपने साथ घटी घटना के बारे में पूरी जानकारी दी। पंजाब केसरी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक एएसपी चम्बा वीरेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि लड़की की मां ने पुलिस को बताया है कि उसके पति ने अपनी बेटी के साथ मार्च माह में रात के समय अश्लील हरकतें करने के साथ-साथ उसका शारीरिक शोषण किया।

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लड़की का कहना है कि पिता ने इस घटना के बारे में जानकारी देने पर जान से मारने की धमकी भी दी। यही कारण है कि उक्त लड़की कई महीने कुछ नहीं बोली, लेकिन हाल ही में लड़की ने अपने साथ घटी घटना के बारे में जानकारी दी।

एएसपी ने बताया कि महिला ने इस मामले को लेकर अदालत में मामला दर्ज करने के लिए अनुरोध किया जिस पर माननीय अदालत ने पुलिस को इस मामले को दर्ज करने के आदेश जारी किए। पुलिस ने पति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 व 506 तथा पोक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

पुलिस ने मामले के आरोपी को दबोचने के लिए जगह-जगह पर छापामारी प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसी के चलते पुलिस ने सोमवार को कई स्थानों पर दबिश दी लेकिन आरोपी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही वह सलाखों के पीछे होगा।

चिंतपूर्णी मंदिर में बड़े नोटों को चढ़ावे के छोटे नोटों से बदलने का मामला

ऊना।। पूरे देश से ऐसी खबरें आ रही हैं कि पुराने 500 और 1000 रुपये के नोटों को खपाने के लिए मंदिरों और अन्य धार्मिक संस्थाओं का सहारा लिया जा रहा है। कई जगहों पर काले धन वाले बैंक के चढ़ावे के लिए आई रकम से नोट बदलवा रहे हैं। इस बीच हिमाचल प्रदेश के माता चिंतपूर्णी मंदिर को लेकर भी चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।

मीडिया और सोशल मीडिया पर एक ऐसा ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें मंदिर के क्लर्क, अधिकारी और बैंक कर्मी के बीच की बातचीत है। विभिन्न अखबारों की रिपोर्टिंग के मुताबिक बैंक के क्लर्क पर 500 और 1000 रुपये के नोटों के बदले छोटे नोट देने के लिए कहा जा रहा था, लेकिन उसने इनकार कर दिया। इस पर मंदिर के ही अधिकारी ने न सिर्फ उसे धमकाया बल्कि गाली-गलौच भी की। इन हिमाचल इस ऑडियो टेप की पुष्टि नहीं करता, मगर विभिन्न स्थापित अखबारों ने इसे प्रकाशित किया है। हम आपको हिंदी अखबार ‘अमर उजाला’ के हवाले से उस ऑडियो के कुछ अंश सुना रहे हैं।

इस बीच ऊना के डीसी विकास लाबरू ने कहा है, ‘मैंने तहसील दार और एक असिस्टेंट टेंपल ऑफिसर (महिला) को हटा दिया है, कथित तौर पर बड़े नोटों को 100 रुपये के नोटों से बदलने में शामिल थी। जांच बिठा दी गई है औऱ सख्त ऐक्शन लिया जाएगा।’

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वीरभद्र के प्राइवेट सेक्रेटरी की जांच करने वाले अफसर का बॉर्डर एरिया में ट्रांसफर

शिमला।। हिमाचल प्रदेश पुलिस के ऑफिसर भूपिंदर नेगी ने शिमला में इन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) में डेप्युटेशन के दौरान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के प्राइवेट सेक्रेटरी सुभाष आहलूवालिया के खिलाफ जांच शुरू की थी। अब डेप्युटेशन खत्म होने पर जब भूपिंदर नेगी ने राज्य पुलिस में ड्यूटी जॉइन की, उन्हें तबादला चंबा के किहार में बॉर्डर एरिया में कर दिया गया है।

यूं तो राज्य सरकार के कर्मचारियों को प्रदेश में कभी भी कहीं भी ड्यूटी करनी पड़ सकती है, मगर जिस तरीके से भूपिंदर नेगी को किहार भेजा गया है, उस पर सवाल उठाए जा रहे हैं। नेगी ने अगस्त 2016 में ED में डेप्युटेशन पूरा करने के बाद राज्य पुलिस में वापसी की थी। उन्होंने पुलिस मुख्यालय में जॉइन किया था, मगर तुरंत ही उन्हें ऊना जिले के बनगढ़ में फर्स्ट इंडिया रिजर्व बटालियन (IRB) में ट्रांसफर कर दिया गया।

भूपिंदर नेगी
भूपिंदर नेगी

नेगी ने ऊना में जॉइन किया ही था कि फर्स्ट IRB के कमांडेंट एस.आर. राणा ने 5 नवंबर, 2016 को उन्हें किहार सेक्टर में ‘सेक्टर इंचार्ज’ के तौर पर ड्यूटी जॉइन करने का आदेश दिया। राणा ने अपने इस ऑर्डर में एडीजी पुलिस (आर्म्ड पुलिस ऐंड ट्रेनिंग) शिमला का जिक्र करते हुए कहा था कि आदेशों को उन्होंने पास कर दिया है।

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक जब डीजीपी संजय कुमार से बात की गई तो उन्होंने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि नेगी को किहार भेजा जाना रुटीन मामला है। संजय ने कहा, ‘चूंकि फर्स्ट IRB चंबा और जम्मू-कश्मीर की बॉर्डर की निगरानी कर रही है, इसलिए वहां पर एक सेक्टर इंचार्ज होना चाहिए। जब से केंद्र ने यहां से सीआरपीएफ को हटाया है, हिमाचल पुलिस ने फर्स्ट IRB को यह काम सौंपा है।’

इंडियन एक्सप्रेस ने अंदरूनी सूत्रों के हवाले से बताया है कि राणा को को टॉप रैंकिंग ऑफिसर से निर्देश मिले थे कि नेगी की नई पोस्टिंग ऊना से बाहर कर दी जाए और बॉर्डर एरिया उनके लिए ठीक रहेंगे। राणा के आदेश में कहा गया है, ‘ऑफिसर (नेगी को) को डेस्टिनेशन (किहार) में छोड़ने के बाद ड्राइवर तुरंत बटालियन के हेडक्वॉर्टर्स में रिपोर्ट करे। नेगी डेप्युटी कमांडेंट कुलवंत सिंह को तुरंत प्रभाव से रिलीव करेंगे।’

हिमाचल पुलिस सर्विसेज के ऑफिसर नेगी ने ईडी में असिस्टेंट डायरेक्टर रहते हुए सुभाष आहलूवालिया के खिलाफ प्रारंभिक जांच की थी। आहलूवालिया फेमा 1999 के तहत आरोपों का सामना कर रहे थे। आहलूवालिया रिटायर्ड IAS अफसर हैं, जो मुख्यमत्री के प्रिंसिपल प्राइवेट सेक्रेटरी के तौर पर दूसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। वह मुख्यमंत्री के खासमखास माने जाते हैं।

500 और 1000 के नोट बंद होने से हिमाचल में इनकी उड़ गई नींद

शिमला।। काले धन पर लगाम कसने के इरादे से बंद किए गए 500 और 1000 के नोटों का असर हिमाचल में भी देखने को मिलेगा। वैसे तो यहां पर कई तरह के गोरखधंधों में लगे लोगों के पास काला धन है, मगर बागवानों ने जो गलत ढंग से पैसा कमा रखा है, उनकी भी पोल खुलेगी।

दरअसल सेब का सीजन खत्म होने के बाद बागवानों के पास जो पैसा आया है, बहुत से लोगों ने अभी घर पर ही रखा है। जिनके अपने बागीचे हैं, उनके लिए तो टेंशन की कोई बात नहीं, क्योंकि सेब से हुई कमाई टैक्स फ्री है। इसलिए वे अपने पैसे को अपने बागीचों से हुई आमदनी हुई दिखाकर बैंक में जमा करवा सकते हैं और बाद में नए करंसी नोट  ले सकते हैं। मगर इन लोगों के बीच कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने सरकारी जमीन पर कब्जा करके सेब के पेड़ लगाए हुए हैं और उन्हें बेचकर गैर-कानूनी ढंग से पैसा कमाया है। इस तरह के लोग अपना पैसा बैंक में जमा करवाने से हमेशा से कतराते हैं, क्योंकि उन्होंने दिखाना पड़ेगा कि कमाई कहां से हुई। चूंकि उनके अपने बागीचे नहीं हैं, इसलिए वे सरकारी जमीन को शो नहीं कर सकते। इसलिए वे अपने पैसे को घर पर ही रखते हैं। अब इन लोगों के होश उड़ गए हैं।

हिमाचल प्रदेश में करोड़ों का कारोबार होता है।
हिमाचल प्रदेश में करोड़ों का कारोबार होता है।

हिमाचल प्रदेश में हर साल सेब से 2500 से 3500 करोड़ रुपये तक का कारोबार होता है जो हर साल फसल के हिसाब से बदलता रहता है। इस कारोबार से कई लोग जुड़े हैं। लाखों लोग इस कारोबार से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं। यहां पर 96 फीसदी बागवान और किसान छोटे स्तर पर बागवानी या खेती करते हैं और 4 फीसदी बागवान ही बड़े हैं। इनमें भी कुछ ऐसे हैं, जिन्होंने सरकारी या जंगलात की जमीन पर कब्जा किया हुआ है। ऐसे लोग कमाई को घर पर ही रखते हैं, जिसमें 500 और 1000 के नोट होते हैं। अब उन्हें नोट बदलवाने होंगे तो दिखाना होगा कि कमाई कहां से हुई। अगर वे जंगल की जमीन को अपने बागीचों में शो करेंगे, तब भी फंसेंगे और अगर कम बाग दिखाकर ज्यादा आय दिखाएंगे तब भी फंसेंगे। अगर वे फंसने से बचने के लिए इस पैसे को नहीं बदवाते हैं तो उनका पैसा अपने पास बर्बाद हो जाएगा और काला धन खत्म हो जाएगा।

भांग और चरस कारोबारियों की भी नींद उड़ी
ऐसी ही हालत नंबर 2 का धंधा करने वालों की होगी। जो लोग चरस और गांजे के काले कारोबार से जुड़कर करोड़ों कमाकर बैठे हैं, अगर उनके पास भी कैश हुआ तो वे अपनी इनकम शो नहीं कर पाएंगे। इसी तरह से जमीन की डील करने में ऊपर से जो पैसों का लेन-देन होता है, उनकी भी हालत पतली हो जाएगी। यह पैसा दरअसल सरकार की नजर में आता ही नहीं था और गुप-चुप तरीके से इसका लेन-देन होता रहता था। इसी पर नकेल कसने के लिए सरकार ने तुरंत इन नोटों को बंद करवा दिया है। जिनके पास मेहनत की कमाई है, उन्हें दिक्कत नहीं है। मगर काले कारोबारियों की नींद उड़ गई है कि इस पैसे क्या करेंगे।

एक ही कमरे में चल रही हैं 5 कक्षाएं, मात्र 2 अध्यापकों के भरोसे है स्कूल

मंडी।। यूं तो प्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र में झंडे गाड़ देने के दावे करती है, मगर जमीनी हकीकत चौंकाने वाली है। स्कूलों पर स्कूल खोल दिए गए और कुछ तो स्ट्रेंग्थ न होने के कारण बंद भी करने पड़े। मगर एक स्कूल ऐसा है, जहां एक ही कमरे में 5 क्लासें चल रही हैं और दफ्तर का काम भी यहीं होता है।

सरकाघाट उपमंडल के तहत एक प्राइमरी स्कूल है- कलखर 2. यहां पर अध्यापकों की कमी के कारण बच्चे स्कूल छोड़कर अन्य स्कूलों का रुख कर रहे हैं। यह स्कूल 1962 में बना था और आज एक ही कमरे में चल रहा है। दरअसल स्कूल का एक ही कमरा ठीक हालत में है और बाकी की इमारत कभी भी धराशायी हो सकती है।

वैसे तो पूरी इमारत को ही अनसेफ घोषित कर दिया गया है, मगर अध्यापक करें तो क्या। उन्हें इस कमजोर हो चुके भवन का ही एक कमरा इस्तेमाल करना पड़ रहा है।

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साभार: पंजाब केसरी

‘पंजाब केसरी’ अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक एक कमरे में ही कार्यालय भी चल रहा है और क्लास भी। बाकी बच्चे खुले आसमान के नीचे धूल के मैदान पर बैठे हैं। धूप में तो बच्चे बाहर बैठ सकते हैं, मगर मौसम खराब होने पर सभी बच्चों को एख ही कमरे में ठूंस दिया जाता है। ऐसे में पढ़ाई क्या होती होगी, आप अंदाजा लगा सकते हैं।

अखबार से बात करते हुए स्कूल के जूनियर टीचर दिनेश कुमार ने बताया कि अब तो उन्हें इस बात की आदत सी हो गई है. क्योंकि स्कूल का यह माहौल बीते कई सालों से ऐसा ही है।

प्राइमरी स्कूल कलखर-2 में इस वक्त पहली से लेकर पांचवीं क्लास तक 20 छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। स्कूल में अध्यापक भी दो ही हैं। पुराने भवन को गिराकर नया भवन बनाने की बातें तो हो रही हैं, मगर न जाने फाइलें कहां धूल फांक रही हैं। इस बीच न जाने कितने ही बच्चों का भविष्य बर्बाद हो जाएगा।

हिमाचल में टीचर बनने चले लोगों की यह है हालत, देखें टेट का रिजल्ट

धर्मशाला।। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने सोमवार को 5 विषयों में टेट (HPTET) का परिणाम घोषित कर दिया। यह परीक्षा 4, 10 और 11 सितम्बर को प्रदेशभर में आयोजित की गई थी। परीक्षा परिणाम बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है।

जेबीटी में 42.13 पर्सेंट, शास्त्री विषय में 47.93, नॉन मेडिकल टीजीटी में 12.03, एलटी में 19.12, टीजीटी आर्ट्स में 36.35 और टीजीटी मेडिकल में 3.66 प्रतिशत उम्मीदवार पास हुए हैं।

सांकेतिक तस्वीर

इस परीक्षा के लिए 66,647 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, जिनमें से 62,824 परीक्षा में अपियर हुए। बोर्ड की लोक संपर्क अधिकारी के मुताबिक अस्थायी उत्तर कुंजी की आपत्तियों के बाद विशेषज्ञों से समीक्षा करवाने के बाद परिणाम जारी किया गया है। इस परिणाम से जुड़ी जानकारी फोन नम्बर 01892-242192 पर हासिल की जा सकती है।

रोड सेफ्टी कैंपेन के तहत बाइक रैली का आयोजन करेगा पालमपुर बाइकर्स क्लब

पालमपुर।। सामाजिक चेतना लाने के काम में जुटे पालमपुर के युवा बाइकर्स के क्लब ‘पालमपुर बाइकर्स क्लब’ ने एक नई मुहिम शुरू की है। जगह-जगह टूरिस्ट्स के घूमने वाली जगहों की सफाई करने और डस्टबिन लगाने के बाद अब इस क्लब ने रोड सेफ्टी को लेकर जागरूकता फैलाने का अभियान चलाया है।

पालमपुर बाइकर्स क्लब ‘PBC रोड सेफ्टी कैंपेन’ के तहत 12 नवंबर, 2016 को पालमपुर में बाइक रैली का आयोजन करने जा रहा है। इसके लिए क्लब ने सभी लोगों को न्योता भेजा है। इच्छुक लोग palampurbikersclub@gmail.com पर ईमेल करके हिस्सा ले सकते हैं।

12 नवंबर को दोपहर 2.30 तक न्यूगल कैफे में इकट्ठा होना होगा और 3 बजे रैली स्टार्ट होगी। पालमपुर मार्केट, नए बस स्टैंड, घुग्गर और SSB चौक होते हुए यह रैली दोबारा न्यूगल कैफे पर आकर खत्म होगी। करीब एक घंटे की इस रैली को निकालकर लोगों को रोड सेफ्टी के प्रति जागरूक करने की कोशिश की जाएगी।

रैली का शेड्यूल।
रैली का शेड्यूल।

गौरतलब है कि बाइकर्स क्लब होने के बावूजद इससे जुड़े लोग विभिन्न सामाजिक गतिविधियों में लगे रहते हैं। अक्सर लोग कुछ जगहों पर कचरा फेंककर चले जाते हैं। ऐसी ही जगहों की खूबसूरती बनी रहे, इसके लिए वक्त-वक्त पर क्लब के सदस्य सफाई अभियान चलाते हैं और उन जगहों पर डस्टबिन इंस्टॉल करते हैं।

क्लब की गेट टुगेदर के दौरान परफॉर्म करके कलाकार।
क्लब की गेट टुगेदर के दौरान परफॉर्म करके कलाकार।

क्लब के सदस्य हर साल गेट-टुगेदर भी आयोजित करते हैं। इस साल भी इसी तरह का आयोजन दिवाली से एक रात पहले किया गया था, जिसमें स्थानीय कलाकारों को परफॉर्म करने का अवसर दिया गया था।

बस हादसे में जख्मी मां मौत के मुंह से निकाल लाई अपने बच्चों को

एमबीएम न्यूज नेटवर्क, मंडी।। बिंद्रावणी सड़क हादसे से अब भी प्रदेश गमगीन है। इस बीच एक ऐसी खबर आई है, जो थोड़ी राहत देती है। तस्वीर में आप जिस महिला को देख रहे हैं, उसकी बहादुरी की जितनी इज्जत की जाए, उतनी कम है। दरअसल बच्चों के प्रति मां के प्रेम की मिसाल दी है इन्होंने।

25 साल की मेनका देवी उस अभागी बस में अपनी 4 साल की बेटी बेटी वंशिका और 10 माह के बेटे ललित के साथ घर लौट रही थीं। तभी हादसा हुआ और बस गिर गई।

मेनका देवी अपनी बच्ची के साथ (Image: MBM News Network)
मेनका देवी अपनी बच्ची के साथ (Image: MBM News Network)

मेनका के बच्चे तो ब्यास में जा गिरे, मगर वह सीट में फंस गईं। मगर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। लहूलुहान थी, फिर भी पानी में कूदकर पहले बेटी को बचाया और फिर कपड़ों और प्लास्टिक के बैग में रखकर अपने 10 माह के बच्चे को पानी से बाहर निकाल लाईं।

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मेनका ने अपने बच्चों को सुरक्षित नदी के किनारे पहुंचाया और वहीं पर बेहोश हो गईं। अस्पताल में जब उन्हें होश आया तो पहला सवाल यही था कि मेरे बच्चे कहां हैं, उन्हें मैंने पानी से निकाल लिया था।

अस्पताल में हर कोई उस वक्त भावुक हो गया, जब पंडोह के हरीश कुमार ने अपनी गोद से बेटी वंशिका को मां की गोद में सौंपा। जख्मी हालत में मेनका ने जब अपनी बच्ची को दुलारना शुरू किया, हर किसी की आंखें नम हो उठीं।

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