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Friday, September 12, 2025
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कौल, बाली और सुधीर के लिए बीजेपी ने बनाई ये रणनीति

नई दिल्ली।। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने लगभग सभी सीटों के लिए टिकट तय कर लिए हैं। अब चर्चा उन जगहों पर हो रही है, जहां से मौजूदा कांग्रेस सरकार के दिग्गजों को टक्कर देनी है। बीजेपी चाहती है कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ही नहीं, बल्कि उनके कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ भी तगड़े और विनिंग कैंडिडेट दिए जाएं। इसके लिए ऐसे नामों पर चर्चा चल रही है, जो जीतने का माद्दा रखते हों।

जानकारी मिली है कि बीजेपी ने उन सभी सीटों पर भी नाम तय कर लिए हैं, जहां पर टिकट की दावेदारी जताने वाले बहुत थे। अब वह मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, कौल सिंह ठाकुर, जीएस बाली और सुधीर शर्मा जैसे दिग्गजों को हराने के लिए माथापच्ची कर रही है और इसीलिए लिस्ट जारी करने में देरी हो रही है।

कौल को कड़ी टक्कर देने की तैयारी?

पार्टी चाहती है कि इन नेताओं को उनके घर पर ही घेर दिया जाए, ताकि वे अपने आसपास की सीटों पर प्रभाव न जमा पाएं और अपनी जीत सुनिश्चित करने के चक्कर में ही व्यस्त रहें। पार्टी का मानना है कि वीरभद्र तो अपनी और बेटे की सीट में व्यस्त रहेंगे, ऐसे में उनके खतरा कम है। मगर अन्य नेताओं को घेरना जरूरी है, ताकि वे अपनी सीट बचाने में ही उलझे रहें।

सुधीर के खिलाफ उतारा जा सकता है नया कैंडिडेट

इस रणनीति के तहत बीजेपी उन लोगों के टिकट काट सकती है, जिन्हें इन दिग्गज नेताओं से पिछली बार हार का सामना करना पड़ा है। इसके संकेत मिलना भी शुरू हो गए हैं और पार्टी से टिकट की चाहत रखने वाले कुछ पुराने नेताओं के समर्थक ने नाराजगी जाहिर करना शुरू कर दिया है।

संकेत मिल रहे हैं कि ठियोग, द्रंग, नरगोटा बगवां और धर्मशाला से बीजेपी नए चेहरों को मौका दे सकती है और इनमें कुछ संगठन में शामिल रहे लोग भी हो सकते हैं। अनिल शर्मा के शामिल होने से बीजेपी को राहत मिली है और वह मंडी सीट पक्की मान रही है। माना जा रहा है कि पार्टी आज ही अपनी लिस्ट जारी कर सकती है।

जानें, आखिर ये ‘आया राम-गया राम’ है क्या

शिमला।। हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए कांग्रेस नेता अनिल शर्मा ने कहा कि वह अपने पिता सुखराम के अपमान से नाराज थे। दरअसल पंडित सुखराम को पिछले दिनों एक भाषण के दौरान वीरभद्र सिंह ने इशारों ही इशारों में ‘आया राम, गया राम’ कह दिया था। अनिल शर्मा और सुखराम परिवार के बीजेपी में शामिल होने पर प्रतिक्रिया देते हुए दोबारा वीरभद्र ने यही बात कही और कहा- पंडित सुखराम का परिवार आया राम, गया राम है। पहले भी उन्होंने कांग्रेस छोड़कर अपनी अलग पार्टी बनाई थी मगर फिर कांग्रेस में आ गए।

इतना तो आप समझ गए होंगे कि यह बात राजनीति में पार्टी, पाला या खेमा बदलने के लिए कही जाती है। मगर इसमें ‘राम’ का संबंध सुख राम से नहीं, बल्कि हरियाणा के एक नेता से बताया जाता है। उस नेता पर, जिसने 24 घंटों के अंदर तीन बार पार्टियां बदल ली थीं। कथित तौर पर उन्हीं के नाम पर यह बात चल पड़ी है।

दरअसल 1967 में गया लाल हरियाणा के हसनपुर से विधायक थे। पहले वह कांग्रेस छोड़कर युनाइटेड फ्रंट में गए थे। फिर वह कांग्रेस में लौट आए और फिर दोबारा युनाइटेड फ्रंट में चले गए। यह पूरा घटनाक्रम चौबीस घंटों में हुआ। उस समय कांग्रेस के नेता बीरेंदर सिंह ने कथित तौर पर कहा था कि ‘आया राम पर गया राम है।’ इसके बाद दलबदलू लोगों के लिए इस मुहावरे को इस्तेमाल किया जाने लगा।

हालांकि गया लाल के बेटे उदय भान ने एक अखबार से बात करते हुए कहा था कि उनके पिता ने पार्टी नहीं बदली थी, हालांकि हालात को बदलने हुए समर्थन अलग-अलग जगह जरूर दिया था। उनका कहना है कि उमा शंकर दीक्षित ने पहली बार संसद में यह मुहावरा इस्तेमाल किया था, मगर किसी ने इसे मेरे पिता से जोड़ दिया।

वैसे हिमाचल में पार्टियां बदलने वाले बहुत से नेता हैं जो कई खेमे बदलते रहे हैं। ऐसे लोगों के नाम के आधार पर आपको कोई जुमला बनाना हो तो किसका नाम चुनेंगे? 🙂 कॉमेंट करके जरूर बताएं।

अनिल शर्मा के आने से मंडी बीजेपी मंडल नाराज, कहा- पुनर्विचार करे हाईकमान

मंडी।। हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक उठापटक शुरू हो गई है। जैसे ही मंडी से कांग्रेस के विधायक और मंत्री रहे अनिल शर्मा ने बीजेपी का दामन थामा, कुछ ही देर बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं की नाराजगी की खबर भी आ गई। जेल रोड में बीजेपी कार्यालय में मंडल की बैठक का आयोजन हुआ। रविवार को हुई इस बैठक में कहा गया कि अगर अनिल शर्मा को बीजेपी का उम्मीदवार बनाया जाता है तो प्रत्याशी की जीत या हार के लिए मंडल जिम्मेदार नहीं होगा। यही नहीं, सामूहिक इस्तीफे की बात भी कही गई।

 

बीजेपी मंडल पदाधिकारियों ने हाईकमान से कहा है कि इस फैसले पर फिर से विचार करे। मंडी मंडल अध्यक्ष दीपक गुलेरिया की अध्यक्षता में यह बैछक हुई। इसमें बीजेपी के पूर्व प्रत्याशी डीडी ठाकुर भी मौजूद रहे। विभिन्न मोर्चों के पदादिकारी भी इस दौरान मौजूद रहे।

अनिल शर्मा

गुलेरिया ने कहा कि अनिल शर्मा के बीजेपी में आने से कार्यकर्ताो मे नाराज़गी है। इस बीच अनिल शर्मा ने भी सोमवार को ब्लॉक कांग्रेस में शामिल अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है। इसमें वह उन समर्थकों की लिस्ट बनाएंगे, जो उनकी ही तरह बीजेपी में शामिल होंगे।

वीरभद्र के ठियोग से लड़ने के ऐलान से नाखुश कांग्रेसियों ने बुलाई बैठक

शिमला।। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के ठियोग से चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद कांग्रेस के अंसतुष्ट खेमे ने सोमवार को एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में ये लोग आगे की रणनीति बनाएंगे। जो नेता इस बैठक में शामिल होने जा रहे हैं, उनमें स्टोक्स खेमे के भी हैं। दरअसल विद्या स्टोक्स ने इस बार चुनाव न लड़ने की बात कही है और वीरभद्र ने अपनी सीट शिमला रूरल बेटे के लिए छोड़ दी है। ऐसे में मुख्यमंत्री ने ऐलान किया है कि वह ठियोग से लड़ेंगे।

 

अंतुष्टों का नेतृत्व राजेंद्र वर्मा कर रहे हैं जो 2003 और 2008 में कांग्रेस के टिकट पर इलेक्शन लड़ चुके हैं। उन्होंने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा था- हमें भेड़-बकरियों की तरह नहीं हांकना चाहिए। अच्छा होता कि कोई भी फैसला लेने से पहले पुराने कांग्रेसियों से बात करके उन्हें भी विश्वास में लिा जाता।

 

राजेंद्र वर्मा ने बताा है कि सोमवार को होने जा रही बैठक में रमेश हेटा, जयप्रकाश वर्मा और जोगेंद्र ठाकुर भी मौजूद रहेंगे। गौरतलब है कि ये नेता रविवार को विद्या स्टोक्स के नेतृत्व में ओकओवर जाकर वीरभद्र को चुनाव लड़ने का न्योता देने गए नेताओं में शामिल नहीं थे। वैसे यह भी रोचक बात है कि वीरभद्र ने लड़ने का ऐलान पहले कर दिया था, न्योता उन्हें बाद में दिया गया।

हदें पार, नीरज भारती ने शेयर किया अश्लील वीडियो

शिमला।। सोशल मीडिया पर गालियां देने, अभद्र टिप्पणियां करने, धमकाने और मर्यादाहीन पोस्ट्स शेयर करते रहे कांग्रेस के ज्वाली से विधायक और सीपीएस एजुकेशन रहे नीरज भारती ने हदें पार कर दी हैं। उन्होंने फेसबुक टाइमलाइन पर इक अनसेंसर्ड आश्लील क्लिप शेयर कर दी है। इसमें दिख रहे शख्स को हिमाचल का एक वरिष्ठ नेता बताया गया है।

 

वीडियो में टेक्स्ट है- प्रेम लीला में डूबे सुखराम शर्मा। वीडियो में शुरू में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे पण्डित सुखराम की तस्वीरें हैं और फिर नरेशन में कुछ आरोप लगाए जा रहे हैं। आगे इसमें एक महिला-पुरुष के अंतरंग दृश्य हैं।

 

इसे शेयर करते हुए भारती ने लिखा है- “क्या करें साला शरीर तो बूढ़ा हो जाता है पर अरमान जो जवान रहते हैं….. 😂 वियाग्रा का सही इस्तेमाल….. 😀”

इससे ठीक पिछली पोस्ट में उन्होंने सुख राम के बेटे और मंडी के विधायक अनिल शर्मा पर निशाना साधा है। यही नहीं, भारती ने इस खबर को छापने पर ‘इन हिमाचल’ के प्रति भी अपमानजनक भाषा इस्तेमाल की है।

In Himachal पर भारती की अपमानजनक पोस्ट

यह पहला मौका नहीं है जब भारती ने कुछ अमर्यादित किया है। अक्सर वह अभद्र पोस्ट्स डालते हैं। मुख्यमंत्री वीरभद्र और भारती के पिता कह चुके हैं- नीरज कुछ गलत नहीं कर रहा। मगर अब तो सब हदें पार हो चुकी हैं।

बीजेपी में शामिल होते ही ‘भ्रष्टाचारी’ नहीं रहे अनिल शर्मा?

शिमला।। कांग्रेस सरकार में मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे अनिल शर्मा ने बीजेपी जॉइन कर ली है। मंडी से विधायक अनिल शर्मा आज भले ही बीजेपी के दुलारे बन गए हैं, मगर दिसंबर 2016 में बीजेपी ने उनके ऊपर कई घोटाले करने का आरोप लगाया था और उन्हें ‘चोर’ कहा था। बीजेपी ने जो चार्जशीट राज्यपाल को सौंपी थी, उसे ‘अली बाबा और चालीस चोर’ नाम दिया गया था। इसमें बीजेपी ने मुख्यमंत्री, मंत्रियों, सीपीएस और अन्य नेताओं पर आरोप लगाए थे।

 

जानें, इस चार्जशीट में क्या आरोप लगाए थे बीजेपी ने अनिल शर्मा पर:

 

पहला आरोप: अनिल शर्मा ने विधानसभा चुनाव के दौरान हलफनामा देकर मंडी स्थित होटल पांच साल से बंद होटल और 1970 में लगाए सेब के बगीचे से करोड़ों रुपये की आमदनी दर्शाई है।

दूसरा आरोप: तीन मंजिल की मंजूरी होने के बावजूद मंत्री ने अपने होटल मैफेयर को छह मंजिल तक बना लिया। विजिलेंस द्वारा जांच के बावजूद जांच से बचने के लिए होटल का नाम बदलकर रिजेंट पाम रख दिया।

तीसरा आरोप: मंडी के राजमहल जमीन के सौदे में मंत्री के खाते से लाखों रुपये संजय कुमार को भेजे गए। बेनामी सौदा खूब राम के नाम से हुआ जिसका सूत्रधार संजय था।

चौथा आरोप: पशुपालन विभाग में दवाओं की खरीद के लिए जिन 30 फर्मों के साथ रेट कांट्रेक्ट किया गया उनमें से 15 को सरकार व विभाग ने ब्लैलिस्ट कर रखा है। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने इस संबंध में प्रदेश सरकार को कापी दी लेकिन अब भी सरकार महंगी दरों पर दवाएं खरीद रही है।

इन आरोपों के बाद अनिल शर्मा ने मानहानि का केस करने की बात कही थी और यह भी कहा था कि अगर एक भी आरोप साबित होता है तो वह राजनीति छोड़ देंगे। मगर अब उन्होंने आरोप लगाने वाली पार्टी चुन ली है। इस आरोपपत्र को बीजेपी ने तथ्यों पर आधारित बताया था और कहा था कि सत्ता में आने पर जांच होगी और दोषी सलाखों के पीछे होंगे।

ऐसे में चर्चा जारी है कि क्या इन दिनों ‘हिसाब मांगे हिमाचल’ अभियान चला रही बीजेपी ने अनिल शर्मा से भी हिसाब मांगा है या बीजेपी में आने के बाद सब पवित्र हो जाता है?

ठियोग सर्किट हाउस में हुई पार्टी पर उठे गंभीर सवाल

शिमला।। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शुक्रवार को ठियोग से चुनाव लड़ने का ऐलान किया और उसी शाम यहां के सर्किट हाउस में जो हुआ, उसका वीडियो वायरल हो गया है। इस वीडियो में कुछ लोग शराब पीकर नाचते-गाते नजर आ रहे हैं। इनमें कांग्रेस के पदाधिकारियों से लेकर पुलिस अधिकारी और अन्य सरकारी अधिकारी भी बताए जा रहे हैं। आरोप है कि सर्किट हाउस में वीरभद्र सिंह को जिताने की योजना बनाई जा रही थी मगर अब मामले खुलने पर लीपापोती की कोशिश हो रही है। (वीडियो आखिर में है)

जैसे ही यह वीडियो ‘इन हिमाचल’ के पास आया, माकपा नेता राकेश सिंघा से संपर्क किया गया। उन्होंने बताया कि इस वीडियो को राकेश गोलू ने बनाया है और इस वीडियो को ध्यान से देखें तो पता चलता है कि कौन-कौन से लोग मौजूद थे।

उन्होंने कहा कि जैसे ही मुझे इस बात की जानकारी मिली की सर्किट हाउस में ऐसा आयोजन हो रहा है तो सबसे पहले एसडीएम को कॉल की, मगर इसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने डीसी को भी सूचित किया मगर अब तक कोई ऐक्शन नहीं हुआ है।

राकेश सिंघा ने कहा कि इस मामले में चुनाव आयोग को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए, मगर अब ऐसा लग रहा है कि लीपापोती की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि अब यह कहा जा रहा है कि रॉटरी क्लब की मीटिंग थी, मगर ऐसा नहीं था। उन्होंने कहा, “इसमें डीएसपी ठियोग थे, इलाके के इंपॉर्टेंट लोग थे और कांग्रेस के ब्लॉक प्रेजिडेंट ब्रह्म नंद शर्मा भी थे। अगर वीडियो को स्टडी किया जाएगा तो पता चल जाएगा कि कौन-कौन थे।”

ठियोग कांग्रेस के ब्लॉक प्रेजिडेंट ब्रह्मनंद शर्मा

सिंघा ने कहा कि वह प्रेस कॉन्फ्रेंस करना चाहते थे मगर उन्हें सर्किट हाउस में घुसने नहीं दिया गया, मगर शाम को इसके वीडियो देखकर वह शॉक्ड रह गए। ऐसे में उन्होंने इसका वीडियो डीसी को भेजा है।

सिंघा ने कहा कि भारत में चुनाव आयोग स्वायत्ता और निष्पक्ष संस्थान है, ऐसे में उन्हें न्याय की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि अगर न्याय नहीं मिलता है तो आगे भी लड़ाई जारी रहेगी।

कांग्रेस की इलेक्शन कमेटी की कमान सुखविंदर सुक्खू को

नई दिल्ली।। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए इलेक्शन कमेटी, को-ऑर्डिनेशऩ कमेटी, कैंपेन कमेटी, पब्लिसिटी कमेटी, मेनिफेस्टो कमेटी और डिसिप्लिनरी कमेटी का ऐलान कर दिया है। इलेक्शन कमेटी के चेयरमैन सुक्खू होंगे और वीरभद्र मेंबर। इस कमेटी में कुल 15 सदस्य होंगे।

नीचे लिस्ट देखें, कौन किस कमेटी में है। अगर आप मोबाइल इस्तेमाल कर रहे हैं और उसमें नाम साफ नहीं दिख रहे तो पेज के आखिर में जाकर पीडीएफ डाउनलोड करें

 

 

Press Release on Himachal Pradesh 13-10-2017 (1)

 

 

In Himachal की खबर पर मुहर, ठियोग से लड़ेंगे वीरभद्र

शिमला।। मुख्यमंत्री वीरभद्र पिछली बार शिमला रूरल सीट से विधायक चुने गए थे, मगर इस बार उन्होंने वह सीट अपने बेटे विक्रमादित्य के लिए छोड़ दी है। जहां पिछले दिनों विक्रमादित्य कह रहे थे कि एक परिवार से एक ही शख्स को टिकट मिलना चाहिए, उसके उलट मुख्यमंत्री वीरभद्र ने अपने लिए नई सीट चुन ली है और वह है- ठियोग। ठियोग से कांग्रेस की वरिष्ठ मंत्री विद्या स्टोक्स विधायक हैं, मगर इस बार वह निजी कारणों से चुनाव नहीं लड़ रही हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ने सिर्फ यह कहा है कि वह ठियोग से चुनाव लड़ेंगे, बल्कि यह जानकारी भी सामने आ गई है कि वह नामांकन कब दाखिल करेंगे।

 

जिस वक्त ये कयास लगाए जा रहे थे कि बेटे के लिए शिमला रूरल छोड़कर खुद वीरभद्र कहां लड़ेंगे, उस दौरान अर्की से लेकर चंबा तक के कयास लगाए जा रहे थे। मगर ‘इन हिमाचल’ 28 सितंबर को राजनीतिक विश्लेषण पेश करते हुए कहा था कि वीरभद्र की नजरें ठियोग सीट पर हैं (यहां क्लिक करके पढ़ें)। और इस पर मुहर लगी है और उन्होंने यहीं चुनाव लड़ने की बात कही है। वह 20 अक्तूबर को सुबह 11 बजे नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।

 

मगर कहां गया ‘अनुशासन’?
इस बीच ठियोग में कांग्रेस के एक वर्ग में दबे स्वर में कानाफूसी चल रही है। अभी प्रदेश में कहीं पर भी उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नहीं हुई है और कांग्रेस ने इस बार एक समयसीमा के तहत टिकट के चाहवानों को आवेदन करने के लिए कहा था। ठियोग से भी 25000 रुपये जमा करवाते हुए कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने टिकट के लिए आवेदन किया था, मगर उनके नाम पर चर्चा हुए बगैर ही मुख्यमंत्री ने ऐलान कर दिया कि वह खुद यहां से चुनाव लड़ेंगे और फ्लां दिन नामांकन भरेंगे। ऐसे में टिकटार्थियों में हल्का असंतोष देखा जा रहा है। एक टिकटार्थी ने कहा कि हम पार्टी के साथ ही चलेंगे और पार्टी के उम्मीदवार को ही जिताएंगे, मगर नियम सभी के लिए समान होने चाहिए।

 

कार्यकर्ताओं में नाराज़गी
मुख्यमंत्री के इस कदम का संगठन में गलत संदेश जाने की आशंका जताई जा रही है। उदाहरण के लिए हर सीट में अगर हर कोई बिना पार्टी की तरफ से टिकटों का आधिकारिक ऐलान हुए खुद को ही कैंडिडेट घोषित कर दे तो असहज स्थिति हो जाएगी। कांग्रेस के अंदर वीरभद्र का विरोधी धड़ा नाराजगी जताता रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री, जो एक तरफ खुद बेटे के टिकट लिए पैरवी के लिए अपनी सीट छोड़कर किसी अन्य सीट से लड़ने का ऐलान कर चुके हैं, उनके लिए आने वाले समय में पार्टी के अंदर सवाल खड़े हो सकते हैं।

ED ने अटैच की मुख्यमंत्री वीरभद्र के बेटे विक्रमादित्य की संपत्ति

शिमला।। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह की दो कंपनियों की संपत्ति जब्त करने की खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई मुख्यमंत्री के मनी लॉन्ड्रिंग केस में की गई है। इस मामले में मुख्यमंत्री आरोपी हैं। ईडी ने शुक्रवार देर शाम यह कार्रवाई की है।

 

जिन कंपनियों की संपत्ति जब्त की गई है, उनका नाम मैसर्ज तारिणी इंटरनैशनल और तारिणी इन्फ्रा दमनगंगा प्रॉजेक्ट है और यह 5.6 करोड़ रुपये की संपत्तियां हैं। इससे पहले दिल्ली के फार्म हाउस को भी ईडी ने जब्त किया था। चुनावी माहौल में हुई इस कार्रवाई को लेकर ईडी के अधिकारियों का कहना है कि केस पुराना है और इसमें पहले भी कार्रवाई की जा चुकी है।

 

क्या है मामला
ईडी को कथित तौर पर जांच के दौरान जानकारी मिली थी कि वकामुल्ला चंद्रशेखर ने मुख्यमंत्री को 5 करोड़ 9 लाख रुपये दिए थे। यह रकम मुख्यमंत्री के पारिवारिक सदस्यों में बांटी गई थी। यह रकम कथित तौर पर तीन खातों के जरिए सीएम की फैमिली के पास पहुंची थी। बेटे और बेटी के नाम पर 60 लाख रुपये की एफडी खोली गई थी और शेयर खरीदे गए थे।