मुख्यमंत्री वीरभद्र की बेटी की शादी संपन्न, दो ‘रियासतों’ में जुड़ा रिश्ता

नई दिल्ली।।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की बेटी अपराजिता की शादी पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंद सिंह के नाती अंगद से संपन्न हो गई। देश की राजधानी दिल्ली में अकबर रोड पर स्थित 22 नंबर की कोठी शनिवार को इस शाही शादी का गवाह बनी।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी

सियासत के तमाम दिग्गजों की मौजूदगी में हिमाचल प्रदेश के रामपुर ‘राजघराने’ और पंजाब की पटियाला ‘रियासत’ के बीच यह रिश्ता बना। इसके साथ ही दिग्गजों वीरभद्र सिंह और कैप्टन अमरिंदर सिंह की सालों पुरानी दोस्ती रिश्तेदारी में तब्दील हो गई। इस मौके पर वर-वधू को आशीर्वाद देने के लिए राजनीतिक जगत की कई बड़ी हस्तियां मौजूद थीं।

वीरभद्र सिंह की ओर से विवाह समारोह का आयोजन कांग्रेस नेता अंबिका सोनी के आवास पर किया गया था, जहां शाम 7.40 बजे अंगद अपने नाना अमरिंदर सिंह के साथ बारात लेकर पहुंचे। साथ में देशी-विदेशी मेहमान बाराती बनकर आए। बारातियों के स्वागत के लिए वीरभद्र सिंह परिजनों के साथ द्वार पर खड़े थे। वर-वधू को आशीर्वाद देने वालों में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, मेनका गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, रॉबर्ट वाड्रा, कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्ण सिंह, गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, दिग्विजय सिंह, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, पूर्व सांसद नवीन जिंदल और पूर्व एसपी नेता अमर सिंह प्रमुख थे।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी समेत कई बड़ी हस्तियों ने शादी में शिरकत की

वीरभद्र सिंह की पांचवीं पुत्री अपराजिता शिमला में पली-बढ़ी हैं। उन्होंने स्कूली शिक्षा सनावर स्थित लॉरेंस स्कूल से ग्रहण की है और दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की है। अंगद अमरिंदर सिंह की बेटी जयइंदर कौर और दिल्ली के प्रसिद्ध कारोबारी गुरपाल सिंह के बेटे हैं। वह सनावर के लॉरेंस स्कूल में अपराजिता से एक क्लास सीनियर थे। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से एमबीए करने के बाद अंगद पारिवारिक कारोबार संभाल रहे हैं।

बिलासपुर में पुलिस चौकी के करीब से एटीएम उठाकर ले गए चोर

बिलासपुर।।

‘हिमाचल प्रदेश में क्राइम ज्यादा तो होते नहीं, क्या जरूरत है सावधान रहने की?’ शायद यही रवैया हिमाचल प्रदेश के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। मंगलवार रात बिलासपुर के खारसी चौक से चोर पीएनबी के एटीएम को ही उठाकर ले गए। यह घटना रात साढ़े 2 बजे के बाद की बताई जा रही है। हैरानी की बात यह है कि एटीएम के 25 मीटर दूर ही पुलिस चौकी भी है। इससे पता चलता है कि पुलिस कितनी मुस्तैद रहती है। बैंक में 15 लाख रुपये कैश था।

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मंगलवार रात साढ़े 12 बजे तक तो यह सुरक्षित थी। गश्त लगा रहे पुलिसकर्मियों ने उस वक्त इसे देखा था। सर्वर डीटेल्स के मुताबिक एटीएम से आखिरी ट्रांजैक्शन भी रात 2.35 बजे हुई है। एटीएम गायब होने की सूचना सुबह स्थानीय दुकानदारों ने पुलिस को दी। घटना की जानकारी मिलते ही एसपी बिलासपुर अशोक कुमार और डीएसपी बिलासपुर प्रताप ठाकुर भी मौके पर पहुंचे। इस एटीएम में न तो कोई सायरन लगा था और न ही यहां पर सीसीटीवी लगा था। इससे बैंक और एटीएम को लगाने वाले क्रॉन्ट्रैक्टर की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह लगने शुरू हो गए हैं।

एटीएम ही उखाड़कर ले गए चोर।

बताया जा रहा है कि इस एटीएम को एजीएस कंपनी ने लगाया था और यही कंपनी इस एटीएम की देखभाल कर रही थी। एटीएम में पैसे डालने का काम भी इसी का था। इस एटीएम में पिछले दिन ही 13 लाख रुपये कैश डाला गया था और 2 लाख रुपये कैश पहले का बचा हुआ था। इस हिसाब से एटीएम में करीब 15 लाख रुपये थे।

इस एटीएम में सुरक्षा की दृष्टि से कोई भी इंतजाम नहीं किए गए थे। गौरतलब है कि जिला पुलिस प्रशासन ने एटीएम में हो रही चोरी की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए सभी एटीएम में सुरक्षा गार्ड नियुक्त करने के निर्देश पहले से दिए हैं। एएसपी बिलासपुर भूपेंद्र कंवर का कहना है कि पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।

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पिछले गई दिनों से हिमाचल प्रदेश में अपराधी बेखौफ होते नजर आ रहे हैं। इसके लिए काफी हद तक लोगों, संस्थानों और पुलिस का यह रवैया जिम्मेदार है कि यहां पर अपराध कम होते हैं। अगर अपराध कम हैं तो ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि ये कम ही रहें। अगर निश्चिंत होकर बैठ जाएंगे कि सब शांत है, तो निश्चित तौर पर अपराधियों और अपराधों को बढ़ावा मिलेगा।

कालका-शिमला रूट पर चलती ट्रेन में मना पाएंगे हनीमून

नई दिल्ली।।
टूरिस्ट सीज़न में हनीमून के लिए शिमला का रुख करने वाले नए शादीशुदा जोड़ों के लिए भारतीय रेल ने कालका-शिमला रूट पर एक स्पेशल हनीमून एक्सप्रेस ट्रेन चलाने का फैसला लिया है। शिवालिक क्वीन से चलने वाली इस ट्रेन में कपल्स के लिए ख़ास इंतज़ाम किए गए हैं।

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रेलवे की योजना के अनुसार पूरी ट्रेन सिर्फ शादीशुदा कपल्स के लिए ही बुक होगी। एक डिब्बे में चार बेडरूम बनाये जाएंगे,  जिनमें सोफ़ा वगैरह सब चीज़ों की सुविधा रहेगी। कालका से शिमला के बीच चलने वाली इस ट्रेन का किराया 5700 रूपये होगा।

(Indicative Image)

ट्रेन में खाने-पीने की हर सुविधा रेलवे की तरफ से होगी, लेकिन उसके लिए अतिरिकत शुल्क देना होगा। यह ट्रेन कालका से शिमला छह घंटे में पहुंचाएगी।

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यह सेवा इसी साल 10 अप्रैल से शुरू होगी। बाहरी राज्यों से आने वाले जोड़ों को भिवानी से कालका पहुंचाने की जिम्मेदारी भी रेलवे की ही होगी।

राजीव बिंदल पर करप्शन के आरोप तय, सोलन कोर्ट में चलेगा केस

सोलन।।

पूर्व मंत्री और नाहन से बीजेपी विधायक राजीव बिंदल पर करप्शन और धोखाधड़ी के आरोप तय हो गए हैं। मामला सोलन कोर्ट में चलेगा। नगर परिषद सोलन के अध्यक्ष रहते डॉ. बिंदल ने क्लर्क, टीमैन, ड्राइवर आदि के पदों पर भर्तियां की थीं। आरोप है कि नियमों के विपरीत ये भर्तियां की गईं।

करीब सात साल पहले इस मामले में विजिलेंस ने एफआईआर दर्ज की थी। सोमवार को विशेष न्यायाधीश सोलन एससी कैंथला की अदालत ने डॉ. बिंदल समेत 25 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए। इनमें नगर परिषद के तत्कालीन पदाधिकारी और लाभार्थी शामिल हैं। भर्ती करने वाले पदाधिकारियों पर भ्रष्टाचार रोधी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता में आरोप तय किए हैं, जबकि इसका लाभ उठाने वालों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र के आरोप फ्रेम हुए हैं।

जिनके खिलाफ आरोप तय हुए हैं उनमें नगर परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. बिंदल, पूर्व पार्षद देवेंद्र ठाकुर, हेमराज गोयल, नगर परिषद के पूर्व कार्यकारी अधिकारी एवं सोलन के पूर्व एडीएम सुभाष कलसोत्रा आदि प्रमुख हैं। आरोप तय होने के बाद अब कोर्ट में अभियोजन पक्ष की गवाही होगी।

अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 21, 22 और 23 मई को निर्धारित की है। कोर्ट में सरकार की ओर से इस मामले की पैरवी कर रहे विजिलेंस ब्यूरो के विशेष अभियोजक सतीश ठाकुर ने डॉ. राजीव बिंदल समेत 25 लोगों पर आरोप तय होने की पुष्टि की है।

बर्फ़बारी और बारिश: अगले 36 घंटे प्रदेश के लिए अहम

– बर्फ़बारी और बारिश से टूटे वर्षों पुराने रिकॉर्ड
– लाहौल, किन्नौर, चम्बा ट्राइबल शेष विश्व से कटे
– 242 रूटों पर नहीं चली बसें

शिमला।।

हिमाचल की 242 सड़कों पर बर्फबारी ने ब्रेक लगा दी है। आसमान से कहर बनकर बरसी बर्फ ने शिमला, किन्नौर, चंबा, लाहुल-स्पीति, मंडी, कुल्लू की सड़कों पर वाहनोें की आवाजाही को रोक दिया है। बर्फबारी के कारण शिमला जिला के दो राष्ट्रीय राजमार्ग सहित किन्नौर, लाहुल-स्पीति व चंबा का एक राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया। यही नहीं, बर्फबारी के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग ही नहीं, बल्कि राज्य की अधिकांश लिंक सड़कों पर भी वाहनों की आवाजाही बंद हो गई।

हिमालयी पट्टी पर हिम स्खलन के साथ ही तराई इलाकों में भू-स्खलन का बड़ा खतरा मंडराता दिख रहा है। इस हालात में किसी भी आपदा खतरे से निपटने के लिए भारतीय सेना के साथ ही पैरा मिलिट्री फोर्स ने भी अपने स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। हिमाचल की लाहुल घाटी, कुल्लू, किन्नौर, कांगड़ा, चंबा और शिमला जिलों की चोटियों पर मार्च के पहले हफ्ते में बर्फबारी का नया रिकार्ड बनने के आसार नजर आ रहे हैं।

रविवार रात से ही लाहौल घाटी में जबरदस्त बर्फीला तूफान चल रहा है। केलांग में ही करीब साढे़ तीन फुट ताजा हिमपात रिकार्ड किया गया है, जबकि रोहतांग, राहनीनाला से लेकर सिस्सू-दारचा तक हर जगह बर्फ की मोटी चादर बिछ गई है। घाटी की कई रिहायशी बस्तियों का दिल्ली से मिले हाई अलर्ट के मुताबिक ही घाटी में ताबड़तोड़ बर्फबारी का दौर शुरू होते ही लाहुल-स्पीति जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है। वहीं अगले चार दिनों के  लिए घाटी के सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का फैसला लिया है।

अनुराग ठाकुर बने बीसीसीआई के सचिव

शिमला।।

एचपीसीए के चीफ और हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर बीसीसीआई के सेक्रेटरी चुन लिए गए हैं। इससे पहले उनका नाम बीसीसीआई चीफ की दौड़ में भी शामिल था, लेकिन आखिर में जगमोहन डालमिया ने बाजी मार ली थी।

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सचिव पद के लिए संजय पटेल का नाम पहले से तय माना जा रहा था, लेकिन बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने रातोरात ऐसी बिसात बिछाई कि पूरी बाज़ी बदल गई।

अनुराग ठाकुर

सोमवार को जब चुनाव हुए तो संजय पटेल को 14 वोट और अनुराग ठाकुर को 15 वोट मिले। इसके साथ ही  सचिव के पद पर शरद पवार खेमे के ठाकुर काबिज़ हो गए।

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संजय पटेल की हार एन. श्रीनिवासन के लिए बहुत बड़ा झटका है, क्योंकि संजय पटेल हर मौके पर श्रीनिवासन के साथ चट्टान बन कर खड़े रहे थे।

शिमला में ताजा बर्फबारी, शीतलहर की चपेट में हिमाचल प्रदेश

शिमला।।

पूरे हिमाचल प्रदेश में पिछले दो दिनों से भारी बारिश हो रही है। साथ ही सोमवार सुबह शिमला में भारी बर्फबारी हुई। बारिश और बर्फबारी की वजह से तापमान में गिरावट आने से ठंड एकबार फिर से लौट आई है।

बारिश से कई स्थानों पर भूस्खलन होने से यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। लगातार बारिश होने से बिजली की आपूर्ति भी बाधित हो गई है। मौसम विभाग ने एक हफ्ते तक एेसे ही मौसम रहने की भविष्यवाणी की है।

मंडी में पिछले 20 घंटे में 43 मिलीमीटर रेकॉर्ड बारिश दर्ज की गई है। पालमपुर में भी रात से लगातार बारिश हो रही है। इस वजह से ठंड बढ़ गई है।

केवल सिंह पठानिया ने सोमवार को पोस्ट किया- इंजॉय मंडे

शिमला।।

हिमाचल प्रदेश वन निगम के वाइस-चेयरमैन केवल सिंह पठानिया की एक चूक सोमवार को सोशल मीडिया पर मजाक का विषय बन गई। लोगों ने इस बड़ी लापरवाही पर जमकर कॉमेंट किए गए। कुछ लोग यह चुटकी भी लेते नजर आए कि कैसे-कैसे लोगों को पदाधिकारी बनाया गया है, जिन्हें यह ही होश नहीं कि आज दिन क्या है।

केवल सिंह पठानिया, वाइस-चेयरमैन, वन

सोमवार सुबह केवल सिंह पठानिया ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर लिखा- गुड मॉर्निंग फ्रेंड्स. इंजॉय संडे। तुरंत लोगों ने नीचे कॉमेंट करना शुरू कि जनाब! आज मंडे है, न कि संडे। कुछ लोगों ने मजे में यह कॉमेंट भी किया कि आज मौसम ही ऐसा है कि संडे का फील आ रहा है।

फेसबुक पोस्ट और लोगों के कॉमेंट्स

कुछ लोग इस पोस्ट को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े करते नजर आए। फेसबुक पर इस पोस्ट के स्क्रीनशॉट के साथ एक शख्स ने लिखा था, ‘कैसे-कैसे लोगों को चेयरमैन बना दिया है, जिन्हें पूरा हफ्ता संडे का फील आता है। इससे पता चलता है कि इन्हें कितना काम होता है। मंडे को भी संडे मनाया जा रहा है।’

पठानिया की पोस्ट भले ही एक चूक हो, मगर सीपीएस नीरज भारती भी कुछ दिन पहले पीएम मोदी पर की गई अमर्यादित टिप्पणियों की वजह से चर्चा में थे। मामला उछलने और हर तरफ विरोध होने के बावजूद उन्होंने न तो वह पोस्ट हटाई थी और न ही खेद प्रकट किया था। उल्टा उन्होंने कई कॉमेंट्स लोगों की प्रोफाइल्स पर दोहराए थे।

(केवल सिंह पठानिया की जिस फेसबुक प्रोफाइल का जिक्र हम कर रहे हैं, उस पर जाने के लिए यहां क्लिक करें।)

आम बजट: हिमाचल प्रदेश के लिए एम्स का ऐलान

नई दिल्ली।।

रेल बजट ने भले ही हिमाचल प्रदेश को निराश किया हो, मगर आम बजट से अच्छी खबर आई है। हिमाचल प्रदेश के लिए बहुप्रतीक्षित एम्स की घोषणा कर दी गई है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 5 राज्यों में एम्स बनाने की घोषणा की है, जिनमें हिमाचल भी शामिल है।

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लोकसभा में बजट 2015-16 पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने तमिलनाडु, असम, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में एम्स का ऐलान किया। गौरतलब है कि इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने 11 राज्यों को लेटर भेजकर संभावित एम्स के लिए जमीन तलाश करके जवाब देने के लिए कहा था, जिनमें हिमाचल प्रदेश भी शामिल था।

जे.पी. नड्डा की अहम भूमिका?
चर्चा है कि हिमाचल प्रदेश को एम्स मंजूर करवाए जाने में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा का अहम योगदान रहा है। दरअसल जून में जब मोदी सरकार बनी थी, तब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 11 राज्यों को चिट्ठी लिखकर कहा था कि वे अपने यहां एम्स जैसे संस्थान के निर्माण के लिए 200 एकड़ जमीन तलाश करें। इन 11 में से सिर्फ 5 राज्यों को ही एम्स दिया गया है, जिनमें हिमाचल भी शामिल है।

माना जा रहा है कि डॉ. हर्षवर्धन के बाद जब जे.पी. नड्डा स्वास्थ्य मंत्री बने, उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लिया। हिमाचल प्रदेश सरकार चाह रही थी कि टांडा मेडिकल कॉलेज को ही एम्स में बदल दिया जाए। केंद्र ने इस सुझाव को खारिज कर दिया था और कहा था कि बात नए संस्थान की हो रही है, न कि किसी संस्थान को अपग्रेड करनी की।

हिमाचल सरकार के ढुलमुल रवैये की वजह से एम्स का मामला खटाई में पड़ता नजर आ रहा था। आशंका यह भी पैदा हो गई थी कि कहीं जमीन चयन को लेकर रस्साकशी की वजह से हालात सेंट्रल यूनिवर्सिटी की तरह न हो जाएं। सूत्रों का कहना है कि नड्डा ने खुद मोर्चा संभाला और मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह बात करके तुरंत जगह चुनने को कहा।

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कहां बनेगा एम्स?
हिमाचल सरकार ने  बिलासपुर के साथ लगते कोठीपुरा इलाके में एम्स के लिए जमीन कर लिया है। 200 एकड़ की यह जमीन पशुपालन और वन विभाग के अधीन है, जिसे जल्द ही एम्स के लिए दे दिया जाएगा। हिमाचल सरकार ने इस भूमि पर उगे खैर के पेड़ों के कटान के लिए भी केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी के लिए आवेदन कर दिया है।

क्या हैं AIIMS के मायने?
एम्स देश के सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थानों में से एक है। अपनी-अपनी फील्ड के माहिर डॉक्टर, बेहतरीन और लेटेस्ट स्वास्थ्य सुविधाएं ही एम्स को बाकी संस्थानों से अलग बनाती हैं। यहां पर गरीब से गरीब शख्स भी अच्छी मेडिकल हेल्प पा सकता है और वह भी दुनिया के टॉप डॉक्टर्स से। एम्स की छवि देश में ऐसे संस्थान के रूप में है, जहां पर लोग तब जाते हैं, जब वे सब जगहों से हार मान चुके होते हैं।

हिमाचल प्रदेश की जनता को अभी तक पीजीआई चंडीगढ़ या अन्य जगहों का रुख करना पड़ता है। एम्स के बन जाने से जहां यह समस्या खत्म होगी, वहीं आसपास के अन्य राज्यों से भी लोग यहां का रुख करेंगे। एक बड़ा संस्थान खुलने से आसपास इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलप होता है और लोगों को रोजगार भी मिलता है। मेडिकल टूरिजम को भी बढ़ावा मिलेगा। कुल-मिलाकर एम्स जैसे टॉप मेडिकल इंस्टिट्यूट का प्रदेश में खुलना हर हाल में फायदेमंद है।

रेल बजट: झुनझुना भी नहीं मिला इस बार, मगर ‘दार्शनिक’ बने हिमाचल के सांसद

शिमला।।

इस बार के रेल बजट से एक बार फिर हिमाचल प्रदेश को मायूस होना पड़ा। पूरे भाषण में  रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने किसी नई ट्रेन या लाइन का जिक्र नहीं किया, मगर हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर ने ट्वीट करके और फेसबुक पेज पर पोस्ट डालकर कहा- प्रदेश की लंबित रेलवे लाइनों के लिए धन देने के लिए पीएम और रेल मंत्री का आभार। उनके ट्वीट्स से ऐसा लग रहा था, मानो हिमाचल प्रदेश को नई सौगात मिल गई हो। मगर हकीकत यह थी कि प्रदेश के तीन पुराने प्रॉजेक्ट्स के लिए ही अनुदान मिला है, जो कि रस्म अदायगी भर है।

‘प्रभु’ ने किया निराश

रेल बजट में इस बार भानुपल्ली-बिलासपुर रेल लाइन के लिए 160 करोड़, नंगल-तलवाड़ा रेललाइन के लिए 100 करोड़ और चंडीगढ़-बद्दी रेललाइन के लिए केंद्रीय बजट में 95 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। साथ ही ऊना से अंब के बीच 25 किलोमीटर रेल ट्रैक के विद्युतीकरण को भी मंजूरी दी गई है। ध्यान रहे कि ये पुराने प्रॉजेक्ट्स हैं और इनके लिए ही पैसा मंजूर किया गया है।

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संतोष इस बात पर जताया जा सकता है कि रेल मंत्रालय ने डिमांड फॉर ग्रांट की सूची में 7 ट्रैकों के सर्वे डाले हैं, जिनमें 5 नए हैं। इनमें से कुछ पुराने हैं, जिनका बजट बढ़ाया जाना है तो कुछ के लिए नए सिरे से बजट का प्रावधान होना है। मगर इन ट्रैकों के सर्वे का भविष्य बाद में प्राथमिकता के आधार पर किए जाने वाले प्रावधान पर निर्भर करता है। इस लिस्ट में पठानकोट-लेह और धर्मशाला-पालमपुर ट्रैक का सर्वे भी शामिल। बाकी की लिस्ट नीचे दी गई है।

लोकसभा चुनावों के प्रचार के दौरान तब बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश आकर बड़े-बड़े वादे किए थे। अपनी हर रैली में उन्होंने कहा था, ‘भाइयो-बहनो! मैं सुनता हूं कि फ्लां जगह पर बस खाई में गिर गई, इतने लोग मर गए। पहाड़ के लोगों को आने-जाने में खतरा भी उठाना पड़ता है, खर्च भी ज्यादा होता है और वक्त भी ज्यादा लगता है। रेल की व्यवस्था होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए? आवाज नहीं आ रही है, जोर स से बोलो… रेल का नेटवर्क होने से विकास आएगा कि नहीं आएगा?’

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मगर ये तमाम बातें धरी की धरी रह गई।  और तो और, सामरिक महत्व रखने वाले मनाली-लेह प्रॉजेक्ट को लेकर भी इस बार हिमाचल को एक तरह से निराश होना पड़ा है। इस बजट के बारे में पहले से रेल मंत्री से मिलकर चर्चा करने की खबरों को अपने फेसबुक पेज पर शेयर करके माहौल बनाने में जुटे हिमाचल प्रदेश के सांसद अब गोलमोल बातें करते नजर आ रहे हैं। दार्शनिक अंदाज में वे इस बजट के मायने समझा रहे हैं। आइए जानते हैं, क्या कहना है सांसदों का:

अनुराग ठाकुर (हमीरपुर): पहली बार रेल बजट में हिमाचल की पांच पुरानी योजनाओं के लिए भारी-भरकम बजट मिला है। पहले सिर्फ 25 से 30 करोड़ रुपये मिलते थे, मगर इस बार तीन रेल लाइनों के लिए 355 करोड़ दिए गए हैं। यूपीए सरकारों में कभी ऐसा नहीं हुआ। इससे प्रदेश में निश्चित तौर पर रेलवे का विस्तार करने में मदद मिलेगी।

रामस्वरूप शर्मा (मंडी): बजट में प्रस्तावित मनाली लेह रेल लाइन को शामिल नहीं किया गया है। इससे निराश होने की जरूरत नहीं हैं। इस लाइन के लिए प्रयास जारी रहेंगे। ऐसा भी हो सकता है कि बीच में भी इस लाइन के लिए केंद्र सरकार घोषणा कर दे।

वीरेंद्र कश्यप (शिमला): केंद्रीय रेल बजट पूरे देश के लिए है। इसमें किसी भी राज्य विशेष पर फोकस नहीं किया गया है। निश्चित तौर पर इससे रेलवे को मजबूत करने में करने में मदद मिलेगी। क्योंकि, पहली बार बड़े पैमाने पर सुरक्षा और सुविधाओं की बात की गई है।

शांता कुमार (कांगड़ा): रेलवे बजट सभी पुरानी परम्पराओं को तोड़कर लीक से हटकर नई परम्परा और अवधारणा से बना है। प्राय: हर बजट में नई नई योजनाओं की घोषणा होती थी, जिनमें पूरा वर्ष बीतने पर भी आधी योजनाओं पर भी काम शुरू नहीं होता था और योजनाएं अधूरी रहती थीं।