बाहरी बताकर रोक दिया कोरोना से जान गंवाने वाली महिला का अंतिम संस्कार

कांगड़ा।। संकट की इस घड़ी में कुछ लोगों का व्यवहार इंसानियत को भी शर्मसार कर दे रहा है। बुधवार को मां चामुण्डा की नगरी में एक सैनिक परिवार को उनके परिवार की 70 वर्षीय महिला के शव का अंतिम संस्कार करने से इसलिए लोगों ने रोक दिया क्योंकि मृतक उस इलाके की नहीं थी और कोरोना पोजिटिव थी।

दरअसल, सुलह विधानसभा क्षेत्र की नौरा पंचायत की एक 74 वर्षीय महिला कोरोना पॉजिटिव होने के कारण एम.एच. योल में उपचाराधीन थी। तबीयत खराब होने पर महिला को एम.एच. पठानकोट के लिए रैफर किया गया था, लेकिन वहां पर महिला की मौत हो गई।

महिला के शव को एम.एच. योल की एम्बुलैंस से रात को ही योल पहुंचा दिया गया। सुबह महिला के परिजनों ने आपस में सलाह की और तय किया कि उनके अपने गांव में अंतिम संस्कार करने की बजाय चामुण्डा धाम में ही अंतिम विधि कर दी जाए।

शव को लेकर जैसे ही ये लोग चामुण्डा पहुंचे और इसके लिए जरूरी सामान व लकड़ी आदि का बंदोबस्त करने लगे तो कोरोना प्रोटोकोल में होते संस्कार को देख लोगों में खुसर पुसर शुरू हो गई। बात फैल गई और आसपास के कई लोग वहां पहुंच गए और शव का संस्कार यहां न करने को कहा।

महिला के परिजनों ने शक्तिपीठ का हवाला देते हुए यहां पर ही दाह संस्कार करने की बात रखी जिस पर कुछ लोग झगड़े पर उतारू हो गये। मारपीट होने वाला माहौल बनता देख महिला के परिजनों ने अपने गांव में संपर्क किया और सारी बात बताकर गांववासियों को अपने पैतृक श्मशान में ही संस्कार की तैयारी करने को कहा और शव को पुनः वाहन में रखकर अपने गांव की ओर निकल गए और अपने गांव में न्यूगल खड्ड के किनारे महिला का अंतिम संस्कार किया।

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