हिमाचल में कोविड की तीसरी लहर: चिंता भरी ‘राहत’

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शिमला।। हिमाचल प्रदेश समेत पूरे देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर देखने को मिल रही है। प्रदेश में लगातार मामले बढ़ रहे हैं और सर्दियों के मौसम में बड़ी संख्या में लोग सर्दी-जुकाम के लक्षणों से जूझ रहे है। इनमें से कितने कोरोना वायरस से संक्रमित हैं, यह कहना मुश्किल है क्योंकि बहुत से लोग टेस्ट नहीं करवा रहे। लेकिन जितने लोग टेस्ट करवा रहे हैं, उनमें संक्रमित पाए जाने वालों की संख्या पिछले कुछ समय से लगातार बढ़ रही है। हालांकि, यह देखा जा रहा है कि ज्यादातर लोगों को गंभीर समस्या नहीं हो रही। लेकिन इस बात को देखकर लापरवाही बरतना घातक साबित हो सकता है।

गुरुवार तक के आंकड़ों का अध्ययन करने पर पता चलता है कि हिमाचल प्रदेश में जो कोराना संक्रमित अस्पतालों में भर्ती हुए हैं, वह कुल संक्रमितों के मात्र एक फीसदी है। फिलहाल राहत की बात यह है कि अभी कोई भी मरीज वेंटीलेटर पर नहीं है। लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि इसका मतलब यह नहीं कि हम लापरवाही बरतने लग जाएं क्योंकि यह वायरस कब, किसे, किस हद तक नुकसान पहुंचा सकता है, इसकी कोई गारंटी नहीं है। इसलिए जरूरी है कि संक्रमण से बचने की कोशिश की जाए और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते रहें।

ऐसा इसलिए क्योंकि भले ही मात्र एक फीसदी संक्रमितों को ही अस्पताल में एडमिट होना पड़ा हो मगर अब तक एक दर्जन से ज्यादा संक्रमितों की जान भी गई है।  थर्ड वेव के आंकड़े पिछले साल आई सेकंड वेव की तुलना में थोड़ी राहत देते हैं मगर चिंता की बात यह है कि कोरोना महामारी कभी भी बेकाबू हो सकती है। ऐसा सेकंड वेव के दौरान भी देखने को मिला था।

जानकारों का कहना है कि दोनों डोज देने के बाद लोगों में इम्यूनिटी पैदा हुई है जिसका लाभ पूरे प्रदेश को मिल रहा है। लेकिन चूंकि सभी की इम्यूनिटी का स्तर एक जैसा नहीं होता, इसलिए निश्चिंत होकर लापरवाही नहीं बरती जा सकती। इसी खतरे को देखते हुए वैक्सीन की बूस्टर डोज लगाई जाने लगी है। साथ ही ऐसी रिपोर्ट्स भी आई हैं कि ओमिक्रॉन जैसे नए वेरिएंट्स वैक्सीन के सुरक्षाचक्र में सेंध लगा सकते हैं।

डॉक्टर साफ सलाह देते हैं कि अभी भी भीड़ से बचने की जरूरत है, मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते रहना है और सर्दी जुकाम या कोविड के लक्षण आने पर खुद को आइसोलेट भी करना है। डॉक्टर टेस्ट करवाने की सलाह भी देते हैं ताकि आप समय रहते खुद को भी गंभीर बीमारी से बचा सकें और संक्रमण को आगे फैलने से रोककर थर्ड वेव में उछाल लाने में योगदान देने से भी बच सकें।

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