कुल्लू में पुलिस के बीच थप्पड़ और लात चलने की पूरी बैकग्राउंड

शिमला। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के दौरे के दौरान कु्ल्लू में पुलिस अधिकारियों के बीच बहस और मारपीट के मामले में सरकार ने कार्रवाई की है। कुल्लू के एसपी गौरव सिंह और सीएम के पीएसओ बलवंत सिंह का सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही ब्रजेश सूद से एएसपी सीएम सिक्यॉरिटी की ज़िम्मेदारी वापस ले ली गई है। अब पुनीत रघु एएसपी सीएम सिक्यॉरिटी होंगे जबकि गुरुदेव शर्मा अब कुल्लू के एसपी होंगे।

बुधवार को कुल्लू में पहले एएसपी सीएम सुरक्षा ब्रजेश सूद और कुल्लू के एसपी गौरव सिंह के बीच बहस हुई थी जिसके बाद गौरव सिंह ने ब्रजेश को थप्पड़ मार दिया। इस बीच कुछ अधिकारी और पुलिसकर्मी बीच-बचाव करने आए। वहीं घटना के वीडियो में सीएम सुरक्षा टीम में पीएसओ बलवंत सिंह एसपी कुल्लू को लात मारते नजर आए।

मामले के वीडियो वायरल होने के बाद हिमाचल पुलिस ने तुरंत हरकत में आते हुए गौरव सिंह, ब्रजेश सूद और बलवंत सिंह को छुट्टी पर भेजकर जांच शुरू कर दी थी। अब प्रारंभिक कार्रवाई हुई है मगर लोगों में इस बात को लेकर स्पष्टता नहीं है कि आखिर यह हालत पैदा क्यों हुई। इस संबंध में अब कुछ और वीडियो सामने आए हैं, जो इशारा करते हैं कि उस दिन सुरक्षा और अन्य बातों के लकर बड़ी लापरवाहियां हुई थीं।

1. हेलिकॉप्टर की लैंडिंग में दिक्कत

जिस समय सीएम का हेलिकॉप्टर लैंड हुआ, वीडिया दिखाता है कि उस समय भारी धूल उड़ी। कुछ ही सेकेंड में चॉपर धूल के गुब्बार के बीच दिखना बंद हो गया और मैदान के आसपास खड़े लोग धूल से बचने के लिए इधर-उधर भागते नजर आए। जानकारी मिली है कि हेलिकॉप्टर के पायलट को भी दिक्कत हुई और उसने जैसे-तैसे लैंडिंग करवाई।

इसके बाद के वीडियो में दिखता है कि जब सीएम जयराम ठाकुर हेलिकॉप्टर से उतरे, तब सीएम सुरक्षा के प्रमुख ब्रजेश सूद और एसपी गौरव के बीच बातचीत हो रही है। इसमें पानी डालने की बात की जा रही है। कुछ खबरों में दावा किया गया है कि इसी दौरान ब्रजेश ने कहा कि ‘धूल उड़ रही थी, इसे बिठाने के लिए पानी का छिड़काव करना चाहिए था।’ फिर गौरव सिंह ने कहा कि ‘पानी डाला था।’ तो ब्रजेश ने कहा कि ‘दोबारा डालना पड़ना था।’

हालांकि, हमने जब ऑडियो को सुना तो यह संवाद स्पष्ट नहीं सुनाई दिया। बताया जा रहा है कि उस दिन एसपी और एएसपी के बीच तनातनी की शुरुआत यहीं से हो गई थी।

2. फोर लेन विस्थापितों की गडकरी से मुलाकात

फोरलेन विस्थापितों का एक समूह चाहता था कि वह केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात करे। भुंतर एयरपोर्ट के बाहर वीडियो में दिखता है कि वे नितिन गडकरी को घेर कर खड़े हैं और उनसे चार गुना मुआवज़ा मांग रहे हैं। वे शिकायत कर रहे हैं कि डीसी कुल्लू उनकी बात नहीं सुनती। वे ये मांग भी कर रहे थे कि ‘2017 विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा के घोषणापत्र को लागू किया जाए।’ उनका कहना था कि वे बीजेपी समर्थक हैं, राज्य में भी बीजेपी की सरकार है मगर उनकी सुनाई नहीं हो रही।

इस दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर काफी असहज दिखे। वह भी गुस्से में लोगों से यह कहते नजर आए- आराम से बात कीजिए। जिस दौरान यह सब हो रहा था, उस दौरान भीड़ जमा थी और सीएम की सुरक्षा टीम के अलावा अन्य वर्दीधारी पुलिसकर्मी भी कम ही नजर आ रहे थे। फिर गडकरी ने लोगों को आश्वासन दिया और वाहन पर सवार होकर निकल गए। इस अव्यवस्था को लेकर भी सीएम सुरक्षा की टीम में नाराजगी बनी हुई थी। हालांकि, गडकरी ने लोगों को देखकर खुद गाड़ी रोकी थी और इसी वजह से अव्यवस्था बनी।

3. मुख्यमंत्री की गाड़ी और सुरक्षाकर्मी की गाड़ियों में गैप

इस बीच अव्यवस्था का आरोप यह भी लग रहा है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के काफिले में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की गाड़ी काफी पीछे रह गई। यही नहीं, सीएम की गाड़ी दसवें नंबर पर थी जबकि उनके सिक्यॉरिटी स्टाफ की गाड़ी 15वें नंबर पर लगी। इस बात पर भी सीएम सिक्यॉरिटी चीफ की ओर से आपत्ति जताई गई कि इससे तो सुरक्षा में चूक हो जाएगी। वायरल वीडियो में दिखता है कि सीएम की गाड़ी के सामने ही ब्रजेश सूद और गौरव सिंह बात कर रहे हैं। इस दौरान ब्रजेश सूद को तेज आवाज में कुछ कहते सुना और देखा जा सकता है। गाड़ियों में गैप पर आपत्ति जताते हुए कथित तौर पर ब्रजेश सूद ने कहा, ‘ये क्या कर रहे हैं आप?’ इसके तुरंत बाद गौरव सिंह ने उन्हें थप्पड़ मार दिया।

इसके बाद ब्रजेश सूद ने तो कुछ नहीं किया मगर आसपास मौजूद सुरक्षाकर्मी और पुलिस अधिकारी बीच-बचाव करने आ गए। उधर सीएम के पीएसओ बलवंत ने गौरव सिंह को लात मारना शुरू कर दिया।

शर्मनाक घटना

इस घटना के बाद कई पूर्व पुलिस अधिकारियों ने फेसबुक पर इस घटना की आलोचना की है। कइयों का कहना है कि सीएम की सुरक्षा के लिए सीएम की सिक्यॉरिटी जिम्मेदार होती है जबकि जिले के अंदर पूरी सुरक्षा की जिम्मेदारी एसपी की होती है। जहां तक हेलिपैड पर धूल बिठाने के लिए पानी का छिड़काव करने की बात है, यह जिम्मेदारी नागरिक प्रशासन की होती है। मगर इसका मतलब यह नहीं कि अगर नागरिक प्रशासन चूक करे तो पुलिस विभाग सुरक्षा को खतरे का आकलन ही नहीं करेगा।

वास्तव में क्या हुआ था, जांच पूरी होने के बाद सामने आएगा। मगर इस मामले में पूरी तरह से आपसी तालमेल की कमी दिखती है। ऐसा नहीं है कि अधिकारियों या अलग-अलग टीमों में इस तरह के मतभेद नहीं होते। कई बार नौबत कहासुनी तक भी हो जाती है मगर हिंसक हो जाने की यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। ब्रजेश सूद और गौरव सिंह, दोनों को ही निष्ठावान अधिकारी माना जाता है। मगर इस घटना में साफतौर पर नियम और अनुशासन टूटा है। पुलिस अधिकारियों का संयम खोकर एक-दूसरे से चिल्लाकर बात करना, एक-दूसरे को थप्पड और लात मारना बेहद शर्मनाक है।

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