इंटरव्यू बंद करने के ऐलान के बावजूद 2000 पदों के लिए इंटरव्यू की तैयारी

इन हिमाचल डेस्क।। जिस साल चुनाव होते हैं, उसी साल विभिन्न विभागों में रिक्तियां निकालने को लेकर सरकारों की मंशा पर ‘इन हिमाचल’ हमेशा से सवाल उठाता रहा है। प्रश्न यह है कि क्यों सरकारों को 4 साल तक विभिन्न विभागों में खाली हुए पदों की कोई फिक्र नहीं होती और अचानक पांचवें साल ऐसा क्यों होता है कि सारे विभागों में नौकरियों की बाढ़ आ जाती है। प्रदेश का बुद्धिजीवी वर्ग और समाचार पत्र तक सवाल उठाते रहे हैं कि चुनावी साल में होने वाली भर्तियों में जमकर सत्ताधारी पार्टियां और उसके नेता अपने लोगों को नौकरियां बांटते हैं। इसमें सहारा लिया जाता है अपारदर्शी प्रक्रिया का, जिसमें तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की जॉब्स के लिए इंटरव्यू लिए जाते हैं। आरोप लगता रहा है कि इन इंटरव्यूज़ में उन लोगों को कम अंक दिए जाते हैं जिनके लिखित परीक्षा में ज्यादा अंक हों और इंटरव्यू में चहेतों को ज्यादा अंक दिए जाते हैं। इससे कुल अंक अपने लोगों के ज्यादा हो जाते हैं और उनकी नौकरी लग जाती है जबकि प्रतिभाशाली युवा बेरोजगार रह जाते हैं। इस व्यवस्था को खत्म करने के लिए प्रदेश ीक मौजूदा वीरभद्र सरकार ने कुछ दिन पहले तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की भर्तियों के लिए इंटरव्यू खत्म करने का ऐलान किया था और इस फैसले के लिए वाहवाही बटोरने की कोशिश भी की थी। मगर अब कुछ ऐसा हुआ है कि जिसने सरकार की इरादों पर ही सवालिया निशान लगा दिया है। अब 2000 पदों के लिए इंटरव्यू लेने की तैयारी है।

हिंदी अखबार ‘दैनिक भास्कर’ की रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल प्रदेश सरकार ने भले ही तृतीय आैर चतुर्थ श्रेणी में भर्ती के लिए साक्षात्कार समाप्त कर दिए हैं, लेकिन भर्ती के लिए इंटरव्यू खत्म होनेे के एक महीने बाद ही खत्म करने की अवधि को दो महीने आैर बढ़ाने की तैयारी है। अखबार की रिपोर्ट में लिखा है- राज्य कर्मचारी आयोग में जूनियर असिस्टेंट आईटी, पुलिस में सब इंस्पेक्टर आैर जूनियर इंजीनियर की भर्ती के लिए साक्षात्कार करवाने की मंजूरी देने की फाइल सीएम ऑफिस में मंजूरी के लिए भेजी है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद राज्य कार्मिक विभाग ने 17 अप्रैल को साक्षात्कार बंद करने के निर्देश जारी किए थे। इसमें साफ था कि 31 मई के बाद तृतीय आैर चतुर्थ श्रेणाी की भर्ती के लिए किसी भी तरह से साक्षात्कार नहीं हो सकेंगे। इसके बाद से लगातार 1400 पदों पर जूनियर असिस्टेंट आईटी सहित चार अन्य वर्गों की भर्ती के लिए साक्षात्कार होने या न होने पर संशय बना था। इसमें साक्षात्कार करवाने के मामले को लेकर राज्य सरकार के आला अधिकारियों आैर सीएम से भी मिले। इसमें आयोग के अध्यक्ष आैर सदस्यों ने तर्क दिया था कि 17 मई से 31 मई के बीच 1400 पदों के लिए साक्षात्कार पूरे नहीं हो सकेंगे। इसलिए इसमें साक्षात्कार लेने हैं या नहीं, इस पर स्थिति स्पष्ट की जानी चाहिए। इस मामले में कार्मिक विभाग ने दो दिन पहले साफ कर दिया था कि साक्षात्कार किसी स्थिति में नहीं होंगे।

‘भास्कर’ ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि मंगलवार को इसके बाद कार्मिक विभाग ने 31 मई की तिथि को 31 जुलाई तक बढ़ाने का मामला सरकार की मंजूरी का मामला सीएम आफिस को भेजा है। इस पर मंजूरी मिली तो राज्य में इन 2000 पदों पर भर्ती के लिए दोबारा से साक्षात्कार हो सकते हैं। इससे नई व्यवस्था से साक्षात्कार की तैयारी कर रहे युवाआें को दोबारा से पुरानी व्यवस्था से साक्षात्कार में एपियर होना पड़ेगा।

अब कमेटी के हाथों में होंगे अंक
पुरानी व्यवस्था में साक्षात्कार के अंक इंटरव्यू कमेटी के हाथ में होंगे। कमेटी अपने हिसाब के प्रत्याशी के व्यवहार, प्रस्तुति से लेकर उनके सवालों को आधार बना कर अंक दे सकेगी। हालांकि नई व्यवस्था के तहत यदि साक्षात्कार लिए जाते हैं तो आवेदकों को शैक्षणिक योग्यता के आधार पर ही अंक मिल जाएंगे। इसमें किसी तरह के विवाद की आशंका खत्म हो जाएगी।

अखबार ने भी उठाए कई सवाल 
‘दैनिक भास्कर’ ने भी इस मामले में कई शवाल उठाए हैं। अखबार लिखता है- आखिर पुरानी व्यवस्था इतनी पसंद क्यों पुरानी व्यवस्था में चयन प्रक्रिया पर सवाल उठते रहे हैं। कई मामलों में तो भर्ती प्रक्रिया को न्यायालय को चुनौती दी जाती रही है। इसे खत्म करने के लिए कार्मिक विभाग ने भारी मशक्कत के बाद नए सिस्टम को शुरू किया था, लेकिन अब दो हजार पदों को चुनावी साल में भरने के लिए पुरानी व्यवस्था को ही तव्वजों क्यों दी जा रही है। इसका सवाल साक्षात्कार में भर्ती होने कोे परेशानी में डाल रहा है ।

इस मसले पर कार्मिक विभाग के इस प्रस्ताव को सीएम की मंजूरी मिल जाती है तो इसे कैबिनेट में ले जाना होगा। हालांकि उम्मीद है कि सीएम ऑफिस की मंजूरी के बाद साक्षात्कार लेने की तारीख को 31 जुलाई बढ़ा दिया जाएगा। इसकी एक्सफोक्टो मंजूरी बाद में कैबिनेट से ले ली जाएगी। देने होंगे इंटरव्यू इन पदों के लिए उम्मीदवारों को साक्षात्कार की प्रक्रिया से गुजरना होगा। चूंकि पहले विज्ञापित हुए पदों में यह नियम लिखे गए थे। सरकार किसी कानूनी पचड़े में न पड़ने की बजाय ऐसे उम्मीदवारों का साक्षात्कार लेने के बाद ही नियुक्ति करेगी।

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