कांगड़ा फिर बना ‘सत्ता का आधार’, कांग्रेस को मिलीं 10 अहम सीटें

धर्मशाला, मृत्युंजय पुरी।। हिमाचल में कांगड़ा का सत्ता का द्वार यूं ही नहीं कहा जाता। इस जिला से जो भी पार्टी 9 से 11 सीटें जीतती है, प्रदेश में उसी की सरकार बनती है। एक बार फिर यह बात साबित हो गई है। इन चुनावों में कांग्रेस को कांगड़ा की 15 में से 10 सीटों पर जीत हासिल हुई है। यानी जिला से मिली 10 सीटों के दम पर कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है। कुल 40 सीटों में से 10 कांगड़ा से ही कांग्रेस को मिल गई हैं।

पिछले 6 चुनावों की बात करें, तो प्रदेश मेंkangra कांगड़ा से मिली सीटों का आंकड़ा ही सरकार बनाने में बड़ी भूमिका अदा करता आया है। पांच साल पहले हुए विधानसभा चुनावों में कांगड़ा से भाजपा को 11 सीटें मिली थीं। इसी के दम पर भाजपा ने सरकार बनाई थी। भाजपा को मिली 44 सीटों में एक चौथाई हिस्सा कांगड़ा का था।

साल 2012 के चुनावों की बात करें, तो उस समय कांग्रेस को कांगड़ा से 10 सीटें मिली थीं। उन चुनावों में पार्टी को कुल 36 सीटें मिली थीं, यानी एक तिहाई सीटें इसी जिला से थीं, जिसके दम पर कांग्रेस ने सरकार बनाई थी। हालांकि उन चुनावों में पुनर्सीमांकन के बाद थुरल का वजूद खत्म हो गया था। जिला में 16 की बजाय तक से 15 सीटें हैं। इससे पहले साल 2007 के चुनावों की बात करें, तो भाजपा के 9 कैंडीडेट कांगड़ा जिला से जीते थे। उन चुनावों में भाजपा को पूरे प्रदेश मेें 41 सीटें मिली थीं। कांगड़ा उस समय भी लीडर की भूमिका में रहा था।

साल 2003 के चुनावों की बात करें, तो कांगड़ा से कांग्रेस को 11 सीटें मिली थीं। इन्हीं सीटों के दम पर कांग्रेस के हाथ सत्ता की चाबी आई थी। यही नहीं, वर्ष 1998 के विधानसभा चुनाव में कांगड़ा जिले से भाजपा ने 10 सीटों के साथ बड़ी जीत दर्ज की थीं। उस दौरान कांग्रेस पार्टी को पांच सीटें मिली थीं। एक निर्दलीय प्रत्याशी को जीत मिली थी। कांगड़ा ने सत्ता की राह तैयार की और प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी। बहरहाल एक बार फिर कांगड़ा ने सत्ता की राह कांग्रेस को दिखा दी है।

अब तक एक बार बना सीएम, मगर नहीं मिला पूरा कार्यकाल

प्रदेश के सबसे बड़े और सबसे ज्यादा विधानसभा सीटों वाले जिला कांगड़ा से सिर्फ शांता कुमार ही सीएम पद तक पहुंच पाए हैं। वह वर्ष 1977 से 80 और 1990 से 1992 तक सीएम रह चुके हैं। दोनों ही बार उनका पांच साल कार्यकाल पूरा नहीं हो पाया है।

यह हिमाचल है, हर बड़े प्रभाव और फैक्टर से मुक्त रहता है यहां का चुनाव

आशीष नड्डा की फेसबुक पोस्ट से साभार।। हिमाचल प्रदेश का चुनावी मैंडेट हर फैक्टर से परे रहता है। हर बड़े प्रभाव से परे रहता है। यह अपने आप में एक पंचायत चुनाव है । जहां माइक्रो मैनेजमेंट और प्रत्याशी ज्यादा महत्वपूर्ण हैं बजाय इसके की जाती क्या है, वर्ग क्या है पार्टी क्या है और प्रचार प्रसार कैसा है।

यहां जनता अपनी राय सिर्फ चुनावी समय में तय नही करती धीरे धीरे जजमेंट लेकर डेटा बुनती रहती है ।

और कई फैक्टर पर लाजीक लगाकर जनमत देती है।
ऊपरी हिमाचल में कांग्रेस शिमला में भाजपा को सिर्फ एक सीट पर रोक देती है वही उसी शिमला , वीरभद्र परिवार की सीट रामपुर जहां से आजतक विपक्ष का विधायक नही बना वहां भाजपा उम्मीदवार नया लड़का कौल नेगी महज 300 वोट से जीत से चूक जाता है।

मंडी जिला में भाजपा कांग्रेस को महज एक सीट पर रोकती है और वो सीट धर्मपुर है जहां से रिकार्ड धारी महिंद्र ठाकुर के बेटे मैदान में है और वो सीट भाजपा की कन्फर्म सीटों में मानी जाती थी।

कांग्रेस से सीम इन वेटिंग कौल सिंह ठाकुर उसी जिले से चुनाव हारते हैं। कमजोर आंके जा रहे मजबूरी का नाम बताए जा रहे बल्ह से इंद्र सिंह गांधी जीत जाते हैं।

हमीरपुर में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और अनुराग के गृह जिला से भाजपा जीरो हो जाती है। सबसे स्ट्रांग कही जा रही भोरंज सीट 35 साल बाद कांग्रेस ले जाती है।

गढ़ रही हमीरपुर सदर पर नौजवान निर्दलीय आशीष शर्मा को जनता चुनती है। बगल के बिलासपुर जिला से। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा जहां से लड़ते हैं सदर सीट भाजपा 300 से कम मार्जन से जीत पाती है वहीं नैना देवी में जहां एक और सी एम इन वेटिंग रामलाल ठाकुर कांग्रेस की तरफ से थे वहां भी भाजपा 150 से कम मार्जन पर निकल जाती है। जबकि से मंत्री पद रहा वहां घुमारवीं सीट हार जाती है।

ऊना में विपरीत परिस्थितियों में सतपाल सत्ती निकल जाते हैं तो वीरेंद्र कंवर मामला क्लोज है क्लोज है के फेर में 7000 प्लस से हार जाते हैं।

बड़सर में भाजपा और निर्दलीय लगभग बराबर वोट लेते हैं। कांग्रेस यह सीट जीत जाती है।

सिरमौर की सबसे स्ट्रांग सीट बताई जा रही नाहन पर भाजपा के मैनेजर कहे जाने वाले राजीव बिंदल हारते हैं। तो हाटी बहुलय शिलाई में बलदेव तोमर कोई तीर नही मार पाते।

कुल्लू में कमजोर आंके जा रहे शौरी बिना शोर जीत का तमगा पहनते है तो आनी से लोगो के इंद्र लोकिंद्र बनते हैं जो मूल रूप से कमुनिष्ठ हैं।

कांग्रेस की लहर में भी डलहौजी से आशा को निराशा मिलती है। तो भटियात से कुल का दीपक दुबारा खिलता है। बिना राजनैतिक अनुभव के डॉक्टर जनक राज को भरमौर का राज मिलता है।

कांगड़ा में हर बार चौधरी फैक्टर से टिकट बचा लेंने वाली सरवीन इस बार जमानत जब्त करवा चुके कैंडिडेट की आंधी में ऐसी उड़ती है की अब चौधरी बनाम बाकी वोट गिने की नही गिने ।

सुलह मे जनता के बीच ऐसी सुलह बनती है की कांग्रेस उम्मीदवार तीसरे नंबर पर पहुंच जाता है। वहीं जसवा से पराशर फेर में फंसे भाजपा के मंत्री विपरीत परिस्थिति में भी विक्रमादित्य की पदवी पा लेते हैं ।

देहरा में टिकट को भटकाए होशियार सबसे होशियार निकलते है तो स्वयंभू ओ बी सी के दलाई लामा अपने आप को बताने वाले ढ्वाला ओ बी सी बहुलाय सीट पर भी तीसरे नंबर का पद लेकर सन्यास की तरफ गमन करते हैं।

नागरोटा बगवां में पिता बनाम पुत्र की छवि के द्वंद में फंसाए जा रहे जानू ही वीर बनकर निकलते हैं और कांग्रेस की तरफ से कांगड़ा में हाईईस्ट मार्जिन का रिकार्ड बनाते हैं।

कांगड़ा में चक्रव्यूह में घिरे बताए जा रहे काजल ऐसी पवन चलाते हैं की सब उड़ जाते हैं। काजल अपनी वीरता पर तो अभिमान कर रहे होंगे अपनी बुद्धि को भी जरूर कोस रहे होंगे। जिसने उन्हें बैठे बिठाए विपक्ष में पहुंचा दिया।

खास रणनीति और विरोधी खेमे में खलबली मचाने के तहत नालागढ़ से कांग्रेस से भाजपा में लाए सिटिंग विधायक राना तीसरे नंबर की ओर रुख करते है तो । रुसवा किए ठाकुर निर्दलीय जीत का दंभ भरते हैं।
राना भी अपनी बुद्धि को निसंदेह कोस रहे होंगे।

कुल मिलाकर ऐसे बहुत से उदाहरण है जो बताते हैं कि
हिमाचल प्रदेश का चुनाव और उसका आकलन स्टूडियो में कोट पेंट पहनकर या फील्ड एक्सपर्ट के रूप में जातीय क्षेत्रीय और पूर्व में हुए चुनावों के आंकड़ों की डेटा बुक हाथ में लेकर नही किया जा सकता।

पहाड़ की हवा फ्रेश है, यहां का हर चुनाव भी फ्रेश है। और हर सीट के मतदाता की अपनी अलग सेट्रेस है।
इसलिए आकलन के लिए भी चाहिए बहुत ट्रिक्स हैं।

नतीजे तो यही कहते हैं। थोड़ा बहुत उनसे पहले पंडित शशिपाल डोगरा जी बीच बीच में कहते रहते हैं। अभी उन्होंने ब्राह्मण मुख्यमंत्री की बात कही है। बाकी हुई है वही जो राम रची राखा।

(लेखक आशीष नड्डा राजनीतिक टिप्पणीकार हैं और लंबे समय से हिमाचल प्रदेश से संबंधित विषयों पर लिख रहे हैं। उन्होंने चुनाव परिणामों का आकलन किया था जो असल नतीजों के काफी करीब रहा है। यहां टैप करके आप उनकी अनुमान वाली पोस्ट देख सकते हैं। देखें

 

Himachal Election Result Live: बीजेपी का रिवाज बदलने का सपना टूटा, कांग्रेस की 40 सीटों पर जीत

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे LIVE

शुरुआती रुझानों में कांटे की टक्कर के बाद आखिरकार कांग्रेस ने बाजी मार ली है। 68 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने 40 सीटों पर जीत दर्ज की है। जबकि बीजेपी कुल 25 सीटें ही जीत पाई है, जिससे बीजेपी का प्रदेश में रिवाज बदलने का सपना टूट गया है। इसके अलावा निर्दलीय उम्मीदवारों ने तीन सीटें जीती हैं।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा
हिमाचल प्रदेश के निवर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद कहा कि लोगों के विकास के लिए काम करना कभी बंद नहीं करेंगे।

उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “हम जनादेश को विनम्रता के साथ स्वीकार करते है। पांच वर्षों में आदरणीय प्रधानमंत्री जी एवं केन्द्र सरकार द्वारा दिए गए बहुमूल्य सहयोग के लिए उनका विशेष आभार। प्रदेश की जनता द्वारा सेवा के लिए दिए पांच साल के लिए धन्यवाद। हिमाचल के सर्वांगीण विकास के लिए हम हमेशा तत्पर रहेंगे।”

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जिला कांगड़ा में सबसे बड़े अंतर से जीते बीजेपी प्रत्याशी पवन काजल। 19,590 वोटों से कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र कुमार को हराया। कांग्रेस उम्मीदवारों में आरएस बाली की जीत का मार्जन (15,892) सबसे अधिक।

—– समय : 03:45 PM —–

हिमाचल प्रदेश में अब तक 36 सीटों पर नतीजे घोषित। कांग्रेस की 20 और बीजेपी की 13 सीटों पर जीत। 3 सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने दर्ज की जीत।

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राज्यपाल को इस्तीफा सौंपेंगे मुख्यमंत्री जयराम

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विधानसभा चुनाव में हार स्वीकार करते हुए कांग्रेस को दी जीत की बधाई। उन्होंने कहा, “मैं जनता के जनादेश का सम्मान करता हूं। मैं हिमाचल प्रदेश की जनता का आभारी हूं कि हमें पांच साल हिमाचल प्रदेश की सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ और हर कदम पर हमें उनका सहयोग मिला।” जयराम ठाकुर ने कहा कि मैं अब से थोड़ी देर में राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दूंगा।

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भाजपा सरकार के ये मंत्री चुनाव हारे
कुसुम्पटी विधानसभा सीट से मंत्री सुरेश भारद्वाज चुनाव हारे।

मनाली विधानसभा सीट से मंत्री गोविंद ठाकुर को कांग्रेस प्रत्याशी भुवनेश्वर गौड़ ने हराया।

कुटलैहड़ विधानसभा सीट से मंत्री वीरेंद्र कंवर चुनाव हारे।

शाहपुर विधानसभा सीट से चुनाव हारीं मंत्री सरवीण चौधरी।

लाहौल-स्पीति विधानसभा सीट हारी बीजेपी, कांग्रेस प्रत्याशी रवि ठाकुर ने मंत्री रामलाल मारकंडा को हराया।

—– समय : 02:30 PM —–

बीजेपी : 26
कांग्रेस : 39
अन्य : 03
कुल सीटें : 68

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—– समय : 01:10 PM —–

बीजेपी : 25
कांग्रेस : 40
अन्य : 03
कुल सीटें : 68

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धर्मपुर में 33 साल बाद सत्ता परिवर्तन, मंत्री महेंद्र सिंह के बेटे रजत ठाकुर चुनाव हारे; कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रशेखर की जीत।

नूरपुर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी रणवीर सिंह निक्का 18 हजार से अधिक मतों से जीते।

—– समय : 01:10 PM —–

बीजेपी : 26
कांग्रेस : 39
अन्य : 03
कुल सीटें : 68

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अभी तक के रुझानों में कांग्रेस को भारी बहुमत मिलता दिख रहा है। अभी तक कांग्रेस 38 सीटों पर आगे है और बीजेपी 27 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। धर्मपुर सीट पर भाजपा पिछ़ड गई है। यहां से कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रशेखर भाजपा प्रत्याशी रजत ठाकुर से 1974 मतों से आगे हैं।

शिलाई विधानसभा सीट से कांग्रेस के हर्षवर्धन चौहान जीते। भाजपा के बलदेव तोमर को हराया।

—– समय : 12:50 PM —–

बीजेपी : 27
कांग्रेस : 38
अन्य : 03
कुल सीटें : 68

—– समय : 12:40 PM —–

बीजेपी : 26
कांग्रेस : 39
अन्य : 03
कुल सीटें : 68

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पांवटा साहिब से भाजपा प्रत्याशी सुखराम चौधरी 8481 मतों से आगे।

ऊना सीट से बीजेपी के सतपाल सिंह सत्ती 1412 मतों से आगे।

—– समय : 11:55 AM —–

अब तक के रुझानों में कांग्रेस को बहुमत, बीजेपी की 27 सीटों पर बढ़त।

बीजेपी : 27
कांग्रेस : 38
अन्य : 03
कुल सीटें : 68

—– समय : 11:30 AM —–

बीजेपी : 28
कांग्रेस : 37
अन्य : 03
कुल सीटें : 68

—– समय : 11:15 AM —–

सराज सीट से मुख्यमंत्री और भाजपा प्रत्याशी जयराम ठाकुर 27 हजार से अधिक मतों से जीते।

—– समय : 11:00 AM —–

बीजेपी : 30
कांग्रेस : 34
अन्य : 04
कुल सीटें : 68

—– समय : 10:58 AM —–

चंबा जिले की भरमौर सीट से भाजपा प्रत्याशी डॉ. जनक राज जीते, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ठाकुर सिंह भरमौरी को दी पटखनी।

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फतेहपुर सीट से बीजेपी के राकेश पठानिया 200 वोटों से आगे।

नगरोटा बगवां से कांग्रेस के आरएस बाली 9 हजार वोटों से आगे।

कांगड़ा सीट से बीजेपी के पवन काजल 4700 वोटों से आगे।

नूरपुर सीट से बीजेपी के रणवीर सिंह निक्का 4 हजार वोटों से आगे।

—– समय : 10:46 AM —–

मंडी की सुंदरनगर सीट से भाजपा के राकेश जम्वाल 6 हजार वोटों से जीते

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सराज सीट से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सबसे ज्यादा 13695 वोटों से आगे चल रहे हैं।

—– समय : 10:30 AM —–

बीजेपी : 32
कांग्रेस : 32
अन्य : 04
कुल सीटें : 68

—– समय : 10:15 AM —–

बीजेपी : 31
कांग्रेस : 32
अन्य : 04
कुल सीटें : 68

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आनी से बीजेपी के लोकेंद्र कुमार 2223 मतों से आगे

हरोली से कांग्रेस के मुकेश अग्निहोत्री 1083 मतों से आगे

—– समय : 10:04 AM —–

शिमला ग्रामीण से कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह 1902 मतों से आगे।

पालमपुर से बीजेपी के त्रिलोक कपूर 273 मतों से आगे।

रामपुर से बीजेजी कौल नेगी 155 मतों से आगे।

सुजानपुर से कांग्रेस के राजेंद्र राणा 582 मतों से आगे।

सुंदरनगर से बीजेपी के राकेश जम्वाल 5559 मतों से आगे।

चुराह से बीजेपी के हंसराज 2800 मतों से आगे।

डलहौज़ी से बीजेपी के डीएस ठाकुर 268 मतों से आगे।

—– समय : 9:37 AM —–

बीजेपी : 24
कांग्रेस : 29
कुल सीटें : 68

—– समय : 9:00 AM —–

पोस्टल बैलट की गिनती क्या संकेत दे रही है?

अभी तक प्रदेश भर से पोस्टल बैलट की गिनती के जो आंकड़े आ रहे हैं, उनमें करीबी मुकाबले के बावजूद बीजेपी थोड़ी सी आगे दिख रही है। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि इसका संकेत यह है कि बीजेपी को लेकर जिस तरह की एक तरफा नाराजगी की बात की जा रही थी, हो सकता है वह ईवीएम के गिनती के दौरान भी न दिखे। हालांकि, शुरुआती रुझान हमेशा अंत तक बरकरार रहें, ऐसा हमेशा संभव नहीं होता।

 

—– समय : 8:55 AM —–

कुल 68 सीटों में कौन आगे?

बीजेपी : 15
कांग्रेस : 12
कुल सीटें : 68

Himachal Assembly Election 2022 का महा Exit Poll, देखें

इन हिमाचल डेस्क।। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने में कुछ ही घंटे बाकी हैं। लेकिन इससे पहले एक्जिट पोल्स आ गए हैं। विभिन्न एजेंसियों एवं मीडिया संस्थानों द्वारा करवाए गए पोल्स इस तरह से हैं। गौरतलब है अभी तक आए पोल्स में सिर्फ एक ही एग्जिट पोल में कांग्रेस की सरकार बनने के संकेत मिल रहे हैं जबकि अन्य सभी में बीजेपी का पलड़ा थोड़ा सा भारी दिखाया जा रहा है।

सिर्फ एक ही संस्थान ने किसी की स्पष्ट बहुमत से सरकार बनाई है और वह है टाइम्स नाउ, जिसने बीजेपी को 38 सीटें आने का अनुमान लगाया है। वहीं टुडेज़ चाणक्य ने बीजेपी और कांग्रेस को बराबर स्थिति में रखा है। दोनों की सीटें 33-33 बताते हुए अनुमान लगाया है कि दोनों की सीटों में सात ऊपर नीचे हो सकती हैं।

सर्वे बीजेपी कांग्रेस आप अन्य
Times Now 38 28 0 2
P-MARQ 34-39 28-33 0-1 0
India Today 24-34 30-40 0 4-8
News X 32-40 27-34 0 0
JAN KI BAAT 37 29 0 2
Zee 38 23 4 3
BARC 35-40 20-25 0-3 1-5
MATRIZE 35-40 26-31 0 0-3
C-VOTER 33-41 24-32 0 0-4
Today’s Chankya 33 (±7) 33(±7) 2 (±2)

अभी तक के इन एग्जिट पोल का औसत निकालें तो बीजेपी को 37, कांग्रेस को 29, AAP और अन्य को 1-1 सीटें आने का अनुमान है।

पालमपुर के थुरल में निजी बस पलटी, 21 यात्री घायल

मृत्युंजय पुरी, धर्मशाला।। कांगड़ा जिले के थुरल क्षेत्र में रविवार देर शाम को एक निजी बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसे में 21 यात्री घायल हो गए हैं।

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के थुरल क्षेत्र में रविवार देर शाम को एक निजी बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसे में 21 यात्री घायल हो गए हैं। गंभीर घायलों को उपचार के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज भेजा जा रहा है। जानकारी के अनुसार थुरल से तीन किलोमीटर दूर चूला में देर शाम एक निजी बस पलट गई।

हादसे में बस के चालक-परिचालक सहित 21 लोग घायल हो गए हैं। घायलों को थुरल और सुजानपुर में प्राथमिक उपचार दिया गया। 10 गंभीर घायलों को टांडा मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। घायलों के लिए दूसरे अस्पतालों से भी एंबुलेंस मंगवाई गई। हादसे के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। पुलिस व प्रशासन की टीम मौके पर बचाव कार्य में लगी है। हादसे के बाद एसडीएम धीरा भी मौके पर पहुंचे।

इन हिमाचल के फेसबुक पेज पर आकर आप टांडा मेडकिल कॉलेज से की गई लाइव रिपोर्टिंग देख सकते हैं।

चंबा के ओजस का म्यूजिक वीडियो ‘तेरा हूं मैं’ हुआ हिट, एक मिलियन व्यूज पार

चंडीगढ़।। हिमाचल के संगीतकार और गायक ओजस के म्यूजिक वीडियो ‘तेरा हूं मैं’ ने यूट्यूब पर एक मिलियन व्यूज का आंकड़ा पार कर लिया है। चंबा जिले से संबंध रखने वाले ओजस का यह लव सॉन्ग युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है जिससे कुछ ही दिनों के अंदर इसके 10 लाख से अधिक व्यूज़ हो चुके हैं।

 

बचपन से थी रुचि
ओजस चंबा जिले के चुवाड़ी में पले-बढ़े। फिर बद्दी यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में बीटेक करने के बाद चंडीगढ़ में सेटल्ड हैं। ओजस ने इन हिमाचल को बताया कि संगीत में बचपन से ही रुचि थी मगर म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट्स को प्ले करने का मौका कॉलेज में ही मिला। उन्होंने कॉलेज में ही म्यूजिक को गहराई से सीखना शुरू किया।

ओजस बताते हैं, “मैंने नोटिस किया कि मेरे अंदर कंपोज़िशनल स्किल्स हैं। इस दौरान मैंने काफी सारी नई धुनें तैयार की, काफी गीत भी लिखे मगर रिकॉर्डिंग सॉफ्टवेयर का ज्ञान नहीं था।”

गीतकार, संगीतकार और निर्देशक खुद ही हैं
ओजस के मुताबिक, एक साल नौकरी करने के बाद उन्हें समझ आ गया था कि खुद से कुछ करना होगा। फिर धीरे धीरे म्यूजिक प्रॉडक्शन सीखा और इसी दौरान थिएटर में ऐक्टिंग करने का भी अवसर मिला। इस सब का उन्हें लाभ मिला और आज वह खुद ही ही लीरिक्स लिखते हैं और खुद ही म्यूजिक प्रॉडक्शन करते हैं। जो गाने ओजस ने रिलीज किए हैं, उनके म्यूजिक वीडियो को डायरेक्ट भी उन्होंने खुद ही किया है।

ओजस ने अपने यूट्यूब चैनल पर अपने अब तक के सफर के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ वीडियो प्रॉडक्शन के समय के वीडियो भी पोस्ट किए हैं। अपने चैनल पर वह पॉप्युलर गानों के इंस्ट्रूमेंटल कवर भी पब्लिश करते हैं जिन्हें लोग काफी पसंद कर रहे हैं, जैसे कि घूमर का यह गिटार कवर।

आगे की योजनाओं के बारे में ओजस बताते हैं, “अब तक मै लगभग 300 के करीब गाने कंपोज़ कर चुका हूं जो कि धीरे-धीरे अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड करता रहूंगा।”

हमीरपुर में कम पोस्टल बैलट पहुंचने से निर्वाचन अधिकारी चिंतित

हमीरपुर।। हमीरपुर जिला में पोस्टल बैलेट को लेकर निर्वाचन आयोग चिंतित नजर आ रहा है क्योंकि अभी तक पांचों विधानसभा क्षेत्रों से केवल मात्र तीस प्रतिशत ही पोस्टल बैलेट वापिस पहुंच पाए है। आठ दिसंबर से पहले पोस्टल बैलेट के सौ प्रतिशत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए निर्वाचन विभाग ने भी कमर कसते हुए अधिकारियों व कर्मचारियों से जल्द से जल्द पोस्टल बैलेट भिजवाने की अपील की है।

जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी देवश्वेता बनिक ने बताया कि विधानसभा चुनावो के परिणाम घोषित होने में थोड़ा ही समय बचा है लेकिन पोस्टल बलैट पेपर अभी तक नहीं पहुंचे है। बनिक ने बताया की बैलेट पेपर डाक के माध्यम से आने है जिसके लिए डाक विभाग से संपर्क बनाया हुआ है ताकि 8 दिसंबर से पहले पहले सभी बैलेट पेपर पहुंच जाएं।

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देवश्वेता बनिक ने बताया कि पोस्टल बैलेट की प्रक्रिया पूरी की जा सके इसके लिए डाक विभाग से पूरी तरह से संपर्क किया जा रहा है ताकि जो भी पोस्टल बैलेट आए उन्हें तुंरंत पहुंचाया जाए। उन्हेांने कर्मचारियों से भी आवाहन किया है कि अपना मत का प्रयोग करके जल्द से जल्द मत को भिजवाए ताकि मतगणना वाले दिन मतगणना की जा सके।

बनिक ने बताया कि हमीरपुर जिला के पांचों विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर विभिन्न कैटागिरी में 13704 पोस्टल बैलेट में 13572 को पोस्टल बैलेट जारी किए गए हैं, जिनके तय समय के अनुसार वापिस आने की पूरी उम्मीद है।

धर्मशाला में MRP से ज्यादा रेट पर शराब बेचने पर ठेके पर जुर्माना

धर्मशाला।। शराब की बोतल पर प्रिंट से 100 रुपए ज्यादा वसूलने पर आबकारी एवं कराधान विभाग ने धर्मशाला शहर के एक ठेके पर 15 हजार रुपए जुर्माना लगाया है। ग्राहक की शिकायत पर विभाग ने यह कड़ा एक्शन लिया है। उपायुक्त आबकारी एवं कराधान विभाग ने खबर की पुष्टि की है।

प्रतीकात्मक तस्वीर

जानकारी के अनुसार यह मामला 17 नवंबर का है। विभाग को ई मेल के जरिए भेजी शिकायत में ग्राहक ने कहा था कि उसने शहर के एक ठेके से अंग्रेजी शराब की बोतल खरीदी थी। ग्राहक का आरोप था कि उससे शराब की दुकान पर पहले 1800 रुपए मांगे गए। इस पर उसने थोड़ी रियायत की बात कही, तो अंत में उसे शराब की यह बोतल 1600 रुपए में मिली।

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शिकायतकर्ता के अनुसार बाक्स में बंद बोतल के बाहरी कवर रेट अंकित नहीं था। उसने घर ले जाकर बोतल खोली, तो उसपर 1600 रुपए प्रिंट रेट अंकित था। इस पर उसने ई मेल के जरिए विभाग को शिकायत भेज दी। इस पर विभाग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए संबंधित ठेके पर 15 हजार जुर्माना लगाया है।

गौर रहे कि हिमाचल में शराब के कारोबार से सरकार को बड़ी इनकम होती है। प्रदेश में इस बार 1800 करोड़ का राजस्व इसी मद से जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।

शाहपुर में बिना नंबर की स्कूटी पर चिट्टे के साथ पकड़े गए दो युवक

शाहपुर।। जिला कांगड़ा के थाना शाहपुर के अंतर्गत 39 मील में एएनटीएफ (ANTF) की कांगड़ा टीम ने देर रात दो युवकों से किया 5.83 ग्राम चिट्टा बरामद किया। आरोपी युवक श्याम नगर और योल कैंट के रहने वाले हैं।

एएनटीएफ (ANTF) की कांगड़ा टीम के एएसआई सुनील पटियाल की अगुवाई में देर रात शाहपुर थाना के अंतर्गत 39 मील में कांस्टेबल रविंद्र कुमार, कांस्टेबल मनोज कुमार और होम गार्ड जवान संजय कुमार ने नाका लगाया था।

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लगभग रात 12 बजे के करीब दो व्यक्ति शुभम, उम्र 27 वर्ष निवासी श्याम नगर व सिद्धार्थ थापा, उम्र 23 वर्ष निवासी योल कैंट जो बिना नंबर की स्कूटी से द्रमण से धर्मशाला की ओर आ रहे थे। जब इन युवकों की चेकिंग की गई तो 5.83 ग्राम चिट्टा/हेरोइन की बरामदगी हुई।

पुलिस ने युवकों के खिलाफ पुलिस थाना शाहपुर में केस एफआईआर नंबर 100/2022 दिनांक 23/11/2022, एनडीपीएस एक्ट के तहत 21, 25, 29 मामला दर्ज किया है। दोनों को पुलिस ने हिरासत में लेकर तफ्तीश शुरू कर दी है।

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शांता बोले- देश से माफ़ी मांगें राहुल गांधी, महान सावरकर के संबंध में दिया बयान आपत्तिजनक

पालमपुर।। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान वीर सावरकर पर राहुल गांधी की ओर से की गई टिप्पणी पर वरिष्ठ बीजेपी नेता शांता कुमार ने आपत्ति जताई है। साथ ही उन्होंने राहुल गांधी से इस बयान के लिए माफ़ी मांगने के लिए कहा है।हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने कहा है कि भारत के महान क्रांतिकारी देशभक्त वीर सावरकर के संबंध में आपत्तिजनक बयान देकर राहुल गांधी ने पूरे स्वतन्त्रता आंदोलन के शहीदों का अपमान किया है। शांता कुमार ने आगे कहा कि कांग्रेस में समझदार नेता उन्हें (राहुल गांधी) सलाह दें और वह पूरे देश से क्षमा याचना करें।

‘आज़ादी के लड़ाई के लिए 27 वर्ष जेल में बिताए’

शांता कुमार ने कहा कि आजादी की लड़ाई में जीवन के 27 वर्ष जेल में बिताने वाले वीर सावरकर ने उसमें से भी 11 वर्ष काला पानी की जेल में बिताये थे। मुझे अंडेमान में जेल की उस काल कोठरी को देखने का सौभाग्य मिला था। उसे देखकर आंखें बन्द करके हाथ जोड़कर मैने उस महान क्रांतिकारी को प्रणाम किया जिसने लगभग 10 फुट लंबी चौड़ी उस अंधेरी कोठरी में लगभग 11 वर्ष व्यतीत किए और उसकी दीवारों पर अपनी नई कविता लिखकर उसको याद करके फिर मिटा कर अपने साहित्य का सृजन किया।

शांता कुमार ने कहा कि उन्हें जब अंडेमान ले जाया जा रहा था तो समुद्री जहाज के बाथरूम के नीचे से समंदर में छलांग लगा दी। करीब 17 किलोमीटर तैरकर जब वह किनारे पहुंचे। वहां उन्हें फ्रांस की सरकार ने पकड़कर अंग्रेजों को सौंप दिया। यह विश्व के इतिहास का एकमात्र उदारहण है कि कोई देशभक्त इस प्रकार समंदर में तैरकर बाहर निकला हो।

सावरकर की पुस्तक पर छपने से पहले ही लग गया प्रतिबंध

शांता कुमार ने कहा कि अंग्रेजों ने 1857 के स्वतन्त्रता संग्राम को सिपाही विद्रोह कह कर दबाने की कोशिश की थी। इस संबंध में उन्होंने खोजपूर्ण पुस्तक लिखी। लंदन में इंडिया हाउस पुस्तकालय का उपयोग करते हुए जैसे ही पुस्तक पूरी हुई तो अंग्रेजी सरकार को इसकी भनक लग गई। अंग्रेज़ी हुकूमत ने तुरंत पुस्तक छपने पर प्रतिबंध लगा दिया। मैडम कामा की मदद से यह पुस्तक हॉलैंड में छपी फिर फ्रांस में पहुंची और उसके बाद भारत। उन्होंने कहा कि यह भी विश्व इतिहास का एकमात्र उदारहण है कि किसी लेखक की पुस्तक पर छपने से पहले प्रतिबंध लगा हो। 1857 के हजारों देशभक्तों के उस ऐतिहासिक प्रयास को स्वतन्त्रता का प्रथम संग्राम सिद्ध करने का ऐतिहासिक काम वीर सावरकर ने किया।

‘देश से क्षमा याचना करें राहुल गांधी’

शांता कुमार ने कहा कि उन्होंने क्रांतिकारी इतिहास का गहरा अध्ययन किया है और उस पर एक पुस्तक भी लिखी है। अपनी पुस्तक की भूमिका लेने के लिए वह वीर सावरकर को मुंबई में मिले थे। पूरे क्रांतिकारी इतिहास में राहुल गांधी के आरोप का कोई प्रामाणिक वर्णन नहीं है। कई बार सोची समझी योजना के अनुसार क्रांतिकारी ऐसे पत्र लिखते थे। फिर जेल से निकलते थे और फिर गुप्त क्रांतिकारी आन्दोलन में शामिल हो जाते थे। कई बार क्रांतिकारी आंदोलन को बदनाम करने के लिए भी सरकार इस प्रकार के पत्रों का समाचार पत्रों में ज़िक्र करती थी। शांता कुमार ने कहा कि राहुल गांधी यदि वीर सावरकर पर की गई टिप्पणी के लिए देश से क्षमा याचना नहीं करते तो उनकी भारत जोड़ो यात्रा भारत अपमान यात्रा बन जाएगी।

आख़िर वार सावरकर पर राहुल गांधी ने क्या कहा है

राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं। इस यात्रा के दौरान महाराष्ट्र में राहुल गांधी ने जो बातें कही उसी से विवाद पनप गया है। इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने कहा ‘सावरकर जी ने अंग्रेजों की मदद की। उन्होंने अंग्रेजों को चिट्ठी लिखकर कहा – सर, मैं आपका नौकर रहना चाहता हूं।’ राहुल गांधी ने यह भी कहा, ‘जब सावरकर जी ने माफीनामे पर हस्ताक्षर किए तो उसका कारण डर था। अगर वह डरते नहीं तो वह कभी हस्ताक्षर नहीं करते। इससे उन्होंने महात्मा गांधी और उस वक्त के नेताओं के साथ धोखा किया।