बिना नंबर की JCB से रात को काम, कोर्ट स्टे और मंत्री की बात पर सवाल

धर्मपुर।। हिमाचल प्रदेश का धर्मपुर एक बार फिर चर्चा में है। इस बार बिना नंबर वाली जेसीबी से लोगों की निजी ज़मीन से उनकी अनुमति के बिना रात को सड़क बनाने का मामला सामने आया है। ग्रामीणों का आरोप है कि जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह के आदेश के बाद ये सड़क बिना मंज़ूरी और डीपीआर के बनाई जा रही थी। अब ग्रामीणों कोर्ट की मदद लेकर इसके निर्माण पर रोक लगवाई है। हालांकि, PWD का कहना है कि एक ही व्यक्ति ने स्टे लिया है और विवाद को सुलझा लिया जाएगा।

दरअसल, डरवाड़ ग्राम पंचायत के गरली गांव में निचली गरली से नीचे खड्ड की ओर सड़क बनाई जा रही है। गरली गाँव के कुछ निवासियों का कहना है कि उन्हें सड़क के निर्माण से आपत्ति नहीं है मगर विभाग यह नहीं बता रहा कि सड़क कहां से कहां तक बननी है और उन्हें विश्वास में लिए बग़ैर ही उनकी ज़मीन से सड़क निकालने पर आमादा है।

गाँव के निवासियों टोडरमल और रूपचंद ने बताया कि पिछले 13 दिनों से इस सड़क निर्माण के कारण पूरे गांव में तनाव का माहौल है और आपसी विवाद भी बढ़ गया है। उन्होंने गाँव की बिगड़ी फ़िज़ा के लिए सीधे तौर पर जलशक्ति मन्त्री पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मंत्री के बयान और इशारे के बाद उन्हीं के करीबी ठेकेदार द्वारा ये किया जा रहा है।

क्या कहा था मंत्री ने
लोगों का आरोप है कि जब 21 मई को मंत्री यहाँ आए थे तो बस स्टैंड में उन्होंने कथित तौर पर कहा था, “गरली वालों, सड़कें धक्के से बनती हैं और ऐसा मौक़ा बार-बार नहीं मिलेगा इसलिए जो फ़ायदा उठाना है अभी उठा लो।” गाँव के लोगों ने आरोप लगाया कि इसके बाद मन्त्री ने अपने चचेरे भाई को बिना नंम्बर की जेसीबी के साथ इस सड़क के निर्माण के लिए भेज भी दिया और गांव वालों को आपस में ही लड़वा दिया।

इस सड़क के विरोध में गरली गाँव के निवासियों टोडरमल और रूपचंद ने कोर्ट का रुख किया। इसके बाद सरकाघाट कोर्ट नंम्बर एक ने निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है। इस मुक़दमे में सचिव लोक निर्माण विभाग, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग धर्मपुर, राजेन्द्र सिंह जेसीबी मालिक और गरली भाजपा बूथकमेटी प्रधान प्रभदयाल और सुरेश कुमार को पार्टी बनाया गया था। कोर्ट ने इस काम को रोकने व उसमें कोई दख़ल न करने के आदेश जारी किये हैं। गरली गांववासी टोडरमल, रूप चन्द गुलेरिया,ठाकर दास, धर्मचंद, बर्फी देवी, भूपसिंह, रवि कुमार, सुरजीत सिंह, दूनी चन्द, कांता देवी, जानकी देवी, ब्यासा देवी और अन्य ने मीडिया को बताया कि ये सड़क बिना बजट के ही बनाई जा रही है।

शिकायकर्ताओं का कहना है कि विभाग भरोसे में लिए बिना बनवा रहा सड़क

रात को चली जेसीबी
इन ग्रामीणों का कहना है कि 23 मई को पुलिस चौकी टिहरा में उनकी सहमति बगैर उनकी नीजि भूमि पर अज्ञात लोगों द्धारा बनाई जा रही सड़क की शिकायत दर्ज कराई थी तथा अधिशाषी अभियंता लोकनिर्माण विभाग धर्मपुर को इस सड़क बारे जानकारी देने बारे सूचित किया था। जिसके चलते पुलिस ने दो बार मौके पर आकर सबकी सहमति होने तक काम स्थगित करने के लिए आदेश जारी किए लेकिन गांव के एक पक्ष ने रात को जेसीबी से चोरी-छिपे और जोर जबरदस्ती काम जारी रखा।

इसके बाद शिकायतकर्ता टोडरमल और रूपचंद ने दोबारा पुलिस से दखल देने की मांग की जिसके चलते नायब तहसीलदार की अगुआई में सरकारी और नीजि भूमि की निशानदेही 2 जून को करवाई गई। इसमें विभाग के जेई और ग्राम पंचायत प्रधान भी मौजूद थे। इसके बाद नायब तहसीलदार ने निजी भूमि पर कार्य न करने के लिए कहा था।

काम न रुकने के चलते 27 मई को ये मामला एडवोकेट सुरेश शर्मा के माध्यम से कोर्ट पहुंच गया और गत दिवस 4 जून को काम रोकने के आदेश कोर्ट ने जारी कर दिये।

क्या कहता है विभाग
टोडरमल और रूप चन्द गुलेरिया ने बताया कि इस सड़क के निर्माण के लिए जो जेसीबी लगी है वो बिना नंम्बर की है जो मन्त्री के चचेरे भाई चन्जैर-ध्वाली निवासी राजेन्द्र सिंह पुत्र हेम सिंह की है। गावँ वालों द्धारा जेसीबी के मालिक से वर्क ऑर्डर की कॉपी मांगने पर उसने कहा कि वो इस सड़क का काम श्रमदान व जनसेवा के नाते कर रहा है और मुझे किसी विभाग ने यहां काम करने के लिए नहीं भेजा है। बल्कि गांव वालों के अनुरोध पर उनकी सहायता के लिए यहाँ आया हूँ।

वहीं, लोक निर्माण विभाग मंडल धर्मपुर के कनिष्ठ अभियंता अतुल शर्मा ने कहा कि विभाग भूमि अधिकरण करने के बाद ही सड़क का काम शुरू कर रहा है। उन्होंने कहा, “जहां पर विवाद हुआ है वहां पर एकमात्र व्यक्ति ने ही कोर्ट से स्टे लिया है। विभाग ने भी अपनी तरफ से राजस्व विभाग में निशानदेही करने वारे पत्र लिख दिया है। शीघ्र विवाद हल कर लिया जाएगा।

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