आरएस बाली का मंत्री बनना तय; महकमे कौन से मिलेंगे, अब इसपर टिकी हैं निगाहें

मृत्युंजय पुरी, धर्मशाला।। इन विधानसभा चुनावों में चुनाव से पहले भाजपा के मुकाबले में पिछड़ती नजर आ रही कांग्रेस को मुकाबले में लाकर जिताने में अहम योगदान देने वाले आरएस बाली न सिर्फ कांगड़ा जिले के प्रमुख नेता बनकर उभरे हैं बल्कि उनके रूप में प्रदेश के युवाओं को भी एक आवाज मिली है। आरएस बाली कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव होने के साथ दिवंगत फायर ब्रांड नेता जीएस बाली के बेटे हैं।

खास बात यह है कि चुनावों के दौरान आरएस बाली अपने हलके नगरोटा बगवां में भी ज्यादा समय नहीं ने पाए थे, क्योंकि पूरे हिमाचल प्रदेश में बेरोजगार संघर्ष यात्रा के जरिए कांग्रेस को मजबूत करना था। यह आरएस बाली ही हैं, जिन्होंने पोलिटिकल इवेंट की माहिर भाजपा को उसी के अंदाज में जवाब देते हुए नगरोटा बगवां में अब तक की सबसे बड़ी रैली की थी। उस रैली में प्रियंका गांधी के साथ टॉप लीडर जुटे हुए थे।

इससे पहले जीएस बाली की जयंती पर भी आरएस बाली ने पूरे देश के टॉप कांग्रेस नेताओं को नगरोटा में लाकर भाजपा के होश उड़ा दिए थे। यही कारण है कि सीएम पद के लिए पिछड़ चुके कांगड़ा जिला की भावनाएं चरम पर हैं। आर एस बाली का मंत्री बनना तो यह है मगर 17 लाख की आबादी वाले कांगड़ा जिले के लोगों को उम्मीद है कि आरएस बाली को अपने पिता की तरह मजबूत विभाग दिए जाएं।

सियासी जानकारों का मानना है कि कांग्रेस पूरे जिला में भाजपा के मुकाबले उन्नीस साबित हो रही थी। जिला के सभी नेता अपनी सीट बचाने में लगे थे, उस समय आरएस बाली सिर्फ कांग्रेस की बात कर रहे थे। कांग्रेस ने कांगड़ा से दस सीटें जीती हैं, इसमें आरएस बाली का भी बड़ा योगदान माना जा रहा है जिन्होंने युवाओं को आंदोलित किया।

नगरोटा विधानसभा सीट पर बीते चुनाव में हारने वाली कांग्रेस को दोबारा जीत नसीब हुई है। रघुबीर सिंह बाली ने मौजूदा विधायक अरुण कुमार कूका को हराया है। कूका को जहां 25595 वोट मिले हैं। वहीं, कांग्रेस के रघुबीर सिंह बाली को 41465 वोट मिले हैं। तीसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी रही और उनके प्रत्याशी उमाकांत को 1313 वोट मिले हैं। गौर रहे कि इससे पहले इस सीट पर जहां 1998 से 2012 तक कांग्रेस के जीएस बाली लगातार चार चुनाव जीतते आए हैं। यही कारण है कि जनता की भावनाएं आरएस बाली को लेकर चरम पर हैं।

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