कोरोना केस आते ही फ़ेसबुक पर लाइव आने वाले बेहूदा लोग

राजेश वर्मा।। जब भी कहीं कोई कोरोना का पॉजिटिव मरीज सामने आता है सबसे पहले तो आधिकारिक मीडिया की बजाय फेसबुकिया मीडिया सक्रिय हो जाता है। विशेषकर संक्रमित पाए गए व्यक्ति के आसपास के लोग फ़ेसबुक लाइव करके पीड़ित  की ही नहीं, बल्कि पुश्तों की हिस्ट्री खोल कर रख देते हैं कि फलां के पिता को ये था, दादा को वो था, माता हाई ब्लडप्रेशर की मरीज़ है वगैरह-वगैरह।

ये लोग पूरे परिवार की निजता को तार-तार कर देंगे। जब तक कोरोना पीड़ित को अस्पताल में शिफ्ट नहीं किया जाता तब तक ये ऐसा गेंडा देकर रखते हैं कि पूछिए मत। इनका अपना खुद का पूरा बब्बर चाहे खांस और छींक-छींक कर पूरे गाँव को ‘सैनिटाइज’ कर रहा हो मगर इनका ध्यान पड़ोसी की छींक पर रहता है।

इस दौर में सबसे भयानक पहलू है- जब उस व्यक्ति को अस्पताल ले जाने के लिए हू-हू करती ऐंबुलेंस आती है, तब आस-पड़ोस के लोग महज अपने पेज और आईडी पर लाईक, शेयर, कमेंट के लिए वीडियो बनाने लग जाते हैं। और तब ये लोग वीडियो ऐसे बनाते हैं जैसे मानों कोई सीक्रेट कमांडो मिशन चला हुआ हो।

जरा सोचना यदि आपके किसी अपने को कोई ऐसे ऐंबुलेंस में ले जाए और कोई वीडियो बनाकर डाल दे तो आप पर क्या बीतेगी? तब आपका मन क्या करेगा यह हम जानते हैं। अपने आप से कुछ प्रश्न तो पूछ कर देखो?

1.क्या तुम किसी मीडिया समूह से अधिकृत पत्रकार हो?

2.क्या तुम लोगों ने अभी तक कोई कोरोना संक्रमित नहीं देखा?

3.क्या तुमने कभी ऐंबुलेंस नहीं देखी?

4.क्या तुम्हें वीडियोग्राफी करने पर अवॉर्ड मिलेगा?

5.क्या इस बात की गांरटी है कि तुम्हारे या तुम्हारे अपनों के साथ ऐसा कभी नहीं हो सकता?

6.क्या तुमने सोचा आसपास के अन्य लोगों विशेषकर बच्चों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?

7.क्या तुम्हें निजता का अर्थ मालूम है?

8.क्या तुम लोग समाज में खाई पैदा नहीं कर रहे?

अरे यदि कोई अपनी लापरवाही से समाज या लोगों से खिलवाड़ कर रहा है तो उसके लिए पुलिस व प्रशासन से संपर्क करो, किसने रोका है? लेकिन यार ये विडियो बनाना बंद करो।

आज तुम कोरोना के पीड़ितों का विडियो बनाओगे कल यही चीज दूसरे को भी उकसा सकती है। और तब जरूरी नहीं कि वजह कोरोना ही है, और भी कोई कारण हो सकता है। इसलिए, मीडिया का काम मीडिया पर छोड़ दो और मीडिया वालों, आप भी जरा ज़िम्मेदारी से काम करो।

समाज को तोड़ने की बजाए जोड़ने का काम करें। कोरोना आया है, एक दिन चला भी जाएगा। मगर हम लोगों को इसी समाज में रहना है। फिर आज ये सनक किसलिए?

(स्वतंत्र लेखक राजेश वर्मा लम्बे समय से हिमाचल से जुड़े विषयों पर लिख रहे हैं। उनसे vermarajeshhctu @ gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है)

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