सराजियों ने पूरा जिम्मा अपने कंधों पर लिया है: पीएम मोदी

शिमला, विनोद भार्गव, फ़ॉर इन हिमाचल।। हिमाचल प्रदेश में सभी वयस्कों को कोविड वैक्सीन की पहली डोज़ लगाने का लक्ष्य हासिल करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य के कोरोना योद्धाओं और प्रदेश सरकार की पीठ थपथपाई है। वर्चुअल माध्यम से ‘वैक्सीन संवाद’ कार्यक्रम में शामिल हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस दौरान राज्य सरकार के प्रयासों को सराहा और साथ ही अभियान को सफल बनाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कुछ कोरोना वॉरियर्स और लाभार्थियों से भी संवाद किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सबसे पहले शिमला के सुदूर इलाके डोडरा क्वार अस्पताल में तैनात डॉक्टर राहुल ने बात की। उन्होंने बताया कि किस तरह के मुश्किल रास्तों को तय करके स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने सुदूर गांवों के लोगों को वैक्सीन लगाई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डॉक्टर राहुल को इस बात के लिए बधाई दी कि कैसे उनकी टीम और पूरे हिमाचल प्रदेश ने इतनी चुनौतियों के बावजूद वैक्सीन का एक भी डोज़ को बर्बाद नहीं होने दिया।

सराजियों ने पूरा जिम्मा अपने कंधों पर लिया है

इसके बाद मंडी के थुनाग के दयाल सिंह से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब वह हिमाचल प्रदेश में थे तब उनका मंडी बहुत आना-जाना लगा रहता था। उन्होंने कहा, “आप मुख्यमंत्री के क्षेत्र से हैं। लगता है सराजियों ने पूरा जिम्मा अपने कंधों पर ले रखा है।” इसके बाद प्रधानमंत्री ने मंडयाली धाम का जिक्र करते हुए कहा, “मैं मंडयाली धाम मिस करता हूं, मुझे भरोसा है कि मंडयाली धाम का स्वाद आज भी वैसा ही होगा।”

मलाणा की आशा वर्कर निरमा देवी ने प्रधानमंत्री को बताया कि यह जमदग्नि ऋषि की धरती है और यहां पर टीकाकरण अभियान को शुरू करने पहले उनकी इजाज़त ली गई थी। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि मलाणा ही नहीं, कुल्लू सहित हिमाचल के हर कोने में देवी-देवताओं में बहुत विश्वास है। उन्होंने कहा, “कुल्लू देवों की धरती है और मलाणा देवगण लोकतंत्र है। मैं आपको कुल्लू जिला प्रशासन को और मेडिकल से जुड़े सभी लोगों को बधाई देता हूं। जो मॉडल आपने अपना है वो बहुत बड़ी प्रेरणा है। दूसरी डोज के लिए भी इसी जनून से आगे बढ़ना है और हिमाचल का आगे रखना है।”

बुजुर्ग महिला से लिया आशीर्वाद

स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा प्रधानमंत्री ने वैक्सीन लगवाने वाले लोगों से भी बात की। इन्हीं में से एक हमीरपुर की 84 साल की निर्मला देवी ने अपना अनुभव प्रधानमंत्री से साझा किया और बताया कि उन्हें वैक्सीन लगवाने से कोई समस्या नहीं हुई, बल्कि संयोग से उनकी एक पुरानी समस्या भी ठीक हो गई। निर्मला देवी ने बताया कि पहली डोज़ उन्हें अस्पताल में लगी और दूसरी डोज़ स्वास्थ्यकर्मियों ने घर पर आकर ही लगाई।

प्रधानमंत्री ने निर्मला देवी से कहा, “हमीरपुर से मुझे बुजुर्ग आशीर्वाद लेने का मौका मिल रहा है। मैं आपके बेहतर स्वास्थ्य की कामना करता हूं।” प्रधानमंत्री निर्मला देवी का आशीर्वाद मांगा तो उन्होंने कहा, “आप जो भी कर रहे हैं वो अच्छा है, और आगे भी जो करेंगे वह भी अच्छा ही करेंगे। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री दोनों अच्छा काम कर रहे हैं।”

कर्मयोगी हैं करमो जैसी बहनें

अकेले 22 हजार टीके लगाने वालीं ऊना की महिला स्वास्थ्यकर्मी करमो देवी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई देते हुए कहा, “आपने फ्रैक्चर के बावजूद आठ दिनों में ड्यूटी ज्वाइन कर ली, जबकि रेस्ट लंबा कहा गया था। आप जैसी बहनें सही मायने में कर्मयोगी हैं, इसीलिए आपका नाम आपके माता-पिता ने करमो देवी रखा।”

लाहौल-स्पीति के नवांग उपासक से भी प्रधानमंत्री ने संवाद किया। प्रधानमंत्री ने उनसे पूछा, “शाहासुर गोंपा आस्था का केंद्र है. आध्यात्मिक गुरुओं की ओर से संदेश जाता है तो उसका बहुत महत्व होता है। आपने अपनी भूमिका कैसे निभाई?”

नवांग उपासक ने बताया, “कोरोना के कारण गोंपा बंद हो गए थे। वैक्सीन आने पर लोग आशंकित थे कि इससे कोई दिक्कत न हो जाए। तब हमने कहा कि पूजा-पाठ से कोरोना नहीं जाएगा। इसलिए गांवों के गोंपा से फरमान जारी करवाए कि वैक्सीन लगवाना जरूरी है। बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने भी वैक्सीन लगाई। उनके वीडियो का भी हमने प्रसार किया।”

नवांग से प्रधानमंत्री ने यह भी पूछा कि अटल टनल बन जाने के बाद वहां के लोगों के जीवन में क्या बदलाव आए हैं। उपासक ने कहा कि अब लाहौल-स्पीति से कुल्लू आना बहुत आसान हो गया है। उन्होंने कहा, “अब यहां पर्यटन को प्रोत्साहन मिला है और फसलों को बाहर ले जाने में सुविधा हुई है।”

उनसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “आप जैसे साथियों के प्रयास के कारण ही लाहौल-स्पीति भी सबसे तेजी से टीकाकरण करने वाला जिला बना है। इसके लिए आपको बहुत बधाई।”

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