कोरोना संक्रमित को बाहरी बता बंद कर दिए श्मशान घाट के गेट

मंडी।। हिमाचल प्रदेश में मूर्खता अपने चरम पर दिखती नजर आ रही है। महामारी ने लोगों का बौद्धिक दीवालियापन भी सामने लाकर रख दिया है। मंडी जिले के जोगिंदर नगर के मच्छयाल मोक्षधाम में कोरोना मृतक पूर्व सैनिक के दाह संस्कार का ग्रामीणों ने पहुंचकर कड़ा विरोध जताया। लोगों का कहना था कि मृतक मोक्ष धाम के अधीन आने वाली पंचायत से संबंध नहीं रखता था।

बताया जा रहा है कि जब अंतिम संस्कार चल रहा था, तभी करीब दस से पंद्रह ग्रामीण मौके पर पहुंचे और दाह संस्कार के बीच मोक्षधाम का गेट बाहर से बंद कर दिया। सूचना प्रशासन को मिली तो पंचायत प्रधान से हस्तक्षेप करने की मांग की। पंचायत प्रधान और पुलिस की टीम ने पहुंचकर ग्रामीणों को समझाया और दाह संस्कार की प्रक्रिया पूर्ण करवाई।

दरअसल, नेरचौक मेडिकल कॉलेज में पूर्व सैनिक की कोरोना संक्रमण से मौत होने के बाद परिजन शव को मच्छयाल स्थित श्मशानघाट तक एंबुलेंस में लाए। मृतक के पैतृक गांव मंढौता के ग्रामीणों ने लकड़ी की व्यवस्था की। शव के लिए जब चार कंधे भी नसीब न हुए तो भाई ने पीपीई किट पहनकर शव को अकेले चितास्थल तक पहुंचाया।

अभी करीब 70 प्रतिशत अंतिम संस्कार हुआ था कि मुख्य गेट पर दस से पंद्रह ग्रामीण आ पहुंचे और विरोध जताते हुए श्मशानघाट के मुख्य गेट को बंद कर दिया। इस पर एसडीएम को सूचना दी। उन्होंने संबंधित पंचायत प्रधान अंजना शर्मा को मामले में हस्तक्षेप करने का आह्वान किया। इसके बाद मामला शांत करवाया गया।

मच्छयाल मोक्षधाम समिति के अध्यक्ष चुनी लाल ने कहा कि मोक्ष धाम में अंतिम संस्कार को लेकर समिति को आपत्ति नहीं थी। कोविड प्रोटोकोल के तहत अंतिम संस्कार होना चाहिए। अगर अंतिम संस्कार को लेकर समिति प्रबंधन को अवगत करवाया होता तो इस प्रकार की स्थिति पैदा नहीं होती।

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