रितेश चौहान, मंडी।। अक्सर बड़ी-बड़ी बातें करने के लिए चर्चित हिमाचल प्रदेश के सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर पर सरकारी वाहनों के दुरुपयोग, गलत ढंग से पैसे रीइंबर्स करवाने, पत्नी के नाम पर बने होटल का हिस्सा अवैध निकलने पर नियम बदलवाने और अपने इलाके में अपनी जगह बेटे से उद्घाटन व शिलान्यास आदि करवाने जैसे कई आरोप लग चुके हैं।
इन सब मामलों पर पार्टी आलाकमान और शीर्ष नेतृत्व की चुप्पी के बाद अब नया मामला सामने आया है जो प्रदेश सरकार को असहज कर सकता है। दरअसल सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने लगे हैं जिसमें महेंद्र सिंह के बेटे रजत ठाकुर एक दफ़्तर में बैठे हैं और किसी बात को लेकर महिला कर्मचारियों और अन्य से उलझे हुए हैं।
इस दौरान वह महिलाओं को प्रधानों के साइन करके शिकायत करने और फिर चंबा और सिरमौर तबादला करने की धमकी दे रहे हैं। किसी ने छिपकर यह वीडियो बनाया है जिसमें कुछ जगह सिर्फ़ आवाज़ सुनाई देती है। दो हिस्सों के एक वीडियो में बीच में रजत ठाकुर कुर्सी पर बैठे नज़र आते हैं। दुख की बात यह है कि रजत की धौंस भरी बातों से तंग महिलाएँ रोने लगती हैं और एक तो नौकरी छोड़ देने की बात करती हैं।
हालाँकि, रजत ठाकुर ने कहा है कि उन्होंने कोई गाली गलौज नहीं की। उन्होंने कहा कि वह काम से मंडी में श्रम विभाग के दफ़्तर गए थे और वहाँ कॉमरेड और कर्मचारी एक ही हो गए हैं। अब इस वीडियो को लेकर कर्मचारी संगठनों से लेकर राजनीतिक पार्टियाँ तक सक्रिय हो गई हैं।
पहला हिस्सा, जिसमें प्रधानों से साइन करवाकर लाने और ट्रांसफ़र की धमकी दी गई:
दूसरा हिस्सा जिसमें महिलाएँ रोती हुई सुनाई दे रही हैं:
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- दो मंत्रियों की सदस्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर हाई कोर्ट का नोटिस
क्या है मामला
रजत ठाकुर प्रदेश भारतीय जनता युवा मोर्चा के पदाधिकारी भी हैं। आरोप है कि वह श्रम विभाग के कार्यालय गए और उन्होंने दो महिला कर्मचारियों से अभद्र भाषा में बात की। वह कुर्सी पर बैठे रहे जबकि महिला कर्मचारी खड़ी रहीं। महिलाएँ वीडियो में रोती हुई भी सुनाई दे रही हैं। आरोप है कि बाद में श्रम अधिकारी और श्रम निरीक्षक वहाँ आए तो रजत ने उन्हें भी निर्देश दिए।
इस मामले को लेकर अब कांग्रेस, सीटू, भाकपा और धर्मपुर न्याय मंच जैसे संगठन आए आए हैं। इस संबंध में सीटू के पदाधिकारियों का कहना है कि उनके संगठन के एक कार्यकर्ता ने ये वीडियो बनाए हैं। सीटू का दावा है कि इन वीडियो में दिखता है कि रजत ठाकुर ने श्रम मंत्रालय के कर्मचारियों पर दबाव डाला कि राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड से मिल रही सहायता वह लाभ उनकी पार्टी से जुड़े प्रधानों के कहे अनुसार जारी करें वरना स्टाफ़ का तबादला कर दिया जाएगा।
आरोप है कि इसी दौरान रजत ठाकुर ने तमन्ना शर्मा और हेमलता शर्मा को चबा और सिरमौर ट्रांसफ़र करने की धमकी दी, निराधार आरोप लगाए और बदतमीज़ी से बात की। इससे तंग आकर महिलाएँ रोने लगीं और नौकरी से इस्तीफ़ा देने तक की बात करने लगीं। बताया जा रहा है कि इस दौरान वहाँ श्रम अधिकारी पीसी ठाकुर और श्रम निरीक्षक भावना शर्मा भी थीं।
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क्या बोले रजत ठाकुर
रजत ने कहा कि वह काम से श्रम विभाग के दफ़्तर गए थे और उन्होंने किसी को गाली वग़ैरह नहीं दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि महिला कर्मचारी एक-एक फ़ॉर्म का एक हज़ार ले रही हैं। रजत ने पत्रकारों को बताया कि धर्मपुर की 50 पंचायतें फ़ॉर्म भरकर दे रही हैं तो क्यों 15 को ही लाभ क्यों मिल रहे हैं? उन्होंने ‘श्रम मंत्रालय के कर्मचारियों की कॉमरेडों से साँठगाँठ’ का आरोप लगाया और कहा कि बाक़ी पंचायतों के फ़ॉर्म दबा दिए जाते हैं।
रजत का दावा है कि इस ऑडियो वीडियो से कई बातें काट दी गई हैं। उनका कहना है कि सरकारी दफ़्तर जाकर काम को लेकर पूछना ग़लत नहीं है। रजत ठाकुर कुछ भी कहें मगर धौंस दिखाकर ट्रांसफ़र करने की दमकी देना कहां तक सही है? यह पहला मामला नहीं है जब महेंद्र सिंह परिवार पर पद के दुरुपयोग और सत्ता में होने का लाभ उठाकर दबाव बनाने समेत कई आरोप लगे हैं। इससे पहले की कुछ ख़बरें आप नीचे दिए लिंक्स पर पढ़ सकते हैं।
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