मंडी।। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले पधर (पद्धर) में एक ऐसा मामला सामने आया है जो बताता है कि हमारा समाज कितना असहनशील होता जा रहा है। यहां पर गोबर को लेकर हुआ विवाद इतना बढ़ गया कि छोटे भाई ने बड़े भाई को मौत के घाट उतार दिया। दरअसल विवाद खेत में गोबर फेंकने को लेकर हुए हुआ था। पहले बहस हुई, फिर गाली-गलौच और आखिर में हिंसक होते हुए हत्या कर दी गई।
ग्राम पंचायत बड़ीधार के दरुघ गांव में वारदात से सनसनी फैल गई है। विवाद के बाद छोटे भाई ने वहां पड़ी लकड़ी के टुकड़े से बड़े भाई के सिर पर कई वार कर दिए। गंभीर हालत में बड़े भाई को पद्धर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से उसे पीजीआई रेफर कर दिया गया। इससे पहले कि उसे इलाज मिल पाता, रास्ते में ही मौत हो गई। पुलिस ने छोटे भाई पर हत्या का मुकदमा दर्जकर छानबीन शुरू कर दी है।
हिंदी अखबार अमर उजाला के मुताबिक शुक्रवार देर रात दोनों भाइयों के बीच खेत में गोबर फेंकने को लेकर विवाद हो गया। इस दौरान बहसबाजी शुरू हो गई। गाली-गलौज के बाद गुस्साए छोटे भाई वीरी सिंह ने पास पड़ी पेड़ की टहनी को उठाया और बड़े भाई सूरज सिंह के सिर पर कई वार कर दिए। सूरज सिंह वहीं अचेत हो गया। पीजीआई किया रेफर लेकिन अस्पताल में ही तोड़ दिया दम इसके बाद दोनों परिवार के सदस्यों ने सूरज सिंह को पधर अस्पताल पहुंचाया। जहां पर चिकित्सकों ने उसे प्राथमिक उपचार के बाद जोनल अस्पताल मंडी के लिए रेफर कर दिया।
जोनल अस्पताल मंडी में उपचार के बाद चिकित्सकों ने सूरज सिंह की नाजुक हालत को देखते हुए उसे पीजीआई चंडीगढ़ के लिए रेफर कर दिया। परिजन उसे पीजीआई लेने की तैयारी करने लगे, लेकिन सूरज सिंह ने अस्पताल परिसर में ही दम तोड़ दिया। डीएसपी अनिल धौल्टा ने हत्या का मुकदमा दर्ज होने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि खेत में गोबर फेंकने को लेकर दोनों भाइयों में विवाद चल रहा था। इसी बीच झगड़ा हुआ और छोटे भाई ने बड़े भाई के सिर पर पेड़ की मोटी टहनी से कई वार कर दिए। घायल ने पीजीआई पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
हमीरपुर।। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के गवर्नमेंट सीनियर सेकंडरी स्कूल भरेड़ी के प्रिंसिपल पर एक छात्रा ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। इसके बाद लड़की के परिजन गांववालों के साथ स्कूल पहुंच गए और जमकर हंगामा किया। बताया जा रहा है कि प्रिंसिपल पर हमला भी किया गया है। वहीं प्रिंसिपल का कहना है कि मेरे खिलाफ साजिश रची जा रही है। पुलिस ने आरोपी प्रिंसिपल को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है।
स्कूल मे प्लस टू में पढ़ने वाली छात्रा ने पुलिस में शिकायत दी है कि प्रिंसिपल स्कूल जाने के समय पर अपनी गाड़ी लेकर पहुंच जाता था और अपनी गाड़ी में बिठाकर अश्लील हरकतें करता था। छात्रा का आरोप है कि कई दिनों से वो उसे इसी तरह परेशान कर रहा था। आरोप है कि एक दिन उसने गाल को छुआ। लड़की का कहना है कि इस पर उसने सारी बात परिवार को बताई।
(Courtesy: Samachar First)
पंजाब केसरी की खबर के मुताबिक लड़की के सारी बात बताने पर परिवार वाले गांव के लोगों को साथ लेकर स्कूल पहुंच गए और उसकी जमकर पिटाई की। इस बीच
प्रिंसिपल का कहना है कि मैं निर्दोष हूं-
(विडियो: ADM से साभार)
मामले की सूचना पुलिस की दी गई जिसके बाद पुलिस ने हालात को बड़ी मुश्किल से हालात को काबू किया। पुलिस ने आरोपी प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया और लड़की की शिकायत दर्ज कर ली। पुलिस इस मामले की छानबीन कर रही है।
कांगड़ा।। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के बैजनाथ में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां पर एक शख्स पर 9 साल की बच्ची से रेप का आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि देर शाम दुकान से कुछ सामान लेने गई नौ साल की बच्ची से इस शख्स ने दुराचार किया और धमकाकर घर भेज दिया। आरोपी की उम्र 27 साल बताई जा रही है।
हिंदी अखबार अमर उजाला की खबर के मुताबिक बैजनाथ थाना के तहत चढियार क्षेत्र में यह घटना हुई है। पुलिस का कहना है कि पीड़ित बच्ची की मां ने चढियार चौकी में दर्ज शिकायत में कहा है कि 18 मई को उसकी बेटी रात करीब आठ बजे दुकान में सामान खरीदने जा रही थी। इसी दौरान रास्ते में आरोपी उसकी बेटी को सुनसान जगह पर ले गया और उसके साथ दुराचार किया। आरोप है कि इस शख्स ने बच्ची को इस बात का जिक्र घर पर नहीं करने और जान से मारने की धमकी भी दी।
शिकायतकर्ता का कहना है कि जब उसकी बेटी के पेट में दर्द की शिकायत हुई तो उसने अपनी मौसी को पूरी बात बताई। इसके बाद गुरुवार देर शाम पीड़िता के परिजनों ने आरोपी के खिलाफ पुलिस चौकी में शिकायत दर्ज करवाई। बैजनाथ के डीएसपी पूर्ण चंद ने का कहना है कि पुलिस ने बच्ची की मां की शिकायत के आधार पर आरोपी व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क, ऊना।। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले कीनगर परिषद संतोखगढ़ मे शुक्रवार को एक ऐसा मामला सामने आया है जो प्रदेश की संस्कृति पर दाग लगाता है। यहां पर वीरभद्र चौक पर एक लड़की के साथ छेड़छाड करने की घटना हुई है। जानकारी के मुताबिक छात्रा संतोखगढ़ के प्राइवेट स्कूल मे पढ़ाई कर रही है। छुट्टी के बाद वह गांव जाने के लिए वीरभद्र चौक पर बस का इंतजार कर रही थी। बस छूट गई थो उसने एक बाइक सवार से लिफ्ट ली और बाद में उसने छेड़छाड़ शुरू कर दी।
एमबीएम न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक लड़की ने आरोप लगाया है कि संतोखगढ़ वीरभद्र चौक पर कन्फेकशरी की दुकान करने वाले व्यक्ति ने मुझे लिफ्ट दिलवाई थी। छात्रा ने बताया कि मोटरसाइकल वाले व्यक्ति ने रास्ते में मुझसे छेड़छाड़ करनी शुरू कर दी। मैंने उसे मोटरसाइकल रोकने को कहा तो उसने और तेज कर दी। इसपर मैंने चलती बाइक से छलांग लगा दी। लड़की को गंभीर चोटें भी आई है।
लड़की ने पूरी घटना अपने माता-पिता को बताई। इसके बाद वीरभद्र चौक के नज़दीक दुकानदार की जमकर पिटाई भी हुई। पीड़ित छात्रा बीदड़वाल की बताई जा रही है और बाइक वाला लड़का टाहलीवाल की तरफ का बताया जा रहा है। चौकी प्रभारी अश्वनी गणपति ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होनें कहा कि लड़की को चोटें आई हैं और उसका इलाज करवाया जा रहा है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क, शिमला।। शुक्रवार कोहिमाचल प्रदेश विधानसभा के बाहर एक अजीब घटना हुई। एक महिला बीजेपी के एक विधायक के साथ उलझ गई औऱ उन्हें धक्का देकर गिया दिया। जब बीच-बचाव करने पुलिस ऑफिसर वहां आया तो इस महिला ने चांटा मार दिया। इस वजह से घटनास्थल पर अफरातफरी का माहौल बन गया। पुलिस ने महिला के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और छानबीन की जा रही है।
गौरतलब है कि आज विधानसभा के स्पेशल सेशन का पहला दिन था। विधानसभा परिसर के बाहर ट्रक ऑपरेटर्स अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। बताया जा रहा है कि विधायक को धक्का देकर गिराने वाली महिला कोई और नहीं बल्कि विधानसभा की ही कर्मचारी है। खबर के धरना दे रहे ट्रक आॅपरेटर्स के बीच में से होकर गुजर कर यह महिला विधानसभा की तरफ आ रही थी। इसी बीच अचानक वह वहां मौजूद बीजेपी के एमएलए से उलझ गई।
कहा जा रहा है कि इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, इस महिला ने विधायक को धक्का देकर गिरा दिया। जब डीएसपी ने महिला को रोका तो उल्टा थप्पड़ जड़ दिया। पुलिस टीम ने महिला को हिरासत में लिया। डीएसपी की तरफ से बालूगंज पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई है। बताया जा रहा है कि महिला से पूछताछ की जा रही है।
UPDATE: हमने इस हरकत को अंजाम करने वाले शख्स का पता लगा लिया है। संपर्क करने पर उसने डोमेन लौटा दिया है साथ ही वह प्रक्रिया बताने का भी दावा किया है जिसके जरिए उसने इस घटना को अंजाम दिया। हमने डोमेन अपने नियंत्रण में लेकर वेबसाइट को अपने कब्जे में ले लिया है। साथ ही तथाकथित ‘इथिकल हैकर’ द्वारा बताए गए लूप होल्स को भी दुरुस्त कर लिया है ताकि दोबारा ऐसा न हो।
इन हिमाचल डेस्क।। हमेशा कुछ हटकर मुद्दों को उठाने वाले ‘इन हिमाचल’ पर अब तक कई बार साइबर अटैक हो चुके हैं और हैक भी किया जा चुका है। हर बार हम इसे सफलता से वापस पा लेते थे मगर इस बार बड़े ही अनोखे तरीके से 26-05-2017 को किसी ने हमारे मुख्य डोमेन inhimachal.in को हमारे अकाउंट से अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लिया है। इस संबंध में जब डोमेन प्रदाता कंपनी गोडैडी से बात की गई तो उसका कहना था कि आपकी इजाजत के बिना ऐसा होना संभव नहीं हैं। हालांकि हमें इस बारे में कोई सूचना नहीं मिली थी, सिर्फ रात को ईमेल आया था कि ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस मेल को हमने तब पढ़ा जब डोमेन हमारे अकाउंट से डिलीट हो चुका था।
अब गोडैडी ने कहा कि आप undo@godaddy.com पर मेल करके अपनी समस्या बताएं। कई घंटों बाद वहां से रिप्लाई आया कि चूंकि डोमेन रजिस्ट्रार की डीटेल्स नहीं बदली हैं, इसलिए हम कुछ नहीं कर सके। बेहतर होगा आप change@godaddy.com पर संपर्क करें और वहां अपनी समस्या बताएं। अब हमने गोडैडी के दिए लिंक पर डॉक्युमेंट्स दिए हैं, इसलिए अभी हमें डोमेन मिल नहीं सका है। इस बीच हमारे पास वह नंबर है, जिसके जरिए हैकर्स ने इस घटना को अंजाम दिया था।
हैकर्स ने चालाकी यह की है कि गोडैडी की नीति को समझकर उसका फायदा उठाया है। चूंकि अभी तक उसने डोमेन पर मालिक का नाम नहीं बदला है और न ही सर्वर चेंज किए हैं, इसलिए गोडैडी मानकर चल रहा है कि सिर्फ असली मालिक ने एक गोडैडी अकाउंट से दूसरे गोडैडी अकाउंट पर अपना डोमेन ट्रांसफर किया है। हैरानी की बात यह है कि हम जब खुद बता रहे हैं कि हमने ऐसा नहीं किया, तब भी गोडैडी इसे मानने को तैयार नहीं और ईमेल की प्रक्रिया में उलझा रहा है। इसमें गोडैडी की भूमिका भी संदिग्ध है कि कैसे किसी ने हमारे अकाउंट का ऐक्सेस हासिल कर लिया जब हमारा पासवर्ड आदि किसी के पास नहीं था। इंटरनेट और खुद गोडैडी फोरम पर पता चला कि ऐसा कई लोगों के साथ हो चुका है। उनकी इजाजत के बिना ही उनका डोमेन किसी और के अकाउंट में ट्रांसफर कर लिया गया यानी चोरी कर लिया गया। खैर, अब सब कुछ change@godaddy.com से आने वाले रिप्लाई पर निर्भर करता है। यदि वहां से संतोषजनक जवाब नहीं आता है तो हम अन्य विकल्पों पर विचार करेंगे ताकि अपना डोमेन हासिल कर सकें।
हमारे पास हैकर्स को पकड़ने का भी मौका है क्योंकि उनकी ईमेल आईडी, जिसपर ट्रांसफर हुआ है औऱ जो नंबर यूज किया है, उससे जुड़ी सॉफ्टवेयर ऐंड हार्डवेयर कंपनी की भी जानकारी हमारे पास है। यहां पर वे चूक कर गए हैं। इसके अलावा अब हमने अपनी वेबसाइट को inhimachal.tv डोमेन पर मूव कर दिया है ताकि हमारा काम प्रभावित न हो। वैसे भी हम यह करने ही वाले थे क्योंकि हम ‘इन हिमाचल टीवी’ लेकर आ रहे है। इस बीच हम बता देना चाहते हैं कि अगर किसी कारणवश हम डोमेन inhimachal.in को वापस नहीं ले पाते हैं तो हैकर्स द्वारा उस डोमेन पर बनाई गई वेबसाइट से हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी साथ ही वह नकली इन हिमाचल होगा।
हैकिंग करके वे सिर्फ हमारे वर्चुअल ऐसेट्स चुरा सकते हैं, हमारा प्रदेश के लिए प्रति जज्बा और हमारी हिम्मत नहीं। आगे भी हम पाठकों के सहयोग से बेबाकी आगे बढ़ते रहेंगे।
शिमला।। मोदी सरकार के 3 साल पूरे होने पर कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन साल के कार्यकाल में देश में आतंक का मौहाल बनाया है। उन्होंने कहा कि सरकार न सिर्फ आंतरिक सुरक्षा पर फेल हुई बल्कि पाकिस्तान से जंग जैसा माहौल है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के पास आंतरिक सुरक्षा को लेकर कोई नीति नहीं है। शिमला में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने सरकार पर 14 बड़े घोटाले करने का भी आरोप लगाया।
तिवारी ने कहा कि बीजेपी के तीन साल के शासनकाल में 14 बड़े घोटाले हो चुके हैं। हिंदी अखबार अमर उजाला के मुताबिक उन्होंने जिन घोटालों का जिक्र किया है, उनमें से कुछ नीचे हैं-
1. व्यापम स्कैम
2. छत्तीसगढ़ स्कैम
3. ललित गेट स्कैम
4. विजय माल्या स्कैम
5. गुजरात पेट्रोलियम स्कैम
6. गुजरात लैंड स्कैम
7. अरुणाचल स्कैम
8. राजस्थान माइनिंग स्कैम
9. बिरला और सहारा पेपर स्कैम
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी
प्रेस कॉन्फ्रेंस में तिवारी ने कहा कि 36 महीनों में प्रधानमंत्री ने 50 विदेशी दौरे किए मगर परिणाम शून्य ही रहा। जरूरत पर कोई देश भारत के साथ खड़ा नहीं है। मोदी बिना बुलाए पाकिस्तान पहुंच गए थे। सरकार की नाकामियों के कारण 70 साल में पहली बार अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा समिति में भारत को मुंह की खानी पड़ी। तिवारी ने नोटबंदी के फैसले की भी आलोचना की। उन्होंने आय से अधिक संपत्ति मामले में फंसे हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कार्यकाल की तारीफ की और कहा कि वह अदालत से पाक साफ होकर निकलेंगे।
शिमला।। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के आसमान में एक बार फिर से एक रहस्यमयी चीज नजर आ रही है। लोग इस नजारे को देखने के लिए उमड़ रहे हैं। दरअसल यह चीज कई महीनों बाद फिर से नजर आई है और यह है इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन।
अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन वीरवार को फिर नजर आया। वीरवार को ये चमकदार तारे की तरह आगे बढ़ता दिखा। सवेरे दो बार नजर आया तो शाम को दो बार फिर दिखा। ये स्पेस स्टेशन आगामी दिनों में भी ऐसे ही दिखता रहेगा।
कैमरा हिलने की वजह से यह तस्वीर ऐसी आई है वरना एक डॉट सा दिखता है।
दरअसल राजधानी शिमला के आकाश में खगोल वैज्ञानिकों की सबसे बड़ी अंतरिक्ष प्रयोगशाला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) नजर आ रही है। इसमें पांच वैज्ञानिक महीनों रह रहे हैं और अंतरिक्ष पर तमाम तरह के रोचक रिसर्च कर रहे हैं।
#HorrorEncounterSeason2 बात उन दिनों की है जब मैं 8-9 साल का था। मेरे पापा हेल्थ डिपार्टमेंट कंपाउडर हैं और मम्मी हाउस वाइफ हैं। पापा का ट्रांसफर उन दिनों मंडी जिले के दूर-दराज के गांव में बने प्राइमरी हेल्थ सेंटर (डिस्पेंसरी) में हुआ था। न तो वहां के लिए कोई सड़क थी न ऐसी दूरी की पैदल आया जा सके। पापा ने कोशिश की ट्रांसफर रुकवाने की या कहीं अडजस्टमेंट करवाने की मगर राजनीतिक लिंक न होने की वजह से काम नहीं हो पाया। नौकरी तो करनी ही थी इसलिए पापा ने जॉइन कर लिया। मुझे ही वहां के ही प्राइमरी स्कूल में ऐडमिशन करवा दिया गया जो डिस्पेंसरी के पास ही थी। खास बात यह थी कि स्कूल और डिस्पेंसरी जंगल के पास थे और उनके पास एक पुराने खंडहरनुमा दुकान थी जिसका दुकानदार शाम को ही दुकान बंद करके चला जाया करता था। डिस्पेंसरी स्कूल के साथ ही बने पुराने एक पुराने भवन में चल रही थी जो किसी वक्त किसी परिवार का घर था और अब शहर जा चुका था। ग्राउंड फ्लोर के एक कमरे में डिस्पेंसरी चलती थी, एक में स्टोर था और ऊपर वाली मंजिल में हम रहा करते थे। चूंकि नई-नई डिस्पेंसरी खुली थी तो उसका भवन नहीं बन पाया था। पंचायत भवन का भी एक ही कमरा था इसलिए वहां पर भी जगह नहीं मिल पाई थी।
खैर, दिन को स्कूल जाता तो मजा आता। बच्चे आते जगह-जगह से, उनके साथ खेलता और फिर वे चले जाते। कभी-कभार कुछ बच्चे देर तक रुक जाते ताकि स्कूल के ग्राउंड में क्रिकेट खेल लें। मगर अंधेरा होने से पहले वे भी चले जाते। शाम को हम उस इलाके में तीन लोग रह जाते- मैं और मेरे मम्मी पापा। दूर पहाड़ी में हमें घरों की लाइटें दिखतीं मगर वहां जाना भी तो पहले उथराई में नाला पार करो फिर चढ़कर वहां पहुंचो। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि पहले के इलाके कितने बियाबान होते थे। तो जहां हम रहते थे, उसके सामने खेत थे मस्त मगर उनमें सदियों से कुछ उगा नहीं था। पापा और मम्मी के पास खाली वक्त होता तो उन्होंने प्लान बनाया कि क्यों न जरूरत की छोटी-मोटी सब्जियां वगैरह इन खेतों में उगा ली जाएं। वे दोनों शाम को फावड़े से खुदाई करते। हफ्ते भर में तीन छोटे खेत खोद लिए गए। पापा ने गांव के किसी बंदे से भिंडी वगैरह के बीज भी मंगवा लिए थे तो वो दिए। अब होता ये था कि ऊपर चूल्हा थआ (रसोई) और उसके साथ दो कमरे थे। एक में मैं सो जाया करता था और दूसरे में मम्मी-पापा। मेरे वाले कमरे में खिड़की नहीं थी मगर खिड़की के नाम पर पूरा का पूरा दरवाजा था। यानी बाहर की तरफ दरवाजा मगर उसके नीचे सीढ़ियां नहीं। कोई आगे बढ़े तो पहली मंजिल से तुरंत नीचे गिरे। मैं उस दरवाजे को खोलकर रखता था। हवा का लुत्फ उठाता था और उससे बाहर दिखते हिलते-डुलते पेड़ और आसमान में तारे भी नजर आते थे।
एक दिन रात को न जाने क्यों मेरी नींद खुली अचानक और बाहर की तरफ नदर गई। मैंने देखा कि उस दरवाजे पर कोई खड़ा हुआ है। मुझे वहां रहते 5 से 6 महीने हो गए थे, रोज दरवाजा खुला रहता था, तब तक ऐसी कोई घटना नहीं हुई। यूं समझो कि दरवाजे पर जो खड़ा था वह काला दिख रहा था यानी उसके पीछे की रोशनी में उसका चेहरा नजक नहीं आ रहा था। मैं घबराया और मैंने चादर ओढ़ ली। दिल धुक-धुक कर रहा था। मैंने सोचा कोई गलतफहमी या सपना तो नहीं। फिर मैंने चादर में छेद बनाकर देखा तो वाकई कोई खड़ा था जो कमरे से बाहर की तरफ देख रहा था। निश्चित रूप से वह न तो पापा थे और न ही मम्मी क्योंकि उसकी हाइट बहुत कम थी। मैं रजाई के छेद से देखता रहा। मैंने देखा कि 5-6 मिनट बाद वह मुड़ा और कमरे की तरफ चलने लगा और चलते हुए किचन में चला गया।
मन किया कि चिल्लाऊं पापा… मम्मी… मगर सुन्न सा हो गया था। थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि वह किचन से फिर आया, उस कमरे में आया। दरवाजे पर खड़ा हुआ और वहीं से जंप लगाकर चला गया। मैं उसके जाने के बाद भागता हुआ गया और मम्मी-मम्मी चिल्लाता दसरे कमरे में गया और बेहोश हो गया। थोड़ी देर बाद होश आया तो मम्मी ने गोद में पकड़ा हुआ है और पापा भी पेरेशान हैं। उन्होंने पूछा क्या हुआ तो मैंने पूरी बात बता दी। उन्होंने बोला कि डरने की बात नहीं है, पता नहीं कौन चोर आ गया था। ये तो अच्छा हुआ उसने कुछ किया नहीं। रात भर सोया नहीं और सुबह हो गई। अगले दिन पापा ने चर्चा की तो पूरे इलाके में हल्ला हो गया कि कंपाउंडर के यहां चोर घुस आया था। पापा ने अगले दिन से सख्त हिदायत दी कि दरवाजा बंद रखकर सोया करो। मैं भी वैसा ही करता। कुछ दिन बीत गए। एक दिन अचानक मुझे खटखट की आवाज सुनाई दी। मैंने महसूस किया कि आवाज उसी दरवाजे से आ रही है। चादर हटाकर देखा तो दरवाजा खुला था। मैंने उठकर देखा तो किचन से एक आदमी निकला जो मेरी तरफ देख रहा था औऱ मुस्कुरा रहा था। ऐसा लग रहा था कि वो चल नहीं रहा था बल्कि हवा में तैर रहा था। और मुस्कुराते हुए वह दरवाजे से बाहर निकल गया। न कूदा, न गिरा,… बस मानो हवा में ही तैरते हुए निकल गया। मैं चिल्लाया तो मम्मी-पाया दौड़ते हुए आए। पहला सवाल- दरवाजा किसने खोला। मगर मैं कुछ बोलने की स्थिति में नहीं। अगली सुबह पापा को बात बताई तो उन्होंने सोचा कि डर गया हूं। उन्हें यह भी आशंका होने लगी कि स्लीपवॉकिंग करने लगा हूं। उनके मन में एक सवाल यह भी आय़ा कि मैं यहां आना नहीं चाह रहा था पुराना स्कूल छोड़ने के लिए इसलिए हो सकता है कि बहाने बना रहा हूं।
कहीं से यह बात फैल गई और स्कूल तक पहुंच गई। बच्चे भी चर्चा करने लगे कि इसको कुछ दिखता है। बच्चे घर में भी चर्चा करते होंगे। एक दिन ऐसे ही मेरा क्लासमेट बताने लगा कि उसकी दादी ने उसे बताया है कि जहां हम रहते हैं, वहां कुछ न कुछ है और उसी वजह से पुराने लोग घर छोड़ गए हैं। मैंने ये बात घर पर बताई तो पापा ने मुझे डांट दिया कि फालतू बातों पर भरोसा मत करो। फिर कुछ दिन बात ऐसी घटना हुई जिनसे सबको हैरान कर दिया। रात को अचानक रसोई के सारे बरतन रैक से गिरने की आवाज आने लगी। मैं भी उठा। पापा ने रसोई की लाइट जलाई तो सारे बरतन गिर रहे थे और इधर-उधर पड़ रहे थे। लाइट ऑन करने के बाद भी सिलसिला जारी रहा। पानी की एक खाली बाल्टी तो हमारे सामने पलटकर डोलने लगी। पापा ने कुछ पढ़ना शुरू किया। मम्मी तो चिल्लाकर मेरे पास आ गई थी और मुझे पकड़ लिया था। कुछ देर में सिलसिला थमा। पापा ने मेरे कमरे का दरवाजा खोला और बाहर की तरफ देखा… हमने देखा कि आंगन के सामने खेतों के बाद जहां जंगल शुरू होता है- वहां तीन-चार लोग खड़े हैं। एक महिला, एक पुरुष और दो बच्चे।
तस्वीर प्रतीकात्मक है
अजीब से लग रहे थे और घर की तरफ देख रहे थे औऱ मुस्कुरा रहे थे। पापा ने तुरंत दरवाजा बंद किया। फोन भी उन दिनों नहीं होते थे। इसलिए दरवाजा बंद ही रखा और सुबह का उजाला होते ही हमें लेकर स्कूल की बिल्डिंग के पास चले गए और दुकानदार के आने का इंतजार करने लगे जो स्कूल खुलने से कुछ देर पहले पहुंच जाया करता था।
पापा ने सारा किस्सा दुकानदार को बताया तो दुकानदार ने बोला- मास्टर जी, इस घर में कुछ गलत काम हुए हैं बुजुर्गों से सुना है। पता नहीं क्या हुए हैं। इस घर के जो मालिक हैं जिन्होंने अपनी पुरानी इमारत ये डिस्पेंसरी वगैरह को फ्री में दी है, वो भी इसीलिए घर से गए थे क्योंकि उन्हे कुछ गलत महसूस होता था। मेरी सलाह मानो गांव में कहीं और ले लो मकान, बच्चों का भी सवाल है। बस टाइम के ड्यूटी पर आओ और टाइम के जाओ। तभी तो यहां पर कोई जॉइन नहीं करता है।
मगर पापा ने उसके बाद छुट्टी के लिए अप्लाई किया। सामान बांधा और अपने घर चले गए। उसके बाद उन्होंने 4 महीने छुट्टी पर काटे और इस दौरान ट्रांसफर की कोशिश करते रहे। आखिरकार सफलता मिली और ट्रांसफर पास की ही एक डिस्पेंसरी में नौकरी जॉइन कर ली। उसके बाद ऐसा कुछ नहीं हुआ। हमने जो भिंडियां और अन्य सब्जियां उगाई थीं, वे वहां की वहां रह गई। जिज्ञासावश मैं पिछले साल उसी जगह गया गाड़ी से। आज वहां सड़क बन गई है। कई दुकानें खुल गई हैं। स्कूल भी हाई-स्कूल बन गया है और कई सारे घर बन गए हैं। डिस्पेंसरी भी पक्की बन गई है और अब तक वहां वेटरिनरी डिस्पेंसरी का काम चला हुआ है। मगर वह घर आज भी वैसा का वैसा है। ढह गए हैं पीछे के कुछ कमरे। सामने के खेतों में घास उगी है और कुछ छोटे-मोटे पौधे उग आए हैं। मैंने आंगन से ऊपर की तरफ वो दरवाजा देखा जहां मेरा कमरा था और दाएं वो जंगल, जहां वह परिवार था। उस दिन हवा बड़ी तेज चल रही थी और अजीब सी आवाज कर रही थी। मेरा दिल बैठा जा रहा था आवाज सुनकर अजीब सा डर लग रहा था। तुरंत वहां से निकला और कार स्टार्ट करके घर आ गया। ऐसा लगा मानो बचपन की यादें और डर ताजा हो गए। शायद अब मैं वहां कभी जाना पसंद नहीं करूंगा।
नोट: हमने लेखक और जगहों का नाम नहीं दिया है ताकि बिना वजह किसी जगह को लेकर अंधविश्वास न फैले
DISCLAIMER: इन हिमाचल का मकसद अंधविश्वास को बढ़ावा देना नहीं है। हम लोगों की आपबीती को प्रकाशित कर रहे हैं, ताकि अन्य लोग उसे कम से कम मनोरंजन के तौर पर ही ले सकें और उनके पीछे की वैज्ञानिक वजहों पर चर्चा कर सकें। आप इस कहानी पर कॉमेंट करके राय दे सकते हैं।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क, पांवटा साहिब।। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के पांवटा साहिब से मंगलवार दोपहर साढ़े 12 बजे से 11वीं की छात्रा गायब हो गई है। परिजनों का कहना है कि वह घर लौटते समय गायब हुई है। परिजन परेशान हैं और बेटी को तलाश कर रहे हैं। वे परेशान हैं कि कहीं बेटी के साथ कहीं कोई अनहोनी न हुई हो। उन्होंने एमबीएम न्यूज नेटवर्क के जरिए मदद का आग्रह किया है कि अगर किसी को पता चलता है तो तुरंत सूचित करे।
लड़की के पिता रमेशा का कहना है कि गुमशुदगी का मामला दर्ज करवाया गया है। अगर किसी पाठक दिव्या के बारे मे कुछ पता चलता है तो वह 9805212677 पर कॉल करके रमेश जी से बात कर सकता है।