हिमाचल प्रदेश के 10 लोग, जो साल 2016 में चर्चा में रहे

इन हिमाचल डेस्क।। साल 2016 खट्टी-मीठी यादें देकर गुजरने वाला है। साल के खत्म होने पर हम लाए हैं 10 ऐसे हिमाचली लोगों की लिस्ट, जो किन्हीं वजहों से चर्चा में रहे। नंबर सिर्फ गिनती के लिए दिए गए हैं, इन्हें रैंकिंग न समझें। देखें:

1. बक्शो देवी
ऊना जिले की यह बेटी गाल ब्लैडर में स्टोन होने के बावजूद 5000 मीटर यानी 5 किलोमीटर की रेस दौड़ी और गोल्ड मेडल भी हासिल किया। वह नंगे पैर दौड़ी और दर्द होने की वजह से उसने पेट पकड़ा हुआ था। वैसे तो यह रेस 22 दिसंबर, 2015 को दौड़ी गई थी, मगर साल 2016 के शुरुआती महीनों में वह मीडिया में बनी रही। हिमाचल को ऐसी प्रतिभाओं से बहुत उम्मीदें हैं।

बक्शो देवी
बक्शो देवी

2. मनोज ठाकुर
हिमाचल प्रदेश पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल मनोज ठाकुर का एक विडियो वायरल हो गया, जिसमें वह हिंदुस्तान तो होगा, मगर पाकिस्तान नहीं होगा शीर्षक वाली कविता पढ़ रहे थे। वैसे तो यह कविता एक बाल साध्वी पढ़ चुकी थी पहले ही, मगर भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी बढ़ने के बीच मनोज की यह कविता सोशल मीडिया पर हिट हो गई। आलम यह रहा कि मनोज को पाकिस्तान से धमकियां आने लगीं। मगर मनोज टीवी चैनलों के स्टूडियों में जाकर अब कविताएं पढ़ते है और सेलिब्रिटी बन गए हैं।

मनोज ठाकुर
मनोज ठाकुर

3. अजय ठाकुर
हिमाचल के नालागढ़ में जन्मे अजय ठाकुर इंटरनैशनल कबड्डी खिलाड़ी हैं। वह 2016 कबड्डी वर्ल्ड कप फाइनल के स्टार प्लेयर रहे। भारत ने उनके शानदार प्रदर्शन की बदौलत वर्ल्ड कप 2016 जीतने में कामयाबी पाई।

अजय ठाकुर
अजय ठाकुर

4. एसपी सौम्या सांबशिवन
सिरमौर जिले की एसपी सौम्या सांबशिवन तेज-तर्रार पुलिस ऑफिसर हैं। सौम्या के नाम से ही अपराधी खौफ खाते हैं। दरअसल उन्होंने सिरमौर जिले माफियाओं की कमर तोड़कर रख दी है। फिर वे शराब माफिया हों, खनन माफिया या फिर ड्रग्स माफिया। इसके अलावा वह पुलिस थानों को कसकर रखने और पेचीदा मामलों को सुलझाने की वजह से भी मीडिया में बनी रहीं।

सौम्या सांबशिवन
सौम्या सांबशिवन

5. एसपी संजीव गांधी
कांगड़ा के एसपी संजीव गांधी ने कांगड़ा में फैले ड्रग्स के कारोबार की रीढ़ तोड़ दी है। ड्रग्स के कई कारोबारी, सप्लायर पकड़े गए। पंजाब से लगते इलाकों से होने वाली तस्करी पर भी लगाम कसने में उनकी कार्यशैली ने बड़ी भूमिका निभाई है। स्कूल-कॉलेजों तक पहुंच चुकी इस धंधे की जड़ों को कमजोर करने में वह काफी हद तक कामयाब रहे हैं और अभियान अभी भी जारी है।

संजीव गांधी।
संजीव गांधी।

6. एएसपी गौरव  सिंह
बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ में लंबे समय से अवैध खनन चल रहा है और इसे राजनेताओं की शह मिली हुई है। खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने पर एएसपी गौरव सिंह का तबादला कर दिया गया था। उन्होंने एक ट्रक पर कार्रवाई की थी और 3 दिन बाद ट्रांसफर हो गया था, क्योंकि जिस ट्रक का चालान किया गया, वह दून के विधायक राम कुमार की पत्नी कुलदीप कौर का था। विधायक पहले भी 3 बार ट्रांसफर का डीओ दे चुके थे। हालांकि बाद में मामला सोशल मीडिया पर उठा और गौरव सिंह हीरो बन गए। हाई कोर्ट ने भी सरकार से तबादले को लेकर जवाब तलब किया था।

गौरव सिंह
गौरव सिंह

7. ऋषि धवन
हिमाचल प्रदेश के क्रिकेट ऋषि धवन आईपीएस में तो लंबे समय से खेल रहे हैं, मगर इस साल उन्हें टीम इंडिया की तरफ से खेलने का मौका मिला। ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए चुने गए धवन ने अपना पहलाल वनडे इंटरनैशनल मैच 17 जनवरी को मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला।

ऋषि धवन
ऋषि धवन

8.  कंगना रणौत
फिल्मों और ऐक्टिंक के बजाय इस साल कंगना रणौत एक गलत वजह से चर्चा में रहीं। ऋतिक रोशन को दिया उनका एक बयान बवाल खड़ा कर गया। उन्होंने ऋतिक को अपना एक्स क्या बताया, मामला तूल पकड़ गया। ऋतिक ने इसका खंडन किया और अब दोनों के बीच कानूनी खींचतान जारी है। इस बीच कंगना के एक्स बॉयफ्रेंड अध्ययन का इंटरव्यू सामने आया, जिसमें कंगना पर काला जादू करने का आरोप लगाया गया था।
kangna

9. अनुराग ठाकुर
इस साल अनुराग ठाकुर बीसीसीआई के प्रेजिडेंट बने। इसके अलावा वह धर्मशाला में पाकिस्तान के साथ मैच करवाने को लेकर भी चर्चा में रहे। वह मैच धर्मशाला में करवाना चाहते थे, लेकिन हिमाचल में पूर्व सैनिकों और शहीदों के परिजनों के विरोध का सामना करना पड़ा। कांग्रेस सरकार ने भी सुरक्षा देने से हाथ खड़े कर दिए, जिससे इस मैच को कोलकाता शिफ्ट करना पड़ा था। साल के आखिर में सुप्रीम कोर्ट ने अनुराग ठाकुर को सख्त लहजे मे ंकहा कि अगर लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के मामले में आपने झूठ बोला होगा तो जेल जाना होगा।
अनुराग ठाकुर

अनुराग ठाकुर

10. नीरज भारती
सीपीएस एजुकेशन और ज्वाली से विधायक नीरज भारती इस साल भी फेसबुक पर अभद्र भाषा इस्तेमाल करने के मामले में चर्चित रहे। इसके अलावा उन्होंने अपनी ही पार्टी की सरकार में सीनियर मत्री पर व्यक्तिगत हमलों का सिलसिला भी शुरू किया, जिसमें पार्टी के अन्य नेताओं को दखल देना पड़ा। यह सिलसिला अब भी बरकरार है।

नीरज भारती
नीरज भारती

यहां क्लिक करके देखें साल 2016 के टॉप-5 हिमाचली म्यूजिक विडियो

इनकम टैक्स मामले में वीरभद्र सिंह, प्रतिभा और विक्रमादित्य को हाई कोर्ट का झटका

शिमला।। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमत्री वीरभद्र सिंह, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह और बेटे विक्रमादित्य को हाई कोर्ट से झटका मिला है। तीनों ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के उन आदेशों की चुनौती दी थी, जिनके तहत उनके द्वारा फाइल किए गए इनकम टैक्स रिटर्न का दोबारा असेसमेंट होना है। हाई कोर्ट ने तीनों की अलग-अलग याचिकाओं को खारिज कर दिया गया है।

हिंदी अखबार अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस संजय करोल और जस्टिस विवेक सिंह ठाकुर की बेंच ने मामले से जुड़े रेकॉर्ड देखने के बाद कहा कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के कमिश्नर के आदेश कानूनी रूप से सही हैं और इनमें किसी तरह का फेरबदल करना सही नहीं होगा। इस मामले में कानूनी प्रक्रिया में कोई खामी नहीं पाई गई है। कोर्ट ने कहा कि आप अपने मामले को उसी सक्षम के सामने उठा सकते हैं, जिसके पास आपके खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है।

वीरभद्र सिंह
वीरभद्र सिंह

दरअसल फाइनैंशल इयर 2012-2013 में वीरभद्र सिंह, प्रतिभा सिंह और विक्रमादित्य सिंह ने अपनी कुल इनकम का ब्योरा इनकमटैक्स डिपार्टमेंट को देते हुए रिटर्न फाइल किया। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस रिटर्न में खामियां पाईं और इसे रिजेक्ट करते हुए तीनों को कारण बताओ नोटिस जारी किया। 24 नवंबर, 2016 को इनकम टैक्स कमिश्नर ने रिटर्न का दोबारा असेसमेंट करने के आदेशों के खिलाफ वीरभद्र, प्रतिभा और विक्रमादित्य द्वारा दायर आपत्तियों को खारिज कर दिया। इसके बाद तीनों ने हाई कोर्ट में अलग-अलग याचिकाओं के जरिए इस आदेश को चुनौती दी थी।

हंसराज रघुवंशी की आवाज में हिमाचली गाना- अम्मा जी, मा नी जाणा सौरेयां दे देश

इन हिमाचल डेस्क।। हिमाचल में टैलंट की कोई कमी नहीं है। अच्छी बात यह है कि अब यह टैलंट उभरकर सामने आ रहा है। म्यूजिक की बात करें तो अब कई सारे नए कलाकार आगे आए हैं। इसी कड़ी में अब हिमाचल का एक और हीरा चमकता हुआ नजर आ रहा है। नाम है- हंसराज रघुवंशी। (गाना आखिर में है)

इस नवोदित कलाकार का गाना लोगों को बहुत पसंद आ रहा है। यूट्यूब पर हाल ही में रिलीज हुए इस हिमाचली गीत का न सिर्फ संगीत अच्छा है बल्कि लीरिक्स, गायन और फिल्मांकन भी शानदार है। गाने का नाम है- अम्मा। जय बालाजी म्यूजिक की ओर से रिलीज इस गाने को आवाज दी है हंसराज रघुवंशी ने।

इस गाने में एक बेटी अपनी मां से कह रही है कि उसका ससुराल जाने का बिल्कुल मन नहीं कर रहा। दरअसल यह दिखाता है कि बेटियों के लिए शादी के बाद मायका छोड़कर ससुराल जाना कितना मुश्किल होता है। एक ओर वो अपने पिया के यहां जा बसने को लेकर उत्साहित होती है मगर मां-बाप, भाई-बहन, मकान- सबको छोड़कर जाने का सोचकर ही उसका दिल भारी हो जाता है।

बेटियों के इसी दर्द को हंसराज की आवाज ने बहुत खूबसूरती से इस गाने में पिरो दिया है। हंसराज की आवाज और अंदाज हिमाचल के स्थापित गायकों से अलग है और ताजगी भरा एहसास देती है।

म्यूज़िक परमजीत पम्मी का है जबकि गाने के बोल हंसराज ने ही लिखे हैं। इससे संकेत मिलते हैं कि हिमाचल प्रदेश को एक नई प्रतिभा मिली है जो बहुत आगे तक जाने की क्षमता रखती है। बहरहाल, यह गाना लोगों को कितना भाता है यह आने वाले कुछ दिनों में पता चलेगा। आप गाना सुनें और बताएं, कैसा लगा।

ऐसे जानें, हिमाचल के विधायक विधानसभा में क्या करते हैं, क्या बोलते हैं

0

इन हिमाचल डेस्क।। हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन का प्रश्नकाल शोर-शराबे की भेंट चढ़ गया। जिस दौरान जनता से जुड़े सवाल और मुद्दे उठाए जाने थे, वह वक्त आया ही नहीं। अक्सर यही होता आया है हिमाचल प्रदेश विधानसभा में। सरकार किसी की भी हो, विपक्ष अक्सर बायकॉट करता नजर आता है। कभी इस मुद्दे पर तो कभी उस मुद्दे पर। अंदर क्या होता है, इसका सही विवरण कभी भी अखबारों के जरिए सामने नहीं आता। ऐसा इसलिए, क्योंकि हर संवाददाता एवं हर संस्थान के संपादकों आदि का अपना राजनीतिक रुझान होता है। ऐसे में बहुत कम ऐसा हो पाता है कि कोई तटस्थ रिपोर्टिंग करे। इसीलिए एक अखबार की रिपोर्ट से लगता है कि कार्यवाही सत्ता पक्ष की वजह से नहीं चल सकी तो दूसरे अखबार से लगता है कि विपक्ष ने व्यवधान डाला।

कोई क्यों हंगामा कर रहा है, किस बात को लेकर वॉकआउट कर रहा है, जनता को यह जानना जरूरी है। मगर सदन में होता कुछ है और बाहर आकर नेता बयानबाजी कुछ और करते हैं और ज्यादातर अखबार असल मुद्दे को उठाए बिना उन बयानों को प्राथमिकता दे देते हैं। ऐसे में जनता को कैसे पता चले कि विधानसभा की कार्यवाही के दौरान क्या हुआ, किसने क्या कहा। वैसे तो व्यवस्था यह होनी चाहिए कि जिस तरह से लोकसभा एवं राज्यसभा की कार्यवाही लाइव दिखाई जाती है, उसी तरह विधानसभा की कार्यवाही का भी सीधा प्रसारण सभी मंचों पर हो। लाइव स्ट्रीमिंग और इंटरनेट का दौर है। यूट्यूब स्ट्रीमिंग या फिर फेसबुक लाइव के जरिए भी यह काम किया जा सकता है ऑफिशल चैनल या पेज बनाकर। इससे जनता देख सकेगी कि उनके प्रतिनिधि, उनके चुने विधायक अंदर कर क्या कर रहे हैं। कैसा आचरण है उनका अंदर और कैसे वे बात करते हैं।

vs

यह व्यवस्था न जाने कब होगी, मगर तब तक एक वैकल्पिक तरीका अपनाया जा सकता है। दरअसल हिमाचल प्रदेश विधानसभा की वेबसाइट पर नोटिस में जाकर आप देख सकते हैं शाम को कि दिन में क्या कार्यवाही हुई। दरअसल कार्यवाही के दौरान जो कोई सदस्य कुछ भी कहता है, उसे रेकॉर्ड कर लिया जाता है, लिख लिया जाता है। इसी को प्रकाशित किया जाता है। इसमें से कुछ अंश (जिन्हे असंसदीय शब्द कहा जाता है, जैसे कि अपमानजनक शब्द या गालियां इत्यादि) हटा दिए गए होते हैं, मगर आपको आइडिया तो लग ही सकता है कि अंदर क्या बात हुई और किसने क्या बात की। याद रखें, इसके लिए आप http://hpvidhansabha.nic.in/Notice पर जाएंगे और यहां पर आफको Brief of Proceedings नाम से पीडीएफ या वर्ड फाइल मिलेगी। यह कार्यवाही का संक्षिप्त ब्योरा है एक समाचार के तौर पर। मगर आप वेबसाइट पर Notice टैब में स्क्रॉल में Brief of Proceedings के आगे Unedited लिखा देखेंगे। इसे खोलकर आप दिनांक के हिसाब से देख सकेंगे कि कार्यवाही के दौरान किसने क्या कहा। इसमे सुधार नहीं किए गए होते और एडिट भी नहीं होती, इसलिए इसे प्रकाशन के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता। मगर यह जनता के लिए बहुत उपयोगी है। आज की कार्यवाही की अनएडिटेड फाइल को नीचे दे रहे हैं। आप पेज आगे बढ़ाकर देख सकते हैं कि किसने क्या कहा, कब कार्यवाही स्थगित की गई।

[pdf-embedder url=”https://inhimachal.in/wp-content/uploads/2016/12/VBS.pdf” title=”विधानसभा की कार्यवाही”]

 

सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने के आरोप में घिरे अनुराग ठाकुर, जाना पड़ सकता है जेल

इन हिमाचल डेस्क।। लोढ़ा कमिटी की सिफारिशों को पूरी तरह से लागू करने में आनाकानी कर रही बीसीसीआई को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर बीसीसीआई चीफ अनुराग ठाकुर पर लगे हलफनामे में झूठ बोलने के आरोप साबित हो जाते है तो इसके लिए उन्हें जेल भी जना पड़ सकता है।

दरअसल एमिकस क्यूरी ने अनुराग ठाकुर द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल ऐफिडेविट यानी हलफनामे को गुमराह करने वाला करार दिया है। एमिकस क्यूरी ने बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारियों को पद से हटाए जाने की वकालत की। सुप्रीम कोर्ट ने एमिकस क्यूरी से पूछा कि क्या अनुराग ठाकुर ने कोर्ट के सामने झूठे तथ्य रखे? इस पर एमिकस क्यूरी ने कोर्ट को बताया कि बीसीसीआई प्रमुख ने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में झूठ कहा था। उन्होंने कहा था कि बीसीसीआई चेयरमैन के रूप में शशांक मनोहर से विचार लिया था। अनुराग ठाकुर ने सुधारों की प्रक्रिया में बाधा पहुंचाई।

बीसीसीआई चीफ अनुराग ठाकुर
बीसीसीआई चीफ अनुराग ठाकुर

न्याय सलाहकार (अमिकस क्यूरी) गोपाल सुब्रह्मण्यम ने अनुराग के वकील कपिल सिब्बल से कहा कि आप न्यायालय को गुमराह करना चाहते हैं। इसके बाद कोर्ट ने पूछा कि आपका इरादा क्या है और अपना रुख साफ करें। जब एक बार उच्चतम न्यायालय ने फैसला सुना दिया है, तो आप आईसीसी के पास न्यायिक हस्ताक्षेप के जुड़े सुझावों के लिए आईसीसी के पास क्यों गए।

कोर्ट ने कहा कि अगर आप झूठी बात कहने के आरोपों से बचना चाहते हैं, तो आपको माफी मांगनी चाहिए। आप कोर्ट की सुनवाई में बाधा डाल रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी आपको कोर्ट के फैसले से असहमत होने का अधिकार देती है, उसको लागू होने से रोकने का अधिकार आपके पास नहीं है। उन्होंनी बीसीसीआई के वकील कबिल सिब्बल से दो टूक शब्दों में कहा, आपके क्लाइंट (अनुराग ठाकुर) को जेल चले जाना चाहिए।

चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा कि बीसीसीआई प्रमुख अनुराग ठाकुर पर कोर्ट की अवमानना का केस चलाया जा सकता है और इसके लिए अनुराग ठाकुर जेल भी जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अनुराग ठाकुर समेत बीसीसीआई के उच्चाधिकारियों को हटाकर लोढ़ा कमिटी के सुझावों पर अमल करते हुए एक वर्किंग पैनल लाया जा सकता है। इस मामले में फैसला 2 या 3 जनवरी को सुनाया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने अनुराग को हलफनामे से जुड़े वे पेपर देने के लिए एक हफ्ते का टाइम दिया है, जो डॉक्युमेंट्स में शामिल न हों।

क्या था बिल्ली, पत्थरों, बच्चों और ढोल-नगाड़ों के पीछे का रहस्य?

DISCLAIMER: हम न तो भूत-प्रेत पर यकीन रखते हैं न जादू-टोने पर। ‘इन हिमाचल’ का मकसद अंधविश्वास को बढ़ावा देना नहीं है। हम लोगों की आपबीती को प्रकाशित कर रहे हैं, ताकि अन्य लोग उसे कम से कम मनोरंजन के तौर पर ही ले सकें और कॉमेंट करके इन अनुभवों के पीछे की वैज्ञानिक वजहों पर चर्चा कर सकें।

  • अक्षय वर्मा

‘मेरा नाम अक्षय है और मैं शिमला से हूं और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से बी.कॉम कर रहा हूं। ये घटना मेरे पापा के साथ गांव में हुई थी, जिनका नाम राजेंद्र सिंह वर्मा है। वह सरकारी स्कूल में फिजिकल एजुकेशन के लेक्चरर हैं। यह बात 2011 की है। उन दिनों पापा गांव में थे,  ठियोग में है। नाहोल नाम के गांव में हम अपना नया मकान बनवा रहे थे। मिस्त्री लगे हुए थे और रेता खत्म हो गया। अगर हम शिमला से बाहर से मंगवाते तो 2-3 दिन लग जाते। पापा ने स्कूल से कैजुअल लीव ली हुई थी तो बाद में और छुट्टियां भी नहीं होती। तो तय किया गया कि पास में बहने वाली नदी ‘गिरी गंगा’ का रेता ले आते हैं सिर्फ चिनाई के लिए औऱ प्लास्टर करवाने के लिए बाहर से मंगवा लेंगे।

तो पापा दोपहर में नदी किनारे उश आदमी के पास गए, जिसने रेत-बजरी निकालने का ठेका लिया हुआ था। उससे बातचीत में शाम हो गई और वह वापस आने लगे। बीच में एक गांव आता है- Aloti. जब पापा वहां पहुंचे तो करीब 10 बज गए थे। अंधेरा बहुत था। उन्होंने पेड़ की टहनी तोड़कर एक डंडा बना लिया और साथ में भेड़ की ऊन की बनी लोइ (लोइय़ा) को ओढ़ रखा था। गांव के आदमी ने उन्हें पहचाना और आवाज लगाई कि वर्मा जी रात को कहां जा रहे हो, रुक जाओ आज यहीं। पापा ने कहा कि नहीं, आराम से पहुंच जाऊंगा। मगर आदमी पापा के बचपन का दोस्त था, साथ स्कूल में पढ़े थे। जबरदस्ती ले जाने लगा कि यार इतने दिनों बाद यहां आ रहा है, यहीं रुक जा। मगर पापा नहीं माने और चल दिए वहां से।

gh
सांकेतिक तस्वीर।

रास्ते में ही रात से करीब सवा 11 हो गए थे। गांव से बाहर निकल गए थे सुनसान इलाके में। चारों तरफ सन्ना, हल्की सी चांदनी के सहारे बढ़ रहे थे। कुछ देर आए गए कि उन्हें लगा कि कोई बिल्ली गुजरी उनके पैरों के पास से। उन्होंने सोचा कि ठीक है, गुजरी होगी। थोड़ा आगे गए तो वही बिल्ली कभी उनके आगे दौड़े, कभी दाएं से बाएं रास्ता काटे तो कभी बाएं से दाएं। कभी वह पीछे हो तो कभी टांगों के बीच से दौड़ लगाए। वह परेशान कि हो क्या रहा है। खैर, थोड़ा आगे बढ़े तो उन्हें लगा कि कोई झाड़ी से पत्थर फेंक रहा है उनकी तरफ। पत्थर शियूंsss की आवाज करके कान के आसपास से गुजरें, मगर नजर न आए कुछ भी। वह परेशान कि कहीं कोई पत्थर न लग जाए। मगर उन्हें ये भी लगा कि हो सकता है चमगादड़ वगैरह उड रहे हों अंधेरे में तेजी से।

वह और आगे बढ़े तो उन्हें एक खंडहर दिखाई दिया, जो पिछले कई सालों से वहीं पर है। कभी कोई घर रहा होगा, जो ऐसे ही ढह चुका है और वहां कोई नहीं रहता। मगर वहां से बच्चों के रोने की आवाज आ रही थी। इस मौके पर पापा को अहसास हुआ कि कुछ तो गलत हो रहा है। मगर पापा शुरू से थोड़ा हिम्मती और रौनकी इंसान रहे हैं। घबराहट तो हुई होगी, मगर उसे खुद पर हावी नहीं होने दिया। उन्होंने जोर से कहा- जब बच्चे पालने नहीं आते तो पैद क्यों करते हो, चुप करवाओ इसे। ये बोलते हुए वह आगे बढ़ते रहे। जैसे ही वह उस घर के करीब पहुंचे, अंदर से ढोल-नगाड़ों की आवाज आने लग गई। पापा फिर से बोले, ‘शाबाश, और जोर से बजाओ, सुर ताल के साथ में।’ ऐसा कहते हुए वहां से बढ़ गए, मानो इन सब बातों से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा।

horror
सांकेतिक तस्वीर।

वह आगे बढ़ते गए तो आवाज मानो उन्हें फॉलो कर रही हो। मगर जैसे ही वह गांव के पास पहुंचे, जहां से गांव की सीमा शुरू होती है। वहं पर एक टैंक है पानी का बड़ा सा। वहां से वे आवाजें सुनाई देना बंद हो गईं। अब तक बीच-बीच में जो पत्थर फेंकने की आवाजें, बीच में बिल्ली का दिखना चालू था, मगर वह भी बंद हो गया।

रेत रात वो घर पहुंचे, जहां हमारी डोगरी है। वहां ताऊ रहते है। काफी रात हो गई थी, तो उन्होंने अपने बड़े भाई के पास जाना ठीक समझा। उन्होंने रात को दरवाजा खटखटाया तो ताऊ औऱ ताई जी बाहर आए कि कौन आया है। पापा को देखकर वह हैरान कि इतनी रात को कहां से आ रहा है। तब पापा ने उन्हें बताया कि अब तक क्या-क्या हुआ। यह सुनकर ताऊ जी ने कहा कि तेरे साथ छल हुआ है। तुझे डराया जा रहा था। औऱ तू बेवकूफ है जो तू उनसे ही बातें करने लग गया। यह तो कुलदेवी “JAI ISHWARI MAA TIYALI” की कृपा रही कि तेरी रक्षा की उन्होंने। अगर तू डर जाता तो तेरे अंदर कोई साया बैठ सकता था। फिर तू या तो पागल हो जाता या फिर अपनी जान से जाता।

हमारे यहं देवी-देवताओं का बहुत मान है। तब ताई जी ने अंदर से आटा लाया औऱ पापा के सिर के ऊफर से घुमाते हुे देवी का नाम लिया और उन्हें फूंक मारने को कहा, ताकि जो हुआ उसे भूल जाए, किसी तरह का डर वगैरह मन में न बैठे। साथ में देवी के लिए पैसे भी अलग रखवा लिए। यह कामना की गई कि दोबारा ऐसा न हो।’

हॉरर एनकाउंटर सीरीज में अन्य लोगों की आपबीती पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

(अक्षय वर्मा, जो कि ठियोग से हैं, ने हमें फेसबुक पेज पर यह आपबीती भेजी है।)

लेख: वन मंत्री नाचते रहेंगे और पीछे से हिमाचल के जंगल साफ हो जाएंगे

0
  • नवीन राणा


इन दिनों एक तस्वीर हिमाचल प्रदेश में बहस की विषय बनी हुई है। तस्वीर में हिमाचल के वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी मंच पर नाच रहे हैं। किसी वेबसाइट ने उसके साथ लिखा है कि यह सिस्टम का मजाक है और क्या इन्हें इसीलिए मंत्री बनाया गया है। इस कैप्शन को देखकर पहले-पहल तो मन में सवाल आता है कि ठाकुर सिंह भरमौरी अगर मंच पर नाच रहे हैं तो सिस्टम का क्या मजाक है? ऐसा क्या है कि कोई मंत्री मंच से गा नहीं सकता या नाच नहीं सकता?

किसी मंत्री के नाचने में कुछ भी गलत नहीं है और इससे किसी को समस्या भी नहीं होनी चाहिए। मगर दिक्कत सिर्फ तब तक नहीं होनी चाहिए, जब तक वह मंत्री अपने दायित्यों और जिम्मेदारियों का पालन पूरी निष्ठा और समर्पण से कर रहा हो। लेकिन अगर वह मंत्री नाचने और गाने के अलावा कुछ कर ही न रहा हो, तब दिक्कत होनी चाहिए और हर जागरूक नागरिक को दिक्कत होनी चाहिए। और अफसोस, यही कुछ नजर आ रहा है हिमाचल प्रदेश के वनमंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी के साथ।

bharmauri

भरमौरी जी के बारे में सुना है कि वह लोक कलाकार रहे हैं और आकाशवाणी के शिमला केंद्र से उनके गाए गानों का लंबे समय तक प्रसारण होता था। अगर यह सही है तो संभव है कि हम सबने कभी धारा रे गीत या अन्य किसी कार्यक्रम में उन्हें गाते सुना हो। जो व्यक्ति लोक संस्कृति से जुड़ा रहा हो उम्र भर, वह उससे कभी अलग नहीं हो सकता। अगर वह किसी भी कार्यक्रम में जाता होगा, बच्चों को गाते हुए देखता होगा, नाचते हुए देखता होगा तो उसका मन भी मचलता होगा नाचने-गाने को। इसमें वैसे तो कुछ गलत भी नहीं है, मगर मंत्री जी को ध्यान रखना चाहिए कि अब वह प्रदेश के मंत्री हैं और उनके ऊपर प्रदेश की वन संपदा की जिम्मेदारी है।

वन संपदा है तो हिमाचल है, वरना चट्टान के बने पहाड़ों में न कोई इंसान बस सकता है और न उन पहाड़ों की कोई शोभा बनती है। जितना लगाव और जितना समर्पण वह नाच और गाने के प्रति रखते हैं, उतना ही समर्पण अगर वह अपने विभाग के लिए दे रहे होते तो आज प्रदेश के वनों की हालत खराब नहीं होती। और अगर वह इतने ही संवेदनशील हैं तो जैसे वह लोक संस्कृति के प्रति लगाव रखते हैं तो कैसे भूल सकते हैं कि हिमाचल की वन संपदा भी इसकी लोक संस्कृति का हिस्सा है। वन विभाग के मंत्री होने पर औपचारिकता में जिम्मेदारी निभाने के बजाय उन्हें पैशन और समर्पण के साथ वनों के लिए कुछ करने में जुट जाना चाहिए था।

किसी मंत्री या संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के कामों को दो हिस्सों में बांटा जा सकता है। पहला- मंत्री होने के नाते प्रदेश के लिए क्या पॉलिसी बनानी है, किस पॉलिसी को कैसे लागू करना है, कहां कमी है, कहां क्या सुधार होना है, कहां कौन सा अधिकारी अच्छा कर रहा है, कहां खराब; इन सब बातों का ख्याल रखना है। और दूसरा हिस्सा ऐसा है, जिसमें दिखावा है, औपचारिकताएं हैं। उदाहरण के लिए पब्लिक अपियरेंस देना, जिनमें उद्घाटन या शिलान्यास के कार्यक्रमों में जाना, सांस्कृतिक जमावड़ों में शिरकत करना और तरह-तरह के कार्यक्रमों में उपस्थिति देना भी शामिल है। मगर अफसोस की बात यह है कि भरमौरी जी दूसरे हिस्से पर कुछ ज्यादा फोकस कर रहे हैं, पहले हिस्से की उन्हें चिंता तक नहीं है। वह पब्लिक अपियरेंस देने में तो पूरे समर्पण से डूबे रहते हैं, मगर अपने महकमे की जिम्मेदारियों में शायद उनका मन नहीं लगता।

प्रदेश भर में वनमाफिया सक्रिय है। आलम यह है कि सिरमौर जिले के पावंटा साहिब के पास वन तस्करों ने वन विभाग के अधिकारियों समेत पूरी टीम पर फायरिंग कर दी। कुल्लू समेत कई जिलों में विभिन्न जंगलों में सर्दियों के मौसम में आग लग गई तो कुछ आज भी सुलग रहे हैं। कई सालों से कुछ जगहों पर फर्निचर बनाने के नाम पर इमारती लकड़ी की तस्करी हो रही है हरे-भरे पेड़ों को काटकर। झंटिगरी से होते हुए बरोट आदि से जो तस्करी का खेल चल रहा है, वैसा ही खेल प्रदेस में कई जिलों में चल रहा है। शिमला में तारादेवी मंदिर के पास सरेआम जंगल की कटाई हो गई और वन विभाग सोता रहा। कोई भी एक उदाहरण ऐसा देखने को नहीं मिला, जहां मंत्री ने इन तमाम समस्याओं पर अधिकारियों की हाइ-लेवल मीटिंग बुलाई हो या तुरंत कोई ऐक्शन लिया हो। वह नजर आते हैं तो कभी किसी कार्यक्रम में गाने गाते हुए तो कभी किसी कार्यक्रम में नाचते हुए। अगर मंत्री महोदय अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए अपने काम को ढंग से कर रहे होते तो उनके नाचने-गाने पर किसी को आपत्ति नहीं होती।

(लेखक चंबा के रहने वाले हैं और हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी, शिमला में अध्ययनरत हैं।)

प्यार के नाम पर शिमला की लड़की के साथ हुआ धोखा, सीआईडी करेगी जांच

इन हिमाचल डेस्क।। शिमला की एक युवती का उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के रहने वाले एक युवक द्वारा यौन शोषण करने का मामला सामने आया है। युवती का कहना है कि उसे लड़के से प्यार हो गया था और वे शादी करना चाहते थे। लड़के का धर्म अलग होने की वजह से लड़की के परिजन फैसला नहीं ले पा रहे थे। मगर आरोप है कि लड़के ने चुपके से अश्लील विडियो बनाकर उसे सर्कुलेट कर दिया।

गौरतलब है कि हिंदी अखबार अमर उजाला ने बताया था कि लड़की 4 महीने से इंसाफ की आस में भटक रही है लेकिन हर जगह टालमटोल हो रही है। मगर अब मामले की जंच सीआईडी को सौंप दी गई है। महिला पुलिस स्टेशन न्यू शिमला ने भी हरकत में आते हुए युवती को बयान के लिए बुलाया है। अब सीआईडी के डीआईजी वीके धवन ने कहा कि लड़की की हरसंभव मदद की जएगी। उन्होंने कह कि विडियो की जांच की जाएगी और उसे बनाने और शेयर करने वालों पर भी कार्वाई की जएगी। यह मामला साइबर क्राइम की श्रेणी में भी आता है।

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

यह है मामला
मैहली की एक युवती ने मामला दर्ज करवाकर शिमला में रह रहे यूपी के मुजफ्फरनगर के युवक पर आरोप लगाया है। युवती का कहना है कि करीब छह महीने इस युवक से उसकी दोस्ती हुई, जो बाद में प्यार में बदल गई।

युवक ने युवती और उसके परिजनों के सामने शादी का प्रस्ताव रखा। युवक का धर्म अलग था इसलिए युवती के परिजनों ने सोचने का वक्त मांगा। इस बीच युवक और युवती का मिलना जारी रहा।

युवती का कहना है कि कुछ वक्त बाद युवक ने उससे बात करना बंद कर दिया। इससे पहले की युवती वजह समझ पाती, कुछ लोगों ने उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया कि तुम्हारा विडियो हमारे पास है।

image
प्रतीकात्मतक तस्वीर।

बदनामी के डर से युवती कुछ समय तक चुप रही, मगर बाद में उसने महिला पुलिस स्टेशन से गुहार लगाई। युवती का कहना है कि पुलिस स्टेश में टालमटोल की गई मगर एसपी के निर्देश पर मामला दर्ज किया गया।

महिला पुलिस ने पीड़िता की फोटो और कथित वीडियो देखकर उसे परेशान करने वालों के मोबाइल जब्त कर फरेंसिक जांच को भेजे। इसके बाद से महिला थाना पुलिस लैब से जांच रिपोर्ट का इंतजार ही कर रही है। अब मामला सीआईडी के पास गया है, ऐसे में लड़की के परिजनों को इंसाफ की उम्मीद जगी है।

तेज भूकंप आया तो हिमाचल में एक ही झटके में जा सकती हैं पौने 2 लाख जानें

इन हिमाचल डेस्क।। हिमाचल प्रदेश उत्तर भारत के उन राज्यों में शामिल है, जहां पर भीषण भूकंप आने की आशंका बनी हुई है। भूगर्भीय हलचलें हिमालयी क्षेत्र में अभी शांत नहीं हुई हैं और 2014 में नेपाल में आया भूकंप भी इसी का नतीजा था। अगर हिमाचल में इसी तरह का भूकंप आया तो तबाही मच जाएगी। दरअसल प्रदेश के सात जिले सिस्मिक जोन 5 में आते हैं।

आईआईटी रुड़की ने स्टडी की है कि अगर प्रदेश में रिक्टर स्केल पर 8 मैग्नीट्यूड का भूकंप आता है और उसका केंद्र मंडी जिले के सुंदरनगर में आता है तो पौने 2 लाख लोगों की जान जा सकती है और 14 लाख से ज्यादा लोग जख्मी हो सकते हैं।

सांकेतिक तस्वीर।
सांकेतिक तस्वीर।

इस रिपोर्ट की वजह से प्रदेश में 7 जिलों में मॉक ड्रिल्स की गईं। इस बार ड्रिल बताकर की गई, मगर अगली बार अचानक की जाएगी ताकि यह पता चल सके कि वास्तविक हालात से निपटने में हम कितने सक्षम हैं।

हिमाचल प्रदेश सिस्मिक जोन 4 और 5 में आता है। शिमला, सोलन, कुल्लू, मंडी, कांगड़ा और चंबा में हिमाचल की 80 फीसदी आबादी रहती है और यहीं पर भूकंप का सबसे ज्यादा खतरा है। भूगर्भीय हलचलों के आधार पर विशेषज्ञ चेताते रहे हैं कि 8.2 तीव्रता तक का भूकंप आ सकता है।

पालमपुर के विजय का केजरीवाल को नसीहत वाला विडियो वायरल

कांगड़ा।। देश भर में विमुद्रीकरण को लेकर चल रही खींचतान के बीच कई तरह विडियो सामने आए हैं। किसी में कोई गालियां देता नजर आ रहा है तो कोई सरकार की तारीफ कर रहा है। राजनीतिक दलों के नेता भी आए दिन तरह-तरह के बयान दे रहे हैं। इस बीच पालमपुर के रहने वाले टेकी विजय इंदर चौहान का एक विडियो सोशल मीडिया पर शेयर हो रहा है। इसमें वह आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक संदेश दे रहे हैं। देखें विडियो और जानें, क्या कह रहे हैं वह: