सरकाघाट: 22 साल की ‘पुजारिन’ को और देवताओं की पूजा नहीं थी बर्दाश्त

प्रतीकात्मक तस्वीर

एमबीएम न्यूज, मंडी।। सरकाघाट में बुजुर्ग महिला से बदसलूकी के मामले में अब जो जानकारियां सामने आ रही हैं, उससे पता चल रहा है कि हमारे समाज में सोचने-समझने की क्षमता किस तरह खत्म हो गई है। अब इस मामले में पुलिस जब शुरुआती जांच की तो ऐसा पता चला है कि माहूंनाग देवता के मुख्य गूर की तीन साल पहले मृत्यु हो गई थी और उसके बाद उनकी बेटी ने खुद को पुजारी घोषित कर दिया। इस मामले में अब एक और एफआईआर हुई है जिससे पता चलता है कि देवता के नाम पर इन लोगों ने कितनी गंदगी फैलाई हुई थी।

ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि 22 साल की इस पुजारिन के आदेश पर लोग देवरथ को उठाकर गांव में कभी भी लोगों को डराने लग जाते थे। ये लोग पुजारिन की बातों पर आंख मूंदकर यकीन करते हैं। यही कारण है कि बुजुर्ग महिला की पिटाई करते हुए किसी एक का भी दिमाग काम नही किया। शुक्र है कि इन्हीं में से किसी ने वीडियो बना दिया जो बाद में लीक हो गया। इसी कारण  आज पुजारिन भी सलाखों के पीछे है और उसके इशारों पर नाचने वाले अंधभक्त भी।

सरकाघाट इलाका पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है

चार-पांच महीने से बढ़ी सनक
पिछले करीब चार-पांच महीनों से गांव में एक के बाद एक ऐसे घटनाक्रम हुए जिनसे गांव के समझदार लोग हैरान रह गए। इस तथाकथित पुजारिन को सनक चढ़ती तो देवता का आदेश बताते हुए देवरथ के साथ भीड़ लेकर कहीं भी पहुंच जाती। ये उन लोगों को टारगेट करती जो अन्य देवताओं में आस्था रखते थे और इसके आगे नतमस्तक नहीं होते थे।

ऐसा सामने आया है कि इस युवती को लगा कि अन्य देवी-देवताओं में लोगो की आस्था बढ़ेगी तो उसकी दुकान बंद हो जाएगी। इसलिए उसने लोगों को डराकर अपना प्रभाव जमाने की कोशिश की। बुजुर्ग महिला से पहले रिटायर्ड अध्यापक जय गोपाल के साथ भी बदसलूकी की गई थी।

जय गोपाल ने सरकाघाट थाने में लिखित शिकायत दी थी जिस पर पुलिस ने धारा 147, 149, 452, 355, 323, 379, 435 और 427 के तहत मामला दर्ज किया है। इनमें भी वही लोग नामजद हैं, जिन्होंने बूढ़ी महिला के साथ बदसलूकी की थी। गोपाल ने बताया है कि 7 नवंबर को शाम सवा पांच बजे गांव के कुछ लोग देवता का रथ लेकर उनके घर आए और तोड़फोड़ करके घर जलाने की कोशिश की। जय गोपाल का कहना है कि इन लोगों ने कहा – तुम देवता की पूजा नहीं करते और दूसरे देवी-देवताओं को मानते हो।

अपने पुजारी बनने के बाद मंदिर की घटती लोकप्रियता से चिढ़ी थी ‘पुजारिन’ (प्रतीकात्मक तस्वीर)

अन्य देवता नहीं थे बर्दाश्त
माहूंनाग देवता के नाम पर दुकान चलाने को बेकरार यह युवती अन्य देवताओं की पूजा को बर्दाश्त नहीं कर पाती थी। रिटायर्ड अध्यापक ने पुलिस को बताया है कि उन्होंने घर पर मां सरस्वती और अन्य देवी-देवताओं की तस्वीर लगा रखी थी और इसी के कारण देवरथ लेकर लोग उनके घर पराए और तोड़फोड़ की। ये चेतावनी भी दी गई कि माहूंनाग की ही पूजा करनी है।

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इस संबंध में जब पड़ताल की गई तो पता चला कि कई लोगों के साथ ऐसा व्यवहार हो चुका मगर अभी भी डर के मारे लोग कुछ नहीं कह रहे हैं। ऐसा भी पता चला है कि कम उम्र पुजारिन बन गई ये लड़की कान की कच्ची थी। अपनी समझ तो थी नहीं,  इसलिए गांव के कुछ लोगों ने देवता के प्रभाव का इस्तेमाल करने के लिए इस लड़की को इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। वे अपनी रंजिश के चलते पुजारिन को भड़काते और देव आस्था के नाम पर अपनी योजनाओं को सिरे चढ़ाते।

माहूंनाग देवता के नाम पर बने इस मंदिर की आसपास के इलाके में मान्यता रही है और काफ़ी लोग यहां आते रहे हैं। मगर घटना के बाद इलाके के लोग भी शर्म महसूस कर रहे हैं। बता दें कि बुजुर्ग महिला के साथ बदसलूकी के बाद जह पुलिस ने अभियुक्तों को गिरफ्तार किया तो ये पुजारिन देवरथ के साथ थाने का घेराव करने निकली थी मगर पुलिस के इंतजाम देखकर उसने कहा था- देवता ने आने से इनकार कर दिया।

अब महिला आयोग से लेकर हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट तक ने मामले का संज्ञान ले लिया है।

(एमबीएम न्यूज नेटवर्क की यह ख़बर सिंडिकेशन के तहत प्रकाशित की गई है)

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