कोरोना लड़ाई में चैंपियन बनकर सामने आया हिमाचल: पीएम मोदी

शिमला, विनोद भार्गव, फ़ॉर इन हिमाचल।। कोरोना योद्धाओं और वैक्सीन के लाभार्थियों से संवाद के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश की जनता को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा, “हिमाचल प्रदेश ने आज एक प्रधान सेवक के नाते ही नहीं बल्कि परिवार के सदस्य होने के नाते मुझे गर्व का अवसर दिया है।”

हिमाचल प्रदेश की मुश्किल भौगौलिक स्थिति का वर्णन और वैक्सीनेशन अभियान को सफल बनाने में राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “ मैंने छोटी-छोटी सुविधाओं के लिए जूझते हिमाचल को भी देखा है और आज विकास की गाथा लिखने वाले हिमाचल को भी देख रहा हूं। ये सरकार के प्रयास और जन-जन की जागरूकता से संभव हो पाया है। मैं पूरी टीम का आभार व्यक्त करता हूं। हिमाचल ने एक टीम के रूप में काम किया। मेरी ओर से आप सभी को बधाई।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि, “100 साल की सबसे बड़ी महामारी के विरुद्ध हिमाचल प्रदेश चैंपियन बनकर सामने आया है। उन्होंने कहा, “देश भर में हिमाचल पहला राज्या बना जिसने पात्र लोगों को पहली डोज़ लगा दी, जबकि दूसरी डोज़ के मामले में भी हिमाचल एक तिहाई आबादी को कवर कर चुका है। हिमाचल के इस कदम ने अहसास दिलाया है कि आत्मर्निर्भर होना कितना जरूरी है।”

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत इस समय एक दिन में सवा करोड़ टीके लगाने का रिकॉर्ड बना रहा है। हिमाचल ने खुद की क्षमता पर, अपने स्वास्थ्य कर्मियों और वैज्ञानिकों पर विश्वास किया। यह उपलब्धि इन सभी के बुलंद हौसले का ही परिणाम है। यह डॉक्टर, पैरामैडिकल स्टाफ और हिमाचल की महिलाओं की सफलता है। हिमाचल में हर वो बाधा थी जो कोरोना टीकाकरण को प्रभावित कर सकती थी। यहां लॉजिस्टिक, कोल्ड चेन सहित तमाम अन्य चनौतियां थी, लेकिन हिमाचल ने एक टीम के रूप में कार्य किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में मलाणा गांव की आशा वर्कर निरमा देवी से हुए संवाद का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि मलाणा ने लोकतंत्र को दिशा देने में हमेशा अहम भूमिका निभाई है। जनभागीदारी और जन संवाद, पांगी भरमौर, बड़ा भंगाल में भी यह नीति काम आई। लाहौल-स्पीति के इलाके अटल टनल बनने से पहले महीनों महीनों कटे रहते थे।

उन्होंने कहा, “हिमाचलवासियों ने किसी भी अफवाह को टिकने नहीं दिया। हिमाचल इस बात का गवाह है कि ग्रामीण समाज दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण को सशक्त कर रहा है। इसका लाभ हिमाचल के टूरिज्म को भी होगा, लेकिन ध्यान रहे कि हमें टीके के बावजूद मास्क का इस्तेमाल नहीं छोड़ना है। जिस तरह हम हिमाचल में स्नो फॉल के बाद संभलकर चलते हैं, टीका लगवाने के बाद भी उसी तरह से संभलकर चलना होगा।”

तकनीक से हिमाचल को होगा लाभ

प्रधानमंत्री ने हिमाचल प्रदेश में केनेक्टिविटी बढ़ाने और विकास कार्यों में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने कहा कि ड्रोन हिमाचल के दुर्गम इलाकों के लिए वरदान साबित हो सकता है, इसलिए ड्रोन टेक्नोलॉजी से जुड़े निमयों में बदलाव किया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “ड्रोन हिमाचल में हेल्थ से लेकर कृषि और बागवानी तक में काम आ आएगा। इसका काम जमीन के सर्वे में तो किया ही जा रहा है, इसके अलावा दुर्गम इलाकों में जीवनरक्षक दवाएं और महत्वपूर्ण सामान आसानी से भेजने में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।”

हिमाचल को ऑरगैनिक बनाने का दिया संकल्प

प्रधानमंत्री ने कहा कि गांव और समाज को जोड़ने से कई सार्थक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने जल जीवन मिशन का उदाहरण देते हुए कहा कि यही तरीका वन संपदा को लेकर भी अपनाया जा सकता है। उन्होंने कहा, “जड़ी-बूटी को लेकर हिमाचल के जंगलों में काफी संभावना है। गांवों और स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी को बढ़ाए जाने की जरूरत है। हमारी बहनें वन संपदा से होने वाले लाभ को वैज्ञानिक रूप से कई गुना बढ़ा सकती हैं।”

प्रधानमंत्री ने ‘आजादी के अमृत वर्ष’ में हिमाचल के किसानों और बागबानों से आग्रह किया कि वे आने वाले 25 सालों में हिमाचल को पूरी तरह ऑरगैनिक बनाएं। हमारी मिट्टी और बेटे-बेटियों का स्वास्थ्य अच्छा रहना चाहिए। मुझे हिमाचल के लोगों पर विश्वास है कि हिमाचल के जवान जिस तरह से सीमा की सुरक्षा में अग्रणी रहते हैं, वैसे ही हिमाचल के लोग मिट्टी की सुरक्षा में अग्रणी हों।”

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