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Friday, September 12, 2025
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छात्र ने स्कूल में की नसें काटने की कोशिश, बुलीइंग हो सकती है वजह

एमबीएम न्यूज नेटवर्क, ऊना।। हिमाचल प्रदेश के ऊना में एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे छात्र ने बाजू की नस काटने की कोशिश की है। बच्चे को ज़ख्मी हालत में ऊना हॉस्पिटल पहुंचाया गया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक बच्चा कथित तौर पर अपने कुछ सहपाठियों से परेशान था।

 

जानकारी है कि 15 वर्षीय विनोद (काल्पनिक नाम) रोज की तरह स्कूल आया था। उसने स्कूल में किसी तेज़ धार वाले हथियार से अपनी बांह की नसों को काटने की कोशिश की, जिसपर सहपाठियों ने शोर मचा दिया। स्कूल स्टाफ ने तुरंत उसे ऊना अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने टांके लगाए हैं।

 

बुलीइंग हो सकती है वजह
इस मामले में भी यही आशंका जताई जा रही कि छात्र अपने किन्ही सहपाठियों से परेशान थे, जो कि उसे बेवजह तंग करते थे। कहा जा रहा है कि उन्हीं से तंग आकर उसने यह कदम उठाया। हालांकि डीएसपी कुलविंद्र सिंह ने कहा है कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और पीड़ित छात्र का बयान लिया जा रहा है।

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क्या है बुलीइंग
बुलीइंग (Bullying)  यानी दादागिरी। स्कूलों में यह एक बड़ी समस्या है जहां कुछ छात्र अपने से कमजोर छात्रों को डराया-धमकाया करते हैं और कई बार पिटाई करके या अन्य माध्यमों से शारीरिक या मानसिक यंत्रणा देते हैं।

 

भले ही दादा किस्म के बच्चे मजे लेने के लिए ऐसा करते हैं, मगर पीड़ित बच्चों पर इसका गहरा और खराब प्रभाव पड़ता है। सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को चाहिए कि इस तरह की दादागिरी को खत्म करने के लिए बच्चों के बीच इस संबंध में जागरूकता लाए।

(यह खबर सिंडिकेशन के तहत प्रकाशित की गई है)

कौन है प्रकृति की गोद में बैठकर गाने वाला यह गिटारिस्ट?

कांगड़ा।। इन दिनों हिमाचल प्रदेश के विभिन्न फेसबुक पेजों पर एक गायक के गाने शेयर हो रहे हैं। यह गायक गिटार लेकर हिमाचल की खूबसूरत लोकेशंस पर बैठा होता है और मस्त होकर हिमाचली और हिंदी गाने गा रहा होता है। गिटार के अलावा और कोई साज नहीं होता, मगर हवा की सरसराहट उसकी कमी पूरी कर देती है।

इस गायक का नाम है विकास चंबयाल। विकास हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले से संबंध रखते हैं। VK Covers नाम से उनका यूट्यूब चैनल है, जहां पर वह विभिन्न गानों के कवर पब्लिश करते हैं। किसी को पसंद आता है तो यूट्यूब के लिंक को शेयर कर देता है या फिर डाउनलोड करके अपने पेज पर डाल देता है।

‘इन हिमाचल’ ने विकास से बात की और उनके बारे में जनाकारी जुटाई। विकास डलहैजी में एचपीएसईबीएल में बतौर जेई जॉब कर रहे हैं। पेशा बेशक इंजिनियर का है, मगर गाने का शौक उन्हें बचपन से ही है। विकास बताते हैं, “बचपन से मैं गा रहा हूं, मगर पहले एक्सपोज़र नहीं मिला था। स्कूल और कॉलेज में भी गाया, मगर हॉस्टल में होने वाली बर्थडे पार्टियों में। कभी किसी फेस्ट में भी नहीं गाया।”

मगर इसके बाद दोस्तों की सलाह ने विकास को एक नई राह दे दी। वह बताते हैं, “मैंने ग्रीन हिल्स इंजिनियरिंग कॉलेज से बीटेक की और उसके बाद 2014 में नौकरी लग गई। गाता था तो दोस्तों ने सलाह दी कि अपना यूट्यूब चैनल बनाओ। तो इस तरह से मैंने फेसबुक पेज भी बनाया और कवर गाकर अपलोड करना शुरू कर दिया।”

कुछ लोग विकास को हिमाचल का कुमार सानु भी कहते हैं। मगर हम तो यही चाहेंगे कि वह अपनी अलग पहचान बनाएं और कामयाब हों। वह हिमाचली लोक संगीत के संरक्षण में भी योगदान देंगे, ऐसी कामना है।

पिता बीमारी से लाचार, मां बेबस; ‘भूखे सो रहे थे बच्चे’

इन हिमाचल डेस्क।। क्या हमारा समाज इतना संवेदनहीन हो गया है कि किसी मजबूर परिवार के बच्चे तीन दिन तक भूखे रहें और हमें फर्क ही न पड़े? क्या हिमाचल में हम इतने उदासीन हो गए हैं कि मजबूर लोगों की मदद करने के बजाय आंखें मूंदे बैठे रहें? यह प्रश्न उठ रहा है कि कांगड़ा जिले के एक परिवार की हालत सामने आने के बाद।

 

कांगड़ा के संजय शर्मा ने ज्वाली के इस परिवार की हालत बयां करती एक फेसबुक पोस्ट डाली है। इस पोस्ट के मुताबिक परिवार का मुखिया दो बार हार्ट अटैक को सर्वाइव कर गया, मगर अब कुछ करने की स्थिति में नहीं है। पत्नी उसकी देखभाल करे या मेहनत-मजदूरी करे? इस उहापोह में परिवार की आमदी ठप हो गई है और बच्चों को खाना तक नसीब नहीं हो रहा।

 

‘बीमारी की हालत में मजदूरी करने चले गए’
संजय के मुताबिक मूल राज, गांव सिरमाणी, डाकघर नडोली, तहसील ज्वाली कांगड़ा दो बार हार्ट अटैक की वजह से काफी समय से बिस्तर पर पड़े हैं। वह मेहनत मजदूरी करके घर चलाया करते थे, मगर अब वह ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। मजबूरन दो बच्चों और पत्नी के भूखों मरने की नौबत आ गई है। परिवार की हालत देख वह चुपके से कहीं मजदूरी करने चले गए, जहां उनकी हालत और खराब हो गई।


‘बच्चों ने तीन दिन से कुछ नहीं खाया’
मूलराज की पत्नी सीमा ने उन्हें बताया कि बच्चों ने तीन दिन से कुछ खाया नहीं है। संजय बताते हैं कि परिवार को पंचायत अंत्योदय में डाला है, मगर इससे भी कुछ खास मदद नहीं मिल रही। सरकार को भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।

 

‘कई हिस्सों में बांटकर खा रहे दवाई’
गरीबी के हालात ये हैं कि डॉक्टर ने मूल राज को जो दवाइयां खाने के लिए कही हैं, उन्हें खरीदने का पैसा भी उनके पास नहीं। मजबूरी में वह एक गोली को कई हिस्सों में बांटकर खा रहे हैं ताकि वह ज्यादा दिन तक चल सके। शायद उन्हें अहसास नहीं है कि दवाई इस तरह से खाएंगे तो उसका कुछ असर नहीं होगा।

 

पोस्ट के आखिर में बैंक खाते की जानकारी दी गई है। मगर पाठकों से अनुरोध है कि पैसे ट्रांसफर करने से पहले एक बार चेक कर लें कि इसकी जानकारी सही है या नहीं। यह काम अपनी ज़िम्मेदारी पर करें। पोस्ट पर जाने के लिए यहां क्लिक करें।

घर जाकर गुड़िया के परिजनों से मिले सीबीआई के जांच अधिकारी

शिमला।। कोटखाई रेप ऐंड मर्डर केस की जांच कर रही सीबीआई ने गुड़िया के परिजनों से बात करके भरोसा दिलाया है कि वे उनकी बेटी के कातिलों को ढूंढकर रहेंगे।

 

सीबीआई की टीम ने गुड़िया के घर पर जाकर परिजनों से मिली और लंबी बातचीत की। इसी दौरान उन्होंने कहा कि पांच दिन लगें या फिर 1 साल, गुड़िया के हत्यारे हर हाल में सलाखों के पीछे होंगे।

खबर है कि सीबीआई के अफसरों ने गुड़िया के परिजनों को आश्वस्त किया है कि वे धैर्य रखें और चिंता न करें। सीबीआई टीम ने गुड़िया के परिजनों से देर तक बातचीत की। इसके साथ ही गुड़िया के साथ पढ़ चुके बच्चों से भी पूछा गया है कि कहीं वे कोई बताना भूल तो नहीं गए थे।

 

शनिवार को गुड़िया के घर पहुंची टीम में कुछ नए अधिकारी भी शामिल थे, जो दिल्ली से आए हैं।

सीबीआई

गुड़िया के एक परिजन का कहना है कि अधिकारियों ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि मुजरिम उनकी पकड़ से दूर नहीं हैं, बस पक्के सबूत जुटाए जा रहे हैं ताकि किसी तरह की कसर न हे।

पावंटा साहिब में मस्जिद में धमाका, शरारती तत्वों का हो सकता है हाथ

एमबीएम न्यूज नेटवर्क, पावंटा साहिब।। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के पावंटा साहिब में ग्राम पंचायत पिपली में एक मस्जिद में धमाके की खबर है। इस घटना में किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है मगर पुलिस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच में जुट गई है। बताया जा रहा है कि सुतली बम से यह धमाका किया गया है। आशंका यह भी जताई जा रही है कि यह काम शरारती तत्वों का हो सकता है।

 

पुलिस ने शुरुआती जांच में पाया है कि देर रात मस्जिद में एक तरफ धमाके की आवाज सुनाई दी थी। सुबह देखा गया कि मस्जिद की खिड़की टूटी हुई थी और सुतली बम का बारूद मौके पर पहुंचा हुआ था। इसके बाद पुलिस को खबर दी गई।एसपी रोहित मालपानी ने भी डीएसपी प्रमोद चौहान के साथ मौके का दौरा किया है। कारण साफ नहीं हुआ है मगर आशंका जताई जा रही है लोगों के बीच भाईचारे को खत्म करने की साजिश भी इसमें हो सकती है।

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डीएसपी प्रमोद चौहान ने बताया कि घटना में आईपीसी की धारा 427 के इलावा विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस पूरी सावधानी से मामले की जांच कर रही है। डीएसपी ने लोगों से यह भी अपील की है कि इस मामले को तूल न दे साथ ही किसी भी तरह की अफवाहों पर विश्वास न करें।

 

डीएसपी ने कहा कि पुलिस पूरी शिद्दत से जांच में जुटी हुई है और जल्द ही सच को सबके सामने लाया जाएगा।

(यह एमबीएम न्यूज नेटवर्क की खबर है और सिंडिकेशन के तहत प्रकाशित की गई है)

मंडी के पड्डल मैदान में खाली रह गईं राहुल की रैली की कुर्सियां

एमबीएम न्यूज नेटवर्क, मंडी।। राज्य की कांग्रेस सरकार ने जिस रैली को ऐतिहासिक बनाने की ठानी थी, उस रैली की कुर्सियां खाली रह गईं। ‘विकास से विजय की ओर’ रैली की शुरूआत से लेकर अंत तक पंडाल के पीछले हिस्से की कुर्सियां बैठने वालों का इंतजार की करती रह गई। सरकार और कांग्रेसी नेताओं ने दावे किए थे कि रैली ऐतिहासिक होगी और वह गलत आकंड़े जारी नहीं करेंगे जो भी होगा सभी के समक्ष होगा।

 

कुछ कांग्रेसी नेताओं ने तो बिलासुपर में हुई प्रधानमंत्री की रैली से चार गुणा अधिक भीड़ उमड़ने का दंभ भी भरा था, लेकिन जब रैली हुई तो इन सब बातों की हवा निकल गई। रैली का समय सुबह दस बजे निर्धारित किया गया था। दस बजे तक बनाए गए पंडाल का एक चौथाई हिस्सा भी नहीं भर पाया था।

इस रैली में आई भीड़ को लेकर न्यूज 18 हिमाचल ने क्या रिपोर्ट किया है, देखें:

यहां तक कि सीएम वीरभद्र सिंह भी 11 बजे तक रैली स्थल पर पहुंच गए थे और उनके सामने भी खाली कुर्सियां उन्हें चिढ़ा रही थी। बाद में धीरे-धीरे करके लोगों के आने का सिलसिला शुरू हुआ।

Image: MBM News Network

राहुल गांधी के आने तक अधिकतर खाली कुर्सियां भर चुकी थी, लेकिन अभी भी पंडाल का पीछे वाला एक हिस्सा खाली कुर्सियों से भरा पड़ा था।

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हालांकि अधिकतर लोग मैदान की सीढ़ियों पर भी बैठे थे लेकिन जहां कुर्सियां थी वहां लोग बड़े आराम से बैठे हुए नजर आए, क्योंकि कुर्सियों को लेकर कोई मारा-मारी नहीं थी। कहीं न कहीं कांग्रेस की तरफ से भीड़ उमड़ने का जो दावा किया गया था वह सही साबित नहीं हो सका।

(यह एमबीएम न्यूज नेटवर्क की खबर है जो सिंडिकेशन के तहत प्रकाशित की गई है)

मंडी में राहुल गांधी के भाषण की पांच मुख्य बातें

मंडी।। मंडी में हुई ‘विकास से विजय की ओर’ रैली में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांदी ने पूरा भाषण नरेंद्र मोदी पर फोकस रखा। उन्होंने मोदी की जमकर आलोचना की और मुख्यमंंत्री वीरभद्र की तारीफ। साथ ही उन्होंने हिमाचल सरकार की कुछ चुनिंदा उपलब्धियों की तुलना गुजरात से की और यह जताने की कोशिश की कि हिमाचल में पिछले पांच सालों में बेहतर काम हुआ है।

 

जानें,  राहुल गांधी के भाषण की मुख्य बातें कौन सी रहीं:

2. मोदी पर हमला, वीरभद्र की तारीफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को झूठ बोलने वाला बताते हुए राहुल गांधी ने कहा कि एक बार पीएम ने कहा था कि मैं चप्पल में ही 25000 हजार फुट की ऊंचाई तक घूम आया। राहुल कहते हैं कि इतनी ऊंचाई की चोटी भारत में एक ही है और वह कंचनजंगा है। राहुल ने कहा कि मोदी वहां चप्पल में गए हों न हों, मगर वीरभद्र जूते पहनकर पूरे हिमाचल को घूम चुके हैं। मोदी बोलने से पहले बिल्कुल नहीं सोचते। आप जिन्हें राजा साहब कह रहे हो, ये फकीर हैं और दिल से काम करते हैं। मैं कहना चाहता हूं कि ये 6 बार सीएम रह चुके हैं, अब सातवीं बार सीएम बनेंगे। कांग्रेस आपके साथ खड़े होकर सरकार लाएगी

 

2. गुजरात सरकार से हिमाचल सरकार की तुलना
राहुल गांधी ने दावा किया- हिमाचल में पिछले पांच साल में 70 हजार लोगों को सरकारी रोजगार मिला, मगर गुजरात ने 10 हजार लोगों को ही दिया। हिमाचल सरकार ने पिछले पांच साल में चार मेडिकल कॉलेज खोले हैं, जबकि गुजरात में इस दौरान एक भी नहीं खुला। हिमाचल सरकार ने करीब 1500 सरकारी स्कूल खोले हैं, मगर गुजरात सरकार ने 1 भी सरकारी स्कूल नहीं खोले हैं। गुजरात सरकार ने पिछले पांच साल में 13 हजार सरकारी स्कूल बंद किए मगर वीरभद्र जी ने इस दौरान एक भी स्कूल बंद नहीं किया। आपने 55 सरकारी कॉलेज खोले हैं मगर गुजरात सरकार ने 25 कॉलेज खोले हैं। आप 700 रुपये की विधवा पेंशन देते हैं, गुजरात सरकार 450 रुपये देती है। आप 1 लाख 30 हजार रुपये इंदिरा आवास के लिए देते हैं, गुजरात सरकार सिर्फ 70 हजार देती है। आपने 230 स्वास्थ्य केंद्र खोले, गुजरात ने एक भी स्वास्थ्य केंद्र नहीं खोला।

3. मोदी सिर्फ मन की बात करते हैं
पिछले साल नवंबर में उन्होंने बिना किसी से पूछे नोटबंदी कर दी। भारत कैश से चलता है। लोग कैश से बीज खरीदते हैं। 2 प्रतिशत का नुकसान हो गया जीडीपी को। जीएसटी को लेकर भी जल्दबाजी की गई और देश को नुकसान हुआ। छोटे व्यापारियों को नुकसान हुआ है। हमने उन्हें सलाह दी थी कि करुण रखिए, गरीबों का सोचिए। मगर नरेंद्र मोदी बात नहीं सुनते। वह सिर्फ मन की बात करते हैं। एक दिन में जीएसटी लागू कर दिया और हिंदुस्तान की इकॉनमी पर चोट हुई और लाखों छोटे बिजनस बंद हुए।

 

4. गुजरात में मोदी जी ने 30 लाख लोग बेरोज़गार किए
आज गुजरात में 30 लाख लोग बेरोजगार हैं, जो मोदी की देन हैं। गुजरात मॉडल की बात होती है, प्रधानमंत्री बताएं कि ये कैसे हुए। जीएसटी और नोटबंदी के कारण ये लोग बेरोजगार हुए और गुजरात के मॉडल के कारण हुए। गुजरात का मॉडल हिंदुस्तान के चुनिंदा  उद्योगपतियों की सब कुछ देने की पार्टी है, जबकि कांग्रेस सभी को साथ लेकर चलती है, सबकी सुनती है। हिंदुस्तान को एक व्यक्ति नहीं चला सकता, जो हिंदुस्तान की बात सुनने को तैयार नहीं है

 

5. जनता के दिल को छूने की कोशिश
भाषण की शुरुआत में आयोजकों से मुखातिब होते हुए राहुल गांधी ने कहा- यहां बहुत गर्मी है। अगली बार या तो इधर भी धूप होनी चाहिए या फिर उधर भी (जहां जनता बैठी है) छाया होनी चाहिए। आखिर में उन्होंने कहा कि आप इतनी गर्मी में भी यहां आए। इसके लिए धन्यवाद। अगली बार या तो इधर भी धूप होनी चाहिए या फिर उधर भी छाया होनी चाहिए।

विधानसभा चुनाव नजदीक, फिर गुजरात पहुंचे पीएम मोदी

नई दिल्ली।। हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ गुजरात में भी विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक महीने में तीसरी बार गुजरात पहुंच गए हैं। यहां पर कई नए प्रॉजेक्टों की शुरुआथ करेंगे। चुनाव से ठीक पहले किए जा रहे प्रधानमंत्री के इन दौरों और प्रॉजेक्टों को लेकर कांग्रेस ने सवाल किए हैं। चुनाव के लिए बहुत कम वक्त बचा है, ऐसे में प्रधानमंत्री द्वारा किए जा रहे दौरों और प्रॉजेक्टों को चुनावी रणनीति देखा जा रहा है।

 

प्रधानमंत्री मोदी ने 1 सितंबर को जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे का साथ अहमदाबाद में बुलेट ट्रेन का शिलान्यास किया था। इसके बाद वह 17 सितंबर को जन्मदिन के मौके पर भी गुजरात आए थे, जहां उन्होंने सरदार सरोवर बांध का उद्घाटन किया था। अब वह फिर गुजरात पहुंचे हैं, जहां एक रैली को भी संबोधित करेंगे।

 

गौरतलब है कि कांग्रेस ने बीजेपी को काउंटर करने के लिए गुजरात में बीजेपी के विकास के दावों पर चोट करने की रणनीति बनाई है। ऐसे में प्रधानमंत्री के दौरे पार्टी के लिए हवा बनाने की कोशिश के तौर पर देखे जा रहे हैं।

हिमाचल सरकार का जनसंपर्क विभाग कर रहा कांग्रेस का प्रचार?

शिमला।। हिमाचल प्रदेश के सूचना एवं जन संपर्क विभाग द्वारा जारी की गई एक प्रेस रिलीज़ विवादों के घेरे में फंस गई है। नियमों के अनुसार सरकार का जन संपर्क विभाग राजनीतिक रैलियों के संबंध में जानकारी नहीं दे सकता, न ही उसका काम ऐसा करना है। मगर 6 तारीख को जारी की गई विवादास्पद प्रेस रिलीज में कहा गया है– CM reviews arrangement of rally at Paddal यानी मुख्यमंत्री ने पड्डल में होने वाली रैली के इंतज़ामों की जांच की।

 

आगे लिखा गया है- “मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, हिमाचल के पार्टी प्रभारी सुशील कुमार शिंदे और सह प्रभारी रंजीता रंजन कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी के दौरे के सिलसिले में मिलकर कुल्लू से मंडी पहुंचे। यहां उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं और सरकारी अधिकारियों के साथ के साथ कई बैठकें कीं और इंतजामों को लेकर निर्देश दिए।”

प्रेस रिलीज़

यही नहीं, इस विज्ञप्ति में लिखा है- “पड्डल में लैंडिग करने के बाद तीनों ने स्थल का निरीक्षण किया और ‘विकास से विजय’ रैली को कामयाब बनाने के लिए निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने दशहरा मेले के समापन के बाद कुल्लू के ऐपल वैली रिजॉर्ट में सुशील कुमार शिंदे से मुलाकात की और फिर भुंतर एयरपोर्ट से उन्होंने साथ उड़ान भरी।”

 

कानूनन ऐसा करना सही नहीं
हिमाचल प्रदेश सरकार के सूचना एवं जन-संपर्क विभाग के अपने दिशा-निर्देशों में साफ चिह्नित है कि उसका उद्देश्य सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार करना है और जनता के साथ रिश्ता बनाना है। सत्ताधारी पार्टी से जुड़ी गतिविधियों के प्रचार-प्रसार का कोई जिक्र इसमें नहीं है। हैरानी की बात यह है कि ये हाल तब हैं जब इसी वेबसाइट पर विभाग ने अपने निदेशक तत्वों वाला डॉक्युमेंट भी अपलोड किया है।

इसमें विभाग के कार्य एवं कर्तव्य (Functions and Duties) में 10 दिशा-निर्देश हैं। इनमें कहीं पर भी नहीं लिखा है कि विभाग राजनीतिक गतिविधियों का प्रचार प्रसार करेगा। इसमें हर जगह सरकार का जिक्र है, न कि किसी नेता या पार्टी का। बता दें कि इस रैली को हिमाचल सरकार ने सरकारी रैली घोषित किया हुआ है यानी इसका पूरा खर्च सरकार उठाएगी। इसे सरकार के पांच साल पूरे होने पर इसका आयोजन कर रही है, जिसमें राहुल मुख्यातिथि होंगे। मगर जैसा कि रैली के नाम ‘विकास से विजय’ से ही स्पष्ट है, यह चुनावी रैली है और सरकारी पैसे का दुरुपयोग है।

 

विभाग पर है और भी गड़बड़ियों का शक
यह पहला मौका नहीं है जब जनता का पैसा सरकार के प्रचार-प्रसार पर खर्च करने के लिए जवाबदेह जनसंपर्क विभाग पर इस तरह से फेवर पहुंचाने का आरोप लगा है। इससे पहले भी सरकार की उपलब्धियों के प्रचार-प्रसार के नाम पर मुख्यमंत्री के प्रचार-प्रसार वाले वीडियो तैयार किए जा रहे हैं, जिसके लिए खास टीम रखी गई है। आरोप तो यहां तक हैं कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य के प्रचार-प्रसार वाले वीडियो भी उसी टीम से बनवाए जा रहे हैं।

इसके सबूत उस वक्त सामने आए थे, जब हिमाचल सरकार की मुहर लगे वीडियो को ‘शिमला ग्राणीण’ पर शेयर किया गया था और उस वीडियो में हिमाचल सरकार की मुहर थी। ‘In Himachal’ ने खबर छापी थी तो उस वीडियो को हटा लिया गया था। यही नहीं, इस मामले में हिमाचल सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने एक पोर्टल से बात करते हुए सफाई दी थी कि यह चूक किसी से हुई है, जिसे पता नहीं था कि यह पर्सनल वीडियो है न कि सरकारी। यानी साफ है कि वीडियो एक ही जगह बन रहे थे।

अब वरिष्ठ बीजेपी नेता अरुण शौरी ने किया पीएम मोदी पर हमला

सोलन।। केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अब पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने हमला बोला है। यशवंत सिन्हा के बाद अब अरुण शौरी हमलावर हुए हैं और उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी को समर्थन देना मेरी भूल थी। उन्होंने यहां तक कह दिया गुजरात मॉडल इवेंट मैनेजमेंट था और किसी ने भी जानने की कोशिश नहीं की कि आखिर यह गुजरात मॉडल है क्या चीज़।

 

कसौली में खुशवंत सिंह लिट फेस्ट में शौरी ने ‘हाउ टु रिक्गनाइज़ रूलर वॉट दे आर’ विषय पर बोलते हुए कहा कि मैंने खुशवंत सिंह की ही तरह गलतियां कीं। उन्होंने कहा, “खुशवंत सिंह ने राजीव गांधी का समर्थन किया था और मैंने नरेंद्र मोदी का। मेरी गलतियों में वीपी सिंह से लेकर मोदी को समर्थऩ देना शामिल है।”

अरुण शौरी (File Pic)

विषय पर बोलते हुए शौरी ने कहा, “यह मत सोचिए कि आपके नेता सत्ता में आते ही बदल जाएंगे। उन्हें चुनने से पहले उनके चरित्र का आकलन कीजिए। देखिए कि वे अपनी बातों के कितने पक्के हैं। हम लोगों ने बिना तथ्यों को परखे मोदी को मौका दिया, लेकिन अब आंखें खोलने का वक्त आ गया है।”

 

शौरी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने चुनाव से पहले वादा किया था कि 2 करोड़ नौकरियां दी जाएंगी, मगर ये नौकरियां कहां हैं, किसे मिली, दिख नहीं रहा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से कोई सवाल नहीं कर सकता और वह बस अपनी मर्जी चला रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मीडिया भी मोदी का ही गुणगान करता है और सच नहीं बता रहा।”