धर्मशाला उपचुनाव: कांग्रेस को बड़ा झटका, राजीव जयंती में नहीं आए सुधीर

धर्मशाला।। धर्मशाला में होने जा रहे उपचुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 75वीं जयंती पर अपना राज्य स्तरीय कार्यक्रम धर्मशाला में रखा था। इसका मकसद उपचुनाव से पहले कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में जोश भरना था। इसके लिए प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर भी यहां पहुंचे थे मगर उस समय कांग्रेसी खेमे में हलचल पैदा हो गई जब सुधीर शर्मा ही इस कार्यक्रम में नहीं आए।

धर्मशाला के पूर्व विधायक सुधीर शर्मा का इस कार्यक्रम से गायब रहना इसलिए भी अहम है क्योंकि उनके कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने की चर्चा पहले से ही छिड़ी हुई। यहां तक कि कुछ अखबारों और ऑनलाइन समाचार स्रोतों ने भी इस खबर को प्रकाशित किया था। ऐसे में सुधीर का कांग्रेस के ही बड़े कार्यक्रम, जिसमें प्रदेशाध्यक्ष भी थे, से गायब रहना कई सवाल छोड़ गया है। इसने इन अटकलों को बल दिया है कि वह कांग्रेस छोड़कर वाकई कहीं बीजेपी में शामिल न हो जाएं।

कांग्रेस मेरी मां है और मैं वफादार बेटा, बीजेपी में नहीं जा रहा: सुधीर शर्मा

अक्सर सोशल मीडिया पर सक्रिय दिखने वाले सुधीर ने इस संबंध में अपने फेसबुक पेज पर भी खंडन नहीं किया है उनके बीजेपी में जाने वाली अटकलें सच्ची हैं या झूठी हैं। यह भी पता नहीं चल पाया है कि वह कांग्रेस के कार्यक्रम में क्यों नहीं आ पाए। हालांकि उन्होंने मंगलवार सुबह अपने फेसबुक पेज पर राजीव गांधी को श्रद्धांजलि दी है।

अब राठौर के भी बदले स्वर
धर्मशाला से बीजेपी किसे टिकट देगी, इस बात को लेकर संशय बना ही हुआ था मगर कांग्रेस को लेकर स्थिति साफ थी कि वह यहां से पूर्व विधायक रहे सुधीर शर्मा को ही उतारेगी। मगर मंगलवार की घटना के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर के भी स्वर बदल गए हैं। उन्होंने कहा है- किसी का टिकट फाइनल नहीं है, अभी हाईकमान तय करेगा कि किसे टिकट देना है। हालांकि सुधीर शर्मा के कांग्रेस छोड़ने को लेकर उन्होंने कहा- “ऐसा कुछ नहीं है। अभी मेरी उनसे बात हुई है और उन्होंने इन बातों का खंडन किया है। वैसे आप चाहें तो उनसे बात कर सकते हैं।

उधर इस खबर से पूरे प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में हलचल मच गई है। कांग्रेस ने धर्मशाला को राजीव गांधी जयंती के लिए इसीलिए चुना था ताकि एक तरह से उपचुनाव की तैयारी की जा सके। यह ठीक वैसा क़दम था, जैसे पच्छाद उपचुनाव को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने हिमाचल निर्माता डॉ. वाई.एस. परमार के पैतृक गांव में उनकी जयंती मनाई थी। मगर धर्मशाला में जिस सिपहसलार के लिए यह किया गया, उसी का कार्यक्रम से नदारद रहना सबको चौंका गया है।

SHARE