हिमाचल का वो ‘मूर्ख’ दुकानदार, जिसे गालियां दे रहे घरवाले

यतिन पंडित।। लोग 2 रुपये वाला शैम्पू लेने दौड़े हुए हैं दुकान पर, हद है। बच्चों को गुबारे लेने भेज रहे हैं। कोई 10-10 रुपये की सिंगल पीस आइटम्स के लिए, जो ज़रूरी भी नहीं है, उसके लिए दुकानों पर भेज रहे हैं।

गलियों की छोटी-छोटी दुकानों पर हालात ज़्यादा खराब हैं। एक से एक मूर्ख हैं यहां गलियों में फैले हुए, जो बार-बार फालतू की चीज़ों के लिए दुकानों के चक्कर लगा रहे हैं।

उधर विदेश से आने वाले अधिकतर संदिग्धों पर कोई निगरानी नहीं है। अभी पता चला कि कुछ लोग हैं ऐसे भी जिन्होंने खुद को सेल्फ क्वारनटाइन किया हुआ है।

यतिन की दुकान

गांव से दूध सप्लाई करने वाले पीठ में कैनियां डालकर बेधड़क बाज़ार के घरों में चक्कर लगा रहे हैं। कर्फ्यू के बावजूद लोगों की मूर्खता में कोई कमी नहीं आई है।

सिर्फ मैं एक मूर्ख हूँ जिसे घरवाले परसों से सिर्फ इसलिए गालियां दे रहे हैं क्योंकि मैं दुकान सिर्फ ज़रूरतमंदों के लिए खोल रहा हूँ। अगर आप भी दुकानदार हैं, तो आप भी कृपया मेरी तरह मूर्ख बनिये, ज़्यादा बनिये ना बनिये और दुकान सिर्फ ज़रूरत मंदों के लिए खोलिए। सबके लिए अच्छा रहेगा।

प्रशासन सुस्त, गधे चुस्त…..

यतिन पंडित

(कुल्लू जिले से संबंध रखने वाले यतिन पंडित हिमाचल प्रदेश के इतिहास और कला एवं संस्कृति में गहरी दिलचस्पी रखते हैं और प्रदेश व देश से जुड़े विषयों पर लिखते रहते हैं। वह दुकान भी चलाते हैं, ऐसे में कोरोना के चलते पाबंदियों के इस दौर में बने हालात पर उन्होंने अपनी बात फेसबुक पर रखी है, जिसे यहां साभार प्रकाशित किया गया है)

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