शिमला।। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शिमला दौरे से ठीक पहले हिमाचल में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। बवाल हुआ है कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह के उस बयान पर जिसमें उन्होंने कहा कि एक मुख्यमंत्री का लोगों के घर जाना पद की गरिमा को गिराता है। इस मामले में पर आज एक बार फिर पत्रकारों सवाल किया तो उन्होंने पिछली बात दोहराते हुए और भी कई बातें कह दीं। इन दोनों बयान को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी और मंडी की सांसद प्रतिभा सिंह को न सिर्फ आम लोगों का विरोध झेलना पड़ रहा है बल्कि कांग्रेस के अंदर भी उनके विरोध में स्वर उठने लगे हैं।
क्या है मामला
केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के आठ साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 31 मई को शिमला आ रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी इस कार्यक्रम को सफल बनाने में जुटी हुई है। इसी सिलसिले में पार्टी की ओर से तय जिम्मेदारी के तहत मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर समेत पार्टी के पदाधिकारी रविवार को शिमला में घर-घर जाकर प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का न्योता दे रहे थे। मुख्यमंत्री जब शिमला के जाखू वॉर्ड में लोगों को न्योता दे रहे थे तो वहां रहने वालीं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने उन्हें व अन्य भाजपा पदाधिकारियों को घर में आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री ने एक सांसद होने के नाते प्रतिभा सिंह को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का न्योता दिया और आगे बढ़ गए। इसके तुरंत बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्होंने पहली बार किसी सीएम को इस तरह डोर-टु-डोर घूमते देखा है और ऐसा करना मुख्यमंत्री के पद की गरिमा को गिराता है, इस काम के लिए कार्यकर्ताओं को भेजना चाहिए था।
इस बयान को सोशल मीडिया पर लोगों की नाराजगी का सामना करना पड़ा। लोगों ने कहा कि भूतपूर्व राज परिवार से होने के कारण शायद प्रतिभा सिंह को आम लोगों के घर जाना ठीक नहीं लगता हो, लेकिन एक मुख्यमंत्री का लोगों के घर जाना किसी भी तरह से सीएम पद की गरिमा को नहीं गिराता।
प्रतिभा ने दोहराई ‘गरिमा’ वाली बात
पूरे मसले पर हिमाचल के बीजेपी प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह बयान रजवाड़ाशाही मानसिकता तो दर्शाता है। इस पर आज फिर से पत्रकारों ने प्रतिभा सिंह से सवाल किया तो उन्होंने पुराने बयान को दोहराते हुए कहा कि वोट मांगने के लिए ऐसा किया जाए तो समझ में आता है लेकिन प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का न्योता देने के लिए सीएम को गली-कूचे में घसीटना ठीक नहीं है। ये काम कार्यकर्ताओं से भी करवाया जा सकता था। मुख्यमंत्री पद की एक गरिमा होती है। प्रतिभा सिंह ने तो यहां तक कह दिया कि उन्होंने अपने पति दिवंगत वीरभद्र सिंह को भी कभी सीएम रहते हुए किसी के घर जाते नहीं देखा। प्रतिभा सिंह ने कहा, ‘मुझे किसी ने बताया कि सीएम (जयराम) यहां हलवाई की दुकान में घूम रहे हैं। मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा था। फिर मैंने जाकर देखा तो सीएम ही थे। सीएम को गली-कूचे में घुमाया जा रहा है ’।
मुख्यमंत्री ने कहा- मैं साधारण कार्यकर्ता
जब प्रतिभा सिंह की इस टिप्पणी को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी का सामान्य कार्यकर्ता होने के नाते उन्होंने अपना फर्ज निभाया है और किसी आम व्यक्ति के घर जाने से किसी पद की गरिमा नहीं घटती। उन्होंने कहा, “उनका परिवेश भले अलग रहा हो, उनकी सोच अपनी है लेकिन मैं साधारण परिवार से हूं और साधारण परिवारों से मेरा रिश्ता जिंदगी भर रहेगा। इस रिश्ते को मजबूत करने के लिए जो भी करना होगा, वह हम करेंगे।”
भारी आलोचना
इस टिप्पणी के बाद कांग्रेस पूरी तरह से बैकफुट पर आ गई है। प्रतिभा सिंह की टिप्पणियों का विरोध न सिर्फ आम जनता, बल्कि कांग्रेस के कार्यकर्ता भी कर रहे हैं। कांग्रेस के कार्यकर्ता भी सोशल मीडिया पर इस तरह की टिप्पणियां करते दिख रहे हैं कि हमारे नेता किसी आम कार्यकर्ता और आम आदमी से संपर्क रखना अपनी शान के खिलाफ समझते हैं और शायद इसीलिए पार्टी की आज यह दशा हुई है।
वीरभद्र सिंह के निधन के बाद खेमेबाजी में उलझी कांग्रेस को एकजुट रखने के लिए पार्टी ने हाल ही में प्रतिभा सिंह को प्रदेशाध्यक्ष बनाया था। मगर उनकी विवादित टिप्पणियों के बाद उनके विरोधी खेमे सक्रिय हो गए हैं। प्रतिभा सिंह पिछले वर्ष हुए लोकसभा उपचुनाव के दौरान भी सेना को लेकर की गई टिप्पणी के चलते विवादों में रही थीं।