कोरोना पीड़ित मां-बेटी की तस्वीरें वायरल कीं, फिर दे रहे गालियाँ

प्रतीकात्मक तस्वीर

यतिन पंडित।। कुल्लू के भुंतर में तीसरे टेस्ट में कोरोना पॉज़िटिव पाई गईं माँ-बेटी की पहले तस्वीरें वायरल की गईं और अब कुछ लोग इनके प्रति सहानुभूति दिखाने की जगह उन्हें कोस रहे हैं। अभी कुछ देर पहले शीतला माता मोड़ से एक पहचान के मित्र घर आ रहे थे। दो-तीन औरतें खड़ी होकर हाल ही में भुंतर में आए कोरोना पॉजिटिव केस के बारे बातें कर रही थीं। जिसमें औरतों ने सम्बंधित मरीज महिला के लिए ऐसे शब्द प्रयुक्त किए कि शर्म से सर झुक जाए। उन शब्दों को सुनकर लगा कि हम मानव जाति के तौर पर नीचता के स्तर पर पहुंच चुके हैं।

और आप जानते हैं यह सब क्यों हुआ? क्योंकि कुछ लोगों ने उस बेचारी महिला का फोटो और जानकारी वायरल कर दी। साथ ही हमारी अपनी मानसिकता इतनी गिर चुकी है कि हमे एक मरीज़ और एक अपराधी के बीच अंतर करना भी नहीं आ रहा! हमारा दिमाग कोरोना से भी अधिक गंभीर बीमारी से संक्रमित हो चुका है।

सवाल यह भी कि क्या बातें बनाने वाली महिलाओं के घर मे कभी की बीमार ही नहीं हुआ होगा? भगवान ना करे उनके यहां कोई गंभीर बीमारी से ग्रसित हो जाए और लोग उनके उस सम्बंधी को घृणित नज़रों से देखना शुरू कर दें। उसे गंदे और भद्दे नामों से बुलाने लग जाएं, तब उन महिलाओं पर क्या बीतेगी?

गाँव-गांव में ऐसा माहौल देखने को मिल रहा है और संकट के दौर में घर लौट रहे लोगों को भी कुछ लोग दुश्मन मान रहे हैं। एक तरफ़ यह बात भी सच है कि सामाजिक दूरी का स्लोगन वास्तव में ही हमारे समाज मे आपस मे ही सामाजिक रूप से दूरी बनाने का औज़ार बनता जा रहा है। शारीरिक दूरी शब्द इस सम्बन्ध में ज़्यादा उपयुक्त है। पर फिर भी; शब्दों का करेंगे क्या हम लोग? जागरूकता शब्दों से नहीं आती, कॉमन सेंस से आती है। हम जाहिलों की कौम हैं और शायद जाहिल ही बने रहेंगे।

मेरे गृहक्षेत्र सुलतानपुर में पिछले दिनों एक अंग्रेज कोरोना के कारण फंस गया था। वह जनवरी से यहीं था और अपने देश जाने का इंतज़ार कर रहा था। दिन में घूमते हुए मेरी दुकान पर आता और बैठकर बातचीत करता। काफ़ी दिनों तक हमारी बहुत से विषयों पर चर्चा हुई। उस दौरान उसने भारत की समस्याओं के सम्बंध में एक बहुत बड़ी बात कही थी।

“तुम्हारे इंडिया की समस्या पता है क्या है? तुम्हारे यहां बेशक किसी के पास शौचालय नहीं होगा पर हाथ मे मोबाइल ज़रूर होगा। तुम्हें बेशक विज्ञान के बारे में पता नहीं होगा पर ज्ञान तुम सबको देते फिरोगे।”

उस समय यह सुनकर बहुत अजीब लगा और गुस्सा भी आया था। पर वो आदमी सच ही कह रहा था। हमे सामाजिक व्यवहार के नाम पर सिर्फ़ त्यौहारों में शराब पीकर गीदड़ों की तरह आवाज़ निकालते हुए हुड़दंग मचाना आता है। अपने धर्म को सर्वश्रेष्ठ बताने के लिए दूसरों को नीचा दिखाना आता है। ज्ञान के बारे में कहें तो हमे हर चीज़ आती है, सिर्फ़ इंसान बनना नहीं आता।

उन महिलाओं को ही नहीं, हर उस व्यक्ति को ईश्वर सबक़ सिखाए जो इंसानियत से किनारा कर चुके हैं। क्या उन्हें ये अहसास नहीं है कि कल को ख़ुद उनके साथ या किसी अपने के साथ ऐसा हो सकता है? मेरी कामना है कि ऐसे लोगों का दिमागी संक्रमण दूर हो और भगवान उन्हें सद्बुद्धि दे।

प्रतीकात्मक तस्वीर

एक और गंभीरर बात- कल से लोगों ने व्हाट्सएप्प पर उन महिला और उनकी बेटी की फ़ोटो वायरल कर रखी है। अगर वे कोरोना पॉजिटिव आई हैं तो क्या वे अपराधी हो गईं, जो बाकी सब लोग उनकी फ़ोटो किसी सम्भावित अपराधी की तरह शेयर किए जा रहे हैं? यह बिल्कुल भी सही नहीं।

आप उनकी फोटो शेयर करके उन्हें मानसिक पीड़ा पहुंचा रहे हैं। लोगों के मन मे उनके प्रति दुर्भावना भर रहे हैं। यह समझ लीजिए उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। वे स्वयं इस परिस्थिति में उलझ गई हैं, जिससे बाहर निकलने के लिए उन्हें हम सबके साथ की ज़रूरत है। जो लोग उन महिला और उनकी बेटी के फोटो सोशल मीडिया पर ‘कुल्लू में कोरोना’ नाम से शेयर कर रहे हैं उन्हें थोड़ी शर्म आनी चाहिए। इस प्रकार किसी के व्यक्तित्व को आघात पहुंचाकर आप लोग भी अपने आप को ज़्यादा बड़ा वायरस साबित करने पर तुले हुए हैं।

याद रखिए उस महिला ने हर तरह से निर्देशों का पालन करते हुए अपना टेस्ट दो बार पहले करवाया था। वह एक जागरूक और संवेदनशील महिला हैं जिन्होंने दूसरों की जिंदगी का महत्व समझकर तीसरा टेस्ट भी करवाया। पता है क्यों? हमारे जैसे जाहिलों के ही लिए, ताकि हम लोग खतरे में ना पड़ें। उन्होंने लगभग एक महीना इस मानसिक थकान को झेला है और अब फिर से झेल रही है। इसलिए थोड़ी अक्ल मांग लीजिए भगवान से अपने लिए। उनका फ़ोटो शेयर करने जैसी जाहिलपने की ओछी हरकतें बंद कीजिए।

कोरोना से खतरनाक वायरस वो लोग हैं जो ऐसी घृणित हरकतें करते हैं जिसका इलाज ही नहीं है। सोचिएगा इस बारे में क्योंकि यह शेयर करके हीरोगिरी दिखाने वाली संक्रामक बीमारी ठीक नहीं होती, जबकि कोरोना तो फिर भी ठीक हो जाता है।

यदि आपके आपके पास किसी संक्रमित व्यक्ति की फ़ोटो किसी माध्यम से आती है तो कृपया उसे तुरंत डिलीट करें और भेजने वाले को भी थोड़ा समझाएं।

कवर इमेज प्रतीकात्मक है

(कुल्लू जिले से संबंध रखने वाले यतिन पंडित हिमाचल प्रदेश के इतिहास और कला एवं संस्कृति में गहरी दिलचस्पी रखते हैं और प्रदेश व देश से जुड़े विषयों पर लिखते रहते हैं।)

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